अब गंभीर टीबी ग्रसित मरीजों का इलाज एवं उपचार जिला यक्ष्मा केंद्र पूर्णिया से हो रहा संभव
सम्पूर्ण उपचार के लिए नहीं जाना पड़ता भागलपुर -जिला यक्ष्मा केंद्र में नियुक्त किए गए हैं टीबी विशेषज्ञ चिकित्सा पदाधिकारी डॉ दिनेश कुमार -गंभीर टीबी ग्रसित मरीजों की पहचान के लिए जीएमसीएच पूर्णिया में किया जाता है 13 प्रकार की जांच -ग्रसित मरीजों को जिला और प्रखंड स्तर पर उपलब्ध कराई जाती है आवश्यक दवाइयां -वर्तमान में बिहार में 01 लाख 50 हजार जबकि पूर्णिया जिले में 03 हजार 129 मरीज टीबी ग्रसित, नजदीकी अस्पताल से किया जा रहा सबका उपचार -ग्रसित मरीजों को सहयोग राशि के लिए उपलब्ध कराई जाती है 1000 रुपये प्रति माह पूर्णिया, 19 जनवरी टीबी ग्रसित मरीजों को स्थानीय स्तर पर आवश्यक जांच और सम्पूर्ण इलाज के लिए जिला स्वास्थ्य विभाग सम्पूर्ण प्रयासरत है। टीबी ग्रसित मरीजों को जिला में बेहतर इलाज सुविधा उपलब्ध कराने के लिए जिला यक्ष्मा केंद्र में विशेष रूप से टीबी विशेषज्ञ चिकित्सक प्रतिनियुक्त किए गए हैं। विशेषज्ञ चिकित्सक द्वारा अस्पताल में कार्यरत होने से गंभीर टीबी ग्रसित मरीजों को टीबी का उपचार आसान हो गया है। अब टीबी से ग्रसित गंभीर मरीजों को विशेष जांच और उपचार के लिए भागलपुर जाने की जरूरत नहीं है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिला यक्ष्मा केंद्र में टीबी विशेषज्ञ चिकित्सा अधिकारी के रूप में डॉ दिनेश कुमार को नियुक्त किया गया है। डॉ दिनेश कुमार द्वारा गंभीर टीबी ग्रसित मरीजों की पहचान करते हुए सम्बंधित मरीजों को उपचार सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है जिससे टीबी ग्रसित मरीजों को बहुत लाभ मिल रहा है। लक्षण दिखाई देने पर कराएं टीबी ग्रसित होने की जाँच : सिविल सर्जन डॉ प्रमोद कुमार कनौजिया ने बताया कि दो सप्ताह से अधिक दिनों तक खांसी होना, शाम को बुखार आना, वजन में कमी होना, रात में पसीना आना और थूक के बलगम में खून का होना टीबी ग्रसित होने के लक्षण हैं। ऐसा लक्षण दिखाई देने पर संबंधित व्यक्ति को नजदीकी अस्पताल से जांच कराना सुनिश्चित करना चाहिए। जांच के रिपोर्ट के अनुसार संबंधित मरीज को सामान्य या गंभीर टीबी से ग्रसित पाए जाने पर आवश्यक उपचार सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। पहले सामान्य टीबी ग्रसित मरीजों की जांच और उपचार जिला यक्ष्मा केंद्र, पूर्णिया में तथा गंभीर टीबी ग्रसित मरीज (एमडीआर) की जांच के लिए भागलपुर रेफर किया जाता था। नवंबर 2024 से जिला यक्ष्मा केन्द्र पूर्णिया में टीबी विशेषज्ञ चिकित्सिक नियुक्त किया गया है जिससे कि अब टीबी ग्रसित मरीजों को विशेष इलाज के लिए भागलपुर जाने की जरूरत नहीं होती है। ग्रसित मरीजों को यक्ष्मा केंद्र में ही जांच करते हुए उपचार सुविधा उपलब्ध कराई जाती है जिसका ग्रसित मरीज द्वारा घर पर रहकर लाभ उठाया जा सकता है। सिविल सर्जन डॉ प्रमोद कुमार कनौजिया ने बताया कि टीबी विशेषज्ञ चिकित्सक जिला में उपलब्ध होने से जिले में टीबी ग्रसित मरीजों की पहचान और उपचार में इजाफा हो रहा है। दिसंबर 2024 में पूर्णिया जिले में 448 टीबी ग्रसित मरीजों की पहचान करते हुए उपचार उपलब्ध कराई गई। टीबी विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ दिनेश कुमार द्वारा 448 टीबी ग्रसित मरीजों में 15 गंभीर टीबी ग्रसित मरीज की पहचान की गई है जिन्हें आवश्यक दवाई उपलब्ध कराते हुए नियमित रूप से जांच और उपचार सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। गंभीर टीबी ग्रसित मरीजों की पहचान के लिए जीएमसीएच पूर्णिया में किया जाता है 13 प्रकार की जांच : डीपीएस राजेश शर्मा ने बताया कि लक्षण दिखाई देने पर प्रखंड स्वास्थ्य केंद्र में टीबी ग्रसित मरीजों की जांच सुनिश्चित किया जाता है। जांच के बाद संबंधित मरीजों को प्रखंड में ही उपचार हेतु आवश्यक दवाई उपलब्ध कराई जाती है। लक्षण के अनुसार संबंधित मरीजों के गंभीर टीबी ग्रसित होने की स्तिथि में संबंधित मरीजों को विशेष जांच के लिए पूर्णिया जीएमसीएच भेजा जाता है। जीएमसीएच में संभावित टीबी ग्रसित मरीजों के 13 प्रकार की जांच की जाती है जिससे ग्रसित मरीजों के टीबी संक्रमण की स्थिति और उपयुक्त दवाई से होने वाले लाभ का मूल्यांकन करते हुए उपचार सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। टीबी ग्रसित पाए जाने पर संबंधित मरीजों को जिला यक्ष्मा केन्द्र द्वारा कार्ड बनाते हुए दवा उपलब्ध कराई जाती है। संबंधित कार्ड से ग्रसित मरीजों द्वारा प्रखंड स्वास्थ्य केंद्रों से भी टीबी उपचार के लिए आवश्यक दवाई सुविधा का लाभ उठाया जाता है। नियमित जांच और दवाई का उपयोग करने से ग्रसित मरीजों को टीबी बीमारी से सुरक्षित करते हुए स्वास्थ्य किया जाता है। पूर्णिया जिले में 03 हजार 129 मरीज टीबी ग्रसित : जिला संचारी रोग नियंत्रण पदाधिकारी (सीडीओ) डॉ कृष्ण मोहन दास ने बताया कि वर्तमान समय में पूरे बिहार में 01 लाख 50 हजार 111 मरीज टीबी बीमारी से ग्रसित पाए गए हैं। पूर्णिया जिले टीबी ग्रसित मरीजों की संख्या 03 हजार 129 हैं। सभी टीबी ग्रसित मरीजों को टीबी संक्रमण से सुरक्षित करने के लिए स्वास्थ्य केंद्रों से आवश्यक दवाई नियमित रूप से उपलब्ध कराई जा रही है। समय समय पर टीबी ग्रसित मरीजों का फॉलोअप करते हुए प्रखंड स्वास्थ्य केन्द्र से जांच सुनिश्चित किया जाता है। इस दौरान टीबी ग्रसित मरीजों का प्रखंड अस्पताल से स्पुटम एकत्रित करते हुए विशेष कल्चर जांच के लिए भागलपुर भेजा जाता है। कल्चर रिपोर्ट के अनुसार संक्रमित मरीजों के टीबी स्थिति की जानकारी लेते हुए उन्हें उपचार सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। ग्रसित मरीजों को सहयोग राशि के लिए उपलब्ध कराई जाती है 1000 रुपये प्रति माह : सीडीओ डॉ कृष्ण मोहन दास ने बताया कि टीबी ग्रसित मरीजों द्वारा नजदीकी अस्पताल से नियमित दवा सुविधा का लाभ उठाने पर संबंधित मरीजों को स्वास्थ्य विभाग द्वारा निक्षय पोषण योजना अंतर्गत 1000 रुपये प्रति माह की पोषण सहायता राशि उपलब्ध कराई जाती है। नियमित दवा उपयोग करने पर ग्रसित मरीजों को तीन महीने के अंतराल पर सहयोग राशि लाभार्थियों के बैंक खाते में ही स्वास्थ्य विभाग द्वारा उपलब्ध कराई जाती है जिससे कि ग्रसित मरीजों द्वारा नियमित रूप से पोषण सुविधा का लाभ उठाते हुए टीबी संक्रमण से बहुत जल्द सुरक्षित किया जा सके।

