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मिथुन चक्रवर्ती को मिलेगा दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड, केंद्रीय ने किया ऐलान*
#mithun_chakraborty_got_dadasaheb_phalke_award
दिग्गज अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती के नाम एक और उपलब्धि जुड़ गई है। उन्हें दादा साहब फाल्के पुरस्कार दिया जा रहा है।केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार इस साल दिग्गज बॉलीवुड एक्टर मिथुन चक्रवर्ती को दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड से नवाजेगी। इसका ऐलान केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने किया है। अश्विनी वैष्णव ने मिथुन के नाम का ऐलान करते हुए ट्वीट किया, “मिथुन दा के सफर ने पीढ़ियों को प्रेरणा दी है। भारतीय सिनेमा में मिथुन चक्रवर्ती जी के योगदान के लिए दादासाहेब फाल्के सेलेक्शन ज्यूरी ने उन्हें ये अवॉर्ड देने का फैसला किया है। उन्हें सम्मान उन्हें 70वें नेशनल फिल्म अवॉर्ड्स समारोह के दौरान 8 अक्टूहर 2024 को दिया जाएगा।” पिछले साल वहीदा रहमान को इस अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था। मिथुन चक्रवर्ती हिंदी सिनेमा के उम्दा कलाकार हैं। कोलकाता की गलियों से आए मिथुन दा ने फिल्मी दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाई है। 1976 के बाद से फिल्मों में उनका अभिनय का दम दिख रहा है। मिथुन 80 के दशक के लोकप्रिय अभिनेता रहे हैं। उन्होंने हिंदी फिल्मों में डांस को एक नई पहचान दी थी। एक दौर था जब फिल्म मिथुन के डांस से ही हिट हो जाती थी। अभिनेता मिथुन ने अलग-अलग भाषाओं- बंगाली, हिंदी, ओड़िया, भोजपुरी, तमिल, तेलुगू, कन्नड़ और पंजाबी में कई शानदार फिल्में की हैं। उनकी बॉलीवुड डेब्यू फिल्म दो अंजाने थी। इस फिल्म में उनका बहुत छोटा रोल था। इसके बाद उन्होंने तेरे प्यार में, प्रेम विवाह, हम पांच, डिस्को डांसर, हम से है जमाना, घर एक मंदिर, अग्निपथ, तितली, गोलमाल 3, खिलाड़ी 786 और द ताशकंद फाइल्स में काम किया।
आतंक के आका नसरल्लाह की मौत पर भारत में क्यों मचा है बवाल, जम्मू-कश्मीर से लेकर यूपी तक विरोध प्रदर्शन

#srinagar_protests_jammu_kashmir_over_hezbollah_terror_chief_nasralla_death

‘हिजबुल्लाह’ को दुनिया एक आतंकी संगठन के रूप में जानती है। यूरोपीय संघ ने 22 जुलाई 2013 को हिजबुल्लाह के सैन्य विंग को एक आतंकवादी संगठन के रूप में नामित किया था। ‘हिजबुल्लाह’ को संयुक्त राज्य अमेरिका और कई अन्य देशों द्वारा एक आतंकवादी संगठन के रूप में चिन्‍हित किया गया है। इसी ‘हिजबुल्लाह’ को इजराइल ने मिटा देने की कसम खाई है और वो लगातार इसपर हमले कर रहा है। इसी क्रम में लेबनान में हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह को भी ढेर कर दिया है।

लेबनान में हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह की हत्या के बाद जम्मू-कश्मीर में भारी विरोध-प्रदर्शन देखा जा रहै है। जम्मू-कश्मीर के लोग सड़कों पर उतर आए हैं। इजरायल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। साथ ही लेबनान को अपना पूरा समर्थन देने की अपील कर रहे हैं।

जम्मू-कश्मीर में प्रदर्शन कर रही एक लड़की ने कहा कि अब हर घर से हिजबुल्लाह निकलेगा। उन्होंने कहा कि आपने एक हिजबुल्लाह चीफ को मारा है, लेकिन अब हर घर से हिजबुल्लाह निकलेगा। मैं हर उस इंसान से बात कर रही हूं, जो फिलिस्तीन के खिलाफ है।

