*तुलसीदास जी ने भी किया था सीतामढ़ी का जिक्र* *त्रेता युग कालीन इतिहास को खुद में समेटे है सीतामढ़ी मंदिर*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही।जिले का एक मात्र पर्यटन स्थल सीता समाहित स्थल है। वह त्रेता युग कालीन इतिहास व वर्णनों का गवाह है। जिसका उल्लेख गोस्वामी तुलसीदास जी ने पांच सौ साल पहले अपनी रचना कवितावली में किया है। महर्षि वाल्मीकि का यहीं पर आश्रम था। रामायण की रचना, लवकुश कुमार का जन्म व धरती में सीता माता के समाहित होने का इतिहास का मंदिर व गवाह है। सीतामढ़ी मंदिर के पुजारी ने बताया कि देश का एकलौता सीता समाहित स्थल तथा सीतामढ़ी है। जिसका उल्लेख गोस्वामी तुलसीदास जी ने अपनी रचना कवितावली के पद संख्या 138,139, व 140 में किया है।प्रभु श्रीराम के परित्याग के बाद माता सीता ने यहां पर वर्षों तक निवास किया था। महर्षि वाल्मीकि आश्रम में लवकुश कुमारों का जन्म, लालन-पालन, शिक्षा-दीक्षा हुई थी। यहां पर दर्शन - पूजन करने वालों को असीम शांति व सुख की अनुभूति होती है। महर्षि वाल्मीकि आश्रम के पास अक्षयवट वृक्ष रोपा गया था। वर्तमान में सीतावट के नाम से जाना जाता है। उसे जिले के वन विभाग ने संरक्षित वृक्ष घोषित किया है। इसी तरह सीता समाहित स्थल में प्राकृतिक जलाशय के आसपास सीता केश वाटिका है। मान्यता है कि सीता केश की पूजा करने से विवाहिताओं को अखंड सुहागिन होने का लाभ मिलेता है। यह विशेष प्रकार की घास केवल सीतामढ़ी में ही पाई जाती है। उधर, मन्दिर में आषाढ़ शुक्ल पक्ष की नवमी को लवकुश कुमारों का जन्म दिन मनाया जाता है। नवमी व दशमी तिथि को मंदिर में विशाल मेले का आयोजन होता है। इस ऐतिहासिक धरोहर को लेकर जिला प्रशासन भी पर्यटक बनाने के कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। श्रद्धालु भी खूब आ रहे हैं।
*आठ विवाह के आयोजन,35 फीसदी भी नहीं पहुंची संख्या* *बलिया की घटना के बाद सख्ती से आवेदनों की संख्या में आई कमी*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही।मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना को लेकर लोगों की दिलचस्पी कम होती जा रही है। वित्तीय वर्ष खत्म होने में अब मात्र ढाई महीने शेष हैं, लेकिन 831 के सापेक्ष अब तक 296 गरीब बेटियों के हाथ पीले हो सके हैं। यह संख्या लक्ष्य की 35 फीसदी भी नहीं है। ऐसे में मार्च तक शत प्रतिशत लक्ष्य पूरा करना एक चुनौती है।गरीब बेटियों की शादी के लिए सरकार मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह का आयोजन कराती है। इसमें प्रति जोड़ों पर 51 हजार खर्च होता है। हर साल इसके लिए शादी का एक लक्ष्य तय किया जाता है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए जिले में 831 शादियों का लक्ष्य शासन ने तय किया, लेकिन धीरे-धीरे आठ से नौ महीने खत्म हो गए, लेकिन समाज कल्याण विभाग लक्ष्य से कोसों दूर है।इसके पीछे बलिया की घटना को माना जा रहा है। बलिया में व्यापक स्तर पर मिली धांधली के बाद शासन ने सख्ती शुरू कर दी। सितंबर में सिर्फ 46 जोड़ों का विवाह हुआ। 19 अक्तूबर को 43 और 25 नवंबर को भी सिर्फ 100 शादियां हो सकी। दिसंबर में भी 40 के करीब जोड़े एक दूजे के हुए। अब खरमास खत्म होने पर 23 जनवरी को एक बार फिर विवाह का आयोजन किया गया है। समाज कल्याण विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो अब तक 296 शादियां हो सकी है। समाज कल्याण अधिकारी मीना श्रीवास्तव ने बताया कि 23 जनवरी की शादी में संख्या बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। मार्च तक दो से तीन बार कार्यक्रम कराए जाएंगे।
