/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1632639995521680.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1632639995521680.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1632639995521680.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1728120807932935.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1728120807932935.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1728120807932935.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1728120807932935.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1728120807932935.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1728120807932935.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1728120807932935.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1728120807932935.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1728120807932935.png StreetBuzz s:picture
राहुल ने किस महिला की तस्वीर दिखाई? सीमा-स्वीटी बनकर हरियाणा चुनाव में वोट डालने का आरोप

#whosepicturerahulgandhishowedinhfilesclaimsshevoted22timesinharyana

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने वोट चोरी का आरोप लगाते हुए आज एक और प्रेस कॉन्फ्रेंस की है। उन्होंने कहा है कि हरियाणा में वोट चोरी करके बीजेपी की सरकार बनवाई गई। महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्य प्रदेश और हरियाणा में वोट चोरी हुई है। राहुल गांधी ने इस दौरान एक लड़की की फोटो भी दिखाई। उसे लेकर उन्होंने दावा किया कि इसने अलग-अलग नाम से 22 जगह वोट दिए। इस लड़की के नाम से 22 वोटर आईडी कार्ड मिले।

ब्राजील की मॉडल ने 22 जगह डाले वोट?

राहुल गांधी ने आरोप लगाते हुए कहा कि हरियाणा में 22 वोटर कार्ड पर एक ही तस्वीर है। उन्होंने कहा कि एक लड़की के 22 वोटर कार्ड मिले। उन्होंने कहा कि एक लड़की ने 10 बूथ पर वोट किया। इस लड़की ने 10 बूथ पर 22 बार वोट डाला। उन्होंने कहा कि ये सेंट्रलाइज ऑपरेशन है।

हरियाणा में हर 8 में एक वोटर नकली

राहुल ने कहा कि राज्य में 5 लाख 21 हजार 619 डुप्लीकेट वोट हैं। राहुल ने सवाल उठाया कि ब्राजील की वोटर ने 22 जगह वोट कैसे डाला। उन्होंने कहा कि हरियाणा में हर 8 में एक वोटर नकली है। उन्होंने कहा कि ये वोट चोरी बूथ लेवल पर नहीं हुई। वोट चोरी का मॉडल सेंट्रलाइज था। राहुल ने कहा कि वोटर लिस्ट में एक महिला ने 9 जगह वोट किया।

कई मतदाताओं के मकान नंबर शून्य

राहुल गांधी ने मतदाता सूची में कई मतदाताओं के मकान नंबर शून्य होने पर सवाल उठाए। कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि फर्जी मतदाताओं की कोई पहचान नहीं होती और फर्जी मतदाता वोट डालने के बाद गायब हो जाते हैं और उनकी पहचान करना मुश्किल होता है। उन्होंने कहा कि जांच में 500 मतदाताओं का एक ही पता पाया गया। राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कई लोगों की वीडियो क्लिप प्रसारित कराई, जिनमें वो लोग कह रहे थे कि उनकी वोट काट दी गई। नेता विपक्ष ने आरोप लगाया कि हरियाणा चुनाव के दौरान 3.5 लाख मतदाताओं के वोट काटे गए।

कर्नाटक में वोट चोरी का किया था खुलासा

इससे पहले, 17 सितंबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस में, राहुल गांधी ने चीफ इलेक्शन कमिश्नर ज्ञानेश कुमार पर जोरदार हमला किया था। उन्होंने सीईसी पर कर्नाटक की महादेवनपुरा असेंबली सीट की वोटर लिस्ट से नाम हटाने की कोशिश करने वाले लोगों की टेक्निकल डिटेल्स शेयर करने से मना करके भारतीय लोकतंत्र को 'नष्ट' करने वालों को 'बचाने' का आरोप लगाया था। वहीं, चुनाव आयोग ने कांग्रेस नेता के आरोपों को 'गलत और बेबुनियाद' बताकर खारिज कर दिया था।

राहुल ने फोड़ा 'हाइड्रोजन बम', हरियाणा में 25 लाख वोट चोरी का आरोप, 1.24 लाख नकली वोटर का दावा

#picturerahulgandhishowedinhfiles

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने बुधवार को नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (एआईसीसी) के मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी ने वोट चोरी के अपने आरोप दोहराए। कांग्रेस नेता ने वोटर चोरी को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस में हरियाणा को लेकर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि कर्नाटक के बाद अब हरियाणा में वोट चोरी पकड़ी गई। राहुल ने हरियाणा के चुनावी नतीजों को लेकर खुलासा किया। राहुल ने कहा कि हरियाणा में 25 लाख वोटों की चोरी की गई।

पोस्टल बैलेट पर उठाए सवाल

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने गुरु नानकदेव को श्रद्धांजलि देते हुए ‘एच फाइल्स' का सच सामने रखा। उन्होंने कहा, ‘एच फाइल्स' किसी एक सीट की बात नहीं है, बल्कि राज्यों में वोट चोरी की बड़ी साजिश है। हरियाणा में पहली बार पोस्टल बैलट और असली वोटों का रुझान अलग रहा। पोस्टल बैलट में कांग्रेस को 76 और बीजेपी को सिर्फ 17 सीटें मिलतीं। पहले दोनों का रुझान एक जैसा होता था। राहुल ने कहा कि एग्जिट पोल और पोस्टल बैलट में कांग्रेस आगे थी, लेकिन अंत में 22,779 वोटों से हार गई। कुल मिलाकर एक लाख से ज्यादा वोटों का फर्क रहा। हमारे पास इसके सबूत हैं। उन्होंने दावा किया है कि वो जो भी बता रहे हैं वो 100 प्रतिशत सच है।

हरियाणा में पोस्टल बैलट वास्तविक मतदान से अलग थे

राहुल गांधी ने कहा, हरियाणा के चुनावी इतिहास में पहली बार पोस्टल बैलट वास्तविक मतदान से अलग थे। हरियाणा में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था। इसलिए, हमने सोचा कि आइए विस्तार से जानें। जब मैंने पहली बार यह जानकारी देखी, जो आप देखने जा रहे हैं, तो मुझे इस पर विश्वास करने में कठिनाई हुई। मैं सदमे में था। मैंने टीम को कई बार क्रॉस-चेक करने के लिए कहा।

राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर हो रही वोट चोरी

लोकसभा में विपक्ष के नेता ने कहा, हमारे पास ‘एच’ फाइल्स हैं और यह इस बारे में है कि कैसे एक पूरे राज्य को चुरा लिया गया है। हमें संदेह था कि यह व्यक्तिगत निर्वाचन क्षेत्रों में नहीं, बल्कि राज्य स्तर पर और राष्ट्रीय स्तर पर हो रहा है। हमें हरियाणा में हमारे उम्मीदवारों से बहुत सारी शिकायतें मिलीं कि कुछ गड़बड़ है और काम नहीं कर रहा है। राहुल ने कहा हमने मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र में इसका अनुभव किया था, लेकिन हमने हरियाणा पर ध्यान केंद्रित करने और वहां जो कुछ हुआ था, उसके बारे में विस्तार से जानने का फैसला किया।

जेन जी इसे समझे, युवाओं का भविष्य चुराया जा रहा-राहुल

कांग्रेस नेता ने कहा कि शुरुआत में हमें इस पर यकीन नहीं हुआ। कांग्रेस की जीत को हार में बदला गया। हरियाणा में सभी कांग्रेस की जीत बता रहे थे। उन्होंने कहा कि देश के युवाओं का भविष्य चुराया जा रहा है। राहुल ने कहा कि जेन जी को यह देखना चाहिए। मैं चाहता हूं कि भारत के युवा, जेन जी इसे स्पष्ट रूप से समझें क्योंकि यह आपके भविष्य के बारे में है।

एक महिला ने कई नाम से डाले वोट

राहुल ने एक महिला की तस्वीर दिखा कर कहा कि हरियाणा में एक महिला ने अलग-अलग नाम से 10 जगह 22 बार वोट डाला। उन्होंने दावा किया कि यह महिला एक ब्राजील की मॉडल है। उसने स्वीटी, विमला, सरस्वती आदि नाम से वोट डाला। राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि हरियाणा में हर आठ में से एक वोटर नकली है। उन्होंने कहा कि नकली फोटो वाले हरियाणा में एक लाख से ज्यादा मतदाता हैं।

The Rise of Ethical Dentistry: How Dentethix Is Setting New Standards in Bangalore

In today’s fast-paced healthcare world, patients are becoming increasingly conscious of where and how they receive care. Dentistry, in particular, has often faced criticism around overtreatment, unclear pricing, and lack of patient-centered care. This has given rise to a powerful shift—ethical dentistry. At the forefront of this movement in Bangalore is Dentethix Smile Studio, a practice that blends world-class treatment with transparency and compassion.

What Does Ethical Dentistry Mean?

Ethical dentistry ensures that patients receive only what they need, with complete clarity on the process, cost, and outcomes. It is based on three main principles:

1. Transparency – no hidden costs or unnecessary procedures.

2. Patient-first care – treatment tailored to individual needs, not profits.

3. Evidence-based approach – using the latest research and proven techniques.

Dentethix’s Commitment

- Clear Communication: Every treatment is explained in simple terms so patients understand the "why" behind each step.

- Trust Building: Patients are encouraged to ask questions and be involved in their care plan.

- Long-Term Focus: Preventive dentistry is prioritized to avoid repeated interventions.

Why This Matters in Bangalore

As one of India’s leading healthcare cities, Bangalore attracts both local and international patients. Yet, many people still hesitate when it comes to trusting dental care providers. Dentethix bridges this gap by combining ethics with excellence, ensuring patients walk away with not only healthier smiles but also peace of mind.

Conclusion

Dentethix Smile Studio is not just another dental clinic. It represents a movement toward ethical, patient-first dentistry—an approach that Bangalore, and India as a whole, truly needs.

Why a Confident Smile Matters – The Science Behind Dental Aesthetics

A smile is often the first thing people notice. It plays a powerful role in social interactions, self-confidence, and even professional opportunities. But beyond appearances, there is real science behind why a healthy, confident smile matters—and how Dentethix Smile Studio is helping patients achieve it.

The Psychology of Smiles

Research shows that people with bright, aligned smiles are perceived as more approachable, trustworthy, and successful. A genuine smile also triggers positive emotional responses, both in the person smiling and in those around them.

The Health Connection

- Crooked or misaligned teeth can lead to gum disease and jaw issues.

- Discolored teeth may signal lifestyle or dietary concerns.

- Missing teeth can impact chewing, digestion, and even speech.

Modern Dental Aesthetics at Dentethix

Dentethix Smile Studio offers a full spectrum of cosmetic and restorative treatments:

- Teeth Whitening – safe, professional, and long-lasting results.

- Smile Design – personalized digital simulations before treatment.

- Invisible Aligners – discreet solutions for misaligned teeth.

- Veneers & Crowns – natural-looking restorations for damaged teeth.

Beyond Vanity

Aesthetic dentistry isn’t just about beauty—it restores function, boosts mental well-being, and allows people to live with greater confidence.

Conclusion

At Dentethix, the philosophy is simple: a confident smile is a healthy smile. By blending art and science, the clinic helps patients unlock their best selves.

Dental Tourism in India – Why Bangalore Is Emerging as a Global Destination

India is quickly becoming a hub for medical and dental tourism, attracting patients from across the globe who seek high-quality treatment at affordable prices. Among Indian cities, Bangalore stands out—and at the heart of this trend is Dentethix Smile Studio.

Why Dental Tourism Is Growing

- Cost Advantage: Treatments in India can be 60–70% cheaper than in the US or Europe.

- Advanced Technology: Clinics in Bangalore use globally recognized equipment and techniques.

- Expertise: Indian dentists are highly trained, often with international exposure.

Why Bangalore?

- Connectivity: Easy international flight access.

- Healthcare Infrastructure: State-of-the-art hospitals and clinics.

- Lifestyle Appeal: A cosmopolitan city with rich culture and hospitality.

Dentethix’s Role in Dental Tourism

- Comprehensive Care Packages: From consultation to treatment to follow-up.

- Patient Comfort: English-speaking staff, personalized treatment plans, and transparent pricing.

- Holistic Approach: Guidance for stay, recovery, and even sightseeing while in Bangalore.

Conclusion

For international patients, Bangalore offers the perfect blend of world-class dental care and cultural richness. Dentethix Smile Studio is playing a leading role in this ecosystem, making smiles brighter for patients from around the world.

Top 5 Modern Dental Treatments You Should Know About in 2025

Dentistry is evolving faster than ever, thanks to new technologies and patient-focused innovations. For anyone considering treatment, knowing what’s available today is crucial. Here are five modern treatments offered at Dentethix Smile Studio that every patient should know about.

1. Digital Smile Design

Advanced software allows patients to preview their new smile before the treatment even begins.

