कृति कृतिकार सम्मान 2025 से सम्मानित हुए डॉ विद्यासागर उपाध्याय
संजीव सिंह बलिया।लखनऊ पुस्तक मेला रवींद्रालय चारबाग में पण्डित वृजमोहन अवस्थी सुस्मृति संस्थान द्वारा आयोजित परिचर्चा और भव्य सम्मान समारोह में अपनी पुस्तक 'आदि शंकराचार्य विराट व्यक्तित्व एवं अद्वैत दर्शन' पर अपना पक्ष रखते हुए राष्ट्रवादी चिंतक और दार्शनिक डॉ विद्यासागर उपाध्याय ने कहा कि मुख्य रूप से छः आस्तिक दर्शन है सांख्य,योग,न्याय, वैशेषिक,मीमांसा और वेदांत। सत से असत की ओर ले जाने का प्रमुख मार्ग है वेदांत दर्शन।वेदान्त दर्शनों में सर्वदर्शन शिरोरत्नभूत अद्वैत दर्शन होता है। अद्वैत दर्शन के प्रवर्तक हैं भगवान आदि शंकराचार्य।एक समय विशेष पर जब प्रतीत हो रहा था कि सनातन वैदिक हिन्दू धर्म पूर्णतः विलुप्त हो जाएगा तब केरल प्रदेश के कालड़ी ग्राम में भगवान आदि शंकराचार्य जी का अभिर्भाव हुआ।जिन्होंने मात्र बत्तीस वर्ष की आयु में ही वो सारे कार्य संपन्न कर दिए जिसके बारे में सोचा भी नहीं जा सकता।प्रस्तुत कृति में उनके विराट व्यक्तित्व और अद्वैत दर्शन का शोधपरक वर्णन किया गया है। वर्तमान में अद्वैत वेदान्त को भारत का ऑफिशियल फिलासफी माना जाता है।अद्वैत वेदान्त का ईश्वर तात्विक और धार्मिक दोनों ही दृष्टि से उच्च स्थान रखता है वेदांत दर्शन की लंबी परम्परा में ईश्वर के स्वरूप को जीव से भिन्न नहीं माना गया है।वेदान्त शब्द अद्वैत के इसी दर्शन को दर्शाता है। कोई यह न समझे कि अद्वैत दर्शन मात्र आदि शंकराचार्य ने स्थापित किया। यह दर्शन अनादि काल से उपनिषदों में प्रकट हुआ है। भगवान आदि शंकराचार्य ने उपनिषद, ब्रह्मसूत्र और श्रीमद्भगवद्गीता का भाष्य करके अपने मत को पुष्ट किया।आज यदि सनातन धर्म दिखाई दे रहा है तो उसका मूल कारण आदि शंकराचार्य ही हैं।पुस्तक में उनका काल निर्धारण,उनका दिग्विजय,मंडन मिश्र से शास्त्रार्थ,मायावद, ब्रह्मवाद,जीववाद,सृष्टि वाद का सम्यक वर्णन करते हुए अद्वैत को समझाया गया है।साथ ही पुस्तक के अंत में दुर्लभ ग्रन्थ मठाम्नाय महानुशासनम का संकलन किया गया है जो शंकराचार्य द्वारा स्थापित चार मठों का नियामक संविधान है।कार्यक्रम में आपसी संवाद और प्रश्नोत्तर किया गया तथा विभिन्न बिंदुओं पर शंका समाधान भी किया गया।कार्यक्रम को वरिष्ठ साहित्यकार न्यायमूर्ति अशोक चौधरी, डॉ गंगा प्रसाद शर्मा गुणशेखर,फिल्म निर्माता दुर्गेश पाठक,दयानंद पाण्डेय, डॉ सत्या सिंह,केवल प्रसाद सत्यम, डॉ सुरभि सिंह,अनिल कुमार उपाध्याय,आशीष कुलश्रेष्ठ और रेनू शुक्ला ने संबोधित किया।विख्यात समीक्षक डॉ रिंकी ने आठ पुस्तकों की सारगर्भित समीक्षा प्रस्तुत किया।अंत में समस्त अभ्यागतों के प्रति आभार निबंधक सह प्रधान न्यायपीठ सचिव उच्च न्यायालय लखनऊ श्री महेंद्र अवस्थी ने व्यक्त किया।उपरोक्त सम्मान से डॉ उपाध्याय के प्रशंसकों में खुशी की लहर है।









