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*संवाद, भारतीय ज्ञान परंपरा की विरासत एवं जीवंतता का आधार: प्रोफेसर राजवंत राव*

गोरखपुर। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के प्राचीन इतिहास विभाग तथा इंटैक के तत्वावधान में विरासत दिवस के अवसर पर आपदा, संघर्ष एवं विकास के परिवेश में विरासत का संरक्षण विषय पर विमर्श आयोजित हुआ. विमर्श का आरंभ करते हुए महावीर कोंडई ने विरासत के प्रकार पर चर्चा करते हुए विरासत को संरक्षित करने के कानूनी पहलुओं पर अपना चिंतन साझा किया. उन्होंने विरासत को संरक्षित करने हेतु इंटैक के संघर्षों को भी रेखांकित किया.

विभागाध्यक्ष प्रोफेसर प्रज्ञा चतुर्वेदी ने कहा कि विरासत मूर्त एवं अमूर्त दोनों प्रकार का होता है. विचार एवं मूल्य भी विरासत के अंतर्गत आते हैं. गोरखपुर में विंध्यवासिनी पार्क में रखी भगवान विष्णु की प्रतिमा, विष्णु मंदिर में रखी विष्णु जी की प्रतिमा आदि गोरखपुर की महत्वपूर्ण विरासत है. इसके अतिरिक्त बौद्ध एवं जैन धर्म-दर्शन, नाथ पंथ एवं कबीर की वाणी भी महत्वपूर्ण अमूर्त विरासत है.

इतिहासविद प्रोफेसर राजवंत राव ने कहा कि वर्तमान मनुष्य अतीत के मनुष्य की कृतियां एवं सृष्टियों का मौजूदा जीवंत स्मारक है. जो कुछ भी हम अपने पूर्वजों से उत्तराधिकार में प्राप्त करते हैं, वह सब विरासत का हिस्सा है. इसके अंतर्गत भारतीय ज्ञान परंपरा की समस्त धाराएं अंतर्भूत होती हैं. संवाद, भारतीय ज्ञान परंपरा की महत्वपूर्ण विरासत है, जिससे भारतीय ज्ञान परंपरा निरंतर जीवंतता प्राप्त करती रही है. आज की गैर रोमांटिक दुनिया ने भौतिक अमीरी एवं संवेदनात्मक दरिद्रता का युग्म चुना है. जिसके कारण विरासत के प्रति युवा पीढ़ी उदासीन है. आज आवश्यकता है कि हम विकास, उपयोगितावाद एवं विरासत संरक्षण में संतुलन बनाए रखें. विरासत संरक्षण के इस विमर्श में विश्वविद्यालय के शिक्षकों समेत शोधार्थी एवं शहर के विभिन्न गणमान्य शामिल हुए.

*जन समस्याओं के समाधान में फरियादियों से मिलने की हिदायत*

एसडीएम की अध्यक्षता में तहसील दिवस में पहुंचे 92 फरियादी

खजनी गोरखपुर।।

अपनी समस्याएं लेकर समाधान दिवस में पहुंचने वाले फरियादियों से शासन द्वारा फीड बैक लिया जाता है, जिसमें पीड़ित फरियादियों द्वारा नकारात्मक जानकारियां दी जा रही हैं।जिसे लेकर शासन के द्वारा सख्ती दिखाई जा रही है और अब जन समस्याओं का समाधान कराने वाले संबंधित विभाग के अधिकारियों से पीड़ित फरियादियों से मिलने और उनसे बात करने को अनिवार्य कर दिया गया है।

तहसील मुख्यालय में अप्रैल माह के अंतिम समाधान दिवस की अध्यक्षता कर रहे एसडीएम राजेश प्रताप सिंह के समक्ष कुल 92 फरियादी पेश हुए जिनमें 9 मामलों का मौके पर समाधान करा दिया गया।

