/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif StreetBuzz कहीं आपका सिम कार्ड किसी और के दस्तावेज पर इश्यू तो नहीं, अन्यथा आपका कनेक्शन भी किया जा सकता है बंद Swarup
कहीं आपका सिम कार्ड किसी और के दस्तावेज पर इश्यू तो नहीं, अन्यथा आपका कनेक्शन भी किया जा सकता है बंद
डेस्क :–सरकार ने जियो, एयरटेल, वोडाफोन-आइडिया और बीएसएनएल के सिम कार्ड यूजर्स पर बड़ा कदम उठाते हुए करीब 1.7 करोड़ सिम कार्ड बंद कर दिए हैं। ये सिम कार्ड फर्जी आधार कार्ड और अन्य दस्तावेजों के जरिए जारी किए गए थे। भारत में बड़ी संख्या में फर्जी दस्तावेजों पर सिम कार्ड इश्यू किए गए हैं, जिन्हें अब सरकार वेरिफिकेशन के जरिए ब्लॉक कर रही है। इसलिए यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि कहीं आपका सिम कार्ड किसी और के दस्तावेज पर इश्यू तो नहीं हुआ है, अन्यथा आपका कनेक्शन भी बंद किया जा सकता है ।

*फर्जी दस्तावेजों पर जारी सिम कार्डों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई*

नकली या जाली दस्तावेजों के आधार पर खरीदे गए 1.77 करोड़ मोबाइल कनेक्शनों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित टूल्स की मदद से ब्लॉक किया जा रहा है। इसके साथ ही, दूरसंचार विभाग (DoT) और चार प्रमुख टेलीकॉम सेवा प्रदाता कंपनियों ने 45 लाख फर्जी इंटरनेशनल कॉल्स को भारतीय नेटवर्क तक पहुंचने से रोकने में भी सफलता हासिल की है।

*बैंकों और पेमेंट वॉलेट्स पर भी एक्शन*

संचार मंत्रालय के अनुसार, बैंकों और पेमेंट वॉलेट कंपनियों ने भी 11 लाख ऐसे खातों को फ्रीज कर दिया है, जो फर्जी दस्तावेजों पर आधारित थे। सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि आने वाले दिनों में ऐसे और भी सिम कार्ड ब्लॉक किए जाएंगे।

*कैसे जानें आपका सिम कार्ड सुरक्षित है?*

यदि आप नहीं चाहते कि आपका सिम कार्ड बंद हो जाए, तो कुछ आसान कदमों का पालन करें। सबसे पहले यह सुनिश्चित करें कि आपका सिम कार्ड सही दस्तावेजों पर जारी किया गया है और किसी और के दस्तावेजों का उपयोग नहीं हुआ है।
एग्जिट पोल के नतीजों पर भूपेंद्र हुड्डा ने दिया बड़ा बयान

डेस्क:–कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा, जिन्हें हरियाणा में 8 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव की मतगणना से पहले मुख्यमंत्री पद का प्रबल दावेदार माना जा रहा है, रविवार को दिल्ली चले गए। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा रात में दिल्ली में अपने घर पर रहेंगे। सोमवार की दोपहर रोहतक में अपने घर पर लौटने से पहले हुड्डा पार्टी आलाकमान से मुलाकात कर सकते हैं।

भूपेंद्र हुड्डा के एक निकट सहयोगी ने बताया कि वह रविवार शाम को रोहतक से दिल्ली के लिए रवाना हो गए। हुड्डा ने शनिवार को कहा कि पार्टी में एक नियमित प्रक्रिया है, जिसके अनुसार पार्टी विधायकों की राय ली जाएगी, फिर आलाकमान फैसला करेगा।

शनिवार शाम को हुए हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजे मंगलवार को घोषित किए जाएंगे। हुड्डा ने कहा कि राजनीति ऐसी है कि कोई भी आकांक्षा रख सकता है, लेकिन इसके लिए एक तय प्रक्रिया है।

