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नेपाल में योगी आदित्यनाथ की तस्वीर को लेकर क्यों मचा बवाल, राजशाही की मांग के बीच ये कैसी चर्चा?

#yogi_adityanath_trends_in_nepal

नेपाल में इस वक्त राजशाही के समर्थन में जबरदस्त प्रदर्शन हो रहे हैं। राजतंत्र के समर्थन में लोग सड़कों पर उतर रहे हैं। राजतंत्र के समर्थन करने वाले लोग नेपाल में राजशाही और हिन्दू राष्ट्र की बहाली की माँग कर रहे हैं। इस बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इन दिनों पड़ोसी देश नेपाल में खूब चर्चा में बने हुए हैं। योगी के एक पोस्टर ने नेपाल की राजनीति में उथल-पुथल कर दी है।

साल 2006 में नेपाल में राजशाही का अंत हो गया था। हाल ही में नेपाल के पूर्व राजा ज्ञानेंद्र की काठमांडू में मजबूत वापसी हुई है। ज्ञानेंद्र जब काठमांडू एयरपोर्ट पर उतरे तो उनके स्वागत में करीब 10 हजार नेपाली नागरिक सड़कों पर मौजूद थे। नेपाल में राजशाही खत्म होने के बाद यह पहला मौका है, जब ज्ञानेंद्र के समर्थन में एक साथ इतने लोगों को देखा गया। रविवार को काठमांडू में ज्ञानेंद्र के स्वागत में आई भीड़ में से एक शख़्स ज्ञानेंद्र की तस्वीर के साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तस्वीर लेकर खड़ा था।योगी आदित्यनाथ की तस्वीर दिखने के बाद से नेपाल में बहस शुरू हो गई है कि क्या इस आंदोलन का भारत से भी संबंध है?

राजधानी काठमांडू में हाल ही में हजारों लोगों ने जुटकर लोकतांत्रिक तौर पर चुनी गई सरकार के विरोध में आवाज बुलंद की और देश में एक बार फिर राजशाही को लौटाने की मांग की। इस घटना के बाद नेपाल में लोकतांत्रिक व्यवस्था को लेकर सवाल उठने लगे हैं। हालांकि, इस पूरे मामले में नया मोड़ तब आ गया, जब ऐसी ही एक रैली में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का पोस्टर लहराया गया। महज एक पोस्टर को लेकर बवाल इतना बढ़ गया कि मसले पर नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली तक कूद पड़े और वार-पलटवार का दौर शुरू हो गया।

नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने राजशाही के समर्थन में किए गए प्रदर्शनों पर तो टिप्पणी नहीं की, लेकिन उन्होंने इन रैलियों में योगी आदित्यनाथ की तस्वीरों को लेकर कटाक्ष किया। ओली ने कहा कि किसी देश को ऐसी स्थिति में नहीं होनी चाहिए, जहां विदेशी नेताओं की तस्वीरों का इस्तेमाल प्रदर्शनों में हो। ओली के समर्थकों ने भी इस दौरान आरोप लगाया कि ज्ञानेंद्र के समर्थन के पीछे भारत का हाथ है।

नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (एकीकृत मार्क्सवादी-लेनिनवादी) की केंद्रीय समिति के सदस्य विष्णु रिजाल ने ज्ञानेंद्र और योगी की उस तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा है, ये 1950 का दौर नहीं है, जब भारतीय दूतावास में शरण लेने दिल्ली पहुँचे त्रिभुवन शाह को भारत ने फिर से राजगद्दी पर बैठा दिया था। बेहतर होगा कि जनआंदोलन के बाद राजशाही से बेदख़ल हुए ज्ञानेंद्र फिर से राजगद्दी के लिए लार ना टपकाएँ।

विष्णु रिजाल ने लिखा है, जिस योगी की तस्वीर को लेकर प्रदर्शन किया गया, उसी योगी ने ज्ञानेंद्र को कुंभ में हिस्सा लेने के लिए नहीं बुलाया जबकि इसी कुंभ में 50 करोड़ लोगों ने डुबकी लगाई। ऐसा तब है, जब ज्ञानेंद्र ख़ुद को हिन्दू हृदय सम्राट कहते हैं। गणतंत्र का विरोध करते हुए उन्होंने इसे विदेशियों की व्यवस्था कहा है। ऐसा कहकर उन्होंने जनता का अपमान तो किया ही है लेकिन फिर से राजा बनने के लिए विदेशियों की दलाली करने से कथित राष्ट्रवाद का मुखौटा भी अच्छी तरह से उतर गया है। योगी की तस्वीर का हवाला देकर विष्णु रिजाल कह रहे हैं कि ज्ञानेंद्र राजा बनने के लिए 'विदेशियों की दलाली कर रहे हैं'।