इस दौरान तहसीलदार नरेंद्र कुमार ने उपस्थित अधिकारियों और कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा कि जन समस्याओं के समाधान के सभी मामलों में शासन द्वारा फरियादियों के मोबाइल फोन पर उनसे बात करके फीड बैक लिया जाता है। जिसमें शासन को बेहद नकारात्मक परिणाम मिल रहे हैं, फरियादी बताते हैं कि उनसे मिलने कोई आया ही नहीं और आॅफिस में बैठ कर समाधान करा दिया गया है। ज्यादातर मामलों में फरियादियों की संतुष्टि नहीं मिल रही है जिसे लेकर शासन के द्वारा सख्ती दिखाई गई है। उन्होंने कहा कि अब फरियादियों से मिल कर उनसे बात करने के बाद ही रिपोर्ट लगाई जाए अन्यथा संबंधित विभागों के अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। मौके पर नायब तहसीलदार राकेश शुक्ला, अशोक कुमार,सीओ चकबंदी सहित अन्य विभागों के अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे।

*फरियादियों की समस्या का किया जाए समयबद्ध निस्तारण _डीडीओ*

समाधान दिवस में 108 मामले आए 4 का किया गया मौके पर निस्तारण

गोरखपुर। तहसील समाधान दिवस तहसील सदर सभागार में जिला विकास अधिकारी राजमणि वर्मा के अध्यक्षा में फरियादियों की सुनी गई फरियाद आज सदर तहसील सभागार में 108 फरियादी अपनी अपनी फरियाद बारी-बारी से सभागार में आए सभी फरियादियों के समस्याओं को बारी बारी से सुना गया 104 फरियादियों की समस्याओं का मौके पर ही निस्तारण किया गया जिला विकास अधिकारी राजमणि वर्मा ने संबंधित अधिकारियों को आए हुए फरियादियों के समस्या का समयबद्ध निराकरण करने का निर्देश दिया कहा कि शासन के निर्देशन पर महीने के पहले और तीसरे शनिवार को तहसील समाधान दिवस आयोजित कर एक छत के नीचे फरियादियों की समस्याओं का निराकरण करने का निर्देश है जिसके अनुपालन में आए हुए फरियादियों की समस्याओं का निराकरण किया जाता है आज तहसील सदर सभागार में अधिकतर मामले जमीनी व पारिवारिक विवाद के आए हुए थे जिला विकास अधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि आए हुए प्रार्थना पत्र का केवल कागजी खाना पूर्ति ना किया जाए जमीनी विवाद में मौके पर राजस्व विभाग पुलिस विभाग के साथ मिल कर जमीनी स्तर पर काम करते हुए मामले का निस्तारण करे जिससे फरियादियों को परेशान ना होना पड़े।वैसे तो आज समाधान दिवस में डीएम, एसएसपी को सदर तहसील सभागार में पहुंच कर समस्याओं को सुनना था लेकिन मुख्यमंत्री का विभिन्न जगहों पर विकास योजनाओं के लोकार्पण/ शिलान्यास कार्यक्रम लगा हुआ था जिससे डीएम एसएसपी नहीं पहुंच सके थे जिला विकास अधिकारी पहुंच कर तहसील सभागार में समस्याओं को सुना।

इस दौरान ज्वाइंट मजिस्ट्रेट /एसडीएम सदर मृणाली अविनाश जोशी तहसीलदार सदर ज्ञान प्रताप सिंह नायब तहसीलदार नीरू सिंह नायब तहसीलदार जाकिर हुसैन नायब तहसीलदार आकांक्षा पासवान नायब तहसीलदार महराजगंज/नोडल गौडधोइया नाला प्रद्युम्न सिंह सहित अन्य जिलास्तरीय अधिकारी मौजूद रहे सदर तहसील के अन्य नायब तहसीलदार वीआईपी ड्यूटी में अपने दायित्व का निर्वहन कर ड्यूटी किए

*शादी के दिन दुल्हा फरार, दहेज उत्पीड़न का केस*

इंतजार करता रहा वधु पक्ष नहीं पहुंची बारात

खजनी गोरखपुर।।

शादी में कार न मिलने पर दुल्हा फरार हो गया दुल्हन के पिता की तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा अपराध संख्या 139/2025 में डीपी एक्ट की धारा 3/4 में पिता पुत्र सूरज पांडेय और राजेंद्र पांडेय के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।

