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मुख्यमंत्री को माँ ने दिया अपना आशीर्वाद—स्नेह से छुआ गाल, हृदय से कहा धन्यवाद

रायपुर-  बीजापुर जिले के उसूर ब्लॉक के करेगुट्टा पर्वत की तलहटी में स्थित नक्सल प्रभावित ग्राम उसूर की 62 वर्षीय शम्मी दुर्गम की वर्षों की प्रतीक्षा 15 मई को पूर्ण हुई, जब ग़लगम में आयोजित सुशासन तिहार के अवसर पर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत निर्मित पक्के मकान की चाबी सौंपी। पक्के आवास की चाबी पाकर शम्मी दुर्गम भावुक हो उठीं। उन्होंने मुख्यमंत्री जी के गालों को स्नेहपूर्वक स्पर्श करते हुए कहा कि वर्षों तक कच्चे मकान में रहना उनके लिए बेहद कठिन था—हर मौसम में कीड़े-मकोड़ों और जहरीले जीवों का डर बना रहता था। उन्होंने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को भावुकता से बार-बार धन्यवाद देते हुए कहा – अब मेरे जीवन में सुकून है, और मेरे बच्चों के सिर पर एक स्थायी छत है।

श्रीमती दुर्गम ने बताया कि उनके पति की मृत्यु 15 वर्ष पूर्व बीमारी के चलते हो गई थी, तब से उन्होंने अकेले ही अपने दो बच्चों का लालन-पालन किया और कृषि कार्य कर किसी तरह जीवनयापन किया। जब उन्हें सुरक्षित, मजबूत और सम्मानजनक आवास प्राप्त हुआ है, तो यह केवल एक मकान नहीं बल्कि उनके जीवनभर के संघर्षों का पुरस्कार है। यह एक ऐसी छत है, जिसमें सिर्फ ईंट और सीमेंट नहीं, बल्कि सम्मान, सुरक्षा और आत्मसम्मान की नींव जुड़ी है। शम्मी दुर्गम इस बात की गवाह है कि सरकार की योजनाएं जब सही हाथों तक पहुँचती हैं, तो वे केवल इमारत नहीं, भरोसे और उम्मीद का घर बन जाती हैं

मुख्यमंत्री ने 220 करोड़ रूपए की लागत से बन रही सिद्धबाबा सिंचाई जलाशय परियोजना का किया निरीक्षण

रायपुर-   सुशासन तिहार के अपने दौरे पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सीतागांव के समाधान शिविर के बाद हेलीकॉप्टर से खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले के गभरा गांव पहुंचे। उन्होंने गांव के समीप 220 करोड़ रूपए की लागत से बन रहे सिद्धबाबा सिंचाई जलाशय परियोजना का निरीक्षण किया। इस सिंचाई जलाशय से 34 गांवों के लगभग साढ़े चार हजार किसानों को सिंचाई सुविधा मिलेगी। जलाशय से 1840 हेक्टेयर क्षेत्र में खरीफ और 1380 हेक्टेयर में रबी फसलों की सिंचाई होगी।

मुख्यमंत्री श्री साय ने जलाशय स्थल का निरीक्षण करते हुए संबंधित अधिकारियों को निर्माण कार्यों की गति बढ़ाने और गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह जलाशय न केवल किसानों की आय बढ़ाने का माध्यम बनेगा, बल्कि इस क्षेत्र के सामाजिक और आर्थिक विकास का भी सशक्त आधार होगा। हमारी सरकार हर किसान तक पानी पहुँचाने के लिए प्रतिबद्ध है। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह सहित वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी, जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित थे।

गौरतलब है कि इस जलाशय के माध्यम से तीन जिलों के 34 गांवों खैरागढ़-छुईखदान-गंडई के गभरा, कोटरीछापर, दोड़िया, विचारपुर, बुन्देली, मुरई, खैरी, सीताडबरी, कोटरा, साल्हेकला, बेमेतरा जिले के पठारझोरी, चिचानमेटा, जानो, रानो, गाड़ाडीह, सोनडबरी गांव और दुर्ग जिले के अगारकला, अगारखुर्द, साल्हेखुर्द, नवागांव में सिंचाई सुविधा का विस्तार होगा।

इसके अलावा डुबान क्षेत्र के किसान भी 120 हेक्टेयर भूमि पर रबी और सब्जियों की खेती कर सकेंगे। जलाशय से प्रतिवर्ष 498 क्विंटल मत्स्य उत्पादन की संभावना है, जिससे 200 ग्रामीणों को रोजगार मिलेगा। क्षेत्र के भूजल स्तर में वृद्धि होगी, जिससे निस्तारी और पेयजल संकट भी कम होगा। कुल 23 निर्मित लघु जलाशयों को जल आपूर्ति भी इसी परियोजना से सुनिश्चित होगी। इनमें विकासखंड छुईखदान के 13 जलाशय-साजा के 7 जलाशय-धमधा के 3 जलाशय शामिल है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने दिया स्पष्ट संदेश: कमिश्नर और कलेक्टर करें नियमित प्रवास;राजस्व न्यायालय का समयबद्ध और नियमित संचालन करें सुनिश्चत

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सुशासन तिहार अंतर्गत राजनांदगांव जिला पंचायत के सभा कक्ष में आयोजित उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में अधिकारियों को विकास और जनसेवा के लिए नियमित भ्रमण एवं ग्रामीण क्षेत्रों में प्रवास तथा राजस्व न्यायालयों के समयबद्ध संचालन के संबंध में कड़े निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि विकसित छत्तीसगढ़ का सपना तभी साकार होगा जब अधिकारी जमीनी हकीकत से जुड़े रहेंगे और जनता की समस्याओं का निराकरण सीधे उनकी उपस्थिति में किया जाएगा। इसके लिए सभी कमिश्नर, कलेक्टर और अन्य वरिष्ठ अधिकारी अपने अधीन जिलों और ब्लॉकों में नियमित भ्रमण और प्रवास करें तथा क्षेत्र में किए जा रहे विकास कार्यों की भौतिक निगरानी सुनिश्चित करते हुए जवाबदेही की संस्कृति को मजबूत करें।

मुख्यमंत्री श्री साय ने राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिए कि राजस्व न्यायालय का नियमित संचालन सुनिश्चित करें। इसके साथ ही प्रत्येक अधिकारी पूर्वनिर्धारित न्यायालय कैलेंडर के अनुसार ही कार्य करें। केवल अत्यंत विशेष परिस्थितियों में ही न्यायालय की तिथि रद्द की जाए। इससे न केवल आमजन को समय पर न्याय मिलेगा बल्कि प्रशासनिक कार्यों में भी पारदर्शिता आएगी।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सुशासन की रीढ़ यही है कि अधिकारी जनसम्पर्क बनाए रखें, जनता के बीच उपस्थित रहें, और उनकी समस्याओं को त्वरित रूप से हल करें। यह न केवल विश्वास की भावना को मजबूत करेगा, बल्कि शासन की विश्वसनीयता को भी बढ़ाएगा।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज राजनांदगांव जिले के जिला पंचायत भवन के सभाकक्ष में आयोजित संयुक्त समीक्षा बैठक में सुशासन तिहार के अंतर्गत राजनांदगांव, मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी और खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिलों के विकास कार्यों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री श्री साय ने बैठक अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि योजनाओं का जमीनी स्तर पर प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित हो तथा हर पात्र हितग्राही तक लाभ समय पर पहुँचे।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि स्वास्थ्य योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार हो ताकि आमजन को योजनाओं की जानकारी समय रहते मिले और वे उसका लाभ उठा सकें। राजस्व प्रकरणों के त्वरित निराकरण हेतु नियमित शिविरों का आयोजन हो। प्रधानमंत्री आवास योजना सहित सभी आवासीय योजनाओं की लंबित मांगों का शतप्रतिशत निराकरण किया जाए। साथ ही जिलों में शासन के जनकल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में समन्वय एवं पारदर्शिता बनाए रखते हुए समयबद्ध कार्रवाई हो।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि सुशासन तिहार का उद्देश्य है कि शासन और प्रशासन की पहुंच गांव, गरीब और अंतिम पंक्ति के नागरिक तक सुनिश्चित हो। उन्होंने कहा कि योजनाओं की सफलता का मापदंड केवल कागज़ी प्रगति नहीं, बल्कि लाभार्थियों के चेहरे पर आई संतोष और सुरक्षा की अनुभूति है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि प्रदेश सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी के अंतर्गत दी गई अधिकांश घोषणाओं को जमीनी स्तर पर सफलतापूर्वक क्रियान्वित किया है। उन्होंने सभी जिलों में अधिकारियों द्वारा किए जा रहे अच्छे कार्यों की सराहना की और कहा कि जनता की अपेक्षाओं के अनुरूप प्रशासन को समर्पित होकर और समन्वय स्थापित कर कार्य करना चाहिए।