रविवार को रोहतक में अपने घर पर पूर्व मुख्यमंत्री ने पार्टी के कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। मीडिया से बातचीत करते हुए, उन्होंने शांतिपूर्ण चुनाव कराने के लिए राज्य के मतदाताओं का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि एग्जिट पोल जो अब आए हैं, वे पहले से कह रहे हैं कि इस बार लोगों ने कांग्रेस को भारी बहुमत से सत्ता में लाने का मन बना लिया है क्योंकि लोगों ने 2005 से 2014 तक कांग्रेस सरकार की उपलब्धियों और फिर 2014 से 2024 तक बीजेपी-जेजेपी सरकार की विफलताओं को देखा।
विजिलेंस के बाद जल निगम के रिटायर इंजीनियरों पर आयकर विभाग का शिकंजा, होगी पूछताछ
डेस्क :– आय से अधिक संपत्ति मामले में फंसे जल निगम के रिटायर इंजीनियरों पर आयकर विभाग भी शिकंजा कसने जा रहा है। आयकर विभाग के अफसर ने विजिलेंस के अधिकारी को पांचों इंजीनियरों की संपत्ति की डिटेल मांगी है। यह भी जानकारी सामने आ रही है कि आयकर विभाग इन 5 इंजीनियरों से पूछताछ करने के लिए नोटिस भेजने की तैयारी कर रहा है। 

जल विभाग के रिटायर इंजीनियरों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की शिकायतें शासन को मिली थी। जिसके बाद शासन ने जांच के आदेश दिए थे। आरोप सही मिलने पर विजिलेंस ने इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। इसमें सीएंडडीएस के तत्कानलीन प्रोजेक्ट मैनेजर / सहायक अभियंता राघवेन्द्र गुप्ता, अधीक्षण अभियंता सत्यवीर सिंह चौहान (मु.), मानव संसाधन विकास प्रकोष्ठ में तैनात रहे अधीक्षण अभियंता अजय रस्तोगी,परियोजना प्रबन्ध/सहायक अभियंता कमल खरबंदा और सहायक अभियंता कृष्ण कुमार पटेल के पास घर विजिलेंस ने छापा मारा था। विजिलेंस कार्रवाई के बाद अब आयकर विभाग ने भी इसका संज्ञान ले लिया।
वॉट्सऐप में इंस्टाग्राम जैसा फीचर,स्टेटस लगाते समय कर सकेंगे ये काम

डेस्क : वॉट्सऐप दुनिया के सबसे ज्यादा इस्तेमाल किए जाने वाले इंस्टेंट मैसेजिंग प्लेटफॉर्म में से एक है। इसकी पैरेंट कंपनी मेटा इसके लिए लगातार नए फीचर्स लाती है, ताकि यूजर्स का एक्सपीरियंस बेहतर हो सके। इंस्टाग्राम जैसे फीचर्स के जरिए वॉट्सऐप को और ज्यादा इंटरेक्टिव प्लेटफॉर्म बनाने की कवायद चल रही है। हाल ही में कंपनी ने वॉट्सऐप स्टेटस के लिए नए फीचर्स जारी किए हैं। लेटेस्ट फीचर्स इंस्टाग्राम फीचर्स की तरह हैं, जिनका इस्तेमाल फ्रेंड्स और फैमिली के साथ कनेक्शन को और बेहतर करेगा।

*वॉट्सऐप ने जारी किए नए फीचर्स*

वॉट्सऐप स्टेटस अपने कॉन्टेक्ट्स के लोगों को अपडेट देने के लिए काफी काम आता है। कंपनी इस फीचर को लगातार बेहतर करने की कोशिश करती है। नए फीचर्स करके कंपनी ने वॉट्सऐप स्टेटस और इंटरेक्टिव बनाया है ।

आइए जानते हैं नए फीचर्स आने के बाद वॉट्सऐप स्टेटस का मिजाज कैसे बदला है, और फ्रेंड्स और फैमिली के साथ कनेक्शन मजबूत करने के लिए आप इसका कैसे इस्तेमाल कर सकते हैं।

*लाइक बटन*

वॉट्सऐप यूजर्स के लिए मेटा ने एक नया लाइक बटन जारी किया है। यह आपकी स्क्रीन के बिलकुल दायीं तरफ नजर आता है। किसी का स्टेटस देखते समय आप रिएक्शन देने के लिए इस ऑप्शन का इस्तेमाल कर सकते हैं ।