सम्पूर्ण उपचार के लिए नहीं जाना पड़ता भागलपुर -जिला यक्ष्मा केंद्र में नियुक्त किए गए हैं टीबी विशेषज्ञ चिकित्सा पदाधिकारी डॉ दिनेश कुमार -गंभीर टीबी ग्रसित मरीजों की पहचान के लिए जीएमसीएच पूर्णिया में किया जाता है 13 प्रकार की जांच -ग्रसित मरीजों को जिला और प्रखंड स्तर पर उपलब्ध कराई जाती है आवश्यक दवाइयां -वर्तमान में बिहार में 01 लाख 50 हजार जबकि पूर्णिया जिले में 03 हजार 129 मरीज टीबी ग्रसित, नजदीकी अस्पताल से किया जा रहा सबका उपचार -ग्रसित मरीजों को सहयोग राशि के लिए उपलब्ध कराई जाती है 1000 रुपये प्रति माह पूर्णिया, 19 जनवरी टीबी ग्रसित मरीजों को स्थानीय स्तर पर आवश्यक जांच और सम्पूर्ण इलाज के लिए जिला स्वास्थ्य विभाग सम्पूर्ण प्रयासरत है। टीबी ग्रसित मरीजों को जिला में बेहतर इलाज सुविधा उपलब्ध कराने के लिए जिला यक्ष्मा केंद्र में विशेष रूप से टीबी विशेषज्ञ चिकित्सक प्रतिनियुक्त किए गए हैं। विशेषज्ञ चिकित्सक द्वारा अस्पताल में कार्यरत होने से गंभीर टीबी ग्रसित मरीजों को टीबी का उपचार आसान हो गया है। अब टीबी से ग्रसित गंभीर मरीजों को विशेष जांच और उपचार के लिए भागलपुर जाने की जरूरत नहीं है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिला यक्ष्मा केंद्र में टीबी विशेषज्ञ चिकित्सा अधिकारी के रूप में डॉ दिनेश कुमार को नियुक्त किया गया है। डॉ दिनेश कुमार द्वारा गंभीर टीबी ग्रसित मरीजों की पहचान करते हुए सम्बंधित मरीजों को उपचार सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है जिससे टीबी ग्रसित मरीजों को बहुत लाभ मिल रहा है। लक्षण दिखाई देने पर कराएं टीबी ग्रसित होने की जाँच : सिविल सर्जन डॉ प्रमोद कुमार कनौजिया ने बताया कि दो सप्ताह से अधिक दिनों तक खांसी होना, शाम को बुखार आना, वजन में कमी होना, रात में पसीना आना और थूक के बलगम में खून का होना टीबी ग्रसित होने के लक्षण हैं। ऐसा लक्षण दिखाई देने पर संबंधित व्यक्ति को नजदीकी अस्पताल से जांच कराना सुनिश्चित करना चाहिए। जांच के रिपोर्ट के अनुसार संबंधित मरीज को सामान्य या गंभीर टीबी से ग्रसित पाए जाने पर आवश्यक उपचार सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। पहले सामान्य टीबी ग्रसित मरीजों की जांच और उपचार जिला यक्ष्मा केंद्र, पूर्णिया में तथा गंभीर टीबी ग्रसित मरीज (एमडीआर) की जांच के लिए भागलपुर रेफर किया जाता था। नवंबर 2024 से जिला यक्ष्मा केन्द्र पूर्णिया में टीबी विशेषज्ञ चिकित्सिक नियुक्त किया गया है जिससे कि अब टीबी ग्रसित मरीजों को विशेष इलाज के लिए भागलपुर जाने की जरूरत नहीं होती है। ग्रसित मरीजों को यक्ष्मा केंद्र में ही जांच करते हुए उपचार सुविधा उपलब्ध कराई जाती है जिसका ग्रसित मरीज द्वारा घर पर रहकर लाभ उठाया जा सकता है। सिविल सर्जन डॉ प्रमोद कुमार कनौजिया ने बताया कि टीबी विशेषज्ञ चिकित्सक जिला में उपलब्ध होने से जिले में टीबी ग्रसित मरीजों की पहचान और उपचार में इजाफा हो रहा है। दिसंबर 2024 में पूर्णिया जिले में 448 टीबी ग्रसित मरीजों की पहचान करते हुए उपचार उपलब्ध कराई गई। टीबी विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ दिनेश कुमार द्वारा 448 टीबी ग्रसित मरीजों में 15 गंभीर टीबी ग्रसित मरीज की पहचान की गई है जिन्हें आवश्यक दवाई उपलब्ध कराते हुए नियमित रूप से