मुख्यमंत्री श्री ने किसानों को समय पर खाद-बीज की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए और कहा कि आने वाले खरीफ सीजन को देखते हुए सभी जिलों में कृषकों की आवश्यकताओं के अनुरूप पूर्व तैयारी सुनिश्चित कर लें। साथ ही, उन्होंने अधिकारियों से शिविर लगाकर लंबित राजस्व प्रकरणों के त्वरित निराकरण की व्यवस्था करने के निर्देश दिए जिससे आम नागरिकों को समयबद्ध समाधान मिल सके।

उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा 1460 पंचायतों में अटल सेवा केंद्र का शुभारंभ किया गया है। इन केंद्रों के सुचारू संचालन से ग्रामीण नागरिकों को बैंक, दस्तावेज़ और डिजिटल सेवाओं के लिए अन्यत्र जाने की आवश्यकता नहीं रहेगी। मुख्यमंत्री ने इन केंद्रों के प्रभावी संचालन की जिम्मेदारी संबंधित अधिकारियों को सौंपी और निर्देश दिए कि इनसे जनसुविधा को सर्वोच्च प्राथमिकता मिले।

मुख्यमंत्री श्री साय ने जानकारी दी कि सभी पंचायतों में तिरंगा यात्रा आयोजित करने का निर्णय लिया गया है, जो राष्ट्रीय चेतना और नागरिक सहभागिता को प्रोत्साहित करेगी। उन्होंने सभी जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों और पंचायत प्रतिनिधियों से इस यात्रा में सक्रिय सहभागिता सुनिश्चित करने का आग्रह किया।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि विकसित छत्तीसगढ़ का सपना हम सबकी साझा जिम्मेदारी है। शासन-प्रशासन के प्रत्येक अधिकारी-कर्मचारी को समन्वय, तत्परता और सेवा भाव के साथ कार्य करते हुए विकास यात्रा को गति देनी होगी।

इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, उपमुख्यमंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री विजय शर्मा, सांसद संतोष पांडेय, महापौर मधुसूदन यादव, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने शासकीय क्षेत्रीय मुद्रणालय के नवीन भवन का किया लोकार्पण

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज राजनांदगांव जिले के चिखली में 9 करोड़ रूपए की लागत से निर्मित शासकीय क्षेत्रीय मुद्रणालय के नवीन भवन का लोकार्पण किया। यहां शासकीय विभागों के महत्वपूर्ण दस्तावेजों का प्रकाशन होता है। मुख्यमंत्री ने शासकीय मुद्रणालय के नवनिर्मित भवन और वहां की प्रकाशन तथा अन्य व्यवस्था का भी अवलोकन किया।राजनांदगांव स्थित शासकीय क्षेत्रीय मुद्रणालय भवन छत्तीसगढ़ में एक मात्र शासकीय मुद्रणालय है जहां महत्वपूर्ण शासकीय दस्तावेजों का प्रकाशन किया जाता है। मुद्रणालय का पुराना भवन अत्याधिक पुराना होने के कारण नये भवन की आवश्यकता महसूस की जा रही थी।

शासकीय मुद्रणालय के नवीन भवन में पेपर गोडाउन, प्रिटिंग मटेरियल स्टोर, बाइडिंग एवं पेपर स्टोर, मेकेनिकल स्टोर, काम्पोजिंग एवं रीडिंग रूम, टाइप स्टोर, कैमरा रूम, असिस्टेंट सुपरिटेंडेन्ट कक्ष, डायरेक्टर रूम, कॉन्फ्रेंस रूम एवं अन्य आवश्यक व्यस्थाएं रखी गई है। यहां 4 बड़े हाल एवं 12 कमरे हैं।

इस अवसर पर छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, उप मुख्यमंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्र विजय शर्मा, सांसद संतोष पांडेय, महापौर मधुसूदन यादव सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं शासकीय मुद्रणालय के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।

सुशासन तिहार : मुख्यमंत्री ने बरगद पेड़ के नीचे लगाई जनचौपाल, ग्रामीणों को दी ये सौगातें…

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सहजता और सरलता से झुरानदी गांव के ग्रामीण अभिभूत हो उठे। तपती दोपहरी में मुख्यमंत्री का हेलीकॉप्टर अचानक खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले के ग्राम झुरानदी में उतरा। बिना किसी पूर्व सूचना के मुख्यमंत्री को अपने बीच पाकर ग्रामीणों को हर्ष मिश्रित आश्चर्य हुआ। मुख्यमंत्री ने गांव के बरगद पेड़ की छांव में चौपाल लगाई और बेहद आत्मीय अंदाज में ग्रामीणों से संवाद किया। देखते ही देखते पूरा गांव उमड़ पड़ा और माहौल उत्सव जैसा बन गया। मुख्यमंत्री के साथ उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा भी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री साय ने ग्रामीणों से बातचीत की शुरुआत करते हुए कहा कि मैंने बस्तर, सरगुजा के अनेकों जिले में और जांजगीर, चांपा, कबीरधाम, बेमेतरा जिले जैसे जिलों के सुदूर गांवों तक जाकर जनचौपाल की है। उन्होंने कहा कि आज मानपुर-मोहला-अंबागढ़ चौकी जिले से होकर आपके इस गांव झुरानदी में सीधे पहुंचा हूं। हमारी सरकार गांव, गरीब और किसान की सरकार है। हम हर घर तक शासन की योजनाओं का लाभ पहुंचाना चाहते हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि ग्रामीणों की मांगों और समस्याओं पर त्वरित कार्रवाई की जाए तथा योजनाओं का लाभ हर पात्र हितग्राही तक समय पर पहुंचे।

मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों की मांग पर झुरानदी गांव में हाई स्कूल एवं हायर सेकेंडरी स्कूल भवन निर्माण की घोषणा की। उन्होंने ग्राम में सीसी सड़क निर्माण के लिए 20 लाख रूपए, दो उच्च स्तरीय पुल निर्माण- गंडई से कृतबाधा पहुंच मार्ग पर उच्च स्तरीय पुल निर्माण के लिए 2 करोड़ 54 लाख रूपए और गंडई कर्रानाला पहुँचमार्ग पर लिमो में उच्च स्तरीय पुल निर्माण के लिए 2 करोड 52 लाख रूपए और ग्रामीणों की मांग पर ग्राम पंचायत भोरमपुर में नए पंचायत भवन निर्माण की घोषणा की।