इजराइल को नहीं पता कि उसने किसे मारा है। हम सभी शिया मुसलमान आतंकवादी नसरल्लाह और हिजबुल्लाह के साथ खड़े हैं।लेबनान के लोगों, डरो मत, इज़राइल से लड़ो, हम तुम्हारे साथ हैं।फिलिस्तीन का विरोध करने वाले ध्यान से सुन लें, हम सभी शिया मुसलमान हिजबुल्लाह और हमास के साथ खड़े हैं।

दरअसल हिजबुल्लाह शिया मुस्लिमों वाला संगठन है जिसे शिया देश ईरान का समर्थन है।

क्या इजराइल से नसरल्लाह की मौत का बदला लेंगे ईरान समेत 57 देश, जंग में शामिल होंगे दूसरे इस्लामिक देश?

#irancalledoicmeetingafterdeathofhezbollahchiefhassannasrallah

इजराइल की ओर से लगातार हिजबुल्लाह के ठिकानों को निशाना बनाया जा रहा है। पूरी दुनिया इजराइल और लेबनान के युद्ध से हिल गई है।हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह की मौत के बाद मिडिल ईस्ट में बवाल मचा हुआ है। नसरल्लाह की हत्या के बाद ईरान बौखलाया हुआ है। ईरान में इजराइल से बदले की मांग उठ रही है। ऐसे में ईरान ने इस्लामिक देशों के संगठन OIC की बैठक भी बुलाई। साथ ही इजरायल को बदला लेने की धमकी भी दी है।

ईरान ने लेबनान और फिलिस्तीन में इजरायल के हमलों से निपटने के लिए इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) के सदस्य देशों के नेताओं की तत्काल बैठक बुलाने का आह्वान किया। शुक्रवार को OIC के विदेश मंत्रियों की वार्षिक बैठक को संबोधित करते हुए ईरानी उप विदेश मंत्री (कानूनी और अंतर्राष्ट्रीय मामलों) काज़ेम गरीबाबादी ने फिलिस्तीनी लोगों के अधिकारों का समर्थन करने में इस्लामी देशों के बीच एकता और एकजुटता के महत्व पर जोर दिया।उन्होंने कहा कि इस्लामी दुनिया एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है और कई महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना कर रही है, विशेष रूप से फिलिस्तीनी मुद्दा, जो हमारी मुख्य प्राथमिकता बनी हुई है।

ग़रीबाबादी ने दोहराया कि सभी फ़िलिस्तीनी लोगों, जो अपनी मातृभूमि में रह रहे हैं और जो अपनी मातृभूमि से दूर हैं, उन्हें जनमत संग्रह के माध्यम से अपना भविष्य तय करना चाहिए। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस तंत्र के माध्यम से, एक स्थायी शांति प्राप्त होगी जिसमें मुस्लिम, ईसाई और यहूदी एक साथ अमन और शांति से रहेंगे। उन्होंने कहा कि इज़राइली शासन की आतंकवादी गतिविधियां फिलिस्तीन और लेबनान तक ही सीमित नहीं हैं, उन्होंने हाल ही में ईरान की राजनयिक सुविधाओं पर आतंकवादी हमला किया है और ईरान में हमास के नेता को भी शहीद कर दिया है। इस तथ्य पर जोर देते हुए कि इज़राइली शासन क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरा है, उन्होंने इसकी क्रूरता और अपराधों को समाप्त करने का आह्वान किया।

जंग में दूसरे इस्लामिक देश शामिल होंगे?

अब सवाल उठता है कि क्या क्या इस जंग में दूसरे इस्लामिक देश शामिल होंगे? नसरल्लाह के मारे जाने के बाद यह तय है कि इस जंग में और प्लेयर्स इन्वॉल्व होंगे- जैसे ईरान और सीरिया, लेकिन बड़े युद्ध की आशंका नहीं नजर आती है। अगर OIC मिलकर इजरायल के खिलाफ कोई कदम उठाते हैं तो इसका मतलब है कि अमेरिका और यूरोपियन यूनियन इस लड़ाई में शामिल हो जाएंगे। तब समस्या और बड़ी हो जाएगी। 