जांच और उपचार सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। गंभीर टीबी ग्रसित मरीजों की पहचान के लिए जीएमसीएच पूर्णिया में किया जाता है 13 प्रकार की जांच : डीपीएस राजेश शर्मा ने बताया कि लक्षण दिखाई देने पर प्रखंड स्वास्थ्य केंद्र में टीबी ग्रसित मरीजों की जांच सुनिश्चित किया जाता है। जांच के बाद संबंधित मरीजों को प्रखंड में ही उपचार हेतु आवश्यक दवाई उपलब्ध कराई जाती है। लक्षण के अनुसार संबंधित मरीजों के गंभीर टीबी ग्रसित होने की स्तिथि में संबंधित मरीजों को विशेष जांच के लिए पूर्णिया जीएमसीएच भेजा जाता है। जीएमसीएच में संभावित टीबी ग्रसित मरीजों के 13 प्रकार की जांच की जाती है जिससे ग्रसित मरीजों के टीबी संक्रमण की स्थिति और उपयुक्त दवाई से होने वाले लाभ का मूल्यांकन करते हुए उपचार सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। टीबी ग्रसित पाए जाने पर संबंधित मरीजों को जिला यक्ष्मा केन्द्र द्वारा कार्ड बनाते हुए दवा उपलब्ध कराई जाती है। संबंधित कार्ड से ग्रसित मरीजों द्वारा प्रखंड स्वास्थ्य केंद्रों से भी टीबी उपचार के लिए आवश्यक दवाई सुविधा का लाभ उठाया जाता है। नियमित जांच और दवाई का उपयोग करने से ग्रसित मरीजों को टीबी बीमारी से सुरक्षित करते हुए स्वास्थ्य किया जाता है। पूर्णिया जिले में 03 हजार 129 मरीज टीबी ग्रसित : जिला संचारी रोग नियंत्रण पदाधिकारी (सीडीओ) डॉ कृष्ण मोहन दास ने बताया कि वर्तमान समय में पूरे बिहार में 01 लाख 50 हजार 111 मरीज टीबी बीमारी से ग्रसित पाए गए हैं। पूर्णिया जिले टीबी ग्रसित मरीजों की संख्या 03 हजार 129 हैं। सभी टीबी ग्रसित मरीजों को टीबी संक्रमण से सुरक्षित करने के लिए स्वास्थ्य केंद्रों से आवश्यक दवाई नियमित रूप से उपलब्ध कराई जा रही है। समय समय पर टीबी ग्रसित मरीजों का फॉलोअप करते हुए प्रखंड स्वास्थ्य केन्द्र से जांच सुनिश्चित किया जाता है। इस दौरान टीबी ग्रसित मरीजों का प्रखंड अस्पताल से स्पुटम एकत्रित करते हुए विशेष कल्चर जांच के लिए भागलपुर भेजा जाता है। कल्चर रिपोर्ट के अनुसार संक्रमित मरीजों के टीबी स्थिति की जानकारी लेते हुए उन्हें उपचार सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। ग्रसित मरीजों को सहयोग राशि के लिए उपलब्ध कराई जाती है 1000 रुपये प्रति माह : सीडीओ डॉ कृष्ण मोहन दास ने बताया कि टीबी ग्रसित मरीजों द्वारा नजदीकी अस्पताल से नियमित दवा सुविधा का लाभ उठाने पर संबंधित मरीजों को स्वास्थ्य विभाग द्वारा निक्षय पोषण योजना अंतर्गत 1000 रुपये प्रति माह की पोषण सहायता राशि उपलब्ध कराई जाती है। नियमित दवा उपयोग करने पर ग्रसित मरीजों को तीन महीने के अंतराल पर सहयोग राशि लाभार्थियों के बैंक खाते में ही स्वास्थ्य विभाग द्वारा उपलब्ध कराई जाती है जिससे कि ग्रसित मरीजों द्वारा नियमित रूप से पोषण सुविधा का लाभ उठाते हुए टीबी संक्रमण से बहुत जल्द सुरक्षित किया जा सके।

