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कनाडा में राजनीतिक भूकंप: प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो का इस्तीफा


नयी दिल्ली : कनाडा में प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के इस्तीफे के बाद उनके 10 साल पुरानी सत्ता का अंत हो गया। ट्रूडो ने भारतीय समयानुसार रात करीब 10 बजे इस्तीफे का एलान किया। जस्टिन ट्रूडो के इस्तीफे से पहले एक अधिकारी ने बताया कि सरकार के प्रति बढ़ते असंतोष के कारण उन्होंने पद छोड़ने का फैसला लिया।

ट्रूडो के अलावा वित्त मंत्री भी इस्तीफा दे चुके हैं। ऐसे में कनाडा की राजनीति में अस्थिरता बढ़ने के संकेत हैं। 

कनाडाई सरकार के एक अधिकारी ने कहा, सत्ताधारी लिबरल पार्टी में अगले नेता का चुनाव होने तक ट्रूडो कार्यवाहक प्रधानमंत्री बने रहेंगे।

अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर कहा कि देश की संसद का सत्र 27 जनवरी से प्रस्तावित था। अब इस्तीफे के कारण संसद की कार्यवाही 24 मार्च तक स्थगित रहेगी।

नाम न छापने की शर्त पर एक अधिकारी ने बताया कि 24 मार्च तक लिबरल पार्टी अपने नए नेता का चुनाव कर लेगी। सियासी उथल-पुथल के बीच यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि कनाडा में आम चुनाव कब कराए जाएंगे।

गौरतलब है कि जस्टिन ट्रूडो 2015 में कंजर्वेटिव पार्टी की सरकार गिरने के बाद प्रधानमंत्री बने थे। बीते करीब 10 साल से प्रधानमंत्री पद पर काबिज ट्रूडो शुरुआती दिनों में काफी लोकप्रिय रहे, लेकिन बीते कुछ समय से वे आलोचकों के निशाने पर हैं।

कालकाजी मंदिर: जानें इस प्राचीन मंदिर से जुड़े रोचक तथ्य और इतिहास


नयी दिल्ली : देश की राजधानी दिल्ली में वैसे तो बहुत से प्राचीन मंदिर हैं, लेकिन उनमें से एक मंदिर है कालकाजी मंदिर। जिसके बारे में शायद आप में से सभी ने सुना होगा और दर्शन भी जरूर किए होंगे। इस मंदिर में रोजाना भक्तों दर्शन के लिए लंबी कतार देखने को मिलती है।

नवरात्रि के दिनों में तो यहां दर्शन करने वालों का तांता लगा रहता है। यह दिल्ली के कालकाजी एरिया में ही स्थित है। 

मान्यता है कि इस मंदिर में देवी कालका मां से जो भी भक्त सच्चे दिल से जो भी मांगते हैं। उनकी मनोकामना जरूर पूरी होती है। वहीं इस मंदिर से जुड़े और भी कई रोचक किस्से और हजारों साल पुराना इतिहास भी है।

आज हम आपको इस आर्टिकल में कालकाजी मंदिर से जुड़े रोचक तथ्य और इससे जुड़े इतिहास के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं। जिसके बारे में शायद आप में से बहुत से लोग नहीं जानते होंगे।

किस देवी का स्वरूप है

मान्यता है कि यहां कई बार माता के स्वरूप में परिवर्तन देखने को मिला है। यह एक प्रसिद्ध शक्तिपीठ है। कहा जाता है इस जगह पर माता आदिशक्ति 'महाकाली' के रूप में प्रकट हुई थी। जिसके बाद उन्होंने असुरों का संहार किया था। इसके बाद से ही यह एक सिद्ध पीठ के रूप में पूजा जाने लगा। यह भी कहा जाता है कि इस मंदिर की स्थापना बाबा बालकनाथ ने की थी। जबकि जीर्णोद्धार मुगल साम्राज्य के सरदार अकबर शाह ने कराया था। 