मुख्यमंत्री श्री साय ने गांव के बीच बाजार पड़ाव में बरगद पेड़ की छांव में जनचौपाल लगाई और वहां उपस्थित ग्रामीणों से छत्तीसगढ़ी भाषा में ही संवाद की शुरुआत की, जिससे ग्रामीणों के साथ भावनात्मक जुड़ाव और गहराता गया। उन्होंने ग्रामीणों से उनकी समस्याएं, सुझाव और योजनाओं के क्रियान्वयन से जुड़े अनुभव भी सुने। ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री श्री साय के सहज, सरल, सादगीपूर्ण और विनम्र व्यवहार की खुले दिल से सराहना की। बुजुर्गों ने कहा कि वर्षों में पहली बार ऐसा अवसर आया है, जब प्रदेश के मुखिया सीधे उनके गांव में पहुंचे। किसानों और युवाओं ने मुख्यमंत्री की माटी से जुड़ी शैली को नज़दीक से देखा और महसूस किया।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस मौके पर सुशासन तिहार के उद्देश्यों को स्पष्ट करते हुए कहा कि इस अभियान में मुख्यमंत्री से लेकर मंत्री, सांसद, विधायक और स्थानीय जनप्रतिनिधि सभी सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं और जमीनी हकीकत का मूल्यांकन कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि वे स्वयं बस्तर से लेकर सरगुजा तक अनेक गांवों का दौरा कर चुके हैं, और योजनाओं की प्रगति की प्रत्यक्ष जानकारी ले रहे हैं। मुख्यमंत्री ने गांव के बाजार पड़ाव स्थित पवनपुत्र हनुमान मंदिर में पूजा अर्चना कर प्रदेशवासियों की खुशहाली की कामना की। इस मौके पर पूर्व विधायक कोमल जंघेल, जिला पंचायत अध्यक्ष प्रियंका खम्हन ताम्रकर सहित अनेक जनप्रतिनिधि और वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी उपसझुरानदी गांव में 180 पीएम आवास पूर्ण

खैरागढ़ विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत झुरानदी की जनसंख्या 1935 है। यह गांव लोधी एवं वर्मा समाज की बहुलता है। गांव में स्वास्थ्य, शिक्षा, बिजली एवं पेयजल की समुचित व्यवस्था उपलब्ध है। आंगनबाड़ी केंद्र भी संचालित है। गांव में प्राथमिक शाला, माध्यमिक शाला और हाई स्कूल की सुविधा उपलब्ध है, जिससे बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल रही है।

ग्राम पंचायत में प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत कुल 217 आवास स्वीकृत हुए हैं, जिनमें से 180 पूर्ण हो चुके हैं तथा 37 निर्माणाधीन हैं। महतारी वंदन योजना से 616 महिलाएं लाभान्वित हो रही हैं। जल जीवन मिशन के तहत जल आपूर्ति की जा रही है। ग्रामीणों को मनरेगा के अंतर्गत रोजगार मिल रहा है। गांव में 17 स्वसहायता समूह की महिलाएं आजीविका गतिविधियों से जुड़ी है।्थित थे।

नयी शिक्षा नीति के अनुरूप बच्चों की पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद को भी बढ़ावा


पटना नयी शिक्षा नीति के अनुरूप बच्चों की पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद को भी बढ़ावा
देने के उद्देश्य से टेंडर हार्ट इंटरनेशनल स्कूल एक 10 दिवसीय समर कैंप का आयोजन किया जा रहा है। कॉन्फ्रेंस के दौरान जाने-माने प्रशिक्षक, नेशनल खिलाड़ी एवं खेल विशेषज्ञ मौजूद रहे, जैसे कि योगी कुंदन कुमार - योग विशेषज्ञ, शोबन रॉय - टेबल टेनिस राज्य स्तरीय खिलाड़ी, सूरज - राष्ट्रीय वुशु कोच एवं जज, और देव्रथ बनर्जी- बास्केटबॉल , सोनाली - वुशु नेशनल गोल्ड मेडलिस्ट। इस कैंप में बिहार के विभिन्न स्कूलों से 3 से 15 वर्ष के लगभग 50 बच्चों ने अपना पंजीकरण कराया है, और पंजीकरण की प्रक्रिया 18 मई तक जारी रहेगी। इस समर कैंप में बच्चों को विभिन्न क्षेत्रों के जाने-माने अनुभवी प्रशिक्षकों द्वारा प्रशिक्षण दिया जाएगा। कैंप के दौरान प्रतिदिन स्केटिंग, तैराकी , आर्ट एंड क्राफ्ट , आर्टिस्टिक योगा जैसे विभिन्न कलाओं का प्रशिक्षण दिया जाएगा । विद्यालय के निर्देशक राजीव भार्गव ने बताया कि इस कैंप में बच्चों को तैराकी का भी प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिसमें बच्चे 10 दिनों के भीतर अच्छी तरह से तैरना सीख सकेंगे और कार्यक्रम के समापन पर इसका प्रदर्शन भी करेंगे।
डिजिटल क्रांति से सशक्त हुईं झारखंड की आंगनबाड़ी सेविकाएं

रांची: झारखंड में डिजिटल परिवर्तन की लहर अब गांवों तक पहुंच रही है। राज्य सरकार ने हाल ही में 37,810 आंगनबाड़ी सेविकाओं को स्मार्टफोन वितरित किए हैं, जिससे वे तकनीकी रूप से सशक्त हुई हैं और लाभार्थियों को सेवाएं प्रदान करने में अधिक आत्मनिर्भर बन गई हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस पहल को महिला सशक्तिकरण और समाज कल्याण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया है।

स्मार्टफोन मिलने से आंगनबाड़ी सेविकाओं का आत्मविश्वास बढ़ा है। कांके प्रखंड की सेविका सरिता कुमारी बताती हैं कि अब वे स्वयं लाभार्थियों की तस्वीरें खींच सकती हैं, आधार प्रमाणीकरण कर सकती हैं और टीएचआर जैसी सेवाएं समय पर दे सकती हैं। इस तकनीकी सशक्तिकरण का सीधा प्रभाव आईसीडीएस सेवाओं की गुणवत्ता पर दिख रहा है। मार्च 2023 में जहां केवल 48.03% लाभार्थियों का आधार सत्यापन हुआ था, वहीं मार्च 2025 तक यह आंकड़ा बढ़कर 97.22% हो गया है। वर्तमान में राज्य के 38,523 आंगनबाड़ी केंद्रों में सेविकाएं डिजिटल माध्यम से सेवाएं दे रही हैं।

स्मार्टफोन के माध्यम से एकत्रित आंकड़ों से योजनाओं की प्रगति की जिला और राज्य स्तर पर निगरानी संभव हो रही है। इससे सेवा वितरण में पारदर्शिता आई है और बुनियादी ढांचे के सुधार तथा संसाधनों के बेहतर प्रबंधन में मदद मिल रही है। राज्य सरकार आंगनबाड़ी केंद्रों को मजबूत करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। 

सभी केंद्रों को आवश्यक बर्तन उपलब्ध कराए गए हैं, और पहले चरण में 16,775 केंद्रों को एलईडी टीवी, आरओ वाटर प्यूरीफायर, बिजली कनेक्शन, पंखे, शौचालय और सुरक्षित पेयजल जैसी सुविधाओं से लैस किया गया है।

सरकार आदिवासी बहुल 1,200 से अधिक गांवों में नए आंगनबाड़ी केंद्र स्थापित करने जा रही है, जहां जनजातीय समुदायों को पोषण, स्वास्थ्य और प्रारंभिक शिक्षा जैसी सेवाएं मिलेंगी। इन केंद्रों में जल्द ही सेविका और सहायिका की नियुक्तियां भी की जाएंगी। झारखंड के आंगनबाड़ी केंद्र अब केवल सेवा वितरण केंद्र नहीं रह गए हैं, बल्कि सामुदायिक विकास और महिला सशक्तिकरण के केंद्र के रूप में विकसित हो रहे हैं। 'अबुआ सरकार' की यह पहल समावेशी विकास का प्रतीक है, जो तकनीक और सेवा के संगम से ग्रामीण झारखंड की तस्वीर बदल रही है।

आयुष्मान भारत योजना में डायलिसिस सुविधा बहाल, कांग्रेस नेता मुन्ना सिंह ने मंत्री और सिविल सर्जन का जताया आभार


हजारीबाग से एक राहत भरी खबर सामने आई है। शुक्रवार को झारखण्ड प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मुन्ना सिंह ने आयुष्मान भारत योजना के तहत डायलिसिस सुविधा की बहाली और मरीजों को राहत मिलने के लिए झारखण्ड के स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर इरफान अंसारी और हजारीबाग के सिविल सर्जन का आभार व्यक्त किया है।

