/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif StreetBuzz *छह बीईओ समेत 150 विद्यालय के शिक्षकों का रोका वेतन* *25 से 30 विद्यालयों ने आधार की नहीं कराई सीडिंग* News 20 Uttar Pradesh
*छह बीईओ समेत 150 विद्यालय के शिक्षकों का रोका वेतन* *25 से 30 विद्यालयों ने आधार की नहीं कराई सीडिंग*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। कड़ाके की ठंड के बाद भी बच्चों की डीबीटी को लेकर लापरवाही बरतने पर सख्ती शुरू हो गई है। बेसिक शिक्षा अधिकारी ने छह खंड शिक्षा अधिकारियों संग 150 विद्यालय के शिक्षकों का वेतन रोक दिया है। स्पष्टीकरण देने तक किसी का वेतन बहाल नहीं किया जाएगा। हर ब्लॉक में 25 से 30 विद्यालय ऐसे हैं जिनकी आधार सीडिंग लंबित है।जिले में कुल 885 प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक और कंपोजिट विद्यालय संचालित हैं। इसमें एक लाख 47 हजार बच्चे अध्ययनरत हैं। बच्चों के यूनिफार्म, बैग, जूता, मोजा और स्वेटर के लिए सरकार हर साल 1200 रुपये प्रति छात्र देती है। अप्रैल में नया शिक्षा सत्र होने के बाद ही आधार सीडिंग पूर्ण होने पर यह धनराशि चरणवार तरीके से भेजी जाती है।अब तक एक लाख 40 हजार से अधिक बच्चों को यह रकम मिल गई है, लेकिन शिक्षकों की उदासीनता के कारण बड़ी संख्या में विद्यार्थियों को यह पैसा नहीं मिल सका। इससे वह या तो पुराने स्वेटर पहनकर विद्यालय आते हैं या बिना स्वेटर को आने के लिए विवश होते हैं। स्कूल महानिदेशक की सख्त हिदायत के बाद विभागीय स्तर से भी कड़ाई शुरू कर दी गई।बीएसए ने मामले में उदासीन रहने पर खंड शिक्षा अधिकारी ज्ञानपुर, सुरियावां, भदोही, औराई, अभोली और डीघ का वेतन रोक दिया। विभागीय कार्रवाई के बाद खंड शिक्षा अधिकारियों ने भी लापरवाही बरतने वाले 150 विद्यालय के सभी शिक्षकों के वेतन पर रोक लगा दिया है। भदोही ब्लॉक में 27, सुरियावां में 30, औराई में 35, अभोली में 20, ज्ञानपुर में 28, डीघ में 32 विद्यालय ऐसे हैं जहां के बच्चों की शत प्रतिशत डीबीटी नहीं हो सकी है। वेतन रोकने के बाद सभी को अल्टीमेटम दिया गया है कि जब तक वह काम पूर्ण कर स्पष्टीकरण नहीं देंगे तब तक वेतन बहाल नहीं किया जाएगा।


डीबीटी की आधार सीडिंग न होने से बच्चों को यूनिफाॅर्म और स्वेटर का पैसा नहीं मिल सका है। इसको लेकर छह बीईओ और 150 से अधिक विद्यालय के शिक्षकों का वेतन रोका गया है। स्पष्टीकरण देने पर वेतन बहाल किया जाएगा। - भूपेंद्र नाराण सिंह, बीएसए
*25 नोटिस वापस,10 ने क्लीनिक नहीं चलाने का दिया जवाब* *178 क्लीनिक संचालकों को सीएमओ ने जारी किया था नोटिस*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही।जिले में झोलाछाप के खिलाफ नोटिस होते ही विभागीय खेल शुरू हो चुका है। विभाग में तैनात कर्मियों के इशारे पर नोटिस लौटने लगी है। विभाग की ओर से जारी 178 नोटिस में 25 नोटिस लौटी है। जिसमें बताया गया है कि इनका पता गलत हो गया है। वहीं 10 संचालकों ने क्लीनिक नहीं चलाने का हवाला देते हुए नोटिस का जवाब दिया है।