आज इस मंदिर में कालका मां के रूप में देवी शक्ति दुर्गा के स्वरूप को पूजा जाता है। आज यह देश के प्रसिद्ध सिद्धपीठों में से एक है।

कालकाजी मंदिर का इतिहास

इस प्राचीन मंदिर का इतिहास 3000 साल से भी अधिक पुराना बताया जाता है। यानि इस मंदिर का इतिहास महाभारत के समय से जुड़ा हुआ है। बताया जाता है, महाभारत युद्द के दौरान कौरव और पांडवों ने इसी मंदिर में जाकर देवी काली के दर्शन किए थे। ऐसे में यह मंदिर भारतीय संस्कृति और इतिहास का महत्वपूर्ण हिस्सा है।

इस मंदिर का कई बार निर्माण और तोड़-फोड़ हो चुकी है। ऐसा कहा जा है कि सबसे पहले इसका हिस्सा 1764 ईस्वी के पास बनाया गया था। वर्तमान में जो मंदिर की संरचना है उसका निर्माण 18वीं और 19वीं शताब्दी का बताया जाता है।

कालकाजी मंदिर से जुड़े रोचक किस्से

मान्यता है कि नवरात्रि के दिनों में जो यहां मेला लगता है। इस दौरान होने वाली अष्टमी और नवमी के दौरान माता यहां घूमती हैं।

कहा जाता है अष्टमी वाले दिन सुबह की आरती के बाद मंदिर के कपाट खोल दिए जाते है।

और उस दिन शाम को और अगले पूरे दिन आरती नहीं होती है और फिर दशमी वाले दिन मंदिर आरती की जाती है।

आमतौर पर ग्रहण के काल में मंदिर सूतक काल से ही बंद कर दिए जाते हैं, लेकिन कालकाजी उन मंदिरों में से है, जो कि सूर्यग्रहण के दौरान भी खुला रहता है।इस दौरान भक्तों को भी अंदर जाकर पूजा-पाठ करने की अनुमति होती है।

कैसे पहुंचे कालकाजी मंदिर

इस मंदिर में पहुंचने का सबसे अच्छा साधन मेट्रो है। यह मंदिर दिल्ली मेट्रो की वायलेट लाइन पर पड़ता है। मेट्रो स्टेशन का नाम भी कालकाजी है। यहीं आप उतरकर आसानी से मंदिर वाक करते हुए जा सकते हैं। इसके अलावा आप सड़क मार्ग से अपनी पर्सनल कार, बस, टैक्सी, बाइक और स्कूटी से भी पहुंच सकते हैं। मंदिर तक आप ई-रिक्शा के जरिए भी जा सकती हैं। मंदिर से दर्शन करने के बाद आप नेहरू प्लेस, ओखला बर्ड सेंचुरी, लॉट्स टेंपल और इंडिया गेट जैसी आसपास जगहों को घूम सकती हैं।

कोदो की रोटी खाने से परिवार के 8 लोग बीमार, जिला अस्पताल में भर्ती


कटनी:- कोदो की रोटी खाने से एक ही परिवार के आठ लोग बीमार हो गए। जिनको जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है और उनकी हालत में सुधार है। घटना बहोरीबंद तहसील क्षेत्र के बरही गांव की है। इससे पहले भी दो बार ऐसी घटनाएं जिले में सामने आ चुकी हैं।

जानकारी के अनुसार बहोरीबंद क्षेत्र के बरही गांव निवासी श्याम सुंदर पटेल के परिवार के सदस्यों ने घर में सुबह नाश्ते में कोदो से बनी रोटी और सब्जी खाई। सभी सदस्य अपने काम में लग गए और कुछ ही देर बाद सभी की हालत बिगड़ने लगी। उनको उल्टी होने लगी और चक्कर आने लगे।

बीमार होने वालों में बुजुर्ग से लेकर बच्चे भी शामिल

बीमार होने वालों में परिवार की लक्ष्मी बाई पटेल 65 साल, 65 लक्ष्मी बाई, अनसुईया बाई पटेल 30 वर्ष, सूरज प्रसाद पटेल 42 साल, शैलेंद्र पटेल 20 वर्ष, चार से आठ साल के चार बच्चे बीमार हो गए।

