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महिला खिलाडिय़ों के लिए महिला कोच की आवश्यकता नहीं, पुरुष ही हैं बेस्ट कोच – बृजभूषण शरण सिंह

रायपुर- महिला खिलाड़ियों के लिए महिला कोच की आवश्यकता को नकारते हुए भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि महिला के साथ महिला कोच होने की गारंटी आप नहीं दे सकते. सिर्फ महिला कोच का ऑप्शन नहीं है, क्योंकि बेस्ट कोच पुरुष ही हैं. 

राजधानी पहुँचे भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने चर्चा में महिला खिलाड़ियों के लिए महिला कोच की आवश्यकता के पत्रकारों के सवाल को ही गलत बताते हुए कहा कि इस बात की गारंटी नहीं दे सकते. हां, पांच में से दो कोच महिलाएं होना अनिवार्य है. हर गेम में महिला कोच भी अनिवार्य है, लेकिन आज भी बेस्ट कोच पुरुष ही है.

उन्होंने कहा कि एक तरफ बराबरी के दर्जे की बात चल रही है और दूसरी ओर इस तरह की बात हो रही है. पुरुष वर्ग को उठाकर फेंकने की आप बात कर रहे हैं. ऐसा है तो फिर घर में भी कमरा अलग कर दिया जाए. पुरुषों को अलग ही रख देना चाहिए. वहीं क्रिकेट की तरह रेसलिंग में भी महिलाओं की अलग बॉडी बनाने को लेकर कहा कि वर्ल्ड बॉडी ही ये कर सकती है. खेल इंडिपेंडेंट बॉडी है, इसकी इंटरनेशनल बॉडी जो लागू करेगी वहीं मान्य होगा.

पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने वहीं छत्तीसगढ़ में रेसलिंग के खिलाड़ियों को सपोर्ट न मिलने को लेकर कहा कि आप मेडल लेकर आएंगे, तब सरकार का ध्यान जाएगा. डिस्ट्रिक्ट लेवल, नेशनल लेवल पर मेडल लाइए. किसी के घर जाकर कोई सपोर्ट नहीं करता.

भारत में स्पोर्ट्स को लेकर उन्होंने कहा कि सरकार अच्छा काम कर रही है. मोदी के कार्यकाल में भारत का स्पोर्ट्स बढ़ रहा है. खेल का इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ा है, खेलों इंडिया कार्यक्रम से भी बढ़ा है. कुश्ती में मेडल गारंटी है, ओलंपिक मेडल आ रहे है. वहीं दौरे को लेकर कहा कि शिवरीनारायण मंदिर जाकर दर्शन करेंगे. रितेश्वर महाराज से मुलाकात करेंगे.

कांग्रेस ने की 11 जिलों में जिला अध्यक्ष की नियुक्ति, जानिए किसे मिली कहां की जिम्मेदारी

रायपुर- छत्तीसगढ़ के 11 जिलों में कांग्रेस ने जिला अध्यक्षों की नियुक्ति की है. AICC ने इस संबंध में आदेश जारी किया है.

  

तस्करी की आशंका: एक महीने पहले जलाशय में मिला भालू का शव, बिना पोस्टमार्टम के दफनाया, फॉरेस्ट गार्ड और डिप्टी रेंजर को शो कॉज नोटिस जारी…

बालोद- छत्तीसगढ़ के बालोद से आज एक चौंका देने वाला मामला सामने आया है. बीते महीने जिले के हर्राठेमा वन परिक्षेत्र में 24 फरवरी को तांदुला जलाशय के किनारे एक भालू का शव संदिग्ध परिस्थितियों में मिला था. इसकी जानकारी नियमानुसार DFO कार्यालय को दिया जाना था, लेकिन वनकर्मी और विभागीय अधिकारियों ने उच्च अधिकारियों को सूचित न करते हुए गोपनीय तरीके से मृत भालू के शव को दफना दिया. इस घटना का खुलासा होते ही वन विभाग में हड़कंप मच गया. 

मामले के खुलासे के बाद DFO के निर्देशानुसार बालोद वन विभाग और वेटनारी डॉक्टर तांदुला जलाशय के किनारे घटना स्थल पहुंचे और खुदाई कर भालू के शव को बाहर निकाले. वहीं बालोद DFO ने इस मामले में तत्काल फॉरेस्ट गार्ड और डिप्टी रेंजर को कारण बताओ नोटिस जारी कर 24 घंटे के भीतर जवाब मांगा है. साथ ही देर होने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी भी दी है.

