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हेमन्त-कल्पना ने दीं आर्चबिशप विंसेंट आइंद को शुभकामनाएं

रांची मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन एवं विधायक कल्पना सोरेन रविवार को डॉ. कामिल बुल्के पथ स्थित आर्चबिशप हाउस पहुंच कर आर्चबिशप विंसेंट आइंद से मुलाकात कर उन्हें क्रिसमस पर्व की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दीं।

फॉरेस्ट सर्वे रिपोर्ट ऑफ इंडिया के अनुसार झारखंड उन टॉप पांच राज्यों में शामिल जहांँ वन क्षेत्र की हुई बढ़ोतरी हुई

भारत सरकार की ‘फॉरेस्ट सर्वे रिपोर्ट ऑफ इंडिया’ 2023 के मुताबिक, झारखंड उन टॉप पांच राज्यों में शामिल है जहांँ वन क्षेत्र में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी हुई है।  

यह बढ़ोतरी पर्यावरण के लिहाज से काफी अच्छी मानी जा रही है। इससे प्रदूषण कम होगा और जलवायु परिवर्तन से लड़ने में मदद मिलेगी।

 दो सालों में वन क्षेत्र में 1.71 प्रतिशत की बढ़ोतरी

केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने शनिवार को फॉरेस्ट सर्वे रिपोर्ट रिपोर्ट जारी की। रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले दो सालों में 287 वर्ग किलोमीटर वन क्षेत्र बढ़ा है। राज्य में अब 29.81 प्रतिशत वन क्षेत्र है। 19 जिलों के वन क्षेत्र में फैलाव देखा गया है, जबकि 5 जिलों में कमी आई है। लातेहार में सबसे अधिक वन क्षेत्र है, जबकि देवघर में सबसे कम। दो सालों में वन क्षेत्र में 1.71 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. रिपोर्ट के मुताबिक राज्य में 287 वर्ग किलोमीटर जंगल बढ़े हैं। अब कुल वन क्षेत्र 23,765.78 वर्ग किलोमीटर है, जो राज्य के कुल क्षेत्रफल का 29.81 प्रतिशत है। 2021 में यह 28.10 प्रतिशत था, यानी दो सालों में 1.71 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। 2011 से अब तक, एक हजार वर्ग किलोमीटर से ज्यादा जंगल बढ़ गए हैं।

इन जिलों में जंगल बढ़े

झारखंड के 24 जिलों में से 19 में जंगल बढ़े हैं। पांच जिलों – चतरा, कोडरमा, पूर्वी सिंहभूम, लातेहार और सिमडेगा – में जंगल कम हुए हैं। चतरा में सबसे ज्यादा, लगभग 15 प्रतिशत की कमी आई है, फिर भी वहां अब भी 47 प्रतिशत वन क्षेत्र है। लातेहार में सबसे ज्यादा, 55 प्रतिशत वन क्षेत्र है। हजारीबाग में 47 प्रतिशत वन क्षेत्र है। देवघर में सबसे कम, लगभग 8 प्रतिशत वन क्षेत्र है। धनबाद में सिर्फ 10.84 प्रतिशत और दुमका में 11.34 प्रतिशत वन क्षेत्र है। रामगढ़ नगर निकाय में सबसे ज्यादा 20.42 फीसदी वन क्षेत्र है।

वन क्षेत्र बढ़ा लेकिन घने जंगलों की स्थिति अच्छी नहीं 

हालांकि वन क्षेत्र बढ़ा है, लेकिन घने जंगल में कमी आई है। राज्य में सिर्फ 3.31 प्रतिशत क्षेत्र में घने जंगल हैं। यह चिंता का विषय है। रिपोर्ट के अनुसार, झारखंड में वन क्षेत्र 287 वर्ग किलोमीटर बढ़ा है।

जाँच में JSSC-CGL को लेकर हर दिन हो रहे नए खुलासे

बाबूलाल मरांडी ने कहा सरकार के पास थोड़ी भी नैतिकता बची है तो सीबी आई जाँच कराये

झारखंड JSSC -CGL का विवाद गहराता जा रहा है, हर bbदिन नया खुलासा हो रहा है.अब नयी बात जो सामने आ रही है उसके अनुसार जिस महिला प्रोफेसर ने प्रश्न पत्र सेट किया था, उसका पति खुद भी परीक्षा दे रहा था। इधर एसआईटी की तरफ से शुरू हुई जांच में प्रश्न पत्र तैयार करने वाली एजेंसी सतवत इंफोसोल प्रा. लि और जेएसएससी की लापरवाही भी सामने आ रही है।

