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भारत को फिर झटका देंगे ट्रंप! भारत से निर्यात होने वाले चावल पर सख्ती के दिए संकेत

#trumpnewtariffwarningtoindiaoverricedumping

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप टैरिफ मामले में भारत को एक और झटका दे सकते हैं। ट्रंप ने संकेत दिया है कि उनका प्रशासन विदेशी कृषि उत्पादों पर नए टैरिफ लगाने पर विचार कर सकता है, जिसमें भारतीय चावल और कनाडाई उर्वरक शामिल हैं। ट्रंप का ये बयान रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के हाल ही में भारत दौरे के बाद आया है।

भारत के सस्ते चावल से अमेरिकी उत्पादक परेशान

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में अमेरिकी किसानों के लिए 12 अरब डॉलर की मदद करने का ऐलान करते हुए कहा कि भारत से सस्ता चावल आने की वजह से अमेरिका के चावल उत्पादक परेशान हैं और उनके दाम गिर रहे हैं। ये बात उन्हें अमेरिका की बड़ी चावल कंपनी कैनेडी राइस मिल्स की मालकिन और सीईओ मेरिल कैनेडी ने बताई, जिसके बाद ट्रंप ने साफ कहा कि वे भारतीय चावल पर और ज्यादा टैरिफ लगाने का प्लान बना रहे हैं ताकि अमेरिकी किसानों को बचाया जा सके।

अमेरिकी किसानों को ट्रंप ने दिया भरोसा

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को एक लिस्ट दी गई जिसमें भारत, थाईलैंड और चीन जैसे देशों पर अमेरिका में सस्ता चावल डंप करने का आरोप लगा था। लिस्ट देखकर ट्रंप ने नाराजगी जताई और अपने वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट से पूछा, “भारत के बारे में बताओ, भारत ऐसा क्यों कर रहा है? क्या चावल पर कोई टैरिफ छूट है?” ट्रंप ने साफ कहा कि अमेरिकी किसानों को बचाने के लिए अब भारतीय चावल पर और सख्त टैरिफ लग सकता है।

ट्रंप बोले- भारतीय चावल की डंपिंग पर ध्यान देंगे

अमेरिकी किसानों ने डोनाल्ड ट्रंप से कहा है कि सब्सिडी वाले चावल के बेशुमार आयात से मार्किट पर असर पड़ रहा है। इससे घरेलू फसलों की कीमतें नीचे जा रही हैं। इस पर ट्रंप ने जवाब दिया कि यह धोखा है और इस पर नए टैरिफ लगाए जा सकते हैं। ट्रंप ने कहा कि वह अमेरिका में भारतीय चावल की डंपिंग पर जरूर ध्यान देंगे।

अमेरिका में 19 देशों के ग्रीन कार्ड होल्डर्स की फिर होगी जांच, नेशनल गार्ड पर हमले के बाद ट्रंप का बड़ा फैसला

#afternationalguardattacktrumpordersreviewofgreencardholdersfrom19_countries

वॉशिंगटन डीसी में नेशनल गार्ड पर हुए हमले के बाद अब अमेरिका ने बड़ा कदम उठाया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की है कि 19 देशों से आने वाले सभी लोगों के ग्रीन कार्ड की दोबारा गहन जांच की जाएगी। यह फैसला वॉशिंगटन में नेशनल गार्ड सैनिकों पर हुए हमले के बाद आया है, जिसमें एक महिला सैनिक की मौत हो गई और दूसरा गंभीर रूप से घायल है।

अमेरिकी नागरिकता एवं इमिग्रेशन सेवा (USCIS) के निदेशक जोसेफ एडलो ने कहा कि राष्ट्रपति के निर्देश पर यह जांच ‘पूरी तरह कठोर और फुल-स्केल’ होगी। सीएनएन के मुताबिक, जिन 19 देशों को ‘कंट्रीज ऑफ कंसर्न’ की सूची में रखा गया है, उन्हें ट्रंप प्रशासन ने जून में ही चिन्हित किया थ। जिसमें अफगानिस्तान, क्यूबा, हैती, ईरान, सोमालिया और वेनेजुएला, बर्मा, चाड, रिपब्लिक ऑफ कांगो और लीबिया शामिल थे। अमेरिका ने अफगानिस्तान से सभी इमिग्रेशन रिक्वेस्ट को प्रोसेस करना भी रोक दिया है।

अफगान नागरिकों की बढ़ी मुश्किलें

वहीं, होमलैंड सिक्योरिटी विभाग ने भी कहा है कि बाइडेन प्रशासन के दौरान मंजूर किये गये सभी आश्रय मामलों की समीक्षा की जा रही है। DHS ने बताया कि अफगान नागरिकों के इमिग्रेशन अनुरोधों की प्रोसेसिंग तात्कालिक रूप से रोक दी गयी है जब तक सुरक्षा और वेटिंग प्रोटोकॉल की समीक्षा पूरी नहीं होती। प्रशासन ने यह कदम ‘बैकलॉग और संभावित गलत वेटिंग’ का हवाला देकर लिया है।

एफबीआई कर रही हमले की जांच

हमले की जांच अब एफबीआई संभाल रही है। एफबीआई निदेशक कश पटेल ने कहा कि यह हमला ‘आतंक की घटना’ के रूप में जांचा जा रहा है और कई राज्यों में सर्च वारंट जारी किए गए हैं। उन्होंने इसे ‘कोस्ट-टू-कोस्ट इन्वेस्टिगेशन’ बताया।

ट्रंप ने बदले सुर, बोले-कुशल विदेशी लोगों का अमेरिका आना जरूरी

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप आव्रजन (इमिग्रेशन) पर सख्त रुख के लिए जाने जाते हैं। हालांकि, अब उनके सुर बदले-बदले से लग रहे हैं। दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति ने साफ कहा कि हाई-स्किल्ड विदेशी कामगार अमेरिका की टेक इंडस्ट्री के लिए जरूरी हैं। ट्रंप ने कहा है कि अमेरिका की टेक कंपनियों को विदेशी कुशल कर्मचारियों की जरूरत है। उनके बिना अमेरिकी लोगों को कंप्यूटर चिप्स और दूसरी तकनीकी चीजें बनाना सीखना मुश्किल होगा।

अमेरिका में आयोजित यूएस-सऊदी इन्वेस्टमेंट फोरम में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को उन्होंने स्वीकार किया कि हाल ही में उनके "मेक अमेरिका ग्रेट अगेन" (MAGA) समर्थकों द्वारा कुछ कुशल प्रवासियों को देश में आने की अनुमति देने के उनके बयान की आलोचना की गई है। ट्रंप ने व्यावसायिक अधिकारियों के एक समूह से कहा कि अमेरिका को ऐसे प्रवासियों की जरूरत है जो उच्च तकनीक वाली फैक्टरियों में घरेलू कामगारों को प्रशिक्षित कर सकें। उन्होंने जोर देकर कहा कि ऐसा करना उनके मूल राजनीतिक विश्वासों के साथ असंगत नहीं है।

विरोधियों को ट्रंप का जवाब

ट्रंप ने कहा, मुझे अपने रूढ़िवादी दोस्त पसंद हैं। मुझे MAGA पसंद है, लेकिन यही MAGA है। ट्रंप ने यूएस-सऊदी निवेश फोरम को संबोधित करते हुए कहा, वे लोग हमारे लोगों को कंप्यूटर चिप बनाना सिखाएंगे, और कुछ ही समय में हमारे लोग बहुत अच्छा प्रदर्शन करेंगे। और वे लोग घर जा सकेंगे। इस टिप्पणी पर कमरे में तालियां बजीं।