मुन्ना सिंह ने बताया कि हाल ही में डायलिसिस से पीड़ित मरीजों ने निजी अस्पतालों में सुविधा नहीं मिलने की शिकायत की थी। इस गंभीर समस्या को उन्होंने प्राथमिकता के आधार पर स्वास्थ्य विभाग के समक्ष रखा। इसके बाद मंत्री डॉक्टर इरफान अंसारी और विभागीय अधिकारियों द्वारा त्वरित संज्ञान लेते हुए व्यवस्था में जरूरी सुधार किया गया।

इस पहल से मरीजों को बड़ी राहत मिली है। मुन्ना सिंह ने इसे जनहित के प्रति सरकार और स्वास्थ्य विभाग की प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया। उन्होंने उम्मीद जताई कि आगे भी इस प्रकार की समस्याओं पर इसी संवेदनशीलता और तत्परता के साथ कार्रवाई होती रहेगी।

इसके साथ ही उन्होंने यह दोहराया कि कांग्रेस पार्टी जनस्वास्थ्य और आम जनता की भलाई को सर्वोपरि मानती है और गरीब, पीड़ित और वंचित वर्ग की आवाज उठाने के अपने संकल्प पर अडिग रहेगी।

फूड सेफ्टी ऑफिसर द्वारा खाद्य प्रतिष्ठानों में चलाया गया जांच अभियान।।


उपायुक्त श्रीमती नैंसी सहाय एवं एसीएमओ डॉ शशि जायसवाल के निर्देशानुसार खाद्य प्रतिष्ठानों में नियमित जांच अभियान चलाया गया। इसी क्रम में आज शुक्रवार 16 मई को खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी प्रकाश चंद्र गुग्गी के द्वारा मेसर्स डॉल्फिनो रिसॉर्ट, ओकनी, मेसर्स लॉक अप रेस्टोरेंट, मटवारी, मेसर्स चंपारण मीट हाउस, राची पटना रोड और मेसर्स चिली वेनिल्ला, रांची-पटना रोड का निरीक्षण करते हुए पनीर और चाउमीन का सैंपल कलेक्शन किया गया। 

मेसर्स चंपारण मीट हाउस का लाइसेंस/पंजीकरण नहीं होने पर नोटिस दिया गया।

जांच के क्रम में उन्हें पैकेजिंग सामग्री का खाद्य ग्रेड प्रमाण पत्र, कीट नियंत्रण का सही से प्रबंधन करना, परिसर की सफाई के साथ-साथ व्यक्तिगत सफाई और स्वच्छता बनाए रखने का निर्देश दिया गया।

खिड़कियों और दरवाजों को कीट रोधी स्क्रीन से कवर करने का निर्देश दिया गया, साथ ही फूड हैंडलर्स का मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट बनवाने और रिकॉर्ड मेंटेन करने का निर्देश दिया गया।

खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी द्वारा लगातार अभियान चला कर किसी भी प्रकार के मिलावट या खाद्य सुरक्षा से संबंधित अपराध को रोकने के लिए कार्रवाई की जा रही है।

डेंगू से डरने की नहीं, बचने की आवश्यकता

गोरखपुर। 16 मई 2025 राष्ट्रीय डेंगू दिवस के उपलक्ष्य में पूरे जनपद में स्वास्थ्य विभाग ने जनजागरूता संबंधी विविध गतिविधियों का आयोजन किया । इनके जरिये संदेश दिया गया कि इस बीमारी के प्रसार से लोगों को डरने की बजाय, इससे बचाव के उपायों को अपनाने की आवश्यकता है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ राजेश झा ने राष्ट्रीय डेंगू दिवस के अवसर पर राजकीय जुबिली इंटर कॉलेज में हुई जागरूकता गोष्ठी में हिस्सा लिया । मंडलीय कीट विज्ञानी डॉ वीके श्रीवास्तव और जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह ने भी उनके साथ गोष्ठी में पहुंच कर बच्चों को बीमारी के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की । वेक्टर बार्न डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम के नोडल अधिकारी डॉ राजेश और वरिष्ठ मलेरिया निरीक्षक प्रभात रंजन सिंह ने भी गोष्ठी में हिस्सा लिया।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ राजेश झा ने बताया कि डेंगू एक मच्छर जनित वायरल रोग है । इसका मच्छर दिन में काटता है और यह बीमारी प्रत्येक लिंग और समूह को प्रभावित करती है। मानसून की शुरूआत से पहले ही इस बीमारी से बचाव के उपायों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल सोलह मई को राष्ट्रीय डेंगू दिवस मनाया जाता है। पहले डेंगू सिर्फ बरसात के मौसम में ही होता था लेकिन अब यह वर्ष के किसी भी माह में सामने आने लगा है, क्योंकि इसके मच्छरों को पनपने के लिए घर में कहीं भी एकत्रित एक चम्मच साफ पानी भी पर्याप्त है। लक्षण दिखने पर त्वरित जांच और समय से इलाज का फायदा मिलता है।

मंडलीय कीट विज्ञानी डॉ वीके श्रीवास्तव ने कहा कि डेंगू से खासतौर से उन लोगों को और अधिक सतर्क रहना चाहिए जो एक बार इसका संक्रमण झेल चुके हैं, क्योंकि ऐसे लोगों में दूसरी बार संक्रमण अधिक गंभीर और लंबा हो सकता है । डेंगू का एक स्ट्रेन दूसरे स्ट्रेन से प्रतिरक्षा प्रदान नहीं करता है।

उन्होंने बताया कि डेंगू के लक्षण दिखते ही यथाशीघ्र प्रशिक्षित चिकित्सक से जांच और इलाज करवाने पर मरीज घर पर ही ठीक हो जाता है। इलाज में देरी करने और अपने मन से दवाएं खाने से जटिलताएं बढ़ती हैं और कई बार गंभीर अवस्था में मरीज को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ता है ।

इस अवसर पर कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ विश्व प्रताश सिंह , उप प्रधानाचार्य किरन कुमार और शिक्षक एमके श्रीवास्तव व डॉ दुर्गा प्रसाद मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन मनोरमा रानी ने किया।

बचाव ही है श्रेष्ठ उपाय

सीएमओ का कहना है कि डेंगू के संक्रमण से बचने के लिए पूरी बांह के कपड़े पहनने चाहिए और अपने घर, कार्यस्थल, दुकान आदि किसी भी जगह पर साफ पानी इकट्ठा न होने दें। कूलर, गमलों, एसी, पशुओं के पात्र, नारियल के खोल आदि की साफ सफाई करते रहें । अगर तेज बुखार, सिरदर्द, आंखों के पीछे दर्द, हड्डियों में दर्द, सुस्ती जैसे लक्षण दिखें तो तुरंत चिकित्सक को दिखाएं, क्योंकि ऐसे लक्षण डेंगू के भी हो सकते हैं। डॉ झा ने बताया कि डेंगू जांच की सुविधा सभी सरकारी अस्पतालों पर उपलब्ध है।

हुये विविध आयोजन

जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह ने बताया कि मलेरिया निरीक्षक प्रभात रंजन सिंह और रवि मल्ल की मौजूदगी में तरंग क्रासिंग स्थित भगवती प्रसाद कन्या महाविद्यालय में संगोष्ठी और रैली का आयोजन किया गया। मलेरिया निरीक्षक राहुल सिंह और आस्तिक पांडेय ने शास्त्री स्थित सेंट एंड्रयूज इंटर कॉलेज में जागरूकता कार्यक्रम में हिस्सा लिया। विद्यालय के प्रधानाचार्य प्रभात कुमार राय भी इस मौके पर मौजूद रहे। एडी गर्ल्स इंटर कॉलेज में जेई एईएस कंसल्टेंट सिद्धेश्वरी सिंह ने मलेरिया निरीक्षक पूजा गुप्ता के साथ जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन में प्रतिभा निशि क्लेडियस, प्रधानाचार्य और शिक्षकगण मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री को माँ ने दिया अपना आशीर्वाद—स्नेह से छुआ गाल, हृदय से कहा धन्यवाद