सिंगल टैप करके आप स्टेटस को लाइक कर सकते हैं। ये स्टेटस लाइक प्राइवेट हैं और सिर्फ वो ही शख्स देख सकता है, जिसके स्टेटस को आपने लाइक किया है।

*टैग फीचर*

अब आप फैमिली या फ्रेंड्स या किसी भी कॉन्टेक्ट को प्राइवेट तरीके से वॉट्सऐप स्टेटस पर मेंशन कर सकते हैं । अगर आप चाहते हैं कि कोई खास शख्स आपका स्टेटस देखे, तो स्टेटस लगाते समय उसे मेंशन कर सकते हैं।

यह एक तरह से वॉट्सऐप स्टेटस पर किसी को टैग करना है, लेकिन जिसे भी आप मेंशन करेंगे, वो किसी और को नहीं दिखेगा. बस वॉट्सऐप उस शख्स को नोटिफाई करेगा कि उसे स्टेटस पर मेंशन किया गया है।

हरियाणा विधानसभा चुनाव के परिणाम आठ अक्तूबर को , एग्जिट पोल में कांग्रेस की सरकार बनाने का दावा

डेस्क :– हरियाणा विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद अब सभी राजनीतिक दल और प्रत्याशी मतदान के आंकड़ों में जीत के समीकरण तलाश रहे हैं। आंकड़ों का गणित समझने के लिए सभी प्रत्याशी जुट गए हैं और हार और जीत का अंदाजा लगाने में जुट गए हैं। सभी प्रत्याशियों ने अपने समर्थकों और बूथ एजेंट के साथ बैठकें शुरू कर दी हैं। भाजपा, कांग्रेस, इनेलो-बसपा, जजपा और आम आदमी पार्टी के साथ साथ निर्दलीय प्रत्याशियों ने अपने बूथ एजेंटों से फीडबैक लेना शुरू कर दिया है। उधर, नेता एग्जित पोल का भी अंदाजा लगा रहे हैं। हार और जीत को लेकर सटीक आंकड़ा तैयार में देर रात तक प्रत्याशी जुटे रहे।

अभी तक चुनाव आयोग द्वारा जिले और विधानसभा वाइज मतदान का प्रतिशत जारी किया गया है। संभावना है कि देर रात तक बूथवाइज वोट प्रतिशत भी जारी हो जाएगा। इसलिए बूथ का वोट प्रतिशत मिलने के बाद प्रत्याशियों को अपनी हार और जीत का अंदाजा आसानी से हो जाएगा। क्योंकि सभी प्रत्याशियों को पता है कि वह कहां पर मजबूत हैं और कहां पर कमजोर हैं। वहीं, शहर और गांवों के प्रतिनिधियों से भी रिपोर्ट ली जा रही है। भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बडौ़ली, कांग्रेस के उदयभान और आप के डा. सुशील गुप्ता के साथ साथ इनेलो के अभय सिंह चौटाला और जजपा के प्रमुख डा. अजय चौटाला और दुष्यंत चौटाला ने भी कोर कमेटियों की बैठकें बुला ली हैं।

*वार रूम में तैयार हो रहा डाटा*

तीनों राष्ट्रीय दल भाजपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टियों ने अपने अपने पार्टी मुख्यालय में वार रूम बनाए हुए हैं। तीनों दलों ने अपने अपने पर्यवेक्षकों के साथ साथ प्रभारियों से रिपोर्ट लेनी शुरू कर दी है। इसके अलावा, बूथ एजेंटों सो लिया गया फीडबैक भी यहां पर मांगा गया है। तीनों दलों ने यहां पर राजनीतिक एक्सपर्ट बैठा रखे हैं और तमाम सीटों पर हार और जीत के समीकरण बना रहे हैं।