जिले में झोलाछाप क्लीनिक संचालकों पर लगाम लगाने के लिए सीएमओ डॉ. एसके चक ने करीब एक माह पहले 178 झोलाछाप क्लीनिक संचालकों के खिलाफ नोटिस जारी कर एक सप्ताह में जवाब मांगा था। 20 दिन बीतने के बाद भी कई ने की ओर से जवाब नहीं आया है और वे विभागीय कार्रवाई से बचने की जुगत में लगे हुए हैं।सीएमओ कार्यालय के कर्मियों के इशारे पर वे तरह-तरह के जुगत लगाकर कार्रवाई से बचने की फिराक में है। जिससे सीएमओ इनपर नकेल कसने को लेकर की जा रही कार्रवाई अभी तक बेअसर रही है। 25 नोटिस वापस होने के पीछे यह कारण बताया जा रहा है कि इनका पता गलत अंकित हो गया था। सवाल यह उठता है कि विभाग की ओर से सभी क्लीनिकों का पता पहले से था तो उसमें पता गलत कैसे हो सकता है। बताया जा रहा है कि सीएमओ कार्यालय के कर्मी ही उन्हें ऐसी सलाह दे रहे हैं। ये सब क्लीनिक संचालक नोटिस रिसीव नहीं कर रहे हैं। इसके अलावा 10 ने जवाब दिया है कि हम क्लीनिक नहीं चलाएंगे, संचालित मिलने पर विभाग उचित कार्रवाई कर सकता है। बीते दिसंबर महीने में गोपीगंज क्षेत्र में एक क्लीनिक संचालक की लापरवाही से एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। जांच करने पहुंची स्वास्थ्य विभाग के टीम का हाथ खाली रह गया। वहीं 178 के खिलाफ नोटिस जारी की थी। सीएचसी अधीक्षक के पास रहता है क्लीनिक का‌ डाटा भले ही नीम हकीम का रिकॉर्ड सीएमओ कार्यालय में न हो, लेकिन सीएचसी अधीक्षक के खाका में सारे क्लीनिक, मेडिकल स्टोर संचालक डाटा रहता है। किसी भी क्षेत्र में बिना इनके इसारे पर एक भी क्लीनिक संचालित करने लोहे के चना फोरने जैसा है। 178 को नोटिस जारी किया गया था। गलत पता होने के कारण अभी तक 25 नीम हकीम की नोटिस वापस आई है। 10 का जवाब आया है कि हम क्लीनिक संचालन नहीं करेंगे। ऐसे में लोगों पर विभाग की पैनी नजर है। डॉ एसके चक सीएमओ भदोही
*दो साल पहले शिकायत, मशीनें नहीं ढूंढ पाया स्वास्थ्य विभाग* *मशीनें कहां ग‌ई 2023 से लेकर अब तक स्वास्थ्य विभाग पता नहीं लगा सका*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही।अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर लिंग परीक्षण के विवादों के बीच दो साल में तीन मशीनें गायब हो गई हैं। जिसको स्वास्थ्य महकमा ढूंढ नहीं पा रहा है।तत्कालीन एसीएमओ और नोडल अधिकारी डॉ. जेसी सरोज की जांच में पुष्टि होने के बाद भी संचालकों पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसको लेकर तमाम सवाल भी उठने लगे हैं।जिले में कुल 44 निजी एवं सरकारी अल्ट्रासाउंड सेंटर संचालित हैं। इसमें आठ सेंटरों के नवीनीकरण की प्रक्रिया चल रही है। इन सेंटरों पर मरीजों के स्वास्थ्य की जांच होती है, लेकिन कुछ सेंटरों पर नियम के विरुद्ध लिंग परीक्षण का भी मामला सामने आया।