जानिए अगले वर्ष से परमवीर अलबर्ट एक्का स्टेडियम में क्यों नहीं होगा रावण दहन!
प्रमोद दास
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गुमला ।दशहरा के मौके पर रावण दहन का कार्यक्रम इस बार पहले की तरह ही परमवीर अलबर्ट एक्का स्टेडियम में आयोजित किया जाएगा। प्रशासन ने कुछ शर्तो के साथ इसकी अनुमति दे दी है। लेकिन अगले साल से रावण दहन के इस कार्यक्रम को अलबर्ट एक्का स्टेडियम में करने पर प्रशासन ने पाबंदी लगा दी है। अधर्म पर धर्म की जीत का प्रतीक रावण दहन की परंपरा गुमला में,1959 से चली आ रही है।जिला मुख्यालय स्थित बाजार से इसका शुभारंभ किया गया था।जहां धीरे धीरे लोगों की भीड़ बढ़ने लगी . इसे देखते हुए प्रशासन की पहल पर 1984 में जिला मुख्यालय के जशपुर रोड स्थित परमवीर अल्बर्ट एक्का स्टेडियम में शिफ्ट किया गया.तब से यहां अब तक रावण दहन होता रहा है। आपको बताते चलें कि जिला मुख्यालय के जिस मैदान में रावण दहन कार्यक्रम आयोजित किया जाता है, वह जिला मुख्यालय का एकमात्र खेल मैदान है.और गुमला जिला खेल नगरी के रूप में प्रसिद्ध है। रावण दहन कार्यक्रम आयोजित होने से खिलाड़ियों को अभ्यास करने में परेशानी होगी। इसी के मद्देनजर जिला प्रशासन पिछले वर्ष रावण दहन की अनुमति नहीं दे रहा था।वहीं काफी जद्दोजहद के बाद डीएम की अनुमति से रावण दहन किया गया था। इस वर्ष भी गुमला का ऐतिहासिक रावण दहन का आयोजन परमवीर अलबर्ट एक्का स्टेडियम में ही होगा। डीएम कर्ण सत्यार्थी से मार्गदर्शन प्राप्त करने के बाद एसडीएम राजीव नीरज ने रावण दहन सह विजय मेला समिति के साथ बैठक की. जिसमें एसडीएम ने स्टेडियम में ही रावण दहन की सशर्त अनुमति प्रदान की है.लेकिन उन्होंने कहा कि अगले वर्ष से किसी भी हाल में परमवीर अल्बर्ट एक्का स्टेडियम में रावण दहन का आयोजन संभव नहीं हो सकेगा. क्योंकि यह जिला मुख्यालय का एकमात्र खेल स्टेडियम है,जो खेल के लिए आरक्षित है.इस स्टेडियम को डेवलप किया जा रहा है।बहुत जल्द यह स्टेडियम नए कलेवर में नजर आएगा सिर्फ इस वर्ष स्टेडियम में रावण दहन के लिए सशर्त मंजूरी दी गई है.स्टेडियम के अंदर मेले के आयोजन पर पाबंदी होगी.साथ ही रावण दहन के बाद साफ-सफाई और स्टेडियम को क्षति नहीं पहुंचाने की शर्त प्रमुख है. इस बार प्रशासन के ओर से सुरक्षा को लेकर पूर्व की अपेक्षा अधिक इंतजाम किए जाएंगे. रावण दहन समिति के अध्यक्ष उज्ज्वल केशरी ने इस वर्ष स्टेडियम में रावण दहन होगा.रावण 60 फीट का होगा,साथ ही 30 - 30 फीट का मेघनाथ व कुंभकरण का पुतला दहन होगा। उन्होंने बताया कि उड़ीसा से आए कलाकारों द्वारा बेहतरीन आतिशबाजी का नजारा पेश किया जाएगा.वहीं प्रशासन से पूर्ण सहयोग का आश्वासन मिला है. स्टेडियम में लाइटिंग और बैरिकेडिंग प्रशासन की ओर से किया जाएगा।अत्यधिक भीड़ को देखते हुए पुलिस प्रशासन द्वारा पिछले वर्ष की तुलना में सुरक्षा का इंतजाम किया जाएगा।स्टेडियम के अंदर मेले के आयोजन पर रोक होगी. साथ ही किसी प्रकार की क्षति नहीं पहुंचाने का निर्देश समिति को दिया गया है!





