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यूक्रेन के चेर्नोबिल न्यूक्लियर प्लांट पर रूस का हमला, ड्रोन अटैक का वीडियो आया सामने


#russia_ukraine_war_chernobyl_reactor_shield_hit_by_drone 

रूस और यूक्रेन के बीच जंग रुकने का नाम नहीं ले रही है, पिछले कई महीने से ये जंग चल रही है और इसमें अब तक लाखों लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि, रूस-यूक्रेन के बीच जारी जंग को खत्म कराने की वैश्विक स्तर पर कोशिशें जारी है। इसी बीच अब यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की ने दावा किया है कि रूस ने यूक्रेन के न्यूक्लियर प्लांट पर हमला कर दिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह हमला चेर्नोबिल प्लांट के पूर्व चौथे पावर यूनिट के शेल्टर पर हुआ, जिससे वहां आग लग गई। हालांकि, यूक्रेनी अधिकारियों ने बताया कि आग पर काबू पा लिया गया है और अब तक रेडिएशन स्तर में कोई इजाफा दर्ज नहीं किया गया है।

जेलेंस्की ने कहा कि रूसी ड्रोन ने प्लांट के रेडिएशन शेल्टर को निशाना बनाया। यह शेल्टर पहले से ही नष्ट हो चुके रिएक्टर को ढंकने के लिए बनाया गया था। जेलेंस्की ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने एक पोस्ट में कहा, एक उच्च विस्फोटक वारहेड के साथ एक रूसी हमलावर ड्रोन ने नष्ट हो चुके चौथे पावर यूनिट पर रेडिएशन से दुनिया की रक्षा करने वाले शेल्टर पर हमला किया। 

जेलेंस्की ने बताया कि यूनिट को कवर करने वाला कंक्रीट शेल्टर क्षतिग्रस्त हो गया है, आग भी बुझा दी गई है।उन्होंने आगे कहा कि हमले के बाद रेडिएशन का लेवल नहीं बढ़ा है और लगातार निगरानी की जा रही है। उन्होंने कहा कि चेरनोबिल का यह सुरक्षात्मक आवरण यूक्रेन ने यूरोप, अमेरिका और अन्य देशों के साथ मिलकर बनाया था, जो सच्ची वैश्विक सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध हैं। उनके अनुसार, रूस एकमात्र ऐसा देश है जो इस प्रकार के स्थलों पर हमला करने, परमाणु संयंत्रों पर कब्जा करने और युद्ध को अंजाम देने में संकोच नहीं करता, जिससे यह पूरी दुनिया के लिए एक आतंकवादी खतरा बन गया है।

इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी (आईएईए) ने भी इस हमले की पुष्टि की। आईएईए ने कहा कि फायर सेफ्टी टीम कुछ ही मिनटों में घटनास्थल पर पहुंच गई थी। एजेंसी ने यह भी बताया कि हमले में कोई हताहत नहीं हुआ है और संयंत्र के अंदर और बाहर रेडिएशन का स्तर सामान्य बना हुआ है। आईएईए के निदेशक राफेल मारियानो ग्रॉसी ने चेतावनी देते हुए कहा कि ‘ऐसे हमलों के बीच किसी तरह की लापरवाही की कोई गुंजाइश नहीं है।’ उन्होंने यह भी कहा कि एजेंसी ‘हाई अलर्ट’ पर बनी हुई है।

बता दें कि चेर्नोबिल को दुनिया की सबसे बड़ी नागरिक परमाणु आपदा के लिए जाना जाता है। 1986 में इसके चार रिएक्टरों में से एक में विस्फोट हुआ था। इस दुर्घटना के बाद रेडियोएक्टिव रेडिएशन यूरोप के बड़े हिस्से में फैल गया था, जिससे लाखों लोगों की जान को खतरा हुआ था। उस रिएक्टर को अब तक प्रोटेक्टिव शेल्टर से घेर दिया गया है, ताकि विकिरण को रोका जा सके।