2. Invisible Aligners

Clear, removable, and comfortable—aligners have revolutionized orthodontics.

3. Laser Dentistry

From gum reshaping to cavity treatment, lasers make procedures quicker and less painful.

4. Implantology

Dental implants are now the gold standard for replacing missing teeth, offering natural function and aesthetics.

5. Preventive Care with AI Scans

AI-driven tools help detect cavities, gum disease, and other issues early—before they become serious.

Conclusion

Dentethix combines global best practices with cutting-edge tools, ensuring patients in Bangalore have access to the most advanced care in 2025.

Preventive Dentistry – How Regular Checkups Save Time, Money, and Your Smile

Most people visit the dentist only when something goes wrong. But the truth is, preventive dentistry is the foundation of lifelong oral health. At Dentethix Smile Studio, prevention is not just encouraged—it’s prioritized.

Why Prevention Matters

- Small cavities caught early can be treated with a simple filling instead of a costly root canal.

- Gum issues identified in early stages can prevent tooth loss later.

- Routine checkups save both time and money in the long run.

Key Preventive Services at Dentethix

- Regular Cleanings to prevent plaque buildup.

- Digital X-Rays for early detection.

- Sealants & Fluoride Treatments to protect against cavities.

- Personalized Oral Hygiene Guidance tailored to each patient.

The Bigger Picture

Preventive care isn’t only about teeth—it’s linked to overall health. Poor oral hygiene has been associated with heart disease, diabetes, and other systemic conditions.

Conclusion

By focusing on preventive dentistry, Dentethix Smile Studio helps patients maintain not just healthy smiles, but healthier lives overall.

*Three unknown facts about Ramayana*

Desk: Ramayana is not just about the story of the war between Ram and Ravana. This story contains various pictures of the life of the people of that era. Naturally, many anecdotes have been created - most of which are unknown to us. Three such facts are -

1) Bali of the Ramayana is the hunter named Jara of the Mahabharata who was responsible for the killing of Krishna during the Dwapara Yuga.

2) According to many Ramayanas other than Valmiki, Surpanakha was married and instigated Ravana to abduct Sita in revenge for Rama killing her husband, the 'evil-minded demon'.

3) In the last war between Rama and Ravana, Bali's son Angad played a huge role in Rama's victory. Ravana was performing a yagna before going to war. Angad and some of the monkey army arrived there to spoil the yagna, but Ravana's attention could not be diverted by anything. Finally, Angad started pulling on Queen Mandodari's braid. Even then, Ravana remained steadfast. But Mandodari taunted Ravana and said that Rama was doing so much for his wife and Ravana was unable to protect his wife from this monkey clan. After hearing this, Ravana broke the yagna and chased away Angad and his army, and needless to say, he was defeated in the war.

Courtesy by: www.machinnamasta.in

BDSM Toys Now Melded into a New Form of Fetish Fashion

“BDSM kink now still remains in the dungeons of taboos and social stereotypes in India; whereas it booms up across the Western culture and their so-called fashion industries.”

Fashion is all about the exposure of your feelings and insightful thoughts in a subtle but prevalent way. As a famous Grunge rockstar ,“Kurt Cobain” said, “Fashion’s Style, Fashion’s shit”, Fashion could be influential and appreciable for many and bitter for some at the same moment. However, ‘Fetish fashion’ is a nascent form of modern fashion culture, on the contrary, bolstering the boldness and sexual liberty of the subculture. There are many traces of BDSM toys, tools, and kits to be found in attire and accessories in the world of ‘Fetishcore’ or fetish fashion.

Detailed Comparison Between Fetishcore Fashion & BDSM Gear

Now, it’s time to dig out mysterious similarities between Fetishcore fashion and bondage sex toys. Though there are many instances to show up, and also a lot of facts to unfold in this matter. Some top celebrities, such as Kim Kardashian, Dua Lipa, Billie Eilish, Madonna, and many other TV actresses and pop stars, made a new sensation among the netizens, especially the Gen-Zers, about fetish fashion. Perhaps, Vivienne Westwood emerged with her brand new sex boutique for the first time in the mainstream of ‘Fetishstore’. Followed by Madonna, Kim Kardashian whipped the audience into a frenzy and fuelled the fetish movement forward. Famous American singer Dua Lipa performed in glossy yellow BDSM harnesses to her music video ‘Don’t Start Now’ and received great applause from a large number of people worldwide.

Notwithstanding taboos and criticism, some dashing and bold Indian actresses followed in their footsteps in the new era of fetish fashion. Nora Fatehi, one of India's most successful and magnificent models and TV actresses, posted her picture in a latex Black Catsuit on Instagram and got over 400k likes there from her fans. Next comes Urfi Javed, a famous model, & social media influencer, who continued this vogue with her new look in a bold strap bikini with BDSM handcuffs and picked a storm on social media.

Now let’s cut to the chase of how BDSM toys turn into a new form of fetish culture. There are multiple fetish clothing, and other grooming accessories in the mould of bondage fashion that cannot be overlooked: harnesses, chokers, rubber boots, latex bodysuits, and many more. Harness is one of the most provocative garments in Fetishscore that derives from BDSM culture. In this practice, especially submissive partners wear this garment along with handcuffs and other kits (mouth gags, blindfolds, anklets, etc.) as if the submissive partner is bound to serve his/her dom master/mistress. On the other hand, a latex bodysuit is an instance of femdom sexual practice; a woman in a femdom role is good to go with this clothing, whipper-in hand, holding a chastity lock with fingers that provide quite a dominating appearance in bed, and so are catsuits in pet play. As well as there are many FetishScore accessories tailored to the bondage fetish. Picking up an O-ring choker in hand and observing the fact where it came from, one may guess right and find similarities with collar kit bondage sex toys.

What is the Significance of Fetishcore Fashion? Ain’t It Promoting Bondage Toys?

Every fashion has at least a short message to convey; Fetishcore is not an exception. Similarly, everyone has such fetishes to indulge in. In short, Fetishcore fashion is a consequence where fetish and fashion meet at the same place. The basic importance of this fashion is the liberty of freeing one’s fetish in a sophisticated and artistic way. In other words, this is a medium to reveal your bedroom thoughts to the world.

During the COVID-19 lockdown, people used to spend more time on the internet whether sharing memes, playing games or online shopping. Being at home was a good head start to explore different fantasies and Fetishscore is tailored to such desires and fantasies. So, this is no longer promoting bondage toys, but rather it, itself, comes into view with the increasing demands of people and obviously being inspired by the bondage subculture.

The Restriction Boundary of Fetishscore in India

In India, bondage culture is itself a taboo, what else better to expect about Fetishscore? The government has yet to liberalise sex toys completely because of the lack of sex education in our society. But the achievement is not so far enough. Many models and fashion designers are striving a lot to adopt this Western culture; Urfi Yaved is one of those brightest stars, although sometimes she becomes the victim of public backlash on social media.

However, there’s a great demand for erotic sex toys in India; most people prefer to indulge their fantasies secretly and let the matter end there, inside the bedroom. Teentoy is also a hidden gem, bolstering the rise of bondage Fetishcore fashion. Hope something could happen to turn the tables.

पहलगाम अटैक के आतंकियों की पहली तस्वीर आई सामने, हमले में शामिल तीन संदिग्धों के स्केच जारी

#pahalgam_terror_attack_terrorist_picture_out

कश्मीर के पहलगाम हमले जांच एजेंसियों से जांच शुरू कर दी है। सुरक्षा एजेंसियां दहशतगर्दों की तलाश में जुटी है। हेलीकॉप्टर, ड्रोन से आतंकियों की तलाश की जा रही है। इस बीच पर्यटकों पर हमला करने वाले आतंकियों की पहली तस्वीर सामने आई है। इस तस्वीर में चार आंतकी एक दूसरे के कंधों पर हाथ रख खड़े हैं। इससे पहले इस हमले की जांच कर रही एनआईए ने तीन आतंकियों के स्केच तैयार किए थे। राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने आतंकियों के ये स्केच चश्मदीदों से बातचीत के बाद बनाए।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) हमले की जांच कर रही है। इसकी एक टीम श्रीनगर पहुंची है। शुरुआती जांच में यह बात सामने आई है कि इन आतंकवादियों की कोशिश कई विदेशी पर्यटकों की भी हत्या करनी थी। दावा किया जा रहा है कि आतंकवादी मुजफ्फराबाद और कराची से लगातार संपर्क में थे। जानकारी मिली है कि पहलगाम हमले में दो पाकिस्तानी दहशतगर्द भी शामिल थे। उनके साथ में दो स्थानीय आतंकी भी थे। अब तक चार आतंकियों के बारे में जानकारियां सामने आई हैं। सुरक्षा एजेंसियों ने हमला करने वाले तीन आतंकियों के स्केच भी जारी किए हैं।

हमले में शामिल दो स्थानीय आतंकियों की पहचान कर ली गई है। स्थानीय आतंकियों के नाम आदिल अहमद ठाकुर और आशिफ शेख बताए जा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, आदिल ठाकुर लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा हुआ बताया जा रहा है। आदिल गुरी, बिजबेहड़ा का रहने वाला बताया जा रहा है। आशिफ शेख का जैश-ए-मोहम्मद से कनेक्शन बताया जा रहा है। आशिफ मोंघामा, मीर मोहल्ला (त्राल) का रहने वाला बताया जा रहा है। जानकारी यह भी मिली है कि हमले के कुछ आतंकियों ने बॉडी कैमरा लगाया था। हमले की पूरी घटना को आतंकियों ने रिकॉर्ड किया था।

आतंकी हमले के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर का दौरा किया। श्रीनगर के बाद अमित शाह पहलगाम भी गए और घटनास्थल का दौरा भी किया। मृतकों को श्रद्धांजलि देने के बाद गृह मंत्री शाह ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, भारी मन से पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। भारत आतंक के आगे नहीं झुकेगा। इस कायराना आतंकी हमले के दोषियों को बख्शा भी नहीं जाएगा।

बता दें कि पहलगाम आतंकी हमेंल में 28 लोगों की मौत हो गई है। इनमें 26 पर्यटक शामिल हैं। आतंकी हमले से पूरे देश में गुस्से का माहौल है। लोगों का ये गुस्सा सड़क पर दिखाई दे रहा है। देश के अलग-अलग शहरों में लोग सड़कों पर आकर पाकिस्तान के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं। पूरी दुनिया इस वक्त भारत के साथ खड़ी नजर आ रही है। ट्रंप से लेकर पुतिन तक हर कोई इस दुख की घड़ी में भारत का समर्थन कर रहा है।

बेड़ियों में जकड़ा नजर आया आतंकी तहव्वुर राणा, पहली फोटो आई सामने

#mumbai_attacks_mastermind_tahawwur_rana_custody_pictures

अमेरिका से तहव्वुर राणा का भारत प्रत्यपर्ण हो चुका है। मुंबई हमले 26/11 के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा इस वक्त भारत में है। एनआईए कोर्ट ने उसे 18 दिनों की कस्टडी में भेज दिया है। इस दौरान एनआईए मुंबई हमले से जुड़े तमाम पहलुओं पर पूछताछ करेगी। अब तहव्वुर राणा की बेड़ियों में जकड़ी हुई तस्वीरें सामने आई हैं।

तहव्वुर राणा की ये तस्वीर उस वक्त की है, जब अमेरिकी अधिकारी उसे एनआईए के हवाले कर रहे हैं। प्रत्यर्पण की तस्वीर में राणा के पैरों में बेड़ियां, कमर में जंजीर बंधी हुई दिखाई दे रही है। इसके साथ ही अमेरिकी मार्शल प्रत्यर्पण की प्रक्रिया को पूरा करते हुए नजर आ रहे हैं, वहीं एनआईए के अधिकारी भी वहां मौजूद हैं।

अमेरिका के न्याय विभाग ने यह तस्वीर जारी की है। अमेरिकी न्याय विभाग ने जेल द्वारा जारी की गई तस्वीर में राणा ब्राउन कलर की वर्दी पहने और अमेरिकी मार्शलों के साथ खड़ा है। फोटो में राणा की शक्ल तो नहीं दिख रही, लेकिन उसे ले जाता हुआ जरूर देखा जा सकता है। उसके शरीर को जंजीर से बांध रखा है, यानी कि काफी सुरक्षा के बीच उसे भारत को सौंपा गया है।

अमेरिकी न्याय विभाग कैलिपोर्निया के सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट में अमेरिकी मार्शलों ने मंगलवार को पाकिस्तानी नागरिक और कनाडाई नागरिक तहव्वुर राणा की हिरासत भारत के विदेश मंत्रालय के प्रतिनिधियों को सौंप दी। तहव्वुर राणा अब 18 दिनों के लिए एनआईए की हिरासत में है। तहव्वुर राणा को एनआईए के मुख्यालय में ग्राउंड फ्लोर पर ही एक लॉकअप में रखा गया है। लॉकअप के ठीक बगल में एक इंटोरेगेशन रूम बना है. इसी में उससे आज पूछताछ होगी। ताकि 2008 के हमलों के पीछे की पूरी साजिश का पता लगाया जा सके। इन हमलों में कुल 166 लोग मारे गए थे और 238 से अधिक घायल हुए थे।