*पिछले चुनाव के एग्जिट पोल और चुनाव परिणाम में था भारी अंतर*

पिछले दो बार के एग्जिट पोल देखे तो एक बार एग्जिट पोल सटीक बैठा तो दूसरी बार काफी उलटफेर देखने को मिला है। जून महीने में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में भी एग्जिट पोल चुनाव परिणाम के बिल्कुल उलट साबित हुए थे। इसलिए लोग एग्जिट पोल पर ज्यादा विश्वास नहीं कर रहे हैं। एक नजर डालते हैं पिछले दो एग्जिट पोल के आंकड़े और चुनाव परिणाम पर।
देश की दमदार महिला जिन्होंने उद्योग जगत में अपने दम पर बनाई 4,100 करोड़ की कंपनी
डेस्क :– विनीता सिंह को टीवी रिएलिटी शो 'शार्क टैंक इंडिया' में देखा ही होगा? विनीता सिंह, भारत की एक लीडिंग कॉस्मेटिक कंपनी की सह संस्थापक और सीईओ हैं, जिन्होंने उद्योग जगत में अपने दम पर अपनी पहचान बनाई है और आज 4,100 करोड़ की कंपनी की मालकिन हैं। विनीता सिंह का जन्म 1983 गुजरात में हुआ और इन्होंने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा दिल्ली पब्लिक स्कूल से पूरी की। विनीता ने 2005 में आईआईटीएम इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद भारतीय प्रबंधन संस्थान अहमदाबाद से एमबीए की डिग्री पूरी की। इसी बीच 2006 में उन्होंने ड्यूश बैंक में बतौर समर इन्टर्न काम किया। इनकी वेतन सालाना 1 करोड़ होने के बाद भी इसे ठुकरा दिया। चलिए जानते हैं कि उन्होंने ऐसा क्यों किया।


*विनिता सिंह का पहला स्टार्टअप*

विनीता सिंह ने अपने पहले स्टार्टअप क्वेटजल की शुरुआत की, पर यह सफल नहीं हुआ। इसके बाद अपना दूसरा स्टार्टअप फैब-बैग शुरुआत की। उनका तीसरा व्यवसाय एक कॉस्मेटिक कंपनी है। उन्होंने यह व्यवसाय अपने पति के साथ मिलकर शुरू किया था। ये एक ब्यूटी प्रोडक्ट और पर्सनल केयर प्रोडक्ट बेस्ड कंपनी है। विनीता ने 2011 में कौशिक मुखर्जी से शादी की, जिनके साथ मिलकर कॉस्मेटिक कंपनी की स्थापना की।

उद्योग जगत में चर्चित नाम

विनीता सिंह फोर्ब्स इंडिया समेत कई बिजनेस पत्रिकाओं के कवर पेजों पर दिखाई दीं। इसके साथ ही करीना कपूर खान ने एक कोरियन कंपनी  स्किनकेयर ब्रांड क्वेंच बोटैनिक्स लॉन्च करने के लिए विनीता सिंह और उनके पति के साथ एक संयुक्त व्यवसाय शुरू किया है।

*विनीता सिंह के नाम अनेकों पुरस्कार*

उन्होंने आईआईटी सपोर्ट प्रतियोगिता में आईआईटी मद्रास में 2 गोल्ड और 2 सिल्वर पदक प्राप्त किया। इकनॉमिक टाइम्स 40 अंडर 40 2020 मोस्ट ट्रस्टेड ब्रांड ऑफ इंडिया 2021, सीएनबीसी टीवी 18,फोर्ब्स इंडिया 2021 मोस्ट अदमीरेड रीटेलर जैसे अवार्ड्स से विनीता सिंह को नवाजा गया है।

2022 कौन बनेगा करोड़पति मे वीआईपी प्रतियोगी के रूप मे विनीता सिंह शार्क टैंक इंडिया के अन्य जजों के साथ नजर आईं। इसके साथ ही उन्हें द कपिल शर्मा शो में भी देखा गया जहां वो अन्य शार्क टैंक इंडिया जजों के साथ दिखाई दी थीं।
असम का एक ऐसा गावं है, जहा पक्षी लेकिन आकर  कर लेते हैं आत्महत्या
डेस्क :–भारत की आत्मा गांव में बसती है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने यह बात कही थी। शहर में कितने भी सुख सुविधाओं के संसाधन हो, लेकिन किसी भी इंसानों को गांव में जाने पर ही सुकून मिलता है। गांव के पेड़ों की ठंडी छांव में जो बात है, वो एसी में नहीं है। असम का एक ऐसा गावं है, जहां इसानों को भले ही सुकून मिलता हो, लेकिन यहां आकर पक्षी आत्महत्या कर लेते हैं। आज तक इस रहस्य का पता नहीं लग पाया है कि आखिर इस गांव में क्यों पक्षी आकर मौत को गले लगा लेते हैं?

