पहाड़ों की बर्फबारी के बाद ठिठुरी देश की राजधानी दिल्ली, उत्तर भारत में अगले चार दिन शीतलहर का अलर्ट
#weatherreportcoldwavealertinnorth_india
पहाड़ों पर बर्फबारी के साथ-साथ हल्की बारिश हो रही है। कश्मीर के गुलमर्ग, राजदान पास, सोनमर्ग, जोजिला सहित कई पर्वतीय क्षेत्रों में भारी बर्फबारी हुई है, जिससे शीतलहर और तेज हो गई है। कश्मीर घाटी में पहले से ही तापमान माइनस में चल रहा है और उसके ऊपर से हो रही बर्फबारी ने कंपकपी बढ़ा दी है। जम्मू संभाग में भी सर्दी का पिछले साल का रिकॉर्ड टूट गया है। लेह और लद्दाख में भी खून को जमा देने वाली ठंड पड़ रही है। जिसका असर पूरे उत्तर भारत में दिख रहा है। इन इलाकों में लगातार तापमान गिर रहा है।

मौसम विभाग के मुताबिक आने वाले कुछ दिनों में दिल्ली, यूपी, बिहार, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान समेत देश के कई राज्यों में कड़ाके की ठंड पड़ेगी। राष्ट्रीय राजधानी में बुधवार को इस सर्दी का अब तक का सबसे कम न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया। इस दौरान न्यूनतम तापमान 4.9 डिग्री सेल्सियस डिग्री दर्ज किया गया। आईएमडी ने कहा कि दिसंबर की शुरुआत में न्यूनतम तापमान 37 वर्षों में पहली बार पांच डिग्री सेल्सियस से नीचे दर्ज किया गया है। आंकड़ों के अनुसार इस अवधि के दौरान सबसे कम न्यूनतम तापमान 6 दिसंबर 1987 को 4.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था।
येलो अलर्ट किया गया है जारी
मौसम विभाग के मुताबिक दिल्ली में 12 दिसंबर को अधिकतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 4 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है। इसके अलावा राष्ट्रीय राजधानी में अगले दो दिनों तक शीतलहर चलने और घना कोहरे होने की संभावना, जिसकी वजह से विभाग ने येलो अलर्ट भी जारी किया है।
हिमाचल से आ रही हवाओं ने बढ़ाई ठंड
मौसम विशेषज्ञ डॉ. चंद्रमोहन ने बताया कि हिमालय से सीधी आ रही बर्फीली हवाओं ने हरियाणा, एनसीआर और दिल्ली को अपने आगोश में ले लिया है। तापमान जमाव बिंदु के पास पहुंच गया है।हिमाचल प्रदेश के अधिकांश स्थानों पर बुधवार को न्यूनतम तापमान सामान्य से तीन से पांच डिग्री नीचे दर्ज किया गया जबकि कुछ इलाकों में हल्की बर्फबारी भी हुई। इस दौरान राज्य में जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति का ताबो सबसे ठंडा स्थान रहा, जहां न्यूनतम तापमान शून्य से 12.7 डिग्री नीचे दर्ज किया गया। पश्चिमी जिलों में खेत खलिहानों और खुले स्थानों पर पाला जमने लगा है। बारिश न होने से अभी सूखी ठंड का सामना लोगों को करना पड़ रहा है। हालांकि दिन में चमकदार धूप खिली रहने से दिन में ठंड से लोगों को राहत मिल रही है। 5-10 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बर्फीली हवा चलने से कोहरा भी नहीं बन रहा है। बुधवार को प्रदेश में अधिकतर स्थानों पर दिन व रात का ताप मान सामान्य से नीचे बना हुआ है।
कश्मीर में बर्फबारी के बाद शीतलहर और तेज
इधर, कश्मीर के गुलमर्ग, राजदान पास, सोनमर्ग, जोजिला सहित कई पर्वतीय क्षेत्रों में भारी बर्फबारी हुई है, जिससे शीतलहर और तेज हो गई है। कश्मीर में रात के तापमान में सुधार आया है, लेकिन अधिकांश जिलों में दिन के साथ रात का पारा सामान्य से 2 से 6 डिग्री नीचे चल रहा है। राजधानी श्रीनगर में दिन का तापमान 8.8, पहलगाम में 4.2 और गुलमर्ग में माइनस 0.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। लेह में खून जमा देने वाली ठंड के बीच दिन और रात का पारा शून्य डिग्री से नीचे चल रहा है। जम्मू में रात का पारा सामान्य से 5.2 डिग्री गिरकर 5.0 डिग्री तक पहुंच गया, जो इस सीजन की सर्द रात बीती। इस पारे ने पिछले साल का न्यूनतम तापमान का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया। जम्मू में 19 दिसंबर 2023 को न्यूनतम तापमान 5.7 डिग्री दर्ज किया गया था।