*पशु चोर गिरोह के 3 सदस्य गिरफ्तार:, भदोही में चोरी की भैंस बेचकर आपस में बांटे 47 हजार, जरुरत के लिए खर्च किए*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही।भदोही पुलिस ने पशु चोरी के एक बड़े मामले में सफलता हासिल करते हुए तीन शातिर चौरों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के पास चोरी भैंस की बिक्री से मिले 47,500 रुपए, एक बिना नंबर की पिकअप और तीन एंड्रॉयड मोबाइल बरामद किए गए हैं। मामला 12 जनवरी का है, जब नगुना गांव के सुशील यादव ने पुलिस को सूचना दी थी कि उनके घर के पास टीनशेड में बंधी दो भैंसे हो गई है। पुलिस ने तत्काल मामला दर्ज कर जांच शुरू की। एसपी के निर्देश पर गठित विशेष टीम ने वरुणा नदी पुल याकूबपुर मार्ग पर वाहनों की चेकिंग के दौरान तीनों आरोपियों को पकड़ा। गिरफ्तार आरोपियों में भदोही कोतवाली क्षेत्र के पिपरीस रामेश्वरपुर निवासी आशीष पाल, मुंशी बनियापुर निवासी शिवम् यादव और जौनपुर के बरसठी थाना क्षेत्र के सराय वैध निवासी सुरेश यादव शामिल हैं। पूछताछ में आरोपियों ने खुलासा किया कि चोरी की भैंसों को पिकअप में लादकर अयोध्या के जुमैरगंज में बेच दिया था। बिक्री से मिले पैसों को आपस में बांट लिया और अपनी आर्थिक जरुरतों के लिए खर्च कर दिया। प्रभारी निरीक्षक अश्वनी त्रिपाठी के नेतृत्व में उपनिरीक्षक वीरबहादुर चौधरी, बृजेश कुमार राय, मुख्य आरक्षी बृजेश कुमार, धनश्याम पांडेय, रुपचंद और आरक्षी श्रीराम सरोज की टीम ने यह कार्रवाई की। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धारा -317 ( 4) बीएनएस के तहत कार्रवाई करते हुए उन्हें जेल भेज दिया।
*बिना हेलमेट के नहीं मिलेगा पेट्रोल, 26 से लागू होगा आदेश* *पंप संचालकों को होर्डिंग लगवाने और सीसीटीवी चालू रखने के निर्देश*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही।सड़क सुरक्षा में सुधार को लेकर पूरे प्रदेश में नो हेलमेट-नो फ्यूल की व्यवस्था लागू की गई है। इसके तहत पंपों पर बिना हेलमेट के दो पहिया वाहन चालकों को पेट्रोल नहीं मिलेगा। नई व्यवस्था को सख्ती से लागू करने के लिए डीएम विशाल सिंह ने पेट्रोल पंप संचालकों को पत्र भेजा है। इसको 26 जनवरी से प्रभावी बनाने का निर्देश दिया। ऐसा न करने वालों पर सख्ती की जाएगी।सड़क दुर्घटनाओं में जनहानि रोकने के लिए शासन गंभीर है। अधिकतर हादसों में बिना हेलमेट के वाहन चलाने वालों की जान अधिक जाती है। यातायात नियमों का पालन करने के लिए हर साल सड़क सुरक्षा पखवारा और सड़क सुरक्षा माह का आयोजन कर लोगों को जागरूक किया जाता है।केंद्रीय परिवहन मंत्रालय की ओर से मोटर अधिनियम को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया गया है। शासन की सख्ती के बाद अब जिले में इसको कड़ाई से लागू करने की कवायद शुरू हो गई है। जिले में बिना हेलमेट के पेट्रोल न देने का आदेश जारी कर दिया गया।डीएम विशाल सिंह ने जिले के सभी पेट्रोल पंप संचालकों को निर्देश दिया है कि 26 जनवरी से नो हेलमेट, नो पेट्रोल नियम सख्ती से लागू किया जाए। डीएम ने लोगों से अपील की है कि सड़क सुरक्षा नियमों का पालन करें। 26 जनवरी से किसी भी ऐसे दो पहिया वाहन चालक को पेट्रोल का विक्रय नहीं किया जाएगा, जिसके चालक और सहयात्री ने हेलमेट नहीं पहना हो। इसके अलावा पेट्रोल पंप परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरा को क्रियाशील रखने का निर्देश दिया।