ट्रंप ने जताई H-1B वीज़ा की जरूरत

पिछले हफ्ते, ट्रंप ने इसी मुद्दे पर फॉक्स न्यूज की होस्ट लॉरा इंग्राहम से बहस की। इंग्राहम ने ट्रंप के साथ एक साक्षात्कार में सुझाव दिया कि आप देश में लाखों विदेशी कर्मचारियों की बाढ़ नहीं ला सकते, जिस पर राष्ट्रपति ने जवाब दिया कि आपको प्रतिभाओं को भी लाना होगा। ट्रंप ने कहा था कि H-1B वीज़ा की जरूरत इसलिए है क्योंकि अमेरिका में हर तरह की तकनीकी प्रतिभा मौजूद नहीं है। H-1B वीजा अमेरिकी कंपनियों को छह साल तक विदेशी कुशल कर्मचारियों को काम पर रखने की अनुमति देता है।

H-1B वीजा को लेकर है विवाद

दक्षिणपंथी अमेरिकी लंबे समय से H-1B वीजा को अमेरिकी कामगारों के खिलाफ मानता रहा है। उनका आरोप है कि इस कार्यक्रम के जरिए अमेरिकी कंपनियां विदेशों से सस्ता कामगार लाकर अमेरिकी इंजीनियरों और प्रोग्रामर्स को रिप्लेस कर देती हैं। कुछ हाई-प्रोफाइल मामलों में अमेरिकियों की छंटनी और फिर उन्हें H-1B कर्मचारियों को ट्रेन देने के लिए कहे जाने ने इस गुस्से को और बढ़ाया। ट्रंप ने अपने पिछले चुनाव अभियानों के दौरान कई बार H-1B पर सवाल उठाए थे। लेकिन सितंबर 2025 में उन्होंने एक नया आदेश साइन किया जिसमें अमेरिका के बाहर से दायर होने वाले हर नए H-1B आवेदन पर एक बार का 100,000 डॉलर शुल्क लगाने की घोषणा की गई।

पाकिस्तान भी कर रहा परमाणु परीक्षण, ट्रंप ने किया बड़ा खुलासा

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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि पाकिस्तान परमाणु परीक्षण कर रहा है।अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने खुलासा किया है कि पाकिस्तान उन देशों में शामिल है जो सक्रिय रूप से परमाणु हथियारों का परीक्षण कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ देशों की यही प्रवृत्ति दर्शाती है कि अमेरिका के लिए भी अपने परमाणु परीक्षण को फिर से शुरू करना जरूरी हो गया है।

पाकिस्तान सहित कई देश परमाणु परीक्षण कर रहे-ट्रंप

रविवार को सीबीएस न्यूज़ को दिए 60 मिनट के साक्षात्कार में, ट्रंप ने कहा कि रूस, चीन, उत्तर कोरिया और पाकिस्तान सहित कई देश परमाणु परीक्षण कर रहे हैं। लेकिन वो इसके बारे में बात नहीं करते हैं, लेकिन हम एक खुला समाज हैं, हम इसपर बात करते हैं। और हमें इसपर बात करनी होगी नहीं तो आप लोग (मीडिया) इसपर रिपोर्ट करेंगे। इसीलिए वो टेस्ट करते हैं, बार बार टेस्ट करते हैं। निश्चित तौर पर उत्तर कोरिया टेस्ट कर रहा है। पाकिस्तान न्यूक्लियर टेस्ट कर रहा है।

हमारे पास दुनिया को 150 बार उड़ाने के लिए परमाणु हथियार-ट्रंप

सीबीएस चैनल के खास कार्यक्रम '60 मिनट्स' को दिए गये एक इंटरव्यू के दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अमेरिका अपने विशाल परमाणु भंडार के बावजूद एकमात्र ऐसा देश नहीं हो सकता जो परीक्षण न करे। मैंने राष्ट्रपति पुतिन और राष्ट्रपति शी जिनपिंग, दोनों के साथ इस पर चर्चा की है। हमारे पास दुनिया को 150 बार उड़ाने के लिए पर्याप्त परमाणु हथियार हैं। रूस के पास बहुत सारे परमाणु हथियार हैं और चीन के पास भी बहुत सारे होंगे।" उन्होंने आगे कहा कि "अमेरिका अकेला ऐसा देश नहीं होना चाहिए जो परीक्षणों से परहेज करे।

रूस ने अपने सबसे घातक मिसाइल का किया परीक्षण

यह बयान उस वक्त आया है जब ट्रंप ने पहले ही रक्षा विभाग को निर्देश दिया है कि वे तुरंत परमाणु परीक्षण शुरू करें। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने करीब 30 सालों के बाद अमेरिका को फिर से परमाणु हथियारों की रेस में उस वक्त उतारा है, जब रूस ने अपनी सबसे घातक मिसाइल का परीक्षण किया है। ये परमाणु ऊर्जा से चलने वाली मिसाइल है, जो 15 घंटे से ज्यादा वक्त तक उड़ान भर सकती है।

प्रधानमंत्री मोदी आसियान समिट में शामिल होंगे या नहीं? मलेशिया के पीएम ने दी जानकारी

#pmmodiwillnotattendaseansummithopesfortrumpmeeting

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 47वें आसियान शिखर सम्मेलन के लिए कुआलालंपुर नहीं जाएंगे। मलयेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने बुधवार को इसकी पुष्टि की। उन्होने बताया कि पीएम मोदी आसियान शिखर सम्मेलन के लिए कुआलालंपुर नहीं जाएंगे, बल्कि वर्चुअली इसमें शामिल होंगे। मलयेशियाई प्रधानमंत्री ने पीएम मोदी के एक करीबी सहयोगी से फोन पर हुई बातचीत के बाद ये जानकारी दी। इस तरह मलेशिया दौरा न होने की वजह से पीएम मोदी और ट्रंप मुलाकात की संभावना भी खत्म हो गई है।

मलयेशिया के पीएम अनवर इब्राहिम पीएम मोदी के साथ फेन पर हुई बातचीत के बाद कहा, हमने इस महीने के अंत में कुआलालंपुर में होने वाले 47वें आसियान शिखर सम्मेलन के आयोजन पर चर्चा की। उन्होंने मुझे बताया कि इस समय भारत में चल रहे दीपावली समारोह के कारण प्रधानमंत्री वर्चुअली इसमें शामिल होंगे। मलयेशियाई पीएम ने कहा, मैं उनके फैसले का सम्मान करता हूं और उन्हें और भारत के सभी लोगों को दीपावली की शुभकामनाएं देता हूं।

आसियान शिखर सम्मेलन क लेकर पीएम मोदी ने दिया अपडेट

वहीं, आसियान शिखर सम्मेलन में शामिल होने को लेकर पीएम मोदी ने अपडेट दिया है। उन्होंने इस सम्मेलन में वर्चुअल शामिल होने की बात कही है। अपने एक्स हैंडल पर जानकारी देते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि मेरे प्रिय मित्र, मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम के साथ गर्मजोशी से बातचीत हुई। उन्हें मलेशिया की आसियान अध्यक्षता के लिए बधाई दी और आगामी शिखर सम्मेलनों की सफलता के लिए शुभकामनाएं दीं। आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में वर्चुअल रूप से शामिल होने और आसियान-भारत व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और प्रगाढ़ बनाने के लिए उत्सुक हूं।

एस जयशंकर कर सकते हैं भारत का प्रतिनिधित्व

न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार इस मामले की जानकारी रखने वाले अधिकारियों ने बताया कि विदेश मंत्री एस जयशंकर इन बैठकों में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। बता दें कि हाल के कुछ बैठकों में पीएम मोदी की जगह एस जयशंकर या दूसरे मंत्री ही भाग ले रहे हैं।