रायपुर-  बीजापुर जिले के उसूर ब्लॉक के करेगुट्टा पर्वत की तलहटी में स्थित नक्सल प्रभावित ग्राम उसूर की 62 वर्षीय शम्मी दुर्गम की वर्षों की प्रतीक्षा 15 मई को पूर्ण हुई, जब ग़लगम में आयोजित सुशासन तिहार के अवसर पर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत निर्मित पक्के मकान की चाबी सौंपी। पक्के आवास की चाबी पाकर शम्मी दुर्गम भावुक हो उठीं। उन्होंने मुख्यमंत्री जी के गालों को स्नेहपूर्वक स्पर्श करते हुए कहा कि वर्षों तक कच्चे मकान में रहना उनके लिए बेहद कठिन था—हर मौसम में कीड़े-मकोड़ों और जहरीले जीवों का डर बना रहता था। उन्होंने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को भावुकता से बार-बार धन्यवाद देते हुए कहा – अब मेरे जीवन में सुकून है, और मेरे बच्चों के सिर पर एक स्थायी छत है।

श्रीमती दुर्गम ने बताया कि उनके पति की मृत्यु 15 वर्ष पूर्व बीमारी के चलते हो गई थी, तब से उन्होंने अकेले ही अपने दो बच्चों का लालन-पालन किया और कृषि कार्य कर किसी तरह जीवनयापन किया। जब उन्हें सुरक्षित, मजबूत और सम्मानजनक आवास प्राप्त हुआ है, तो यह केवल एक मकान नहीं बल्कि उनके जीवनभर के संघर्षों का पुरस्कार है। यह एक ऐसी छत है, जिसमें सिर्फ ईंट और सीमेंट नहीं, बल्कि सम्मान, सुरक्षा और आत्मसम्मान की नींव जुड़ी है। शम्मी दुर्गम इस बात की गवाह है कि सरकार की योजनाएं जब सही हाथों तक पहुँचती हैं, तो वे केवल इमारत नहीं, भरोसे और उम्मीद का घर बन जाती हैं

मुख्यमंत्री ने 220 करोड़ रूपए की लागत से बन रही सिद्धबाबा सिंचाई जलाशय परियोजना का किया निरीक्षण

रायपुर-   सुशासन तिहार के अपने दौरे पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सीतागांव के समाधान शिविर के बाद हेलीकॉप्टर से खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले के गभरा गांव पहुंचे। उन्होंने गांव के समीप 220 करोड़ रूपए की लागत से बन रहे सिद्धबाबा सिंचाई जलाशय परियोजना का निरीक्षण किया। इस सिंचाई जलाशय से 34 गांवों के लगभग साढ़े चार हजार किसानों को सिंचाई सुविधा मिलेगी। जलाशय से 1840 हेक्टेयर क्षेत्र में खरीफ और 1380 हेक्टेयर में रबी फसलों की सिंचाई होगी।

मुख्यमंत्री श्री साय ने जलाशय स्थल का निरीक्षण करते हुए संबंधित अधिकारियों को निर्माण कार्यों की गति बढ़ाने और गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह जलाशय न केवल किसानों की आय बढ़ाने का माध्यम बनेगा, बल्कि इस क्षेत्र के सामाजिक और आर्थिक विकास का भी सशक्त आधार होगा। हमारी सरकार हर किसान तक पानी पहुँचाने के लिए प्रतिबद्ध है। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह सहित वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी, जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित थे।

गौरतलब है कि इस जलाशय के माध्यम से तीन जिलों के 34 गांवों खैरागढ़-छुईखदान-गंडई के गभरा, कोटरीछापर, दोड़िया, विचारपुर, बुन्देली, मुरई, खैरी, सीताडबरी, कोटरा, साल्हेकला, बेमेतरा जिले के पठारझोरी, चिचानमेटा, जानो, रानो, गाड़ाडीह, सोनडबरी गांव और दुर्ग जिले के अगारकला, अगारखुर्द, साल्हेखुर्द, नवागांव में सिंचाई सुविधा का विस्तार होगा।

इसके अलावा डुबान क्षेत्र के किसान भी 120 हेक्टेयर भूमि पर रबी और सब्जियों की खेती कर सकेंगे। जलाशय से प्रतिवर्ष 498 क्विंटल मत्स्य उत्पादन की संभावना है, जिससे 200 ग्रामीणों को रोजगार मिलेगा। क्षेत्र के भूजल स्तर में वृद्धि होगी, जिससे निस्तारी और पेयजल संकट भी कम होगा। कुल 23 निर्मित लघु जलाशयों को जल आपूर्ति भी इसी परियोजना से सुनिश्चित होगी। इनमें विकासखंड छुईखदान के 13 जलाशय-साजा के 7 जलाशय-धमधा के 3 जलाशय शामिल है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने दिया स्पष्ट संदेश: कमिश्नर और कलेक्टर करें नियमित प्रवास;राजस्व न्यायालय का समयबद्ध और नियमित संचालन करें सुनिश्चत

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सुशासन तिहार अंतर्गत राजनांदगांव जिला पंचायत के सभा कक्ष में आयोजित उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में अधिकारियों को विकास और जनसेवा के लिए नियमित भ्रमण एवं ग्रामीण क्षेत्रों में प्रवास तथा राजस्व न्यायालयों के समयबद्ध संचालन के संबंध में कड़े निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि विकसित छत्तीसगढ़ का सपना तभी साकार होगा जब अधिकारी जमीनी हकीकत से जुड़े रहेंगे और जनता की समस्याओं का निराकरण सीधे उनकी उपस्थिति में किया जाएगा। इसके लिए सभी कमिश्नर, कलेक्टर और अन्य वरिष्ठ अधिकारी अपने अधीन जिलों और ब्लॉकों में नियमित भ्रमण और प्रवास करें तथा क्षेत्र में किए जा रहे विकास कार्यों की भौतिक निगरानी सुनिश्चित करते हुए जवाबदेही की संस्कृति को मजबूत करें।

मुख्यमंत्री श्री साय ने राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिए कि राजस्व न्यायालय का नियमित संचालन सुनिश्चित करें। इसके साथ ही प्रत्येक अधिकारी पूर्वनिर्धारित न्यायालय कैलेंडर के अनुसार ही कार्य करें। केवल अत्यंत विशेष परिस्थितियों में ही न्यायालय की तिथि रद्द की जाए। इससे न केवल आमजन को समय पर न्याय मिलेगा बल्कि प्रशासनिक कार्यों में भी पारदर्शिता आएगी।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सुशासन की रीढ़ यही है कि अधिकारी जनसम्पर्क बनाए रखें, जनता के बीच उपस्थित रहें, और उनकी समस्याओं को त्वरित रूप से हल करें। यह न केवल विश्वास की भावना को मजबूत करेगा, बल्कि शासन की विश्वसनीयता को भी बढ़ाएगा।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज राजनांदगांव जिले के जिला पंचायत भवन के सभाकक्ष में आयोजित संयुक्त समीक्षा बैठक में सुशासन तिहार के अंतर्गत राजनांदगांव, मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी और खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिलों के विकास कार्यों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री श्री साय ने बैठक अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि योजनाओं का जमीनी स्तर पर प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित हो तथा हर पात्र हितग्राही तक लाभ समय पर पहुँचे।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि स्वास्थ्य योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार हो ताकि आमजन को योजनाओं की जानकारी समय रहते मिले और वे उसका लाभ उठा सकें। राजस्व प्रकरणों के त्वरित निराकरण हेतु नियमित शिविरों का आयोजन हो। प्रधानमंत्री आवास योजना सहित सभी आवासीय योजनाओं की लंबित मांगों का शतप्रतिशत निराकरण किया जाए। साथ ही जिलों में शासन के जनकल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में समन्वय एवं पारदर्शिता बनाए रखते हुए समयबद्ध कार्रवाई हो।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि सुशासन तिहार का उद्देश्य है कि शासन और प्रशासन की पहुंच गांव, गरीब और अंतिम पंक्ति के नागरिक तक सुनिश्चित हो। उन्होंने कहा कि योजनाओं की सफलता का मापदंड केवल कागज़ी प्रगति नहीं, बल्कि लाभार्थियों के चेहरे पर आई संतोष और सुरक्षा की अनुभूति है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि प्रदेश सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी के अंतर्गत दी गई अधिकांश घोषणाओं को जमीनी स्तर पर सफलतापूर्वक क्रियान्वित किया है। उन्होंने सभी जिलों में अधिकारियों द्वारा किए जा रहे अच्छे कार्यों की सराहना की और कहा कि जनता की अपेक्षाओं के अनुरूप प्रशासन को समर्पित होकर और समन्वय स्थापित कर कार्य करना चाहिए।