*छह बीईओ समेत 150 विद्यालय के शिक्षकों का रोका वेतन* *25 से 30 विद्यालयों ने आधार की नहीं कराई सीडिंग*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। कड़ाके की ठंड के बाद भी बच्चों की डीबीटी को लेकर लापरवाही बरतने पर सख्ती शुरू हो गई है। बेसिक शिक्षा अधिकारी ने छह खंड शिक्षा अधिकारियों संग 150 विद्यालय के शिक्षकों का वेतन रोक दिया है। स्पष्टीकरण देने तक किसी का वेतन बहाल नहीं किया जाएगा। हर ब्लॉक में 25 से 30 विद्यालय ऐसे हैं जिनकी आधार सीडिंग लंबित है।जिले में कुल 885 प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक और कंपोजिट विद्यालय संचालित हैं। इसमें एक लाख 47 हजार बच्चे अध्ययनरत हैं। बच्चों के यूनिफार्म, बैग, जूता, मोजा और स्वेटर के लिए सरकार हर साल 1200 रुपये प्रति छात्र देती है। अप्रैल में नया शिक्षा सत्र होने के बाद ही आधार सीडिंग पूर्ण होने पर यह धनराशि चरणवार तरीके से भेजी जाती है।अब तक एक लाख 40 हजार से अधिक बच्चों को यह रकम मिल गई है, लेकिन शिक्षकों की उदासीनता के कारण बड़ी संख्या में विद्यार्थियों को यह पैसा नहीं मिल सका। इससे वह या तो पुराने स्वेटर पहनकर विद्यालय आते हैं या बिना स्वेटर को आने के लिए विवश होते हैं। स्कूल महानिदेशक की सख्त हिदायत के बाद विभागीय स्तर से भी कड़ाई शुरू कर दी गई।बीएसए ने मामले में उदासीन रहने पर खंड शिक्षा अधिकारी ज्ञानपुर, सुरियावां, भदोही, औराई, अभोली और डीघ का वेतन रोक दिया। विभागीय कार्रवाई के बाद खंड शिक्षा अधिकारियों ने भी लापरवाही बरतने वाले 150 विद्यालय के सभी शिक्षकों के वेतन पर रोक लगा दिया है। भदोही ब्लॉक में 27, सुरियावां में 30, औराई में 35, अभोली में 20, ज्ञानपुर में 28, डीघ में 32 विद्यालय ऐसे हैं जहां के बच्चों की शत प्रतिशत डीबीटी नहीं हो सकी है। वेतन रोकने के बाद सभी को अल्टीमेटम दिया गया है कि जब तक वह काम पूर्ण कर स्पष्टीकरण नहीं देंगे तब तक वेतन बहाल नहीं किया जाएगा।
डीबीटी की आधार सीडिंग न होने से बच्चों को यूनिफाॅर्म और स्वेटर का पैसा नहीं मिल सका है। इसको लेकर छह बीईओ और 150 से अधिक विद्यालय के शिक्षकों का वेतन रोका गया है। स्पष्टीकरण देने पर वेतन बहाल किया जाएगा। - भूपेंद्र नाराण सिंह, बीएसए
*25 नोटिस वापस,10 ने क्लीनिक नहीं चलाने का दिया जवाब* *178 क्लीनिक संचालकों को सीएमओ ने जारी किया था नोटिस*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही।जिले में झोलाछाप के खिलाफ नोटिस होते ही विभागीय खेल शुरू हो चुका है। विभाग में तैनात कर्मियों के इशारे पर नोटिस लौटने लगी है। विभाग की ओर से जारी 178 नोटिस में 25 नोटिस लौटी है। जिसमें बताया गया है कि इनका पता गलत हो गया है। वहीं 10 संचालकों ने क्लीनिक नहीं चलाने का हवाला देते हुए नोटिस का जवाब दिया है।