मुंबई हमले के गुनहगार तहव्वुर राणा का होगा भारत प्रत्यर्पण, ट्रंप की मंजूरी के बाद अब तक होगी वापसी


#donald_trump_approves_extradition_mumbai_terror_attack_tahawwur_rana 

मुंबई में 2008 में हुए आतंकवादी हमले के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक तहव्वुर राणा को अमेरिका भारत को सौंपने जा रहा है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस बात की मंजूरी दे दी है। उन्होंने कहा कि तहव्वुर राणा को भारत में न्याय का सामना करना होगा। ट्रंप ने ये ऐलान व्हाइट हाउस में पीएम मोदी के साथ एक जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिनों के अमेरिका के दौरे पर थे। पीएम मोदी के वॉशिंगटन पहुंचने पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ उनकी गर्मजोशी से मुलाकात हुई। मुलाकात के दौरान दोनों देशों के शीर्ष नेताओं के बीच कई अहम विषयों पर समझौते हुए। इस दौरान ट्रंप ने ऐलान किया कि मुंबई हमले के गुनहगार तहव्वुर राणा को भारत प्रत्यर्पण किया जाएगा।

पीएम मोदी और राष्‍ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच हुई द्विपक्षीय वार्ता के बाद साझा प्रेस कॉन्‍फ्रेंस के दौरान ट्रंप ने कहा, मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि हमारे प्रशासन ने 2008 के मुंबई आतंकवादी हमले के दोषी तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है। उसे भारत जाकर न्याय का सामना करना होगा।

ट्रंप के ऐलान के बाद आतंकी तहव्वुर राणा के अब बुरे दिन शुरू हो गए हैं। सरकारी सूत्रों का कहना है कि उन्हें कुछ हफ्तों में भारत लाया जा सकता है। इसके लिए एजेंसियां तैयारी में जुट गई हैं। सरकारी सूत्रों के अनुसार, कानूनी दस्तावेज और वारंट जारी कर अमेरिकी अधिकारियों के साथ साझा किए गए हैं।

सूत्रों ने कहा, अब जब एक राजनीतिक निर्णय लिया गया है, तो दोनों पक्ष तारीख और समय तय करेंगे। विदेश मंत्रालय अपने अमेरिकी समकक्ष के साथ तारीख तय करने के लिए संपर्क में है। विदेश मंत्रालय की मंजूरी मिलते ही एआईए अधिकारियों की एक टीम अमेरिका जाने की संभावना है।

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का 26/11 मुंबई हमले के दोषी तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी देना दोनों के बीच सुरक्षा सहयोग को और मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। तहव्वुर राणा पर 2008 के मुंबई हमले में साजिश रचने का आरोप है। उस पर आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा को समर्थन देने का भी आरोप हैं।

आरबीआई ने न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक पर लगाया बैन, डिपॉजिटर्स के पैसे निकालने पर भी लगी रोक

#rbi_imposes_several_restrictions_on_mumbai_based_new_india_co_op_bank 


रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक को बैन कर दिया है।बैंक के ग्राहक अपना पैसा भी नहीं निकाल सकते। यही नहीं, केंद्रीय बैंक ने इस बैंक पर नए लोन देने, पैसा जमा करने, एफडी आदि पर भी रोक लगा दी है। रिजर्व बैंक का कहना है कि बैंक की स्थिति सुधरने तक ये प्रतिबंध लागू रहेंगे। बैंक के इस एक्शन के बाद बैंक के सभी शाखाओं पर लोगों की भारी भीड़ देखी जा रही है। लोग परेशान हैं। उनकी मेहनत की कमाई बैंक में अटक गई है।

भारतीय रिजर्व बैंक ने न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक में भारी अनियमितताओं के चलते बैंक के कामकाज पर कई तरह के बैंकिंग कारोबार से जुड़े बैन लगा दिए हैं। बैंकिंग सेक्टर के रेगुलेटर भारतीय रिजर्व बैंक ने मुंबई बेस्ड न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक के कामकाज पर कई तरह के प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक अब ना तो कोई लोन दे सकेगा और ना कोई डिपॉजिट ले सकेगा। 