जिला पदाधिकारी द्वारा पूर्णिया एयरपोर्ट के निर्माण कार्यों का प्रगति की समीक्षा बैठक की गई। एयरपोर्ट के सिविल एनक्लेव को मुख्य सड़क से जोड़ने वाली सड़क की प्रगति की समीक्षा की गई। कार्यपालक अभियंता, पथ निर्माण विभाग,पथ प्रमंडल पूर्णिया के द्वारा बताया गया कि प्रथम चरण में गोवासी (ch 04+960) से पूर्णिया एयरपोर्ट के सिविल एनक्लेव (Ch 05+890) तक चार लेन की सड़क बनाने हेतु निविदा प्रकाशित की गई थी। उक्त सड़क के निर्माण हेतु निविदा का वित्तीय बीड 17 जनवरी 2025 को खोला गया तथा तुलनात्मक विवरणी तैयार कर विभाग को अग्रेत्तर कार्रवाई हेतु भेज दिया गया है । जिला पदाधिकारी द्वारा कार्यपालक अभियंता, पथ निर्माण विभाग पूर्णिया को विभाग से प्रथम चरण के निविदा का निष्पादन अविलंब पूर्ण करकर चयनित एजेंसी से कार्य प्रारंभ कराने का निर्देश दिया गया। गोवासी (ch 04+960) से पूर्णिया एयरपोर्ट के सिविल एनक्लेव (Ch 05+890) तक चार लेन की सड़क की लंबाई 930 मीटर की होगी। इस सड़क के निर्माण कार्य 14 करोड़ पैंतीस लाख पचास हजार में पूर्ण होना है। जिला पदाधिकारी द्वारा कार्यपालक अभियंता, पथ निर्माण विभाग पूर्णिया को द्वितीय चरण के सड़क निर्माण हेतु डीपीआर तैयार कर विभाग को अग्रेत्तर कार्रवाई हेतु उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया। जिला पदाधिकारी द्वारा कार्यपालक अभियंता आरसीडी,RWD एवं संबंधित कार्यपालक अभियंता तथा वरीय पदाधिकारी को एयरपोर्ट जाने वाले वैकल्पिक सड़कों को अविलंब चिन्हित कर उसे दुरुस्त करने का निर्देश दिया गया। ताकि एयरपोर्ट के निर्माण कार्यों में किसी भी प्रकार से विलंब नहीं हो। जिलाधिकारी द्वारा पूर्णिया एयरपोर्ट के निर्माण के कार्य प्रगति की सभी पहलुओं की गहन अवलोकन किया गया। ज्ञात हो कि एएआई के वास्तुविद द्वारा पूर्णिया एयरपोर्ट का डिजाईन तैयार कर लिया गया है और आधुनिक सुविधाओं से युक्त होगा पूर्णिया एयरपोर्ट। एएआई के द्वारा तैयार डिजाइन में पूर्णिया एयरपोर्ट को अत्याधुनिक एयरपोर्ट बनाने की सभी आवश्यकताओं को समाहित किया गया है। एएआई के वास्तुविद द्वारा अगले 30 से 40 वर्षों के फुट फॉल को ध्यान में रख कर डिजाइन तैयार किया गया है। पूर्णिया एयरपोर्ट पर पांच एयरोब्रिज के निर्माण को भी डिजाईन में समाहित किया गया है। पूर्णिया एयरपोर्ट को स्टेट ऑफ द आर्ट एयरपोर्ट बनाया जाना है। पूर्णिया एयरपोर्ट में एप्रोन, टर्मिनल बिल्डिंग, कार्गो कॉम्प्लेक्स, एसी चिल्लर प्लांट, एसटीपी, वॉटर एंड फायर टैंक, इलेक्ट्रिक सब स्टेशन, एविएशन फ्यूल फॉर्म, एडमिन ऑफिस, कमर्शियल प्लाजा, सर्फेस पार्किंग, एयरोब्रिज आदि की सुविधाएं उपलब्ध रहेगी। पूर्णिया एयरपोर्ट के निर्माण हेतु अधियाचना के आलोक में एएआई द्वारा विगत माह में ही गोआसी मौजा में 52.18 एकड़ अधिगृहीत भूमि का हैंड ओवर ले लिया गया है। भूमि हैंडओवर के पश्चात चहारदीवारी निर्माण कार्य की प्रक्रिया तीव्र गति से की जा रही है। गौरतलब हो कि श्री नीतीश कुमार,माननीय मुख्यमंत्री बिहार के द्वारा दिनांक 24.08.2024 को पूर्णिया एयरपोर्ट के निर्माण हेतु सभी संबंधित पदाधिकारियों के साथ बैठक किया गया था। बैठक में माननीय मुख्यमंत्री बिहार के द्वारा एयरपोर्ट के निर्माण में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए सभी पक्षों तथा संबंधित पदाधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया। अगस्त माह में ही एएआई के द्वारा स्थलीय सर्वे का कार्य प्रारंभ किया गया एवं सर्वे के दौरान प्रस्तावित हवाई अड्डे पर डीजीपीस