उच्चाधिकारियों के निर्देश पर जांच शुरू हुई तो भदोही डायग्नोस्टिक सेंटर इंदिरा मिल भदोही, साक्षी डायग्नोस्टिक सेंटर कोईरौना और जनता डायग्नोस्टिक सेंटर भदोही में कई कमियां मिली। तीनों मशीन संचालकों पर सख्ती की तैयारी शुरू की गई, लेकिन उसके पूर्व ही मशीनें गायब हो गई।इसकी जांच नोडल अधिकारी एवं एसीएमओ डॉ. जेसी सरोज की जांच में पुष्टि भी हो चुकी है। वह मशीनें कहां गई 2023 से लेकर अब तक स्वास्थ्य विभाग पता नहीं लगा सका, जबकि पीसीपीएनडीटी एक्ट में यह तय है कि अगर अल्ट्रासाउंड मशीन में खराबी भी होगी तो सुधार के लिए बिना डीएम की अनुमति के वह कहीं नहीं भेजी जा सकती। ऐसे में यह सवाल उठना लाजिमी है कि आखिरकार संचालकों पर विभाग सख्ती क्यों नहीं कर रहा है या जान बूझकर मशीनें हटाई गई हैं। सीएमओ डॉ. संतोष कुमार चक ने कहा कि मशीनों को लेकर सूचना डीएम के पास भेजी जा चुकी है। प्रबंधकों के खिलाफ कोर्ट में परिवाद दाखिल किया गया है। बताते चलें कि अभी हाल में अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर लिंग परीक्षण को लेकर एसीएमओ डॉ. विवेक श्रीवास्तव की ओर से वीडियो वायरल किया गया था।जिसमें सीएमओ पर संरक्षण का आरोप लगाया गया था। जिसको लेकर विभाग की काफी किरकिरी हो चुकी है।
*13 केंद्रों पर होगी नवोदय विद्यालय की परीक्षा* *हर केंद्र पर तैनात होंगे एक पर्यवेक्षक, रहेंगी निगरानी*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही।जवाहर नवोदय विद्यालय ज्ञानपुर में कक्षा छह में प्रवेश के लिए 18 जनवरी को होने वाली प्रवेश परीक्षा की तैयारी धीरे-धीरे अंतिम दौर में पहुंच गई है।इसको लेकर जिले में 13 केंद्र बनाए गए हैं। एक-एक केंद्र पर पर्यवेक्षक तैनात रहेंगे। 16 जनवरी तक मजिस्ट्रेट स्तर के अधिकारी को नामित किया जाएगा। कक्षा छह में 80 सीटें निर्धारित हैं। इन सीटों पर प्रवेश के लिए होने वाली परीक्षा में प्रतिभाग को 4212 छात्र-छात्राओं ने आवेदन किया है। जवाहर नवोदय विद्यालय के प्रधानाचार्य सीएम सिंह ने बताया कि परीक्षा को पूरी तरह पारदर्शिता के साथ कराने की तैयारी चल रही है। जिलाधिकारी विशाल सिंह की ओर से नामित नोडल अधिकारी के निर्देशन में परीक्षा संपन्न कराई जाएगी।केंद्र बने सभी विद्यालयों के प्रधानाचार्यों को परीक्षा की सारी तैयारी पूरी करने का निर्देश जारी किया जा चुका है। बताया कि परीक्षा के लिए ज्ञानपुर ब्लाॅक में विभूति नारायण राजकीय इंटर काॅलेज ज्ञानपुर, जिला पंचायत बालिका इंटर काॅलेज ज्ञानपुर को केंद्र बनाया गया है। औराई ब्लाक में राम संजीवन लाल इंटर काॅलेज खमरिया, काशीराज महाविद्यालय इंटर काॅलेज औराई, भदोही ब्लाॅक में वुडवर्ड पब्लिक स्कूल व प्रेमबहादुर सिंह पब्लिक स्कूल, डीघ ब्लाॅक में पं. दीनदयाल उपाध्याय राजकीय माडल इंटर काॅलेज सागर रायपुर, गुलाबधर मिश्र इंटर काॅलेज गोपीगंज, सुरियावां ब्लाॅक में सेवा सदन इंटर काॅलेज मोढ़ व सेवाश्रम इंटर काॅलेज सुरियावां तो अभोली ब्लाॅक में डाॅ. लोहिया इंटर काॅलेज सागरपुर बवईं व इंटर काॅलेज दुर्गागंज को केंद्र बनाया गया है। बताया कि परीक्षा सुबह 11.30 से 1.30 बजे तक होगी। छात्र-छात्राओं को एक घंटे पहले 10.30 बजे केंद्र में प्रवेश दिया जाएगा।