सभी की हालत बिगड़ने पर स्वजनों ने एंबुलेंस 108 को फोन किया और सभी को लेकर बहोरीबंद सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचाया। जहां से हालत में सुधार न होने पर प्राथमिक उपचार के बाद सभी को जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। जहां पर उनके स्वास्थ्य में सुधार हो रहा था।

कोदो की खेती को प्रोत्साहन

बता दें कर केंद्र सरकार द्वारा किसानों को इसकी खेती करने को प्रोत्साहित किया जा रहा है। कोदो, जिसे कोदरा भी कहा जाता है, एक पोषणयुक्त मोटा अनाज है। इसमें प्रोटीन, विटामिन बी कॉम्प्लेक्स, मिनरल्स, और डाइटरी फाइबर प्रचुर मात्रा में होते हैं। कोदो मिलेट्स को श्रीअन्न में शामिल किया गया है।

मध्य प्रदेश के खंडवा, डिण्डौरी, मण्डला, सिवनी और जबलपुर जिलों में इसकी खेती प्रमुखता से होती है। किसानों को एमएसपी पर उपज खरीदकर प्रोत्साहित किया जा रहा है।

पृथ्वी के गर्भ में छिपा हाइड्रोजन का खजाना, 200 साल तक पूरी दुनिया को दे सकता है ऊर्जा

हाइड्रोजन, जिसे "भविष्य का ईंधन" कहा जाता है, ऊर्जा के क्षेत्र में क्रांति ला सकता है। हाल ही में वैज्ञानिकों ने पृथ्वी के भीतर बड़ी मात्रा में प्राकृतिक हाइड्रोजन के भंडार का पता लगाया है। यह खोज ऊर्जा संकट को हल करने और पर्यावरणीय समस्याओं को कम करने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो सकती है।

हाइड्रोजन: ऊर्जा का नया स्रोत

हाइड्रोजन सबसे हल्का और प्रचुर मात्रा में पाया जाने वाला तत्व है। यह कार्बन रहित ऊर्जा स्रोत है, जिसका उपयोग बिजली उत्पादन, परिवहन, और औद्योगिक प्रक्रियाओं में किया जा सकता है।

पृथ्वी के भीतर प्राकृतिक हाइड्रोजन

अब तक हाइड्रोजन का उत्पादन मुख्य रूप से पानी के इलेक्ट्रोलिसिस और प्राकृतिक गैस से होता था, जो महंगा और ऊर्जा-गहन प्रक्रिया है। लेकिन हाल ही में वैज्ञानिकों ने पृथ्वी की सतह के नीचे प्राकृतिक हाइड्रोजन के भंडार खोजे हैं। यह प्राकृतिक हाइड्रोजन सस्ता, स्वच्छ और अधिक टिकाऊ विकल्प हो सकता है।

कितना बड़ा है यह खजाना?

अनुमान है कि पृथ्वी के भीतर छिपे हाइड्रोजन का छोटा सा हिस्सा भी 200 सालों तक पूरी दुनिया की ऊर्जा जरूरतों को पूरा कर सकता है। यह भंडार विशेष रूप से महाद्वीपीय प्लेटों के नीचे और गहरे भूगर्भीय संरचनाओं में पाया गया है।

खोज के लाभ

पर्यावरणीय लाभ: हाइड्रोजन जलने पर केवल पानी उत्पन्न करता है, जिससे ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन कम होगा।

ऊर्जा सुरक्षा: यह जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करेगा।

सस्ती ऊर्जा: प्राकृतिक हाइड्रोजन का दोहन पारंपरिक हाइड्रोजन उत्पादन की तुलना में सस्ता होगा।

चुनौतियां और संभावनाएं

हालांकि इस हाइड्रोजन को निकालने और उपयोग में लाने के लिए नई तकनीकों की आवश्यकता होगी। इसके अलावा, भूगर्भीय संरचनाओं का अध्ययन और सुरक्षित दोहन सुनिश्चित करना भी जरूरी है।