मशीन के द्वारा लगभग 3000 डेटा पॉइंट्स लिया गया। सर्वे में एएआई के टीम के द्वारा टोपोग्राफी के साथ कंटूर मैपिंग का कार्य किया गया जिससे पूरे भूमि का अक्षांश, देशांतर तथा भूमि का एलिवेशन आदि का सर्वे भी किया जा चुका है। सर्वे रिपोर्ट प्राप्त होने के पश्चात एयरपोर्ट ऑथोरिटी ऑफ इंडिया के टीम के द्वारा पूर्णिया एयरपोर्ट के लिए अधिग्रहित भूमि का सॉयल टेस्टिंग का कार्य भी पूर्ण कर लिया गया है। सॉयल टेस्टिंग के दौरान कुल 12 बोर किया गया जिसमें 20 मीटर के 09 बोर एवं आठ मीटर के तीन बोर थे । टीम के द्वारा प्रत्येक डेढ़ मीटर की गहराई से 45 सेंटीमीटर मिट्टी का सैंपल लिया गया। जिला पदाधिकारी द्वारा मौके पर उपस्थित सभी पदाधिकारियों एंव पूर्णिया एयरपोर्ट निर्माण कार्य में लगे अधिकारियों को त्वरित गति से कार्य करने का निर्देश दिया गया।
इस बाबत उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद हमेशा से अस्पृश्यता के विरोधी रहे । उन्होंने कहा था कि जब तक बहुजन एकता नहीं होगी और समाज से अस्पृश्यता खत्म नहीं होगा तब तक समाज विकसित नहीं होगा । उसके लिए जरूरी है कि आपस में मिल कर एक दूसरे के काम आए । उन्होंने कहा कि आज रसोई घर से अस्पृश्यता की शुरुआत होती है । जिसे खत्म करना जरूरी है । जब तक हम एक दूसरे को नहीं समझेंगे तब तक ऐसा संभव नहीं होगा ।
कुछ लोग कालांतर में राजनीतिक रोटी सेकने के लिए जात-पात कर समाज को बांटने का कुत्सित प्रयास किया था लेकिन आज समाज को जोड़ने की कोशिश ब्राह्मण बहुजन द्वारा किया जा रहा है । जिसकी शुरुआत तो पूर्णिया से हुई है लेकिन कुछ ही वक्त में इसकी मिसाल पूरे देश में देखने को मिलेगी ।
पूर्णिया सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव के आह्वान पर 12 जनवरी, 2025 को आहूत बिहार बंद की पूर्व संध्या पर युवाओं ने बीपीएससी की 70वीं परीक्षा रद्द करने की मांग, पेपर लीक पर रोक लगाने और व्यापारियों की सुरक्षा की मांग को लेकर पूर्णिया में मशाल जुलूस निकाला। यह जुलूस आरएन साह चौक, बस स्टैंड, काली बाड़ी चौक, लखन चौक, भठा बाजार, खिरू चौक, जिला स्कूल रोड, जेल चौक होते हुए सांसद कार्यालय अर्जुन भवन तक निकाला गया। जिसका नेतृत्व प्रतिनिधि दिवाकर चौधरी एवं संजय सिंह ने किया इस दौरान युवाओं ने जोरदार नारों के माध्यम से अपनी मांगें उठाईं। इस दौरान मीडिया से बात करते हुए सांसद प्रवक्ता सह मिडिया प्रभारी राजेश यादव ने कहा, "बिहार की परीक्षाओं में छात्रों के भविष्य के साथ लगातार खिलवाड़ हो रहा है। पेपर लीक की घटनाओं ने पूरे सिस्टम पर सवाल खड़े कर दिए हैं। बिना सरकार और पदाधिकारियों की मिलीभगत के पेपर लीक होना संभव नहीं है। बीपीएससी, सिपाही भर्ती, क्लर्क परीक्षा, और मेडिकल परीक्षा—लगातार पेपर लीक की घटनाएँ सामने आ रही हैं। मेडिकल परीक्षा से संबंधित जले हुए एडमिट कार्ड जदयू विधायक के भतीजे के कमरे से मिले, जो इन घोटालों में बड़े चेहरों की संलिप्तता को उजागर करता है।" उन्होंने आगे कहा कि इन माफियाओं का किसी न किसी बड़े नेता या उनके रिश्तेदारों से संबंध है, जिससे ये बेखौफ होकर काम करते हैं। सरकार को इन घोटालों पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। यह बंद छात्रों की