हिज्बुल्लाह को लेकर इजरायल ने पहले ही और मुल्कों को आगाह किया था और सबको इसकी करतूतों के बारे में पता है। उसके समर्थन का मतलब है किसी इजरायल पर हमले का समर्थन करना, जो सऊदी जैसे देश कतई नहीं करेंगे। सऊदी को भी पता है कि अमेरिका और इजरायल जैसे देश उसके लिए आर्थिक तौर पर कितने जरूरी हैं। हां यह जरूर है कि OIC मानवाधिकारों के उल्लंघन का हवाला देते हुए हमले की आलोचना कर सकता है। वो यह कहेगा कि हमले में आम लोग और बच्चे मारे जा रहे हैं पर मिलिट्री मोबिलाइजेशन की आशंका नहीं है।

क्या है OIC?

OIC का फुल फॉर्म है आर्गेनाइजेशन ऑफ द इस्लामिक कोऑपरेशन। इसे इस्लामिक सहयोग संगठन भी कहते हैं। OIC चार महाद्वीपों में फैले 57 मुस्लिम देशों का एक संगठन है। यूनाइटेड नेशन के बाद यह दुनिया का दूसरे सबसे बड़ा संगठन है। एक तरीके से OIC को मुस्लिम और इस्लामी देशों की आवाज के तौर पर देखा जाता है। इस संगठन की स्थापना का कनेक्शन भी इजरायल से ही जुड़ा हुआ है।

कब और कैसे बना OIC

मक्का और मदीना के बाद इजरायल के यरूशलम में स्थित अल अक्सा मस्जिद मुस्लिमों का तीसरा सबसे पवित्र धार्मिक स्थल है। यह मस्जिद जहां है, उसको लेकर मुस्लिमों, यहूदियों और ईसाईयों में सदियों से लड़ाई चलती आ रही है। 25 सितंबर 1969 को यरूशलम की अल अक्सा मस्जिद में आग लगा दी गई। तब मुफ्ती आमीन अल हुसैनी ने इस आगजनी के लिए यहूदियों को जिम्मेदार ठहराया और दुनिया के सभी मुस्लिम देशों से इसके खिलाफ आवाज उठाने का आह्वान किया और एक सम्मेलन बुलाया।इसमें अल अक्सा मस्जिद पर तो चर्चा हुई ही, साथ ही इस बात पर भी मंथन हुआ कि इस्लामिक देशों के बीच आपसी सहयोग और संबंधों को कैसे और मजबूत किया जाए। इसी सम्मेलन में तय किया गया कि इस्लामिक देश एक संगठन बनाएंगे, ताकि आपसी आर्थिक, सांस्कृतिक सहयोग को और बढ़ावा दे सकें।

फ्रांसीसी अखबार का बड़ा खुलासा, ईरानी जासूस ने IDF को दी थी सटीक लोकेशन, करवा दी नसरल्लाह की हत्या

डेस्क : फ्रांसीसी अखबार ली पेरिसिएन ने हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह की हत्या को लेकर एक बड़ा खुलासा किया है। अखबार का दावा है कि नसरल्लाह की हत्या के पीछे ईरानी जासूस का ही हाथ था। उसने ही इजरायली सेना से नसरल्लाह की हत्या कराई है। अखबार में दावा किया गया है कि ईरानी जासूस ने लेबनान के बेरूत में हमले कर रही IDF को नसरल्लाह की सटीक लोकेशन शेयर की थी। इसके बाद आईडीएफ ने नसरल्लाह को निशाना बनाकर हमले का प्लान तैयार किया और ताबड़तोड़ मिसाइल हमले में उसे ढेर कर दिया। अखबार ने लेबनान के एक सुरक्षा अधिकारी के हवाले यह खुलासा किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि बेरूत पर हमले से पहले ईरानी जासूस ने इजरायली सेना को नसरल्लाह के उस जगह होने की लोकेशन बता दी थी। इसके बाद आईडीएफ ने नसरल्लाह के उस लोकेशन को टार्गेट करके हमले का प्लान बनाया। इजरायल की आग उगलती मिसाइलों और कहर बरपाते लड़ाकू विमानों ने ताबड़तोड़ हमलों से बेरूत को धुआं-धुआं कर दिया। इजरायल के इस भीषण हवाई हमले में नसरल्लाह मारा गया। इजरायली सेना ने नसरल्लाह को मारे जाने के बाद यह ट्वीट किया था कि उसने एक खुफिया जानकारी के आधार पर नसरल्लाह के ठिकाने पर हमले को बड़ा प्लान तैयार किया था। बाद में इस ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया और नसरल्लाह को ढेर कर दिया गया। हालांकि आईडीएफ ने यह नहीं बताया कि वह जासूस कौन था, जिससे नसरल्लाह की उसे लोकेशन मिली थी। अब फ्रांसीसी अखबार के अनुसार आईडीएफ को नसरल्लाह की खुफिया जानकारी देने वाला जासूस ईरानी था।
फ्रांसीसी अखबार का बड़ा खुलासा, ईरानी जासूस ने IDF को दी थी सटीक लोकेशन, करवा दी नसरल्लाह की हत्या