हालांकि, नेपाल नरेश ने इन दावों को सिरे से खारिज कर दिया। उनकी तरफ से कहा गया कि रैली में योगी आदित्यनाथ के पोस्टर राजशाही समर्थक आंदोलन की छवि खराब करने की कोशिश है। उन्होंने इसके पीछे केपी शर्मा ओली के नेतृत्व वाली सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने ओली सरकार पर रैली में घुसपैठ कराने का आरोप भी लगाया।

यूपी सीएम के नेपाल राजपरिवार से अच्छे रिश्ते जगजाहिर हैं। दरअसल, योगी आदित्यनाथ गोरखनाथ मठ से हैं, जिसका नेपाल के राजपरिवार के साथ ऐतिहासिक रिश्ता रहा है। इस मठ को स्थापित करने वाले बाबा गोरखनाथ नेपाल पर कई वर्षों तक शासन करने वाले शाह परिवार के इष्टदेव रहे हैं।

इतना ही नहीं ज्ञानेंद्र शाह के भाई बीरेंद्र शाह ने लंबे समय तक योगी आदित्यनाथ के गुरु रहे महंत अवैद्यनाथ की गुरु के तौर पर सेवा की है। राजा बनने के बाद बीरेंद्र 1992 में खुद गाड़ी चलाकर काठमांडू से गोरखपुर मठ तक पहुंचे थे। माना जाता है कि 1990 में जब नेपाल में संविधान संशोधन किया गया तब महंत अवैद्यनाथ की सलाह पर ही राजा बीरेंद्र ने नेपाल को हिंदू राष्ट्र के तौर पर आगे बढ़ाने का फैसला किया।

नेपाल राजपरिवार और गोरखनाथ मठ के यह करीबी रिश्ते नेपाल के लोकतंत्र बनने के बाद भी जारी रहे हैं। 2015 में जब नेपाल में भीषण भूकंप आए थे, तब गोरखपुर के सांसद रहे योगी आदित्यनाथ ने सीमाई इलाकों पर खुद निर्माण कार्यों की निगरानी की थी। इतना ही नहीं राहत और बचाव कार्यों में मठ के कई लोग भी जुटे थे।

वहीं, काठमांडू पोस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक नेपाल की सियासत में सक्रिय होने से पहले ज्ञानेंद्र लखनऊ में योगी आदित्यनाथ से मिले थे। दोनों के मुलाकात की एक तस्वीर भी मीडिया में आई थी। दोनों क्यों मिले, इसकी जानकारी न तो ज्ञानेंद्र ने और न ही योगी आदित्यनाथ ने दी थी। रिपोर्ट के मुताबिक, 81 फीसदी हिंदू बहुल वाले नेपाल में योगी को एक कट्टर और आदर्श हिंदू नेता के रूप में देखा जाता है।

दूसरे देशों में फंसे भारतीयों को वापस ला रही सरकार, जानें कैसी आई ऐसी नौबत

#indians_rescued_from_myanmar_online_scam

दुनियाभर में ऑनलाइन स्कैम का जाल तेजी से फैल रहे हैं। लोगों को आकर्षक नौकरी, निवेश या अन्य प्रलोभनों का लालच देते हैं और फिर उन्हें जबरन धोखाधड़ी वाले कामों में धकेल देते हैं। म्यांमार, कंबोडिया और कई अन्य देशों में ऐसे स्कैम हब फल-फूल रहे हैं। इसी तरह के गैर-कानूनी काम के चंगुल में फंसे 266 लोगों को भारत सरकार वापस लाई है।इसकी जानकारी विदेश मंत्रालय (एमईए) के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बुधवार को दी।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि भारत सरकार ने कल भारतीय वायुसेना के विमान से 266 भारतीयों की सुरक्षित वापसी की व्यवस्था की। जिन्हें दक्षिण पूर्व एशिया के साइबर अपराध केंद्रों से रिहा कराया गया। इससे पहले सोमवार को भी इसी तरह 283 भारतीयों को वापस लाया गया था। उन्होंने आगे कहा कि भारतीय दूतावास ने म्यांमार और थाईलैंड सरकारों के साथ मिलकर उनकी रिहाई सुनिश्चित करने और उनके स्वदेश वापसी में सहायता करने के लिए काम किया है।

भारत सरकार ने सी-17 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट भेजकर इन लोगों को भारत वापस लाया, जिनमें 266 पुरुषों और 17 महिलाएं शामिल है। सभी लोगों इससे पहले सात बसों के जरिए थाईलैंड के माई सॉट हवाई अड्डे तक पहुंचाया। इसके अलावा, तीन बसों से उनके सामान को भी लाया गया। अब अगले दिन 257 और भारतीयों को वापस लाने की योजना है।

