श्रीलंका की कमान अब वामपंथी नेता के हाथ, अनुरा कुमारा दिसानायके बने नए राष्ट्रपति
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मार्क्सवादी नेता अनुरा कुमारा दिसानायके ने श्रीलंका का राष्ट्रपति चुनाव जीत लिया है। ये पहला मौका है जब श्रीलंका में कोई वामपंथी नेता राष्ट्रपति के पद पर बैठेगा। यही नहीं, श्रीलंका के इतिहास में पहली बार राष्ट्रपति चुनाव का फैसला दूसरे दौर की मतगणना से हुआ। इसमें वामपंथी अनुरा कुमारा दिसानायके विजेता घोषित किए गए।इससे पूर्व पहले दौर की मतगणना में ही दिसानायके ने अन्य प्रतिद्वंद्वियों से बढ़त ले ली थी। अनुरा ने तीन नामी उम्मीदवारों- नमल राजपक्षे, साजिद प्रेमदासा और रानिल विक्रमसिंघे को इस चुनाव में मात दी है।जनता विमुक्ति पेरामुना (जेवीपी) पार्टी के नेता दिसानायके इस चुनाव में नेशनल पीपुल्स पावर (एनपीपी) गठबंधन की ओर से राष्ट्रपति पद के कैंडिडेट बने थे।
इससे पूर्व निर्वाचन आयोग ने दूसरे दौर की गिनती का आदेश दिया था क्योंकि शनिवार को हुए चुनाव में किसी भी उम्मीदवार को विजेता घोषित करने के लिए आवश्यक 50 प्रतिशत से अधिक मत हासिल नहीं हुए थे।मार्क्सिस्ट जनता विमुक्ति पेरामुना पार्टी की आनुषंगिक इकाई नेशनल पीपुल्स पावर (एनपीपी) के दिसानायके को 56.3 लाख वोट मिले, जो कुल मतों का 42.31 प्रतिशत था। विपक्षी नेता सामगी जन बालवेगया (एसजेबी) के साजिथ प्रेमदासा को 43.6 लाख, यानी 32.80 प्रतिशत मत हासिल हुए। निवर्तमान राष्ट्रपति विक्रमसिंघे को सिर्फ 22.9 लाख वोट मिले जो, कुल मतों का 17.27 प्रतिशत रहा।
दिसानायके वामपंथी विचारधारा से प्रभावित
जिसके बाद चुनाव दूसरे प्रेफरेंस दौर में चला गया था।जिसकी गिनती के बाद दिसानायके देश के राष्ट्रपति चुने गए हैं। जिसके बाद 56 साल के अनुरा कुमार दिसानायके को चीफ जस्टिस जयनान्थ जयसूरिया ने शपथ दिलवाई है। दिसानायके श्रीलंका की राजधानी कोलंबो से सांसद हैं और वामपंथी विचारधारा से प्रभावित है। वह देश की वामपंथी पार्टी जनता विमुक्ति पेरामुना पार्टी के अध्यक्ष भी हैं. वे 2019 में भी राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ चुके हैं और 2015 से 2018 तक मुख्य विपक्षी सचेतक भी रहे हैं. देश को कर्जे से बाहर निकालने और भ्रष्टाचार कम करने के लिए दिसानायके ने प्रचार के दौरान अपनी नीतियों को जनता के सामने रखा है
जीत के बाद दिसानायके का सोशल मीडिया पोस्ट
दिसानायके ने राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल करने के बाद सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, 'सदियों से हमने जो सपना देखा था, वह आखिरकार सच हो रहा है। यह उपलब्धि किसी एक व्यक्ति के काम का नतीजा नहीं है, बल्कि आप जैसे लाखों लोगों के सामूहिक प्रयास का नतीजा है। आपकी प्रतिबद्धता ने हमें यहां तक पहुंचाया है और इसके लिए मैं आपका बहुत आभारी हूं। यह जीत हम सभी की है। यहां तक पहुंचने का हमारा सफर कई लोगों के बलिदानों से तय हुआ है, जिन्होंने इस उद्देश्य के लिए अपना पसीना, आंसू और यहां तक कि अपनी जान भी दे दी। उनके बलिदान को भुलाया नहीं जा सकता। हम उनकी उम्मीदों और संघर्षों का राजदंड थामे हुए हैं, यह जानते हुए कि इसमें कितनी जिम्मेदारी है। उम्मीद और अपेक्षा से भरी लाखों आंखें हमें आगे बढ़ाती हैं और हम मिलकर श्रीलंका के इतिहास को फिर से लिखने के लिए तैयार हैं। यह सपना केवल एक नई शुरुआत से ही साकार हो सकता है। सिंहली, तमिल, मुस्लिम और सभी श्रीलंकाई लोगों की एकता इस नई शुरुआत का आधार है। हम जिस नए पुनर्जागरण की तलाश कर रहे हैं, वह इस साझा ताकत और दृष्टि से ही उभरेगा।"
Sep 23 2024, 15:42