गाजा युद्ध विराम और अमेरिकी दूत मार्को रुबियो की पहल

#us_officials_lands_in_gaza_for_ceasfire_conversation

Picture used in reference

2023 के अक्टूबर में इजरायल पर हमास के हमले ने गाजा में स्थिति को गंभीर बना दिया। इस संघर्ष में बड़ी संख्या में नागरिकों की मौत हुई, और दोनों पक्षों के बीच हिंसा का दौर बढ़ा। युद्धविराम के प्रयास जारी रहे, और अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने इस स्थिति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। रुबियो ने हाल ही में इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से गाजा युद्ध विराम पर बातचीत की, जो अमेरिकी-इजरायल संबंधों के संदर्भ में महत्वपूर्ण था।

अमेरिकी विदेश मंत्री की यात्रा: मार्को रुबियो का यह दौरा उनके पहले मध्य पूर्व दौरे के रूप में था। यह यात्रा विशेष रूप से गाजा युद्ध विराम और अमेरिका की भूमिका के संदर्भ में अहम थी। इस दौरान, रुबियो ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की योजना को आगे बढ़ाने का प्रयास किया, जिसमें गाजा पर इजरायल का नियंत्रण और वहां के दो मिलियन से अधिक निवासियों को स्थानांतरित करने का प्रस्ताव था। हालांकि, यह योजना अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा आलोचना का शिकार हुई है।

ट्रम्प का प्रस्ताव: ट्रम्प ने गाजा पर इजरायल का नियंत्रण और फिलिस्तीनियों को विस्थापित करने का प्रस्ताव रखा। उन्होंने गाजा को "मध्य पूर्व का रिवेरा" बनाने की बात की, जिससे वहाँ के आर्थिक पुनर्विकास की संभावना जताई गई थी। नेतन्याहू ने इस विचार का स्वागत किया, लेकिन कई देशों ने इसे अस्वीकार कर दिया। वे मानते हैं कि यह समाधान अस्थिरता को बढ़ाएगा और फिलिस्तीनी समुदाय के लिए अस्वीकार्य होगा।

गाजा में युद्धविराम और बंधक विनिमय: गाजा में युद्धविराम के लिए कतर और मिस्र की मध्यस्थता में एक समझौता हुआ, जिसके तहत 369 फिलिस्तीनी कैदियों के बदले में 3 इजरायली बंधकों को रिहा किया गया। यह छठी अदला-बदली थी, जो एक नाजुक युद्ध विराम के तहत की गई थी। हालांकि, युद्धविराम के बावजूद कई लोग चिंतित हैं कि लड़ाई फिर से शुरू हो सकती है। दक्षिणी गाजा के खान यूनिस में एक सेवानिवृत्त शिक्षक नासिर अल-अस्तल ने कहा, "हमें उम्मीद है कि शांति बनी रहेगी, लेकिन यह कभी भी टूट सकती है।"

अमेरिका का रुख: अमेरिका ने स्पष्ट किया है कि फिलहाल ट्रम्प की योजना ही "एकमात्र योजना" है, और वह फिलिस्तीनी राज्य के लिए किसी भी अन्य प्रस्ताव को स्वीकार नहीं करेगा। जनवरी 2024 में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने गाजा के युद्ध के बाद के रोडमैप का प्रस्ताव किया, जिसमें इजरायल से फिलिस्तीनी राज्य के लिए रास्ता स्वीकार करने की बात की गई थी। नेतन्याहू की सरकार ने इस प्रस्ताव को खारिज किया, क्योंकि वह फिलिस्तीनी राज्य की स्थापना के खिलाफ है। मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फत्ताह अल-सिसी ने फिलिस्तीनी राज्य की स्थापना को स्थायी शांति के लिए जरूरी बताया है, और सऊदी अरब जैसे देशों ने इसका समर्थन किया है।

वर्तमान स्थिति और भविष्य की चुनौतियां: गाजा में युद्धविराम के पहले चरण के तहत, 19 जनवरी 2024 से युद्धविराम लागू किया गया था, लेकिन यह पिछले सप्ताह लगभग टूट गया था। इजरायल ने हमास को चेतावनी दी थी कि अगर वे 3 जीवित बंधकों को रिहा नहीं करते, तो नई लड़ाई शुरू हो सकती है। इसके बाद, 3 इजरायली बंधक रिहा हुए, जिनमें इजरायली-अमेरिकी सागुई डेकेल-चेन, इजरायली-रूसी साशा ट्रुपानोव और इजरायली-अर्जेंटीना यायर हॉर्न शामिल थे। इन बंधकों की रिहाई के साथ, इजरायल ने 369 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा किया, जिनमें अधिकतर गाजा के नागरिक थे। हालांकि, युद्धविराम के बावजूद स्थिति स्थिर नहीं हुई और स्थानीय लोग चिंता व्यक्त कर रहे हैं कि यह संघर्ष फिर से भड़क सकता है।

ट्रम्प की योजना पर विवाद: ट्रम्प की योजना, जिसमें गाजा के निवासियों को स्थानांतरित करने का प्रस्ताव था, को फिलिस्तीनी और क्षेत्रीय देशों ने नकारा। मिस्र और जॉर्डन को चेतावनी दी गई थी कि अगर वे गाजा से विस्थापित फिलिस्तीनियों को स्वीकार नहीं करते, तो उन्हें इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। फिलिस्तीनी अधिकारियों ने इस योजना को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। अमेरिकी राजनयिक रुबियो ने कहा है कि हमास का भविष्य में कोई भी भूमिका नहीं होनी चाहिए और अरब देशों को इस प्रस्ताव पर विचार करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।

गाजा में मानवाधिकारों की स्थिति: गाजा में युद्ध विराम के बावजूद, मानवाधिकारों का उल्लंघन जारी है। इजरायल द्वारा गाजा पर किए गए हवाई हमलों में हजारों नागरिकों की जानें गई हैं, जबकि हमास के हमले में भी इजरायल के नागरिक मारे गए हैं। इजरायली अधिकारियों के अनुसार, हमास द्वारा संचालित क्षेत्र में अब तक 48,264 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें अधिकांश नागरिक थे। वहीं, 7 अक्टूबर 2023 के हमले में इजरायल में 1,211 लोग मारे गए थे, जिनमें से अधिकांश नागरिक थे।

भविष्य की दिशा: गाजा में युद्धविराम और बंधक-विनिमय की स्थिति को स्थिर करने के लिए बातचीत जारी है। कुछ रिपोर्टों के अनुसार, युद्धविराम के दूसरे चरण पर बातचीत इस सप्ताह दोहा में शुरू हो सकती है। हालांकि, हमास और इजरायल के बीच तनाव अभी भी बरकरार है और भविष्य में संघर्ष फिर से शुरू हो सकता है। अमेरिकी, मिस्र, और अन्य क्षेत्रीय देशों के प्रयासों के बावजूद, गाजा के संकट का समाधान आसान नहीं होगा। फिलिस्तीनी राज्य की स्थापना और गाजा के पुनर्विकास के लिए भविष्य में और भी कड़े निर्णयों की आवश्यकता होगी।

गाजा में युद्धविराम और बंधक विनिमय के प्रयास एक सकारात्मक कदम हैं, लेकिन स्थिति अभी भी नाजुक बनी हुई है। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो की पहल और ट्रम्प की योजना इस संकट के समाधान के लिए महत्वपूर्ण हो सकती है, लेकिन उनका कार्यान्वयन फिलिस्तीनी और क्षेत्रीय देशों के विरोध का सामना कर रहा है। युद्धविराम के बाद भी, गाजा में स्थिरता लाने के लिए लंबे समय तक और कठिन बातचीत की आवश्यकता होगी। फिलिस्तीनी राज्य की स्थापना और गाजा के पुनर्विकास की दिशा में गंभीर और दूरगामी कदम उठाने की आवश्यकता है।

अवैध भारतीय प्रवासी: एक गहरी समस्या और अमेरिका में उनकी स्थिति

#whoaretheseillegalmigrantsofamerica

Picture used in reference (CNN)

अमेरिका, जो विश्व में अपने सशक्त अर्थव्यवस्था और बेहतरीन अवसरों के लिए प्रसिद्ध है, लाखों लोगों का सपना है। हर साल, हजारों भारतीय नागरिक अमेरिका में नौकरी, शिक्षा, और बेहतर जीवन के लिए जाते हैं। हालांकि, कुछ लोग कानूनी तरीके से अमेरिका में प्रवेश करने में नाकाम रहते हैं, जिसके परिणामस्वरूप वे अवैध प्रवासी बन जाते हैं। भारत के नागरिकों के लिए यह मुद्दा दिन-ब-दिन गंभीर होता जा रहा है। हाल ही में, अमेरिका द्वारा 205 अवैध भारतीय प्रवासियों को स्वदेश भेजने के कदम ने इस समस्या को और भी उजागर किया है।

अवैध प्रवासी कौन होते हैं?

अवैध प्रवासी वे लोग होते हैं जो किसी भी देश में बिना कानूनी दस्तावेजों या अनुमति के रहते हैं। ये लोग या तो वीज़ा की अवधि समाप्त होने के बाद भी वहां बने रहते हैं, या फिर बिना वीज़ा के ही देश में प्रवेश कर लेते हैं। अमेरिका में भारतीय अवैध प्रवासी के रूप में रहने वाले लोग, अधिकतर या तो रोजगार के लिए अमेरिका गए थे, या फिर परिवारों के साथ रहते हुए वीज़ा की अवधि समाप्त कर चुके हैं।

अवैध भारतीय प्रवासियों का अमेरिका में प्रवेश

1. वीज़ा समाप्त होने के बाद अतिक्रमण

  अमेरिका में जाने वाले भारतीय नागरिकों की बड़ी संख्या पर्यटक वीज़ा, छात्र वीज़ा या कार्य वीज़ा पर जाते हैं। हालांकि, इनमें से कई लोग वीज़ा की अवधि समाप्त होने के बाद भी अमेरिका में रहते हैं और उनके पास वैध दस्तावेज नहीं होते।  

2. फर्जी दस्तावेजों का उपयोग

  कुछ लोग फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से अमेरिका प्रवेश करते हैं। ये दस्तावेज़ वीज़ा, शरण या अन्य कानूनी कारणों के रूप में हो सकते हैं। जब यह धोखाधड़ी सामने आती है, तो इन्हें अवैध प्रवासी के रूप में माना जाता है।  

3. शरणार्थी के रूप में प्रवेश 

  कुछ भारतीय नागरिक राजनीतिक या धार्मिक कारणों से शरणार्थी के रूप में अमेरिका आते हैं। हालांकि, कई बार इनकी स्थिति की सही जांच नहीं होती और वे अवैध रूप से अमेरिका में रह जाते हैं।  

अवैध प्रवासियों के लिए अमेरिका में जीवन

अवैध रूप से अमेरिका में रहने वाले भारतीय नागरिकों को बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इन समस्याओं में प्रमुख हैं:

1.कानूनी सुरक्षा की कमी  

  अवैध प्रवासियों के पास कोई कानूनी सुरक्षा नहीं होती। यदि अमेरिकी सरकार द्वारा उनके खिलाफ कार्रवाई की जाती है, तो वे बिना किसी बचाव के देश से बाहर भेजे जा सकते हैं।  

2. आर्थिक कठिनाइयाँ

  अवैध प्रवासी रोजगार प्राप्त करने में कठिनाई का सामना करते हैं, क्योंकि उन्हें काम करने के लिए कानूनी दस्तावेज़ों की आवश्यकता होती है। हालांकि, वे अक्सर अंशकालिक या असंगठित क्षेत्रों में काम करते हैं, जहाँ मजदूरी कम और अधिकार न के बराबर होते हैं।  

3. स्वास्थ्य सेवाओं की कमी 

  अवैध प्रवासी स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ नहीं उठा सकते। वे बिना बीमा या अन्य सरकारी सेवाओं के मेडिकल सेवाओं के लिए संघर्ष करते हैं।  

4. शैक्षिक अवसरों की कमी

  अवैध प्रवासियों के बच्चों को शिक्षा प्राप्त करने में समस्याएँ होती हैं। अधिकांश राज्य अवैध प्रवासियों के बच्चों को सार्वजनिक स्कूलों में दाखिला देने से मना कर सकते हैं।  