पुलिस को दी गई तहरीर में बेटी के पिता ने बताया कि शादी से पहले ही 10 लाख नकद समेत लगभग 8 लाख रूपए के गहने, एसी, फ्रिज आदि कीमती घरेलू सामान दुल्हे के घर भेज दिए थे।

सबेरे दर्जनों की संख्या में खजनी थाने में पहुंचे ग्रामवासी वधु पक्ष द्वारा उपहार में दिए गए कीमती सामान और शादी की तैयारी में खर्च हुई रकम को वापस लौटाने की मांग करने लगे।

मिली जानकारी के अनुसार थाना क्षेत्र के एक गांव की निवासी युवती का विवाह 18 अप्रैल शुक्रवार को होना तय था। बारात थाने की उनवल चौकी क्षेत्र के नगर पंचायत उनवल से आनी थी। विवाह से संबंधित सभी तैयारियां पूरी कर ली गईं थीं, किंतु सबेरे अपने घर से गोरखपुर में हेयर सेटिंग कराने के बहाने निकला दुल्हा लौट कर वापस नहीं आया। दुल्हे के पिता और स्वजन उसका इंतजार करते रहे गए। वहीं दूसरी ओर वधु पक्ष द्वारा मैरेज लाॅन की साज सज्जा बारातियों के भोजन जलपान की तथा रस्मो रवायत की सभी तैयारियां पूरी कर ली गईं थीं।

दूरी कम होने के कारण लोग बारात देर से पहुंचने का अनुमान लगाते रहे वहीं दुल्हे के स्वजन भी अंतिम वक्त तक वधु पक्ष के लोगों से दुल्हे के घर से भाग जाने की हकीकत छिपाने का प्रयास करते रहे। करीबी मामला होने के कारण बारात पहुंचने में हो रही देरी से आखिरकार वधु पक्ष को दुल्हे के भाग जाने की जानकारी हो गई।

प्रभारी थानाध्यक्ष सत्यदेव ने बताया कि तहरीर के अनुसार केस दर्ज कर लिया गया है। पूछताछ के लिए दो आरोपितों को हिरासत में लिया गया है। आवश्यक विधिक कार्रवाई की जा रही है।

*भारत-नेपाल को हिंदू राष्ट्र बनाने के पुरजोर प्रयास में विश्व हिन्दू महासंघ*

खजनी गोरखपुर।।

भारत और नेपाल दोनों देशों की साझी सनातन संस्कृति है। विश्व हिन्दू महासंघ दोनों देशों को हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए पुरजोर कोशिश में लगा हुआ है। दोनों देशों के बीच सदियों पुरानी साझी संस्कृति एवं सभ्यता के साथ ही रोटी- बेटी का संबंध है। महासंघ से जुड़े नेपाल के हिंदूवादी संगठनों का विश्व हिन्दू महासंघ समर्थन करता है। साथ ही पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग करता है।

उक्त बातें तहसील क्षेत्र के ग्राम पंचायत दुघरा निवासी विश्व हिंदू महासंघ दिल्ली के प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र कुमार सिंह ने कार्यकर्ताओं समर्थकों के साथ बैठक के दौरान कहीं। श्री सिंह ने कहा कि, नेपाल में चल रहे सत्ता संघर्ष में हिंदूवादी संगठन विश्व हिंदू महासंघ की अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती अस्मिता भंडारी (काठमांडू) के साथ खड़ा है। महासंघ के वरिष्ठ नेता भिखारी प्रजापति ने पश्चिम बंगाल में हिंदुओं की निर्मम हत्या और कानून व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह लगाते हुए वहां पर राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की। प्रजापति ने कहा कि,योगी जी के चित्र से नेपाल और कार्य चरित्र से भारत हिंदू राष्ट्र बन कर रहेगा। बैठक में नेपाल से पहुंचे अंतर्राष्ट्रीय सदस्य दीपक श्रेष्ठ ने कहा कि भारत और नेपाल की संस्कृति एक है दोनों के बीच पारिवारिक और सामाजिक रिश्ते हैं। हमारा संगठन भारत और नेपाल को हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए कटिबद्ध है।