इस मामले के उजागर होने के बाद वन विभाग के अधिकारी कर्मचारियों के जानवरों के अंगों की तस्करी में शामिल होने की आशंका जताई जा रही है. हालांकि भालू के शव के पोस्टमॉर्टम और जांच पूरी होने के बाद ही मामले की पूरी सच्चाई सामने आ सकेगी.

देखें शो कॉज लेटर की कॉपी:

सतत् सीखने से ही जनप्रतिनिधियों की भूमिका होगी प्रभावी: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

रायपुर- हम सभी के बीच मतभेद हो सकते है लेकिन मनभेद नहीं होना चाहिए और छत्तीसगढ़ विधानसभा के सदस्यों में यह बात हमेशा से कायम है। छत्तीसगढ़ का विकास हमारा मूल उद्देश्य है और जनप्रतिनिधि के रूप में हमें प्रदेशवासियों के हित में सदैव समर्पित होकर काम करना है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने छत्तीसगढ़ विधानसभा के सदस्यों के लिए भारतीय प्रबंध संस्थान रायपुर में आज आयोजित दो दिवसीय पब्लिक लीडरशिप प्रोग्राम के शुभारंभ सत्र को संबोधित करते हुए यह बात कही।

सीखने की कोई उम्र नहीं होती, नेतृत्व क्षमता में निरंतर निखार जरूरी

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने मन की बात कार्यक्रम में हमेशा सीखते रहने की बात करते है और निश्चित रूप से सीखने की कोई उम्र नहीं होती है। यहां कई ऐसे विधायक मौजूद है, जिनका जनप्रतिनिधि के रूप में लंबा अनुभव है, लेकिन वे भी इस कार्यक्रम को लेकर बहुत अधिक उत्साहित है। श्री साय ने कहा कि आप सभी सदस्यों की मौजूदगी यह साबित करती है कि छत्तीसगढ़ के विकास को लेकर आप कितने चिंतित भी है और उत्साहित भी है।

श्री साय ने कहा कि जनप्रतिनिधि के रूप में आमजनों से आपका व्यवहार सबसे बड़ी पूंजी है और यह लोगों के मन में आपके और संसदीय व्यवस्था के प्रति विश्वास को अधिक मजबूत करेगा।

नवीन समाधानों को साझा करने और विकसित छत्तीसगढ़ 2047 के लक्ष्य को पाने में प्रशिक्षण कार्यक्रम उपयोगी

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यह पब्लिक लीडरशिप प्रोग्राम नवीन समाधानों को साझा करने का मजबूत मंच है और विकसित छत्तीसगढ़ 2047 के लक्ष्य को पाने में यह उपयोगी और सार्थक सिद्ध होगा। मुख्यमंत्री श्री साय ने छत्तीसगढ़ शासन द्वारा सुशासन की संकल्पना को स्थापित करने के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि ई ऑफिस की व्यवस्था से प्रशासनिक दक्षता के साथ-साथ पारदर्शिता भी बढ़ी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि हमें प्रदेश को आगे ले जाना है तो सभी प्रकार की चुनौतियों से निपटने के लिए समान रूप से तैयार रहना होगा। उन्होंने सार्वजनिक हित में तकनीक के सदुपयोग पर विशेष जोर दिया।

मुख्यमंत्री श्री साय ने भारतीय प्रबंध संस्थान में पिछले वर्ष आयोजित चिंतन शिविर को भी अत्यधिक उपयोगी बताया। उन्होंने कहा कि चिंतन शिविर में हमने जो कुछ सीखा था, छत्तीसगढ़ के नीति निर्माण में हमने इसका भरपूर उपयोग किया है। विजन डॉक्यूमेंट से लेकर बजट तैयार करने में भी हमें इससे बड़ी मदद मिली। मुख्यमंत्री ने विधानसभा के सभी सदस्यों से दो दिवसीय सत्र का भरपूर लाभ लेने को कहा और प्रबंध संस्थान को सफल आयोजन की शुभकामनाएं दी।

विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने लीडरशिप प्रोग्राम को संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र में सभी सदस्य लगभग 1 महीने तक सक्रियता के साथ शामिल रहे और इसके तुरंत बाद इस दो दिवसीय आयोजन में आप सभी की उपस्थिति प्रशंसनीय है। उन्होंने कहा आप लोग सोच रहे होंगे कि जीतने के बाद हमारा प्रशिक्षण क्यों? जीतने के बाद हमारी जिम्मेदारी और भूमिका बढ़ जाती है, इसलिए हमें लगातार सीखते रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें केवल अपने क्षेत्र के लिए नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ की बेहतरी के लिए कार्य करना है।