बीते कुछ हफ्तों में इन ऑनलाइन स्कैम सेंटरों से कम से कम 24 देशों के लगभग 7,000 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है । सैन्य शासन वाले म्यान्मार के इस हिस्से में कानून-व्यवस्था ढेर हो चुकी है। रिहा कराए गए लोगों में ज्यादातर चीनी नागरिक हैं। चीन अब तक 2,000 से ज्यादा नागरिकों को वापस ला चुका है और इन सभी को अपराधी मानते हुए हथकड़ी लगाकर लाया गया। चीन इन स्कैम नेटवर्क को खत्म करने के लिए बड़े स्तर पर कार्रवाई कर रहा है।

म्यांमार के अपराधग्रस्त सीमावर्ती इलाकों में ये ठगी के केंद्र बड़े पैमाने पर एक्टिव हैं। यहां लोगों को अच्छी नौकरी का झांसा देकर बुलाया जाता है, लेकिन वहां उन्हें ऑनलाइन धोखाधड़ी जैसे रोमांस और इन्वेस्टमेंट स्कैम में काम करने के लिए मजबूर किया जाता है। कई लोग शोषण और दुर्व्यवहार का शिकार होते हैं। विदेशी दबाव के बाद म्यान्मार प्रशासन ने अरबों डॉलर के इस अवैध आपराधिक ‘उद्योग’ पर कार्रवाई की है। संयुक्त राष्ट्र के ड्रग्स एंड क्राइम्स ऑफिस का अनुमान है कि सिर्फ एशिया में ही साल 2023 में ऐसे ‘स्कैमों’ की वजह से लगभग 18 अरब डॉलर से लेकर 37 अरब डॉलर तक का संभावित नुकसान हुआ है।

भारत और मॉरीशस के बीच अहम समझौते, जानें किन मुद्दों पर बनी बात?

#agreementsbetweenindiaandmauritius

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस वक्‍त मॉरिशस में हैं। पीएम मोदी और मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम ने बुधवार को प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता की। इसके बाद दोनों की मौजूदगी में भारत और मॉरीशस के बीच अहम समझौते भी किए गए। दोनों देशों ने आज 8 सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर किए। इस दौरान दोनों नोताओं ने संयुक्त बयान भी जारी किया।

अपने मॉरीशस दौरे के दूसरे दिन प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत-मॉरीशस साझेदार नहीं, एक दूसरे का हमदर्द है। भारत और मॉरीशस साझेदारी को और मजबूत करेंगे। दोनों देशों का संबंध केवल हिंद महासागर से ही नहीं, बल्कि हमारी साझी सांस्कृतिक परंपराओं और मूल्यों से भी जुड़ा है। मॉरीशस के विकास योजनाओं में भारत बड़ी भूमिका निभाएगा। दोनों देशों के उभरते क्षेत्रों में हमारा दृष्टिकोण साझा है। पीएम मोदी ने कहा कि रक्षा हो या शिक्षा, भारत-मॉरीशस साथ खड़े हैं।

पीएम रामगुलाम के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि प्राकृतिक आपदा हो या कोविड की विपदा, हमने हमेशा एक दूसरे का साथ दिया है। रक्षा हो या शिक्षा, स्वास्थ्य हो या स्पेस, हम हर क्षेत्र में कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं। पिछले 10 साल में हमने अपने संबंधों में कई नए आयाम जोड़े हैं। विकास सहयोग और क्षमता निर्माण में नए कीर्तिमान स्थापित किए गए हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि मैं और प्रधानमंत्री जी सहमत हैं कि रक्षा सहयोग और मैरीटाइम सिक्योरिटी हमारी स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप का अहम हिस्सा है। फ्री, ओपन, सेक्योर एंड सेफ इंडियन ओसियन हमारी साझी प्राथमिकता है। हम मॉरीशस के एक्सक्लूसिव इकोनॉमिक जोन की सुरक्षा में पूर्ण सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। ग्लोबल साउथ हो, हिंद महासागर हो या अफ्रीकन भू-भाग, मॉरीशस हमारा महत्वपूर्ण साझीदार है। 10 साल पहले, विजन SAGAR यानि Security and Growth for All in the Region की आधारशिला यहीं मॉरीशस में रखी गई थी। इस पूरे क्षेत्र की स्थिरता और समृद्धि के लिए हम SAGAR विजन लेकर चले हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'मॉरीशस में गति के लिए मेट्रो एक्सप्रेस, न्याय के लिए सुप्रीम कोर्ट भवन, सुखद प्रवास के लिए सोशल हाउसिंग, अच्छे स्वास्थ्य के लिए ईएनटी अस्पताल, व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए UPI और RUPAY कार्ड, सस्ती और बेहतर गुणवत्ता वाली दवाओं के लिए जन औषधि केंद्र, ऐसी अनेक जन केंद्रित पहल हैं, जिन्हें हमने समयबद्ध तरीके से पूरा किया है।

