आस्था का पर्व सरहुल बाहा राजकीय महोत्सव में ठोल मजीरों पर थिड़के विधायक
पूर्णिया हांसदा, मुंशीबाड़ी बनवासी कल्याण आश्रम परिसर में प्रकृति प्रेम और आस्था का पर्व सरहुल बाहा राजकीय महोत्सव पर आदिवासी पाहन ने सरना माता एवं प्रकृति की पूजा मुंशीबाड़ी मंदिर में की | सरना माता की पूजा एवं भव्य नगर शोभा यात्रा में विधायक विजय खेमका कार्यकर्ताओं के साथ शामिल हुए | भव्य नगर शोभा यात्रा में बड़ी संख्या में अपने पारंपरिक परिधान में शामिल आदिवासी भाई बहनों के साथ पूरे समाज की भागीदारी रही । सरहुल पर्व में विभिन्न स्थानों से आए हजारों आदिवासी महिला पुरुष पारंपरिक वेशभूषा धारण किए हुए थे । जहाँ पुरुष ढोल, नगाड़ा, नाल, झाल सहित कई वाद्य यंत्रों को बजाते हुए शोभा यात्रा में थे वहीँ आदिवासी बहनें अपनी पारंपरिक नृत्य की प्रस्तुति करते हुए शोभा यात्रा में चल रही थी | बनवासी कल्याण आश्रम के कार्यकर्त्ता काफी संख्या में सरहुल शोभा यात्रा में शामिल थे | शोभा यात्रा में विधायक विजय खेमका आदिवासी नेता बिरसा तिर्की, लक्ष्मी भाऊ उरांव, मरहंग उरांव, परमेश्वर मुर्मू, जितेन्द्र उरांव, डॉ० हरिनंदन राय, हरिलाल उरांव वार्ड पार्षद, मेरिस्टीला टोप्पो, अनिल उरांव, लखेंद्र कुमार साह, निरंजन उरांव, आनंद लाकडा, विकास सोरेन तथा सरहुल पूजा समिति के सदस्य सहित हजारों आदिवासी महिला पुरुष नृत्य गान करते हुए यात्रा की शोभा बढ़ा रहे थे । इस अवसर पर विधायक ने कहा कि सरहुल बाहा पर्व को राजकीय महोत्सव का दर्जा मिलना पूर्णिया एवं आदिवासी समाज के लिए प्रसन्नता का विषय है । विधायक ने कहा सरहुल बाहा महोत्सव आदिवासी समाज की सांस्कृतिक विरासत और प्रकृति के प्रति आस्था का प्रतिक है | मुझे पूरा विश्वास है कि यह महोत्सव हमारी संस्कृति और परम्पराओं की जड़ों को और अधिक सुदृढ़ करेगा | विधायक श्री खेमका ने सरहुल पूजा पर आदिवासी भाईयों बहनों को शुभकामनायें दी |
Apr 08 2025, 18:00