कई स्तर पर लापरवाही उजागर 

जांच रिपोर्ट में कई गड़बड़िया भी उजागर हुई है, कहा जा रहा है कि प्रश्न पत्र को लेकर जिस तरह की गोपनीयता बरती जानी चाहिये थी, वैसी नहीं बरती गयी। प्रिंटिस प्रेस से लेकर ट्रेजरी तक के दौरान सिक्युरिटी लैप्स के कई चरण रहे। लेकिन सबसे अहम बात ये है कि पंचपरगनिया भाषा का पेपर जिस अनुबंधित असिस्टेंट प्रोफेसर सबिता ने सेट किया, उसका पति खुद ही भी सीजीएल का परीक्षार्थी था।

आरोपों के घेरे में एजेंसी और आयोग 

जानकारी के मुताबिक प्रश्न पत्र का कार्डिनेशन कंपनी का मैनेजर तन्मय कुमार कर रहे थे। क्योश्चन पेपर तैयार कर रही एक और प्रोफेसर अंजुलता ने बताया कि उसने नागपुरी का पेपर तैयार किया था, लेकिन जब उसने क्योश्चन पेपर मैनेजर को दिया, तो वो सीलबंद नहीं था।

बाबूलाल मरांडी ने साधा निशाना 

इधर JSSC-CGL परीक्षा मामले में गड़बड़ी के खुलासे के बाद राजनीति भी गरमा गयी है। पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि एसआईटी की रिपोर्ट ने सीट बेचने की आशंका को और पुख्ता कर दिया है। प्रश्न पत्र सेट करने से लेकर इसके प्रिंटिंग, परिवहन और रखरखाव में घोर लापरवाही बरती गई है।

 

CGL परीक्षा का प्रश्नपत्र सेट करने वाली महिला प्रोफेसर का पति खुद परीक्षा में अभ्यर्थी था। एसआईटी के खुलासे दर्शाते हैं कि किस कदर पारदर्शिता की धज्जियां उड़ाई गई है। इतनी घोर लापरवाही, छात्रों का विरोध और न्यायालय में मामला लंबित होने के बाद भी आनन-फानन में रिजल्ट जारी कर सरकार ने लाखों मेहनती परीक्षार्थियों के भविष्य के साथ जानबुझकर खिलवाड़ किया है।

उच्च न्यायालय की सख्ती के बाद CGL परीक्षा में हुए घोटाले की परतें एक-एक कर उजागर हो रही हैं, जिससे पूरी प्रक्रिया में भ्रष्टाचार और लापरवाही की सच्चाई सामने आ रही है। लाखों मेहनती छात्रों का भविष्य अधर में है, उन्हें न्याय दिलाने की पहल करना सरकार की जिम्मेदारी है। बाबूलाल मरांडी ने कहा यदि सरकार के पास थोड़ी भी नैतिकता बची है, तो इस घोटाले की सीबीआई जांच की सिफारिश करना चाहिए.

साहिबगंज : पानी भरने गयी एक फायर ब्रिगेड की गाड़ी गंगा नदी में समाई, चालक लापता, चल रहा रेसक्यू

साहिबगंज जिले में एक बड़ा हादसा हो गया है. यहां देखते ही देखते एक फायर ब्रिगेड की गाड़ी नदी में समा गई. मिली जानकारी के मुताबिक घटना शनिवार सुबह करीब 7 बजकर 45 मिनट का है. जब फायर ब्रिग्रेड की एक गाड़ी गांगा में पानी भरने पहुंची तो यहां का रोपवे में पानी भरने के लिए फायर कर्मी मो. सजलिम दमकल गाडी को बैक कर घाट की ओर ले जा रहे थे.

इसी बीच गाड़ी में कुछ खराबी आ गई. फायर ब्रिगेड की गाड़ी में तकनीकी खराबी आ जाने से गाड़ी तेजी से पीछे की ओर लुढकने लगी.

इस दौरान मो. सजलिम सूझबूझ दिखाते हुए गाड़ी का गेट खोलकर बाहर कूद गई लेकिन चालक अरुण कुमार गाड़ी से नहीं निकल पाए और वे गाड़ी के साथ गंगा में समा गए.