पीएम मोदी ने कहा, 'आज, प्रधानमंत्री नवीन चंद्र रामगुलाम और मैंने भारत-मॉरीशस साझेदारी को 'बढ़ी हुई रणनीतिक साझेदारी' का दर्जा देने का निर्णय लिया है। हमने निर्णय लिया है कि भारत मॉरीशस में नए संसद भवन के निर्माण में सहयोग करेगा। यह लोकतंत्र की जननी की ओर से मॉरीशस को एक भेंट होगी।

भारत और मॉरीशस ने इन आठ समझौता पर किए हस्ताक्षर

1. स्थानीय मुद्रा निपटान प्रणाली पर मॉरीशस के केंद्रीय बैंक और भारतीय रिजर्व बैंक के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर

2. पाइप बदलने के कार्यक्रम के तहत केंद्रीय जल प्राधिकरण की ओर से चल रही परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए मॉरीशस सरकार और भारतीय स्टेट बैंक के बीच ऋण सुविधा पर समझौता

3. राजनयिकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम पर भारतीय विदेश सेवा संस्थान और मॉरीशस के विदेश, क्षेत्रीय एकीकरण और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मंत्रालय के बीच समझौता ज्ञापन

4. भारतीय नौसेना और मॉरीशस पुलिस बल के बीच श्वेत शिपिंग सूचना साझा करने पर तकनीकी समझौता

5. मॉरीशस के वित्तीय अपराध आयोग और भारत के प्रवर्तन निदेशालय के बीच समझौता ज्ञापन

6. मॉरीशस के उद्योग, एसएमई और सहकारिता मंत्रालय तथा भारत के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय के बीच सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम के क्षेत्र में सहयोग पर समझौता ज्ञापन

7. मॉरीशस के लोक सेवा और प्रशासनिक सुधार मंत्रालय तथा भारत के प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग के राष्ट्रीय सुशासन केंद्र के बीच लोक अधिकारियों के प्रशिक्षण पर समझौता ज्ञापन

8. भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र, भारत के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय और मॉरीशस के प्रधान मंत्री कार्यालय के महाद्वीपीय शेल्फ, समुद्री क्षेत्र प्रशासन और अन्वेषण विभाग के बीच समझौता ज्ञापन

धरती पर जल्द लौटेंगी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स, जानें पृथ्वी पर वापसी का क्या है नासा का मिशन

#sunitawilliamsreturn_date

सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर लंबे समय से अंतरिक्ष में रह रहे हैं। भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बैरी विलमोर बीते नौ महीने से अंतरिक्ष में फंसे हुए हैं। विलियम्स और बुच विल्मोर आखिरकार पृथ्वी पर लौटने की तैयारी कर रहे हैं। बताया जा रहा है वो अगले हफ्ते तक धरती पर वापसी कर सकते हैं। वे स्पेसएक्स के क्रू ड्रैगन कैप्सूल में सवार होकर वापस यात्रा करेंगे।

नासा के अधिकारियों ने पुष्टि की है कि यह जोड़ी 16 मार्च को पृथ्वी पर लौटेगी। विलियम्स और विलमोर को 5 जून, 2024 को एक क्रू फ्लाइट टेस्ट पर लॉन्च किया गया था। हालांकि, उनके कैप्सूल में लगातार गड़बड़ियां आने के बाद, वे आईएसएस पर रह रहे हैं। अंतरिक्ष यात्रियों को स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान पर लगभग 10 दिनों के लिए रहना था, लेकिन उनके कैप्सूल में समस्याएं आने के कारण एजेंसी को उनकी वापसी को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करना पड़ा।

नासा का क्रू-10 मिशन 12 मार्च को लॉन्च होगा। इस मिशन के लिए इस्तेमाल होने वाला स्पेसएक्स ड्रैगन कैप्सूल लॉन्च साइट पर पहुंच चुका है। सोमवार को क्रू-10 मिशन के सदस्यों के साथ नासा और स्पेसएक्स ने 12 मार्च के लॉन्च का पूर्वाअभ्यास भी कर लिया। इस मिशन के साथ ही भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके साथी बैरी विल्मोर जल्द ही अंतरिक्ष से पृथ्वी पर लौटने की उम्मीदें बढ़ गई हैं।

विलियम्स समेत चार अंतरिक्ष यात्री लौटेंगे

नासा का स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान पिछले साल सितंबर में बिना क्रू के वापस आया था। बाद में, नासा के अंतरिक्ष यात्री निक हेग और कॉस्मोनॉट अलेक्जेंडर गोरबुनोव को स्पेसएक्स क्रू-9 मिशन पर आईएसएस पर भेजा गया, जिसमें फंसे हुए अंतरिक्ष यात्रियों के लिए दो सीटें आरक्षित थीं। लेकिन वो मिशन भी विफल रहा। वे मूल रूप से फरवरी में लौटने वाले थे। अब सभी चारों अंतरिक्ष यात्री 16 मार्च को एक साथ लौटेंगे।

किस मिशन पर सुनीता?

