रोहिंग्याओं पर कश्मीर में मची रार, प्रशासन ने काटे घुसपैठियों के घरों के बिजली-पानी कनेक्शन, नेकां ने समर्थन में उठायी आवाज
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जम्मू में रोहिंग्याओं को लेकर सियासी बवाल मचा हुआ है। प्रशासन ने 400 से अधिक रोहिंग्या परिवारों के बिजली और पानी के कनेक्शन काट दिए हैं। जम्मू में रोहिंग्या आबादी में वृद्धि का संकेत देने वाली खुफिया रिपोर्टों के बाद रोहिंग्याओं के खिलाफ यह कार्रवाई की गई है। जम्मू-कश्मीर में रोहिंग्याओं को बसाने के मुद्दे पर भाजपा आक्रामक रुख अपनाए है। बीजेपी ने इस मामले में नेशनल कांन्फ्रेंस और कांग्रेस को घेरा है। साथ ही रोहिंग्याओं को देश की सुरक्षा के लिए खतरा बता उन्हें जम्मू-कश्मीर से निकालने के साथ इन्हें यहां बसाने वालों के खिलाफ जांच की मांग उठा रही है। वहीं, जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस पार्टी के प्रेसिडेंट फारूक अब्दुल्ला का कहना है कि इन शरणार्थियों को भारत सरकार यहां लाई है।
एक दिन पहले भाजपा ने जम्मू में रोहिंग्या और बांग्लादेशी शरणार्थियों के बसाए जाने को ‘राजनीतिक षड्यंत्र’ बताया था। भाजपा ने कहा था कि जो लोग ऐसा होने दे रहे हैं, उनकी पहचान करने के लिए सीबीआई जांच होनी चाहिए। जम्मू-कश्मीर भाजपा के मुख्य प्रवक्ता अधिवक्ता सुनील सेठी ने कहा कि भाजपा उपराज्यपाल से सीबीआई जांच शुरू करने और इस साजिश की व्यापक जांच के लिए प्राथमिकी दर्ज करने का आग्रह करेगी। यह पता लगाया जाना चाहिए कि रोहिंग्या और बांग्लादेशी लोगों को लाकर जम्मू में किसने बसाया, और उनके खिलाफ मुकदमा चलाने और जेल सहित कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।
सेठी ने दावा किया कि जम्मू-कश्मीर में रोहिंग्या और बांग्लादेशी लोगों का बसना उसी समय शुरू हुआ जब 1990 के दशक में इस क्षेत्र में आतंकवाद शुरू हुआ था। उन्होंने कहा कि यह एक बड़ी साजिश है जिसकी सीबीआई जांच होनी चाहिए। इसके पीछे सभी ताकतों को बेनकाब किया जाना चाहिए और उन्हें दंडित किया जाना चाहिए। भाजपा उन लोगों की निंदा करती है जो धार्मिक आधार पर इन व्यक्तियों का समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) ने रोहिंग्याओं को बसाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने इन संगठनों के लिए धन के स्रोतों पर सवाल उठाया।
सेठी ने कहा कि बीजेपि लगातार सवाल उठा रही है कि रोहिंग्या और बांग्लादेशी अवैध रूप से भारतीय सीमा में कैसे घुसे, हजारों किलोमीटर का सफर करके और आधा दर्जन राज्यों को पार कर जम्मू में कैसे बसे। सेठी ने दावा किया कि यह पाकिस्तान से लगे इंटरनेशनल बॉर्डर के पास जम्मू में इन शरणार्थियों को बसाने की साजिश है। देश को यह जानना चाहिए कि कौन सी ताकतें राष्ट्रीय हितों के खिलाफ काम कर रही हैं। सेठी ने कहा कि भारत के अन्य हिस्सों में रहने वाले भारतीय जम्मू-कश्मीर में बस नहीं सकते, लेकिन इन अवैध प्रवासियों को सिर्फ धर्म के आधार पर वहां बसने दिया गया है। यह लोग अंतरराष्ट्रीय सीमा के करीब बसे हैं, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है। इन्हें राजनीतिक साजिश के तहत वोट बैंक बनाने के लिए बसाया गया।
बता दें कि जम्मू और आसपास के शहरों में लगातार रोहिंग्या घुसपैठ कर रहे हैं। इनकी संख्या बढ़कर 13,700 से अधिक हो गई है। रोहिंग्या जम्मू के दूर-दराज के पहाड़ी जिलों तक पहुंचने में भी कामयाब हो गए हैं। अब जम्मू में रोहिंग्याओं की जनगणना हो रही है। इसी क्रम में रोहिंग्या घुसपैठियों के खिलाफ जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने सख्त कार्रवाई की है। प्रशासन ने 400 से अधिक रोहिंग्या परिवारों के बिजली और पानी के कनेक्शन काट दिए हैं।
वहीं, नेकां रोहिंग्याओं के समर्थन में डटी दिख रही है।बढ़ते विवाद के बीच मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि उन्हें भूख और ठंड से मरने के लिए नहीं छोड़ सकते। जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस पार्टी के प्रेसिडेंट फारूक अब्दुल्ला ने मंगलवार को कहा कि राज्य में रह रहे रोहिंग्या शरणार्थियों को पानी और बिजली जैसी जरूरी सुविधाएं मुहैया कराना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि इन शरणार्थियों को भारत सरकार यहां लाई है। हम उन्हें यहां नहीं लाए। सरकार ने उन्हें यहां बसाया है और जब तक वे यहां हैं, ये हमारी ड्यूटी है कि उन्हें पानी और बिजली मुहैया कराएं।
Dec 11 2024, 18:15