*दो करोड़ का लघु सेतु तीन साल बाद भी अधूरा*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। अफसरों की उदासीनता कहें या ठेकेदार की लापरवाही। अभोली के तुलसीपुर-कठार में वरुणा नदी पर निर्माणाधीन लघु सेतु तीन साल बाद भी पूर्ण नहीं हो सका। 2021 में हैंडओवर होने वाला लघु सेतु अभी तक अधूरा है। इसको लेकर तमाम सवाल उठने शुरू हो गए हैं। जिले में गंगा की सहायक नदियां वरुणा और मोरवा संग ही नालों पर आवागमन को बेहतर करने के लिए छोटे-छोटे लघु सेतु बनाए जाते हैं। जिले में साल 2020-21 में करीब 10 लघु सेतु स्वीकृत हुए। इसमें ज्यादातर लघु सेतु कुछ दिन विलंब के बाद पूर्ण हो गए, लेकिन अभोली ब्लॉक के तुलसीपुर कठार में वरुणा पुल पर एक करोड़ 95 लाख की लागत से बनने वाला लघु सेतु अभी तक अधूरा ही है। फरवरी 2020 में उक्त पुल बनना शुरू हुआ और एक साल में पूर्ण कर फरवरी 2021 में हैंडओवर करना था। ग्रामीणों ने बताया कि यहां का पुल ठेकेदार की मनमानी से पूरा नहीं हो पाया। आधा अधूरा काम छोड़कर ठेकेदार गायब हो गए हैं। विभागीय स्तर से भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसको लेकर कई सवाल भी उठने शुरू हो गए हैं। आखिरकार समय से तीन साल बाद भी उक्त सेतु का निर्माण आखिरकार क्यों नहीं हो पाया। अधिशासी अभियंता लोक निर्माण जैनूराम ने कहा कि लघु सेतु आवागमन लायक बन चुका है। भदोही की तरफ सड़क बन गई है, लेकिन प्रयागराज के किसानों ने कोर्ट में केस कर दिया है। इससे उस तरफ का काम पूर्ण नहीं हो पाया है। कोर्ट से मामला निपटने पर उसे पूर्ण करा दिया जाएगा।
*जिला अस्पताल में तीन ईए‌म‌ओ की होगी तैनाती* *तैनाती के बाद अस्पताल के ओपीडी में बढ़ेगी डॉक्टरों की संख्या*

भदोही। दो से ढाई लाख लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने वाला जिला चिकित्सालय का इमरजेंसी सालभर से ईएम‌ओ का पद भरने की कवायद कर रहा है। जिला अस्पताल में तीन ईए‌‌म‌ओ तैनात किए जाएंगे। अब तक ओपीडी के चिकित्सकों की इमरजेंसी में ड्यूटी लगती थी। जिससे ओपीडी प्रभावित होती थी। अब ईए‌म‌ओ की तैनाती होने से यह समस्या दूर हो जाएगी। तीन ई‌एम‌ओ की ड्यूटी रोस्टरवार जिला अस्पताल की में इमरजेंसी में लगेंगी। महाराजा चेतसिंह जिला चिकित्सालय में करीब दो से ढाई लाख की आबादी तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने का जिम्मा है‌।‌ अस्पताल में इस समय 18 चिकित्सकों की तैनाती है। बीते साल से ईएम‌ओ न होने के कारण इन्हीं 18 चिकित्सकों की इमरजेंसी ड्यूटी लगाई जाती थी। जिससे अगले दिन ओपीडी प्रभावित होती थी। अस्पताल में अब जल्द ही तीन ईएम‌ओ की तैनाती होगी। इसके बाद से इमरजेंसी के ड्यूटी को छुटकारा मिल जाएगा है। जिला अस्पताल में रोजाना एक हजार के करीब ओपीडी होती है। इससे से 35 से 40 मरीजों की इमरजेंसी होती है। जिन्हें जांच पड़ताल कर दवाई उपलब्ध कराई जाती है। ईएम‌ओ न होने के कारण डॉक्टरों को परेशानी होती है। न की मरीजों तैनाती के बाद ओपीडी में डॉक्टर और मरीजों दोनों की संख्या ओपीडी में बढ़ेगी।