यह गांव असम के बरेल पर्वत श्रेणी में मौजूद है। भारत के किसी दूसरे गांव की तरह ही यह गांव भी है। हालांकि, इस गांव में सदियों से एक रहस्य छिपा हुआ है। यह पक्षियों की मौत का रहस्य है। इस रहस्य को वैज्ञानिक और शोधकर्ता अभी तक नहीं सुलझा पाए हैं। सितंबर से अक्टूबर के महीने में हर शाम 6 बजे से रात 10 बजे के बीच प्रवासी पक्षियों का झुंड यहां पहुंचता है।

असम के दिमा हासो जिले की पहाड़ी के बीच स्थित जतिंगा गांव में पक्षी आकर आत्महत्या करते हैं। इस गांव में न सिर्फ स्थानीय पक्षी, बल्कि प्रवासी पक्षी भी पहुंच जाते हैं, तो वे आत्महत्या कर लेते हैं। इसकी वजह से जतिंगा गांव को काफी रहस्यमयी माना जाता है। इस रहस्य को जानने के लिए वैज्ञानिकों ने काफी जांच-पड़ताल की, लेकिन आत्महत्या की वजह का पता नहीं चल पाया।

जतिंगा गांव में डेढ़ किमी लंबी एक सड़क है, जिसके ऊपर उड़ान भर रहे पक्षी कूदकर अपनी जान दे देते हैं। सूर्यास्त के बाद सैंकड़ों पक्षी तेज रफ्तार से आसमान से जमीन की तरफ आते हैं और अपनी जान देते हैं।

असम के जतिंगा गांव में पहले जेमे नागा रहते थे। एक दिन धान की खेतों की रखवाली कर रहे नागा आदिवासी समुदाय के लोगों ने पक्षियों के सामुहिक आत्महत्या की घटना देखी। प्रकृति के इस रूप को उन्होंने पहले कभी नहीं देखा था। इस घटना से समुदाय के लोग डर गए। 1905 में नागा समुदाय ने जैंतिया समुदाय को यहां की जमीन बेच दी।
दुनिया में कई ऐसे टैक्स भी लगते हैं, जिनके बारे में जानकर  हैरान रह जाएंगे आप

डेस्क :– भारत में इनकम टैक्स के अलावा जीएसटी सबसे अहम टैक्स, जो लोगों द्वारा खरीदे गए सामानों पर लगता है। लोगों को अपनी आय के मुताबिक सरकार को टैक्स देना होता है और देना भी चाहिए, क्योंकि इससे देश का विकास होता है। लेकिन दुनिया में कई ऐसे टैक्स भी लगते हैं, जिनके बारे में जानकर आप हैरान रह जाएंगे। कई स्थानों पर टॉयलेट फ्लश को लेकर टैक्स देना पड़ता है, तो कहीं टैटू बनवाने पर भी टैक्स लगता है। आज हम आपको कुछ ऐसे ही टैक्स के बारे में बताते हैं, जिनके बारे में जानकर आप हैरान हो जाएंगे।

*कद्दू पर टैक्स*

अगर आपको पता चले कि कद्दू पर भी टैक्स लगता है, तो शायद आपको यकीन नहीं होगा। लेकिन अमेरिका के न्यू जर्सी में ऐसा ही होता है। यहां पर लोगों को कद्दू खरीदने के लिए भी टैक्स देना पड़ता है।

*टैटू पर टैक्स*

वर्तमान समय में टैटू बनवाना हर किसी का शौक बन चुका है, लेकिन अगर आपको इसपर भी टैक्स देना पड़े तो। जी हां, अमेरिकी राज्य अरकंसास में लोगों को टैटू के लिए छह प्रतिशत सेल्स टैक्स देना पड़ता है।

*टॉयलेट के फ्लश पर टैक्स*

सबसे हैरानी वाली है कि अमेरिका के मैरीलैंड में टॉयलेट के फ्लश पर भी टैक्स लगता है। आपको यह जानकर हैरानी हो रही होगी, लेकिन यह बिल्कुल सच है। यहां की सरकार टॉयलेट फ्लश के इस्तेमाल पर लोगों से प्रति महीने करीब 355 रुपये टैक्स वसूलती है। हालांकि, इन पैसों का इस्तेमाल नालों की साफ-सफाई पर किया जाता है।