बीपीएससी 70वीं परीक्षा को रद्द करने की मांग और व्यापारियों की सुरक्षा की दिशा में बड़ा कदम है। युवाओं का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे आंदोलन जारी रखेंगे। उक्त अवसर पर बबलू भगत,अशोक दास,पूर्व मुखिया पवन यादव, कुनाल चौधरी, डब्लू खान, सुडु यादव, सुशीला भारती, मो जहांगीर, शांति झा, डबलू यादव, चन्द्र कुमार यादव, मो अरसद आलम, करन यादव, मंटू सिंह, रवि झा, कुन्दन सिंह, विशाल यादव, हजारी मेहता,मनि दास मौजूद रहे। गौरतलब है कि इस बिहार बंद को सांसद पप्पू यादव के साथ चंद्रशेखर रावण की पार्टी, ओवैसी की पार्टी और सांसद हनुमान बेनीवाल ने समर्थन देने का निर्णय लिया है।
53वीं सीनियर महिला नेशनल हैंडबॉल चैंपियनशिप का समापन पंजाब ने जीता खिताब, दिल्ली उपविजेता बिहार और हरियाणा को संयुक्त रूप से कांस्य पदक पूर्णिया, परोरा: 53वीं सीनियर महिला नेशनल हैंडबॉल चैंपियनशिप का फाइनल मुकाबला गुरुवार को पूर्णिया के परोरा स्थित रमेश विजयलक्ष्मी मेमोरियल स्टेडियम में पंजाब और दिल्ली की टीमों के बीच खेला गया। रोमांचक मुकाबले में पंजाब ने दिल्ली को 40-25 के बड़े अंतर से हराकर चैंपियनशिप ट्रॉफी पर कब्जा जमाया, जबकि दिल्ली उपविजेता रही। सेमीफाइनल मुकाबलों में बिहार और हरियाणा की टीमें कड़े संघर्ष के बाद फाइनल में पहुंचने से चूक गईं। बिहार को दिल्ली ने 29-24 के स्कोर पर हराया, जबकि हरियाणा को पंजाब ने हराया। दोनों टीमों को संयुक्त रूप से तृतीय स्थान की ट्रॉफी और कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा। बिहार की बेटियों ने अपने ऐतिहासिक प्रदर्शन से राज्य को कांस्य पदक दिलाकर प्रदेश का गौरव बढ़ाया। ### समापन समारोह और पुरस्कार वितरण पांच दिवसीय चैंपियनशिप के समापन सह पुरस्कार वितरण समारोह में बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, पूर्णिया के सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव, हैंडबॉल फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद प्रदीप बालमुचू, और महासचिव प्रीतपाल सिंह सलूजा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। विजेता और उपविजेता टीमों को ट्रॉफी और पदक प्रदान कर अतिथियों ने खिलाड़ियों को सम्मानित किया। आगत अतिथियों का स्वागत एवं आयोजन की रूपरेखा विद्यालय के सचिव सह आयोजन सचिव राजेश मिश्रा ने प्रस्तुत की। समारोह का संचालन बिहार हैंडबॉल संघ के महासचिव ब्रजकिशोर शर्मा ने किया। ### मुख्य अतिथियों के प्रेरक उद्बोधन समापन समारोह में सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने कहा: "खेल समाज को जोड़ने और युवाओं को अनुशासन, समर्पण और आत्मविश्वास सिखाने का सशक्त माध्यम है। बिहार की बेटियों ने अपने प्रदर्शन से दिखा दिया है कि वे किसी से पीछे नहीं हैं। हमें खेल के प्रति अपनी सोच बदलने की जरूरत है। यह न केवल मनोरंजन का साधन है, बल्कि रोजगार और पहचान का भी माध्यम बन चुका है।