वहीं सूचना मिलते ही राजमहल एसडीओ कपिल कुमरा एसडीपीओ विमलेश त्रिपाठी सीओ यूसुफ शेख.अग्निशमन पदाधिकारी मनोज कुमार शुक्ला गंगा तट पर पहुंचे. रेस्क्यू के लिए एनडीआरएफ की टीम को भी बुलाया गया. हालांकि चालक की अरुण कुमार का कुछ पता नहीं चल सका

बंगाल की खाड़ी में बना लो प्रेशर,झारखंड के दक्षिणी हिस्से प्रभावित,कई जिलों में छाया बादल

झारखंड डेस्क 

बंगाल की खाड़ी में बना लो प्रेशर का असर झारखंड में भी दिखने लगा है. राज्य के दक्षिणी हिस्से के कई जिलों में बादल छाए हुए है. मौसम विभाग का कहना है कि आज कहीं कहीं हल्की बारिश की संभावना बन रही है.

बता दें कि राज्य के सिमडेगा, पूर्वी सिहंभूम और पश्चिम सिंहभूम और सरायकेला में बारिश होने की पूरी संभावना है, जबकि रांची समेत कई स्थानों पर छिटपुट बारिश के आसार है. वहीं विभाग ने 18 जिलों में घना कोहरा को लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है.

इन जिलों में देवघर, धनबाद, गिरिडीह,गोड्डा, जामताड़, पाकुड़, साहिबगंज, पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभू, सिमडेगा, सरायकेला-खरसावां, रांची, बोकारो, गुमला, हजारीबाग, खूंटी और रामगढ़ शामिल है.

बता दें कि बंगाल की खाड़ी में आया निम्म दबाव का क्षेत्र व्यापक होकर तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में प्रभाव डालने वाला है. इस वजह से दक्षिणी पूर्वी हवा झारखंड में प्रवेश करेगा. इससे आसमान में बादल छाए हुए हैं.

झारखंड : 30 में मात्र 16 सीट पर जीत को लेकर कांग्रेस का मंथन,क्या रही रणनीतिक चूक जानने के लिए पढ़िए पूरी खबर...?

झारखंड में हाल हीं में हुई विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 30 सीट पर चुनाव लड़ी लेकिन मात्र 16 सीट हीं जीत पाए. हालांकि इस रिजल्ट को संतोष जनक इसलिए कहा गया सरकार अच्छी बहुमत के साथ पुनः सत्ता में आयी, परन्तु इस जीत से  कांग्रेस का प्रदर्शन भले ही संतोषजनक रहा हो, लेकिन पार्टी की उच्चस्तरीय समीक्षा का निष्कर्ष है कि इससे बेहतर स्थिति हो सकती थी। दल की रणनीतिक चूक और भितरघात कई सीटों पर हार का कारण बनी। स्थानीय संगठन और प्रत्याशियों के साथ बेहतर तालमेल नहीं रहना भी इसकी एक वजह रहा।

कई सीटों पर दल के नेताओं ने अपने प्रत्याशियों के विरुद्ध भितरघात किया। ऐसे नेताओं ने पार्टी प्रत्याशियों का बेड़ा गर्क करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी। दल ने ऐसे नेताओं को चिन्हित भी किया है और इनके विरुद्ध कार्रवाई के भी संकेत दिए गए हैं।

सभी स्थानों से समीक्षा रिपोर्ट आने के बाद एक समेकित रिपोर्ट तैयार की जाएगी, जिसे कांग्रेस आलाकमान को प्रेषित किया जाएगा। संभावना है कि समेकित रिपोर्ट दिए जाने के बाद भितरघात करने वाले नेताओं पर गाज गिर सकती है।

इन सीटों पर हुई रणनीतिक चूक

जरमुंडी विधानसभा क्षेत्र:- जरमुंडी विधानसभा क्षेत्र से पूर्व मंत्री बादल पार्टी के प्रत्याशी थे। यहां वे मजबूती से चुनाव लड़े, लेकिन पूर्व मंत्री हरिनारायण राय की भाजपा से करीबी उनकी हार का कारण बन गई। भाजपा की रणनीति के आगे वे टिक नहीं पाए। लंबे समय तक मंत्री पद पर रहने के दौरान उनके खिलाफ बना माहौल भी हार की एक वजह बना। हालांकि, चुनाव से पहले उन्हें मंत्री पद से हटा दिया गया था।