*आइस ब्लॉक पर टैक्स*

अमेरिका के एरिजोना में बर्फ का टुकड़ा (आइस ब्लॉक) खरीदने पर भी लोगों से टैक्स लिया जाता है। लेकिन, अगर लोग आइस क्यूब खरीदते हैं, तो उसके लिए कोई टैक्स नहीं है।

*ताश के पत्ते पर टैक्स*

अमेरिका के अलबामा में लोगों को ताश के पत्ते खरीदने या बेचने के लिए भी टैक्स देना होता है। खरीदने वाले को 10 फीसदी प्रति 'ताश की गड्डी', जबकि बेचने वाले को 71 रुपये फीस के साथ ही 213 रुपये सालाना लाइसेंस के लिए टैक्स देने पड़ते हैं। हालांकि, यह टैक्स सिर्फ ताश के 54 पत्ते या उससे कम खरीदने वालों पर लागू होता है।

मौसम बदलते ही सर्दी-जुकाम कर देती है परेशान? आईए जानते हैं क्या है इसकी वजह और कैसे करें बचाव
डेस्क :– सर्दी-जुकाम हो या फ्लू की समस्या, सभी उम्र के लोगों में ये काफी आम है। बदलते मौसम में इसका खतरा और भी बढ़ जाता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है उनमें इस तरह की समस्याओं का जोखिम अधिक देखा जाता रहा है। इंफ्लूएंजा वायरस का संक्रमण सर्दी-जुकाम होने का सबसे आम कारण है, मौसम में बदलाव के साथ इस वायरस का प्रकोप बढ़ने लगता है।

सितंबर-अक्तूबर के महीनों में आमतौर पर जब मौसम में परिवर्तन शुरू हो जाता है, तो सर्दी-जुकाम जैसे वायरल संक्रमण के मामले भी तेजी से बढ़ने लगते हैं। ये समय डेंगू और मलेरिया जैसे रोगों का भी होता है।

*कमजोर इम्युनिटी वालों में जोखिम*

डॉक्टर बताते हैं, कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों में फ्लू और सर्दी होने की अधिक आशंका हो सकती है। बार-बार संक्रमण होना, अक्सर बीमार रहना, घावों का जल्दी न भरना, थकान-कमजोरी बने रहना इस बात का संकेत है कि आपकी इम्युनिटी लो हो सकती है। इसे दुरुस्त करने के लिए उपाय करना जरूरी है।

*इम्युनिटी बढ़ाने के लिए करिए उपाय*

दिनचर्या और आहार में कुछ बदलाव करके रोग प्रतिरोध क्षमता को बढ़ाने में मदद मिल सकती है। हल्दी वाला दूध (गोल्डन मिल्क) पीना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। हल्दी में प्राकृतिक एंटीबायोटिक गुण होते हैं जो संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं। इसके साथ हरी-सब्जियों-फलों, मसालों का सेवन करें। ये शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करती हैं। 

*तुलसी के पत्ते का काढ़ा*

वायरल संक्रमण और सर्दी-जुकाम की समस्या में काढ़ा पीना सबसे फायदेमंद हो सकता है। तुलसी के पत्ते और काली मिर्च को उबालकर काढ़ा बनाएं। यह शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करती है और सर्दी-जुकाम से लड़ने में मददगार है। इसके अलावा अदरक का रस निकालकर शहद में मिलाकर सेवन करने से गले की खराश और खांसी में आराम मिलता है।

दिनभर पर्याप्त मात्रा में पानी, हर्बल टी, सूप और नींबू पानी पीते रहें।

*शरीर को दें आराम*

वायरल संक्रमण की स्थिति में शरीर को पर्याप्त आराम देना जरूरी हो जाता है। इसके लिए 7-8 घंटे की नींद लें। पर्याप्त आराम करने से शरीर को संक्रमण से लड़ने के लिए ऊर्जा मिलती है। नींद के दौरान शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है, जिससे लक्षणों में जल्द आराम होता है। वायरल बुखार में डॉक्टर की सलाह पर सिर्फ पैरासिटामोल टैबेलेट का ही सेवन करें।