अमेरिका का रुख और कार्रवाई

अमेरिका में अवैध प्रवासियों के खिलाफ कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। अमेरिकी प्रशासन ने कई बार इस मुद्दे पर अपनी चिंता व्यक्त की है और अवैध प्रवासियों की पहचान कर उन्हें स्वदेश भेजने की प्रक्रिया को तेज किया है।

1. "डीपी" (Deferred Action for Childhood Arrivals - DACA) नीति

  यह नीति विशेष रूप से उन बच्चों के लिए है जो अवैध रूप से अमेरिका में आकर बड़े हुए हैं। इसे "ड्रीमर्स" कहा जाता है। हालांकि, यह नीति सख्त नहीं है और बार-बार इसकी स्थिति पर सवाल उठते रहे हैं।  

2. आव्रजन और कस्टम्स प्रवर्तन (ICE)

  ICE अमेरिकी सरकार का एक प्रमुख विभाग है, जो अवैध प्रवासियों को ट्रैक करता है और उन्हें देश से बाहर करने के लिए कार्रवाई करता है। 

3. स्वदेश वापसी की योजनाएं

  अमेरिकी सरकार कई कार्यक्रमों के तहत अवैध प्रवासियों को स्वदेश भेजने की योजना बनाती है। हाल ही में, 205 अवैध भारतीय प्रवासियों को सी-17 विमान से स्वदेश भेजने की योजना के तहत यह कार्रवाई की गई।

भारत में अवैध प्रवासियों की स्थिति

भारत में अवैध प्रवासियों की वापसी के बाद, उन्हें स्थानीय समुदाय में समायोजित करने की प्रक्रिया भी चुनौतीपूर्ण होती है। भारत सरकार के पास इस मुद्दे पर कोई स्पष्ट नीति नहीं है, जिससे इन व्यक्तियों को पुनः स्थापित करने में समस्याएँ आती हैं। 

1. स्वदेश लौटने पर चुनौतियाँ

  कई बार अवैध प्रवासियों के लिए स्वदेश लौटना कोई आसान रास्ता नहीं होता। उनके पास सीमित संसाधन होते हैं, और वे वापस अपने देश में पुनः समायोजित होने के लिए संघर्ष करते हैं।  

2.आर्थिक और मानसिक स्वास्थ्य की चुनौतियाँ

  अवैध प्रवासी अक्सर आर्थिक दृष्टिकोण से कमजोर होते हैं। उन्हें मानसिक स्वास्थ्य की समस्याएँ भी हो सकती हैं, क्योंकि उन्हें लंबे समय तक दबाव और डर का सामना करना पड़ता है।  

अवैध प्रवासियों के लिए समाधान

अवैध प्रवासियों की समस्या केवल एक देश की नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर एक मुद्दा बन चुकी है। इसके समाधान के लिए कई उपाय किए जा सकते हैं:

1. कानूनी मार्गों का विस्तार  

  देशों को अपने आव्रजन नियमों को सुधारने की आवश्यकता है। यदि उचित और वैध मार्ग उपलब्ध हों, तो लोग अवैध तरीके से प्रवेश करने की कोशिश नहीं करेंगे।  

2. कानूनी सहायता  

  अवैध प्रवासियों को कानूनी सहायता मिलनी चाहिए, ताकि वे अपनी स्थिति को समझ सकें और उचित कदम उठा सकें।  

3. शरणार्थी नीति का सुधार

  देशों को शरणार्थियों के मामलों की अधिक गहराई से जांच करनी चाहिए और उन लोगों को मान्यता देनी चाहिए जो सचमुच शरण के योग्य हैं।  

अवैध प्रवासियों की समस्या केवल भारत या अमेरिका तक सीमित नहीं है। यह एक वैश्विक समस्या है, जिसके समाधान के लिए देशों को सामूहिक रूप से कदम उठाने की आवश्यकता है। भारत के नागरिकों की अमेरिका में अवैध स्थिति एक जटिल मुद्दा है, लेकिन इसे कानूनी ढंग से सुलझाया जा सकता है। इसके लिए दोनों देशों को मिलकर प्रयास करने होंगे ताकि इस समस्या का समाधान निकाला जा सके और भविष्य में इस तरह की स्थितियों से बचा जा सके।

भारतीय स्नातकों का विदेशों में नौकरी करने का बढ़ता रुझान: भारत की बढ़ती चिंताएं

#indiangraduatesinclinedtowardsgettingjobsabroad

Picture to reference

हाल के वर्षों में, भारत के एक बढ़ते हुए स्नातक वर्ग ने नौकरी के अवसरों की तलाश में देश छोड़ दिया है। यह प्रवृत्ति विभिन्न कारणों के कारण उत्पन्न हो रही है, और इन कारणों को समझना आवश्यक है ताकि यह स्पष्ट किया जा सके कि युवा पेशेवरों के लिए यह निर्णय क्यों लिया जा रहा है। जैसे-जैसे भारत आर्थिक रूप से प्रगति कर रहा है, इस प्रवृत्ति से यह स्पष्ट होता है कि भारतीय नौकरी बाजार, शैक्षिक प्रणाली, और यहां तक कि सामाजिक-राजनीतिक वातावरण में कुछ गहरे और महत्वपूर्ण मुद्दे हैं। BITS Pilani में डॉ एस सोमनाथ (चेयरमैन,इसरो ) ने ग्रेजुएट हो रहे विद्यार्थियों को उनके दीक्षांत सम्हारोह में सम्बोधित करते हुए कहा की देश को युवा की ज़रूरत है और वे चाहेंगे कि देश का कौशल देश की प्रग्रति के लिए काम आए , विदेश में जाना और वह अपने योगदान देने से भारत उन नई उचाईयों से वंचित रह जाएगा। बच्चों के बाहर जाकर नौकरी करने के प्रमुख कारणों का विश्लेषण किया गया है। 

1.बेहतर नौकरी के अवसर और उच्च वेतन

एक प्रमुख कारण है कि स्नातक विदेशों में नौकरी करने के लिए क्यों जाते हैं, वह है बेहतर वेतन और नौकरी के अवसर। भारत में कई क्षेत्रों में वेतन अपेक्षाकृत कम है, खासकर उन पेशेवरों के लिए जिनकी शिक्षा और कौशल स्तर उच्च हैं। जैसे-जैसे भारत में वेतन संरचना उतनी प्रतिस्पर्धी नहीं है, विदेशों में विशेष रूप से उत्तरी अमेरिका, यूरोप और मध्य-पूर्व के देशों में उच्च वेतन और बेहतर नौकरी के अवसर मिलते हैं। तकनीकी, वित्त, स्वास्थ्य देखभाल, और इंजीनियरिंग जैसे क्षेत्रों में, विदेशों में मिलने वाले वेतन पैकेज भारतीय नौकरी बाजार से कहीं अधिक आकर्षक होते हैं। यह वेतन अंतर स्नातकों को आर्थिक सुरक्षा और जीवन स्तर में सुधार के लिए प्रेरित करता है।

2. सीमित करियर विकास और अवसर

भारत में नौकरी के अवसरों में कमी और करियर में सीमित वृद्धि भी एक प्रमुख कारण है। विशेष रूप से उच्च शिक्षा प्राप्त व्यक्तियों के लिए भारत में कई बार करियर का विकास धीमा होता है, वरिष्ठ पदों के लिए अवसर कम होते हैं और विशिष्ट प्रशिक्षण या कौशल विकास की कमी होती है। इसके विपरीत, अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और जर्मनी जैसे देशों में करियर में तेज़ी से वृद्धि, वैश्विक नेटवर्किंग के अवसर और निरंतर सीखने की संभावना होती है, जिससे ये देश स्नातकों के लिए अत्यधिक आकर्षक बनते हैं।

3.जीवन की गुणवत्ता

वह बेहतर जीवन स्तर जो विदेशों में मिलता है, यह एक और बड़ा कारण है कि स्नातक भारत से बाहर जा रहे हैं। इसमें कार्य-जीवन संतुलन, उन्नत स्वास्थ्य देखभाल, बेहतर सार्वजनिक बुनियादी ढांचा, स्वच्छ वातावरण और पारदर्शी शासन जैसी सुविधाएं शामिल हैं। उदाहरण के तौर पर, यूरोप के देशों में कार्य-जीवन संतुलन को प्राथमिकता दी जाती है, वहीं भारत में कई युवा पेशेवर लंबे कार्य घंटों, उच्च प्रतिस्पर्धा और तनावपूर्ण कार्य वातावरण से परेशान रहते हैं। इस कारण से वे अधिक आरामदायक जीवन जीने के लिए विदेशों में नौकरी करने का विकल्प चुनते हैं।

4. भारत में बेरोजगारी और अपर्याप्त रोजगार

भारत में नौकरी के अवसर बहुत अधिक प्रतिस्पर्धी हैं और अत्यधिक शैक्षिक योग्यता होने के बावजूद, लाखों युवा बेरोजगार या अपर्याप्त रोजगार में फंसे हुए हैं। CMIE (सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी) के एक अध्ययन के अनुसार, भारत में बेरोजगारी दर 2023 में 8-9 प्रतिशत के आसपास रही है, जबकि कई स्नातक ऐसे कामों में लगे हुए हैं जो उनकी शैक्षिक योग्यता से मेल नहीं खाते। उच्च गुणवत्ता वाली नौकरियों की मांग आपूर्ति से कहीं अधिक है, जिससे युवा पेशेवरों को बेहतर अवसरों की तलाश में विदेशों में जाने के लिए मजबूर होना पड़ता है।

5. उभरते हुए तकनीकी और स्टार्ट-अप क्षेत्र

वैश्विक स्तर पर तकनीकी क्षेत्र का विस्तार और बहुराष्ट्रीय कंपनियों का प्रभाव तेजी से बढ़ रहा है। देश जैसे अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा और जर्मनी में इन क्षेत्रों में अत्यधिक आकर्षक रोजगार उपलब्ध हैं। विशेष रूप से STEM (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, गणित) क्षेत्रों में स्नातक विदेशों में उच्च मांग में हैं और अपनी क्षमताओं का पूरा लाभ उठाने के लिए इन देशों में जाने का विकल्प चुनते हैं। इसके अतिरिक्त, सिलिकॉन वैली जैसे तकनीकी केंद्र और लंदन जैसे स्टार्ट-अप हब नवाचार के लिए समर्थन प्रदान करते हैं और वहां कार्य करने का एक अनुकूल वातावरण मिलता है। ये विशेषताएं भारतीय स्नातकों को आकर्षित करती हैं, जो वैश्विक स्तर पर समाधान तैयार करने में रुचि रखते हैं।

 6. शैक्षिक प्रणाली और अनुसंधान अवसर

भारत के उच्च शिक्षा संस्थान अक्सर आवश्यक अनुसंधान अवसर, व्यावहारिक शिक्षा और अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप अनुभव प्रदान नहीं कर पाते हैं। इसके परिणामस्वरूप, कई भारतीय स्नातक विदेशों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए जाते हैं, जो बाद में उन देशों में नौकरी करने के अवसर प्राप्त करते हैं। अमेरिका, ब्रिटेन, और कनाडा जैसे देश उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा और व्यावासिक प्रशिक्षण प्रदान करते हैं और यह स्नातकों को स्थायी निवास प्राप्त करने का अवसर भी देते हैं।

7. उद्यमिता के अवसर

भारत में उद्यमिता के लिए कई बाधाएं हैं, जैसे सरकारी नौकरशाही, अत्यधिक प्रतिस्पर्धा, और सीमित निवेश के अवसर। इसके विपरीत, अमेरिका, ब्रिटेन और सिंगापुर जैसे देशों में उद्यमिता के लिए अधिक अनुकूल वातावरण है, जिसमें पूंजी तक आसान पहुंच, सरकारी समर्थन, और नवाचार के लिए प्रेरणा मिलती है। यही कारण है कि कई भारतीय स्नातक, जो उद्यमिता में रुचि रखते हैं, विदेशों में अपनी कंपनियों की शुरुआत करते हैं।

भारतीय स्नातकों का विदेशों में नौकरी करने जाने का बढ़ता हुआ रुझान कई आर्थिक, सामाजिक और पेशेवर कारणों से उत्पन्न हो रहा है। भारत में नौकरी के अवसरों की कमी, वेतन की असमानताएं, और करियर विकास की सीमाएं इन युवा पेशेवरों को विदेशों में बेहतर अवसरों की तलाश में भेज रही हैं। हालांकि, यह प्रवृत्ति "ब्रेन ड्रेन" के रूप में देखी जा सकती है, लेकिन यह भारत के लिए एक अवसर भी प्रदान करती है, क्योंकि वे जब वापस लौटते हैं तो वे विदेशी अनुभव और विशेषज्ञता लेकर आते हैं। भारत को इस प्रवृत्ति को रोकने और अपने पेशेवरों के लिए बेहतर अवसरों और कार्य वातावरण बनाने के लिए उपायों की आवश्यकता है, ताकि वे अपने कौशल का अधिकतम लाभ भारत में ही उठा सकें।

राहुल ने किस महिला की तस्वीर दिखाई? सीमा-स्वीटी बनकर हरियाणा चुनाव में वोट डालने का आरोप

#whosepicturerahulgandhishowedinhfilesclaimsshevoted22timesinharyana

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने वोट चोरी का आरोप लगाते हुए आज एक और प्रेस कॉन्फ्रेंस की है। उन्होंने कहा है कि हरियाणा में वोट चोरी करके बीजेपी की सरकार बनवाई गई। महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्य प्रदेश और हरियाणा में वोट चोरी हुई है। राहुल गांधी ने इस दौरान एक लड़की की फोटो भी दिखाई। उसे लेकर उन्होंने दावा किया कि इसने अलग-अलग नाम से 22 जगह वोट दिए। इस लड़की के नाम से 22 वोटर आईडी कार्ड मिले।

ब्राजील की मॉडल ने 22 जगह डाले वोट?