निष्कर्ष

पृथ्वी के भीतर छिपा हाइड्रोजन का खजाना ऊर्जा के क्षेत्र में एक नई क्रांति ला सकता है। यदि इसे सुरक्षित और प्रभावी तरीके से दोहन किया जाए, तो यह न केवल ऊर्जा संकट का समाधान करेगा, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

डिजिटल अरेस्ट के मामले में Russian नागरिक गिरफ्तार, चीन से ऑपरेट हो रहा गैंग

अहमदाबाद: गुजरात पुलिस ने डिजिटल गिरफ्तारी के माध्यम से एक व्यक्ति से 17 लाख रुपये की ठगी करने के मामले में एक रूसी नागरिक को गिरफ्तार किया है. आरोपी, अनातोली मिरोनोव, रूस के ओरेनबर्ग शहर का मूल निवासी है.साइबर क्राइम सेल के अनुसार, मिरोनोव चीन के एक नागरिक द्वारा चलाए जा रहे गिरोह के लिए गेटकीपर के रूप में काम कर रहा था. उसका काम अपराध की आय को विभिन्न खातों में स्थानांतरित करने में मदद करना था, जिसमें कुछ धनराशि क्रिप्टोकरेंसी में भी परिवर्तित की जाती थी.

पर्यटक वीजा पर भारत आया

सहायक पुलिस आयुक्त (साइबर) ने समझाया कि एक 'गेटकीपर' एक बिचौलिया होता है जो अपराध से प्राप्त धन को गिरोह के बैंक खातों में स्थानांतरित करने में सहायता करता है. मिरोनोव पिछले साल पर्यटक वीजा पर भारत आया था. इससे पहले, वह महाराष्ट्र के पुणे में धोखाधड़ी के एक अलग मामले में जेल में था.

आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया

साइबर क्राइम सेल ने प्रोडक्शन वारंट के जरिए महाराष्ट्र जेल से उसकी रिमांड ली और गुरुवार को उसे गुजरात लाया गया. यह जांच तब शुरू हुई जब एक शहर के व्यवसायी ने अक्टूबर में साइबर क्राइम सेल से संपर्क किया, जिसमें दावा किया गया कि कुछ व्यक्तियों ने खुद को सीमा शुल्क और पुलिस अधिकारियों के रूप में प्रस्तुत करके उसे 'डिजिटल रूप से गिरफ्तार' किया था, और उससे 17 लाख रुपये की उगाही की थी.

घटना कैसे हुई?

धोखेबाजों ने पीड़ित को बताया कि उसके नाम पर एक पार्सल, जिसमें नकली पासपोर्ट, एटीएम कार्ड और ड्रग्स थे, सीमा शुल्क विभाग ने जब्त कर लिया था. पीड़ित ने जिस खाते में 17 लाख रुपये ट्रांसफर किए, वह महफुलआलम शाह के स्वामित्व में था. नदीम पठान नाम का एक एजेंट गिरोह के साथ संपर्क में था और उसने शाह को इस गतिविधि के लिए अपने खाते का उपयोग करने की अनुमति देने के लिए राजी किया था.

पठान की गिरफ्तारी के बाद मिरोनोव की भूमिका का खुलासा हुआ. पीड़ित द्वारा शाह के बैंक खाते में 17 लाख रुपये जमा करने के बाद, मिरोनोव ने उन दोनों को मुंबई के एक होटल में बुलाया, जहां रूसी नागरिक ने अपने चीनी बॉस के निर्देशों का पालन करते हुए धनराशि को क्रिप्टोकरेंसी सहित अन्य खातों में स्थानांतरित कर दिया.

आईआईटी इंदौर में बीटेक छात्र की मौत, हॉस्टल में मिला शव

इंदौर: आईआईटी इंदौर में बीटेक प्रथम वर्ष के छात्र ने हॉस्टल के कमरे में आत्महत्या कर ली. छात्र ने शुक्रवार देर रात हॉस्टल के कमरे में यह कदम उठाया. सूचना मिलते ही प्रबंधन मौके पर पहुंचा और घटना की सूचना पुलिस को दी. मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा और अब पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है.