रीमा श्रेष्ठ ने कहा कि नेपाल का राजघराना आज भी गोरक्षपीठ को ही अपना आध्यात्मिक गुरु मानता है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता डाॅ. जयहिंद मौर्या तथा संचालन संपूर्णानंद सिंह ने की।

इस अवसर पर कैलाश सिंह,यतीन्द्र सिंह, बबलू सिंह, धीरेन्द्र सिंह,जितेंद्र कुमार यादव, के.आर. पांडेय, ओमप्रकाश यादव, राजेश्वरी विश्वकर्मा, सपना, श्रवण कुमार जायसवाल, रामलखन गुप्ता आदि दर्जनों लोग उपस्थित रहे।

*डिप्टी सीएम का आदेश बेअसर बंद मिली सीएचसी*

मरीज करते इंतजार, गुड फ्राइडे मनाते डॉक्टर

खजनी गोरखपर।

तहसील मुख्यालय के निकट सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हरनहीं में शुक्रवार को सबेरे 9 बजे तक ताला लटकता रहा। बाहर बैठे मरीज डॉक्टरों के आने का इंतजार करते रहे।कुछ देर बाद कर्मचारियों के आने पर अस्पताल का ताला खुला। मौके पर मौजूद फार्मासिस्ट व आयूष डॉक्टर अमरेंद्र मौर्य ने बताया कि गुरुवार को डिप्टी सीएम के दौरे की वजह से काम बढ़ गया था, थकान की वजह से देर हो गई। अधिक्षक डॉक्टर भी आ रहे होंगे। बताया कि सीएचसी में कुल 16 लोग तैनात हैं।

बता दें कि गुरुवार 17 अप्रैल को यहीं डिप्टी सीएम एवं स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक ने समीक्षा बैठक के दौरान सीएमओ सहित सभी चिकित्सा अधिकारियों को सख्त निर्देश दिया था कि सभी सीएचसी में 24×7 इमरजेंसी सेवाएं और डाॅक्टर मौजूद रहें, लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी, सीएचसी हो या पीएचसी समय से खुलनी चाहिए। किंतु डिप्टी सीएम के दौरे के अगले ही दिन उनके आदेश को धत्ता बताते हुए अस्पताल में ताला लटका रहा। जबकि इमरजेंसी सेवाएं 24 घंटे उपलब्ध रहने के साथ ही ओपीडी शुरू होने का समय सुबह के 8 बजे से निर्धारित है।

किंतु डिप्टी सीएम के दौरे के अगले ही दिन हरनहीं सीएचसी की स्वास्थ्य सेवाएं पुराने ढर्रे पर लौट आई, तथा सुबह 9 बजे तक मुख्य द्वार पर ताला लटकता रहा।

स्थानीय लोगों में रामप्रसाद, रामवृक्ष निषाद, बाबूराम आदि ने बताया कि सीएचसी में पति-पत्नी दो डॉक्टरो की नियुक्त हैं। डॉ.विवेक कुमार सिंह सुपरिटेंडेंट हैं तथा उनकी पत्नी नित्या सिंह महिला मेडिकल आॅफिसर हैं। लोगों ने बताया कि सीएचसी अधीक्षक तो आते भी हैं, लेकिन डाॅ.नित्या सिंह नियमित रूप से नहीं आतीं। जबकि यहां कोई अन्य महिला डॉक्टर नहीं है, सिर्फ एक एएनएम के भरोसे प्रसव सेवाएं संचालित होती हैं।

30 बेड के सीएचसी में सुविधाओं के बावजूद प्रसव के लिए आने वाली महिलाओं को जिला अस्पताल या पीएचसी खजनी भेज दिया जाता है।

सुपरिटेंडेंट डॉ.विवेक कुमार सिंह ने बताया डिप्टी सीएम के दौरे के वजह से 3 दिनों से सभी कर्मचारी 24 घंटे काम पर लगे थे, आज गुड फ्राइडे का सार्वजनिक अवकाश है, इसीलिए अस्पताल पर कोई आया नहीं है।

