औरंगाबाद के अदरी नदी का खतरे में अस्तित्व, बचाने के लिए अदरी बचाओ आंदोलन का हुआ शंखनाद
औरंगाबाद : शहर में बह रही अदरी नदी का अस्तित्व खतरे में है और इस नदी का पानी इतना प्रदूषित हो गया है कि इसके सेवन से मनुष्य कई गंभीर बीमारियों से ग्रसित हो सकते हैं। मगर इस नदी के अस्तित्व को बचाने की जिम्मेवारी जिसके कंधे पर है वह उदासीन पड़ा हुआ है और लोगों को बीमारी की सौगात बांट रहा है।
आज रविवार की शाम नदी को इस विकट समस्या से निजात दिलाने के उद्देश्य से शहर के महाराजगंज रोड स्थित एक होटल में एक प्रेसवार्ता आयोजित की गई और इस प्रेसवार्ता में अदरी बचाओ आंदोलन का शंखनाद किया गया। जिसके संयोजक भारतीय जनता पार्टी के पूर्व जिला उपाध्यक्ष अनिल कुमार सिंह बनाए गए।
प्रेसवार्ता में वक्ताओं ने अदरी नदी की वास्तविक स्थिति को सामने रखा और बताया कि पीएचईडी विभाग द्वारा जारी किए गए नदी की वाटर क्वालिटी टेस्टिंग रिपोर्ट के अनुसार शाहपुर सूर्य मंदिर के समीप पानी की टर्बिडिटी 22.6 तथा टी.कोलाई पॉजिटिव है। वही बराटपुर सूर्य मंदिर के समीप के पानी की टर्बिडिटी 47.5 तथा टी. कोलाई पॉजिटिव है। जो बेहद ही हानिकारक है। वक्ताओं ने जिलेवासियों से अपील की है कि किसी भी परिस्थिति में इसके पानी का सेवन किसी भी रूप में न करें। पानी के खतरनाक परिस्थिति में पहुंचने का कारण घर से निकले गंदे पानी का इस नदी में छोड़ा जाना हैं। इसके लिए अभियान चलाकर संबंधित विभागों एवं एजेंसियों को नदी के बचाव को लेकर कार्ययोजना बनाने का प्रयास किया जाएगा। क्योंकि इस कार्य के लिए सरकार राशि भी मुहैया कराती है।मगर वह राशि भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाती हैं।
वक्ताओं ने आने वाले दिनों में मामले को लेकर एकजनहित याचिका दायर करेगी और आम लोगों के सहयोग से अदरी नदी को जीवनदायिनी बनाने का प्रयास करेगी।
औरंगाबाद से धीरेन्द्र
Nov 04 2024, 19:02