राज्य सरकार और समाज को मिलकर खिलाड़ियों के लिए बेहतर संसाधन और सुविधाएं उपलब्ध करानी होंगी।" उन्होंने खिलाड़ियों के हौसले की सराहना करते हुए हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया और कहा कि बेटियों के इस प्रदर्शन से बिहार का नाम राष्ट्रीय स्तर पर ऊंचा हुआ है। पूर्व उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने अपने संबोधन में कहा: "पूर्णिया की धरती पर राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता का आयोजन होना हम सभी के लिए गर्व की बात है। बिहार की बेटियों ने अपने शानदार प्रदर्शन से यह साबित कर दिया है कि प्रतिभा की हमारे राज्य में कोई कमी नहीं है। हमें अपने खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर की ट्रेनिंग और सुविधाएं प्रदान करनी चाहिए।" उन्होंने आगे कहा, "खेल व्यक्ति के सर्वांगीण विकास का माध्यम है। यह न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को मजबूत करता है, बल्कि आत्मविश्वास और मानसिक शक्ति भी बढ़ाता है। मैं सभी खिलाड़ियों को बधाई देता हूं और उन्हें भविष्य के लिए शुभकामनाएं देता हूं।" विशिष्ट अतिथि एवं सम्मानित हस्तियां इस अवसर पर हैंडबॉल फेडरेशन ऑफ इंडिया के मुख्य प्रशिक्षक शिवाजी सर, टेक्निकल कमिटी के चेयरमैन रमाशंकर शर्मा, कार्यालय प्रभारी महेश हुड्डा, बिहार हैंडबॉल के कोषाध्यक्ष त्रिपुरारी प्रसाद, विद्यालय के निदेशक रंजीत कुमार पाल, ट्रस्टी पल्लवी मिश्रा, पीआरओ राहुल शांडिल्य, डॉ. पीसी झा, डॉ. वी सी राय ,पूर्णिया जिला हैंडबॉल सचिव अजीत कुमार, जिला फुटबॉल संघ के अध्यक्ष डॉ. मुकेश, और अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे। सभी अतिथियों एवं तकनीकी पदाधिकारियों को आयोजन समिति द्वारा मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया। खेल: सामाजिक और आर्थिक विकास का सशक्त माध्यम अतिथियों ने अपने संदेश में कहा कि खेल आज के समय में रोजगार का एक मजबूत माध्यम बन गया है। यह न केवल स्वस्थ जीवन शैली को बढ़ावा देता है, बल्कि समृद्ध समाज और देश के निर्माण में भी अहम भूमिका निभाता है। उन्होंने बिहार की बेटियों की उपलब्धि को प्रदेश के लिए गौरवपूर्ण क्षण बताया और उनकी प्रशंसा की। समारोह का सफल आयोजन खिलाड़ियों की मेहनत, आयोजन समिति की समर्पित तैयारी और अतिथियों के प्रोत्साहन का परिणाम था।
तीसरे दिन खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन करने के लिए हैंडबॉल फेडरेशन ऑफ इंडिया के महासचिव प्रीतपाल सिंह सलूजा, विद्यालय के सचिव सह आयोजन सचिव राजेश मिश्रा, बिहार हैंडबॉल संघ के महासचिव ब्रजकिशोर शर्मा, मुख्य प्रशिक्षक शिवाजी सर, फेडरेशन टेक्निकल कमिटी के चेयरमैन रमाशंकर शर्मा, कार्यालय प्रभारी महेश हुड्डा, बिहार हैंडबॉल संघ के कोषाध्यक्ष **त्रिपुरारी प्रसाद, विद्यालय के निदेशक रंजीत पाल, पीआरओ राहुल शांडिल्, पूर्णिया जिला सचिव अजीत कुमार और एसएचओ के. नागर ने खिलाड़ियों से मुलाकात की। प्रतियोगिता में दिल्ली, गुजरात, मध्यप्रदेश, पंजाब, हरियाणा, और बिहार सहित कुल आठ टीमें क्वार्टर फाइनल में पहुंच चुकी हैं। आयोजन समिति द्वारा खिलाड़ियों, तकनीकी अधिकारियों, कोचों और टीम मैनेजर्स के लिए आवास, भोजन और मनोरंजन की बेहतरीन व्यवस्था की गई है। प्रतियोगिता स्थल पर हैंडबॉल फेडरेशन ऑफ इंडिया और बिहार हैंडबॉल संघ के अधिकारी समेत कई अन्य राज्यों के पदाधिकारी भी उपस्थित रहे।
Jan 19 2025, 18:41
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