जमशेदपुर पश्चिम सीट:- जमशेदपुर पश्चिम सीट पर तत्कालीन मंत्री बन्ना गुप्ता प्रचार युद्ध में टिक नहीं पाए। उनके विरुद्ध एक वायरल वीडियो का समय रहते मजबूती से जवाब नहीं दिया जा सका। बन्ना गुप्ता ने भी स्वयं इस कमजोरी को इंगित किया था। उन्हें जदयू के सरयू राय ने पराजित करने में कामयाबी पाई।

संगठनात्मक तालमेल में कमी और समन्वय का अभाव

कांग्रेस को सिटिंग सीट झरिया में भी हार का सामना करना पड़ा। इसकी वजह स्थानीय इकाई के असहयोग को बताया जा रहा है। कुछ ऐसी ही स्थिति धनबाद में रही, जहां आपसी तालमेल और समन्वय का अभाव दिखा। यहां नया चेहरा होने को भी एक कारण बताया गया।

जमशेदपुर पूर्वी सीट से तेजतर्रार नेता डॉ. अजय कुमार प्रत्याशी थे। उनके समर्थन में स्थानीय इकाई ने अपेक्षित सहयोग नहीं किया। कई नेता भितरघात में लगे रहे। पार्टी के निष्कर्ष में यह भी सलाह दी गई है कि इन कमियों को सुधार कर पार्टी भविष्य में बेहतर प्रदर्शन कर सकती है।

30 सीटों पर लड़े, 16 पर जीत

कांग्रेस को गठबंधन के तहत सीट बंटवारे में कुल 30 सीटों पर चुनाव लड़ने का मौका मिला था। इसमें से 16 सीटों पर पार्टी ने जीत हासिल की।

यह भी एक संयोग है कि वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में भी पार्टी को इतनी ही सीटों पर जीत मिली थी।

कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक रणनीतिक मोर्चे पर बेहतर तरीके से काम होने के साथ-साथ बेहतर तालमेल होता तो पार्टी की सीटें और बढ़ सकती थी।

 बहरहाल कांग्रेस आलाकमान को समेकित रिपोर्ट भेजे जाने के बाद मिले दिशा-निर्देश के अनुसार जिम्मेदार नेताओं के विरुद्ध कार्रवाई होगी।

रंगदारी की मांग को लेकर हत्या की गई हत्या के मामले में एक ही परिवार के छह सदस्यों को आजीवन कारावास की सजा

झारखंड डेस्क

धनबाद : रंगदारी की मांग को लेकर हत्या के एक मामले में अदालत ने 17 साल बाद एक ही परिवार के छह सदस्यों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. जिला एवं सत्र न्यायधीश कुलदीप मान की अदालत ने बुधवार को सभी को दोषी करार दिया. जिसके बाद शनिवार को जिला अदालत ने अपना फैसला सुनाया है.

सीनियर पीपी का बयान

सदर थाना क्षेत्र के जयप्रकाश नगर के रहने वाले संजय सिंह की हत्या के मामले में अदालत ने नामजद आरोपी विजय प्रताप सिंह, रवैत सिंह, संजय सिंह, उज्वल सिंह, राजकुमार सिंह और भुवनेश्वर सिंह को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. जबकि एक आरोपी राजेंद्र सिंह को साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया गया है.

धनबाद कोर्ट के सीनियर पीपी अवधेश कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि जय प्रकाश नगर के रहने वाले राजकुमार सिंह ने आठ लोगों के खिलाफ तीन अप्रैल 2007 को सदर थाना में एक प्राथमिकी दर्ज कराई थी. प्राथमिकी के अनुसार राजकुमार सिंह ने एक जमीन जयप्रकाश नगर में खरीदी थी. 

अपने भाई संजय सिंह के साथ राजकुमार सिंह जमीन पर गेट लगवाने गए थे. इस दौरान गेट नहीं लगाने की धमकी दी.

दरअसल, 3 फरवरी 2007 को राजकुमार सिंह और उसके भाई संजय सिंह जयप्रकाश नगर में खरीदी गई जमीन पर गेट लगाने के दौरान हथियार से लैस होकर नामजद आरोपी विजय प्रताप सिंह दस लाख रुपए रंगदारी की मांग की. इस दौरान संजय सिंह को जान मारने की नीयत से जख्मी कर दिया था. जहां इलाज के दौरान संजय सिंह की मौत हो गई थी.

