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पहलगाम हमले के बाद एक्शन में भारतीय सेना, घुसपैठ की कोशिश कर रहे दो आतंकी ढेर

#jammu_two_terrorists_killed_in_operation

जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हमले के बाद भी आतंकी शांत नहीं बैठे है। पहलगाम में 26 पर्यटकों को निशाना बनाने के बाद सुरक्षाबलों पूरे एक्शन में हैं। दो आतंकियों को सेना के जवानों ने बुधवार को मार गिराया। बारामूला में दो आतंकी मार गिराए गए हैं। ये दहशतगर्द घुसपैठ की कोशिश कर रहे थे, जिसे सेना ने नाकाम किया है। वहीं, सेना ने भी सर्च ऑपरेशन को तेज कर दिया है।

भारतीय सेना के अनुसार, 23 अप्रैल को दो से तीन आतंकवादियों ने बारामूला में सरजीवन सामान्य क्षेत्र के माध्यम से घुसपैठ करने की कोशिश की, नियंत्रण रेखा पर सतर्क टीपीएस ने उन्हें चुनौती दी और रोका, जिसके बाद सेना ने गोलीबारी की।

आतंकवादियों ने भी जवाब दिया। सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच भारी गोलीबारी हुई, जिसके बाद दो आतंकवादी मारे गए। मारे गए आतंकवादियों के पास से हथियारों, गोला-बारूद और युद्ध से संबंधित अन्य सामानों का एक बड़ा जखीरा बरामद किया गया है। ऑपरेशन अभी भी जारी है।

इससे पहले जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई। दावा किया जा रहा है कि इस हमले में करीब 6 आतंकवादी शामिल थे। इन सभी आतंकवादियों के पास एक-47 जैसी कई अत्याधुनिक राइफलें भी थीं। इन आतंकवादियों ने हमले से पहले घटनास्थल की रेकी भी की थी। आतंकी हमले के बाद पहलगाम के जंगलों में सर्च ऑपरेशन शुरू हो गया है। राष्ट्रीय रायफल्स, सीआरपीएफ और जम्मू कश्मीर पुलिस यहां पर जंगलों में सर्च ऑपरेशन कर रही है।

पहलगाम हमले में 26 लोगों की मौत, पुलवामा अटैक के बाद सबसे बड़ा टेरर अटैक

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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए आतंकी हमले में 26 मौत हो गई। मृतकों में ज्यादातर पर्यटक थे। जबकि दो विदेशी व दो स्थानीय नागरिक शामिल हैं। पहलगाम में हुए हमले ने यह 2019 में पुलवामा हमले की याद ताजा कर दी है। पुलवामा में हुए हमले के बाद घाटी में ये सबसे बड़ा हमला है। सेना की वर्दी में आए दहशतगर्दों ने पहलगाम की बैसरन घाटी में पर्यटकों से पहले उनका धर्म पूछा, परिचय पत्र देखे और फिर हिंदू हो कहकर गोली मार दी।

पीएम की अध्यक्षता में कैबिनेट कमेटी की बैठक

हमले के विरोध में आज जम्मू बंद है। आज दिल्ली में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी की बैठक होने जा रही है। इसकी अध्यक्षता पीएम मोदी करेंगे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज 9:30 के करीब पुलिस कंट्रोल रूम जाएंगे जहां मृतकों के पार्थिव शरीर रखे गए हैं। वह मृतकों कों श्रद्धांजलि देंगे और घायलों से मुलाकात करेंगे। साथ ही वह पहलगाम में वारदात की जगह भी जाएंगे। इसके बाद वह दिल्ली वापस आएंगे। बता दें की गृह मंत्री अमित शाह मंगलवार की रात हमले के बाद पीएम मोदी के निर्देश पर श्रीनगर पहुंचे थे।

