राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत 10 से 25 फरवरी तक खिलाई जाएगी फाइलेरिया रोधी दवा
अमेठी। मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के सभागार में आज राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम को लेकर मीडिया संवेदीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला के दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अंशुमान सिंह ने बताया कि जनपद में ब्लॉक मुसाफिरखाना व जामों में आईडीए/एमडीए कार्यक्रम 10 फरवरी 2025 से 25 फरवरी 2025 तक संचालित किया जाएगा।
इस दौरान सोमवार, मंगलवार, बृहस्पतिवार और शुक्रवार को एक वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों तथा वयस्कों को आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से घर-घर जाकर फाइलेरिया रोधी दवा खिलाई जाएगी। वहीं, बुधवार और शनिवार को छूटे हुए व्यक्तियों को मॉप-अप राउंड के तहत दवा दी जाएगी।
फाइलेरिया रोग और इसके लक्षण
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि फाइलेरिया रोग क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होने वाला संक्रामक रोग है, जिसे आमतौर पर हाथी पांव के नाम से जाना जाता है। इसके प्रमुख लक्षणों में—
पैरों और हाथों में सूजन
पुरुषों में हाइड्रोसील (अंडकोष की सूजन)
महिलाओं के स्तनों में सूजन आदि शामिल हैं।
जनपद में फाइलेरिया की स्थिति
अमेठी जनपद में पिछले वर्ष 2,129 फाइलेरिया रोगी पाए गए थे। इनमें—
2,129 लिंफोडिमा (सूजन) रोगियों को किट वितरित की गई और प्रभावित अंग की सफाई का प्रशिक्षण दिया गया।
278 हाइड्रोसील रोगियों में से 271 का ऑपरेशन हो चुका है, शेष का ऑपरेशन फरवरी में किया जाएगा।
कैसे चलेगा दवा वितरण अभियान?
इस अभियान के तहत ब्लॉक मुसाफिरखाना और जामों में 15 दिनों तक प्रत्येक घर पर दो सदस्यीय 310 टीमें गृह भ्रमण करेंगी। इनके सुपरविजन के लिए 62 पर्यवेक्षकों की तैनाती की गई है।
जनपद की कुल लक्षित जनसंख्या 3,63,516 है, जिसमें 1 वर्ष से अधिक आयु के सभी व्यक्तियों को दवा का सेवन कराया जाएगा।
1 वर्ष से कम उम्र के बच्चे, गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति और गर्भवती महिलाओं को दवा नहीं दी जाएगी।
दवा सेवन से संभावित प्रभाव
जिन व्यक्तियों में फाइलेरिया के कीटाणु मौजूद होते हैं, उनमें दवा लेने के बाद चक्कर आना, जी मिचलाना, उल्टी आना या हल्का बुखार जैसी समस्याएं हो सकती हैं, जो 1-2 घंटे में सामान्य हो जाती हैं।
किसी गंभीर समस्या के समाधान के लिए ब्लॉक और जिला स्तर पर रैपिड रिस्पांस टीम का गठन किया गया है।
अभियान की निगरानी और जिम्मेदारियां
आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और वॉलंटियर्स लोगों को दवा का सेवन कराएंगे।
आशा संगिनी, एएनएम, पुरुष स्वास्थ्य कार्यकर्ता, स्वास्थ्य पर्यवेक्षक, बीपीएम, बीसीपीएम, स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी और चिकित्सक पर्यवेक्षण का कार्य करेंगे।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) मुसाफिरखाना और जामों के अधीक्षक ब्लॉक स्तर पर कार्यक्रम के नोडल अधिकारी होंगे।
दवा छूटने पर क्या करें?
यदि कोई व्यक्ति अभियान के दौरान दवा लेने से छूट जाता है, तो वह ग्राम की आशा कार्यकर्ता से संपर्क कर दवा प्राप्त कर सकता है। आशा कार्यकर्ता के पास दवा उपलब्ध रहेगी।
राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए जनपद में व्यापक जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा, ताकि अधिक से अधिक लोग इस रोग से बचाव के लिए दवा का सेवन करें।
Feb 05 2025, 19:00