 
						






 बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ पिछले पांच महीनों से खुला अत्याचार हो रहा है। हिंदुओं की टारगेट किलिंग और लूटपाट की खबरों के बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र से बड़ी अपील की है।पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को केंद्र सरकार से बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की और यह भी कहा कि जो लोग वापस भारत आना चाहते हैं, उन्हें वापस लाया जाए। बनर्जी ने यह बात दीघा में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कही। मुख्यमंत्री जगन्नाथ मंदिर के निर्माण की समीक्षा के लिए दीघा के दो दिवसीय दौरे पर हैं। इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि केंद्र को हिंसा प्रभावित बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों को सुरक्षा देनी चाहिए और जो लोग लौटना चाहते हैं उन्हें वापस लाना चाहिए। सीएम ने कहा कि हम बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा चाहते हैं। केंद्र को इस मामले में कदम उठाना चाहिए। इस दौरान ममता ने आरोप लगाया कि कुछ लोग जानबूझकर फर्जी वीडियो फैलाकर सांप्रदायिक तनाव पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह के फर्जी वीडियो से समाज में सांप्रदायिक तनाव बढ़ेगा, जो कि ठीक नहीं। इससे देश का माहौल खराब होगा। *पहले भी कर चुकीं है अपील* ससे पहले भी ममता बनर्जी बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रही हिंसा पर केंद्र से हस्तक्षेप की गुहार लगा चुकीं हैं। दिसंबर के शुरूआत में उन्होंने एक बयान में कहा कि बांग्लादेश में हमारे परिवार और प्रियजन हैं। हम भारत सरकार की ओर से लिए गए किसी भी रुख को स्वीकार करते हैं। हम दुनिया में कहीं भी धार्मिक आधार पर अत्याचारों की निंदा करते हैं। साथ ही, केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप करने की अपील करते हैं। ममता बनर्जी ने भी नरेंद्र मोदी सरकार से संयुक्त राष्ट्र के जरिये हस्तक्षेप की गुहार लगाई थी।बनर्जी ने कहा था कि भारत सरकार इस मामले को संयुक्त राष्ट्र में उठा सकती है ताकि शांति सेना भेजी जा सके। *बांग्लादेश में हिंसा का असर कोलकाता में* बांग्लादेश में करीब 1.31 करोड़ हिंदू रहते हैं और यह देश की कुल आबादी का 7.96 प्रतिशत है। पश्चिम बंगाल का करीब 2,217 किलोमीटर का बॉर्डर बांग्लादेश से जुड़ता है। इसके अलावा त्रिपुरा, असम और मिजोरम से भी बांग्लादेश की सीमा जुड़ती है, मगर वहां हो रही हिंसा का असर पश्चिम बंगाल में सर्वाधिक है। कोलकाता की सड़कों पर हिंदुओं को समर्थन में रैलियां और शांति मार्च निकाली जा रही हैं। गुस्से का आलम यह है कि कोलकाता और अगरतला के डॉक्टरों के बड़े समूह ने बांग्लादेशियों का इलाज करने से इनकार कर दिया है। 2023 में 4.49 लाख बांग्लादेशी मरीज भारत इलाज के लिए आए, जिनमें से अधिकतर कोलकाता पहुंचे। *बांग्लादेश में दहशत में है हिंदू समुदाय* बता दें कि शेख हसीना के बांग्लादेश छोड़ने के बाद पड़ोसी राज्य में धार्मिक उन्माद चरम पर है। मंदिरों पर हमले हो रहे हैं। आरती और पूजा पाठ को भी कट्टरपंथियों ने प्रतिबंधित कर दिया है। हिंदू महिलाओं के साथ बदसलूकी और अल्पसंख्यकों को डराने-धमकाने की खबरें भी आ रही हैं। हाल ही में इस्कॉन के संत और हिंदू नेता चिन्मय कृष्ण दास को भी देशद्रोह के आरोप में जेल भेज दिया। इसके अलावा उनके तीन सहयोगियों को भी गिरफ्तार किया गया है। भारत आ रहे इस्कॉन के 63 संतों को भी बॉर्डर पर रोका गया।
 बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ पिछले पांच महीनों से खुला अत्याचार हो रहा है। हिंदुओं की टारगेट किलिंग और लूटपाट की खबरों के बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र से बड़ी अपील की है।पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को केंद्र सरकार से बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की और यह भी कहा कि जो लोग वापस भारत आना चाहते हैं, उन्हें वापस लाया जाए। बनर्जी ने यह बात दीघा में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कही। मुख्यमंत्री जगन्नाथ मंदिर के निर्माण की समीक्षा के लिए दीघा के दो दिवसीय दौरे पर हैं। इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि केंद्र को हिंसा प्रभावित बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों को सुरक्षा देनी चाहिए और जो लोग लौटना चाहते हैं उन्हें वापस लाना चाहिए। सीएम ने कहा कि हम बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा चाहते हैं। केंद्र को इस मामले में कदम उठाना चाहिए। इस दौरान ममता ने आरोप लगाया कि कुछ लोग जानबूझकर फर्जी वीडियो फैलाकर सांप्रदायिक तनाव पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह के फर्जी वीडियो से समाज में सांप्रदायिक तनाव बढ़ेगा, जो कि ठीक नहीं। इससे देश का माहौल खराब होगा। *पहले भी कर चुकीं है अपील* ससे पहले भी ममता बनर्जी बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रही हिंसा पर केंद्र से हस्तक्षेप की गुहार लगा चुकीं हैं। दिसंबर के शुरूआत में उन्होंने एक बयान में कहा कि बांग्लादेश में हमारे परिवार और प्रियजन हैं। हम भारत सरकार की ओर से लिए गए किसी भी रुख को स्वीकार करते हैं। हम दुनिया में कहीं भी धार्मिक आधार पर अत्याचारों की निंदा करते हैं। साथ ही, केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप करने की अपील करते हैं। ममता बनर्जी ने भी नरेंद्र मोदी सरकार से संयुक्त राष्ट्र के जरिये हस्तक्षेप की गुहार लगाई थी।बनर्जी ने कहा था कि भारत सरकार इस मामले को संयुक्त राष्ट्र में उठा सकती है ताकि शांति सेना भेजी जा सके। *बांग्लादेश में हिंसा का असर कोलकाता में* बांग्लादेश में करीब 1.31 करोड़ हिंदू रहते हैं और यह देश की कुल आबादी का 7.96 प्रतिशत है। पश्चिम बंगाल का करीब 2,217 किलोमीटर का बॉर्डर बांग्लादेश से जुड़ता है। इसके अलावा त्रिपुरा, असम और मिजोरम से भी बांग्लादेश की सीमा जुड़ती है, मगर वहां हो रही हिंसा का असर पश्चिम बंगाल में सर्वाधिक है। कोलकाता की सड़कों पर हिंदुओं को समर्थन में रैलियां और शांति मार्च निकाली जा रही हैं। गुस्से का आलम यह है कि कोलकाता और अगरतला के डॉक्टरों के बड़े समूह ने बांग्लादेशियों का इलाज करने से इनकार कर दिया है। 2023 में 4.49 लाख बांग्लादेशी मरीज भारत इलाज के लिए आए, जिनमें से अधिकतर कोलकाता पहुंचे। *बांग्लादेश में दहशत में है हिंदू समुदाय* बता दें कि शेख हसीना के बांग्लादेश छोड़ने के बाद पड़ोसी राज्य में धार्मिक उन्माद चरम पर है। मंदिरों पर हमले हो रहे हैं। आरती और पूजा पाठ को भी कट्टरपंथियों ने प्रतिबंधित कर दिया है। हिंदू महिलाओं के साथ बदसलूकी और अल्पसंख्यकों को डराने-धमकाने की खबरें भी आ रही हैं। हाल ही में इस्कॉन के संत और हिंदू नेता चिन्मय कृष्ण दास को भी देशद्रोह के आरोप में जेल भेज दिया। इसके अलावा उनके तीन सहयोगियों को भी गिरफ्तार किया गया है। भारत आ रहे इस्कॉन के 63 संतों को भी बॉर्डर पर रोका गया।
 