पुलवामा के बाद सबसे बड़ा अटैक

पहलगाम में हुई ये कायराना हरकत 14 फरवरी 2019 को हुए पुलवामा टेरर अटैक के बाद सबसे बड़ा आतंकी हमला है। पुलवामा अटैक में 40 जवानों की मौत हुई है। जबकि बैसरन में हुई गोलीबारी में 26 लोगों की मौत हुई है। मृतकों में दो विदेशी नागरिक हैं, जिनमें एक यूएई और दूसरा नेपाल से है। इनमें 22 की पहचान हो चुकी है। पहलगाम में सन 2000 में अमरनाथ आधार शिविर आतंकी हमला हुआ था, जिसमें 30 से ज्यादा व्यक्तियों की मौत हुई थी। वहीं 2001 में शेषनाग में अमरनाथ तीर्थयात्रियों पर हमले में 13 लोग मारे गए थे। पहलगाम में 2002 में टेरर अटैक में भी 11 लोग मारे गए थे। वहीं मार्च 2000 में तब के अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन दिल्ली दौरे के दौरान आतंकवादियों ने दक्षिण कश्मीर के छत्तीसिंहपुरा में 35 सिखों की हत्या की थी।

आतंकियों ने भंग की पहलगाम की शांति

पहलगाम शहर से लगभग छह किलोमीटर दूर बैसरन चीड़ के पेड़ों के घने जंगलों और पर्वतों से घिरा एक विशाल घास का मैदान है तथा देश व दुनिया के पर्यटकों के बीच पसंदीदा स्थान है। अधिकारियों और प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि हथियारबंद आतंकवादी ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ के नाम से मशहूर इस पर्यटन स्थल पर पहुंचे और रेस्टोरेंट के आसपास घूम रहे, खच्चर की सवारी कर रहे, पिकनिक मना रहे पर्यटकों पर गोलीबारी शुरू कर दी। पाकिस्तान में स्थित प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के छद्म संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (टीआरएफ) ने हमले की जिम्मेदारी ली है।

पहलगाम अटैक के बाद पीएम मोदी ने अमित शाह से की बात, प्रधानमंत्री के निर्देश पर गृह मंत्री श्रीनगर रवाना


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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से फोन पर बात की है। पीएम फिलहाल सऊदी अरब दौरे पर हैं, लेकिन वो वहां से पूरे मामले पर नजर बनाए हुए हैं। प्रधानमंत्री ने गृहमंत्री अमित शाह से बात करके घटनास्थल जाने को कहा। उन्होंने गृहमंत्री से कड़ी कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए। इसके बाद अमित शाह श्रीनगर के लिए रवाना हो गए हैं।

आतंकियों के बख्शा नहीं जाएगा-पीएम मोदी

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर पीएम मोदी का बयान सामने आया है। पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, मैं जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा करता हूं। जिन लोगों ने अपने प्रियजनों को खो दिया है, उनके प्रति मेरी संवेदनाएं। मैं घायलों के जल्द ठीक होने की प्रार्थना करता हूं। प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है। इस जघन्य कृत्य के पीछे जो लोग हैं, उन्हें न्याय के कटघरे में लाया जाएगा...उन्हें बख्शा नहीं जाएगा! उनका नापाक एजेंडा कभी सफल नहीं होगा। आतंकवाद से लड़ने का हमारा संकल्प अडिग है और यह और भी मजबूत होगा।

शाह श्रीनगर रवाना

इसस पहले प्रधानमंत्री ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से फोन पर बातचीत की और उनसे सभी उचित कदम उठाने को कहा है। पीएम मोदी से बातचीत के बाद शाह ने अपने आवास पर अधिकारियों की अहम बैठक बुलाई। इस बैठक में आईबी चीफ, गृह सचिव मौजूद हैं जबकि सीआरपीएफ डीजी, जम्मू कश्मीर डीजी, सेना के अधिकारी भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े। हमले के बाद गृह मंत्री ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और केंद्र शासित प्रदेश के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से बात भी की। वहीं, पीएम मोदी के निर्देश के बाद अमित शाह श्रीनगर के लिए रवाना हो गए हैं। 

अपराधियों पर कठोरतम कार्रवाई करेंगे-शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हमले के बाद सोशल मीडिया एक्स पर उन्होंने लिखा- जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले से दुखी हूं। मेरी संवेदनाएं मृतकों के परिजनों के साथ हैं। इस जघन्य आतंकी हमले में शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा और हम अपराधियों पर कठोरतम कार्रवाई करेंगे। प्रधानमंत्री को घटना के बारे में जानकारी दी और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक की। सभी एजेंसियों के साथ तत्काल सुरक्षा समीक्षा बैठक करने के लिए जल्द ही श्रीनगर के लिए रवाना होऊंगा।