ट्रंप-मोदी मुलाकात के आसार प फिरा पानी

बता दें कि आसियान में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप हिस्सा ले रहे हैं। उम्मीद की जा रही थी कि यहां ट्रंप की मुलाकात पीएम मोदी और शी जिनपिंग से होगी। मगर पीएम मोदी की ओर से यह कन्फर्म हो गया है वह इस समिट में भाग नहीं ले रहे हैं। डोनाल्ड ट्रंप के अलावा, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग इस समिट में शामिल होंगे। ट्रंप शी जिनपिंग से भी मुलाकात को लेकर आतुर हैं। बहरहाल, आसियान समिट में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पीएम मोदी संग संभावित मुलाकात की राहें अब बंद हो गई हैं।

ट्रंप ने दी दिवाली की शुभकामनाएं तो पीएम मोदी ने दिया धन्यवाद, बोले-आतंकवाद के खिलाफ हम एकजुट

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दिवाली के खास मौके पर बधाई संदेश के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को धन्यवाद कहा है। डोनाल्ड ट्रंप ने दिवाली के खास मौके पर पीएम मोदी से फोन पर बात की। दीपावली की शुभकामनाओं के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को धन्यवाद दिया। साथ ही पीएम ने आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त रूप से लड़ने की उम्मीद जताई।

पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा कि राष्ट्रपति ट्रंप, आपके फोन कॉल और दिवाली की हार्दिक शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद। प्रकाश के इस पर्व पर हमारे दो महान लोकतंत्र दुनिया को आशा की किरण दिखाते रहें और आतंकवाद के सभी रूपों के खिलाफ एकजुट रहें।

ट्रंप ने व्हाइट हाउस में दीप जलाया

प्रधानमंत्री का यह सुबह का पोस्ट उस समय आया जब कुछ घंटे पहले ही राष्ट्रपति ट्रंप ने व्हाइट हाउस में एक विशेष दिवाली कार्यक्रम में दीप जलाया था। दीवाली के मौके पर डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि मैं भारत के लोगों को दिवाली की हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं। ट्रंप ने दिवाली के अवसर पर सभी भारतीय-अमेरिकी नागरिकों और विश्वभर में त्योहार मना रहे लोगों को हार्दिक शुभकामनाएं दी हैं। वॉशिंगटन से जारी अपने बयान में उन्होंने कहा कि आज मैं उन सभी अमेरिकियों को शुभकामनाएं देता हूं जो दिवाली, रोशनी का त्योहार मना रहे हैं।

रूस से तेल खरीद पर भी दिया बयान

इस दौरान पत्रकारों को बताया था कि उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से बातचीत की है। उन्होंने यह भी दोहराया कि प्रधानमंत्री ने रूसी तेल आयात में कमी लाने का आश्वासन दिया है और मई में भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव को रोका था। वह पहले भी कई बार ऐसे दावे कर चुके हैं। हालांकि भारतीय विदेश मंत्रालय ने ट्रंप के इन दावों को सिरे से खारिज कर दिया था।

कांग्रेस ने पीएम मोदी को बताया “मौनी बाबा”, पर साधा निशाना, ट्रंप के रूस से तेल खरीद के दावे पर साधा निशाना

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत और रूस के बीच कच्चा तेल खरीदने संबंधी दावे को लेकर देश का सियासी पारा हाई है। कांग्रेस लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साध रही है। इस बीच कांग्रेस ने पीएम मोदी पर तंज कसते हुए उन्हें 'मौनी बाबा' बताया है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने पीएम मोदी पर कटाक्ष करते हुए एक्स पर एक पोस्ट किया है

क्या बोले जयराम रमेश?

जयराम रमेश ने शनिवार को 'एक्स' पर पोस्ट किया, 'राष्ट्रपति ट्रंप ने एक बार फिर कहा है कि उनके 'अच्छे दोस्त' ने उन्हें आश्वासन दिया है कि भारत रूस से तेल के आयात में कटौती करेगा। लेकिन वह 'अच्छे दोस्त' उस वक्त अचानक 'मौनी बाबा' बन जाते हैं जब राष्ट्रपति ट्रंप कहते हैं कि उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर रुकवा दिया है और अब जब वह कहते हैं कि भारत रूस से तेल का आयात कम कर देगा।'

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने दावा के बाद तंज

रमेश ने एक्स पर किए अपने पोस्ट में आगे लिखा कि अप्रैल से सितंबर 2025 के बीच भारत का चीन के साथ व्यापार घाटा 54.4 अरब डॉलर तक बढ़ गया है, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह 49.6 अरब डॉलर था। उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने फिर दावा किया कि भारत अब रूस से तेल नहीं खरीदेगा और वह तनाव घटा रहा है और पीछे हट रहा है। यह दूसरी बार है जब ट्रंप ने ऐसा बयान दिया है।

ट्रंप ने क्या दावा किया?

इससे पहले गुरूवार को अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें आश्वासन दिया है कि नई दिल्ली रूसी कच्चे तेल की खरीद बंद कर देगा। रूस से कच्चे तेल के आयात को लेकर ट्रंप के पिछले दावे के बाद भारत सरकार ने कहा था कि वह बाजार की परिस्थितियों के अनुरूप ऊर्जा स्रोत के आधार को व्यापक और विविध बना रहा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने ट्रंप के दावे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि अस्थिर ऊर्जा परिदृश्य में भारतीय उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करना सरकार की निरंतर प्राथमिकता रही है।

रूस से तेल खरीदना जारी रखेगा भारत? डोनाल्ड ट्रंप के दावे पर विदेश मंत्रालय ने दिया जवाब

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भारत के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के उन दावों को लेकर जवाब दिया, जिनमें कहा गया था कि भारत जल्द ही रूस से तेल की खरीद को रोक सकता है। भारत ने साफ कर दिया है कि उसकी प्राथमिकता भारत के लोग हैं और कुछ नहीं। ट्रंप के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत का तेल आयात भारत के हितों की रक्षा के आधार पर तय होता है। भारतीय उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करना भारत की प्राथमिकता है।

देश के हितों को सुरक्षित रखना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने गुरुवार को ट्रंप के दावे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भारत एक बड़ा तेल और गैस आयातक देश है और अस्थिर वैश्विक ऊर्जा बाजार में देश के हितों को सुरक्षित रखना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। जायसवाल ने कहा कि हमारी ऊर्जा नीति के दो प्रमुख लक्ष्य हैं, जिसमें स्थिर ऊर्जा कीमतें बनाए रखा और आपूर्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करना शामिल हैं। इसी उद्देश्य से भारत अपने ऊर्जा स्रोतों को अलग-अलग बना रहा है और बाजार की परिस्थितियों के अनुसार आयात नीतियां तय कर रहा है।

अमेरिका के साथ तेल खरीद पर बातचीत जारी

विदेश मंत्रालय के बयान में आगे कहा गया, जहां तक अमेरिका का सवाल है, हम कई वर्षों से अपनी ऊर्जा खरीद का विस्तार करने का प्रयास कर रहे हैं। पिछले दशक में इसमें लगातार प्रगति हुई है। मौजूद अमेरिकी प्रशासन ने भारत के साथ ऊर्जा सहयोग को गहरा करने में रुचि दिखाई है। इस पर चर्चाएं जारी हैं।

डोनाल्ड ट्रंप ने क्या कहा था?