डेस्क : फ्रांसीसी अखबार ली पेरिसिएन ने हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह की हत्या को लेकर एक बड़ा खुलासा किया है। अखबार का दावा है कि नसरल्लाह की हत्या के पीछे ईरानी जासूस का ही हाथ था। उसने ही इजरायली सेना से नसरल्लाह की हत्या कराई है। अखबार में दावा किया गया है कि ईरानी जासूस ने लेबनान के बेरूत में हमले कर रही IDF को नसरल्लाह की सटीक लोकेशन शेयर की थी। इसके बाद आईडीएफ ने नसरल्लाह को निशाना बनाकर हमले का प्लान तैयार किया और ताबड़तोड़ मिसाइल हमले में उसे ढेर कर दिया। 

अखबार ने लेबनान के एक सुरक्षा अधिकारी के हवाले यह खुलासा किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि बेरूत पर हमले से पहले ईरानी जासूस ने इजरायली सेना को नसरल्लाह के उस जगह होने की लोकेशन बता दी थी। इसके बाद आईडीएफ ने नसरल्लाह के उस लोकेशन को टार्गेट करके हमले का प्लान बनाया। इजरायल की आग उगलती मिसाइलों और कहर बरपाते लड़ाकू विमानों ने ताबड़तोड़ हमलों से बेरूत को धुआं-धुआं कर दिया। इजरायल के इस भीषण हवाई हमले में नसरल्लाह मारा गया। 

इजरायली सेना ने नसरल्लाह को मारे जाने के बाद यह ट्वीट किया था कि उसने एक खुफिया जानकारी के आधार पर नसरल्लाह के ठिकाने पर हमले को बड़ा प्लान तैयार किया था। बाद में इस ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया और नसरल्लाह को ढेर कर दिया गया। हालांकि आईडीएफ ने यह नहीं बताया कि वह जासूस कौन था, जिससे नसरल्लाह की उसे लोकेशन मिली थी। अब फ्रांसीसी अखबार के अनुसार आईडीएफ को नसरल्लाह की खुफिया जानकारी देने वाला जासूस ईरानी था।

साउथ मुंबई में कोचिंग चलाने वाले तीन भाइयों ने दो साल तक किया नाबालिग का यौन शोषण, ऐसे हुआ खुलासा