लखनऊ पुस्तक मेला रवींद्रालय चारबाग में पण्डित वृजमोहन अवस्थी सुस्मृति संस्थान द्वारा आयोजित परिचर्चा और भव्य सम्मान समारोह में अपनी पुस्तक 'आदि शंकराचार्य विराट व्यक्तित्व एवं अद्वैत दर्शन' पर अपना पक्ष रखते हुए राष्ट्रवादी चिंतक और दार्शनिक डॉ विद्यासागर उपाध्याय ने कहा कि मुख्य रूप से छः आस्तिक दर्शन है सांख्य,योग,न्याय, वैशेषिक,मीमांसा और वेदांत। सत से असत की ओर ले जाने का प्रमुख मार्ग है वेदांत दर्शन।वेदान्त दर्शनों में सर्वदर्शन शिरोरत्नभूत अद्वैत दर्शन होता है। अद्वैत दर्शन के प्रवर्तक हैं भगवान आदि शंकराचार्य।एक समय विशेष पर जब प्रतीत हो रहा था कि सनातन वैदिक हिन्दू धर्म पूर्णतः विलुप्त हो जाएगा तब केरल प्रदेश के कालड़ी ग्राम में भगवान आदि शंकराचार्य जी का अभिर्भाव हुआ।जिन्होंने मात्र बत्तीस वर्ष की आयु में ही वो सारे कार्य संपन्न कर दिए जिसके बारे में सोचा भी नहीं जा सकता।प्रस्तुत कृति में उनके विराट व्यक्तित्व और अद्वैत दर्शन का शोधपरक वर्णन किया गया है। वर्तमान में अद्वैत वेदान्त को भारत का ऑफिशियल फिलासफी माना जाता है।अद्वैत वेदान्त का ईश्वर तात्विक और धार्मिक दोनों ही दृष्टि से उच्च स्थान रखता है वेदांत दर्शन की लंबी परम्परा में ईश्वर के स्वरूप को जीव से भिन्न नहीं माना गया है।वेदान्त शब्द अद्वैत के इसी दर्शन को दर्शाता है। कोई यह न समझे कि अद्वैत दर्शन मात्र आदि शंकराचार्य ने स्थापित किया। यह दर्शन अनादि काल से उपनिषदों में प्रकट हुआ है। भगवान आदि शंकराचार्य ने उपनिषद, ब्रह्मसूत्र और श्रीमद्भगवद्गीता का भाष्य करके अपने मत को पुष्ट किया।आज यदि सनातन धर्म दिखाई दे रहा है तो उसका मूल कारण आदि शंकराचार्य ही हैं।पुस्तक में उनका काल निर्धारण,उनका दिग्विजय,मंडन मिश्र से शास्त्रार्थ,मायावद, ब्रह्मवाद,जीववाद,सृष्टि वाद का सम्यक वर्णन करते हुए अद्वैत को समझाया गया है।साथ ही पुस्तक के अंत में दुर्लभ ग्रन्थ मठाम्नाय महानुशासनम का संकलन किया गया है जो शंकराचार्य द्वारा स्थापित चार मठों का नियामक संविधान है।कार्यक्रम में आपसी संवाद और प्रश्नोत्तर किया गया तथा विभिन्न बिंदुओं पर शंका समाधान भी किया गया।कार्यक्रम को वरिष्ठ साहित्यकार न्यायमूर्ति अशोक चौधरी, डॉ गंगा प्रसाद शर्मा गुणशेखर,फिल्म निर्माता दुर्गेश पाठक,दयानंद पाण्डेय, डॉ सत्या सिंह,केवल प्रसाद सत्यम, डॉ सुरभि सिंह,अनिल कुमार उपाध्याय,आशीष कुलश्रेष्ठ और रेनू शुक्ला ने संबोधित किया।विख्यात समीक्षक डॉ रिंकी ने आठ पुस्तकों की सारगर्भित समीक्षा प्रस्तुत किया।अंत में समस्त अभ्यागतों के प्रति आभार निबंधक सह प्रधान न्यायपीठ सचिव उच्च न्यायालय लखनऊ श्री महेंद्र अवस्थी ने व्यक्त किया।उपरोक्त सम्मान से डॉ उपाध्याय के प्रशंसकों में खुशी की लहर है।