इससे पहले डोनाल्ड ट्रंप ने ओवल ऑफिस में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान समाचार एजेंसी एएनआई की ओर से पूछे गए एक सवाल के जवाब में दिया। एएनआई ने एक सवाल किया कि क्या अमेरिकी राष्ट्रपति भारत को एक विश्वसनीय साझेदार मानते हैं? इस पर ट्रंप ने कहा, हां, बिल्कुल। वह (पीएम मोदी) मेरे मित्र हैं। हमारे बीच बहुत अच्छे संबंध हैं। भारत रूस से तेल खरीद रहा है, इससे मैं खुश नहीं था। हालांकि, उन्होंने अब मुझे आश्वासन दिया है कि भारत रूस से तेल नहीं खरीदेगा। यह एक बड़ा कदम है।

क्या भारत अब रूस से तेल नहीं खरीदेगे, ट्रंप बोले- पीएम मोदी ने मुझे आश्वासन दिया, जानें दावों में कितनी सच्चाई?

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर देश का सियासी तापमान बढ़ाने वाला बयान दा है। ट्रंप ने बुधवार को दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें आश्वासन दिया है कि भारत रूस से तेल खरीदना बंद कर देगा। उन्होंने कहा कि भारत तुरंत ऐसा नहीं कर सकता लेकिन वह जल्द ही यह कदम उठाएगा। उन्होंने बुधवार को व्हाइट हाउस में एक कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों को ये जानकारी दी।

ट्रंप ने कहा, मैं इस बात से खुश नहीं था कि भारत तेल खरीद रहा है और उन्होंने आज मुझे आश्वासन दिया कि वे रूस से तेल नहीं खरीदेंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति ने इसे रूस को आर्थिक रूप से अलग-थलग करने के प्रयास में 'बड़ा कदम' बताया।उन्होंने आगे कहा कि अगर भारत रूस से तेल खरीदना बंद कर देता है तो उनके लिए रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष विराम कराने में आसानी होगी। अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि संघर्ष खत्म होने के बाद भारत फिर से रूस से तेल खरीद सकेगा।

ट्रंप ने क्या कहा?

डोनाल्ड ट्रंप ने ओवल ऑफिस में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान समाचार एजेंसी एएनआई की ओर से पूछे गए एक सवाल के जवाब में दिया। एएनआई ने एक सवाल किया कि क्या अमेरिकी राष्ट्रपति भारत को एक विश्वसनीय साझेदार मानते हैं? इस पर ट्रंप ने कहा, हां, बिल्कुल। वह (पीएम मोदी) मेरे मित्र हैं। हमारे बीच बहुत अच्छे संबंध हैं। भारत रूस से तेल खरीद रहा है, इससे मैं खुश नहीं था। हालांकि, उन्होंने अब मुझे आश्वासन दिया है कि भारत रूस से तेल नहीं खरीदेगा। यह एक बड़ा कदम है। अब हमें चीन से भी यही करवाना होगा।

भारत सरकार ने ट्रंप के दावे की पुष्टि नहीं की

ट्रंप ने आगे कहा कि राष्ट्रपति पुतिन से बस यही चाहते हैं कि वे इस युद्ध को रोकें और यूक्रेनियों और रूसियों को मारना बंद करें क्योंकि वे बहुत सारे रूसियों को मार रहे हैं। जेलेंस्की और व्लादिमीर पुतिन के बीच एक-दूसरे के लिए नफरत बहुत ज्यादा है, जो एक बड़ी रुकावट है। ट्रंप ने कहा कि लेकिन उन्हें लगता है कि हम उन्हें सुलझा लेंगे। उन्होंने कहा कि अगर भारत रूस से तेल खरीदना बंद कर देगा तो यह काम और आसान हो जाएगा और युद्ध खत्म होने के बाद व्यापार फिर से शुरू हो जाएगा। नई दिल्ली ने अभी तक ट्रंप के दावे को लेकर पुष्टि नहीं की है।

रूस पर दबाव बढ़ा रहे डोनाल्ड ट्रंप

ट्रंप का बयान ऐसे समय में आया है, जब अमेरिकी यूक्रेन में युद्ध रोकने के लिए रूस की आर्थिक नाकेबंदी कर रहा है और यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहा है कि मॉस्को के खिलाफ प्रतिबंध कारगर हों। रूसी तेल खरीदना बंद करने का वादा वैश्विक ऊर्जा कूटनीति में एक बड़ा मोड़ साबित हो सकता है।

भारत महान देश और मेरे बहुत अच्छे दोस्त वहां...', शाहबाज शरीफ के सामने ही ट्रंप ने की पीएम मोदी की तारीफ

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सोमवार को मिस्र में हुए गाजा पीस समिट में अमेरिकी राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बिना नाम लिए तारीफ की। ऐसा ट्रंप ने तब किया जब पास में ही पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ भी खड़े थे। दरअसल, पाक पीएम प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने सोमवार को मिस्र के शर्मअल शेख में गाजा पीस समिट के दौरान ट्रंप की खुलकर तारीफ की। उन्होंने ट्रंप को ‘मैन ऑफ पीस’ कहकर पुकारा। हालांकि, ट्रंप ने उसी वक्‍त भारत को महान देश बता द‍िया। इतना ही नहीं, शहबाज शरीफ से हामी भी भरवा ली।

गाजा समझौते के बीच ट्रंप ने की पीएम मोदी की तारीफ

ट्रंप ने गाजा में इजराइल-हमास के बीच करीब दो साल से जारी युद्ध को समाप्त करने के लिए युद्ध विराम पर बनी सहमति के बाद मिस्र के शर्म अल शेख शहर में विश्व नेताओं के एक सम्मेलन को संबोधित किया। ट्रंप ने मिस्र के शर्म अल-शेख शिखर सम्मेलन में इजराइल-हमास युद्ध को खत्म करने वाले ऐतिहासिक शांति समझौते पर हस्ताक्षर के बाद कहा, भारत एक महान देश है और वहां मेरा एक बहुत अच्छा दोस्त है, जिसने शानदार काम किया है। 

ट्रंप ने शहबाज शरीफ से पूछा-सब ठीक है?

ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान के संबंधों में सुधार आने की उम्मीद भी जताई है। उन्होंने कहा, मुझे उम्मीद है कि पाकिस्तान और भारत बहुत अच्छे से साथ रहेंगे। यह बोलने के बाद उन्होंने अपने ठीक पीछे खड़े शहबाज शरीफ से पूछा, ठीक है? इसपर शरीफ मुस्कुराए और सिर हिलाकर सहमति जताई।

हम तीसरा विश्व युद्ध नहीं लड़ेंगे-ट्रंप

इस दौरान ट्रंप ने गाजा शांति शिखर सम्मेलन में कहा कि यह मध्य पूर्व से परे दुनिया के इतिहास में एक महत्वपूर्ण क्षण है। हम सभी इस बात पर सहमत हैं कि गाजा का समर्थन लोगों के उत्थान के लिए ही किया जाना चाहिए। लेकिन हम अतीत में हुए रक्तपात, घृणा या आतंक से जुड़ी किसी भी चीज को वित्तपोषित नहीं करना चाहते। हम इस बात पर भी सहमत हैं कि गाजा के पुनर्निर्माण के लिए यह आवश्यक है कि इसे विसैन्यीकृत किया जाए और गाजा में लोगों के लिए सुरक्षित वातावरण बनाने के लिए एक नए ईमानदार नागरिक पुलिस बल की स्थापना की जाए। मैं एक बेहतर भविष्य सुनिश्चित करने में भागीदार बनने का इरादा रखता हूं। उम्मीद है कि तीसरा विश्व युद्ध नहीं होगा, लेकिन यह मध्य पूर्व में शुरू नहीं होने वाला है। हम तीसरा विश्व युद्ध नहीं लड़ेंगे।