गुरुवार 13 फरवरी 2025 को भारतीय रिजर्व बैंक ने न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक में भारी अनियमितताओं के चलते बैंक के कामकाज पर कई तरह के बैंकिंग कारोबार से जुड़े बैन लगा दिए। आरबीआई ने घोषणा की है कि 13 फरवरी 2025 से न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक कोई भी नया लोन नहीं देगा। पुराने लोन को भी रिन्यू नहीं करेगा। नए निवेश या नई जमा राशि भी स्वीकार नहीं करेगा। किसी भी तरह का पेमेंट भी नहीं कर पाएगा। यहां तक कि अपनी कोई भी संपत्ति भी नहीं बेच पाएगा। यह पाबंदी 13 फरवरी 2025 से शुरू होकर अगले छह महीने तक लागू रहेगी।

आरबीआई के इस फैसले के बाद बैंक के डिपॉजिटर्स की मुसीबत बढ़ गई है। बैंक के खाताधारक अपने खाते से पैसे नहीं निकाल सकेंगे। 6 महीनों की रोक के बीच बैंक के हालात को सुधारने की कोशिश की जाएगी। छह महीने के बाद आरबीआई बैन के फैसले को रिव्यू करेगा।

मार्च 2024 के आखिर तक इस बैंक में कुल 2436 करोड़ रुपये जमा थे। जिन लोगों का पैसा इस बैंक में जमा है, उन्हें डिपॉजिट इंश्योरेंस स्कीम के तहत 5 लाख रुपये तक का बीमा मिलेगा। मतलब, अगर बैंक डूब भी जाता है तो भी आपको 5 लाख रुपये तक वापस मिल जाएंगे।

भारत को मिलने वाला है दुनिया का सबसे खतरनाक हथियार, क्या एफ-35 पर डील हो गई पक्की?


#donaldtrumpannouncedtogivef35fighterjetsto_india 

भारत को दुनिया का सबसे खतरनाक हथियार मिलने वाला है। दरअसल, अमेरिका ने भारत को दुनिया के सबसे खतरनाक स्टेल्थ फाइटर जेट F-35 बेचने की पेशकश कर दी है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को कहा कि अमेरिका भारत को एफ-35 स्टेल्थ फाइटर जेट बेचेगा। ट्रंप ने वॉशिंगटन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, इस साल से हम भारत को कई अरब डॉलर के हथियार बेचने जा रहे हैं। हम भारत को एफ-35 स्टेल्थ फाइटर जेट देने का रास्ता भी साफ कर रहे हैं।

ट्रंप की इस पेशकश के बाद भारत ने कहा है कि अमेरिका से F-35 लड़ाकू विमान खरीदने की प्रक्रिया अभी शुरू नहीं हुई है। यह अभी सिर्फ एक प्रस्ताव के स्तर पर है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मुलाकात के बाद विदेश सचिव विक्रम मिश्री ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया, यह अभी प्रस्ताव के चरण में है। मुझे नहीं लगता कि इस बारे में औपचारिक प्रक्रिया अभी तक शुरू हुई है।

क्यों है F-35 लड़ाकू विमान की डील मुश्किल?

वहीं, अमेरिका से F-35 लड़ाकू विमान के सौदे में कई अड़चनें आ सकती हैं। भारत के रूस के साथ अच्छे रक्षा संबंध हैं और अमेरिका उन देशों को एफ-35 बेचने में सावधानी बरतता है जहां से इसकी तकनीक लीक होने का खतरा हो सकता है। इसी वजह से अमेरिका ने तुर्की को एफ-35 देने से मना कर दिया था, क्योंकि उसे डर था कि रूस इसकी तकनीक चुरा सकता है। यह सौदा भारत को रूस से दूर करने की अमेरिका की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है. क्योंकि भारत ने 2018 में रूस से S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम खरीदा था।