राजनाथ सिंह ने की हमले की निंदा

इसके साथ ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हमले की निंदा करते हुए कहा, पहलगाम (जम्मू और कश्मीर) में आतंकवादी हमले की खबर से बहुत दुख हुआ। निर्दोष नागरिकों पर यह नृशंस हमला कायरतापूर्ण और अत्यधिक निंदनीय कृत्य है। मेरी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं निर्दोष पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ हैं।

टीआरएफ ने ली पहलगाम हमले की जिम्मेदारी, जानें कितना खतरनाक है यह आतंकी संगठन


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जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर आतंकियों ने दहशत फैलाने की कोशिश की है। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को आतंकी हमले ने शांति भंग की। यहां आतंकियों ने पर्यटकों पर हमला किया है। जिसमें 10 से ज्यादा लोग घायल हैं। वहीं, एक की मौत हो गई है। हमले के दौरान आतंकियों ने पर्यटकों से उनका नाम और धर्म पूछकर गोलीबारी की, जिसने इस घटना को लेकर चिंता और बढ़ा दी है। इधर, अटैक के बाद फरार आतंकियों की तलाश में सेना अभियान चला रही है। इस बीच खबर है कि इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट यानी कि टीआरफ ने ली है।

आतंकवादी संगठन टीआरएफ ने हमले की जिम्मेदारी लेते हुए सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया है। जिसमें कहा है कि गैर-स्थानीय लोगों को 85000 से ज्यादा निवास-पत्र जारी किए गए हैं, जिससे यहां जनसांख्यिकीय परिवर्तन का मार्ग प्रशस्त हुआ है। ये गैर-स्थानीय लोग पर्यटक बनकर आते हैं, निवास-पत्र प्राप्त करते हैं और फिर ऐसा व्यवहार करने लगते हैं मानो जमीन के मालिक वे ही हैं। नतीजतन, अवैध रूप से बसने की कोशिश करने वालों के खिलाफ हिंसा की जाएगी।

पुलवामा हमले के बाद घाटी सक्रियता हुआ संगठन

बताया जाता है कि टीआरएफ 14 फरवरी 2019 को पुलवामा हमले के बाद घाटी में सक्रिय हुआ है। इस आतंकी संगठन को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई समर्थन देती है। 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से धारा-370 हटाई गई थी, जिसके बाद यह संगठन पूरे कश्मीर में सक्रिय हो गया। टीआरएफ पाकिस्तान में बना है, कश्मीर में दहशत फैलाना इसका मकसद है।

टीआरएफ के निशाने पर गैर-कश्मीरी

टीआरफ का नाम तब चर्चा में आया जब उसने साल 2020 में बीजेपी कार्यकर्ता फिदा हुसैन, उमर राशिद बेग और उमर हाजम की कुलगाम में बेरहमी से हत्या कर दी थी। टीआरएफ कश्मीर में फिर से वही दौर लाना चाहता है, जो कभी 90 के दशक में था। टीआएफ के आतंकी टारगेट किलिंग पर फोकस करते हैं। वो ज्यादातर गैर-कश्मीरियों को निशाना बनाते हैं ताकि बाहरी राज्यों के लोग जम्मू-कश्मीर आने से बचें।

नया डोमिसाइल कानून से बौखलाए आतंकी

बता दें कि 2019 में अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर को पूर्ण केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया। इसके बाद नए कानून के तहत उन लोगों को स्थायी निवास का दर्जा मिल सकता है जो लोग 15 साल या उससे अधिक समय से जम्मू-कश्मीर में रह रहे हैं या फिर जिनके माता-पिता या अभिभावक सरकारी सेवा में 10 साल जम्मू-कश्मीर में रहे हैं। इस कानून के तहत, कुछ और श्रेणियों के लोग भी डोमिसाइल के लिए पात्र हैं। इस फैसले की वजह से आतंकी बौखला गए हैं।

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला, आतंकियों ने पर्यटकों को बनाया निशाना, कई जख्मी


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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला हुआ है। यहां आतंकियों ने पर्यटकों को निशाना बनाया है।आतंकी हमले में कई पर्यटक घायल हो गए हैं। पुलिस ने बताया कि यह हमला बायसरन घास के मैदानों के पास हुआ। इस हमले में 4 से 5 पर्यटक घायल हुए हैं। सुरक्षा बल इलाके में सर्च ऑपरेशन कर रहे हैं। खास बात ये है कि जम्मू-कश्मीर में कुछ इलाके हैं जहां आतंकवाद नजर नहीं आता है, उनमें पहलगाम भी है। पहलगाम पर्यटकों के बीच लोकप्रिय है। अब वहां घूमने आए सैलानियों पर गोलियां बरसायी गई है। 