इस संदर्भ में सीएमओ डॉ. राजेश कुमार झा ने बताया कि सभी समस्याओं को जल्द ही दूर करा दिया जाएगा।

*सड़क पर लगती हैं दुकानें, आवागमन दुश्वार,घंटों जाम से जूझते हैं वाहन चालक*

खजनी गोरखपुर।।

कस्बे में पहले की तुलना में मुख्य सड़क वर्षों पहले चौंड़ी हो गई है। किंतु अपनी दुकानों में बिकने वाले सामान ग्राहकों को लुभाने के लिए उन्हें दिखाने और ज्यादा बिक्री करने के लोभ में सड़क की पटरियों पर लगने वाली दुकानें तथा सड़क के किनारे खड़े ठेले, खोमचे, फलों, सब्जियों, चाट, चाऊमीन, बर्गर, बिरियानी, अंडे की दुकानें और उनके सामने खड़े होकर सामान खरीदते ग्राहकों के कारण सड़क पर आवागमन के दौरान वाहन चालकों को भारी दुश्वारियों और जाम का सामना करना पड़ रहा है। इसके साथ ही कस्बे में मुख्य मार्ग पर यात्री सवारियों के इंतजार में खड़े आड़े तिरछे आॅटो, पटरियों के किनारे खड़ी बाइकें और अन्य यात्री वाहनों के कारण सुबह शाम जाम की समस्या बरकरार रहती है।

गोला बाजार तक परिवार के साथ निमंत्रण में जा रहे कार सवार अवधेश राय ने बताया कि जाम के कारण कस्बे को पार करने में आधे घंटे का वक्त लग गया। वहीं एक अन्य यात्री सुभाष साहनी ने बताया कि बाइक और आॅटो वाले कहीं से भी सामने आ जाते हैं। पटरियों पर दुकानें लगी हैं कहीं से भी निकलने का रास्ता ही नहीं मिलता है।

बता दें कि इन दिनों मांगलिक आयोजनों के कारण सड़क पर वाहनों की संख्या बढ़ते ही जाम लगना शुरू हो जाता है।इस बीच किसी बड़े वाहन ट्रेलर, डंफर, बस, ट्रक या ट्रैक्टर ट्राली के कस्बे में पहुंचते ही वाहनों के रेंगते हुए निकलने का सिलसिला शुरू हो जाता है।

स्थानीय प्रशासन द्वारा समय समय पर अतिक्रमण हटवाया जाता है किन्तु दो चार दिनों बाद ही फिर पहले जैसी स्थिति हो जाती है। इतना ही नहीं जाम के कारण इमरजेंसी सेवाएं और लोगों के आवश्यक कार्य भी प्रभावित होते हैं।

इस संदर्भ में उप जिलाधिकारी राजेश प्रताप सिंह ने कहा कि कस्बे में सड़क के किनारे से जाम हटाने के लिए निर्देश दिया जाएगा।