F-35 की खासियत

F-35 लाइटनिंग-II एक अत्याधुनिक पांचवीं पीढ़ी का स्टेल्थ फाइटर विमान है। अमेरीका की लॉकहीड मार्टिन ने इसे विकसित किया है। यह फाइटर अलग अलग तरह के कांबेट मिशनों को अंजाम देने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसमें एयर टू एयर, एयर टू ग्राउंड और इंटेलिजेंस जानकारी इकट्ठा करने और स्ट्रेजिक मिशन को अंजाम दिया जा सकता है। इसके 3 वेरियंट है। एयर फोर्स के लिए F-35A, F-35B वर्टिकल टेक ऑफ लैंडिंग क्षमता वाला और F-35C नौसेना के एयरक्राफ्ट कैरियर से इस्तेमाल किए जाने वाला है। यह एक सिंगल इंजन एयरक्राफ्ट है। इसकी रफ्तार 1.6 मैक प्रतिघंट है. अधिकत्म 50000 फिट की ऊंचाई तक आसानी से उड़ान भर सकता है। एक बार टेकऑफ लेने के बाद यह 2200 किलोमीटर तक उड़ सकता है। इसमें स्टील्थ तकनीक के चलते यह दुश्मन की रड़ार की पकड़ में नहीं आता। F-35 KS इंटर्नल कंपार्टमेंट में AMRAAM, AIM-120, और एंटी-शिप मिसाइल जैसी लंबी दूरी की मिसाइलें आसानी से ले जा सकता है। इस एयरक्राफ्ट में एक 25 MM की गन भी लगी है। इसका कॉकपिट पूरी तरह से डिजिटल है।

'MAGA + MIGA = MEGA', अमेरिका से पीएम मोदी ने दिया नया फॉर्मूला

#pm_narendra_modi_us_visit_miga_maga_mega 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दो दिवसीय आधिकारिक दौरे पर संयुक्त राज्य अमेरिका की यात्रा पूरी कर चुके हैं। पीएम मोदी अमेरिका के 2 दिवसीय यात्रा से लौट रहे हैं। वहीं, अमेरिका पहुंचे पीएम मोदी ने एक नया फॉर्मूला सेट किया है। अपने दौरे के दौरान पीएम मोदी ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की। साथ ही भारत और अमेरिका के रिश्तों पर नया फॉर्मूला बनाया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार तड़के डोनाल्ड ट्रंप के साथ एक साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने ट्रंप के मेक अमेरिका ग्रेट अगेन की तरह ‘मेक इंडिया ग्रेट अगेन’ का नारा दिया। दरअसल, ट्रंप अपने चुनाव प्रचार में मेक अमेरिका ग्रेट अगेन का नारा लगाते दिखे थे। पीएम ने इसका जिक्र करते हुए लिखा कि भारत में हम विकसित भारत के लक्ष्य के साथ काम कर रहे हैं, जो अमेरिकी संदर्भ में बदलकर MIGA हो जाता है, मतलब make india great again। इस तरह से दोनों देश मिलकर भारत और अमेरिका की खुशहाली के लिए मेगा पार्टनरशिप कर रहे हैं। इस तरह से मोदी ने फॉर्मूला MAGA+MIGA=MEGA का नाम दिया। इसका मतलब उन्होंने समझाया-समृद्धि के लिए एक मेगा साझेदारी

ज्वाइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस में पीएम मोदी ने कहा, ‘अमेरिका के लोग राष्ट्रपति ट्रंप के मोटो ‘MAGA- मेक अमेरिका ग्रेट अगेन’ से अच्छी तरह वाकिफ हैं। भारत के लोग भी अपनी विरासत और विकास पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं क्योंकि वो तेजी से और दृढ़ संकल्प के साथ ‘विकसित भारत 2047’ के लक्ष्य की ओर बढ़ रहे हैं। अमेरिका की भाषा में कहें तो ये है ‘मेक इंडिया ग्रेट अगेन – MIGA’। जब अमेरिका और भारत एक साथ काम करते हैं तो ये MAGA+MIGA=MEGA यानी समृद्धि के लिए एक मेगा साझेदारी बन जाती है। यही MEGA भावना हमारे उद्देश्यों को नया पैमाना और गुंजाइश देती है।

