दूसरे देशों में फंसे भारतीयों को वापस ला रही सरकार, जानें कैसी आई ऐसी नौबत
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दुनियाभर में ऑनलाइन स्कैम का जाल तेजी से फैल रहे हैं। लोगों को आकर्षक नौकरी, निवेश या अन्य प्रलोभनों का लालच देते हैं और फिर उन्हें जबरन धोखाधड़ी वाले कामों में धकेल देते हैं। म्यांमार, कंबोडिया और कई अन्य देशों में ऐसे स्कैम हब फल-फूल रहे हैं। इसी तरह के गैर-कानूनी काम के चंगुल में फंसे 266 लोगों को भारत सरकार वापस लाई है।इसकी जानकारी विदेश मंत्रालय (एमईए) के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बुधवार को दी।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि भारत सरकार ने कल भारतीय वायुसेना के विमान से 266 भारतीयों की सुरक्षित वापसी की व्यवस्था की। जिन्हें दक्षिण पूर्व एशिया के साइबर अपराध केंद्रों से रिहा कराया गया। इससे पहले सोमवार को भी इसी तरह 283 भारतीयों को वापस लाया गया था। उन्होंने आगे कहा कि भारतीय दूतावास ने म्यांमार और थाईलैंड सरकारों के साथ मिलकर उनकी रिहाई सुनिश्चित करने और उनके स्वदेश वापसी में सहायता करने के लिए काम किया है।
भारत सरकार ने सी-17 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट भेजकर इन लोगों को भारत वापस लाया, जिनमें 266 पुरुषों और 17 महिलाएं शामिल है। सभी लोगों इससे पहले सात बसों के जरिए थाईलैंड के माई सॉट हवाई अड्डे तक पहुंचाया। इसके अलावा, तीन बसों से उनके सामान को भी लाया गया। अब अगले दिन 257 और भारतीयों को वापस लाने की योजना है।
बीते कुछ हफ्तों में इन ऑनलाइन स्कैम सेंटरों से कम से कम 24 देशों के लगभग 7,000 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है । सैन्य शासन वाले म्यान्मार के इस हिस्से में कानून-व्यवस्था ढेर हो चुकी है। रिहा कराए गए लोगों में ज्यादातर चीनी नागरिक हैं। चीन अब तक 2,000 से ज्यादा नागरिकों को वापस ला चुका है और इन सभी को अपराधी मानते हुए हथकड़ी लगाकर लाया गया। चीन इन स्कैम नेटवर्क को खत्म करने के लिए बड़े स्तर पर कार्रवाई कर रहा है।
म्यांमार के अपराधग्रस्त सीमावर्ती इलाकों में ये ठगी के केंद्र बड़े पैमाने पर एक्टिव हैं। यहां लोगों को अच्छी नौकरी का झांसा देकर बुलाया जाता है, लेकिन वहां उन्हें ऑनलाइन धोखाधड़ी जैसे रोमांस और इन्वेस्टमेंट स्कैम में काम करने के लिए मजबूर किया जाता है। कई लोग शोषण और दुर्व्यवहार का शिकार होते हैं। विदेशी दबाव के बाद म्यान्मार प्रशासन ने अरबों डॉलर के इस अवैध आपराधिक ‘उद्योग’ पर कार्रवाई की है। संयुक्त राष्ट्र के ड्रग्स एंड क्राइम्स ऑफिस का अनुमान है कि सिर्फ एशिया में ही साल 2023 में ऐसे ‘स्कैमों’ की वजह से लगभग 18 अरब डॉलर से लेकर 37 अरब डॉलर तक का संभावित नुकसान हुआ है।
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