डॉ. सिंह ने कहा कि हम अपने आसपास के परिवेश और राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य के प्रति कितने सजग है, जनप्रतिनिधि के रूप में आपको सफल बनाने में यह तथ्य महत्वपूर्ण होगा। उन्होंने कहा कि आपके पास अपने विधानसभा क्षेत्र की छोटी से छोटी जानकारी होनी चाहिए। डॉ. सिंह ने अपने मुख्यमंत्रित्व काल से जुड़े कई अनुभव साझा किए और जनता से व्यवहार, जुड़ाव और उनका भरोसा जीतने को लेकर अपने विचार व्यक्त किए।

नेता प्रतिपक्ष डॉ चरणदास मंहत ने कहा विधायक बनते ही हम लीडर बन गये, ऐसा सोचना गलत धारण होगी। लीडर बनना एक प्रक्रिया है और हमें यह सीखना होगा। उन्होंने कहा कि विषम परिस्थितियों से निकलकर जशपुर का एक आदिवासी बेटा आज मुख्यमंत्री बना है, यह हमारे लोकतंत्र की खूबसूरती और ताकत है। हम सभी का मुख्य उद्देश्य छत्तीसगढ़ की उन्नति है और इसी को लेकर आगे बढ़ने की जरूरत है।

कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ विधानसभा के सदस्यगण, नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रमण्यम, आईआईएम रायपुर के निदेशक राम कुमार, आईआईएम के प्रोफेसर सुमीत गुप्ता, प्रोफेसर संजीव पराशर, प्रोफेसर अर्चना पराशर उपस्थित थे।

ATS की बड़ी कार्रवाई: फर्जी दस्तावेजों से भारतीय पहचान बनाने वाले बांग्लादेशी घुसपैठियों के पासपोर्ट रद्द, मास्टरमाइंड फरार

रायपुर- छत्तीसगढ़ एंटी टेररिस्ट स्क्वाड (ATS) ने रायपुर से गिरफ्तार किए गए तीन बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए उनके पासपोर्ट निरस्त करवा दिए हैं। इसके अलावा, फर्जी आधार कार्ड और वोटर आईडी को भी रद्द करने के लिए संबंधित विभागों को पत्र भेजा गया है। तीनों बंगलादेशी मोहम्मद इस्माइल (27 साल), शेख अकबर (23 साल) और शेख साजन (22 साल) रिश्ते में भाई है और 8 फ़रवरी को रायपुर से मुंबई एयरपोर्ट पहुंचे थे, जहां से वे फर्जी दस्तावेजों के सहारे इराक भागने की फिराक में थे। लेकिन समय रहते ATS ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था।


फर्जी दस्तावेजों का जाल, बांग्लादेशी मास्टरमाइंड फरार

ATS की जांच में सामने आया कि ये तीनों बांग्लादेशी नागरिक रायपुर में मोहम्मद आरिफ नाम के व्यक्ति की मदद से आधार कार्ड, वोटर आईडी और पासपोर्ट बनवाने में सफल रहे थे। यह पूरा नेटवर्क एक संगठित गिरोह की तरह काम करता था, जिसे शेख अली नाम का व्यक्ति चला रहा था।

शेख अली लंबे समय से बांग्लादेशी घुसपैठियों के लिए फर्जी दस्तावेज बनवाकर उन्हें खाड़ी देशों में भेजने का काम कर रहा था। वह अब फरार हो चुका है और पुलिस को उसके बांग्लादेश भागने की आशंका है। शेख अली की तलाश में छत्तीसगढ़ पुलिस की एक टीम बांग्लादेश बॉर्डर तक गई, लेकिन फिलहाल वह हाथ नहीं लगा।

2017 से जारी था फर्जी दस्तावेज बनाने का खेल

ATS की जांच में पता चला है कि साल 2017 से यह गिरोह फर्जी दस्तावेजों के जरिए बांग्लादेशी नागरिकों को भारतीय नागरिकता दिलाकर खाड़ी देशों में भेजने का काम कर रहा था। रायपुर का चॉइस सेंटर संचालक मोहम्मद आरिफ भी इस गैंग का हिस्सा था, जो पैसों के बदले फर्जी आधार कार्ड और वोटर आईडी तैयार करता था। ATS को शक है कि इस गिरोह के जरिए कई और बांग्लादेशी भारत में अवैध रूप से रह रहे हैं और फर्जी दस्तावेजों के जरिए देश छोड़ने की फिराक में हैं। जल्द ही इस मामले में और खुलासे हो सकते हैं।

बिहार दिवस पर बवाल जारी, सीएम साय ने पीएम के नारे का दिया हवाला, पीसीसी चीफ बैज का सवाल- क्या बिहार में भी मनाएंगे छत्तीसगढ़ दिवस?