डेस्क: साउथ मुंबई में कोचिंग इंस्टिट्यूट चलने वाले तीन भाइयों ने दो साल तक नाबालिग लड़की का यौन शोषण किया। आरोपी युवक लड़की को अश्लील तस्वीरें और वीडियो दिखाते थे। उसे हमेशा ही जल्दी कोचिंग आने के लिए कहते थे और देर से कोचिंग से जाने देते थे। इस दौरान उसका यौन शोषण करते थे। इसका असर लड़की की मानसिक हालत पर पड़ा तो मां ने बाल विकास केंद्र में बेटी को भर्ती कराया। इसके बाद लड़की ने काउंसलर से पूरी कहानी बयां की। काउंसलर ने लड़की की मां को सच्चाई बताते हुए पुलिस में मामला दर्ज करवाया तो पूरे घटना का खुलासा हुआ। प्राथमिक रूप से मिली जानकारी के मुताबिक मुंबई में एक 15 वर्षीय लड़की का लगभग दो साल तक बार-बार यौन उत्पीड़न करने के आरोप में मुंबई पुलिस ने कोचिंग सेंटर चलाने वाले तीन भाइयों पर मामला दर्ज किया है। लड़की ने पुलिस को बताया कि भाइयों ने उसे कोचिंग पर जल्दी पहुंचने और देर से निकलने के लिए मजबूर किया, जहां उन्होंने उसका यौन शोषण किया। पुलिस ने शनिवार को पहले दो भाइयों को गिरफ्तार किया रविवार को तीसरे भाई सत्यराज राजपुरोहित को भी गिरफ्तार कर लिया है। मिली जानकारी के मुताबिक सत्यराज अपने माता-पिता के साथ घूमने गया हुआ था। पुलिस के अनुसार आरोपी गौतम, तरुण राजपुरोहित और सत्य राज ने न केवल लड़की का यौन उत्पीड़न किया, बल्कि उसे अश्लील तस्वीरें और वीडियो भी दिखाए। पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक आरोपी 24, 25 और 27 साल की उम्र के हैं और साउथ मुंबई में रहते हैं। ये कक्षा 7 से 12 के बीच के छात्रों के लिए कोचिंग कक्षाएं चलाते थे, जिसमें 35-40 लड़कियां भी पढ़ती थीं। पुलिस के मुताबिक पीड़ित लड़की 2022 में कोचिंग सेंटर में शामिल हुई थी। लड़की की मां ने पहली बार 2022 के अंत में उसके व्यवहार में बदलाव देखा और जनवरी 2023 में उसने बाल विकास केंद्र से बात कर अपनी बेटी को भर्ती कराया। इस पूरे प्रकरण में एक समय के बाद लड़की ने पूरे घटनाक्रम के बारे में अपने काउंसलर को बताया। काउंसलर ने लड़की की मां को इसकी जानकारी दी। इसके बाद उन्होंने पुलिस से बात करते हुए इस मामले में शिकायत दर्ज कराई। पीड़ित लड़की और उसकी मां के बयान के आधार पर पुलिस ने पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया और तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। लड़की ने पुलिस को बताया कि आरोपी लगभग 2022 से उसका लैंगिक शोषण कर रहे थे। फिलहाल पुलिस इस मामले में कोचिंग इंस्टिट्यूट में पढ़ने वाली अन्य लड़कियों से भी बातचीत कर रही है और पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या इन शिक्षकों ने उनके साथ भी ऐसा कुछ करने की कोशिश की है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया और उन्हें पुलिस कस्टडी में भेजा गया है।
नसरल्लाह के बाद प्रिवेंटिव सुरक्षा इकाई के कमांडर नबील कौक को भी इजरायल ने किया ढेर

डेस्क: हिजबुल्लाह के टॉप कमांडर हसन नसरल्लाह की हत्या करने के बाद भी इजरायल रुकने के नाम नहीं ले रहा है। इजरायली सेना हिजबुल्लाह के पीछे ही पड़ गई है। आईडीएफ ने अभी-अभी लेबनान पर किए गए एक ताजा हमले में हिज़्बुल्लाह की निवारक सुरक्षा इकाई के कमांडर और उसके कार्यकारी परिषद के सदस्य नबील क़ौक को एक सटीक आईडीएफ हमले में मार गिराया गया।

क़ौक हिज़्बुल्लाह के वरिष्ठ कमांडरों का करीबी था और सीधे तौर पर इज़राइल राज्य और उसके नागरिकों के खिलाफ आतंकवादी हमलों में शामिल था। वह 1980 के दशक में हिजबुल्लाह में शामिल हुआ था और उसे अपने क्षेत्र में विशेषज्ञता का महत्वपूर्ण स्रोत माना जाता था। उसने ऑपरेशनल काउंसिल में दक्षिणी क्षेत्र के कमांडर, डिप्टी कमांडर और ऑपरेशनल काउंसिल के डिप्टी कमांडर के रूप में कार्य किया था।

आईडीएफ का कहना है कि वह हिजबुल्लाह आतंकवादी संगठन और उसके कमांडरों पर हमला करना और उन्हें खत्म करना जारी रखेगा। इजरायल राज्य के नागरिकों को धमकी देने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई करता रहेगा। कौक 1980 के दशक से ही हिजबुल्ला का वरिष्ठ सदस्य था और इससे पहले दक्षिणी लेबनान में हिजबुल्ला के सैन्य कमांडर के रूप में काम कर चुका था। अमेरिका ने 2020 में उसके खिलाफ प्रतिबंधों की घोषणा की थी।