न्याय दिलाने में अधिवक्ता कैलाश व ओंकारनाथ के कार्य सराहनीय

गोरखपुर, उत्तरप्रदेश।

सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश पंकज मित्थल ने शुक्रवार को दीवानी न्यायालय में कहा कि न्याय दिलाने में अधिवक्ताओं की भूमिका अहम व महत्वपूर्ण है। सिविल कोर्ट गोरखपुर में न्याय दिलाने में अधिवक्ताओं की श्रृंखला है। इसी कड़ी में स्मृतिशेष (स्वर्गीय) कैलाश पति मिश्रा व स्मृति शेष ओंकार नाथ मिश्र के कार्य मिसाल हैं। जो न्याय व अधिवक्ताओं के हित में हैं। गौरव बढ़ाने में न्याय दिलाने में जो कार्य किया वह सदैव याद किया जाएगा। सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली के न्यायाधीश दीवानी न्यायालय में बार एसोसिएशन के तत्वावधान में स्वर्गीय कैलाश पति मिश्रा व स्वर्गीय ओंकार नाथ मिश्र के चित्र का अनावरण कर रहे थे। उन्होंने कहा कि दोनों अधिवक्ता के रूप में दोनों के कार्य प्रेरणा प्रद व मार्गदर्शन के साथ उर्जा का संचार करने वाला है। स्वर्गीय कैलाश पति मिश्रा सिविल कोर्ट गोरखपुर में 1946 से 1994 की अवधि में लगभग 48 वर्षों तक वकालत करते हुए ख्याति अर्जित किया। सरकारी हाईस्कूल बस्ती, इविंग क्रिश्चियन कालेज इलाहाबाद और इलाहाबाद विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त करने वाले 1940 में गणित में एमए, 1944 में एलएलबी. उत्तीर्ण किया। 1945 में अधिवक्ता रूप में बार में शामिल हुए। कानून के सिविल पक्ष पर विशेष रूप से अभ्यास करते रहे, सिविल कोर्ट क्लब के संस्थापक सदस्य रहे। पूर्वोत्तर रेलवे के लीगल एडवाइजर होने के साथ सेंट्रल बैंक आफ इंडिया के अधिवक्ता के रूप में कार्य किया। गोरखपुर के बड़े सिविल मुकदमों के साथ विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के न्यायिक मुकदमों सहयोगी भूमिका का निर्वहन किया।

संत विनोवा डिग्री कालेज देवरिया के आजीवन प्रबंधक होने के साथ तुलसीदास इंटर कालेज (टीडीएम) गोरखपुर के साथ विभिन्न शैक्षिक संस्थानों से जुड़कर शिक्षा के क्षेत्र योगदान देने का कार्य किया। जनता हाईस्कूल बिशनपुरा के संस्थापक़ टेनिस, बैडमिंटऩ़ के साथ पढ़ने और कृषि व बागवानी में रुचि रखने के साथ न्याय दिलाने में सदैव तत्पर रहे। उनका निधन 21 नवंबर 1994 को हुआ। अधिवक्ता के रूप में उनके कार्य प्रेरणा स्रोत हैं।

स्मृतिशेष ओंकारनाथ मिश्रा एडवोकेट अपने पिता के आदर्श को आत्मसात करके स्मृतिशेष ओंकार नाथ मिश्र ने न्याय दिलाने में तत्पर रहे। सिविल कोर्ट गोरखपुर में 1967 से 2021 की अवधि के दौरान 50 वर्षों से अधिक समय तक वकालत करते हुए न्याय दिलाने में योगदान किया। संतकबीर परिनिर्वाण स्थली कबीर गुफा के जांच टीम में अहम योगदान के साथ विभिन्न सामाजिक संगठनों में कार्य किया। मंडी समिति के अधिवक्ता होने के साथ रेलवे क्लेम ट्रिब्यूनल के साथ सरकारी व गैर सरकारी आब्रिट्रेशन मेंमें अपनी सेवाएं दी। आब्रिट्रेशन काउंसिल आफ इंडिया नई दिल्ली व इंडियन इंस्ट्च्यूट नई दिल्ली के सदस्य रहे। अधिवक्ता होने के साथ सामाजिक कार्यों में जो योगदान किया जो आदर्श है। वह26 अप्रैल 2021 कोराना काल में उनका निधन हो गया और वे जीवन भर इसी पेशे में लगे रहे। गोरखपुर के बार एसोसिएशन सभागार में दोनों के चित्र लगाने का जो निर्णय आपने लिया वह सराहनीय है। इससे अन्य अधिवक्ताओं को प्रेरणा मिलेगी। एक परिवार की तीसरी पीढ़ी का का अधिवक्ता के रूप सेवा करना सभी प्रशंसनीय है। जो सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट आन रिकार्ड अनुपम मिश्र निर्वहन कर रहे हैं।

मुख्य अतिथि का स्वागत सदर सांसद रवि किशन शुक्ला एवं मेयर डाॅ. मंगलेश कुमार श्रीवास्तव ने बुके देकर एवं बार एसोसिएशन के पदाधिकारीयो ने संयुक्त रूप से माल्यार्पण कर किया।