इससे पहले भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार देर रात (13 फरवरी) को व्हाइट हाउस में द्विपक्षीय वार्ता की। इस दौरान दोनों नेताओं ने व्यापार, ऊर्जा और रक्षा समेत विभिन्न क्षेत्रों में अपने रिश्तों को मजबूत करने का निर्णय किया। पीएम मोदी और डोनाल्ड ट्रंप की ये मुलाकात ट्रंप के दूसरे राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान पहली आधिकारिक मुलाकात है। इस बैठक में भारत ने अधिक अमेरिकी तेल और गैस खरीदने पर सहमति जताई है, वहीं ट्रंप ने घोषणा कि अमेरिका भारत के साथ सैन्य व्यापार को और बढ़ाएगा।

“बांग्लादेश को मैं पीएम मोदी पर छोड़ता हूं”,क्या है ट्रंप के इस बयान के मायने?


#trump_dismisses_question_on_bangladesh_said_i_will_leave_this_to_pm_modi 

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बांग्लादेश में चल रहे संकट में अमेरिकी सरकार की किसी भी भूमिका से इनकार कर दिया है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बांग्लादेश में हुए सत्ता परिवर्तन पर कहा कि इसमें हमारी भूमिका नहीं है। 

दरअसल, जब पीएम नरेंद्र मोदी के सामने ट्रंप से बांग्लादेश की यूनुस सरकार को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने इशारों में एक बड़ा संकेत दे दिया। जब उनसे पूछा गया कि बांग्लादेश में चल रहे संकट में क्या अमेरिकी 'डीप स्टेट' का हाथ है? ट्रंप ने इससे इनकार करते हुए कहा कि मैं बांग्लादेश (का मुद्दा) प्राइम मिनिस्टर मोदी पर छोड़ता हूं।

बता दें कि राष्ट्रपति चुनाव अभियान के दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने हिंदुओं पर हो रही हिंसा को लेकर बयान दिया था, जिसके बाद भारत में लोगों की उम्मीद जगी थी कि उनके राष्ट्रपति बनने के बाद वो बांग्लादेश में हस्तक्षेप कर सकते हैं। लेकिन उन्होंने ऐसा करने से इनकार कर दिया है। ऐसे में समझा जा रहा है कि ट्रंप का यह कहना कि बांग्लादेश का मुद्दा मोदी देखेंगे, एक तरह से भारत को खुली छूट देने का इशारा है।

पिछले साल अगस्त में शेख हसीना की सरकार के पतन के बाद भारत और बांग्लादेश के संबंध काफी खराब हो गये हैं। देश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस एक के बाद एक भारत विरोधी फैसले ले रहे हैं। वहीं शेख हसीना भारत में हैं और बांग्लादेश की अंतरिम सरकार लगातार उनके प्रत्यर्पण के लिए प्रेशर बनाने की कोशिश कर रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अमेरिका दौरे के दौरान एक्सपर्ट्स मानना था कि बांग्लादेश को लेकर दोनों नेताओं में बातचीत हो सकती है। लेकिन ऐसा नहीं हुआ है।

व्हाइट हाउस में ट्रंप ने मोदी के लिए खींची कुर्सी, दुनिया के सबसे ताकतवर देश के राष्ट्रपति का दिखा अलग अंदाज