मुख्यमंत्री श्री ने किसानों को समय पर खाद-बीज की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए और कहा कि आने वाले खरीफ सीजन को देखते हुए सभी जिलों में कृषकों की आवश्यकताओं के अनुरूप पूर्व तैयारी सुनिश्चित कर लें। साथ ही, उन्होंने अधिकारियों से शिविर लगाकर लंबित राजस्व प्रकरणों के त्वरित निराकरण की व्यवस्था करने के निर्देश दिए जिससे आम नागरिकों को समयबद्ध समाधान मिल सके।

उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा 1460 पंचायतों में अटल सेवा केंद्र का शुभारंभ किया गया है। इन केंद्रों के सुचारू संचालन से ग्रामीण नागरिकों को बैंक, दस्तावेज़ और डिजिटल सेवाओं के लिए अन्यत्र जाने की आवश्यकता नहीं रहेगी। मुख्यमंत्री ने इन केंद्रों के प्रभावी संचालन की जिम्मेदारी संबंधित अधिकारियों को सौंपी और निर्देश दिए कि इनसे जनसुविधा को सर्वोच्च प्राथमिकता मिले।

मुख्यमंत्री श्री साय ने जानकारी दी कि सभी पंचायतों में तिरंगा यात्रा आयोजित करने का निर्णय लिया गया है, जो राष्ट्रीय चेतना और नागरिक सहभागिता को प्रोत्साहित करेगी। उन्होंने सभी जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों और पंचायत प्रतिनिधियों से इस यात्रा में सक्रिय सहभागिता सुनिश्चित करने का आग्रह किया।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि विकसित छत्तीसगढ़ का सपना हम सबकी साझा जिम्मेदारी है। शासन-प्रशासन के प्रत्येक अधिकारी-कर्मचारी को समन्वय, तत्परता और सेवा भाव के साथ कार्य करते हुए विकास यात्रा को गति देनी होगी।

इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, उपमुख्यमंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री विजय शर्मा, सांसद संतोष पांडेय, महापौर मधुसूदन यादव, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने शासकीय क्षेत्रीय मुद्रणालय के नवीन भवन का किया लोकार्पण

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज राजनांदगांव जिले के चिखली में 9 करोड़ रूपए की लागत से निर्मित शासकीय क्षेत्रीय मुद्रणालय के नवीन भवन का लोकार्पण किया। यहां शासकीय विभागों के महत्वपूर्ण दस्तावेजों का प्रकाशन होता है। मुख्यमंत्री ने शासकीय मुद्रणालय के नवनिर्मित भवन और वहां की प्रकाशन तथा अन्य व्यवस्था का भी अवलोकन किया।राजनांदगांव स्थित शासकीय क्षेत्रीय मुद्रणालय भवन छत्तीसगढ़ में एक मात्र शासकीय मुद्रणालय है जहां महत्वपूर्ण शासकीय दस्तावेजों का प्रकाशन किया जाता है। मुद्रणालय का पुराना भवन अत्याधिक पुराना होने के कारण नये भवन की आवश्यकता महसूस की जा रही थी।

शासकीय मुद्रणालय के नवीन भवन में पेपर गोडाउन, प्रिटिंग मटेरियल स्टोर, बाइडिंग एवं पेपर स्टोर, मेकेनिकल स्टोर, काम्पोजिंग एवं रीडिंग रूम, टाइप स्टोर, कैमरा रूम, असिस्टेंट सुपरिटेंडेन्ट कक्ष, डायरेक्टर रूम, कॉन्फ्रेंस रूम एवं अन्य आवश्यक व्यस्थाएं रखी गई है। यहां 4 बड़े हाल एवं 12 कमरे हैं।

इस अवसर पर छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, उप मुख्यमंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्र विजय शर्मा, सांसद संतोष पांडेय, महापौर मधुसूदन यादव सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं शासकीय मुद्रणालय के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।

सुशासन तिहार : मुख्यमंत्री ने बरगद पेड़ के नीचे लगाई जनचौपाल, ग्रामीणों को दी ये सौगातें…

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सहजता और सरलता से झुरानदी गांव के ग्रामीण अभिभूत हो उठे। तपती दोपहरी में मुख्यमंत्री का हेलीकॉप्टर अचानक खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले के ग्राम झुरानदी में उतरा। बिना किसी पूर्व सूचना के मुख्यमंत्री को अपने बीच पाकर ग्रामीणों को हर्ष मिश्रित आश्चर्य हुआ। मुख्यमंत्री ने गांव के बरगद पेड़ की छांव में चौपाल लगाई और बेहद आत्मीय अंदाज में ग्रामीणों से संवाद किया। देखते ही देखते पूरा गांव उमड़ पड़ा और माहौल उत्सव जैसा बन गया। मुख्यमंत्री के साथ उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा भी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री साय ने ग्रामीणों से बातचीत की शुरुआत करते हुए कहा कि मैंने बस्तर, सरगुजा के अनेकों जिले में और जांजगीर, चांपा, कबीरधाम, बेमेतरा जिले जैसे जिलों के सुदूर गांवों तक जाकर जनचौपाल की है। उन्होंने कहा कि आज मानपुर-मोहला-अंबागढ़ चौकी जिले से होकर आपके इस गांव झुरानदी में सीधे पहुंचा हूं। हमारी सरकार गांव, गरीब और किसान की सरकार है। हम हर घर तक शासन की योजनाओं का लाभ पहुंचाना चाहते हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि ग्रामीणों की मांगों और समस्याओं पर त्वरित कार्रवाई की जाए तथा योजनाओं का लाभ हर पात्र हितग्राही तक समय पर पहुंचे।

मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों की मांग पर झुरानदी गांव में हाई स्कूल एवं हायर सेकेंडरी स्कूल भवन निर्माण की घोषणा की। उन्होंने ग्राम में सीसी सड़क निर्माण के लिए 20 लाख रूपए, दो उच्च स्तरीय पुल निर्माण- गंडई से कृतबाधा पहुंच मार्ग पर उच्च स्तरीय पुल निर्माण के लिए 2 करोड़ 54 लाख रूपए और गंडई कर्रानाला पहुँचमार्ग पर लिमो में उच्च स्तरीय पुल निर्माण के लिए 2 करोड 52 लाख रूपए और ग्रामीणों की मांग पर ग्राम पंचायत भोरमपुर में नए पंचायत भवन निर्माण की घोषणा की।