घटना की सूचना मिलने के बाद सुरक्षाबलों की टीम मौके पर पहुंच गई है। अब तक मिली जानकारी के मुताबिक, पहलगाम में आतंकवादियों ने करीब 3 से 5 मिनट तक गोलीबारी की। इसके बाद वह वहां से भाग गए। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि फायरिंग की आवाजें सुनते ही सुरक्षाबलों को बायसरन क्षेत्र में भेजा गया, जो एक नॉन-मोटरेबल इलाका है। 

पहलगाम में आतंकियों की ओर से फायरिंग के बाद इलाके में सर्च ऑपरेशन को शुरू कर दिया गया है। शीर्ष अधिकारियों की ओर से इस घटना की पुष्टि की गई है। सेना के जवान और जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवान मौके पर मौजूद हैं। सेना के अधिकारी भी अधिक जानकारी प्राप्त करने का प्रयास कर रहे हैं।

सऊदी एयर स्पेस में पीएम मोदी का स्‍पेशल वेलकम, विमान को 3 फाइटर प्लेन ने किया एस्कॉर्ट


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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मंगलवार को सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के निमंत्रण पर दो दिवसीय ऐतिहासिक दौरे पर जेद्दा पहुंच चुके हैं। वहां उनका भव्य स्वागत किया गया। पीएम मोदी के विमान ने जैसे ही सऊदी अरब की हवाई सीमा में प्रवेश किया, उन्‍हें एयर स्‍कॉर्ट दिया गया। पीएम मोदी के विमान को सऊदी अरब के एफ-15 लड़ाकू विमानों ने सुरक्षा दी। विदेश मंत्रालय ने इस बात की जानकारी देते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वीडियो साझा कर जानकारी दी।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब अपनी दो दिवसीय सऊदी अरब की यात्रा के लिए रवाना हुए। जैसे ही उनका विशेष विमान सऊदी अरब के हवाई क्षेत्र में दाखिल हुआ, रॉयल सऊदी वायु सेना के एफ-15 फाइटर जेट्स ने उनके विमान को सुरक्षा दी।

दोनों देशों के संबंध होंगे और बेहतर

अपने सऊदी दौरे के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान भारत-सऊदी स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप काउंसिल की दूसरी बैठक की सह-अध्यक्षता करेंगे। विदेश मंत्रालय के अनुसार, यह बैठक द्विपक्षीय रिश्तों में एक नया अध्याय जोड़ने जा रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने रवाना होने से पहले कहा था कि भारत सऊदी अरब के साथ अपने दीर्घकालिक और ऐतिहासिक संबंधों को अत्यधिक महत्व देता है। रक्षा, व्यापार, ऊर्जा और लोगों के बीच संबंधों जैसे क्षेत्रों में साझेदारी को नई गति मिली है।

कई अहम समझौतों पर हस्‍ताक्षर की संभावना

बता दें कि सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस और पीएम मोहम्मद बिन सलमान के निमंत्रण पर पीएम मोदी सऊदी अरब की दो दिवसीय यात्रा पर गए हैं। भारत और सऊदी अरब के बीच सामरिक साझेदारी की वजह से यह दौरा काफी महत्वपूर्ण है। रक्षा साझेदारी और आर्थिक साझेदारी के मसले पर पीएम मोदी के दौरे के दौरान बातचीत होने की संभावना है। बताया जा रहा है कि पीएम मोदी की इस यात्रा के दौरान कई अहम समझौतों पर हस्‍ताक्षर हो सकते हैं। पीएम मोदी भारतीय समुदाय के लोगों से मिलने के अलावा सऊदी के क्राउन प्रिंस और प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन सलमान के साथ द्विपक्षीय बैठक भी करेंगे।

संसद ही सर्वोच्च…,न्यायपालिका की आलोचना के बीच उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने फिर दोहराई बात