इस अवसर पर एडवोकेट आन रिकार्ड अनुपम मिश्रा, पारिवारिक न्यायालय के जज राजेश्वर शुक्ल, बार काउंसिल सदस्य एवं पूर्व अध्यक्ष मधुसूदन त्रिपाठी, बार एसोसिएशन सिविल कोर्ट गोरखपुर के अध्यक्ष महेंद्र प्रताप पाण्डेय, महामंत्री गिरिजेश मणि त्रिपाठी, अवनीश नाथ मिश्रा, संगीता तिवारी, रामेश्वर धर द्विवेदी, धर्मेन्द्र मिश्रा, नरेंद्र धर द्विवेदी, परमानन्द राम त्रिपाठी, रवि दूबे फैय्याज खान, सुभाष शुक्ल, अम्बिका श्रीवास्तव,डाॅ. सोनी सिंह, डाॅ. सुजीत कुमार श्रीवास्तव, इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सेराज अहमद कुरैशी, सतीश मणि त्रिपाठी, एवं प्रशासनिक अधिकारी व अधिवक्ता गण उपस्थित रहें।

विद्या मंदिर के 350 विद्यार्थियों में जागरूकता का उन्मेष बना माध्यम, विद्यार्थी परिषद के प्रयासों को सराहा

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, गोरखपुर महानगर इकाई द्वारा स्कूली विद्यार्थियों के मध्य कौशल विकास, पब्लिक स्पीकिंग,साइबर सुरक्षा प्रशिक्षण,करियर काउंसलिंग जैसे विषयों पर जानकारी व जागरूकता हेतु 'उन्मेष 2025', शुक्रवार को सरस्वती विद्या मंदिर, आर्य नगर के प्रांगण में आयोजित किया गया जिसमें मनोविज्ञान के प्राध्यापक डॉ प्रियंका गौतम ने करियर काउंसलिंग व डॉ अपर्णा पाठक ने इमोशनल गइडेन्स विषय पर सत्र लिया और विद्यार्थियों को इन विषयों में जागरूक किया। इस कार्यशाला में विद्या मंदिर के 350 विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया।

अभाविप गोरखपुर महानगर इकाई उन्मेष- 2025 के माध्यम से 50 विद्यालयों के विद्यार्थियों के मध्य ऐसे विषयों पर कार्यशाला का आयोजन करेगी जिसके माध्यम से विद्यार्थियों में इमोशनल गाइडेंस,पब्लिक स्पीकिंग, समूह भावना जैसे गुणों का विकास होगा और साइबर सुरक्षा प्रशिक्षण, कौशल विकास के प्रति जागरूकता बढ़ेगी।

करियर काउंसलिंग के सत्र में डॉ प्रियंका गौतम ने विभिन्न करियर विकल्पों, उनके आवश्यक कौशल, शिक्षा की दिशा और आज के समय में बढ़ती प्रतिस्पर्धा के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने यह भी बताया कि कैसे विद्यार्थी अपनी रुचि, योग्यता और संभावनाओं के अनुसार सही करियर का चयन कर सकते हैं। साथ ही, उन्होंने छात्रों के सवालों के जवाब देकर उनकी शंकाओं का समाधान भी किया। वहीं इमोशनल गुइडेन्स के सत्र में डॉ अपर्णा पाठक ने अपने प्रेरणादायक संवाद के माध्यम से विद्यार्थियों को बताया कि आज के प्रतिस्पर्धात्मक और तनावपूर्ण वातावरण में भावनात्मक समझ और आत्म-नियंत्रण कितना आवश्यक है। उन्होंने विद्यार्थियों को यह समझाया कि नकारात्मक भावनाओं से कैसे निपटा जाए, और आत्मविश्वास व सकारात्मक सोच को कैसे विकसित किया जाए।