नगरा(बलिया)। थाना समाधान दिवस का आयोजन शनिवार को नायब तहसीलदार की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ। इस मौके पर राजस्व सम्बन्धित चार मामले आए जिसमें एक का मौके पर ही निस्तारण कर दिया गया। जबकि तीन समस्याओं को समय बद्ध निस्तारण के निर्देश देते हुए सम्बन्धित विभागीय अधिकारियों को सौंप दिया गया। इस अवसर पर नायब तहसीलदार मनोज कुमार यादव, थानाध्यक्ष कौशल पाठक, राजस्व निरीक्षक गिरजा शंकर सिंह व ओमप्रकाश यादव सहित लेखपाल राहुल कुमार वर्मा, अर्जुन राम, अभिषेक सिंह, दिलशाद अख्तर, संजय चौरसिया आदि रहे।
बिगत दिनों गड़वार मार्ग पर सोमवार को हुई दुर्घटना में देरी से एंबुलेंस पहुंचने के मामले की जान शुरू हो चुकी है. बुधवार को एंबुलेंस संख्या 4836 के चालक सर्वेश कुमार व एमटी का स्थानांतरण नगरा से लखीमपुर जनपद में कर दिया गया है. आरएम सुमित कुमार सिंह ने बताया कि अभी करवाई और होगी. स्वास्थ्य विभाग में सरकारी एंबुलेंस के चालकों की मनमानी से दुर्घटना में घायलों की जान चली जाती है. चिलकहर और नगरा क्षेत्र में एंबुलेंस वाहन समय से मौके पर नहीं पहुंचते हैं. जिससे सड़क हादसे में लोगों की जान चली जाती है. पिछले दिनों दुर्घटना में मौत प्रकरण पर शासन ने पीएचसी नगरा पर तैनात एंबुलेंस के समय से नहीं पहुंचने प्रकरण की रिपोर्ट मांगी है. डॉ राहुल सिंह ने बताया कि नगरा में संचालित सरकारी एम्बुलेंसों की जानकारी मांगी गई है.
स्थानीय नगर पंचायत के चचया में 39 लाख रुपए की लागत से योगशाला का निर्माण होगा. इसके लिए स्थानीय स्तर पर प्रयास शुरू कर दिया गया है. नगर पंचायत के वार्ड नंबर 4 चचया में योगशाला के लिए भूमि चिन्हित कर ली गई है. हालांकि अभी शासन से धन स्वीकृत होना बाकी है. नगर पंचायत ने इसके लिए शासन को एस्टीमेट भेज दिया है. योगशाला में योग के लिए सारे उपकरण मौजूद रहेंगे सुबह शाम नगर पंचायत के युवा वहां जाकर व्यायाम करेंगे व योग सीखेंगे. नगर पंचायत वार्ड नंबर 4 के सभासद प्रतिनिधि लाल बहादुर सिंह का कहना है कि यह योगशाला यहां के युवाओं के लिए वरदान साबित होगी. अध्यक्ष इंदु देवी का कहना है कि योगशाला निर्माण के लिए शासन को एस्टीमेट भेज दिया गया है, धन स्वीकृत होते ही निर्माण शुरू कर दिया जाएगा.