#parliamentissupremesaysjagdeep_dhankhar

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने फिर न्यायापलिका और कार्यपालिका के अधिकार क्षेत्रों को लेकर बड़ा बयान दिया है। उपराष्ट्रपति धनखड़ ने एक बार फिर भारत के संविधान में निर्धारित शासन व्यवस्था के ढांचे के भीतर न्यायपालिका की भूमिका और उसकी सीमाओं पर सवाल उठाए हैं। उपराष्ट्रपति ने न्यायिक "अधिकारों के अतिक्रमण" की आलोचना की और दोहराया कि "संसद ही सर्वोच्च है"।

संविधान में संसद से ऊपर कोई नहीं-धनखड़

दिल्ली विश्वविद्यालय के एक कार्यक्रम के दौरान धनखड़ ने कहा कि संविधान के तहत किसी भी पद पर बैठे व्यक्ति की बात हमेशा राष्ट्रहित को ध्यान में रखकर होती है। धनखड़ ने यह भी कहा कि कुछ लोग यह सोचते हैं कि संवैधानिक पद सिर्फ औपचारिक या दिखावटी होते हैं, लेकिन यह गलत सोच है। संविधान लोगों के लिए है और यह उनके चुने हुए प्रतिनिधियों की रक्षा करता है। उन्होंने कहा कि संविधान में संसद से ऊपर किसी भी संस्था की कल्पना नहीं की गई है। संसद सबसे सर्वोच्च है।

लोकतंत्र के लिए हर नागरिक की अहम भूमिका-धनखड़

धनखड़ ने आगे कहा कि किसी भी लोकतंत्र के लिए हर नागरिक की अहम भूमिका होती है। मुझे यह बात समझ से परे लगती है कि कुछ लोगों ने हाल ही में यह विचार व्यक्त किया है कि संवैधानिक पद औपचारिक या सजावटी हो सकते हैं। इस देश में हर किसी की भूमिका (चाहे वह संवैधानिक पदाधिकारी हो या नागरिक) के बारे में गलत समझ से कोई भी दूर नहीं हो सकता।

लोकतंत्र में चुप रहना खतरनाक है-धनखड़

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने यह भी कहा कि लोकतंत्र में बातचीत और खुली चर्चा बहुत जरूरी है। अगर सोचने-विचारने वाले लोग चुप रहेंगे तो इससे नुकसान हो सकता है। उन्होंने कहा, संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों को हमेशा संविधान के मुताबिक बोलना चाहिए। हम अपनी संस्कृति और भारतीयता पर गर्व करें। देश में अशांति, हिंसा और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाना सही नहीं है। जरूरत पड़ी तो सख्त कदम भी उठाने चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर जताई थी चिंता

यहां, उपराष्ट्रपति ने किसी का नाम नहीं लिया। हालांकि, साफ है कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले पर की गई अपनी टिप्पणी को लेकर आलोचना करने वालों पर निशाना साधा। सुप्रीम कोर्ट की एक बेंच ने हाल में कहा था कि राज्यपाल अगर कोई विधेयक राष्ट्रपति को मंजूरी के लिए भेजते हैं, तो राष्ट्रपति को उस पर तीन महीने के भीतर फैसला लेना होगा। राष्ट्रपति द्वारा विधेयकों पर निर्णय लेने के लिए समय सीमा निर्धारित करने वाले हाल के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर चिंता व्यक्त करते हुए धनखड़ ने पिछले शुक्रवार को कहा था कि भारत ने ऐसे लोकतंत्र की कल्पना नहीं की थी जहां जज कानून बनाएंगे, शासकीय कार्य करेंगे और ‘‘सुपर संसद’’ के रूप में कार्य करेंगे।

शरबत जिहाद’ पर बूरे फंसे बाबा रामदेव, हाईकोर्ट ने जताई नाराजगी, कड़ा आदेश देने की चेतावनी


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दिल्ली हाई कोर्ट ने पतंजलि के संस्थापक बाबा रामदेव को कड़ी फटकार लगाई। दिल्ली हाईकोर्ट ने बाबा रामदेव के शरबत जिहाद वाले बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। कोर्ट ने फार्मास्युटिकल और खाद्य कंपनी हमदर्द के रूह अफजा के खिलाफ बाबा रामदेव की “शरबत जिहाद” टिप्पणी पर कहा कि यह कोर्ट की अंतरात्मा को झकझोरता है। हमदर्द नेशनल फाउंडेशन इंडिया ने पतंजलि फूड्स लिमिटेड के खिलाफ रामदेव के बयान को लेकर याचिका दाखिल की थी। इस मामले पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि यह बयान माफी के लायक नहीं है।