विक्रम सारा भाई हॉस्टल में की आत्महत्या

सिमरोल थाना प्रभारी अमित कुमार के अनुसार "शुक्रवार देर रात आईआईटी प्रबंधन से सूचना प्राप्त हुई थी कि संस्थान के विक्रम सारा भाई छात्रावास में एक युवक ने आत्महत्या कर ली है. सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव 

को पोस्टमार्टम के लिए भेजा. पुलिस हर बिंदु पर जांच कर रही है."

तेलंगाना का रहने वाला था छात्र

जानकारी के अनुसार मृतक छात्र का नाम रोहित है और वह तेलंगाना का रहने वाला था. आईआईटी इंदौर में बीटेक प्रथम वर्ष का छात्र है. बताया जाता है कि कुछ दिन पहले ही रोहित अपने घर से लौटा था. अभी तक आत्महत्या करने को लेकर कोई जानकारी नहीं है कि उसने ये कदम क्यों उठाया. 

पुलिस अलग-अलग बिंदुओं पर जांच कर रही है. वहीं मृतक के लैपटॉप और मोबाइल की भी जांच की जा रही है ताकि आत्महत्या के कारणों का खुलासा हो सके।

पिता-पुत्र की दरिंदगी: पड़ोसी की हत्या कर सिर काटा, फिर पुलिस स्टेशन में आत्मसमर्पण किया

मुंबई: महाराष्ट्र के नासिक में एक पिता-पुत्र ने कथित तौर पर अपने पड़ोसी की कुल्हाड़ी और दरांती से हत्या कर दी और सिर काट दिया. इतना ही नहीं सिर काटने के बाद हत्यारें कटा हुआ सिर लेकर पुलिस स्टेशन में आत्मसमर्पण करने चले गए.समाचार एजेंसी पीटीआई ने गुरुवार को एक अधिकारी के हवाले से यह जानकारी दी.

रिपोर्ट के मुताबिक यह घटना बुधवार सुबह डिंडोरी तालुका के नानाशी गांव में हुई, जिसके बाद पुलिस ने आरोपी व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया और उसके बेटे को हिरासत में ले लिया. एक अधिकारी ने बताया कि 40 साल के सुरेश बोके ने बेटे के साथ मिलकर अपने पड़ोसी गुलाब रामचंद्र वाघमारे की हत्या कर दी. इसके बाद वे पीड़ित के सिर और हत्या के हथियार के साथ नानाशी चौकी पुलिस स्टेशन पहुंचे.

लंबे समय से चल रहा था विवाद

उन्होंने बताया कि शुरुआती जांच में पता चला है कि आरोपी और पीड़ित परिवार के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा था. रिपोर्ट में अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि उन्होंने 31 दिसंबर को एक-दूसरे के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी. अगले दिन बोके और उसके बेटे ने वाघमारे की हत्या कर दी.

SRPF के जवान तैनात

जैसे ही यह घटना प्रकाश में आई इसने ग्रामीणों में तनाव पैदा कर दिया, जिन्होंने क्रोधित होकर बोके के घर को नष्ट कर दिया और उनकी कार को आग लगा दी. बढ़ते तनाव के बीच सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए स्थानीय पुलिस कर्मियों और राज्य रिजर्व पुलिस बल (SRPF) के जवानों को गांव में तैनात कर दिया गया.