राहुल गांधी ने आरोप लगाते हुए कहा कि हरियाणा में 22 वोटर कार्ड पर एक ही तस्वीर है। उन्होंने कहा कि एक लड़की के 22 वोटर कार्ड मिले। उन्होंने कहा कि एक लड़की ने 10 बूथ पर वोट किया। इस लड़की ने 10 बूथ पर 22 बार वोट डाला। उन्होंने कहा कि ये सेंट्रलाइज ऑपरेशन है।

हरियाणा में हर 8 में एक वोटर नकली

राहुल ने कहा कि राज्य में 5 लाख 21 हजार 619 डुप्लीकेट वोट हैं। राहुल ने सवाल उठाया कि ब्राजील की वोटर ने 22 जगह वोट कैसे डाला। उन्होंने कहा कि हरियाणा में हर 8 में एक वोटर नकली है। उन्होंने कहा कि ये वोट चोरी बूथ लेवल पर नहीं हुई। वोट चोरी का मॉडल सेंट्रलाइज था। राहुल ने कहा कि वोटर लिस्ट में एक महिला ने 9 जगह वोट किया।

कई मतदाताओं के मकान नंबर शून्य

राहुल गांधी ने मतदाता सूची में कई मतदाताओं के मकान नंबर शून्य होने पर सवाल उठाए। कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि फर्जी मतदाताओं की कोई पहचान नहीं होती और फर्जी मतदाता वोट डालने के बाद गायब हो जाते हैं और उनकी पहचान करना मुश्किल होता है। उन्होंने कहा कि जांच में 500 मतदाताओं का एक ही पता पाया गया। राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कई लोगों की वीडियो क्लिप प्रसारित कराई, जिनमें वो लोग कह रहे थे कि उनकी वोट काट दी गई। नेता विपक्ष ने आरोप लगाया कि हरियाणा चुनाव के दौरान 3.5 लाख मतदाताओं के वोट काटे गए।

कर्नाटक में वोट चोरी का किया था खुलासा

इससे पहले, 17 सितंबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस में, राहुल गांधी ने चीफ इलेक्शन कमिश्नर ज्ञानेश कुमार पर जोरदार हमला किया था। उन्होंने सीईसी पर कर्नाटक की महादेवनपुरा असेंबली सीट की वोटर लिस्ट से नाम हटाने की कोशिश करने वाले लोगों की टेक्निकल डिटेल्स शेयर करने से मना करके भारतीय लोकतंत्र को 'नष्ट' करने वालों को 'बचाने' का आरोप लगाया था। वहीं, चुनाव आयोग ने कांग्रेस नेता के आरोपों को 'गलत और बेबुनियाद' बताकर खारिज कर दिया था।

राहुल ने फोड़ा 'हाइड्रोजन बम', हरियाणा में 25 लाख वोट चोरी का आरोप, 1.24 लाख नकली वोटर का दावा

#picturerahulgandhishowedinhfiles

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने बुधवार को नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (एआईसीसी) के मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी ने वोट चोरी के अपने आरोप दोहराए। कांग्रेस नेता ने वोटर चोरी को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस में हरियाणा को लेकर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि कर्नाटक के बाद अब हरियाणा में वोट चोरी पकड़ी गई। राहुल ने हरियाणा के चुनावी नतीजों को लेकर खुलासा किया। राहुल ने कहा कि हरियाणा में 25 लाख वोटों की चोरी की गई।

पोस्टल बैलेट पर उठाए सवाल

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने गुरु नानकदेव को श्रद्धांजलि देते हुए ‘एच फाइल्स' का सच सामने रखा। उन्होंने कहा, ‘एच फाइल्स' किसी एक सीट की बात नहीं है, बल्कि राज्यों में वोट चोरी की बड़ी साजिश है। हरियाणा में पहली बार पोस्टल बैलट और असली वोटों का रुझान अलग रहा। पोस्टल बैलट में कांग्रेस को 76 और बीजेपी को सिर्फ 17 सीटें मिलतीं। पहले दोनों का रुझान एक जैसा होता था। राहुल ने कहा कि एग्जिट पोल और पोस्टल बैलट में कांग्रेस आगे थी, लेकिन अंत में 22,779 वोटों से हार गई। कुल मिलाकर एक लाख से ज्यादा वोटों का फर्क रहा। हमारे पास इसके सबूत हैं। उन्होंने दावा किया है कि वो जो भी बता रहे हैं वो 100 प्रतिशत सच है।

हरियाणा में पोस्टल बैलट वास्तविक मतदान से अलग थे

राहुल गांधी ने कहा, हरियाणा के चुनावी इतिहास में पहली बार पोस्टल बैलट वास्तविक मतदान से अलग थे। हरियाणा में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था। इसलिए, हमने सोचा कि आइए विस्तार से जानें। जब मैंने पहली बार यह जानकारी देखी, जो आप देखने जा रहे हैं, तो मुझे इस पर विश्वास करने में कठिनाई हुई। मैं सदमे में था। मैंने टीम को कई बार क्रॉस-चेक करने के लिए कहा।

राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर हो रही वोट चोरी

लोकसभा में विपक्ष के नेता ने कहा, हमारे पास ‘एच’ फाइल्स हैं और यह इस बारे में है कि कैसे एक पूरे राज्य को चुरा लिया गया है। हमें संदेह था कि यह व्यक्तिगत निर्वाचन क्षेत्रों में नहीं, बल्कि राज्य स्तर पर और राष्ट्रीय स्तर पर हो रहा है। हमें हरियाणा में हमारे उम्मीदवारों से बहुत सारी शिकायतें मिलीं कि कुछ गड़बड़ है और काम नहीं कर रहा है। राहुल ने कहा हमने मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र में इसका अनुभव किया था, लेकिन हमने हरियाणा पर ध्यान केंद्रित करने और वहां जो कुछ हुआ था, उसके बारे में विस्तार से जानने का फैसला किया।

जेन जी इसे समझे, युवाओं का भविष्य चुराया जा रहा-राहुल

कांग्रेस नेता ने कहा कि शुरुआत में हमें इस पर यकीन नहीं हुआ। कांग्रेस की जीत को हार में बदला गया। हरियाणा में सभी कांग्रेस की जीत बता रहे थे। उन्होंने कहा कि देश के युवाओं का भविष्य चुराया जा रहा है। राहुल ने कहा कि जेन जी को यह देखना चाहिए। मैं चाहता हूं कि भारत के युवा, जेन जी इसे स्पष्ट रूप से समझें क्योंकि यह आपके भविष्य के बारे में है।

एक महिला ने कई नाम से डाले वोट

राहुल ने एक महिला की तस्वीर दिखा कर कहा कि हरियाणा में एक महिला ने अलग-अलग नाम से 10 जगह 22 बार वोट डाला। उन्होंने दावा किया कि यह महिला एक ब्राजील की मॉडल है। उसने स्वीटी, विमला, सरस्वती आदि नाम से वोट डाला। राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि हरियाणा में हर आठ में से एक वोटर नकली है। उन्होंने कहा कि नकली फोटो वाले हरियाणा में एक लाख से ज्यादा मतदाता हैं।

The Rise of Ethical Dentistry: How Dentethix Is Setting New Standards in Bangalore

In today’s fast-paced healthcare world, patients are becoming increasingly conscious of where and how they receive care. Dentistry, in particular, has often faced criticism around overtreatment, unclear pricing, and lack of patient-centered care. This has given rise to a powerful shift—ethical dentistry. At the forefront of this movement in Bangalore is Dentethix Smile Studio, a practice that blends world-class treatment with transparency and compassion.

What Does Ethical Dentistry Mean?

Ethical dentistry ensures that patients receive only what they need, with complete clarity on the process, cost, and outcomes. It is based on three main principles:

1. Transparency – no hidden costs or unnecessary procedures.

2. Patient-first care – treatment tailored to individual needs, not profits.

3. Evidence-based approach – using the latest research and proven techniques.

Dentethix’s Commitment

- Clear Communication: Every treatment is explained in simple terms so patients understand the "why" behind each step.

- Trust Building: Patients are encouraged to ask questions and be involved in their care plan.

- Long-Term Focus: Preventive dentistry is prioritized to avoid repeated interventions.

Why This Matters in Bangalore

As one of India’s leading healthcare cities, Bangalore attracts both local and international patients. Yet, many people still hesitate when it comes to trusting dental care providers. Dentethix bridges this gap by combining ethics with excellence, ensuring patients walk away with not only healthier smiles but also peace of mind.

Conclusion

Dentethix Smile Studio is not just another dental clinic. It represents a movement toward ethical, patient-first dentistry—an approach that Bangalore, and India as a whole, truly needs.

Why a Confident Smile Matters – The Science Behind Dental Aesthetics

A smile is often the first thing people notice. It plays a powerful role in social interactions, self-confidence, and even professional opportunities. But beyond appearances, there is real science behind why a healthy, confident smile matters—and how Dentethix Smile Studio is helping patients achieve it.

The Psychology of Smiles

Research shows that people with bright, aligned smiles are perceived as more approachable, trustworthy, and successful. A genuine smile also triggers positive emotional responses, both in the person smiling and in those around them.

The Health Connection

- Crooked or misaligned teeth can lead to gum disease and jaw issues.

- Discolored teeth may signal lifestyle or dietary concerns.

- Missing teeth can impact chewing, digestion, and even speech.

Modern Dental Aesthetics at Dentethix

Dentethix Smile Studio offers a full spectrum of cosmetic and restorative treatments:

- Teeth Whitening – safe, professional, and long-lasting results.

- Smile Design – personalized digital simulations before treatment.

- Invisible Aligners – discreet solutions for misaligned teeth.

- Veneers & Crowns – natural-looking restorations for damaged teeth.

Beyond Vanity

Aesthetic dentistry isn’t just about beauty—it restores function, boosts mental well-being, and allows people to live with greater confidence.

Conclusion

At Dentethix, the philosophy is simple: a confident smile is a healthy smile. By blending art and science, the clinic helps patients unlock their best selves.

Dental Tourism in India – Why Bangalore Is Emerging as a Global Destination

India is quickly becoming a hub for medical and dental tourism, attracting patients from across the globe who seek high-quality treatment at affordable prices. Among Indian cities, Bangalore stands out—and at the heart of this trend is Dentethix Smile Studio.

Why Dental Tourism Is Growing

- Cost Advantage: Treatments in India can be 60–70% cheaper than in the US or Europe.

- Advanced Technology: Clinics in Bangalore use globally recognized equipment and techniques.

- Expertise: Indian dentists are highly trained, often with international exposure.

Why Bangalore?

- Connectivity: Easy international flight access.

- Healthcare Infrastructure: State-of-the-art hospitals and clinics.

- Lifestyle Appeal: A cosmopolitan city with rich culture and hospitality.

Dentethix’s Role in Dental Tourism

- Comprehensive Care Packages: From consultation to treatment to follow-up.

- Patient Comfort: English-speaking staff, personalized treatment plans, and transparent pricing.

- Holistic Approach: Guidance for stay, recovery, and even sightseeing while in Bangalore.

Conclusion

For international patients, Bangalore offers the perfect blend of world-class dental care and cultural richness. Dentethix Smile Studio is playing a leading role in this ecosystem, making smiles brighter for patients from around the world.

Top 5 Modern Dental Treatments You Should Know About in 2025

Dentistry is evolving faster than ever, thanks to new technologies and patient-focused innovations. For anyone considering treatment, knowing what’s available today is crucial. Here are five modern treatments offered at Dentethix Smile Studio that every patient should know about.

1. Digital Smile Design

Advanced software allows patients to preview their new smile before the treatment even begins.

2. Invisible Aligners

Clear, removable, and comfortable—aligners have revolutionized orthodontics.