पतंजलि और रामदेव के खिलाफ हमदर्द की तरफ से दायर एक मुकदमे में सुनवाई के दौरान जस्टिस अमित बंसल ने कड़े आदेश की चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि वीडियो को देखकर आंख, कान पर यकीन नहीं होता। हाई कोर्ट ने कहा कि शराब जिहाद पर कथित टिप्पणी अनुचित है। कोर्ट ने इस मामले में 5 दिन के भीतर हलफनामा दाखिल करने को कहा है। इसमें कहा गया है कि कंपनी यह कहे कि वह भविष्य में ऐसा कोई विज्ञापन नहीं देगी। मामले की अगली सुनवाई 1 मई को होगी।

रामदेव की टिप्पणी हेट स्पीच

इस मामले में सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने हमदर्द की ओर से पेश हुए। उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट से कहा, यह एक चौंकाने वाला मामला है, जो न केवल रूह अफजा को बदनाम करने, बल्कि ‘सांप्रदायिक विभाजन’ का भी मामला है। उन्होंने कहा कि रामदेव की टिप्पणी हेट स्पीच (नफरत फैलाने वाले भाषण) के समान है। वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि अपनी टिप्पणी से रामदेव ने धर्म के आधार पर हमदर्द पर हमला किया है और इसे उन्होंने “शरबत जिहाद” नाम दिया है।

अपने शरबत का प्रचार करते हुए रूह आफजा पर हमला

हमदर्द के वकील ने अदालत को बताया कि हाल ही में पतंजलि के गुलाब शरबत का प्रचार करते हुए रामदेव ने दावा किया था कि हमदर्द के रूह आफजा से अर्जित धन का उपयोग मदरसे और मस्जिद बनाने में किया गया। 

रामदेव ने दिया था ‘शरबत जिहाद’ का बयान

वहीं, रामदेव के वकील ने कहा कि शरबत जिहाद वाला विज्ञापन हटाया जाएगा। योग गुरु बाबा रामदेव ने तीन अप्रैल को अपने शरबत ब्रांड का प्रचार करते हुए हमदर्द कंपनी के शरबत पर विवादित टिप्पणी की थी। एक वीडियो में उन्होंने हमदर्द के रूह अफज़ा पर परोक्ष रूप से निशाना साधा था। साथ ही और दावा किया कि दूसरी कंपनी का शरबत अपने पैसे का इस्तेमाल मस्जिद और मदरसे बनाने में कर रहा है। रामदेव ने अपने वीडियो में 'शरबत जिहाद' शब्द का भी इस्तेमाल किया था।

वक्फ कानून के विरोध में दिल्ली में आज प्रदर्शन, देश भर से जुटे मुस्लिम संगठन


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वक्फ संशोधन कानून को लेकर मुस्लिम संगठन अब पूरी तरह से आर-पार के मूड में हैं। देश के अलग-अलग हिस्सों में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की अगुवाई में मुस्लिम संगठन एकजुट होकर वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ आवाज बुलंद कर रहे हैं। इसी क्रम में दिल्ली में आज मुस्लिम संगठन वक्फ कानून के खिलाफ बड़ा प्रदर्शन होने वाला हैं। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की अगुवाई में देश के तमाम मुस्लिम संगठन के प्रतिनिधि आज मंगलवार को दिल्ली में वक्फ कानून के विरोध में एकजुट होकर अपनी ताकत दिखाएंगे।

मुस्लिम संगठन वक्फ कानून में बदलावों का विरोध कर रहे हैं। उनका मानना है कि यह कानून मुस्लिम समुदाय के हितों के खिलाफ है। इसी को लेकर आज दिल्ली में 'वक्फ बचाव अभियान' का आयोजन किया जा रहा है। 'वक्फ बचाव अभियान' के तहत दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में 'तहफ्फुज-ए-औकाफ कारवां' (वक्फ की हिफाजत) नाम से आयोजन हो रहा है। इसमें जमात-ए-इस्लामी हिंद जैसे कई बड़े मुस्लिम संगठनों के अध्यक्ष और प्रतिनिधि जुटेंगे।