जिले में जल्द होगी 35 डॉक्टर की तैनाती जिले में संविदाकर्मी के 35 न‌ए डॉक्टरों की जल्द ही तैनाती की जाएगी। इसके लिए दिसंबर महीने में महीने में साक्षात्कार कलेक्ट्रेट में हुआ था। इसका परिणाम जारी कर दिया गया है। डीएम ने सीएमओ को निर्देशित किया है कि चयनित डॉक्टरों को 15 जनवरी से पहले स्वास्थ्य केंद्रों पर तैनाती की जाए।



मरीजों को बेहतर सुविधा देनी पहली प्राथमिकता है, अस्पताल के इमरजेंसी में ईएम‌ओ नहीं है, डॉक्टरों की ड्यूटी रोस्टवाइज लगाई जाती है। इसकी सूचना उच्चाधिकारियों को दी गई है। डॉ राजेंद्र कुमार सीएमएस जिला अस्पताल


बीते महीने जो साक्षात्कार हुआ था, उसका परिणाम जारी कर दिया गया है। इन्हें विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों पर भेजा जाएगा। इसकी सूची तैयार हो रही है, इसमें से जिला चिकित्सालय को भी तीन ई‌एम‌ओ मिलेंगे। डॉ एसके चक सीएमओ भदोही
*जिला अस्पताल में तीन ईए‌म‌ओ की होगी तैनाती* *तैनाती के बाद अस्पताल के ओपीडी में बढ़ेगी डॉक्टरों की संख्या*

भदोही। दो से ढाई लाख लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने वाला जिला चिकित्सालय का इमरजेंसी सालभर से ईएम‌ओ का पद भरने की कवायद कर रहा है। जिला अस्पताल में तीन ईए‌‌म‌ओ तैनात किए जाएंगे। अब तक ओपीडी के चिकित्सकों की इमरजेंसी में ड्यूटी लगती थी। जिससे ओपीडी प्रभावित होती थी। अब ईए‌म‌ओ की तैनाती होने से यह समस्या दूर हो जाएगी। तीन ई‌एम‌ओ की ड्यूटी रोस्टरवार जिला अस्पताल की में इमरजेंसी में लगेंगी। महाराजा चेतसिंह जिला चिकित्सालय में करीब दो से ढाई लाख की आबादी तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने का जिम्मा है‌।‌ अस्पताल में इस समय 18 चिकित्सकों की तैनाती है। बीते साल से ईएम‌ओ न होने के कारण इन्हीं 18 चिकित्सकों की इमरजेंसी ड्यूटी लगाई जाती थी। जिससे अगले दिन ओपीडी प्रभावित होती थी। अस्पताल में अब जल्द ही तीन ईएम‌ओ की तैनाती होगी। इसके बाद से इमरजेंसी के ड्यूटी को छुटकारा मिल जाएगा है। जिला अस्पताल में रोजाना एक हजार के करीब ओपीडी होती है। इससे से 35 से 40 मरीजों की इमरजेंसी होती है। जिन्हें जांच पड़ताल कर दवाई उपलब्ध कराई जाती है। ईएम‌ओ न होने के कारण डॉक्टरों को परेशानी होती है। न की मरीजों तैनाती के बाद ओपीडी में डॉक्टर और मरीजों दोनों की संख्या ओपीडी में बढ़ेगी।


जिले में जल्द होगी 35 डॉक्टर की तैनाती जिले में संविदाकर्मी के 35 न‌ए डॉक्टरों की जल्द ही तैनाती की जाएगी। इसके लिए दिसंबर महीने में महीने में साक्षात्कार कलेक्ट्रेट में हुआ था। इसका परिणाम जारी कर दिया गया है। डीएम ने सीएमओ को निर्देशित किया है कि चयनित डॉक्टरों को 15 जनवरी से पहले स्वास्थ्य केंद्रों पर तैनाती की जाए।