 
  
 
 
  
 संसद के दोनों सदनों में विपक्षी दलों का हंगामा जारी है। देश की संसद आज एक बार फिर सत्ता पक्ष और विपक्ष के टकराव के कारण ठप रही। इसी बीच, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने स्पीकर ओम बिरला से मुलाकात की है। मुलाकात के दौरान राहुल ने स्पीकर के सामने अपनी कुछ मांगें रखी हैं। राहुल ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से भी मुलाकात की और कार्यवाही से अपमानजनक बातें हटाने की मांग की। राहुल ने कहा कि हमारा मकसद है कि संसद चले, सदन में चर्चा हो। वे (सत्ता पक्ष) मुझे क्या कहते हैं, ये मायने नहीं रखता। हम चाहते हैं कि 13 दिसंबर को संविधान पर चर्चा हो। वे अडानी पर चर्चा नहीं चाहते, लेकिन हम ये छोड़ेंगे नहीं। वे हम पर आरोप लगाते रहेंगे, लेकिन सदन चलना चाहिए। स्पीकर ने कहा कि वे इस पर गौर करेंगे। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, संविधान दिवस चर्चा में राहुल गांधी भी बोलेंगे। इसको लेकर समय तय किया जाएगा. कहा जा रहा है कि राजनाथ सिंह संभवतः चर्चा की शुरुआत करेंगे। उसके बाद राहुल गांधी बोल सकते हैं। समय को लेकर अभी अंतिम फैसला नहीं हुआ है। इधर, राज्यसभा में सभापति और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के खिलाफ लाए जाने वाले अविश्वास प्रस्ताव पर हंगामा हुआ। राज्यसभा पहले 12 बजे तक, फिर 12 दिसंबर तक स्थगित कर दी गई। बता दें कि विपक्ष ने राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस पेश किया है। नोटिस पर 60 सांसदों के हस्ताक्षर हैं। इनमें कांग्रेस, टीएमसी, सपा सांसदों के नाम हैं। नोटिस में धनखड़ पर पक्षपात का आरोप लगाया गया है। राज्यसभा में केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि जॉर्ज सोरोस और सोनिया गांधी का क्या संबंध है, ये सामने आना चाहिए।भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने राज्यसभा में कहा कि दो दिन से हमारे लोग इस बात को उठा रहे हैं कि जॉर्ज सोरोस और सोनिया गांधी का क्या संबंध है। देश की आंतरिक और बाह्य सुरक्षा का सवाल है। यह देश की संप्रभुता पर भी प्रश्नचिह्न है। हम सोरोस पर इसलिए बात करना चाहते हैं, क्योंकि हम आम आदमी के लिए प्रतिबद्ध हैं। चेयर पर आरोप लगाकर अविश्वास प्रस्ताव लाने का प्रयास किया। यह मुद्दे को भटकाने के लिए कुत्सित प्रयास है।
 संसद के दोनों सदनों में विपक्षी दलों का हंगामा जारी है। देश की संसद आज एक बार फिर सत्ता पक्ष और विपक्ष के टकराव के कारण ठप रही। इसी बीच, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने स्पीकर ओम बिरला से मुलाकात की है। मुलाकात के दौरान राहुल ने स्पीकर के सामने अपनी कुछ मांगें रखी हैं। राहुल ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से भी मुलाकात की और कार्यवाही से अपमानजनक बातें हटाने की मांग की। राहुल ने कहा कि हमारा मकसद है कि संसद चले, सदन में चर्चा हो। वे (सत्ता पक्ष) मुझे क्या कहते हैं, ये मायने नहीं रखता। हम चाहते हैं कि 13 दिसंबर को संविधान पर चर्चा हो। वे अडानी पर चर्चा नहीं चाहते, लेकिन हम ये छोड़ेंगे नहीं। वे हम पर आरोप लगाते रहेंगे, लेकिन सदन चलना चाहिए। स्पीकर ने कहा कि वे इस पर गौर करेंगे। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, संविधान दिवस चर्चा में राहुल गांधी भी बोलेंगे। इसको लेकर समय तय किया जाएगा. कहा जा रहा है कि राजनाथ सिंह संभवतः चर्चा की शुरुआत करेंगे। उसके बाद राहुल गांधी बोल सकते हैं। समय को लेकर अभी अंतिम फैसला नहीं हुआ है। इधर, राज्यसभा में सभापति और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के खिलाफ लाए जाने वाले अविश्वास प्रस्ताव पर हंगामा हुआ। राज्यसभा पहले 12 बजे तक, फिर 12 दिसंबर तक स्थगित कर दी गई। बता दें कि विपक्ष ने राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस पेश किया है। नोटिस पर 60 सांसदों के हस्ताक्षर हैं। इनमें कांग्रेस, टीएमसी, सपा सांसदों के नाम हैं। नोटिस में धनखड़ पर पक्षपात का आरोप लगाया गया है। राज्यसभा में केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि जॉर्ज सोरोस और सोनिया गांधी का क्या संबंध है, ये सामने आना चाहिए।भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने राज्यसभा में कहा कि दो दिन से हमारे लोग इस बात को उठा रहे हैं कि जॉर्ज सोरोस और सोनिया गांधी का क्या संबंध है। देश की आंतरिक और बाह्य सुरक्षा का सवाल है। यह देश की संप्रभुता पर भी प्रश्नचिह्न है। हम सोरोस पर इसलिए बात करना चाहते हैं, क्योंकि हम आम आदमी के लिए प्रतिबद्ध हैं। चेयर पर आरोप लगाकर अविश्वास प्रस्ताव लाने का प्रयास किया। यह मुद्दे को भटकाने के लिए कुत्सित प्रयास है।
 
 
 
Dec 12 2024, 10:15
- Whatsapp
- Facebook
- Linkedin
- Google Plus
1- Whatsapp
- Facebook
- Linkedin
- Google Plus
50.2k