भारत को फिर झटका देंगे ट्रंप! भारत से निर्यात होने वाले चावल पर सख्ती के दिए संकेत

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप टैरिफ मामले में भारत को एक और झटका दे सकते हैं। ट्रंप ने संकेत दिया है कि उनका प्रशासन विदेशी कृषि उत्पादों पर नए टैरिफ लगाने पर विचार कर सकता है, जिसमें भारतीय चावल और कनाडाई उर्वरक शामिल हैं। ट्रंप का ये बयान रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के हाल ही में भारत दौरे के बाद आया है।

भारत के सस्ते चावल से अमेरिकी उत्पादक परेशान

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में अमेरिकी किसानों के लिए 12 अरब डॉलर की मदद करने का ऐलान करते हुए कहा कि भारत से सस्ता चावल आने की वजह से अमेरिका के चावल उत्पादक परेशान हैं और उनके दाम गिर रहे हैं। ये बात उन्हें अमेरिका की बड़ी चावल कंपनी कैनेडी राइस मिल्स की मालकिन और सीईओ मेरिल कैनेडी ने बताई, जिसके बाद ट्रंप ने साफ कहा कि वे भारतीय चावल पर और ज्यादा टैरिफ लगाने का प्लान बना रहे हैं ताकि अमेरिकी किसानों को बचाया जा सके।

अमेरिकी किसानों को ट्रंप ने दिया भरोसा

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को एक लिस्ट दी गई जिसमें भारत, थाईलैंड और चीन जैसे देशों पर अमेरिका में सस्ता चावल डंप करने का आरोप लगा था। लिस्ट देखकर ट्रंप ने नाराजगी जताई और अपने वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट से पूछा, “भारत के बारे में बताओ, भारत ऐसा क्यों कर रहा है? क्या चावल पर कोई टैरिफ छूट है?” ट्रंप ने साफ कहा कि अमेरिकी किसानों को बचाने के लिए अब भारतीय चावल पर और सख्त टैरिफ लग सकता है।

ट्रंप बोले- भारतीय चावल की डंपिंग पर ध्यान देंगे

अमेरिकी किसानों ने डोनाल्ड ट्रंप से कहा है कि सब्सिडी वाले चावल के बेशुमार आयात से मार्किट पर असर पड़ रहा है। इससे घरेलू फसलों की कीमतें नीचे जा रही हैं। इस पर ट्रंप ने जवाब दिया कि यह धोखा है और इस पर नए टैरिफ लगाए जा सकते हैं। ट्रंप ने कहा कि वह अमेरिका में भारतीय चावल की डंपिंग पर जरूर ध्यान देंगे।

अमेरिका में 19 देशों के ग्रीन कार्ड होल्डर्स की फिर होगी जांच, नेशनल गार्ड पर हमले के बाद ट्रंप का बड़ा फैसला

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वॉशिंगटन डीसी में नेशनल गार्ड पर हुए हमले के बाद अब अमेरिका ने बड़ा कदम उठाया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की है कि 19 देशों से आने वाले सभी लोगों के ग्रीन कार्ड की दोबारा गहन जांच की जाएगी। यह फैसला वॉशिंगटन में नेशनल गार्ड सैनिकों पर हुए हमले के बाद आया है, जिसमें एक महिला सैनिक की मौत हो गई और दूसरा गंभीर रूप से घायल है।

अमेरिकी नागरिकता एवं इमिग्रेशन सेवा (USCIS) के निदेशक जोसेफ एडलो ने कहा कि राष्ट्रपति के निर्देश पर यह जांच ‘पूरी तरह कठोर और फुल-स्केल’ होगी। सीएनएन के मुताबिक, जिन 19 देशों को ‘कंट्रीज ऑफ कंसर्न’ की सूची में रखा गया है, उन्हें ट्रंप प्रशासन ने जून में ही चिन्हित किया थ। जिसमें अफगानिस्तान, क्यूबा, हैती, ईरान, सोमालिया और वेनेजुएला, बर्मा, चाड, रिपब्लिक ऑफ कांगो और लीबिया शामिल थे। अमेरिका ने अफगानिस्तान से सभी इमिग्रेशन रिक्वेस्ट को प्रोसेस करना भी रोक दिया है।

अफगान नागरिकों की बढ़ी मुश्किलें

वहीं, होमलैंड सिक्योरिटी विभाग ने भी कहा है कि बाइडेन प्रशासन के दौरान मंजूर किये गये सभी आश्रय मामलों की समीक्षा की जा रही है। DHS ने बताया कि अफगान नागरिकों के इमिग्रेशन अनुरोधों की प्रोसेसिंग तात्कालिक रूप से रोक दी गयी है जब तक सुरक्षा और वेटिंग प्रोटोकॉल की समीक्षा पूरी नहीं होती। प्रशासन ने यह कदम ‘बैकलॉग और संभावित गलत वेटिंग’ का हवाला देकर लिया है।

एफबीआई कर रही हमले की जांच

हमले की जांच अब एफबीआई संभाल रही है। एफबीआई निदेशक कश पटेल ने कहा कि यह हमला ‘आतंक की घटना’ के रूप में जांचा जा रहा है और कई राज्यों में सर्च वारंट जारी किए गए हैं। उन्होंने इसे ‘कोस्ट-टू-कोस्ट इन्वेस्टिगेशन’ बताया।

ट्रंप ने बदले सुर, बोले-कुशल विदेशी लोगों का अमेरिका आना जरूरी

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप आव्रजन (इमिग्रेशन) पर सख्त रुख के लिए जाने जाते हैं। हालांकि, अब उनके सुर बदले-बदले से लग रहे हैं। दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति ने साफ कहा कि हाई-स्किल्ड विदेशी कामगार अमेरिका की टेक इंडस्ट्री के लिए जरूरी हैं। ट्रंप ने कहा है कि अमेरिका की टेक कंपनियों को विदेशी कुशल कर्मचारियों की जरूरत है। उनके बिना अमेरिकी लोगों को कंप्यूटर चिप्स और दूसरी तकनीकी चीजें बनाना सीखना मुश्किल होगा।

अमेरिका में आयोजित यूएस-सऊदी इन्वेस्टमेंट फोरम में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को उन्होंने स्वीकार किया कि हाल ही में उनके "मेक अमेरिका ग्रेट अगेन" (MAGA) समर्थकों द्वारा कुछ कुशल प्रवासियों को देश में आने की अनुमति देने के उनके बयान की आलोचना की गई है। ट्रंप ने व्यावसायिक अधिकारियों के एक समूह से कहा कि अमेरिका को ऐसे प्रवासियों की जरूरत है जो उच्च तकनीक वाली फैक्टरियों में घरेलू कामगारों को प्रशिक्षित कर सकें। उन्होंने जोर देकर कहा कि ऐसा करना उनके मूल राजनीतिक विश्वासों के साथ असंगत नहीं है।

विरोधियों को ट्रंप का जवाब

ट्रंप ने कहा, मुझे अपने रूढ़िवादी दोस्त पसंद हैं। मुझे MAGA पसंद है, लेकिन यही MAGA है। ट्रंप ने यूएस-सऊदी निवेश फोरम को संबोधित करते हुए कहा, वे लोग हमारे लोगों को कंप्यूटर चिप बनाना सिखाएंगे, और कुछ ही समय में हमारे लोग बहुत अच्छा प्रदर्शन करेंगे। और वे लोग घर जा सकेंगे। इस टिप्पणी पर कमरे में तालियां बजीं।