रायपुर-  छत्तीसगढ़ में सरकार के बिहार दिवस मनाए जाने पर मचा सियासी बवाल खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. एक तरफ मुख्यमंत्री विष्णु देव साय प्रधानमंत्री मोदी के ‘सबका साथ’ वाले नारे का हवाला दे रहे हैं, तो दूसरी ओर पीसीसी चीफ दीपक बैज सरकार पर आयोजन पर सवाल कर रहे हैं. 

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने मीडिया से चर्चा में कहा कि आज बिहार का स्थापना दिवस है. एक भारत, श्रेष्ठ भारत स्नेह मिलन कार्यक्रम का आयोजन है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी कहना है, सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास…

वहीं दूसरी ओर पीसीसी चीफ दीपक बैज ने सीएम साय से सवाल किया कि क्या बिहार के मुख्यमंत्री को छत्तीसगढ़ दिवस मनाने लिखेंगे चिट्ठी? उन्होंने कहा कि बीजेपी प्रदेश प्रभारी नितिन नबीन की चापलूसी करने बिहार दिवस मनाया जा रहा है.

कमीशन का लालच: सायबर ठगों को सौंपा अपना बैंक अकाउंट, 1 करोड़ 30 लाख का हुआ लेनदेन, 3 म्यूल खाताधारक गिरफ्तार…

मुंगेली- छत्तीसगढ़ में सायबर ठगी के बढ़ते मामलों को रोकने की दिशा में मुंगेली पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. SP भोजराम पटेल के निर्देशन में जिले में सायबर ठगों को अपना बैंक अकाउंट सौपने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई है. खातों में संदिग्ध लेन-देन की जानकारी मिलने पर पुलिस ने मामले की जांच की, जिसमें 1 करोड़ 30 लाख रूपये का लेन-देन किया गया था. कमिशन के लालच में सायबर अपराध में शामिल ऐसे 3 म्यूल खाताधारकों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.

क्या है पूरा मामला?

मुंगेली पुलिस ने सायबर ठगी में इस्तेमाल हो रहे म्यूल खातों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है. एसपी भोजराम पटेल के निर्देश पर म्यूल खाताधारकों के खिलाफ जांच शुरू की गई, जिसमें पाया गया कि इन खातों का उपयोग साइबर ठगों द्वारा ठगी से प्राप्त रकम के लेन-देन के लिए किया जा रहा था. पुलिस ने साइबर अपराध समन्वय केंद्र और पुलिस मुख्यालय रायपुर की तकनीकी टीम से मिली जानकारी के आधार पर जांच शुरू की. इस दौरान विभिन्न बैंक शाखाओं में 5 लाख 76 हजार रुपये का संदिग्ध लेन-देन सामने आया.

जांच में क्या खुलासा हुआ?

पुलिस ने 2 मार्च 2025 को 22 बैंक खाताधारकों और अन्य संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ धोखाधड़ी और संगठित अपराध के तहत मामला दर्ज किया. जांच में यह सामने आया कि संजीव जांगड़े नामक व्यक्ति ने कमीशन के लालच में अपना बैंक खाता, आधार कार्ड, एटीएम और मोबाइल नंबर ईश्वर घृतलहरे को 12,000 रुपये में बेच दिया था. ईश्वर ने इसके बाद 10,000 रुपये कमीशन लेकर सेवकराम साहू को बेच दिया. इस प्रक्रिया में इन तीनों आरोपियों के बैंक खातों से 1 करोड़ 30 लाख रुपये का लेन-देन हुआ.

