(हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं)
कवियत्री अनीता राज ने हिंदी दिवस पर कुछ यू कविता के माध्यम से हिंदी की महत्ता का किया गुणगान
संजीव सिंह बलिया।
(हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं) माँ के गर्भ में , जब उत्सुकता हुई बोलने की तो , माँ के पेट में लात मारी , उफ़ की बजाय खुशी के मुस्कान होंठों पर थिरक आएं , वही से जन्मी है हिंदी ।।। पहली बार रोने की आवाज सुनकर , माँ मौत जैसे दर्द को मात मारी , स्नेहपूर्ण ममतामयी उर में वात्सल्य छलक आएं , वही से जन्मी है हिंदी ।।।। मेरी पहली किलकारी से चहक उठा , घर - आँगन की फुलवारी , बाबू जी के नेह स्पर्श बोल से अंतर्मन सहलाए, वही से जन्मी है हिंदी ।।।। ककहरा से लेकर गीत , कहानी , कविता , सभी विधाओं को सजाने में भागीदारी , लय सुर छंद ताल में सरिता कल कल नाद गाए , वही से जन्मी है हिंदी ।।।। जीवन - मरण , रीति - रिवाज संस्करण , सभी अनुष्ठानों में बढ़ चढ़ कर दावेदारी , सुख दुःख की छाँव में "अनीता" सुर में सुर गाए , वही से जन्मी है हिंदी ।।।। आइए हम हिंदी को नित नया विहान दे , हिंदी का करें अभिनंदन हिंदी से करें यारी ।। हर भाषाओं के शीर्ष पर रहें हमारी हिंदी ।। तब जीवित रहेगी हिंदी ।। हिंदी हमारी हिंदी ।।।।।।।।। (अनीता राज)
Sep 20 2024, 22:45