मधुमक्खी पालन सेमिनार: किसानों को मधुमक्खी पालन के बताए गए फायदे
हजारीबाग:- कृषि,पशुपालन एवं सहकारिता विभाग (उद्यान प्रभाग) के तत्वाधान में जिला उद्यान कार्यालय हजारीबाग के द्वारा नगर भवन में आयोजित मधुमक्खी पालन से संबंधित दो दिवसीय सेमिनार संपन्न हुई।
सेमिनार के दूसरे दिन संयुक्त कृषि निदेशक ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में मधुमक्खी पालन से संबंधित केन्द्र सरकार प्रायोजित National Beekeeping and Honey Mission (NBHM) योजनान्तर्गत नगर भवन, हजारीबाग में दो दिवसीय जिला स्तरीय सेमिनार का आयोजन किया गया है।
इस योजना के अन्तर्गत 25 माहिलाओं का स्वंय सहायता समुह का गठन कर महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है। लघु एवं सीमांत कृषकों की आय को दुगुनी करना, पोषणीय एवं पार्यावरण सुरक्षा को बढ़ावा देना है। साथ ही किसानों के बीच मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देना एवं जागरुक्ता पैदा करना है।
कार्यक्रम में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, गोरिया करमा हजारीबाग के वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ निरंजन कुमार ने कहा कि मधुमक्खियों को घरों में रखकर उनसे शहद, मोम और अन्य उत्पाद आदि की प्राप्ति के लिए मधुमक्खियाँ पाली जातीं हैं। यह एक कृषि उद्योग है।
मधुमक्खियां फूलों के रस को शहद में बदल देती हैं और उन्हें छत्तों में जमा करती हैं। मधुमक्खी पालन के आसपास केमिकल स्प्रे, परफ्यूम जैसे केमिकल का इस्तेमाल नहीं करनी चाहिए। उन्होंने बताया कि शहद ठंड के दिनों में अक्सर जम जाया करती है इसीलिए जमे हुए शहद को नकली नहीं कहा जा सकता है।
मधुमक्खी पालन करके किसान अपने आमदनी के स्रोत को बढ़ा सकते हैं। कृषक शहद को बेचने के लिए ई-कॉमर्स जैसे प्लेटफार्म का इस्तेमाल कर सकते हैं। सेमिनार में संयुक्त कृषि निदेशक, उ०छो०प्र० सह- उप निदेशक, उद्यान सह जिला कृषि पदाधिकारी हजारीबाग श्री उमेश तिर्की, उप निदेशक प्रक्षेत्र हजारीबाग श्री संजय कु० पाण्डेय, जिला उद्यान पदाधिकारी हजारीबाग श्री राज कुमार साहु, सहायक निदेशक उद्यान श्रीमति निकिता कुमारी, सहायक निदेशक (सांख्यिकी एवं मूल्यांकन) श्री रंधीर टोप्पो, परियोजना निदेशक आत्मा हजारीबाग, श्री विलसन कुजुर, श्री कुलदीप ओहदार, श्री उपेन्द्र कु०, श्री राजेश कु० गुप्ता, जिला हजारीबाग के सभी प्रखण्ड के उद्यान मित्र, मधुमक्खी पालन से संबंधित किसान एवं प्रगतिशील कृषक उक्त सेमिनार में उपस्थित हुए।
Mar 20 2025, 18:32