पुलिस ने केस दर्ज किया

बाद में वाघमारे की पत्नी मीनाबाई की शिकायत के आधार पर बुधवार रात पेठ पुलिस स्टेशन में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 103(1)(हत्या), 352(शांति के उपदेश को भड़काने के इरादे से जानबूझकर अपमान करना) और 351 आपराधिक धमकी के तहत मामला दर्ज किया गया।

सोमावती अमावस्या पर हरिद्वार में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, गंगा घाटों पर स्नान के लिए लगी लंबी कतारें

हरिद्वार: सोमावती अमावस्या पर हरिद्वार में सुबह से ही श्रद्धाुलओं की भारी भीड़ उमड़ी है। गंगा के सभी घाट खचाखच भरे हुए हैं। सोमावती अमावस्या स्नान को लेकर पूरे मेला क्षेत्र को 14 जोन और 39 सेक्टरों में विभाजित कर दिया गया है।

एसपी सिटी पंकज गैरोला को नोडल अधिकारी बनाया है। फोर्स को मेला क्षेत्र में ड्यूटी स्थलों पर रवाना कर दिया गया था। वहीं एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोबाल ने अधिकारियों के साथ हरकी पैड़ी सहित पूरे मेला क्षेत्र का जायजा था।

इससे पहले कल रविवार को ऋषिकुल ऑडिटोरियम में एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोबाल ने ब्रीफ करते हुए कहा कि हर प्वाइंट पर नियुक्त पुलिसकर्मी का अपना विशेष महत्व है। थोड़ी सी भी लापरवाही से कोई भी समस्या उत्पन्न हो सकती है, इसलिए सभी लोग अपनी-अपनी जिम्मेदारियों का दृढ़ता एवं संयम के हाथ निर्वहन करेंगे।

सभी जोनल व सेक्टर अधिकारी समय से ड्यूटियों को चेक कर करें। हर जोनल अधिकारी अपने अपने क्षेत्र में वैकल्पिक मार्गों का भीड़ बढ़ने की दशा में उपयोग कर जनसंख्या के दबाव को नियंत्रित करें। मनसा देवी, चंडी देवी में ड्यूटी प्रभारी यह सुनिश्चित करेंगे की श्रद्धालु कतार में ही आगे बढ़ें।

एसएसपी ने कहा कि भीड़ का दबाव बढ़ने पर तत्काल कंट्रोल रूम को जानकारी देने के साथ व्यवस्थाओं को दुरुस्त रखेंगे। महिला घाट पर नियुक्त महिला कर्मी मुस्तैदी के साथ अपनी ड्यूटी का निर्वहन करें।

हरिद्वार में स्नान के लिए उमड़ी भीड़

यातायात प्लान का पूर्ण रूप से पालन कराया जाए। कोई भी वहां किसी भी सड़क पर पार्क में करवाया जाए उन्हें निर्धारित पार्क में ही भेजा जाए। इस दौरान एसपी देहात शेखर चंद सुयाल, एसपी सिटी पंकज गैरोला सहित, एएसपी जितेंद्र मेहरा, सीओ सिटी जूही मनराल आदि मौजूद रहे।

कर्नाटक में एक दिल-दहलाने वाली घटना आई सामने,लड़की के घरवालों द्वारा ठुकराए जाने से आहत युवक ने खुद को उड़ाया


बेंगलुरू: कर्नाटक में एक दिल-दहलाने वाली घटना सामने आई है। यहां पर लड़की के घरवालों द्वारा ठुकराए जाने से आहत युवक ने जान दे दी। युवक ने लड़की के घर के सामने ही जिलेटिन की छड़ों से खुद को उड़ा दिया।

मामला कर्नाटक के मांड्या जिले के कलेनहल्ली गांव का है। पुलिस के मुताबिक युवक की पहचान रामचंद्रा के रूप में हुई है। उसका एक नाबालिग लड़की से संबंध था। पिछले साल रामचंद्रा लड़की के साथ भाग गया था और उसे पॉस्को के तहत गिरफ्तार भी किया गया था। 

बता दें कि जिलेटिन की छड़ें सस्ती विस्फोटक सामग्री हैं जो आमतौर पर खनन और निर्माण गतिविधियों के लिए उद्योगों में उपयोग की जाती हैं। इन्हें एक्टिवेट करने के लिए एक डेटोनेटर की जरूरत होती है।

