राजनीतिक दलों में बढ़ी बेचैनी, गठबंधन में टूट के आसार!
प्रमोद दास.
गुमला। विधानसभा चुनाव को लेकर चुनाव आयोग की चहलकदमी के बाद राजनीतिक दलों में तनाव बढ़ने लगा है और तनाव होना भी लाजमी है। वैसे चुनाव आयोग ने अभी चुनाव को लेकर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। लेकिन संभावना जताई जा रही है कि आनेवाले 15 दिनों में कभी भी चुनाव आयोग आदर्श चुनाव आचार संहिता की घोषणा कर सकता है। इधर चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों में टिकट बंटवारे को लेकर भी घमासान शुरू हो गया है। सताधारी दल जेएमएम जहां टिकटों को लेकर अपनी दावेदारी तेज कर रहा है वहीं लोकसभा चुनाव में अप्रत्याशित जीत हासिल कर लोकसभा में पहुंची कांग्रेस अपनी दावेदारी पेश कर जिले की कम से कम दोया फिर सभी विधानसभा सीट पर अपने उम्मीदवार उतारेगी की तैयारी में है। जिसमें सिसई , गुमला और विशुनपुर विधानसभा की सीट शामिल है। हालाकि जेएमएम अपनी किसी भी सीट को छोड़ने के लिए तैयार नहीं है और हो भी क्यों उसके पास पहले से तीनों सीट जो है। फिर भी इंडिया गठबंधन का फैसला अंतिम फैसला होगा ऐसा कॉन्ग्रेस के बड़े नेता कहते हैं। लेकिन जेएमएम ने इस तरह की किसी संभावना से इंकार किया है और कॉन्ग्रेस के दावे को खारिज कर दिया है। ऐसे में इंडिया गठबंधन में भी विवाद खड़ा हो गया है। उधर भाजपा ने अपने उम्मीदवारों के नामों को लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं से रायशुमारी की है। जिसमें पार्टी को क्रमशः तीन नामों को प्राथमिकता देकर प्रदेश समिति को भेजा जाना था हालाकि ये तीन नाम कौन हैं ये अभी संशय बना हुआ है। लेकिन चर्चा है कि गुमला विधानसभा से निवर्तमान सांसद सुदर्शन भगत पर पार्टी एक बार दांव लगा सकती है।वहीं दुसरे, तीसरे चौथे, पांचवें नंबर पर शिवशंकर उरांव, कमलेश उरांव,शकुंतला उरांव, गौरी किंडो, मिसिर कुजूर जैसे करीब दस लोगों के नाम हैं जो चुनाव की दौड़ में शामिल हैं। जिनमें एक का चुनाव पार्टी को करना है। वहीं सिसई विधानसभा से अरुण उरांव, किरण बाड़ा दिनेश उरांव और विशुनपुर विधानसभा से समीर उरांव, भिखारी भगत, रामप्रसाद बड़ाइक अशोक उरांव जैसे कुछ नाम शामिल हैं। वहीं कांग्रेस से विशुनपुर विधानसभा के लिए चैतू उरांव बॉबी भगत शिवकुमार भगत और सिसई विधानसभा के लिए पूर्व मंत्री गीताश्री उरांव, चैतु उरांव रोशन बरवा के नाम चर्चा में हैं। इधर गुमला सीट पर भी कांग्रेस अपनी दावेदारी को लेकर हमलावर नजर आ रही है। राजनितिक सूत्रों का कहना है कि वर्तमान में जेएमएम जिस तरह दावा कर रही है। अब की परिस्थिति पहले से अलग है। इसलिए अगर कांग्रेस इन सीटों पर दावा करती है तो गलत नहीं है।इस सीट पर भी अपनी दावेदारी को लेकर रोहित उरांव, दीपनारायण उरांव, राजनिल तिग्गा, अलबर्ट तिग्गा, अमृता भगत के नामों की चर्चा है।हालाकि अभी यह तय नहीं है कि इंडिया गठबंधन किन किन सीटों में अपने उम्मीदवार उतारेगी और उतारेगी तो क्या आपसी सहमति बन पाएगी या फिर जिस तरह सीटो को लेकर गठबंधन में आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है कहीं इसका असर तो गठबंधन पर नहीं पड़ेगा यह बड़ा सवाल है? इधर एक बात तो तय है कि भाजपा लोकसभा चुनाव के प्रदर्शन से सीख लेकर विधानसभा में फूंक फूंक कर कदम रखना चाहती है। वैसे बताया जा रहा है कि पार्टी पहले चुनाव लड़ चुके वैसे किसी उम्मीदवार पर दाव लगाना नहीं चाह रही है। जिससे पार्टी को खतरा हो।चूंकि जनता ने इन उम्मीदवारों को पहले ही खारिज कर दिया है। उधर दूसरी ओर आधी आबादी में भी दावेदारी को लेकर आवाज उठने लगी है। जिस तरह महिलाओं को लेकर सरकार उनके सम्मान की बात लगातार कर रही है। वैसे में महिलाओं का कहना है कि उन्हें भी सरकार में प्रतिनिधित्व का मौका मिलना चाहिए। बहरहाल टिकट को लेकर पार्टियों में घमासान शुरू हो गया है अब देखना है कि प्रारंभ से इन सीटों में कभी भाजपा तो कभी कांग्रेस ने अबतक अपनी पकड़ मजबूत रही थी क्या आनेवाले चुनाव में भी अपनी पकड़ बरकरार रखने में सफल हो पाएगी यह बड़ा सवाल है! .
Sep 24 2024, 22:05