मरीजों को बेहतर सुविधा देनी पहली प्राथमिकता है, अस्पताल के इमरजेंसी में ईएम‌ओ नहीं है, डॉक्टरों की ड्यूटी रोस्टवाइज लगाई जाती है। इसकी सूचना उच्चाधिकारियों को दी गई है। डॉ राजेंद्र कुमार सीएमएस जिला अस्पताल


बीते महीने जो साक्षात्कार हुआ था, उसका परिणाम जारी कर दिया गया है। इन्हें विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों पर भेजा जाएगा। इसकी सूची तैयार हो रही है, इसमें से जिला चिकित्सालय को भी तीन ई‌एम‌ओ मिलेंगे। डॉ एसके चक सीएमओ भदोही
*विंध्यधाम का सुगम होगा सफर,15 करोड़ से चौड़ी होगी सड़क*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही ‌। जिले को विंध्यधाम से जोड़ने वाली चील्ह-गोपीगंज मार्ग चौड़ी होगी। अब यह सात की बजाए 10 मीटर तक चौड़ी की जाएगी। 7.400 किमी मार्ग के चौड़ीकरण और सुदृकरण के लिए शासन ने 15 करोड़ रुपये स्वीकृत किया है। मकर संक्रांति के बाद इसके निविदा की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। उक्त मार्ग चौड़ी होने से विंध्याचल जाने वाले श्रद्धालुओं को काफी सहूलियत मिलेगी।जिले की 546 ग्राम पंचायतों और सात नगर निकायों में करीब ढाई हजार किमी तक सड़कों का जाल फैला है। लोक निर्माण विभाग, पीएमजीएसवाई, जिला पंचायत संग नगर पंचायत, मंडी समिति मार्गों की निगरानी करती है।इसमें सभी निर्माण कार्य का नोडल लोक निर्माण विभाग रहता है। हर साल सड़कों के नवीनीकरण, मरम्मतीकरण, गड्ढामुक्त अभियान में करोड़ो रुपये खर्च होते हैं। इस दौरान जरूरत के हिसाब से कुछ सड़कें चौड़ी की जाती है।वाहनों की बढ़ती संख्या एवं यातायात के बोझ के कारण कई सड़कों पर अक्सर जाम लग जाता है। उन्हीं मार्गों में चील्ह-गोपीगंज भी शामिल है। उच्चाधिकारियों के निर्देश पर 2024 में लोक निर्माण विभाग ने उक्त मार्ग के चौड़ीकरण का प्रस्ताव शासन को भेजा था। अब उसे स्वीकृति मिल गई है। सड़क चौड़ी होने से मिर्जापुर के विंध्याचल, सोनभद्र और मध्य प्रदेश जाने वाले लोगों को काफी सहूलियत मिलेगी। डबल लेन मार्ग पर जगह अधिक होने से जाम की स्थिति भी नहीं बनेगी। क‌ई जिलों के श्रद्धालुओं का है आना - जाना गोपीगंज - चील्ड मार्ग काफी व्यस्ततम मार्ग है। प्रयागराज, प्रतापगढ़, जौनपुर के बादशाहपुर, मछलीशहर, बदलापुर आदि क्षेत्र के श्रद्धालु विंध्याचल जाने के लिए इसी मार्ग से होकर जाते हैं। नवरात्रि के अलावा अन्य दिनों में भी देवी के दर्शन के लिए भक्त जाते हैं। चार पहिया वाहनों से अधिकतर आवागमन होता है। इसके अलावा सोनभद्र से भारी वाहनों से बालू, गिट्टी आदि लेकर भारी वाहन भी गुजरते हैं। चील्ड - गोपीगंज मार्ग पर भदोही सीमा तक सात किमी 400 मीटर सड़क के चौड़ीकरण एवं सुदृकरण की स्वीकृति मिल गई है। इस पर करीब 15 करोड़ खर्च आएगा। मकर संक्रांति के बाद इसके लिए निविदा जारी की जाएगी। जैनूराम एक्स‌ईएन पीडब्ल्यूडी
