ट्रंप की टैरिफ वाली धमकी, भारत पर क्या होगा असर?
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राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने साफ कर दिया है कि अमेरिका 2 अप्रैल से दुनियाभर के देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने जा रहा है। रेसिप्रोकल टैरिफ का मतलब है जो अमेरिका पर जितना टैरिफ लगाता है, अमेरिका भी उस देश पर उतना ही टैरिफ लगाएगा। इसका मतलब है कि कई देशों को अमेरिका में एक्सपोर्ट होने वाले सामान पर ज्यादा टैरिफ देना होगा। रेसिप्रोकल टैरिफ भारत के लिए भी काफी नुकसानदेह साबित हो सकता है। भारत के कई उद्योगों पर इसका सीधा असर देखने को मिलेगा।
अमेरिकी संसद को संबोधित करते हुए भी डोनाल्ड ट्रंप ने भारत का नाम लिया है और पारस्परिक टैरिफ लगाने की बात कही है। ट्रंप ने कहा, "अन्य देशों ने दशकों से हमारे खिलाफ टैरिफ का इस्तेमाल किया है। अब उन अन्य देशों के खिलाफ उनके हथियार का ही इस्तेमाल करने की हमारी बारी है। औसतन यूरोपीय संघ, चीन, ब्राजील, भारत और अनगिनत अन्य देश हमसे बहुत अधिक टैरिफ वसूलते हैं। उनकी तुलना में हम उनसे कम टैरिफ लेते हैं। यह बिल्कुल अनुचित है। अगले महीने से भारत के ऊपर अमेरिका का पारस्परिक टैरिफ सिस्टम शुरू हो जाएगा, यानि अमेरिकी सामानों पर भारत जितना टैरिफ लगाएगा, अमेरिका भी भारतीय सामानों पर उतना ही टैरिफ लगाएगा।
चीन से लेकर कनाडा तक डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ फैसलों पर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दे रहे हैं लेकिन भारत शांति का द्वीप बना हुआ है। ट्रंप के टैरिफ से दुनिया में उथल-पुथल है, जबकि डोनाल्ड ट्रंप पहले ही स्टील और एल्युमीनियम आयातों पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाकर भारत को बड़ा झटका दे चुके हैं फिर भी भारत शांत है।
इकोनॉमिक टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में ज्यादा समय तक शांति देखने को नहीं मिलेगी। भारत लंबे समय तक प्रभावित हुए बिना नहीं रह सकते हैं। भारत को अप्रैल महीने में टैरिफ युद्ध में फंसा लिया जाएगा जब पारस्परिक टैरिफ फैसला लागू हो जाएगा।
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में मामले से परिचित लोगों का हवाला देते हुए कहा गया है कि "भारतीय अधिकारी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की धमकी भरे पारस्परिक शुल्क से बचने के लिए कारों और रसायनों सहित कई तरह के आयातों पर शुल्क कम करने के तरीके तलाश रहे हैं। नई दिल्ली में अधिकारी ऑटोमोबाइल, कुछ कृषि उत्पादों, रसायनों, महत्वपूर्ण फार्मास्यूटिकल्स, साथ ही कुछ चिकित्सा उपकरणों और इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए शुल्क कम करने पर चर्चा कर रहे हैं।"
भारत को नुकसान का अनुमान
एक रिपोर्ट के मुताबिक ट्रंप द्वारा प्रस्तावित 100% टैरिफ भारत पर महत्वपूर्ण असर डाल सकती है, जिससे भारतीय निर्यातकों को लगभग 7 बिलियन डॉलर प्रति वर्ष का नुकसान होने का अनुमान लगाया गया है। अमेरिका के पारस्परिक टैरिफ को लेकर ऑटो इंडस्ट्री और कृषि इंडस्ट्री के कारोबारी टेंशन में हैं। यह टैरिफ खासतौर से ऑटोमोबाइल, कृषि, रसायन, धातु उत्पाद, आभूषण, फार्मास्यूटिकल्स और खाद्य उत्पादों जैसे क्षेत्रों को प्रभावित करेगा।
पीयूष गोयल अमेरिका दौरे पर
दूसरी तरफ, भारत के वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल इन मुद्दों पर चर्चा करने और संभावित व्यापार समझौतों पर बातचीत के लिए अमेरिका की यात्रा की है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत ने पहले ही कुछ वस्तुओं पर टैरिफ कम किए हैं और ऊर्जा आयात बढ़ाने के साथ-साथ रक्षा उपकरणों की खरीद भी बढ़ाई है ताकि दोनों देशों के बीच व्यापार तनाव को कम हो सके। बता दें कि इससे पहले पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान दोनों देशों ने 2025 की आखिर तक व्यापार समझौते के पहले खंड पर काम करने पर सहमति जताई है, जिसका लक्ष्य 2030 तक 500 बिलियन डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार करना है।
Mar 05 2025, 20:18