3. Laser Dentistry

From gum reshaping to cavity treatment, lasers make procedures quicker and less painful.

4. Implantology

Dental implants are now the gold standard for replacing missing teeth, offering natural function and aesthetics.

5. Preventive Care with AI Scans

AI-driven tools help detect cavities, gum disease, and other issues early—before they become serious.

Conclusion

Dentethix combines global best practices with cutting-edge tools, ensuring patients in Bangalore have access to the most advanced care in 2025.

Preventive Dentistry – How Regular Checkups Save Time, Money, and Your Smile

Most people visit the dentist only when something goes wrong. But the truth is, preventive dentistry is the foundation of lifelong oral health. At Dentethix Smile Studio, prevention is not just encouraged—it’s prioritized.

Why Prevention Matters

- Small cavities caught early can be treated with a simple filling instead of a costly root canal.

- Gum issues identified in early stages can prevent tooth loss later.

- Routine checkups save both time and money in the long run.

Key Preventive Services at Dentethix

- Regular Cleanings to prevent plaque buildup.

- Digital X-Rays for early detection.

- Sealants & Fluoride Treatments to protect against cavities.

- Personalized Oral Hygiene Guidance tailored to each patient.

The Bigger Picture

Preventive care isn’t only about teeth—it’s linked to overall health. Poor oral hygiene has been associated with heart disease, diabetes, and other systemic conditions.

Conclusion

By focusing on preventive dentistry, Dentethix Smile Studio helps patients maintain not just healthy smiles, but healthier lives overall.

*Three unknown facts about Ramayana*

Desk: Ramayana is not just about the story of the war between Ram and Ravana. This story contains various pictures of the life of the people of that era. Naturally, many anecdotes have been created - most of which are unknown to us. Three such facts are -

1) Bali of the Ramayana is the hunter named Jara of the Mahabharata who was responsible for the killing of Krishna during the Dwapara Yuga.

2) According to many Ramayanas other than Valmiki, Surpanakha was married and instigated Ravana to abduct Sita in revenge for Rama killing her husband, the 'evil-minded demon'.

3) In the last war between Rama and Ravana, Bali's son Angad played a huge role in Rama's victory. Ravana was performing a yagna before going to war. Angad and some of the monkey army arrived there to spoil the yagna, but Ravana's attention could not be diverted by anything. Finally, Angad started pulling on Queen Mandodari's braid. Even then, Ravana remained steadfast. But Mandodari taunted Ravana and said that Rama was doing so much for his wife and Ravana was unable to protect his wife from this monkey clan. After hearing this, Ravana broke the yagna and chased away Angad and his army, and needless to say, he was defeated in the war.

Courtesy by: www.machinnamasta.in

BDSM Toys Now Melded into a New Form of Fetish Fashion

“BDSM kink now still remains in the dungeons of taboos and social stereotypes in India; whereas it booms up across the Western culture and their so-called fashion industries.”

Fashion is all about the exposure of your feelings and insightful thoughts in a subtle but prevalent way. As a famous Grunge rockstar ,“Kurt Cobain” said, “Fashion’s Style, Fashion’s shit”, Fashion could be influential and appreciable for many and bitter for some at the same moment. However, ‘Fetish fashion’ is a nascent form of modern fashion culture, on the contrary, bolstering the boldness and sexual liberty of the subculture. There are many traces of BDSM toys, tools, and kits to be found in attire and accessories in the world of ‘Fetishcore’ or fetish fashion.

Detailed Comparison Between Fetishcore Fashion & BDSM Gear

Now, it’s time to dig out mysterious similarities between Fetishcore fashion and bondage sex toys. Though there are many instances to show up, and also a lot of facts to unfold in this matter. Some top celebrities, such as Kim Kardashian, Dua Lipa, Billie Eilish, Madonna, and many other TV actresses and pop stars, made a new sensation among the netizens, especially the Gen-Zers, about fetish fashion. Perhaps, Vivienne Westwood emerged with her brand new sex boutique for the first time in the mainstream of ‘Fetishstore’. Followed by Madonna, Kim Kardashian whipped the audience into a frenzy and fuelled the fetish movement forward. Famous American singer Dua Lipa performed in glossy yellow BDSM harnesses to her music video ‘Don’t Start Now’ and received great applause from a large number of people worldwide.

Notwithstanding taboos and criticism, some dashing and bold Indian actresses followed in their footsteps in the new era of fetish fashion. Nora Fatehi, one of India's most successful and magnificent models and TV actresses, posted her picture in a latex Black Catsuit on Instagram and got over 400k likes there from her fans. Next comes Urfi Javed, a famous model, & social media influencer, who continued this vogue with her new look in a bold strap bikini with BDSM handcuffs and picked a storm on social media.

Now let’s cut to the chase of how BDSM toys turn into a new form of fetish culture. There are multiple fetish clothing, and other grooming accessories in the mould of bondage fashion that cannot be overlooked: harnesses, chokers, rubber boots, latex bodysuits, and many more. Harness is one of the most provocative garments in Fetishscore that derives from BDSM culture. In this practice, especially submissive partners wear this garment along with handcuffs and other kits (mouth gags, blindfolds, anklets, etc.) as if the submissive partner is bound to serve his/her dom master/mistress. On the other hand, a latex bodysuit is an instance of femdom sexual practice; a woman in a femdom role is good to go with this clothing, whipper-in hand, holding a chastity lock with fingers that provide quite a dominating appearance in bed, and so are catsuits in pet play. As well as there are many FetishScore accessories tailored to the bondage fetish. Picking up an O-ring choker in hand and observing the fact where it came from, one may guess right and find similarities with collar kit bondage sex toys.

What is the Significance of Fetishcore Fashion? Ain’t It Promoting Bondage Toys?

Every fashion has at least a short message to convey; Fetishcore is not an exception. Similarly, everyone has such fetishes to indulge in. In short, Fetishcore fashion is a consequence where fetish and fashion meet at the same place. The basic importance of this fashion is the liberty of freeing one’s fetish in a sophisticated and artistic way. In other words, this is a medium to reveal your bedroom thoughts to the world.

During the COVID-19 lockdown, people used to spend more time on the internet whether sharing memes, playing games or online shopping. Being at home was a good head start to explore different fantasies and Fetishscore is tailored to such desires and fantasies. So, this is no longer promoting bondage toys, but rather it, itself, comes into view with the increasing demands of people and obviously being inspired by the bondage subculture.

The Restriction Boundary of Fetishscore in India

In India, bondage culture is itself a taboo, what else better to expect about Fetishscore? The government has yet to liberalise sex toys completely because of the lack of sex education in our society. But the achievement is not so far enough. Many models and fashion designers are striving a lot to adopt this Western culture; Urfi Yaved is one of those brightest stars, although sometimes she becomes the victim of public backlash on social media.

However, there’s a great demand for erotic sex toys in India; most people prefer to indulge their fantasies secretly and let the matter end there, inside the bedroom. Teentoy is also a hidden gem, bolstering the rise of bondage Fetishcore fashion. Hope something could happen to turn the tables.

पहलगाम अटैक के आतंकियों की पहली तस्वीर आई सामने, हमले में शामिल तीन संदिग्धों के स्केच जारी

#pahalgam_terror_attack_terrorist_picture_out

कश्मीर के पहलगाम हमले जांच एजेंसियों से जांच शुरू कर दी है। सुरक्षा एजेंसियां दहशतगर्दों की तलाश में जुटी है। हेलीकॉप्टर, ड्रोन से आतंकियों की तलाश की जा रही है। इस बीच पर्यटकों पर हमला करने वाले आतंकियों की पहली तस्वीर सामने आई है। इस तस्वीर में चार आंतकी एक दूसरे के कंधों पर हाथ रख खड़े हैं। इससे पहले इस हमले की जांच कर रही एनआईए ने तीन आतंकियों के स्केच तैयार किए थे। राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने आतंकियों के ये स्केच चश्मदीदों से बातचीत के बाद बनाए।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) हमले की जांच कर रही है। इसकी एक टीम श्रीनगर पहुंची है। शुरुआती जांच में यह बात सामने आई है कि इन आतंकवादियों की कोशिश कई विदेशी पर्यटकों की भी हत्या करनी थी। दावा किया जा रहा है कि आतंकवादी मुजफ्फराबाद और कराची से लगातार संपर्क में थे। जानकारी मिली है कि पहलगाम हमले में दो पाकिस्तानी दहशतगर्द भी शामिल थे। उनके साथ में दो स्थानीय आतंकी भी थे। अब तक चार आतंकियों के बारे में जानकारियां सामने आई हैं। सुरक्षा एजेंसियों ने हमला करने वाले तीन आतंकियों के स्केच भी जारी किए हैं।

हमले में शामिल दो स्थानीय आतंकियों की पहचान कर ली गई है। स्थानीय आतंकियों के नाम आदिल अहमद ठाकुर और आशिफ शेख बताए जा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, आदिल ठाकुर लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा हुआ बताया जा रहा है। आदिल गुरी, बिजबेहड़ा का रहने वाला बताया जा रहा है। आशिफ शेख का जैश-ए-मोहम्मद से कनेक्शन बताया जा रहा है। आशिफ मोंघामा, मीर मोहल्ला (त्राल) का रहने वाला बताया जा रहा है। जानकारी यह भी मिली है कि हमले के कुछ आतंकियों ने बॉडी कैमरा लगाया था। हमले की पूरी घटना को आतंकियों ने रिकॉर्ड किया था।

आतंकी हमले के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर का दौरा किया। श्रीनगर के बाद अमित शाह पहलगाम भी गए और घटनास्थल का दौरा भी किया। मृतकों को श्रद्धांजलि देने के बाद गृह मंत्री शाह ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, भारी मन से पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। भारत आतंक के आगे नहीं झुकेगा। इस कायराना आतंकी हमले के दोषियों को बख्शा भी नहीं जाएगा।

बता दें कि पहलगाम आतंकी हमेंल में 28 लोगों की मौत हो गई है। इनमें 26 पर्यटक शामिल हैं। आतंकी हमले से पूरे देश में गुस्से का माहौल है। लोगों का ये गुस्सा सड़क पर दिखाई दे रहा है। देश के अलग-अलग शहरों में लोग सड़कों पर आकर पाकिस्तान के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं। पूरी दुनिया इस वक्त भारत के साथ खड़ी नजर आ रही है। ट्रंप से लेकर पुतिन तक हर कोई इस दुख की घड़ी में भारत का समर्थन कर रहा है।

बेड़ियों में जकड़ा नजर आया आतंकी तहव्वुर राणा, पहली फोटो आई सामने

#mumbai_attacks_mastermind_tahawwur_rana_custody_pictures

अमेरिका से तहव्वुर राणा का भारत प्रत्यपर्ण हो चुका है। मुंबई हमले 26/11 के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा इस वक्त भारत में है। एनआईए कोर्ट ने उसे 18 दिनों की कस्टडी में भेज दिया है। इस दौरान एनआईए मुंबई हमले से जुड़े तमाम पहलुओं पर पूछताछ करेगी। अब तहव्वुर राणा की बेड़ियों में जकड़ी हुई तस्वीरें सामने आई हैं।

तहव्वुर राणा की ये तस्वीर उस वक्त की है, जब अमेरिकी अधिकारी उसे एनआईए के हवाले कर रहे हैं। प्रत्यर्पण की तस्वीर में राणा के पैरों में बेड़ियां, कमर में जंजीर बंधी हुई दिखाई दे रही है। इसके साथ ही अमेरिकी मार्शल प्रत्यर्पण की प्रक्रिया को पूरा करते हुए नजर आ रहे हैं, वहीं एनआईए के अधिकारी भी वहां मौजूद हैं।

अमेरिका के न्याय विभाग ने यह तस्वीर जारी की है। अमेरिकी न्याय विभाग ने जेल द्वारा जारी की गई तस्वीर में राणा ब्राउन कलर की वर्दी पहने और अमेरिकी मार्शलों के साथ खड़ा है। फोटो में राणा की शक्ल तो नहीं दिख रही, लेकिन उसे ले जाता हुआ जरूर देखा जा सकता है। उसके शरीर को जंजीर से बांध रखा है, यानी कि काफी सुरक्षा के बीच उसे भारत को सौंपा गया है।

अमेरिकी न्याय विभाग कैलिपोर्निया के सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट में अमेरिकी मार्शलों ने मंगलवार को पाकिस्तानी नागरिक और कनाडाई नागरिक तहव्वुर राणा की हिरासत भारत के विदेश मंत्रालय के प्रतिनिधियों को सौंप दी। तहव्वुर राणा अब 18 दिनों के लिए एनआईए की हिरासत में है। तहव्वुर राणा को एनआईए के मुख्यालय में ग्राउंड फ्लोर पर ही एक लॉकअप में रखा गया है। लॉकअप के ठीक बगल में एक इंटोरेगेशन रूम बना है. इसी में उससे आज पूछताछ होगी। ताकि 2008 के हमलों के पीछे की पूरी साजिश का पता लगाया जा सके। इन हमलों में कुल 166 लोग मारे गए थे और 238 से अधिक घायल हुए थे।