5 जून 2024 को नासा का बोइंग क्रू फ्लाइट टेस्ट मिशन लॉन्च किया गया था। इस मिशन के तहत नासा ने अपने दो अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बैरी बुच विल्मोर को आठ दिन की यात्रा पर भेजा। दोनों को स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान के जरिए मिशन में भेजा गया था। यह अंतरिक्ष यात्रियों के साथ अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) के लिए स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान की पहली उड़ान थी। जिस मिशन पर सुनीता और बैरी हैं वो नासा का व्यावसायिक क्रू कार्यक्रम का हिस्सा है। दरअसल, नासा का लक्ष्य है कि वह अमेरिका के निजी उद्योग के साथ साझेदारी में अमेरिका से अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन तक सुरक्षित, विश्वसनीय और कम लागत के मानव मिशन भेजे। इसी उद्देश्य से यह टेस्ट मिशन लॉन्च किया गया था।

हरियाणा में बीजेपी की आंधीः निकाय चुनाव में बीजेपी को 10 में से 9 पर मिली जीत, कांग्रेस साफ

#haryananikaychunav_result

हरियाणा निकाय चुनाव के नतीजे बीजेपी को खुश करने वाले हैं। विधानसभा चुनाव के बाद निकाय चुनाव में भी पार्टी ने बड़ी जीत हासिल की है।10 नगर निगमों में से 9 पर बीजेपी को जीत मिली है। पानीपत, गुरुग्राम, फरीदाबाद, अंबाला, यमुनानगर, हिसार, करनाल, रोहतक, सोनीपत नगर निगमों में बीजेपी को जीत मिली। वहीं मानेसर में निर्दलीय उम्मीदवार की जीत हुई है। कांग्रेस सभी 10 नगर निगमों में हार गई। हरियाणा में 2 मार्च को नगर निकाय का चुनाव हुआ था।

जनता ने ट्रिपल इंजन की सरकार बनाई- नायब सिंह सैनी

हरियाणा नगर निगम चुनाव में बीजेपी की जीत पर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि आज आए स्थानीय निकाय चुनावों के नतीजों में हरियाणा की जनता ने ट्रिपल इंजन सरकार पर अपनी मुहर लगाई है। नायब सिंह सैनी ने कहा, मैं हरियाणा की जनता का तहे दिल से धन्यवाद करता हूं। चुनाव आयोग और सभी अधिकारियों को शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव संपन्न कराने के लिए धन्यवाद देता हूं। हमारी स्थानीय निकाय सरकार और यह ट्रिपल इंजन सरकार पीएम नरेंद्र मोदी के 'विकसित भारत' के विजन को पूरा करने में अहम भूमिका निभाएगी।

निकाय चुनाव को लेकर कांग्रेस में उत्साह नहीं दिखा

निगम चुनाव में भाजपा ने जहां पूरा जोर लगाया, जबकि कांग्रेस में उत्साह नजर नहीं आया। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा चुनाव प्रचार करने तक नहीं आए। सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने ही चुनाव प्रचार की कमान संभाली। कांग्रेस विधायक बीबी बतरा व शकुंतला खटक ही अपने हलकों में प्रचार करते दिखे। दूसरी तरफ भाजपा पूरी ताकत लगा रखी थी। मुख्यमंत्री नायब सैनी न केवल मेयर प्रत्याशी का नामांकन कराने आए, बल्कि रोहतक से ही निकाय चुनाव के लिए संकल्प पत्र जारी किया गया। इसके अलावा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली, मंत्री अरविंद शर्मा, कृष्णलाल पंवार, कृष्ण बेदी, श्रुति चौधरी, विधानसभा के उपाध्यक्ष कृष्णलाल मिड्ढा व पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर ने प्रचार में भाग लिया।

पाकिस्तान में ट्रेन हाईजैक का ठीकरा भारत पर फोड़ा, शहबाज के सलाहकार ने उगला जहर

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पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में मंगलवार को बलूच विद्रोहियों ने एक यात्री ट्रेन को हाईजैक कर लिया, जिसमें 500 से अधिक लोग सवार थे। अब पाकिस्तान ने ट्रेन हाईजैक का ठीकरा भारत पर फोड़ा है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के सलाहकार राणा सनाउल्लाह ने ट्रेन हाईजैक को लेकर भारत पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