अंतरिक्ष में आठ जून से फंसी सुनीता विलियम्स को लाने के लिए धरती से उड़ा स्पेसक्राफ्ट, 5 महीने बाद इसी में वापसी

इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में आठ जून से फंसे अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुल विल्मोर को वापस लाने के लिए बचाव अभियान शुरू हो गया। नासा और अरबपति कारोबारी एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स ने मिलकर एक स्पेसक्राफ्ट को अंतरिक्ष में भेजा है। दोनों को धरती पर वापस लाने के लिए दो यात्रियों का छोटा सा दल भेजा गया है, लेकिन यह अभियान अगले साल फरवरी तक ही पूरा हो सकेगा। इस मिशन को NASA SpaceX Crew 9 नाम दिया गया है।

सुनीता विलियम्स और बुल विल्मोर आठ दिन के लिए धरती से अंतरिक्ष यान में सवार होकर उड़े थे, लेकिन उनकी वापसी अभी तक नहीं हो पाई है। नासा के तमाम प्रयासों के बावजूद अभी उनकी वापसी मुमकिन नहीं है। दोनों यात्री स्पेसएक्स के जिस यान पर बैठकर उड़े थे, उसमें तकनीकी खामी के कारण उनकी वापसी अभी सुरक्षित नहीं है। ऐसे में नासा ने इसके लिए बीते शनिवार को बचाव अभियान की शुरुआत कर दी। स्पेसक्रॉफ्ट 28 सितंबर को लॉन्च किया गया। इस विमान में नासा के अंतरिक्ष यात्री निक हेग और रूसी अंतरिक्ष यात्री अलेक्जेंडर गोरबुनोव सवार हैं।

चूंकि नासा अंतरिक्ष स्टेशन के कर्मचारियों को लगभग हर छह महीने में बदलता है, इस नई उड़ान में विलमोर और विलियम्स के लिए दो खाली सीटें हैं और यह फरवरी के अंत में वापस आएगी। नासा प्रमुख बिल नेल्सन ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "सफल प्रक्षेपण के लिए NASA और SpaceX को बधाई।"

जब निक हेग और गोरबुनोव फरवरी में अंतरिक्ष स्टेशन से लौटेंगे, तो वे बुच विल्मोर और सुनीता विलियम्स को साथ लेकर आएंगे। सुनीता विलियम्स और विल्मोर का आईएसएस पर प्रवास स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान में आई समस्याओं के कारण महीनों तक लंबा खिंच गया है।

बांग्लादेश से पश्चिम बंगाल पहुंची हिल्सा मछली की पहली खेप, भारत से रिश्ते मजबूत करने की पड़ोसी देश की कोशिश

डेस्क: बांग्लादेश से 50 टन से अधिक हिल्सा मछली पश्चिम बंगाल पहुंच गई है। आयातकों ने शनिवार को यह जानकारी दी। पड़ोसी देश की अंतरिम सरकार ने दुर्गा पूजा उत्सव के दौरान अक्टूबर के मध्य तक मछली के निर्यात की अनुमति दी है। राज्य के लोगों का पसंदीदा व्यंजन 'पद्मार इलिश' (पद्मा नदी से पकड़ी गई हिल्सा) की इतनी ही मात्रा की एक और खेप बहुत जल्द आने की उम्मीद है। मछली आयातकों के संघ (एफआईए) ने हाल ही में बांग्लादेश की अंतरिम सरकार को पत्र लिखकर हिल्सा के निर्यात की अनुमति देने का आग्रह किया। वह पिछले पांच साल से सद्भावना के तौर पर उत्सव के दौरान ऐसा करता आ रहा है।