कांग्रेस-सपा समेत कई पार्टियां होंगी शामिल

तालकटोरा स्टेडियम में होने वाले विरोध प्रदर्शन में देशभर के मुस्लिम संगठनों के प्रतिनिधियों के शामिल होने के साथ-साथ सियासी और सामाजिक क्षेत्र से जुड़े लोग शिरकत करेंगे। दिल्ली में वक्फ कानून के विरोध में मुस्लिमों का सबसे बड़ा जुटाव है, जिसमें मुसलमानों की सबसे बड़ी मिल्ली तंजीम एकजुट हो रही है। सोमवार को जमात-ए-इस्लामी हिंद ने नए वक्फ कानून को तत्काल निरस्त करने का आह्वान किया और लोगों से मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के नेतृत्व में कानून के खिलाफ अभियान को सपोर्ट करने की गुजारिश की है। वहीं, विपक्ष के नेता असदुद्दीन ओवैसी, आरजेडी सांसद मनोज झा, कांग्रेस सांसद इमरान मसूद, सपा सांसद मोहिबुल्लाह नदवी भी शामिल हो सकते हैं।

शाह बानो मामले जैसा जन आंदोलन बनाया जाएगा

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के 'वक्फ बचाव अभियान' का पहला फेज 11 अप्रैल से शुरू हुआ, जो 7 जुलाई यानी 87 दिन तक चलेगा। इसमें वक्फ कानून के विरोध में 1 करोड़ हस्ताक्षर कराए जाएंगे, जो पीएम मोदी को भेजे जाएंगे। इसके बाद अगले फेज की रणनीति तय की जाएगी। वक्फ कानून को लेकर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और दूसरे अन्य मु्स्लिम संगठन ने उसी तरह का तेवर अपना रखा है, जैसे शाहबानो के मामले में किया था। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इसे शाह बानो मामले (1985) की तरह व्यापक जन आंदोलन बनाने की बात कही है, जो शहरों से लेकर गांवों तक फैलेगा।

बांसुरी स्वराज की बैग पर क्यों टिकी नजरें? ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ पर जेपीसी की बैठक में यूं पहुंची

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वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर आज यानी मंगलवार को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की बैठक हो रही है। बीजेपी की सांसद बांसुरी स्वराज बैठक में भाग लेने के लिए संसद भवन पहुंचीं। इस दौरान सभी की नजर बीजेपी सांसद के बैग पर टिक गई। बीजेपी सांसद बांसुरी स्वराज ने अपने कंधे पर काले रंग का एक बैग लटकाया हुआ था। इस बैग पर लिखा हुआ था, ‘नेशनल हेराल्ड की लूट’।

बीजेपी सांसद बांसुरी ने इस बैग के जरिए बिना कुछ कहे कांग्रेस को नेशनल हेराल्ड को लेकर घेरने का काम किया। इसके साथ ही एक राजनीतिक संदेश भी दिया। बांसुरी ने संदेश दिया कि नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी की ओर से चार्जशीट दायर किए जाने के बाद देश की सियासत गर्म है।

वहीं, जब बांसुरी स्वराज से सवाल किया गया और पूछा गया कि इस बैग के जरिए वो क्या मैसेज देना चाहती हैं तो उन्होंने कहा, आप यह देखिए यह पहली बार हुआ है कि लोकतंत्र का जो चौथा स्तंभ है यानी मीडिया को लेकर भी भ्रष्टाचार हुआ है। हाल ही में जो चार्जशीट ईडी ने फाइल की है, यह बहुत ही गंभीर उदाहरण उजागर करती है। जहां पर कांग्रेस की एक पुरानी कार्यशैली और विचारधारा उभर कर सामने आती है। बीजेपी सांसद ने आगे कहा, कांग्रेस सेवा की आड़ में सार्वजनिक संस्थाओं को अपनी पर्सनल जागीर बढ़ाने का औजार बना लेती है। इस मामले को लेकर कांग्रेस की जवाबदेही बनती है।

बता दें कि “बैग वाला वार” नया नहीं है। पिछले साल दिसंबर में प्रियंका गांधी का बैग भी चर्चा में रहा था। संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान प्रियंका गांधी फिलीस्तीन के समर्थन से जुड़े स्लोगन वाला बैग लेकर संसद परिसर में पहुंची थीं।