पाकिस्तान, जो आतंकवादियों का सबसे सुरक्षित पनाहगाह है, जहां दर्जनों आतंकी संगठन फल-फूल रहे हैं, उसने भारत के खिलाफ हमेसा से जहर उगला है। अब जबकि पाकिस्तान में ट्रेन हाईजैक की जिम्मेदारी खुद बलूट विद्रोही ले चुके हैं, शहबाज शरीफ के सलाहकार राणा सनाउल्लाह ने कहा है कि ट्रेन अपहरण कांड के पीछे भारत के हाथ हैं।

राणा सनाउल्लाह ने डॉन से बात करते हुए कहा है कि अफगानिस्तान के अंदर से भारत इन्हें ऑपरेट कर रहा है। राणा सनाउल्लाह से डॉन के एंकर ने पूछा था कि क्या अफगानिस्तान के अंदर तहरीक-ए-तालिबान से बलूचों को मदद मिलती है, क्या इनके आपस में संबंध हैं? इस सवाल का जवाब देते हुए राणा सनाउल्लाह ने कहा कि ये इंडिया कर रहा है। इसमें कोई शक नहीं है। और उसके बाद उन्हें सेफ हेवन अफगानिस्तान में मिला है।

राणा सनाउल्लाह ने आरोप लगाते हुए कहा कि हां, भारत दोनों (टीटीपी और बीएलए) का समर्थन कर रहा है और उनके पास अफगानिस्तान जैसा सुरक्षित ठिकाना है। अफगानिस्तान में घात लगाने की सुविधा होने के कारण उनके ऑपरेशन बढ़ गए हैं। तालिबान के सत्ता में आने से पहले ये घात लगाने की सुविधा उनके पास नहीं थी। हमने अफगानिस्तान को सरकार के स्तर पर कहा है कि वह यह सब बंद करे, नहीं तो हम वहां आकर इन घात लगाने वालों को निशाना बनाएंगे।

मंगलवार को एक सुरंग में बलूच आतंकवादियों की ओर से एक यात्री ट्रेन पर हमला किया गया। नौ डिब्बों में लगभग 500 यात्रियों को लेकर जफर एक्सप्रेस ट्रेन क्वेटा से खैबर पख्तूनख्वा के पेशावर जा रही थी। इसी दौरान हमला किया गया। जिनमें से सामान्य नागरिकों, महिलाओं और बच्चों को रिहा कर दिया गया है और पाकिस्तानी सेना के जवानों, खुफिया एजेंसियों के अधिकारियों और पाकिस्तान सरकार के अधिकारियों-कर्मचारियों को बंधक बनाकर रखा गया है। सुरक्षा बलों ने अभी तक 16 विद्रोहियों को मारने का दावा किया है, जबकि बलूचों ने 30 से ज्यादा पाकिस्तानी सेना के जवानों को मारने का दावा किया है। वहीं, बलूच विद्रोहियों ने 214 यात्रियों को बंधक बनाने का भी दावा किया है।

अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस आने वाले हैं भारत, टैरिफ और इमिग्रेशन पर मचे हड़कंप के बीच दौरा कितना अहम?

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अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस जल्द भारत की यात्रा पर आने वाले हैं। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उपराष्ट्रपति जे डी वेंस इस महीने के अंत में भारत की यात्रा कर सकते हैं। उनके साथ उनकी पत्नी अमेरिका की सेकंड लेडी उषा वेंस भी दौरे पर आएंगी। बता दें कि उषा वेंष भारतीय मूल की हैं।अमेरिका का उपराष्ट्रपति बनने के बाद जेडी वेंस की यह दूसरी विदेश यात्रा होगी। वेंस ने पिछले महीने फ्रांस और जर्मनी की अपनी पहली विदेश यात्रा की थी।

अमेरिकी मीडिया आउटलेट पॉलिटिको ने अपनी रिपोर्ट में इस बारे में जानकारी दी है। पॉलिटिको की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि वेंस अपनी पत्नी उषा वेंस के साथ इस महीने के अंत में भारत की यात्रा करेंगे। अखबार ने योजना की जानकारी रखने वाले तीन सूत्रों का हवाला देते हुए यह जानकारी दी है। भारत यात्रा के दौरान टैरिफ और आप्रवासन के मुद्दे पर बात हो सकती है।

इससे पहले पेरिस एआई एक्शन समिट के दौरान उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने अपने परिवार के साथ पीएम मोदी से मुलाकात की थी। इस दौरान पीएम मोदी को उन्होंने दयालु बताया था। पीएम मोदी ने जेडी वेंस के बच्चों को उपहार भी दिया था।