जिले में झोलाछाप क्लीनिक संचालकों पर लगाम लगाने के लिए सीएमओ डॉ. एसके चक ने करीब एक माह पहले 178 झोलाछाप क्लीनिक संचालकों के खिलाफ नोटिस जारी कर एक सप्ताह में जवाब मांगा था। 20 दिन बीतने के बाद भी कई ने की ओर से जवाब नहीं आया है और वे विभागीय कार्रवाई से बचने की जुगत में लगे हुए हैं।सीएमओ कार्यालय के कर्मियों के इशारे पर वे तरह-तरह के जुगत लगाकर कार्रवाई से बचने की फिराक में है। जिससे सीएमओ इनपर नकेल कसने को लेकर की जा रही कार्रवाई अभी तक बेअसर रही है। 25 नोटिस वापस होने के पीछे यह कारण बताया जा रहा है कि इनका पता गलत अंकित हो गया था। सवाल यह उठता है कि विभाग की ओर से सभी क्लीनिकों का पता पहले से था तो उसमें पता गलत कैसे हो सकता है। बताया जा रहा है कि सीएमओ कार्यालय के कर्मी ही उन्हें ऐसी सलाह दे रहे हैं। ये सब क्लीनिक संचालक नोटिस रिसीव नहीं कर रहे हैं। इसके अलावा 10 ने जवाब दिया है कि हम क्लीनिक नहीं चलाएंगे, संचालित मिलने पर विभाग उचित कार्रवाई कर सकता है। बीते दिसंबर महीने में गोपीगंज क्षेत्र में एक क्लीनिक संचालक की लापरवाही से एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। जांच करने पहुंची स्वास्थ्य विभाग के टीम का हाथ खाली रह गया। वहीं 178 के खिलाफ नोटिस जारी की थी। सीएचसी अधीक्षक के पास रहता है क्लीनिक का डाटा भले ही नीम हकीम का रिकॉर्ड सीएमओ कार्यालय में न हो, लेकिन सीएचसी अधीक्षक के खाका में सारे क्लीनिक, मेडिकल स्टोर संचालक डाटा रहता है। किसी भी क्षेत्र में बिना इनके इसारे पर एक भी क्लीनिक संचालित करने लोहे के चना फोरने जैसा है। 178 को नोटिस जारी किया गया था। गलत पता होने के कारण अभी तक 25 नीम हकीम की नोटिस वापस आई है। 10 का जवाब आया है कि हम क्लीनिक संचालन नहीं करेंगे। ऐसे में लोगों पर विभाग की पैनी नजर है। डॉ एसके चक सीएमओ भदोही
*दो साल पहले शिकायत, मशीनें नहीं ढूंढ पाया स्वास्थ्य विभाग* *मशीनें कहां गई 2023 से लेकर अब तक स्वास्थ्य विभाग पता नहीं लगा सका*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही।अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर लिंग परीक्षण के विवादों के बीच दो साल में तीन मशीनें गायब हो गई हैं। जिसको स्वास्थ्य महकमा ढूंढ नहीं पा रहा है।तत्कालीन एसीएमओ और नोडल अधिकारी डॉ. जेसी सरोज की जांच में पुष्टि होने के बाद भी संचालकों पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसको लेकर तमाम सवाल भी उठने लगे हैं।जिले में कुल 44 निजी एवं सरकारी अल्ट्रासाउंड सेंटर संचालित हैं। इसमें आठ सेंटरों के नवीनीकरण की प्रक्रिया चल रही है। इन सेंटरों पर मरीजों के स्वास्थ्य की जांच होती है, लेकिन कुछ सेंटरों पर नियम के विरुद्ध लिंग परीक्षण का भी मामला सामने आया।उच्चाधिकारियों के निर्देश पर जांच शुरू हुई तो भदोही डायग्नोस्टिक सेंटर इंदिरा मिल भदोही, साक्षी डायग्नोस्टिक सेंटर कोईरौना और जनता डायग्नोस्टिक सेंटर भदोही में कई कमियां मिली। तीनों मशीन संचालकों पर सख्ती की तैयारी शुरू की गई, लेकिन उसके पूर्व ही मशीनें गायब हो गई।