#donald_trump_pulls_chair_for_pm_modi_during_meeting_in_white_house 

व्हाइट हाउस में दो पुराने दोस्त लंबे अरसे के बाद मिले। गुरूवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मुलाकात हुई। इस दौरान दोनों नेताओं की कई तस्वीरें सामने आ रही हैं। जिन्हें देखकर लोग मोदी-ट्रंप की गहरी दोस्ती की बात कर रहे हैं। यही नहीं, दुनिया के सबसे ताकतवर देश के राष्ट्रपति का ये अंदाज देख हर भारतीय गर्व महसूस करेगा। अमेरिका के राष्ट्रपति को दुनिया का सबसे ताकतवर शख्स समझा जाता है। इसी शख्स ने भारतीय प्रधानमंत्री मोदी के लिए सम्मानपूर्वक कुर्सी पीछे खींची। इसके अलावा ट्रंप तब तक पीएम मोदी की कुसी के पीछे खड़े रहे, जब पीएम मोदी ने एक किताब पर अपने अनुभव साझा नहीं कर दिए। 

जब पीएम मोदी राष्ट्रपति ट्रंप से मिलने के लिए उनके पास पहुंचे तो ट्रंप ने गले मिलकर गर्मजोशी से उनका स्वागत किया। इसके अलावा एक वीडियो में डोनाल्ड ट्रंप पीएम मोदी के लिए कुर्सी खींचते नजर आ रहे हैं। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में देखा जा सकता है कि पीएम मोदी, डोनाल्ड ट्रंप के पास पहुंचते हैं तो अमेरिकी राष्ट्रपति बाहें फैलाकर उनका स्वागत कर रहे हैं। इसके बाद वो दोनों गले मिलते हैं। इसी दौरान डोनाल्ड ट्रंप कहते हैं,'वी मिस यू, वी मिस यू अलॉट' यानी हमने आपको बहुत याद किया। इसके ट्रंप पीएम मोदी को कुछ अन्य लोगों से भी मिलवाते हैं।

वीडियो के आखिर में देखा जा सकता है कि पीएम मोदी एक कुर्सी बैठे हुए नोटबुक में अपना नोट लिख रहे हैं और ट्रंप उनके पीछे खड़े हुए हैं। इसी दौरान जब पीएम मोदी अपना नोट पूरा कर लेते हैं और उठने की कोशिश करते हैं तो पीछे खड़े ट्रंप आगे आते हैं और पीएम मोदी की कुर्सी पीछे खींचते हैं। ताकि प्रधानमंत्री मोदी को उठने में किसी भी तरह की दिक्कत ना हो। इसके बाद जब पीएम मोदी कुर्सी से उठ जाते हैं तो ट्रंप वापस उस कुर्सी वहीं पर रख देते हैं।

बाद में एक समाचार सम्मेलन में, ट्रंप ने अपनी पुरानी दोस्ती का जिक्र किया और अपनी पिछली मुलाकातों को याद किया। ट्रंप ने कहा, मैं अपने मित्र नरेंद्र मोदी, भारत के प्रधानमंत्री का व्हाइट हाउस में फिर से स्वागत करते हुए रोमांचित हूं। उन्होंने कहा, 'वह एक खास व्यक्ति हैं।' उन्होंने 2020 में भारत में उनके और उनकी पत्नी मेलानिया के प्रति पीएम मोदी के आतिथ्य को याद किया और कहा कि उन्हें भी वैसा ही करने में खुशी होगी।

व्हाइट हाउस में ट्रंप ने मोदी के लिए खींची कुर्सी, दुनिया के सबसे ताकतवर देश के राष्ट्रपति का दिखा अलग अंदाज


#donald_trump_pulls_chair_for_pm_modi_during_meeting_in_white_house

व्हाइट हाउस में दो पुराने दोस्त लंबे अरसे के बाद मिले। गुरूवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मुलाकात हुई। इस दौरान दोनों नेताओं की कई तस्वीरें सामने आ रही हैं। जिन्हें देखकर लोग मोदी-ट्रंप की गहरी दोस्ती की बात कर रहे हैं। यही नहीं, दुनिया के सबसे ताकतवर देश के राष्ट्रपति का ये अंदाज देख हर भारतीय गर्व महसूस करेगा। अमेरिका के राष्ट्रपति को दुनिया का सबसे ताकतवर शख्स समझा जाता है। इसी शख्स ने भारतीय प्रधानमंत्री मोदी के लिए सम्मानपूर्वक कुर्सी पीछे खींची। इसके अलावा ट्रंप तब तक पीएम मोदी की कुसी के पीछे खड़े रहे, जब पीएम मोदी ने एक किताब पर अपने अनुभव साझा नहीं कर दिए। 