एफआईआर के लगभग 2 साल बाद 1 सितंबर 2009 को 12 गवाहों की गवाही के आधार पर कोर्ट में आरोप तय हुआ. सुनवाई के दौरान एक आरोपी बिनोद सिंह की मौत हो चुकी है. जबकि राजेंद्र सिंह को कोर्ट ने साक्ष्य के आधार पर बरी कर दिया गया.

सरयू राय ने X पर लिखा दो दिनों में मानगो से उठ जायेगा कचरा

सरयू राय ने , आदित्यपुर में कचरा डंपिंग के विरोध पर कांग्रेस पर साधा निशाना

झारखंड डेस्क 

जमशेदपुर : मानगो नगर निगम के कर्मचारियों ने शुक्रवार को लोगों के घरों से कचरा उठाया और उसे नियत स्थान पर डंप किया. मानगो नगर निगम से जुड़े पदाधिकारियों ने भरोसा दिलाया है कि दो दिनों में कचरा उठ जायेगा. 

जमशेदपुर पश्चिमी के विधायक सरयू राय ने X पर लिखा मानगो में कचरा उठाव जारी है. शुक्रवार को 119 टन कचरा उठा कर निर्धारित स्थल पर डंप किया गया.

कांग्रेस के नेताओं ने आदित्यपुर में कचरा डंपिंग का विरोध नहीं किया होता तो अबतक समूचे मानगो का कचरा उठ गया होता. आदित्यपुर के कांग्रेसी नेताओं ने किसकी शह पर मानगो का कचरा वहां नहीं गिराने दिया यह जांच का विषय है, जबकि सरकार के आदेश से आदित्यपुर नगर निगम को मानगो, जुगसलाई के लिए नोडल संगठन बनाया गया है. 

विधायक सरयू राय ने बयान जारी कर कहा था कि डेढ़ वर्ष तक एनजीटी का आदेश नहीं लागू कराने के लिए और मानगो नगर निगम का कचरा निष्पादन के लिए जगह चिन्हित नहीं करा पाने के लिए यदि कोई व्यक्ति दोषी है तो वह केवल बन्ना गुप्ता हैं. अब वे अपने दोष से पिंड छुड़ाने के लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिख रहे हैं और अपने लिए प्रचार का साधन जुटा रहे है. मानगो नगर निगम क्षेत्र में व्याप्त वर्तमान समस्या का हल नहीं निकालने के लिए बन्ना गुप्ता को जनता से माफी मांगनी चाहिए.

उनके अनुसार डिमना रोड के घरों से कचरा उठाया गया है. दो दिन में सभी जगहों से कचरा उठा लिया जायेगा.

कांग्रेस के नेताओं ने आदित्यपुर में कचरा डंपिंग का विरोध नहीं किया होता तो अबतक समूचे मानगो का कचरा उठ गया होता. आदित्यपुर के कांग्रेसी नेताओं ने किसकी शह पर मानगो का कचरा वहां नहीं गिराने दिया यह जांच का विषय है, जबकि सरकार के आदेश से आदित्यपुर नगर निगम को मानगो, जुगसलाई के लिए नोडल संगठन बनाया गया है. विधायक सरयू राय ने बयान जारी कर कहा था कि डेढ़ वर्ष तक एनजीटी का आदेश नहीं लागू कराने के लिए और मानगो नगर निगम का कचरा निष्पादन के लिए जगह चिन्हित नहीं करा पाने के लिए यदि कोई व्यक्ति दोषी है तो वह केवल बन्ना गुप्ता हैं. अब वे अपने दोष से पिंड छुड़ाने के लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिख रहे हैं और अपने लिए प्रचार का साधन जुटा रहे है. मानगो नगर निगम क्षेत्र में व्याप्त वर्तमान समस्या का हल नहीं निकालने के लिए बन्ना गुप्ता को जनता से माफी मांगनी चाहिए.

धीरज बोम्मादेवरा और दीपिकाकुमारी की ओलंपियन जोड़ी ने पुरुष और महिला रिकर्व खिताब हासिल किया

झारखंड डेस्क 

रांची : धीरज बोम्मादेवरा और दीपिका कुमारी की ओलंपियन जोड़ी ने यहां अपने प्रतिद्वंद्वियों की कड़ी चुनौती से पार पाते हुए तीरंदाजी सीनियर राष्ट्रीय प्रतियोगिता में क्रमश: पुरुष और महिला रिकर्व खिताब हासिल किया. 