मुख्यमंत्री श्री साय ने गांव के बीच बाजार पड़ाव में बरगद पेड़ की छांव में जनचौपाल लगाई और वहां उपस्थित ग्रामीणों से छत्तीसगढ़ी भाषा में ही संवाद की शुरुआत की, जिससे ग्रामीणों के साथ भावनात्मक जुड़ाव और गहराता गया। उन्होंने ग्रामीणों से उनकी समस्याएं, सुझाव और योजनाओं के क्रियान्वयन से जुड़े अनुभव भी सुने। ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री श्री साय के सहज, सरल, सादगीपूर्ण और विनम्र व्यवहार की खुले दिल से सराहना की। बुजुर्गों ने कहा कि वर्षों में पहली बार ऐसा अवसर आया है, जब प्रदेश के मुखिया सीधे उनके गांव में पहुंचे। किसानों और युवाओं ने मुख्यमंत्री की माटी से जुड़ी शैली को नज़दीक से देखा और महसूस किया।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस मौके पर सुशासन तिहार के उद्देश्यों को स्पष्ट करते हुए कहा कि इस अभियान में मुख्यमंत्री से लेकर मंत्री, सांसद, विधायक और स्थानीय जनप्रतिनिधि सभी सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं और जमीनी हकीकत का मूल्यांकन कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि वे स्वयं बस्तर से लेकर सरगुजा तक अनेक गांवों का दौरा कर चुके हैं, और योजनाओं की प्रगति की प्रत्यक्ष जानकारी ले रहे हैं। मुख्यमंत्री ने गांव के बाजार पड़ाव स्थित पवनपुत्र हनुमान मंदिर में पूजा अर्चना कर प्रदेशवासियों की खुशहाली की कामना की। इस मौके पर पूर्व विधायक कोमल जंघेल, जिला पंचायत अध्यक्ष प्रियंका खम्हन ताम्रकर सहित अनेक जनप्रतिनिधि और वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी उपसझुरानदी गांव में 180 पीएम आवास पूर्ण

खैरागढ़ विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत झुरानदी की जनसंख्या 1935 है। यह गांव लोधी एवं वर्मा समाज की बहुलता है। गांव में स्वास्थ्य, शिक्षा, बिजली एवं पेयजल की समुचित व्यवस्था उपलब्ध है। आंगनबाड़ी केंद्र भी संचालित है। गांव में प्राथमिक शाला, माध्यमिक शाला और हाई स्कूल की सुविधा उपलब्ध है, जिससे बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल रही है।

ग्राम पंचायत में प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत कुल 217 आवास स्वीकृत हुए हैं, जिनमें से 180 पूर्ण हो चुके हैं तथा 37 निर्माणाधीन हैं। महतारी वंदन योजना से 616 महिलाएं लाभान्वित हो रही हैं। जल जीवन मिशन के तहत जल आपूर्ति की जा रही है। ग्रामीणों को मनरेगा के अंतर्गत रोजगार मिल रहा है। गांव में 17 स्वसहायता समूह की महिलाएं आजीविका गतिविधियों से जुड़ी है।्थित थे।

नयी शिक्षा नीति के अनुरूप बच्चों की पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद को भी बढ़ावा


पटना नयी शिक्षा नीति के अनुरूप बच्चों की पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद को भी बढ़ावा
देने के उद्देश्य से टेंडर हार्ट इंटरनेशनल स्कूल एक 10 दिवसीय समर कैंप का आयोजन किया जा रहा है। कॉन्फ्रेंस के दौरान जाने-माने प्रशिक्षक, नेशनल खिलाड़ी एवं खेल विशेषज्ञ मौजूद रहे, जैसे कि योगी कुंदन कुमार - योग विशेषज्ञ, शोबन रॉय - टेबल टेनिस राज्य स्तरीय खिलाड़ी, सूरज - राष्ट्रीय वुशु कोच एवं जज, और देव्रथ बनर्जी- बास्केटबॉल , सोनाली - वुशु नेशनल गोल्ड मेडलिस्ट। इस कैंप में बिहार के विभिन्न स्कूलों से 3 से 15 वर्ष के लगभग 50 बच्चों ने अपना पंजीकरण कराया है, और पंजीकरण की प्रक्रिया 18 मई तक जारी रहेगी। इस समर कैंप में बच्चों को विभिन्न क्षेत्रों के जाने-माने अनुभवी प्रशिक्षकों द्वारा प्रशिक्षण दिया जाएगा। कैंप के दौरान प्रतिदिन स्केटिंग, तैराकी , आर्ट एंड क्राफ्ट , आर्टिस्टिक योगा जैसे विभिन्न कलाओं का प्रशिक्षण दिया जाएगा । विद्यालय के निर्देशक राजीव भार्गव ने बताया कि इस कैंप में बच्चों को तैराकी का भी प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिसमें बच्चे 10 दिनों के भीतर अच्छी तरह से तैरना सीख सकेंगे और कार्यक्रम के समापन पर इसका प्रदर्शन भी करेंगे।
डिजिटल क्रांति से सशक्त हुईं झारखंड की आंगनबाड़ी सेविकाएं

रांची: झारखंड में डिजिटल परिवर्तन की लहर अब गांवों तक पहुंच रही है। राज्य सरकार ने हाल ही में 37,810 आंगनबाड़ी सेविकाओं को स्मार्टफोन वितरित किए हैं, जिससे वे तकनीकी रूप से सशक्त हुई हैं और लाभार्थियों को सेवाएं प्रदान करने में अधिक आत्मनिर्भर बन गई हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस पहल को महिला सशक्तिकरण और समाज कल्याण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया है।

स्मार्टफोन मिलने से आंगनबाड़ी सेविकाओं का आत्मविश्वास बढ़ा है। कांके प्रखंड की सेविका सरिता कुमारी बताती हैं कि अब वे स्वयं लाभार्थियों की तस्वीरें खींच सकती हैं, आधार प्रमाणीकरण कर सकती हैं और टीएचआर जैसी सेवाएं समय पर दे सकती हैं। इस तकनीकी सशक्तिकरण का सीधा प्रभाव आईसीडीएस सेवाओं की गुणवत्ता पर दिख रहा है। मार्च 2023 में जहां केवल 48.03% लाभार्थियों का आधार सत्यापन हुआ था, वहीं मार्च 2025 तक यह आंकड़ा बढ़कर 97.22% हो गया है। वर्तमान में राज्य के 38,523 आंगनबाड़ी केंद्रों में सेविकाएं डिजिटल माध्यम से सेवाएं दे रही हैं।

स्मार्टफोन के माध्यम से एकत्रित आंकड़ों से योजनाओं की प्रगति की जिला और राज्य स्तर पर निगरानी संभव हो रही है। इससे सेवा वितरण में पारदर्शिता आई है और बुनियादी ढांचे के सुधार तथा संसाधनों के बेहतर प्रबंधन में मदद मिल रही है। राज्य सरकार आंगनबाड़ी केंद्रों को मजबूत करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। 

सभी केंद्रों को आवश्यक बर्तन उपलब्ध कराए गए हैं, और पहले चरण में 16,775 केंद्रों को एलईडी टीवी, आरओ वाटर प्यूरीफायर, बिजली कनेक्शन, पंखे, शौचालय और सुरक्षित पेयजल जैसी सुविधाओं से लैस किया गया है।

सरकार आदिवासी बहुल 1,200 से अधिक गांवों में नए आंगनबाड़ी केंद्र स्थापित करने जा रही है, जहां जनजातीय समुदायों को पोषण, स्वास्थ्य और प्रारंभिक शिक्षा जैसी सेवाएं मिलेंगी। इन केंद्रों में जल्द ही सेविका और सहायिका की नियुक्तियां भी की जाएंगी। झारखंड के आंगनबाड़ी केंद्र अब केवल सेवा वितरण केंद्र नहीं रह गए हैं, बल्कि सामुदायिक विकास और महिला सशक्तिकरण के केंद्र के रूप में विकसित हो रहे हैं। 'अबुआ सरकार' की यह पहल समावेशी विकास का प्रतीक है, जो तकनीक और सेवा के संगम से ग्रामीण झारखंड की तस्वीर बदल रही है।

आयुष्मान भारत योजना में डायलिसिस सुविधा बहाल, कांग्रेस नेता मुन्ना सिंह ने मंत्री और सिविल सर्जन का जताया आभार


हजारीबाग से एक राहत भरी खबर सामने आई है। शुक्रवार को झारखण्ड प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मुन्ना सिंह ने आयुष्मान भारत योजना के तहत डायलिसिस सुविधा की बहाली और मरीजों को राहत मिलने के लिए झारखण्ड के स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर इरफान अंसारी और हजारीबाग के सिविल सर्जन का आभार व्यक्त किया है।