ओमप्रकाश वर्मा नगरा(बलिया)। स्थानीय नगर पंचायत में 6 करोड रुपए खर्च कर विकास कार्य कराए जाएंगे. शासन की ओर से नगरोदय योजना के अंतर्गत बजट स्वीकृत की गई है. इसमें कान्हा गौशाला व एमआरएफ सेंटर का निर्माण कार्य शुरू होगा. जनहित के इन 10 कार्यों से नगर पंचायत की तस्वीर बदल जाएगी. सभासदों के दिए प्रस्ताव के अनुमोदन के साथ ही नगरोदय योजना से पंचफेड़वा पोखरी के दक्षिण घाट का सुंदरीकरण 40 लाख, चचया में व्यायाम शाला का निर्माण 40 लाख, नया विवाह घर एक करोड़ 15 लाख, स्टडी केंद्र व लाइब्रेरी के निर्माण पर एक करोड़ 25 लाख, छोटे-छोटे चार पोखरो के सुंदरीकरण पर 50 लख रुपए खर्च होंगे. वहीं 50 लख रुपए की लागत से कूड़ा निस्तारण केंद्र तथा बंद पड़ा कान्हा गौशाला का निर्माण कार्य एक करोड़ 65 लाख की धनराशि से होगा. इन सभी कार्यों के टेंडर प्रक्रिया पूर्ण करते हुए कार्य कराए जाएंगे. साथ ही 25 लाख रुपए की लागत से टूटी हुई सीसी सड़कों का मरम्मत कार्य कराया जाएगा साथ ही नगर के सभी मार्गों पर यूरिनल व तीन जगहो पर सामुदायिक शौचालय बनाने की कवायत तेज हो गई है. अधिशासी अधिकारी टीएन मिश्रा ने बताया कि कुछ कार्य निविदा प्रक्रिया में है. नगर पंचायत अध्यक्ष इंदु देवी ने कहा कि नगर पंचायत को आदर्श नगर पंचायत बनाया जाएगा, इसके लिए प्रयास जारी है.
महिला शिक्षक संघ नगरा की ब्लॉक अध्यक्ष नीता श्रीवास्तव ने अर्शिया अंसारी को विशेष उपहार देकर किए सम्मानित ।
ओमप्रकाश वर्मा नगरा(बलिया)। पुलिस अधीक्षक ओमवीर सिंह के कुशल निर्देशन में अपराध एवं अपराधियों के विरुद्ध चलाये जा रहे अभियान के क्रम में अपर पुलिस अधीक्षक (उत्तरी) अनिल कुमार झा के सफल पर्यवेक्षण व क्षेत्राधिकारी रसड़ा आशीष मिश्रा व थानाध्यक्ष कौशल कुमार पाठक थाना नगरा बलिया के कुशल नेतृत्व में थाना नगरा पुलिस को सफलता मिली है। उल्लेखनीय है कि थाना स्थानीय पर पंजीकृत मु0अ0सं0 54/2025 धारा 137(2), 87, 64(1) बीएनएस व 5L/6 पाक्सो एक्ट से सम्बन्धित वांछित अभियुक्त सचिन राजभर पुत्र रमेश राजभर निवासी ताड़ीबड़ागांव (बंजरिया) थाना नगरा जनपद बलिया को मुखबिर की सूचना पर ताड़ीबड़ागांव चट्टी से आगे भीमपुरा मार्ग से गिरफ्तार किया गया । गिरफ्तार अभियुक्त मु0अ0सं0 54/2025 धारा 137(2), 8ह7, 64(1) बीएनएस व 5L/6 पाक्सो एक्ट बीएनएस में वांछित अभियुक्त है, जिसको गिरफ्तारी का बोध कराते हुये समय करीब 14.00 बजे दिन में हिरासत पुलिस में लिया गया। थाना स्थानीय द्वारा विधिक कार्यवाही पूर्ण करते हुए चालान मा0 न्यायालय दाखिल किया गया।
सत्यम सिंह 'लाला' ने उनकी प्रतिमा पर फूल माला अर्पित कर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।इस अवसर पर उन्होंने संयुक्त रूप से कहा कि आज पिताजी की तीसरी पुण्यतिथि पर शत-शत नमन और भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ ।। पापा ! मैं हमेशा आपके सद्कर्मों और आदर्शों पर चलकर , आपके सामाजिक कार्य और प्रेरणादायी जीवन से सीख लेकर औऱ आपके द्वारा दिखाए गए रास्ते और संस्कारों को साथ लेकर हमेशा आगे बढ़ता रहूँगा । आपकी यादें हमारे दिलो में हमेशा बनी रहेगी ।पूर्व अवकाशप्राप्त शिक्षक भाई शैलेन्द्र सिंह व मुख्य अवर अभियंता भाई अनिल सिंह ने भी उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि बड़े भईयां के सपनों को पूरा करना घर परिवार का कर्तव्य होता है उनके ही छत्र छाया उनके ही आशीर्वाद से घर परिवार के लोग को इतने बड़े भारतीय प्रशासनिक पद व एक दर्जन से अधिक शिक्षा विभाग में कार्यरत है। उनके सपनों को घर परिवार के लोग लगातार पूरा कर रहे हैं यह हम सभी के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है।

Mar 08 2025, 22:32
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