*पांच करोड़ के टेंडर प्रकरण की जांच शुरू*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। जिले के 123 परिषदीय विद्यालयों में डेस्क-बेंच की आपूर्ति करने के मामले में जांच शुरू हो गई है। डीएम विशाल सिंह के निर्देश पर सीडीओ प्रकरण की जांच कर रहे हैं। इसमें फर्म के जुडे अभिलेखों का सत्यापन किया जा रहा है। इससे आपूर्ति करने वाली फर्म की मुश्किलें बढ़नी तय है।जिले के 885 प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक और कंपोजिट विद्यालयों में बच्चों को टाट-पट्टी से छुटकारा दिलाने के लिए डेस्क-बेंच की व्यवस्था की जा रही है। इसके लिए शासन ने पांच करोड़ 10 लाख रुपये स्वीकृत किया था। करीब सात महीने पूर्व बेसिक शिक्षा विभाग की तरफ से निविदा आमंत्रित की गई। इसमें छह से सात फर्मों ने आवेदन किया। चयन समिति की तरफ से एटा की एक फर्म का चयन किया गया। उसने स्कूलों में डेस्क-बेंच की आपूर्ति भी कर दिया। फर्म की पोल पट्टी तब खुली जब उसी संस्था ने मिर्जापुर में डेस्क-बेंच आपूर्ति के लिए आवेदन किया। मिर्जापुर के बेसिक शिक्षा अधिकारी ने जांच कराई तो फर्म का टर्नओवर मानक से कम मिला, साथ ही अनुभव भी कम पाया गया। इसके अलावा जिस नवोदय विद्यालय में दो करोड़ का काम दिखाया गया, वह भी सही नहीं मिला। जिस पर वहां फर्म के आवेदन को निरस्त कर दिया। पड़ोसी जिले में आवेदन निरस्त होने और जिले में टेंडर मिलने के मामले में डीएम ने पूर्व में फाइल तलब किया था। जिसके बाद मामले की जांच सीडीओ को सौंप दिया। मुख्य विकास अधिकारी डॉ. शिवाकांत द्विवेदी ने कहा कि मामले की जांच चल रही है। सभी अभिलेखों को देखा जा रहा है। कमी मिलेगी तो कार्रवाई तय की जाएगी।
*शेड हाउस से ठंड में पौधों होंगे सुरिक्षत* *वन विभाग के जोर‌ई नर्सरी में पहली बनाया शेड हाउस*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। जोरई नर्सरी में तैयार किये जा रहे पौधों को ठंड से बचाने और सुरक्षित रखने के लिए पहली बार शेड हाउस बनाया गया है। इसे बनाने से पौधों को समुचित तापमान मिलेगा, सारे बीज अच्छे से अंकूरित होंगे। इससे विभाग को नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा। पहली बार वन विभाग के जोरई नर्सरी में शेड हाउस बनाया गया है। इससे देखने के लिए विभाग के अन्य नर्सरी प्रभारी भी आ रहे हैं। वन विभाग में कुल 18 नर्सरी है। जोरई नर्सरी की हर कोई प्रशंसा कर रहा है, इससे पहले नर्सरी कभी ऐसी नहीं था।इससे देखने के लिए विभाग के अन्य नर्सरी प्रभारी भी आ रहे हैं। वन विभाग में कुल 18 नर्सरी है। जोरई नर्सरी की हर कोई प्रशंसा कर रहा है, इससे पहले नर्सरी कभी ऐसी नहीं था। नर्सरी का सौंदर्यीकरण देखकर डीएफओ भी अपने आप को नहीं रोक सके। बीते महीने निरीक्षण कर नर्सरी की स्थिति देखी। हालांकि नर्सरी प्रभारी उमेश पटेल है। ज्ञानपुर रेंजर सुरेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि शेड हाउस बनाया गया है। इससे ठंड से पौधे सुरक्षित रहेंगे।