ट्रंप ने जताई H-1B वीज़ा की जरूरत

पिछले हफ्ते, ट्रंप ने इसी मुद्दे पर फॉक्स न्यूज की होस्ट लॉरा इंग्राहम से बहस की। इंग्राहम ने ट्रंप के साथ एक साक्षात्कार में सुझाव दिया कि आप देश में लाखों विदेशी कर्मचारियों की बाढ़ नहीं ला सकते, जिस पर राष्ट्रपति ने जवाब दिया कि आपको प्रतिभाओं को भी लाना होगा। ट्रंप ने कहा था कि H-1B वीज़ा की जरूरत इसलिए है क्योंकि अमेरिका में हर तरह की तकनीकी प्रतिभा मौजूद नहीं है। H-1B वीजा अमेरिकी कंपनियों को छह साल तक विदेशी कुशल कर्मचारियों को काम पर रखने की अनुमति देता है।

H-1B वीजा को लेकर है विवाद

दक्षिणपंथी अमेरिकी लंबे समय से H-1B वीजा को अमेरिकी कामगारों के खिलाफ मानता रहा है। उनका आरोप है कि इस कार्यक्रम के जरिए अमेरिकी कंपनियां विदेशों से सस्ता कामगार लाकर अमेरिकी इंजीनियरों और प्रोग्रामर्स को रिप्लेस कर देती हैं। कुछ हाई-प्रोफाइल मामलों में अमेरिकियों की छंटनी और फिर उन्हें H-1B कर्मचारियों को ट्रेन देने के लिए कहे जाने ने इस गुस्से को और बढ़ाया। ट्रंप ने अपने पिछले चुनाव अभियानों के दौरान कई बार H-1B पर सवाल उठाए थे। लेकिन सितंबर 2025 में उन्होंने एक नया आदेश साइन किया जिसमें अमेरिका के बाहर से दायर होने वाले हर नए H-1B आवेदन पर एक बार का 100,000 डॉलर शुल्क लगाने की घोषणा की गई।

पाकिस्तान भी कर रहा परमाणु परीक्षण, ट्रंप ने किया बड़ा खुलासा

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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि पाकिस्तान परमाणु परीक्षण कर रहा है।अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने खुलासा किया है कि पाकिस्तान उन देशों में शामिल है जो सक्रिय रूप से परमाणु हथियारों का परीक्षण कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ देशों की यही प्रवृत्ति दर्शाती है कि अमेरिका के लिए भी अपने परमाणु परीक्षण को फिर से शुरू करना जरूरी हो गया है।

पाकिस्तान सहित कई देश परमाणु परीक्षण कर रहे-ट्रंप

रविवार को सीबीएस न्यूज़ को दिए 60 मिनट के साक्षात्कार में, ट्रंप ने कहा कि रूस, चीन, उत्तर कोरिया और पाकिस्तान सहित कई देश परमाणु परीक्षण कर रहे हैं। लेकिन वो इसके बारे में बात नहीं करते हैं, लेकिन हम एक खुला समाज हैं, हम इसपर बात करते हैं। और हमें इसपर बात करनी होगी नहीं तो आप लोग (मीडिया) इसपर रिपोर्ट करेंगे। इसीलिए वो टेस्ट करते हैं, बार बार टेस्ट करते हैं। निश्चित तौर पर उत्तर कोरिया टेस्ट कर रहा है। पाकिस्तान न्यूक्लियर टेस्ट कर रहा है।

हमारे पास दुनिया को 150 बार उड़ाने के लिए परमाणु हथियार-ट्रंप

सीबीएस चैनल के खास कार्यक्रम '60 मिनट्स' को दिए गये एक इंटरव्यू के दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अमेरिका अपने विशाल परमाणु भंडार के बावजूद एकमात्र ऐसा देश नहीं हो सकता जो परीक्षण न करे। मैंने राष्ट्रपति पुतिन और राष्ट्रपति शी जिनपिंग, दोनों के साथ इस पर चर्चा की है। हमारे पास दुनिया को 150 बार उड़ाने के लिए पर्याप्त परमाणु हथियार हैं। रूस के पास बहुत सारे परमाणु हथियार हैं और चीन के पास भी बहुत सारे होंगे।" उन्होंने आगे कहा कि "अमेरिका अकेला ऐसा देश नहीं होना चाहिए जो परीक्षणों से परहेज करे।

रूस ने अपने सबसे घातक मिसाइल का किया परीक्षण

यह बयान उस वक्त आया है जब ट्रंप ने पहले ही रक्षा विभाग को निर्देश दिया है कि वे तुरंत परमाणु परीक्षण शुरू करें। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने करीब 30 सालों के बाद अमेरिका को फिर से परमाणु हथियारों की रेस में उस वक्त उतारा है, जब रूस ने अपनी सबसे घातक मिसाइल का परीक्षण किया है। ये परमाणु ऊर्जा से चलने वाली मिसाइल है, जो 15 घंटे से ज्यादा वक्त तक उड़ान भर सकती है।

प्रधानमंत्री मोदी आसियान समिट में शामिल होंगे या नहीं? मलेशिया के पीएम ने दी जानकारी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 47वें आसियान शिखर सम्मेलन के लिए कुआलालंपुर नहीं जाएंगे। मलयेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने बुधवार को इसकी पुष्टि की। उन्होने बताया कि पीएम मोदी आसियान शिखर सम्मेलन के लिए कुआलालंपुर नहीं जाएंगे, बल्कि वर्चुअली इसमें शामिल होंगे। मलयेशियाई प्रधानमंत्री ने पीएम मोदी के एक करीबी सहयोगी से फोन पर हुई बातचीत के बाद ये जानकारी दी। इस तरह मलेशिया दौरा न होने की वजह से पीएम मोदी और ट्रंप मुलाकात की संभावना भी खत्म हो गई है।

मलयेशिया के पीएम अनवर इब्राहिम पीएम मोदी के साथ फेन पर हुई बातचीत के बाद कहा, हमने इस महीने के अंत में कुआलालंपुर में होने वाले 47वें आसियान शिखर सम्मेलन के आयोजन पर चर्चा की। उन्होंने मुझे बताया कि इस समय भारत में चल रहे दीपावली समारोह के कारण प्रधानमंत्री वर्चुअली इसमें शामिल होंगे। मलयेशियाई पीएम ने कहा, मैं उनके फैसले का सम्मान करता हूं और उन्हें और भारत के सभी लोगों को दीपावली की शुभकामनाएं देता हूं।

आसियान शिखर सम्मेलन क लेकर पीएम मोदी ने दिया अपडेट

वहीं, आसियान शिखर सम्मेलन में शामिल होने को लेकर पीएम मोदी ने अपडेट दिया है। उन्होंने इस सम्मेलन में वर्चुअल शामिल होने की बात कही है। अपने एक्स हैंडल पर जानकारी देते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि मेरे प्रिय मित्र, मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम के साथ गर्मजोशी से बातचीत हुई। उन्हें मलेशिया की आसियान अध्यक्षता के लिए बधाई दी और आगामी शिखर सम्मेलनों की सफलता के लिए शुभकामनाएं दीं। आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में वर्चुअल रूप से शामिल होने और आसियान-भारत व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और प्रगाढ़ बनाने के लिए उत्सुक हूं।

एस जयशंकर कर सकते हैं भारत का प्रतिनिधित्व

न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार इस मामले की जानकारी रखने वाले अधिकारियों ने बताया कि विदेश मंत्री एस जयशंकर इन बैठकों में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। बता दें कि हाल के कुछ बैठकों में पीएम मोदी की जगह एस जयशंकर या दूसरे मंत्री ही भाग ले रहे हैं।