एफआईए के सचिव सैयद अनवर मकसूद ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘50 टन से अधिक की पहली खेप दो दिन पहले पेट्रापोल सीमा के जरिए पहुंची। इसे कोलकाता और जिलों के कई थोक बाजारों में भेजा गया। एक दिन में लगभग 50 टन की एक और खेप आने की उम्मीद है।’’ उन्होंने बताया कि हिल्सा का वजन 700 ग्राम से लेकर एक किलोग्राम तक है और इसकी कीमत 900 रुपये प्रति किलोग्राम से लेकर 1300-1500 रुपये प्रति किलोग्राम तक है। कोलकाता स्थित राष्ट्रीय समुद्री मछली आयातक-निर्यातक निकाय को उम्मीद है कि 12 अक्टूबर तक उसे कुल 2000 टन से अधिक हिल्सा मिल जाएगी, जो बांग्लादेश से खेप आने की अंतिम तिथि है। पड़ोसी देश में 13 अक्टूबर से कुछ समय के लिए हिल्सा मछली पकड़ने पर प्रतिबंध है।

बांग्लादेश ने 2023 में 79 कंपनियों को भारत को कुल 4,000 टन निर्यात करने की अनुमति दी थी। बांग्लादेश दुनिया का सबसे बड़ा हिल्सा उत्पादक है, लेकिन स्थानीय मांग अधिक होने के कारण वह इस मछली के निर्यात पर प्रतिबंध लगाता है। हालांकि, दुर्गा पूजा उत्सव के दौरान, वह आमतौर पर इस मछली के निर्यात पर प्रतिबंध में ढील देता है, जो बंगालियों का एक बहुत पसंदीदा व्यंजन है।

अमित शाह ने राहुल गांधी पर किया कटाक्ष पूछा, 'कांग्रेस के कार्यक्रमों में पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे क्यों?'

भाजपा नेता अमित शाह ने रविवार को दावा किया कि चुनावी राज्य हरियाणा में कांग्रेस के कार्यक्रमों में 'पाकिस्तान जिंदाबाद' के नारे लगाए जा रहे हैं। उन्होंने बादशाहपुर में एक रैली में कहा कि कांग्रेस तुष्टीकरण की राजनीति में अंधी हो गई है। उन्होंने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी पर भी हमला बोला।

"मैं हरियाणा में एक नया चलन देख रहा हूं। हथीन से थानेसर और थानेसर से पलवल तक कांग्रेस के मंचों पर 'पाकिस्तान जिंदाबाद' के नारे लगाए जा रहे हैं। मैं राहुल गांधी से पूछना चाहता हूं कि जब आपकी पार्टी के नेता और कार्यकर्ता 'पाकिस्तान जिंदाबाद' के नारे लगा रहे हैं, तो आप चुप क्यों हैं? कांग्रेस तुष्टीकरण की राजनीति में अंधी हो गई है", उन्होंने कहा।

उन्होंने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को वापस लाने के कांग्रेस के वादे को लेकर भी राहुल गांधी पर हमला बोला। उन्होंने कहा, "कश्मीर हमारा है या नहीं? अनुच्छेद 370 को हटाया जाना चाहिए था या नहीं? कांग्रेस और राहुल बाबा कहते हैं कि वे अनुच्छेद 370 को वापस लाएंगे। राहुल गांधी की तीन पीढ़ियां भी अनुच्छेद 370 को वापस नहीं ला सकतीं। हरियाणा के युवाओं ने कश्मीर की रक्षा के लिए बहुत बलिदान दिया है और हम उसे व्यर्थ नहीं जाने देंगे।" उन्होंने यह भी वादा किया कि सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में वक्फ संशोधन विधेयक लाएगी। उन्होंने कहा, "वक्फ बोर्ड कानून बहुत सारी समस्याएं पैदा कर रहा है। हम इस शीतकालीन सत्र में इसमें सुधार करेंगे और इसे सीधा करेंगे।"

हरियाणा में 5 अक्टूबर को मतदान होगा। नतीजे 8 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे। इस महीने की शुरुआत में अमित शाह ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए पूछा था कि क्या उन्हें एमएसपी का फुल फॉर्म पता है। उन्होंने पूछा, "राहुल बाबा, क्या आपको एमएसपी का फुल फॉर्म पता है? कौन सी फसल खरीफ है, कौन सी रबी है, क्या आपको पता है।" शाह ने कहा कि हरियाणा में भाजपा सरकार 24 फसलों की एमएसपी पर खरीद कर रही है। उन्होंने कहा, "हरियाणा के कांग्रेस नेता बताएं कि कांग्रेस शासित कौन सा राज्य इतनी फसलें खरीदता है।"