इसकी जांच नोडल अधिकारी एवं एसीएमओ डॉ. जेसी सरोज की जांच में पुष्टि भी हो चुकी है। वह मशीनें कहां गई 2023 से लेकर अब तक स्वास्थ्य विभाग पता नहीं लगा सका, जबकि पीसीपीएनडीटी एक्ट में यह तय है कि अगर अल्ट्रासाउंड मशीन में खराबी भी होगी तो सुधार के लिए बिना डीएम की अनुमति के वह कहीं नहीं भेजी जा सकती। ऐसे में यह सवाल उठना लाजिमी है कि आखिरकार संचालकों पर विभाग सख्ती क्यों नहीं कर रहा है या जान बूझकर मशीनें हटाई गई हैं। सीएमओ डॉ. संतोष कुमार चक ने कहा कि मशीनों को लेकर सूचना डीएम के पास भेजी जा चुकी है। प्रबंधकों के खिलाफ कोर्ट में परिवाद दाखिल किया गया है। बताते चलें कि अभी हाल में अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर लिंग परीक्षण को लेकर एसीएमओ डॉ. विवेक श्रीवास्तव की ओर से वीडियो वायरल किया गया था।जिसमें सीएमओ पर संरक्षण का आरोप लगाया गया था। जिसको लेकर विभाग की काफी किरकिरी हो चुकी है।
*13 केंद्रों पर होगी नवोदय विद्यालय की परीक्षा* *हर केंद्र पर तैनात होंगे एक पर्यवेक्षक, रहेंगी निगरानी*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही।जवाहर नवोदय विद्यालय ज्ञानपुर में कक्षा छह में प्रवेश के लिए 18 जनवरी को होने वाली प्रवेश परीक्षा की तैयारी धीरे-धीरे अंतिम दौर में पहुंच गई है।इसको लेकर जिले में 13 केंद्र बनाए गए हैं। एक-एक केंद्र पर पर्यवेक्षक तैनात रहेंगे। 16 जनवरी तक मजिस्ट्रेट स्तर के अधिकारी को नामित किया जाएगा। कक्षा छह में 80 सीटें निर्धारित हैं। इन सीटों पर प्रवेश के लिए होने वाली परीक्षा में प्रतिभाग को 4212 छात्र-छात्राओं ने आवेदन किया है। जवाहर नवोदय विद्यालय के प्रधानाचार्य सीएम सिंह ने बताया कि परीक्षा को पूरी तरह पारदर्शिता के साथ कराने की तैयारी चल रही है। जिलाधिकारी विशाल सिंह की ओर से नामित नोडल अधिकारी के निर्देशन में परीक्षा संपन्न कराई जाएगी।केंद्र बने सभी विद्यालयों के प्रधानाचार्यों को परीक्षा की सारी तैयारी पूरी करने का निर्देश जारी किया जा चुका है। बताया कि परीक्षा के लिए ज्ञानपुर ब्लाॅक में विभूति नारायण राजकीय इंटर काॅलेज ज्ञानपुर, जिला पंचायत बालिका इंटर काॅलेज ज्ञानपुर को केंद्र बनाया गया है। औराई ब्लाक में राम संजीवन लाल इंटर काॅलेज खमरिया, काशीराज महाविद्यालय इंटर काॅलेज औराई, भदोही ब्लाॅक में वुडवर्ड पब्लिक स्कूल व प्रेमबहादुर सिंह पब्लिक स्कूल, डीघ ब्लाॅक में पं. दीनदयाल उपाध्याय राजकीय माडल इंटर काॅलेज सागर रायपुर, गुलाबधर मिश्र इंटर काॅलेज गोपीगंज, सुरियावां ब्लाॅक में सेवा सदन इंटर काॅलेज मोढ़ व सेवाश्रम इंटर काॅलेज सुरियावां तो अभोली ब्लाॅक में डाॅ. लोहिया इंटर काॅलेज सागरपुर बवईं व इंटर काॅलेज दुर्गागंज को केंद्र बनाया गया है। बताया कि परीक्षा सुबह 11.30 से 1.30 बजे तक होगी। छात्र-छात्राओं को एक घंटे पहले 10.30 बजे केंद्र में प्रवेश दिया जाएगा।
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। अफसरों की उदासीनता कहें या ठेकेदार की लापरवाही। अभोली के तुलसीपुर-कठार में वरुणा नदी पर निर्माणाधीन लघु सेतु तीन साल बाद भी पूर्ण नहीं हो सका। 