जब पीएम मोदी राष्ट्रपति ट्रंप से मिलने के लिए उनके पास पहुंचे तो ट्रंप ने गले मिलकर गर्मजोशी से उनका स्वागत किया। इसके अलावा एक वीडियो में डोनाल्ड ट्रंप पीएम मोदी के लिए कुर्सी खींचते नजर आ रहे हैं। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में देखा जा सकता है कि पीएम मोदी, डोनाल्ड ट्रंप के पास पहुंचते हैं तो अमेरिकी राष्ट्रपति बाहें फैलाकर उनका स्वागत कर रहे हैं। इसके बाद वो दोनों गले मिलते हैं। इसी दौरान डोनाल्ड ट्रंप कहते हैं,'वी मिस यू, वी मिस यू अलॉट' यानी हमने आपको बहुत याद किया। इसके ट्रंप पीएम मोदी को कुछ अन्य लोगों से भी मिलवाते हैं।

वीडियो के आखिर में देखा जा सकता है कि पीएम मोदी एक कुर्सी बैठे हुए नोटबुक में अपना नोट लिख रहे हैं और ट्रंप उनके पीछे खड़े हुए हैं। इसी दौरान जब पीएम मोदी अपना नोट पूरा कर लेते हैं और उठने की कोशिश करते हैं तो पीछे खड़े ट्रंप आगे आते हैं और पीएम मोदी की कुर्सी पीछे खींचते हैं। ताकि प्रधानमंत्री मोदी को उठने में किसी भी तरह की दिक्कत ना हो। इसके बाद जब पीएम मोदी कुर्सी से उठ जाते हैं तो ट्रंप वापस उस कुर्सी वहीं पर रख देते हैं।

बाद में एक समाचार सम्मेलन में, ट्रंप ने अपनी पुरानी दोस्ती का जिक्र किया और अपनी पिछली मुलाकातों को याद किया। ट्रंप ने कहा, मैं अपने मित्र नरेंद्र मोदी, भारत के प्रधानमंत्री का व्हाइट हाउस में फिर से स्वागत करते हुए रोमांचित हूं। उन्होंने कहा, 'वह एक खास व्यक्ति हैं।' उन्होंने 2020 में भारत में उनके और उनकी पत्नी मेलानिया के प्रति पीएम मोदी के आतिथ्य को याद किया और कहा कि उन्हें भी वैसा ही करने में खुशी होगी।

“मोदी का कोई मुकाबला नहीं”, भारतीय प्रधानमंत्री से मिलकर क्या-क्या बोले ट्रंप


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भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच गुरुवार को वाइट हाउस में मुलाकात हुई। दोनों नेताओं ने अपने पुराने संबंध को याद किया और दोनों देशों के विकास के लिए साथ मिलकर काम करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। पीएम मोदी जैसे ही वाइट हाउस पहुंचे तो अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गर्मजोशी से उनका स्वागत किया। दोनों नेता गले मिले।इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति ने पीएम मोदी की जमकर तारीफ की।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनसे कहीं ज्यादा कठोर वार्ताकार हैं। उनसे कोई मुकाबला ही नहीं है। बातचीत या समझौते को लेकर ट्रंप ने मोदी को खुद से कहीं ज्यादा सख्त और बेतहर बताया। पीएम मोदी के साथ एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जब ट्रंप से पूछा गया कि उनमें से कौन आज ज्यादा सख्त मोलभाव कर सकता है तो ट्रंप ने कहा, 'पीएम नरेंद्र मोदी मुझसे कहीं ज्यादा सख्त मोलभाव करने वाले हैं और वह मुझसे कहीं ज्यादा बेहतर वार्ताकार हैं। कोई मुकाबला ही नहीं है।

