पाकिस्तानी मुस्लिम हूं, मुझे वहां...', भारत प्रत्यार्पण से पहले तहव्वुर राणा का एक और दावं
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मुंबई हमले के आरोपी तहव्वुर राणा ने भारत प्रत्यर्पण किए जाने से बचने के लिए फिर नया दांव चला है। राणा ने अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि उनके प्रत्यर्पण पर इमरजेंसी स्टे लगाया जाए। राणा ने भारत में टॉर्चर मिलने का दावा करते हुए कहा कि अगर उसे प्रत्यर्पित किया गया, तो वह जिंदा नहीं रहेगा। बता दें कि इस महीने व्हाइट हाउस में भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात के वक्त डोनाल्ड ट्रंप ने तहव्वुर राणा को भारत भेजने की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि उनका प्रशासन मुंबई हमले के आरोपी तहव्वुर राणा को भारत भेजने के लिए तैयार है।
समाचार एजेंसी एएनआई ने तहव्वुर राणा की याचिका के हवाले से बताया है कि उसकी याचिका में कहा गया है कि यदि प्रत्यर्पण के आदेश को रोका नहीं गया तो कोई समीक्षा नहीं होगी और अमेरिकी अदालतें अपना अधिकार क्षेत्र खो देंगी और याचिकाकर्ता (राणा) जल्द ही मर जाएगा। उसने अपनी याचिका में कहा है कि उसके मुस्लिम धर्म, पाकिस्तानी मूल, आरोपों और पाकिस्तान से उसके संबंध की वजह से उसे भारत में यातनाएं दी जाएगी, जिससे उनकी जल्दी ही मौत हो जाएगी।
आतंकवादी तहव्वुर राणा ने अपनी याचिका में अपने बिगड़ते स्वास्थ्य का भी हवाला दिया है। उसने दावा किया है कि उसे कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हैं। उसके पेट में बीमारी है, जिसके फटने का खतरा है। इसके साथ ही उसने बताया है कि उसे पार्किंसंस नाम की बीमारी है, जिसकी वजह से वो चीजों को भूल जाता है। इसके अलावा उसने कहा है कि उसे कुछ ऐसे संकेत मिले हैं, कि उसके मूत्राशय में कैंसर होने का खतरा है। तहव्वुर राणा ने अपनी याचिका में आगे कहा है कि "उसे उस देश में नहीं भेजा जा सकता है, जहां उसे उसकी राष्ट्रीयता, उसके धर्म, उसकी संस्कृति और उसके मूल देश (पाकिस्तान) से दुश्मनी की वजह से उसे निशाना बनाया जाएगा।
राणा अभी कनाडा का नागरिक है, लेकिन उसकी जड़ें पाकिस्तान से जुड़ी हैं। तहव्वुर राणा का जन्म पाकिस्तान में हुआ था। उसने आर्मी मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई की और पाकिस्तान आर्मी में 10 साल तक बतौर डॉक्टर काम काम किया। लेकिन बाद में उसने नौकरी छोड़ दी। भारत सरकार उसे 2008 के मुंबई हमले में शामिल होने के कारण प्रत्यर्पित करना चाहती है। राणा पर आरोप है कि उसने डेविड हेडली (जिसका असली नाम दाऊद गिलानी था) की मदद की थी। राणा हेडली के लश्कर-ए-तैयबा से संबंधों को जानता था और उसने उसे फर्जी दस्तावेज मुहैया कराए थे। इनकी मदद से हेडली भारत आया और मुंबई हमले के लिए संभावित ठिकानों की रेकी की। यह हमला पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा ने किया था। इस हमले में 174 लोगों की मौत हुई थी।
Mar 06 2025, 20:05