दलमा ईको सेंसिटिव जोन: ग्रामीणों ने अपने अधिकारों की रक्षा के लिए एकजुट होकर आवाज उठाई
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सरायकेला :- दलमा ईकों संसेंटिव जोन के वन मंत्रालय की आदेशानुसार असंविधानिक तरीका से ग्रामों की जारी की गई है। इस नोटिस के संदर्भ में दलमा रेंज पधिकारी द्वारा विस्थापित करने को नोटिस में के विरूद्ध में दलमा के तराई में बसे ग्रामीणों एवम् विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा राज्य व विभाग के विरोध में जनाको रैली एवम् जुलूस प्रदर्शन इर्द-मिद ग्रामों 1 व केन्द्र सरकार एवम् वन, द्वारा संविधानिक तरीका से स्थानीय निषा प्रशासन के माध्यम से राज्य व केन्द्र सरकार और वन मंत्रालय के नाम लिखित मांग पत्र जाती सौंपी गई।
अगर फिर भी इस देश के महान लोकतंत्रिक को पहब- है- तो पुनः आजादी के पूर्व की तरह आर-पार की अन्दोलन करने की ठान ली - गई है। इस विषय के संदर्भ में अकिस भारतीय आदिवासी-भूलवासी रक्षा मोची केन्द्रीय कमिटी छ्वारा दिनांक ०८/09/2024 को प्रधान कार्यालय पिन्ड्राबेड़ा, कान्द्रा के प्रांगण में के अध्यक्ष यह आरखण्ड अन्दोलनकारी भी संग्राम मार्डी की अध्यक्षता में एक बैठक रखी गई।
बैठक में विस्तार पूर्वक चचर्चा करते हुए निर्णय लिया गया कि राज्य व केन्द्र सूरकर वृवारा झारखण्ड प्रदेश के सुक्काटी (Domecil) आदिवासी-भूषवासी के मौलिक अधिकारों जल, जंगष, जगीन को असैंविधानिक तरीका से सुनियोजित पणयंत्र रचकार बेदखल विकलर की गति एवम् लोकतंत्र में हत्या की तरह समझी व विना करने की सषिश रची गई है। जाती है।
पूरी दुनिया जानती है कि आदिवासी-भूलवासी अपना सम्प्रभुता जल, जंगल, अमीन की हमारी वर्ष पूर्व से रक्षा करने में कितनी अध्म भूमिका है कौन नहीं जानता और आदिवासी भूषवासियों का अस्तित्व प्राकृतिक संस्कृतिक धरोहर है।
इसे छेड़-छाड़ करना किसी भी स्तर से वर्दस्त नहीं की जायेगी। बैठक में निर्णय लिया गया कि अगर राज्य व केन्द्र सरकार आदिवासी-मुषवासी की धरोहर को रक्षा की पहल एवम् दलगा को उको कैसेंटिव जोन नीति को रह नहीं की जाती है- तो मोची भी आपके साथ अन्दोलन करने के लिए तैयार है।
① शिवनाथ बेसरा 2 (
) कालीपद सिंह सरकार 3.
लखीराम हाँसदा सुराई केसरा
लखीन्द्र हाँसका
सुनील
माडी
कुशब
अन्य काफी
कालीचरण हैं। सका संख्याथों
दुवराज हाँसदा
विश्वजीत मुहतो
भवदीय 06-09-2024
भारखण्ड अन्दोलनकारी सह अध्यक्ष अखिल भारतीय आदिवासी-भूषवासी रक्षा मोची











सरायकेला : तमाड़ विधान सभा क्षेत्र के प्रसिद्ध देवड़ी मंदिर में प्रशासन और ग्रामीण आमने सामने आ गए हैं। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि यह प्राचीन काल से देवड़ी दिरी पूजा स्थल है।
Sep 08 2024, 19:35
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