2021 में हैंडओवर होने वाला लघु सेतु अभी तक अधूरा है। इसको लेकर तमाम सवाल उठने शुरू हो गए हैं। जिले में गंगा की सहायक नदियां वरुणा और मोरवा संग ही नालों पर आवागमन को बेहतर करने के लिए छोटे-छोटे लघु सेतु बनाए जाते हैं। जिले में साल 2020-21 में करीब 10 लघु सेतु स्वीकृत हुए। इसमें ज्यादातर लघु सेतु कुछ दिन विलंब के बाद पूर्ण हो गए, लेकिन अभोली ब्लॉक के तुलसीपुर कठार में वरुणा पुल पर एक करोड़ 95 लाख की लागत से बनने वाला लघु सेतु अभी तक अधूरा ही है। फरवरी 2020 में उक्त पुल बनना शुरू हुआ और एक साल में पूर्ण कर फरवरी 2021 में हैंडओवर करना था। ग्रामीणों ने बताया कि यहां का पुल ठेकेदार की मनमानी से पूरा नहीं हो पाया। आधा अधूरा काम छोड़कर ठेकेदार गायब हो गए हैं। विभागीय स्तर से भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसको लेकर कई सवाल भी उठने शुरू हो गए हैं। आखिरकार समय से तीन साल बाद भी उक्त सेतु का निर्माण आखिरकार क्यों नहीं हो पाया। अधिशासी अभियंता लोक निर्माण जैनूराम ने कहा कि लघु सेतु आवागमन लायक बन चुका है। भदोही की तरफ सड़क बन गई है, लेकिन प्रयागराज के किसानों ने कोर्ट में केस कर दिया है। इससे उस तरफ का काम पूर्ण नहीं हो पाया है। कोर्ट से मामला निपटने पर उसे पूर्ण करा दिया जाएगा।
*जिला अस्पताल में तीन ईएमओ की होगी तैनाती* *तैनाती के बाद अस्पताल के ओपीडी में बढ़ेगी डॉक्टरों की संख्या*
भदोही। दो से ढाई लाख लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने वाला जिला चिकित्सालय का इमरजेंसी सालभर से ईएमओ का पद भरने की कवायद कर रहा है। जिला अस्पताल में तीन ईएमओ तैनात किए जाएंगे। अब तक ओपीडी के चिकित्सकों की इमरजेंसी में ड्यूटी लगती थी। जिससे ओपीडी प्रभावित होती थी। अब ईएमओ की तैनाती होने से यह समस्या दूर हो जाएगी। तीन ईएमओ की ड्यूटी रोस्टरवार जिला अस्पताल की में इमरजेंसी में लगेंगी। महाराजा चेतसिंह जिला चिकित्सालय में करीब दो से ढाई लाख की आबादी तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने का जिम्मा है। अस्पताल में इस समय 18 चिकित्सकों की तैनाती है। बीते साल से ईएमओ न होने के कारण इन्हीं 18 चिकित्सकों की इमरजेंसी ड्यूटी लगाई जाती थी। जिससे अगले दिन ओपीडी प्रभावित होती थी। अस्पताल में अब जल्द ही तीन ईएमओ की तैनाती होगी। इसके बाद से इमरजेंसी के ड्यूटी को छुटकारा मिल जाएगा है। जिला अस्पताल में रोजाना एक हजार के करीब ओपीडी होती है। इससे से 35 से 40 मरीजों की इमरजेंसी होती है। जिन्हें जांच पड़ताल कर दवाई उपलब्ध कराई जाती है। ईएमओ न होने के कारण डॉक्टरों को परेशानी होती है। न की मरीजों तैनाती के बाद ओपीडी में डॉक्टर और मरीजों दोनों की संख्या ओपीडी में बढ़ेगी।
जिले में जल्द होगी 35 डॉक्टर की तैनाती जिले में संविदाकर्मी के 35 नए डॉक्टरों की जल्द ही तैनाती की जाएगी। इसके लिए दिसंबर महीने में महीने में साक्षात्कार कलेक्ट्रेट में हुआ था। इसका परिणाम जारी कर दिया गया है। डीएम ने सीएमओ को निर्देशित किया है कि चयनित डॉक्टरों को 15 जनवरी से पहले स्वास्थ्य केंद्रों पर तैनाती की जाए।
मरीजों को बेहतर सुविधा देनी पहली प्राथमिकता है, अस्पताल के इमरजेंसी में ईएमओ नहीं है, डॉक्टरों की ड्यूटी रोस्टवाइज लगाई जाती है। इसकी सूचना उच्चाधिकारियों को दी गई है। डॉ राजेंद्र कुमार सीएमएस जिला अस्पताल
बीते महीने जो साक्षात्कार हुआ था, उसका परिणाम जारी कर दिया गया है। इन्हें विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों पर भेजा जाएगा। इसकी सूची तैयार हो रही है, इसमें से जिला चिकित्सालय को भी तीन ईएमओ मिलेंगे। डॉ एसके चक सीएमओ भदोही
Jan 16 2025, 15:51