अभाविप गोरखपुर महानगर मंत्री शुभम गोविन्द राव ने कहा कि परिषद द्वारा चलाए जा रहे उन्मेष' जैसे कार्यक्रम विद्यार्थियों के भविष्य को संवारने हेतु अभाविप का एक सार्थक प्रयास है।इन कार्यक्रमों के माध्यम से न केवल विद्यार्थियों में नेतृत्व क्षमता, आत्मविश्वास और सामाजिक उत्तरदायित्व की भावना विकसित हो रही है, बल्कि वे समाज और राष्ट्र के प्रति भी अधिक जागरूक हो रहे हैं। इन विभिन्न सत्रों और गतिविधियों के माध्यम से विद्यार्थियों को आत्मविकास, नेतृत्व कौशल, संवाद कला, समय प्रबंधन और टीमवर्क जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर व्यावहारिक जानकारी मिल रही है,इसके साथ ही विद्यार्थियों को अपने अंदर छिपी प्रतिभाओं को पहचानने और उन्हें सही दिशा में विकसित करने के लिए प्रबुद्ध जनों का मार्गदर्शन भी मिल रहा।

आभार ज्ञापन विद्या मंदिर के प्रधानाचार्य विष्णु सिंह ने और मंच संचालन महानगर सह मंत्री अभिषेक मौर्या ने किया।

मुख्य रूप से किशन मिश्र, सृजन मिश्र,अमन दिव्या, प्राची आदि कार्यकर्ता उपस्थित रहें।

*मरीजों के साथ किया जाए अच्छा व्यवहार: सीएमओ*

गोरखपुर। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ राजेश झा ने शुक्रवार को तीन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) भटहट, चरगांवा और पिपरौली का निरीक्षण किया।साथ ही अस्पताल में मरीजों से चिकित्सकों के बारे में फीडबैक भी लिया। उन्होंने अस्पताल में आने वाले मरीजों के साथ अच्छा व्यवहार करने एवं बाहर से दवाई ना लिखने को लेकर दिशा-निर्देश दिया।

सीएमओ डॉ राजेश झा सबसे पहले सीएचसी भटहट पहुंचे। अस्पताल परिसर, प्रसव कक्ष, लैब कक्ष का हाल जाना और आवश्यक दिशा निर्देश दिया सीएमओ ने सीएचसी पर मौजूद सुविधाओं के बारे में विस्तार से जानकारी ली और मरीजों-तीमारदारों से अस्पताल में मिलने वाली सुविधाओं के बारे में हाल जाना। उन्होंने चिकित्सा अधिकारी व स्टाफ को मरीजों के साथ बेहतर व्यवहार करने और किसी भी आवश्यकता पर तुरंत सूचित करने के निर्देश दिए।

इसके बाद सीएमओ सीएचसी चरगांवा पहुंचे। वहां उन्होंने सीएचसी के प्रसव कक्ष, स्टोर रूम, दवा कक्ष, वार्ड का हाल जाना और संतुष्ट दिखे । इसके बाद शौचालय की साफ सफाई व ओपीडी में आए मरीजों को मिलने वाली स्वास्थ्य व्यवस्था का जायजा लेकर प्रसव वार्ड में पहुंचे। वहां उन्होंने मरीजों से विभाग की ओर से मिलने वाली सुविधाओं के बारे में पूछताछ किया ।

इसी क्रम में सीएमओ सीएचसी पिपरौली पहुंचे। वहां भी उन्होंने प्रसव कक्ष, स्टोर रूम, दवा कक्ष, वार्ड, डेंटल कक्ष का हाल जाना और जरूरी जानकारी लिया। औषधि भंडार में दवाओं की उपलब्धता, लैब में हो रही जांच के बारे में जाना। सीएमओ ने सीएचसी अधीक्षक और उपस्थित अन्य स्वास्थ्य कर्मियों से कहा कि लोगों में सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति विश्वास जगाना बहुत आवश्यक है । इसके लिए जरूरी है कि एक तो उन्हें स्वास्थ्य सेवाओं की जानकारी हो और दूसरा उनके साथ स्वास्थ्य कर्मियों का व्यवहार सरल और दोस्ताना हो। उन्हें यह विश्वास हो कि सीएचसी पर उनकी स्वास्थ्य समस्या का निदान हो जायेगा और उनके साथ किसी भी तरह का दुर्व्यवहार नहीं किया जायेगा।

इस दौरान एसीएमओ डॉ एके चौधरी, डिप्टी सीएमओ डॉ अश्विनी चौरसिया सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।