नोट: हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।
महिलाओं में कैंसर के खतरे को कम करने की दिशा में एक राहत भरी खबर

डेस्क–कैंसर के कारण हर साल लाखों लोगों की मौत हो जाती है। पुरुष हो या महिला, बच्चे हों या बुजुर्ग, सभी लोगों में कैंसर और इसके जोखिम कारक देखे जाते रहे हैं। पुरुषों में लंग्स और प्रोस्टेट जबकि महिलाओं में स्तन-ओवरी और सर्वाइकल कैंसर के मामले सबसे ज्यादा रिपोर्ट किए जाते हैं।

आंकड़ों से पता चलता है कि साल 2022 में, दुनियाभर में महिलाओं में कैंसर से मृत्युदर प्रति एक लाख लोगों पर 76.4 थी। स्तन कैंसर महिलाओं में कैंसर से होने वाली मौतों का प्रमुख कारण था, वहीं ओवेरियन कैंसर और सर्वाइकल कैंसर के मामलों में लगातार वृद्धि दर्ज की जा रही है।

हालांकि महिलाओं में कैंसर के खतरे को कम करने की दिशा में एक राहत भरी खबर सामने आ रही है। ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के अनुसार, ओवेरियन कैंसर (डिम्बग्रंथि के कैंसर) के लिए दुनिया का पहला टीका यूके में विकसित किया जा रहा है। वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि टीके से इस घातक बीमारी के जोखिमों को पूरी तरह से खत्म करने में मदद मिल सकती है।

अगर ये टीका परीक्षणों में सफल रहता है तो हर साल ओवेरियन कैंसर के कारण होने वाली लाखों मौतों को रोका जा सकता है।

*ओवेरियन कैंसर के लिए वैक्सीन*

वैज्ञानिकों की टीम ने इस वैक्सीन को 'ओवेरियनवैक्स' नाम दिया है। विशेषज्ञों के अनुसार, कैंसर के खिलाफ निवारक उपाय के रूप में महिलाओं को यह टीका दिया जाएगा। इसकी मॉडलिंग उसी तरह से की गई है जैसा कि सर्वाइकल कैंसर की एचपीवी वैक्सीन की है।

रिपोर्ट्स के अनुसार टीके को इस तरह से निर्मित किया जा रहा है कि शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली ओवेरियन कैंसर को शुरुआत में ही पकड़ ले और कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोके या नष्ट कर दे।

कैंसर कोशिकाओं को पहचानेगी वैक्सीन

ओवेरियनवैक्स टीके के बारे में जानकारी देते हुए ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में ओवेरियन कैंसर सेल लेबोरेटरी के निदेशक डॉ. अहमद अहमद ने बताया, ये वैक्सीन सेलुलर टारगेट की तरह काम करेगी। वैज्ञानिकों की टीम ये समझने की कोशिश कर रही है कि प्रारंभिक चरण में कैंसर कोशिकाओं की सतह पर कौन से प्रोटीन हो सकते हैं, जिन्हें वैक्सीन सबसे जल्दी पता लगा सकती है। इसके आगे के चरणों में वैक्सीन के माध्यम से उन कोशिकाओं को लक्षित करने पर काम किया जाएगा, जो कैंसर का कारण बन सकती हैं।

*भारत में भी ओवेरियन कैंसर का बढ़ रहा है खतरा*

ओवेरियन कैंसर कई मामलों में गंभीर चिंता का कारण है। ये भारतीय महिलाओं में तीसरा सबसे आम कैंसर है। चूंकि इस कैंसर के लिए कोई विशिष्ट स्क्रीनिंग टेस्ट नहीं है और लक्षण भी अन्य पेट के रोगों से मिलते-जुलते हो सकते हैं, यही कारण है कि इसका समय पर निदान भी नहीं हो पाता है।

कैंसर रिसर्च यूके में अनुसंधान के प्रमुख डॉ डेविड क्रॉस्बी ने कहा कि किसी भी संभावित वैक्सीन के व्यापक उपयोग के लिए तैयार होने में कई साल लग सकते हैं। इस टीके को लेकर वैज्ञानिकों की टीम आशावादी है, उम्मीद है कि आने वाले वर्षों में हम ओवेरियन कैंसर को कम करने में सफलता पा सकते हैं।

नोट: हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।