मुन्ना सिंह ने बताया कि हाल ही में डायलिसिस से पीड़ित मरीजों ने निजी अस्पतालों में सुविधा नहीं मिलने की शिकायत की थी। इस गंभीर समस्या को उन्होंने प्राथमिकता के आधार पर स्वास्थ्य विभाग के समक्ष रखा। इसके बाद मंत्री डॉक्टर इरफान अंसारी और विभागीय अधिकारियों द्वारा त्वरित संज्ञान लेते हुए व्यवस्था में जरूरी सुधार किया गया।

इस पहल से मरीजों को बड़ी राहत मिली है। मुन्ना सिंह ने इसे जनहित के प्रति सरकार और स्वास्थ्य विभाग की प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया। उन्होंने उम्मीद जताई कि आगे भी इस प्रकार की समस्याओं पर इसी संवेदनशीलता और तत्परता के साथ कार्रवाई होती रहेगी।

इसके साथ ही उन्होंने यह दोहराया कि कांग्रेस पार्टी जनस्वास्थ्य और आम जनता की भलाई को सर्वोपरि मानती है और गरीब, पीड़ित और वंचित वर्ग की आवाज उठाने के अपने संकल्प पर अडिग रहेगी।

फूड सेफ्टी ऑफिसर द्वारा खाद्य प्रतिष्ठानों में चलाया गया जांच अभियान।।


उपायुक्त श्रीमती नैंसी सहाय एवं एसीएमओ डॉ शशि जायसवाल के निर्देशानुसार खाद्य प्रतिष्ठानों में नियमित जांच अभियान चलाया गया। इसी क्रम में आज शुक्रवार 16 मई को खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी प्रकाश चंद्र गुग्गी के द्वारा मेसर्स डॉल्फिनो रिसॉर्ट, ओकनी, मेसर्स लॉक अप रेस्टोरेंट, मटवारी, मेसर्स चंपारण मीट हाउस, राची पटना रोड और मेसर्स चिली वेनिल्ला, रांची-पटना रोड का निरीक्षण करते हुए पनीर और चाउमीन का सैंपल कलेक्शन किया गया। 

मेसर्स चंपारण मीट हाउस का लाइसेंस/पंजीकरण नहीं होने पर नोटिस दिया गया।

जांच के क्रम में उन्हें पैकेजिंग सामग्री का खाद्य ग्रेड प्रमाण पत्र, कीट नियंत्रण का सही से प्रबंधन करना, परिसर की सफाई के साथ-साथ व्यक्तिगत सफाई और स्वच्छता बनाए रखने का निर्देश दिया गया।

खिड़कियों और दरवाजों को कीट रोधी स्क्रीन से कवर करने का निर्देश दिया गया, साथ ही फूड हैंडलर्स का मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट बनवाने और रिकॉर्ड मेंटेन करने का निर्देश दिया गया।

खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी द्वारा लगातार अभियान चला कर किसी भी प्रकार के मिलावट या खाद्य सुरक्षा से संबंधित अपराध को रोकने के लिए कार्रवाई की जा रही है।

डेंगू से डरने की नहीं, बचने की आवश्यकता

गोरखपुर। 16 मई 2025 राष्ट्रीय डेंगू दिवस के उपलक्ष्य में पूरे जनपद में स्वास्थ्य विभाग ने जनजागरूता संबंधी विविध गतिविधियों का आयोजन किया । इनके जरिये संदेश दिया गया कि इस बीमारी के प्रसार से लोगों को डरने की बजाय, इससे बचाव के उपायों को अपनाने की आवश्यकता है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ राजेश झा ने राष्ट्रीय डेंगू दिवस के अवसर पर राजकीय जुबिली इंटर कॉलेज में हुई जागरूकता गोष्ठी में हिस्सा लिया । मंडलीय कीट विज्ञानी डॉ वीके श्रीवास्तव और जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह ने भी उनके साथ गोष्ठी में पहुंच कर बच्चों को बीमारी के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की । वेक्टर बार्न डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम के नोडल अधिकारी डॉ राजेश और वरिष्ठ मलेरिया निरीक्षक प्रभात रंजन सिंह ने भी गोष्ठी में हिस्सा लिया।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ राजेश झा ने बताया कि डेंगू एक मच्छर जनित वायरल रोग है । इसका मच्छर दिन में काटता है और यह बीमारी प्रत्येक लिंग और समूह को प्रभावित करती है। मानसून की शुरूआत से पहले ही इस बीमारी से बचाव के उपायों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल सोलह मई को राष्ट्रीय डेंगू दिवस मनाया जाता है। पहले डेंगू सिर्फ बरसात के मौसम में ही होता था लेकिन अब यह वर्ष के किसी भी माह में सामने आने लगा है, क्योंकि इसके मच्छरों को पनपने के लिए घर में कहीं भी एकत्रित एक चम्मच साफ पानी भी पर्याप्त है। लक्षण दिखने पर त्वरित जांच और समय से इलाज का फायदा मिलता है।

मंडलीय कीट विज्ञानी डॉ वीके श्रीवास्तव ने कहा कि डेंगू से खासतौर से उन लोगों को और अधिक सतर्क रहना चाहिए जो एक बार इसका संक्रमण झेल चुके हैं, क्योंकि ऐसे लोगों में दूसरी बार संक्रमण अधिक गंभीर और लंबा हो सकता है । डेंगू का एक स्ट्रेन दूसरे स्ट्रेन से प्रतिरक्षा प्रदान नहीं करता है।

उन्होंने बताया कि डेंगू के लक्षण दिखते ही यथाशीघ्र प्रशिक्षित चिकित्सक से जांच और इलाज करवाने पर मरीज घर पर ही ठीक हो जाता है। इलाज में देरी करने और अपने मन से दवाएं खाने से जटिलताएं बढ़ती हैं और कई बार गंभीर अवस्था में मरीज को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ता है ।

इस अवसर पर कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ विश्व प्रताश सिंह , उप प्रधानाचार्य किरन कुमार और शिक्षक एमके श्रीवास्तव व डॉ दुर्गा प्रसाद मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन मनोरमा रानी ने किया।

बचाव ही है श्रेष्ठ उपाय

सीएमओ का कहना है कि डेंगू के संक्रमण से बचने के लिए पूरी बांह के कपड़े पहनने चाहिए और अपने घर, कार्यस्थल, दुकान आदि किसी भी जगह पर साफ पानी इकट्ठा न होने दें। कूलर, गमलों, एसी, पशुओं के पात्र, नारियल के खोल आदि की साफ सफाई करते रहें । अगर तेज बुखार, सिरदर्द, आंखों के पीछे दर्द, हड्डियों में दर्द, सुस्ती जैसे लक्षण दिखें तो तुरंत चिकित्सक को दिखाएं, क्योंकि ऐसे लक्षण डेंगू के भी हो सकते हैं। डॉ झा ने बताया कि डेंगू जांच की सुविधा सभी सरकारी अस्पतालों पर उपलब्ध है।

हुये विविध आयोजन

जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह ने बताया कि मलेरिया निरीक्षक प्रभात रंजन सिंह और रवि मल्ल की मौजूदगी में तरंग क्रासिंग स्थित भगवती प्रसाद कन्या महाविद्यालय में संगोष्ठी और रैली का आयोजन किया गया। मलेरिया निरीक्षक राहुल सिंह और आस्तिक पांडेय ने शास्त्री स्थित सेंट एंड्रयूज इंटर कॉलेज में जागरूकता कार्यक्रम में हिस्सा लिया। विद्यालय के प्रधानाचार्य प्रभात कुमार राय भी इस मौके पर मौजूद रहे। एडी गर्ल्स इंटर कॉलेज में जेई एईएस कंसल्टेंट सिद्धेश्वरी सिंह ने मलेरिया निरीक्षक पूजा गुप्ता के साथ जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन में प्रतिभा निशि क्लेडियस, प्रधानाचार्य और शिक्षकगण मौजूद रहे।