पैट्रोलियन खेल संवर्धन बोर्ड (पीएसपीबी) का प्रतिनिधित्व कर रही दीपिका ने पेरिस ओलंपिक की अपनी साथी अंकिता भकत को महिलाओं के फाइनल में 6-2 से शिकस्त दी.

हरियाणा के उभरते हुए तीरंदाज दिव्यांश चौधरी ने भी भारत के अंतरराष्ट्रीय तीरंदाज धीरज के सामने कड़ी चुनौती पेश की लेकिन सेना के तीरंदाज ने 6-2 से पुरुष खिताब अपनी झोली में डाला. टीम स्पर्धा में सेना को उलटफेर का सामना करना पड़ा जिसमें दूसरी वरीयता प्राप्त टीम को कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा. सेना ने राजस्थान को 5-4 (29-28) के अंतर से मात दी.

रेलवे ने हरियाणा को 6-2 से हराकर पुरुष टीम स्पर्धा का स्वर्ण पदक अपने नाम किया. दीपिका ने पीएसपीबी के लिए दो स्वर्ण पदक जीते. उन्होंने मिश्रित टीम स्पर्धा में अतनु दास के साथ मिलकर पंजाब को 6-2 से हराकर दूसरा स्वर्ण पदक प्राप्त किया.

राज्य के विभिन्न जिलों और वाहिनी में पदस्थापित पुलिसकर्मी के बच्चों की पढ़ाई के लिए किया गया 10 करोड़ तीन लाख 81 हजार रुपये आवंटित




झारखंड डेस्क 

राज्य के विभिन्न जिलों, इकाई और वाहिनी में पदस्थापित पुलिस अफसरों और उनके जवानों को बच्चों की पढ़ाई के लिए 10 करोड़ तीन लाख 81 हजार रुपये आवंटित किये गये हैं. यह राशि पुलिस मुख्यालय द्वारा झारखंड पुलिस शिक्षा कोष से दी गयी है. 

स्वीकृत राशि का भुगतान संबंधित पुलिस अफसरों और जवानों को संबंधित जिला के एसपी या कमांडेंट के माध्यम से किया जा सके, इसके लिए पुलिस मुख्यालय ने भारतीय स्टेट बैंक हटिया शाखा के प्रबंधक को पत्र लिखा है. ताकि, आवंटित राशि से बैंक ड्राफ्ट तैयार कर राशि का भुगतान किया जा सके.

 जमशेदपुर एसएसपी को ₹57.87 लाख का फंड आवंटित किया गया है. वहीं, सरायकेला एसपी को 14,89 लाख, चाईबासा एसपी को 20.19 लाख का फंड मिला है.

किस जिले को कितनी राशि आवंटित

पुलिस मुख्यालय ने रांची एसएसपी को 10,34,1000 रुपये, खूंटी एसपी को 8.95 लाख रुपये, गुमला एसपी को 1,32,5000, सिमडेगा एसपी को 20.38 लाख, लोहरदगा एसपी को 14.35 लाख, सरायकेला एसपी को 14,89 लाख, चाईबासा एसपी को 20.19 लाख, एसएसपी जमशेदपुर को 57.87लाख, पलामू एसपी को 30.30 लाख, लातेहार एसपी को 19.12 लाख, गढ़वा एसपी को 19.73 लाख, रामगढ़ एसपी को 15.9 लाख, बोकारो एसपी को 27.33 लाख, धनबाद एसएसपी को 44.10 लाख, गिरिडीह एसपी को 26.17 लाख, हजारीबाग एसपी को 39.71 लाख, कोडरमा एसपी को 8.13 लाख, चतरा एसपी को 16.79 लाख, देवघर एसपी को 9.15 लाख, जामताड़ा एसपी को 12.84 लाख, दुमका एसपी को 15.26 लाख, पाकुड़ एसपी को 5.99 लाख, गोड्डा एसपी को 6.67 लाख और साहिबगंज एसपी को 14.59 लाख रुपये आवंटित किया है.

इन्हें भी मिला आवंटन

इसके अलावा रेल एसपी, जैप और आइआरबी के सभी कमांडेंट, एसआइआरबी, एसटीएफ, स्पेशल ब्रांच एसपी, एसीबी रांची, सीआइडी, आइटीएस, एटीएस, वायरलेस, ट्रेनिंग सेंटर सहित अन्य 88 पुलिसकर्मियों को शेष अलग-अलग राशि आवंटित करने का निर्देश दिया गया है.