आरोपियों की पहचान:

  1. संजीव जांगड़े (35 वर्ष), निवासी बोदा, थाना फास्टरपुर
  2. ईश्वर सिंह घृतलहरे (47 वर्ष), निवासी सेमरचुवा, थाना फास्टरपुर
  3. सेवकराम साहू (40 वर्ष), निवासी चिखली, थाना भोरमदेव, जिला कबीरधाम

ये तीनों आरोपी साइबर ठगों को अपने बैंक खाते देने के बदले कमीशन लेते थे, और इन खातों का उपयोग ठगी से प्राप्त पैसे को ट्रांसफर करने और निकालने के लिए किया जाता था. पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय के आदेश पर जेल भेज दिया है, और अन्य आरोपियों की तलाश जारी है.

म्यूल अकाउंट क्या होता है?

म्यूल अकाउंट ऐसे बैंक खाते होते हैं, जिन्हें साइबर ठग धोखाधड़ी की रकम ट्रांसफर करने के लिए उपयोग करते हैं. साइबर अपराधी इन खातों का उपयोग यूपीआई के जरिए बिना बैंक गए पैसे एक अकाउंट से दूसरे अकाउंट में ट्रांसफर करने में करते हैं. इन खातों को बेचने वाले लोग अक्सर कमीशन के लालच में अपनी जानकारी साइबर ठगों को देते हैं, जिससे धोखाधड़ी की रकम इनके खातों में जमा होती है.

पुलिस की अपील

पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल ने कहा कि जांच अभी भी जारी है, और साइबर ठगी से जुड़ी सभी जानकारी एकत्रित की जा रही है. उन्होंने आम जनता से अपील की कि वे किसी भी लालच में आकर अपना खाता, एटीएम, सिमकार्ड या अन्य जानकारी साइबर ठगों को न दें. यदि कोई इस प्रकार का धोखाधड़ी करता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

CGMSC घोटाला : सात दिन की पुलिस रिमांड पर भेजे गए पांचों आरोपी, EOW की विशेष अदालत ने सुनाया फैसला…

रायपुर- छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कार्पोरेशन (CGMSC) में करोड़ों के रीएजेंट खरीदी घोटाले में ईओडब्लू की विशेष अदालत ने पांच आरोपियों को सात दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है. ईओडब्ल्यू ने आरोपियों की 15 दिन की रिमांड मांगी थी. 

ईओडब्ल्यू ने दो आईएएस समेत CGMSC और हेल्थ विभाग के दर्जन भर अधिकारियों को तलब कर लंबी पूछताछ करने के बाद की पांचों लोगों को देर रात गिरफ्तार किया था. इसके बाद आज सुबह ईओडब्ल्यू की विशेष अदालत में पेश किया गया. ईओडब्ल्यू की ओर से मामले की तह तक जाने के लिए आरोपियों की 15 दिन की पुलिस रिमांड मांगी थी. विशेष अदालत के न्यायधीश ने सुनवाई के बाद सात दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया.

मामले में CGMSC के तत्कालीन प्रभारी महाप्रबंधक उपकरण एवं उप प्रबंधक क्रय एवं संचालन बसंत कुमार कौशिक, तत्कालीन बायोमेडिकल इंजीनियर छिरोध रौतिया, तत्कालीन उप प्रबंधक उपकरण कमलकांत, तत्कालीन डिप्टी डायरेक्टर स्टोर डॉ. अनिल परसाई, तत्कालीन बायोमेडिकल इंजीनियर दीपक कुमार बाँधे विशेष अदालत के फैसले के बाद अब 28 मार्च तक रिमांड पर रहेंगे.

बता दें कि कांग्रेस शासनकाल में स्वास्थ्य विभाग के CGMSC ने मोक्षित कॉरपोरेशन के माध्यम से छत्तीसगढ़ की राजकोष को किस तरह से खाली किया है इस पूरे मामले को लेकर 660 करोड़ रुपए के गोल-माल को लेकर भारतीय लेखा एंव लेखापरीक्षा विभाग के प्रिंसिपल अकाउंटेंट जनरल (ऑडिट) आईएएस यशवंत कुमार ने एडिशनल चीफ सेक्रेटरी मनोज कुमार पिंगआ को पत्र लिखा था।

दो साल के ऑडिट में खुली थी पोल

लेखा परीक्षा की टीम की ओर से CGMSC की सप्लाई दवा और उपकरण को लेकर वित्त वर्ष 2022-24 और 2023-24 के दस्तावेज को खंगाला गया तो कंपनी ने बिना बजट आवंटन के 660 करोड़ रुपये की खरीदी की थी, जिसे ऑडिट टीम ने पकड़ लिया था. ऑडिट में पाया गया है कि पिछले दो सालों में आवश्यकता से ज्यादा खरीदे केमिकल और उपकरण को खपाने के चक्कर में नियम कानून को भी दरकिनार किया गया.