बता दें कि जेडी वेंस की पत्नी उषा वेंस के माता-पिता कृष चिलुकुरी और लक्ष्मी चिलुकुरी 1970 के दशक के अंत में भारत से अमेरिका चले गए थे। ऐसे में उषा वेंस की अमेरिका की द्वितीय महिला के रूप में भारत की यह यात्रा अपने पैतृक देश की पहली यात्रा होगी। उषा और जेडी की मुलाकात येल लॉ स्कूल में पढ़ाई के दौरान हुई थी। उषा एक मुकदमेबाज हैं और उन्होंने अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जॉन जी रॉबर्ट्स और डिस्ट्रिक्ट ऑफ कोलंबिया सर्किट के तत्कालीन अमेरिकी अपील कोर्ट के जज ब्रेट कैवनौघ के लिए क्लर्क का काम भी किया है। उनके पास येल विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से मास्टर डिग्री भी है, जहाँ वे गेट्स कैम्ब्रिज स्कॉलर थीं।

गोल्ड स्मगलिंग केसःरान्या राव की शादी में महंगे गिफ्ट देने वालों को क्यों तलाश रही सीबीआई?

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कन्नड़ एक्ट्रेस रान्या राव से जुड़े गोल्ड स्मगलिंग केस में जांच जारी है। मामले को केंद्रीय जांच ब्यूरो ने अपने हाथ में ले लिया है और जांच तेज कर दी है। इस सिलसिले में अधिकारियों ने बेंगलुरु में कई जगहों पर छापेमारी की। रान्या के घर और कर्नाटक इंडस्ट्रियल एरियाज डेवलपमेंट बोर्ड के ऑफिस की तलाशी ली गई। इसके अलावा सीबीआई की टीम उस होटल पहुंची जहां रान्या की शादी हुई थी। सूत्रों के मुताबिक, सीबीआई रान्या राव की शादी की फुटेज और मेहमानों की लिस्ट को बारीकी से चेक कर रही थी। दरअसल, उन लोगों की पहचान की जा रही है, जिन्होंने रान्या को महंगे गिफ्ट दिए थे।

कई हाई प्रोफाइल लोगों के शामिल होने की आशंका

सोना तस्करी मामले में जांच टीम को शक है कि अकेले रान्या ही नहीं बल्कि कई बड़े लोग शामिल हैं, आने वाले समय में कई हाई प्रोफाइल वाले नाम सामने आने की उम्मीद है। सीबीआई ने डीआरआई से मिली जानकारी के आधार पर एफआईआर दर्ज करने के बाद एक पहले अपनी जांच शुरु की। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सीबीआई का ध्यान एक्ट्रेस की शादी में आए मेहमानों की सूची पर है ताकि पता लगाया जा सके कि एक्ट्रेस को उनकी शादी में किसने महंगे उपहार दिए। एजेंसी महंगे गिफ्ट देने वालों और स्मगलिंग के धंधों के बीच संभावित कनेक्शन की तलाश कर रही है।

एयरपोर्ट पर तैनात प्रोटोकॉल अधिकारियों को भी नोटिस

सीबीआई ने कन्नड़ एक्ट्रेस रान्या राव से जुड़े सोने की तस्करी मामले में बेंगलुरु एयरपोर्ट पर तैनात चार प्रोटोकॉल अधिकारियों को भी नोटिस जारी किया है। इन अधिकारियों को राज्य सरकार की तरफ से अप्वाइंट किया गया था। सूत्रों की माने तो सीबीआई ने इन अधिकारियों से भी पूछताछ की है। अधिकारी इस बात की जांच में जुटे हुए हैं कि कहीं एयरपोर्ट को कोई अधिकारी इस पूरी तस्करी में शामिल तो नहीं है, जो रान्या और उसके जैसे कई और लोगों की मदद कर रहा हो।

बीजेपी सरकार आने दो, मुस्लिम विधायकों को उठाकर बाहर फेंक देंगे” सुवेंदु अधिकारी का विवादित बयान

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पश्चिम बंगाल में 2026 में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इसे लेकर सियासी पारा अभी से ही चढ़ गया है। इस बीच बंगाल में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने एक विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि बीजेपी अगली सरकार बनने पर मुस्लिम विधायकों को विधानसभा से बाहर फेंक देगी। अधिकारी के बयान पर राजनीति गरमा गई है।

पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी और तृणमूल कांग्रेस के बीच हमेशा से तनाव के हालात देखे गए हैं। दोनों दलों के बीच कई बार तीखी नोंकझोंक देखने को मिलती है।खास तौर पर नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले रहते हैं। यही वजह है कि उन्हें कई बार सदन से बाहर तक कर दिया गया है। पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुवेंदु अधिकारी को 17 फरवरी को विधानसभा से निलंबित कर दिया गया था और वो अब पूरे बजट सत्र के लिए निलंबित हो चुके हैं। इस बीच सुवेंदु अधिकारी नो मुसलमानों को लेकर तीखा बयान दिया है।

सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि भाजपा की सरकार बनने के बाद मुस्लिम विधायकों को शारीरिक रूप से विधानसभा से बाहर फेंक देंगे। उन्होंने राज्य की ममता सरकार पर हमला करते हुए कहा था कि यह सरकार सांप्रदायिक प्रशासन चला रही है औरउन्होंने इसे मुस्लिम लीग का दूसरा रूप भी करार दिया था। उन्होंने कहा, बंगाल की जनता इस बार इस सरकार को उखाड़ फेकेंगी।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी ने इस बयान का विरोध किया है। टीएमसी ने इसे नफरत फैलाने वाला भाषण बताया। टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि एक जनप्रतिनिधि को इस तरह की भाषा का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा, संसद या विधानसभा में बहस और तर्क हो सकते हैं। लेकिन किसी विशेष समुदाय के विधायकों को निशाना बनाना संविधान के सिद्धांतों के खिलाफ है। यह खतरनाक, भड़काऊ और अनैतिक है। यह एक आपराधिक अपराध भी है।

पाकिस्तान ट्रेन हाईजैकःसेना ने 100 से ज्यादा बंधकों को छुड़ाया, अब भी कैद में कई जिंदगियां

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पाकिस्तान के बलूचिस्तान में एक ट्रेन को हाईजैक कर लिया गया है। यह हाईजैक बलूच विद्रोहियों ने की है। पाकिस्तान में ट्रेन हाईजैक हुए 20 घंटे से ज्यादा का वक्त बीत चुका है, लेकिन पाकिस्तानी सेना अब तक बलूच विद्रोहियों के कब्जे से इस जफर एक्सप्रेस ट्रेन को छुड़ा नहीं पाई है। इस ट्रेन में सवार लोगों को बचाने के लिए पाकिस्तानी सेना ने पूरा जोर लगा दिया है। बलोच विद्रोहियों ने दावा किया है कि पाकिस्तान के 30 सैनिकों को मारा गया है। इस बीच पाकिस्तान सेना ने बड़ा एक्शन लिया है और 104 बंधकों को छुड़ा लिया है और रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। अभी तक मिली जानकारी के अनुसार अभी भी 100 लोग हाईजैकर्स की कैद में हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सुरक्षाबलों ने बीएलए की ओर से बंधक बनाए गए 104 लोगों को बचा लिया है। बचाए गए लोगों में 58 पुरुष, 31 महिलाएं और 15 बच्चे शामिल हैं। साथ ही सुरक्षाकर्मी शेष यात्रियों को सुरक्षित बचाने के लिए लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे हुए हैं। सेना की अब तक की कार्रवाई में बीएलए के 23 लड़ाकों को मार गिराया गया, जबकि कई अन्य घायल बताए जा रहे हैं।

मालूम हो कि मंगलवार को क्वेटा से पेशावर जा रही जाफर एक्सप्रेस को बलूच लिबरेशन आर्मी ने हाईजैक कर लिया था। नौ डिब्बों वाली इस ट्रेन में लगभग 500 यात्री सवार थे। जाफर एक्सप्रेस क्वेटा से खैबर पख्तूनख्वा के पेशावर जा रही थी तभी मंगलवार सुबह गुदलार और पीरू कोनेरी इलाकों के बीच उस पर गोलीबारी की गई। बलोच विद्रोहियों ने गुडालार और पीरू कुनरी के पहाड़ी इलाके में एक सुरंग के अंदर रोक लिया। आतंकियों के कब्जे के बाद इलाके में भारी गोलीबारी और धमाकों की आवाजें गूंज उठीं। बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है।

बता दें कि डेढ़ महीने बंद रहने के बाद बीते अक्तूबर में ही क्वेटा-पेशावर मार्ग पर रेल यातायात बहाल हुआ था। इस मार्ग पर ट्रेनों को रॉकेटों, रिमोट कंट्रोल वाले बमों से निशाना बनाया जाता रहा है और हर बार बीएलए ने ही हमलों की जिम्मेदारी ली है। बलूचिस्तान की आजादी को लेकर लड़ रहे बीएलए को पाकिस्तान, ब्रिटेन और अमेरिका ने प्रतिबंधित आतंकी संगठनों की सूची में डाल रखा है। अफगानिस्तान की सीमा पर स्थित बलूचिस्तान, पाकिस्तान की सरकार के लिए लगातार सिरदर्द बना हुआ है। नवंबर में क्वेटा रेलवे स्टेशन पर धमाके में 26 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 62 घायल हुए थे।