ट्रंप-मोदी मुलाकात के आसार प फिरा पानी

बता दें कि आसियान में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप हिस्सा ले रहे हैं। उम्मीद की जा रही थी कि यहां ट्रंप की मुलाकात पीएम मोदी और शी जिनपिंग से होगी। मगर पीएम मोदी की ओर से यह कन्फर्म हो गया है वह इस समिट में भाग नहीं ले रहे हैं। डोनाल्ड ट्रंप के अलावा, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग इस समिट में शामिल होंगे। ट्रंप शी जिनपिंग से भी मुलाकात को लेकर आतुर हैं। बहरहाल, आसियान समिट में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पीएम मोदी संग संभावित मुलाकात की राहें अब बंद हो गई हैं।

ट्रंप ने दी दिवाली की शुभकामनाएं तो पीएम मोदी ने दिया धन्यवाद, बोले-आतंकवाद के खिलाफ हम एकजुट

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दिवाली के खास मौके पर बधाई संदेश के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को धन्यवाद कहा है। डोनाल्ड ट्रंप ने दिवाली के खास मौके पर पीएम मोदी से फोन पर बात की। दीपावली की शुभकामनाओं के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को धन्यवाद दिया। साथ ही पीएम ने आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त रूप से लड़ने की उम्मीद जताई।

पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा कि राष्ट्रपति ट्रंप, आपके फोन कॉल और दिवाली की हार्दिक शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद। प्रकाश के इस पर्व पर हमारे दो महान लोकतंत्र दुनिया को आशा की किरण दिखाते रहें और आतंकवाद के सभी रूपों के खिलाफ एकजुट रहें।

ट्रंप ने व्हाइट हाउस में दीप जलाया

प्रधानमंत्री का यह सुबह का पोस्ट उस समय आया जब कुछ घंटे पहले ही राष्ट्रपति ट्रंप ने व्हाइट हाउस में एक विशेष दिवाली कार्यक्रम में दीप जलाया था। दीवाली के मौके पर डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि मैं भारत के लोगों को दिवाली की हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं। ट्रंप ने दिवाली के अवसर पर सभी भारतीय-अमेरिकी नागरिकों और विश्वभर में त्योहार मना रहे लोगों को हार्दिक शुभकामनाएं दी हैं। वॉशिंगटन से जारी अपने बयान में उन्होंने कहा कि आज मैं उन सभी अमेरिकियों को शुभकामनाएं देता हूं जो दिवाली, रोशनी का त्योहार मना रहे हैं।

रूस से तेल खरीद पर भी दिया बयान

इस दौरान पत्रकारों को बताया था कि उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से बातचीत की है। उन्होंने यह भी दोहराया कि प्रधानमंत्री ने रूसी तेल आयात में कमी लाने का आश्वासन दिया है और मई में भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव को रोका था। वह पहले भी कई बार ऐसे दावे कर चुके हैं। हालांकि भारतीय विदेश मंत्रालय ने ट्रंप के इन दावों को सिरे से खारिज कर दिया था।

कांग्रेस ने पीएम मोदी को बताया “मौनी बाबा”, पर साधा निशाना, ट्रंप के रूस से तेल खरीद के दावे पर साधा निशाना

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत और रूस के बीच कच्चा तेल खरीदने संबंधी दावे को लेकर देश का सियासी पारा हाई है। कांग्रेस लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साध रही है। इस बीच कांग्रेस ने पीएम मोदी पर तंज कसते हुए उन्हें 'मौनी बाबा' बताया है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने पीएम मोदी पर कटाक्ष करते हुए एक्स पर एक पोस्ट किया है

क्या बोले जयराम रमेश?

जयराम रमेश ने शनिवार को 'एक्स' पर पोस्ट किया, 'राष्ट्रपति ट्रंप ने एक बार फिर कहा है कि उनके 'अच्छे दोस्त' ने उन्हें आश्वासन दिया है कि भारत रूस से तेल के आयात में कटौती करेगा। लेकिन वह 'अच्छे दोस्त' उस वक्त अचानक 'मौनी बाबा' बन जाते हैं जब राष्ट्रपति ट्रंप कहते हैं कि उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर रुकवा दिया है और अब जब वह कहते हैं कि भारत रूस से तेल का आयात कम कर देगा।'

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने दावा के बाद तंज

रमेश ने एक्स पर किए अपने पोस्ट में आगे लिखा कि अप्रैल से सितंबर 2025 के बीच भारत का चीन के साथ व्यापार घाटा 54.4 अरब डॉलर तक बढ़ गया है, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह 49.6 अरब डॉलर था। उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने फिर दावा किया कि भारत अब रूस से तेल नहीं खरीदेगा और वह तनाव घटा रहा है और पीछे हट रहा है। यह दूसरी बार है जब ट्रंप ने ऐसा बयान दिया है।

ट्रंप ने क्या दावा किया?

इससे पहले गुरूवार को अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें आश्वासन दिया है कि नई दिल्ली रूसी कच्चे तेल की खरीद बंद कर देगा। रूस से कच्चे तेल के आयात को लेकर ट्रंप के पिछले दावे के बाद भारत सरकार ने कहा था कि वह बाजार की परिस्थितियों के अनुरूप ऊर्जा स्रोत के आधार को व्यापक और विविध बना रहा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने ट्रंप के दावे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि अस्थिर ऊर्जा परिदृश्य में भारतीय उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करना सरकार की निरंतर प्राथमिकता रही है।

रूस से तेल खरीदना जारी रखेगा भारत? डोनाल्ड ट्रंप के दावे पर विदेश मंत्रालय ने दिया जवाब

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भारत के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के उन दावों को लेकर जवाब दिया, जिनमें कहा गया था कि भारत जल्द ही रूस से तेल की खरीद को रोक सकता है। भारत ने साफ कर दिया है कि उसकी प्राथमिकता भारत के लोग हैं और कुछ नहीं। ट्रंप के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत का तेल आयात भारत के हितों की रक्षा के आधार पर तय होता है। भारतीय उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करना भारत की प्राथमिकता है।

देश के हितों को सुरक्षित रखना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने गुरुवार को ट्रंप के दावे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भारत एक बड़ा तेल और गैस आयातक देश है और अस्थिर वैश्विक ऊर्जा बाजार में देश के हितों को सुरक्षित रखना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। जायसवाल ने कहा कि हमारी ऊर्जा नीति के दो प्रमुख लक्ष्य हैं, जिसमें स्थिर ऊर्जा कीमतें बनाए रखा और आपूर्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करना शामिल हैं। इसी उद्देश्य से भारत अपने ऊर्जा स्रोतों को अलग-अलग बना रहा है और बाजार की परिस्थितियों के अनुसार आयात नीतियां तय कर रहा है।

अमेरिका के साथ तेल खरीद पर बातचीत जारी

विदेश मंत्रालय के बयान में आगे कहा गया, जहां तक अमेरिका का सवाल है, हम कई वर्षों से अपनी ऊर्जा खरीद का विस्तार करने का प्रयास कर रहे हैं। पिछले दशक में इसमें लगातार प्रगति हुई है। मौजूद अमेरिकी प्रशासन ने भारत के साथ ऊर्जा सहयोग को गहरा करने में रुचि दिखाई है। इस पर चर्चाएं जारी हैं।

डोनाल्ड ट्रंप ने क्या कहा था?