बिना जरूरत की हॉस्पिटलों को सप्लाई

प्रदेश के 776 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों सप्लाई की गई, जिनमें से 350 से अधिक ही प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र ऐसे हैं, जिसमें कोई तकनीकी, जनशक्ति और भंडारण सुविधा उपलब्ध ही नहीं थी. ऑडिट टीम के अनुसार DHS ने स्वास्थ्य देखभाल की सुविधाओं में बेसलाइन सर्वेक्षण और अंतर विश्लेषण किए बिना ही उपकरणों और रीएजेंट मांग पत्र जारी किया था..

कोयला चोरी कर भाग रहे बदमाशों ने पुलिस की गाड़ी को मारी टक्कर, बाल-बाल बचे पुलिसकर्मी, आरोपी गिरफ्तार

सूरजपुर- जिले में कोयला चोर बेखौफ होकर घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं. विश्रामपुर पुलिस ने एसईसीएल में कोयला चोरी मामले में कार्रवाई करते हुए 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों के कब्जे से छोटा हाथी में लोड 70 बोरी कोयला बरामद किया गया है.

जानकारी के मुताबिक, एसईसीएल में दो व्यक्ति कोयला को गाड़ी में भरकर चोरी कर ले जा रहे थे. शुक्रवार देर रात पेट्रोलिंग के दौरान पुलिस ने वाहन को रोकने का प्रयास किया. इस बीच वाहन चालक ने रोकने की बजाय पुलिस वाहन को टक्कर मारकर भागने की कोशिश की. हालांकि पुलिस टीम बाल-बाल बची और वाहन को रोकने में सफलता हासिल की.

पुलिस ने छोटा हाथी में लोड 70 बोरी कोयला को जब्त किया. साथ ही दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया है. वहीं पुलिस मामले की आगे की कार्रवाई में जुट गई है.

15,00,00,000 की ठगी का छत्तीसगढ़ पुलिस ने किया खुलासा, क्रिप्टोकरेंसी में होता था लेन-देन…

बिलासपुर- ऑनलाइन ठगी को अंजाम देने वाले अंतर्राज्यीय गिरोह का बिलासपुर पुलिस ने पर्दाफाश किया है. ऑनलाइन जॉब और वेबसाइट में इन्वेस्टमेंट का झांसा देकर ठगी को अंजाम देने वाले तीन शातिर आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. आरोपियों ने 15 करोड़ से अधिक की राशि का USDT और क्रिप्टोकरेंसी में लेन-देन भी किया है. 

दरअसल, शहर के मोपका निवासी शिक्षक सौरभ साहू बीते दिनों साइबर फ्रॉड के शिकार हुए थे. ऑनलाइन जॉब और वेबसाइट में इन्वेस्टमेंट का झांसा देकर ठगों ने शिक्षक से 48 लाख की ठगी की थी.

रेंज साइबर पुलिस ने केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू की. तकनीकी साक्ष्यों के साथ पुलिस को इसमें बड़े गिरोह के शामिल होने और आरोपियों के ठाणे, महाराष्ट्र में होने की सूचना मिली. टीम ने थाणे में दबिश देकर आरोपी शाकिब अंसारी, अंसारी मेराज और अंसारी फ़ुजैल को गिरफ्तार किया.

जांच में पता चला कि तीनों आरोपी ऑनलाइन गेमिंग, ट्रेडिंग, वर्क फ्राम होम, रेटिंग रिव्यू, बीमा पॉलिसी और डिजिटल अरेस्ट के नाम पर अधिक लाभ दिलाने का झांसा देकर ऑनलाइन ठगी करते थे. इसके लिए फर्जी सिम और बैंक खातों का उपयोग किया जाता था.

आरोपियों ने इसके लिए 50 लाख रुपए में करीब 100 खाते खरीदे थे. जांच में यूएसडीटी और क्रिप्टोकरेंसी में 15 करोड़ से अधिक के लेनदेन की भी जानकारी सामने आई है. ठगी के रकम से आरोपियों ने जमीन भी खरीदा है. आरोपियों से 13 नग मोबाइल, फर्जी सिम कार्ड, बैंक पासबुक और एटीएम कार्ड जप्त किया गया है. आरोपियों के खिलाफ साइबर, आईटी एक्ट व धोखाधड़ी का केस दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है.