गुमला ।दशहरा के मौके पर रावण दहन का कार्यक्रम इस बार पहले की तरह ही परमवीर अलबर्ट एक्का स्टेडियम में आयोजित किया जाएगा। प्रशासन ने कुछ शर्तो के साथ इसकी अनुमति दे दी है। लेकिन अगले साल से रावण दहन के इस कार्यक्रम को अलबर्ट एक्का स्टेडियम में करने पर प्रशासन ने पाबंदी लगा दी है। अधर्म पर धर्म की जीत का प्रतीक रावण दहन की परंपरा गुमला में,1959 से चली आ रही है।जिला मुख्यालय स्थित बाजार से इसका शुभारंभ किया गया था।जहां धीरे धीरे लोगों की भीड़ बढ़ने लगी . इसे देखते हुए प्रशासन की पहल पर 1984 में जिला मुख्यालय के जशपुर रोड स्थित परमवीर अल्बर्ट एक्का स्टेडियम में शिफ्ट किया गया.तब से यहां अब तक रावण दहन होता रहा है। आपको बताते चलें कि जिला मुख्यालय के जिस मैदान में रावण दहन कार्यक्रम आयोजित किया जाता है, वह जिला मुख्यालय का एकमात्र खेल मैदान है.और गुमला जिला खेल नगरी के रूप में प्रसिद्ध है। रावण दहन कार्यक्रम आयोजित होने से खिलाड़ियों को अभ्यास करने में परेशानी होगी। इसी के मद्देनजर जिला प्रशासन पिछले वर्ष रावण दहन की अनुमति नहीं दे रहा था।वहीं काफी जद्दोजहद के बाद डीएम की अनुमति से रावण दहन किया गया था। इस वर्ष भी गुमला का ऐतिहासिक रावण दहन का आयोजन परमवीर अलबर्ट एक्का स्टेडियम में ही होगा। डीएम कर्ण सत्यार्थी से मार्गदर्शन प्राप्त करने के बाद एसडीएम राजीव नीरज ने रावण दहन सह विजय मेला समिति के साथ बैठक की. जिसमें एसडीएम ने स्टेडियम में ही रावण दहन की सशर्त अनुमति प्रदान की है.लेकिन उन्होंने कहा कि अगले वर्ष से किसी भी हाल में परमवीर अल्बर्ट एक्का स्टेडियम में रावण दहन का आयोजन संभव नहीं हो सकेगा. क्योंकि यह जिला मुख्यालय का एकमात्र खेल स्टेडियम है,जो खेल के लिए आरक्षित है.इस स्टेडियम को डेवलप किया जा रहा है।बहुत जल्द यह स्टेडियम नए कलेवर में नजर आएगा सिर्फ इस वर्ष स्टेडियम में रावण दहन के लिए सशर्त मंजूरी दी गई है.स्टेडियम के अंदर मेले के आयोजन पर पाबंदी होगी.साथ ही रावण दहन के बाद साफ-सफाई और स्टेडियम को क्षति नहीं पहुंचाने की शर्त प्रमुख है. इस बार प्रशासन के ओर से सुरक्षा को लेकर पूर्व की अपेक्षा अधिक इंतजाम किए जाएंगे. रावण दहन समिति के अध्यक्ष उज्ज्वल केशरी ने इस वर्ष स्टेडियम में रावण दहन होगा.रावण 60 फीट का होगा,साथ ही 30 - 30 फीट का मेघनाथ व कुंभकरण का पुतला दहन होगा। उन्होंने बताया कि उड़ीसा से आए कलाकारों द्वारा बेहतरीन आतिशबाजी का नजारा पेश किया जाएगा.वहीं प्रशासन से पूर्ण सहयोग का आश्वासन मिला है. स्टेडियम में लाइटिंग और बैरिकेडिंग प्रशासन की ओर से किया जाएगा।अत्यधिक भीड़ को देखते हुए पुलिस प्रशासन द्वारा पिछले वर्ष की तुलना में सुरक्षा का इंतजाम किया जाएगा।स्टेडियम के अंदर मेले के आयोजन पर रोक होगी. साथ ही किसी प्रकार की क्षति नहीं पहुंचाने का निर्देश समिति को दिया गया है!

गुमला। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती के अवसर पर गाँधी पार्क में उनकी आदमकद प्रतिमा पर पर माल्यार्पण कर अधिकारियो ने उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किया।
गुमला। आदिवासियों की जमीन पर कब्जा करने के खिलाफ आदिवासी समाज आक्रोशित है और उसने इसके खिलाफ आक्रोश रैली का आयोजन कर चेतावनी दी है कि अगर उनकी जमीन से कब्जा नहीं हटाया जाता है और प्रशासन इसपर कोई करवाई नहीं करता है तो इसके खिलाफ आन्दोलन तेज किया जाएगा। दरअसल मामला यह है कि सोसो भलदम चट्टी में चर्च की जमीन पर मंदिर निर्माण कराया गया है। ऐसा इसका कहना है और इसको मुक्त कराने के लिए इन्होंने प्रशासन को पहले ही लिखा है लेकिन मामले में कोई करवाई नहीं होने से आदिवासी समाज में आक्रोश है। अपनी जमीन से कब्जा हटाने की मांग को लेकर निकाले गए आक्रोश रैली में शामिल सैकड़ों की संख्या में पहुंचे आदिवासी समुदाय के लोगों ने रैली निकालकर और सभा के माध्यम इसका विरोध जताया है। इस विरोध रैली में जेएमएम विधायक भूषण तिर्की, अमित एक्का सहित कई वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त कर आक्रोश व्यक्त किया। गुमला के कचहरी परिसर में आयोजित इस रैली में वक्ताओं ने कड़े शब्दों में इसका विरोध करते हुए चेतावनी दी है कि उनके जमीन से कब्जा नहीं हटाया गया तो इसके खिलाफ आन्दोलन तेज किया जाएगा !
Oct 03 2024, 14:00
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