इससे पहले डोनाल्ड ट्रंप ने ओवल ऑफिस में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान समाचार एजेंसी एएनआई की ओर से पूछे गए एक सवाल के जवाब में दिया। एएनआई ने एक सवाल किया कि क्या अमेरिकी राष्ट्रपति भारत को एक विश्वसनीय साझेदार मानते हैं? इस पर ट्रंप ने कहा, हां, बिल्कुल। वह (पीएम मोदी) मेरे मित्र हैं। हमारे बीच बहुत अच्छे संबंध हैं। भारत रूस से तेल खरीद रहा है, इससे मैं खुश नहीं था। हालांकि, उन्होंने अब मुझे आश्वासन दिया है कि भारत रूस से तेल नहीं खरीदेगा। यह एक बड़ा कदम है।

क्या भारत अब रूस से तेल नहीं खरीदेगे, ट्रंप बोले- पीएम मोदी ने मुझे आश्वासन दिया, जानें दावों में कितनी सच्चाई?

#trumpsaidpmmodiassuredhimindiawillstopbuyingoilfromrussia

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर देश का सियासी तापमान बढ़ाने वाला बयान दा है। ट्रंप ने बुधवार को दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें आश्वासन दिया है कि भारत रूस से तेल खरीदना बंद कर देगा। उन्होंने कहा कि भारत तुरंत ऐसा नहीं कर सकता लेकिन वह जल्द ही यह कदम उठाएगा। उन्होंने बुधवार को व्हाइट हाउस में एक कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों को ये जानकारी दी।

ट्रंप ने कहा, मैं इस बात से खुश नहीं था कि भारत तेल खरीद रहा है और उन्होंने आज मुझे आश्वासन दिया कि वे रूस से तेल नहीं खरीदेंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति ने इसे रूस को आर्थिक रूप से अलग-थलग करने के प्रयास में 'बड़ा कदम' बताया।उन्होंने आगे कहा कि अगर भारत रूस से तेल खरीदना बंद कर देता है तो उनके लिए रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष विराम कराने में आसानी होगी। अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि संघर्ष खत्म होने के बाद भारत फिर से रूस से तेल खरीद सकेगा।

ट्रंप ने क्या कहा?

डोनाल्ड ट्रंप ने ओवल ऑफिस में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान समाचार एजेंसी एएनआई की ओर से पूछे गए एक सवाल के जवाब में दिया। एएनआई ने एक सवाल किया कि क्या अमेरिकी राष्ट्रपति भारत को एक विश्वसनीय साझेदार मानते हैं? इस पर ट्रंप ने कहा, हां, बिल्कुल। वह (पीएम मोदी) मेरे मित्र हैं। हमारे बीच बहुत अच्छे संबंध हैं। भारत रूस से तेल खरीद रहा है, इससे मैं खुश नहीं था। हालांकि, उन्होंने अब मुझे आश्वासन दिया है कि भारत रूस से तेल नहीं खरीदेगा। यह एक बड़ा कदम है। अब हमें चीन से भी यही करवाना होगा।

भारत सरकार ने ट्रंप के दावे की पुष्टि नहीं की

ट्रंप ने आगे कहा कि राष्ट्रपति पुतिन से बस यही चाहते हैं कि वे इस युद्ध को रोकें और यूक्रेनियों और रूसियों को मारना बंद करें क्योंकि वे बहुत सारे रूसियों को मार रहे हैं। जेलेंस्की और व्लादिमीर पुतिन के बीच एक-दूसरे के लिए नफरत बहुत ज्यादा है, जो एक बड़ी रुकावट है। ट्रंप ने कहा कि लेकिन उन्हें लगता है कि हम उन्हें सुलझा लेंगे। उन्होंने कहा कि अगर भारत रूस से तेल खरीदना बंद कर देगा तो यह काम और आसान हो जाएगा और युद्ध खत्म होने के बाद व्यापार फिर से शुरू हो जाएगा। नई दिल्ली ने अभी तक ट्रंप के दावे को लेकर पुष्टि नहीं की है।

रूस पर दबाव बढ़ा रहे डोनाल्ड ट्रंप

ट्रंप का बयान ऐसे समय में आया है, जब अमेरिकी यूक्रेन में युद्ध रोकने के लिए रूस की आर्थिक नाकेबंदी कर रहा है और यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहा है कि मॉस्को के खिलाफ प्रतिबंध कारगर हों। रूसी तेल खरीदना बंद करने का वादा वैश्विक ऊर्जा कूटनीति में एक बड़ा मोड़ साबित हो सकता है।

भारत महान देश और मेरे बहुत अच्छे दोस्त वहां...', शाहबाज शरीफ के सामने ही ट्रंप ने की पीएम मोदी की तारीफ

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सोमवार को मिस्र में हुए गाजा पीस समिट में अमेरिकी राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बिना नाम लिए तारीफ की। ऐसा ट्रंप ने तब किया जब पास में ही पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ भी खड़े थे। दरअसल, पाक पीएम प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने सोमवार को मिस्र के शर्मअल शेख में गाजा पीस समिट के दौरान ट्रंप की खुलकर तारीफ की। उन्होंने ट्रंप को ‘मैन ऑफ पीस’ कहकर पुकारा। हालांकि, ट्रंप ने उसी वक्‍त भारत को महान देश बता द‍िया। इतना ही नहीं, शहबाज शरीफ से हामी भी भरवा ली।

गाजा समझौते के बीच ट्रंप ने की पीएम मोदी की तारीफ

ट्रंप ने गाजा में इजराइल-हमास के बीच करीब दो साल से जारी युद्ध को समाप्त करने के लिए युद्ध विराम पर बनी सहमति के बाद मिस्र के शर्म अल शेख शहर में विश्व नेताओं के एक सम्मेलन को संबोधित किया। ट्रंप ने मिस्र के शर्म अल-शेख शिखर सम्मेलन में इजराइल-हमास युद्ध को खत्म करने वाले ऐतिहासिक शांति समझौते पर हस्ताक्षर के बाद कहा, भारत एक महान देश है और वहां मेरा एक बहुत अच्छा दोस्त है, जिसने शानदार काम किया है। 

ट्रंप ने शहबाज शरीफ से पूछा-सब ठीक है?

ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान के संबंधों में सुधार आने की उम्मीद भी जताई है। उन्होंने कहा, मुझे उम्मीद है कि पाकिस्तान और भारत बहुत अच्छे से साथ रहेंगे। यह बोलने के बाद उन्होंने अपने ठीक पीछे खड़े शहबाज शरीफ से पूछा, ठीक है? इसपर शरीफ मुस्कुराए और सिर हिलाकर सहमति जताई।

हम तीसरा विश्व युद्ध नहीं लड़ेंगे-ट्रंप

इस दौरान ट्रंप ने गाजा शांति शिखर सम्मेलन में कहा कि यह मध्य पूर्व से परे दुनिया के इतिहास में एक महत्वपूर्ण क्षण है। हम सभी इस बात पर सहमत हैं कि गाजा का समर्थन लोगों के उत्थान के लिए ही किया जाना चाहिए। लेकिन हम अतीत में हुए रक्तपात, घृणा या आतंक से जुड़ी किसी भी चीज को वित्तपोषित नहीं करना चाहते। हम इस बात पर भी सहमत हैं कि गाजा के पुनर्निर्माण के लिए यह आवश्यक है कि इसे विसैन्यीकृत किया जाए और गाजा में लोगों के लिए सुरक्षित वातावरण बनाने के लिए एक नए ईमानदार नागरिक पुलिस बल की स्थापना की जाए। मैं एक बेहतर भविष्य सुनिश्चित करने में भागीदार बनने का इरादा रखता हूं। उम्मीद है कि तीसरा विश्व युद्ध नहीं होगा, लेकिन यह मध्य पूर्व में शुरू नहीं होने वाला है। हम तीसरा विश्व युद्ध नहीं लड़ेंगे।