आज का इतिहास: 1943 में आज ही के दिन स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस ने पोर्ट ब्लेयर में लहराया था भारत की आजादी का झंडा


नयी दिल्ली : 30 दिसंबर का इतिहास महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि 1943 में आज ही के दिन स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस ने पोर्ट ब्लेयर में भारत की आजादी का झंडा लहराया था। 

1949 में 30 दिसंबर के दिन ही भारत ने चीन को मान्यता दी थी।

2008 में आज ही के दिन सूर्यशेख गांगुली ने 46वीं राष्ट्रीय ए शतरंज चैंपियनशिप का खिताब जीता था।

2008 में आज ही के दिन सूर्यशेख गांगुली ने 46वीं राष्ट्रीय ए शतरंज चैंपियनशिप का खिताब जीता था।

2006 में 30 दिसंबर के दिन ही इराक के पूर्व कथित तानाशाह सद्दाम हुसैन को फ़ांसी दी गई थी।

2003 में आज ही के दिन ऑस्ट्रेलिया ने भारत से मेलबर्न टेस्ट 9 विकेट से जीता था।

2002 में 30 दिसंबर को ही ऑस्ट्रेलिया ने इंग्लैंड से चौथा एशेज टेस्ट जीता था।

1996 में आज ही के दिन ग्वाटेमाला में गत 36 वर्षों से चला आ रहा गृहयुद्ध खत्म हुआ था।

1993 में 30 दिसंबर के दिन ही वेटिकन ने इजरायल को मान्यता दी थी।

1949 में आज ही के दिन भारत ने चीन को मान्यता दी थी।

1943 में 30 दिसंबर के दिन ही स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस ने पोर्ट ब्लेयर में भारत की आजादी का झंडा लहराया था।

1938 में आज ही के दिन वीके जोरिकिन ने इलेक्ट्रॉनिक टेलीविजन सिस्टम का पेटेंट कराया था।

1922 में 30 दिसंबर को ही रूस की राजधानी मास्को के बोलशोई थियेटर से सोवियत संघ के निर्माण की औपचारिक रूप से घोषणा की गई थी।

1919 में आज के दिन लंदन में वकालत के लिए प्रथम महिला विद्यार्थी का प्रवेश हुआ था।

1873 में 30 दिसंबर के दिन ही अमेरिका के न्यूयार्क में माप तौल के लिए मेट्रोलाॅजिकल सोसायटी का गठन हुआ था।

1803 में आज ही के दिन ब्रिटेन की ईस्ट इंडिया कंपनी ने दिल्ली, आगरा और भरूच पर नियंत्रण किया था।

30 दिसंबर को जन्मे प्रसिद्ध व्यक्ति

1950 में आज ही के दिन प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता हनुमप्पा सुदर्शन का जन्म हुआ था।

1944 में 30 दिसंबर के दिन ही भारत के प्रसिद्ध राजनैतिक विश्लेषक, वरिष्ठ पत्रकार और हिन्दी प्रेमी वेद प्रताप वैदिक का जन्म हुआ था।

1935 में आज ही के दिन प्रथम भारतीय शतरंज मास्टर मैनुअल आरों का जन्म हुआ था।

1992 में 30 दिसंबर के दिन ही भारत के युवा बैडमिंटन खिलाड़ी सौरभ वर्मा का जन्म हुआ था।

30 दिसंबर को हुए निधन

2009 में आज ही के दिन भारत के प्रसिद्ध साहित्यकार, पत्रकार और ‘कादम्बिनी पत्रिका’ के सम्पादक राजेन्द्र अवस्थी का निधन हुआ था।

1975 में 30 दिसंबर के दिन ही हिन्दी के कवि और ग़ज़लकार दुष्यंत कुमार का निधन हुआ था।

1971 में आज ही के दिन जाने माने वैज्ञानिक विक्रम साराभाई का निधन हुआ था।

1706 में 30 दिसंबर के दिन ही पुड्डुचेरी के संस्थापक तथा गवर्नर जनरल मार्टिन का निधन हुआ था।