गाजा युद्ध विराम और अमेरिकी दूत मार्को रुबियो की पहल

#us_officials_lands_in_gaza_for_ceasfire_conversation

Picture used in reference

2023 के अक्टूबर में इजरायल पर हमास के हमले ने गाजा में स्थिति को गंभीर बना दिया। इस संघर्ष में बड़ी संख्या में नागरिकों की मौत हुई, और दोनों पक्षों के बीच हिंसा का दौर बढ़ा। युद्धविराम के प्रयास जारी रहे, और अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने इस स्थिति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। रुबियो ने हाल ही में इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से गाजा युद्ध विराम पर बातचीत की, जो अमेरिकी-इजरायल संबंधों के संदर्भ में महत्वपूर्ण था।

अमेरिकी विदेश मंत्री की यात्रा: मार्को रुबियो का यह दौरा उनके पहले मध्य पूर्व दौरे के रूप में था। यह यात्रा विशेष रूप से गाजा युद्ध विराम और अमेरिका की भूमिका के संदर्भ में अहम थी। इस दौरान, रुबियो ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की योजना को आगे बढ़ाने का प्रयास किया, जिसमें गाजा पर इजरायल का नियंत्रण और वहां के दो मिलियन से अधिक निवासियों को स्थानांतरित करने का प्रस्ताव था। हालांकि, यह योजना अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा आलोचना का शिकार हुई है।

ट्रम्प का प्रस्ताव: ट्रम्प ने गाजा पर इजरायल का नियंत्रण और फिलिस्तीनियों को विस्थापित करने का प्रस्ताव रखा। उन्होंने गाजा को "मध्य पूर्व का रिवेरा" बनाने की बात की, जिससे वहाँ के आर्थिक पुनर्विकास की संभावना जताई गई थी। नेतन्याहू ने इस विचार का स्वागत किया, लेकिन कई देशों ने इसे अस्वीकार कर दिया। वे मानते हैं कि यह समाधान अस्थिरता को बढ़ाएगा और फिलिस्तीनी समुदाय के लिए अस्वीकार्य होगा।

गाजा में युद्धविराम और बंधक विनिमय: गाजा में युद्धविराम के लिए कतर और मिस्र की मध्यस्थता में एक समझौता हुआ, जिसके तहत 369 फिलिस्तीनी कैदियों के बदले में 3 इजरायली बंधकों को रिहा किया गया। यह छठी अदला-बदली थी, जो एक नाजुक युद्ध विराम के तहत की गई थी। हालांकि, युद्धविराम के बावजूद कई लोग चिंतित हैं कि लड़ाई फिर से शुरू हो सकती है। दक्षिणी गाजा के खान यूनिस में एक सेवानिवृत्त शिक्षक नासिर अल-अस्तल ने कहा, "हमें उम्मीद है कि शांति बनी रहेगी, लेकिन यह कभी भी टूट सकती है।"

अमेरिका का रुख: अमेरिका ने स्पष्ट किया है कि फिलहाल ट्रम्प की योजना ही "एकमात्र योजना" है, और वह फिलिस्तीनी राज्य के लिए किसी भी अन्य प्रस्ताव को स्वीकार नहीं करेगा। जनवरी 2024 में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने गाजा के युद्ध के बाद के रोडमैप का प्रस्ताव किया, जिसमें इजरायल से फिलिस्तीनी राज्य के लिए रास्ता स्वीकार करने की बात की गई थी। नेतन्याहू की सरकार ने इस प्रस्ताव को खारिज किया, क्योंकि वह फिलिस्तीनी राज्य की स्थापना के खिलाफ है। मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फत्ताह अल-सिसी ने फिलिस्तीनी राज्य की स्थापना को स्थायी शांति के लिए जरूरी बताया है, और सऊदी अरब जैसे देशों ने इसका समर्थन किया है।

वर्तमान स्थिति और भविष्य की चुनौतियां: गाजा में युद्धविराम के पहले चरण के तहत, 19 जनवरी 2024 से युद्धविराम लागू किया गया था, लेकिन यह पिछले सप्ताह लगभग टूट गया था। इजरायल ने हमास को चेतावनी दी थी कि अगर वे 3 जीवित बंधकों को रिहा नहीं करते, तो नई लड़ाई शुरू हो सकती है। इसके बाद, 3 इजरायली बंधक रिहा हुए, जिनमें इजरायली-अमेरिकी सागुई डेकेल-चेन, इजरायली-रूसी साशा ट्रुपानोव और इजरायली-अर्जेंटीना यायर हॉर्न शामिल थे। इन बंधकों की रिहाई के साथ, इजरायल ने 369 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा किया, जिनमें अधिकतर गाजा के नागरिक थे। हालांकि, युद्धविराम के बावजूद स्थिति स्थिर नहीं हुई और स्थानीय लोग चिंता व्यक्त कर रहे हैं कि यह संघर्ष फिर से भड़क सकता है।

ट्रम्प की योजना पर विवाद: ट्रम्प की योजना, जिसमें गाजा के निवासियों को स्थानांतरित करने का प्रस्ताव था, को फिलिस्तीनी और क्षेत्रीय देशों ने नकारा। मिस्र और जॉर्डन को चेतावनी दी गई थी कि अगर वे गाजा से विस्थापित फिलिस्तीनियों को स्वीकार नहीं करते, तो उन्हें इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। फिलिस्तीनी अधिकारियों ने इस योजना को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। अमेरिकी राजनयिक रुबियो ने कहा है कि हमास का भविष्य में कोई भी भूमिका नहीं होनी चाहिए और अरब देशों को इस प्रस्ताव पर विचार करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।

गाजा में मानवाधिकारों की स्थिति: गाजा में युद्ध विराम के बावजूद, मानवाधिकारों का उल्लंघन जारी है। इजरायल द्वारा गाजा पर किए गए हवाई हमलों में हजारों नागरिकों की जानें गई हैं, जबकि हमास के हमले में भी इजरायल के नागरिक मारे गए हैं। इजरायली अधिकारियों के अनुसार, हमास द्वारा संचालित क्षेत्र में अब तक 48,264 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें अधिकांश नागरिक थे। वहीं, 7 अक्टूबर 2023 के हमले में इजरायल में 1,211 लोग मारे गए थे, जिनमें से अधिकांश नागरिक थे।

भविष्य की दिशा: गाजा में युद्धविराम और बंधक-विनिमय की स्थिति को स्थिर करने के लिए बातचीत जारी है। कुछ रिपोर्टों के अनुसार, युद्धविराम के दूसरे चरण पर बातचीत इस सप्ताह दोहा में शुरू हो सकती है। हालांकि, हमास और इजरायल के बीच तनाव अभी भी बरकरार है और भविष्य में संघर्ष फिर से शुरू हो सकता है। अमेरिकी, मिस्र, और अन्य क्षेत्रीय देशों के प्रयासों के बावजूद, गाजा के संकट का समाधान आसान नहीं होगा। फिलिस्तीनी राज्य की स्थापना और गाजा के पुनर्विकास के लिए भविष्य में और भी कड़े निर्णयों की आवश्यकता होगी।

गाजा में युद्धविराम और बंधक विनिमय के प्रयास एक सकारात्मक कदम हैं, लेकिन स्थिति अभी भी नाजुक बनी हुई है। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो की पहल और ट्रम्प की योजना इस संकट के समाधान के लिए महत्वपूर्ण हो सकती है, लेकिन उनका कार्यान्वयन फिलिस्तीनी और क्षेत्रीय देशों के विरोध का सामना कर रहा है। युद्धविराम के बाद भी, गाजा में स्थिरता लाने के लिए लंबे समय तक और कठिन बातचीत की आवश्यकता होगी। फिलिस्तीनी राज्य की स्थापना और गाजा के पुनर्विकास की दिशा में गंभीर और दूरगामी कदम उठाने की आवश्यकता है।

अवैध भारतीय प्रवासी: एक गहरी समस्या और अमेरिका में उनकी स्थिति

#whoaretheseillegalmigrantsofamerica

Picture used in reference (CNN)

अमेरिका, जो विश्व में अपने सशक्त अर्थव्यवस्था और बेहतरीन अवसरों के लिए प्रसिद्ध है, लाखों लोगों का सपना है। हर साल, हजारों भारतीय नागरिक अमेरिका में नौकरी, शिक्षा, और बेहतर जीवन के लिए जाते हैं। हालांकि, कुछ लोग कानूनी तरीके से अमेरिका में प्रवेश करने में नाकाम रहते हैं, जिसके परिणामस्वरूप वे अवैध प्रवासी बन जाते हैं। भारत के नागरिकों के लिए यह मुद्दा दिन-ब-दिन गंभीर होता जा रहा है। हाल ही में, अमेरिका द्वारा 205 अवैध भारतीय प्रवासियों को स्वदेश भेजने के कदम ने इस समस्या को और भी उजागर किया है।

अवैध प्रवासी कौन होते हैं?

अवैध प्रवासी वे लोग होते हैं जो किसी भी देश में बिना कानूनी दस्तावेजों या अनुमति के रहते हैं। ये लोग या तो वीज़ा की अवधि समाप्त होने के बाद भी वहां बने रहते हैं, या फिर बिना वीज़ा के ही देश में प्रवेश कर लेते हैं। अमेरिका में भारतीय अवैध प्रवासी के रूप में रहने वाले लोग, अधिकतर या तो रोजगार के लिए अमेरिका गए थे, या फिर परिवारों के साथ रहते हुए वीज़ा की अवधि समाप्त कर चुके हैं।

अवैध भारतीय प्रवासियों का अमेरिका में प्रवेश

1. वीज़ा समाप्त होने के बाद अतिक्रमण

  अमेरिका में जाने वाले भारतीय नागरिकों की बड़ी संख्या पर्यटक वीज़ा, छात्र वीज़ा या कार्य वीज़ा पर जाते हैं। हालांकि, इनमें से कई लोग वीज़ा की अवधि समाप्त होने के बाद भी अमेरिका में रहते हैं और उनके पास वैध दस्तावेज नहीं होते।  

2. फर्जी दस्तावेजों का उपयोग

  कुछ लोग फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से अमेरिका प्रवेश करते हैं। ये दस्तावेज़ वीज़ा, शरण या अन्य कानूनी कारणों के रूप में हो सकते हैं। जब यह धोखाधड़ी सामने आती है, तो इन्हें अवैध प्रवासी के रूप में माना जाता है।  

3. शरणार्थी के रूप में प्रवेश 

  कुछ भारतीय नागरिक राजनीतिक या धार्मिक कारणों से शरणार्थी के रूप में अमेरिका आते हैं। हालांकि, कई बार इनकी स्थिति की सही जांच नहीं होती और वे अवैध रूप से अमेरिका में रह जाते हैं।  

अवैध प्रवासियों के लिए अमेरिका में जीवन

अवैध रूप से अमेरिका में रहने वाले भारतीय नागरिकों को बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इन समस्याओं में प्रमुख हैं:

1.कानूनी सुरक्षा की कमी  

  अवैध प्रवासियों के पास कोई कानूनी सुरक्षा नहीं होती। यदि अमेरिकी सरकार द्वारा उनके खिलाफ कार्रवाई की जाती है, तो वे बिना किसी बचाव के देश से बाहर भेजे जा सकते हैं।  

2. आर्थिक कठिनाइयाँ

  अवैध प्रवासी रोजगार प्राप्त करने में कठिनाई का सामना करते हैं, क्योंकि उन्हें काम करने के लिए कानूनी दस्तावेज़ों की आवश्यकता होती है। हालांकि, वे अक्सर अंशकालिक या असंगठित क्षेत्रों में काम करते हैं, जहाँ मजदूरी कम और अधिकार न के बराबर होते हैं।  

3. स्वास्थ्य सेवाओं की कमी 

  अवैध प्रवासी स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ नहीं उठा सकते। वे बिना बीमा या अन्य सरकारी सेवाओं के मेडिकल सेवाओं के लिए संघर्ष करते हैं।  

4. शैक्षिक अवसरों की कमी

  अवैध प्रवासियों के बच्चों को शिक्षा प्राप्त करने में समस्याएँ होती हैं। अधिकांश राज्य अवैध प्रवासियों के बच्चों को सार्वजनिक स्कूलों में दाखिला देने से मना कर सकते हैं।  

अमेरिका का रुख और कार्रवाई

अमेरिका में अवैध प्रवासियों के खिलाफ कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। अमेरिकी प्रशासन ने कई बार इस मुद्दे पर अपनी चिंता व्यक्त की है और अवैध प्रवासियों की पहचान कर उन्हें स्वदेश भेजने की प्रक्रिया को तेज किया है।