ट्रंप ने कहा कि मोदी अपने देश के हित को सबसे ऊपर रखते हैं। मैं उनसे हमेशा सीखता हूं। दोनों नेता एक दूसरे के गले लगे। उनके बीच ये दोस्ती इस मुलाकात से नहीं बल्कि सालों पुरानी है। उन्होंने एल्बम में पुरानी तस्वीरें देखीं और उनपर मुस्कुराते हुए दिखाई दिए। ट्रंप ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच ये दोस्ती इस मुलाकात के बाद और भी गहरी होगी।

डोनाल्ड ट्रंप ने कहा,'भारत के प्रधानमंत्री मोदी का हमारे साथ होना बहुत सम्मान की बात है। वे लंबे समय से मेरे बहुत अच्छे दोस्त हैं। हमारे बीच बहुत बढ़िया संबंध रहे हैं और हमने अपने 4 साल के कार्यकाल के दौरान इस संबंध को बनाए रखा। हमने अभी फिर से शुरुआत की है। मुझे लगता है कि हमारे पास बात करने के लिए कुछ बहुत बड़ी चीजें हैं।पहली बात है तेल और गैस की बात है और हमारे पास काफी तेल और गैस है और इंडिया में उसकी जरूरत है जो हम देंगे। बाद में बात आती है ट्रेड की, व्यापार की, इसके अलावा हमें बहुत खुशी और बहुत ही हमारे लिए एक सम्मान की बात है कि मेरे एक मित्र आज वापस यहां आए हैं और उनसे मिलकर मुझे बहुत खुशी है।

राज्यसभा में वक्फ बिल पर जेपीसी रिपोर्ट पेश, मल्लिकार्जुन खरगे ने बताया फर्जी, कहा- हम नहीं मानेंगे

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संसद के बजट सत्र के पहले चरण का आज आखिरी कामकाजी दिन है। राज्यसभा में वक्फ विधेयक पर जेपीसी रिपोर्ट पेश की गई। राज्यसभा में जेपीसी रिपोर्ट मेधा कुलकर्णी ने पेश की। रिपोर्ट पेश होने के बाद नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि इससे कई सदस्य असहमत हैं। खरगे ने जेपीसी की रिपोर्च को फर्जी और अलोकतांत्रिक करार दिया।

खरगे ने कहा- असंसदीय रिपोर्ट

राज्यसभा में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, विपक्ष की ओर से जो सुझाव दिए गए थे उनको कंसीडर ही नहीं किया गया। नॉन स्टेक होल्डर को बाहर से बुलाकर उनका स्टेक ले रहे हैं। क्या हम पढ़े-लिखे नहीं हैं। जानकार नहीं हैं। डिसेंट नोट पर आपको बोलना चाहिए था। ऐसी फर्जी रिपोर्ट को हम कभी नहीं मानेंगे। उन्होंने कहा कि बाहर से सदस्यों को आमंत्रित कर बयान दर्ज किए जा रहे हैं। ऐसी असंसदीय रिपोर्ट को सदन की कार्यवाही का हिस्सा नहीं बनाया जाना चाहिए। खरगे ने कहा कि अगर रिपोर्ट में असहमति के स्वर को जगह नहीं दी गई है तो ऐसी स्थिति में इसे अस्वीकार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की रिपोर्ट को हर हाल में वापस किया जाना चाहिए।

टीएमसी ने राज्यसभा का किया वॉकआउट*

वहीं, टीएमसी ने वक्फ पर जेपीसी रिपोर्ट टेबल करने के दौरान वॉक आउट किया। टीएमसी सांसद सुष्मिता देव ने कहा कि ये लोकतंत्र में कैसे होगा कि आपने हमारे डिसेंट को नोट नहीं लिया। राज्य सभा में पेश कर दिया। इसलिए हमने विरोध किया कि यह रिपोर्ट जल्दबाजी में आई है।