1. "डीपी" (Deferred Action for Childhood Arrivals - DACA) नीति

  यह नीति विशेष रूप से उन बच्चों के लिए है जो अवैध रूप से अमेरिका में आकर बड़े हुए हैं। इसे "ड्रीमर्स" कहा जाता है। हालांकि, यह नीति सख्त नहीं है और बार-बार इसकी स्थिति पर सवाल उठते रहे हैं।  

2. आव्रजन और कस्टम्स प्रवर्तन (ICE)

  ICE अमेरिकी सरकार का एक प्रमुख विभाग है, जो अवैध प्रवासियों को ट्रैक करता है और उन्हें देश से बाहर करने के लिए कार्रवाई करता है। 

3. स्वदेश वापसी की योजनाएं

  अमेरिकी सरकार कई कार्यक्रमों के तहत अवैध प्रवासियों को स्वदेश भेजने की योजना बनाती है। हाल ही में, 205 अवैध भारतीय प्रवासियों को सी-17 विमान से स्वदेश भेजने की योजना के तहत यह कार्रवाई की गई।

भारत में अवैध प्रवासियों की स्थिति

भारत में अवैध प्रवासियों की वापसी के बाद, उन्हें स्थानीय समुदाय में समायोजित करने की प्रक्रिया भी चुनौतीपूर्ण होती है। भारत सरकार के पास इस मुद्दे पर कोई स्पष्ट नीति नहीं है, जिससे इन व्यक्तियों को पुनः स्थापित करने में समस्याएँ आती हैं। 

1. स्वदेश लौटने पर चुनौतियाँ

  कई बार अवैध प्रवासियों के लिए स्वदेश लौटना कोई आसान रास्ता नहीं होता। उनके पास सीमित संसाधन होते हैं, और वे वापस अपने देश में पुनः समायोजित होने के लिए संघर्ष करते हैं।  

2.आर्थिक और मानसिक स्वास्थ्य की चुनौतियाँ

  अवैध प्रवासी अक्सर आर्थिक दृष्टिकोण से कमजोर होते हैं। उन्हें मानसिक स्वास्थ्य की समस्याएँ भी हो सकती हैं, क्योंकि उन्हें लंबे समय तक दबाव और डर का सामना करना पड़ता है।  

अवैध प्रवासियों के लिए समाधान

अवैध प्रवासियों की समस्या केवल एक देश की नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर एक मुद्दा बन चुकी है। इसके समाधान के लिए कई उपाय किए जा सकते हैं:

1. कानूनी मार्गों का विस्तार  

  देशों को अपने आव्रजन नियमों को सुधारने की आवश्यकता है। यदि उचित और वैध मार्ग उपलब्ध हों, तो लोग अवैध तरीके से प्रवेश करने की कोशिश नहीं करेंगे।  

2. कानूनी सहायता  

  अवैध प्रवासियों को कानूनी सहायता मिलनी चाहिए, ताकि वे अपनी स्थिति को समझ सकें और उचित कदम उठा सकें।  

3. शरणार्थी नीति का सुधार

  देशों को शरणार्थियों के मामलों की अधिक गहराई से जांच करनी चाहिए और उन लोगों को मान्यता देनी चाहिए जो सचमुच शरण के योग्य हैं।  

अवैध प्रवासियों की समस्या केवल भारत या अमेरिका तक सीमित नहीं है। यह एक वैश्विक समस्या है, जिसके समाधान के लिए देशों को सामूहिक रूप से कदम उठाने की आवश्यकता है। भारत के नागरिकों की अमेरिका में अवैध स्थिति एक जटिल मुद्दा है, लेकिन इसे कानूनी ढंग से सुलझाया जा सकता है। इसके लिए दोनों देशों को मिलकर प्रयास करने होंगे ताकि इस समस्या का समाधान निकाला जा सके और भविष्य में इस तरह की स्थितियों से बचा जा सके।

भारतीय स्नातकों का विदेशों में नौकरी करने का बढ़ता रुझान: भारत की बढ़ती चिंताएं

#indiangraduatesinclinedtowardsgettingjobsabroad

Picture to reference

हाल के वर्षों में, भारत के एक बढ़ते हुए स्नातक वर्ग ने नौकरी के अवसरों की तलाश में देश छोड़ दिया है। यह प्रवृत्ति विभिन्न कारणों के कारण उत्पन्न हो रही है, और इन कारणों को समझना आवश्यक है ताकि यह स्पष्ट किया जा सके कि युवा पेशेवरों के लिए यह निर्णय क्यों लिया जा रहा है। जैसे-जैसे भारत आर्थिक रूप से प्रगति कर रहा है, इस प्रवृत्ति से यह स्पष्ट होता है कि भारतीय नौकरी बाजार, शैक्षिक प्रणाली, और यहां तक कि सामाजिक-राजनीतिक वातावरण में कुछ गहरे और महत्वपूर्ण मुद्दे हैं। BITS Pilani में डॉ एस सोमनाथ (चेयरमैन,इसरो ) ने ग्रेजुएट हो रहे विद्यार्थियों को उनके दीक्षांत सम्हारोह में सम्बोधित करते हुए कहा की देश को युवा की ज़रूरत है और वे चाहेंगे कि देश का कौशल देश की प्रग्रति के लिए काम आए , विदेश में जाना और वह अपने योगदान देने से भारत उन नई उचाईयों से वंचित रह जाएगा। बच्चों के बाहर जाकर नौकरी करने के प्रमुख कारणों का विश्लेषण किया गया है। 

1.बेहतर नौकरी के अवसर और उच्च वेतन

एक प्रमुख कारण है कि स्नातक विदेशों में नौकरी करने के लिए क्यों जाते हैं, वह है बेहतर वेतन और नौकरी के अवसर। भारत में कई क्षेत्रों में वेतन अपेक्षाकृत कम है, खासकर उन पेशेवरों के लिए जिनकी शिक्षा और कौशल स्तर उच्च हैं। जैसे-जैसे भारत में वेतन संरचना उतनी प्रतिस्पर्धी नहीं है, विदेशों में विशेष रूप से उत्तरी अमेरिका, यूरोप और मध्य-पूर्व के देशों में उच्च वेतन और बेहतर नौकरी के अवसर मिलते हैं। तकनीकी, वित्त, स्वास्थ्य देखभाल, और इंजीनियरिंग जैसे क्षेत्रों में, विदेशों में मिलने वाले वेतन पैकेज भारतीय नौकरी बाजार से कहीं अधिक आकर्षक होते हैं। यह वेतन अंतर स्नातकों को आर्थिक सुरक्षा और जीवन स्तर में सुधार के लिए प्रेरित करता है।

2. सीमित करियर विकास और अवसर

भारत में नौकरी के अवसरों में कमी और करियर में सीमित वृद्धि भी एक प्रमुख कारण है। विशेष रूप से उच्च शिक्षा प्राप्त व्यक्तियों के लिए भारत में कई बार करियर का विकास धीमा होता है, वरिष्ठ पदों के लिए अवसर कम होते हैं और विशिष्ट प्रशिक्षण या कौशल विकास की कमी होती है। इसके विपरीत, अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और जर्मनी जैसे देशों में करियर में तेज़ी से वृद्धि, वैश्विक नेटवर्किंग के अवसर और निरंतर सीखने की संभावना होती है, जिससे ये देश स्नातकों के लिए अत्यधिक आकर्षक बनते हैं।

3.जीवन की गुणवत्ता

वह बेहतर जीवन स्तर जो विदेशों में मिलता है, यह एक और बड़ा कारण है कि स्नातक भारत से बाहर जा रहे हैं। इसमें कार्य-जीवन संतुलन, उन्नत स्वास्थ्य देखभाल, बेहतर सार्वजनिक बुनियादी ढांचा, स्वच्छ वातावरण और पारदर्शी शासन जैसी सुविधाएं शामिल हैं। उदाहरण के तौर पर, यूरोप के देशों में कार्य-जीवन संतुलन को प्राथमिकता दी जाती है, वहीं भारत में कई युवा पेशेवर लंबे कार्य घंटों, उच्च प्रतिस्पर्धा और तनावपूर्ण कार्य वातावरण से परेशान रहते हैं। इस कारण से वे अधिक आरामदायक जीवन जीने के लिए विदेशों में नौकरी करने का विकल्प चुनते हैं।

4. भारत में बेरोजगारी और अपर्याप्त रोजगार

भारत में नौकरी के अवसर बहुत अधिक प्रतिस्पर्धी हैं और अत्यधिक शैक्षिक योग्यता होने के बावजूद, लाखों युवा बेरोजगार या अपर्याप्त रोजगार में फंसे हुए हैं। CMIE (सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी) के एक अध्ययन के अनुसार, भारत में बेरोजगारी दर 2023 में 8-9 प्रतिशत के आसपास रही है, जबकि कई स्नातक ऐसे कामों में लगे हुए हैं जो उनकी शैक्षिक योग्यता से मेल नहीं खाते। उच्च गुणवत्ता वाली नौकरियों की मांग आपूर्ति से कहीं अधिक है, जिससे युवा पेशेवरों को बेहतर अवसरों की तलाश में विदेशों में जाने के लिए मजबूर होना पड़ता है।

5. उभरते हुए तकनीकी और स्टार्ट-अप क्षेत्र

वैश्विक स्तर पर तकनीकी क्षेत्र का विस्तार और बहुराष्ट्रीय कंपनियों का प्रभाव तेजी से बढ़ रहा है। देश जैसे अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा और जर्मनी में इन क्षेत्रों में अत्यधिक आकर्षक रोजगार उपलब्ध हैं। विशेष रूप से STEM (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, गणित) क्षेत्रों में स्नातक विदेशों में उच्च मांग में हैं और अपनी क्षमताओं का पूरा लाभ उठाने के लिए इन देशों में जाने का विकल्प चुनते हैं। इसके अतिरिक्त, सिलिकॉन वैली जैसे तकनीकी केंद्र और लंदन जैसे स्टार्ट-अप हब नवाचार के लिए समर्थन प्रदान करते हैं और वहां कार्य करने का एक अनुकूल वातावरण मिलता है। ये विशेषताएं भारतीय स्नातकों को आकर्षित करती हैं, जो वैश्विक स्तर पर समाधान तैयार करने में रुचि रखते हैं।

 6. शैक्षिक प्रणाली और अनुसंधान अवसर

भारत के उच्च शिक्षा संस्थान अक्सर आवश्यक अनुसंधान अवसर, व्यावहारिक शिक्षा और अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप अनुभव प्रदान नहीं कर पाते हैं। इसके परिणामस्वरूप, कई भारतीय स्नातक विदेशों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए जाते हैं, जो बाद में उन देशों में नौकरी करने के अवसर प्राप्त करते हैं। अमेरिका, ब्रिटेन, और कनाडा जैसे देश उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा और व्यावासिक प्रशिक्षण प्रदान करते हैं और यह स्नातकों को स्थायी निवास प्राप्त करने का अवसर भी देते हैं।

7. उद्यमिता के अवसर

भारत में उद्यमिता के लिए कई बाधाएं हैं, जैसे सरकारी नौकरशाही, अत्यधिक प्रतिस्पर्धा, और सीमित निवेश के अवसर। इसके विपरीत, अमेरिका, ब्रिटेन और सिंगापुर जैसे देशों में उद्यमिता के लिए अधिक अनुकूल वातावरण है, जिसमें पूंजी तक आसान पहुंच, सरकारी समर्थन, और नवाचार के लिए प्रेरणा मिलती है। यही कारण है कि कई भारतीय स्नातक, जो उद्यमिता में रुचि रखते हैं, विदेशों में अपनी कंपनियों की शुरुआत करते हैं।

भारतीय स्नातकों का विदेशों में नौकरी करने जाने का बढ़ता हुआ रुझान कई आर्थिक, सामाजिक और पेशेवर कारणों से उत्पन्न हो रहा है। भारत में नौकरी के अवसरों की कमी, वेतन की असमानताएं, और करियर विकास की सीमाएं इन युवा पेशेवरों को विदेशों में बेहतर अवसरों की तलाश में भेज रही हैं। हालांकि, यह प्रवृत्ति "ब्रेन ड्रेन" के रूप में देखी जा सकती है, लेकिन यह भारत के लिए एक अवसर भी प्रदान करती है, क्योंकि वे जब वापस लौटते हैं तो वे विदेशी अनुभव और विशेषज्ञता लेकर आते हैं। भारत को इस प्रवृत्ति को रोकने और अपने पेशेवरों के लिए बेहतर अवसरों और कार्य वातावरण बनाने के लिए उपायों की आवश्यकता है, ताकि वे अपने कौशल का अधिकतम लाभ भारत में ही उठा सकें।