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सूबे की नजूल किसी को नहीं क़बूल, विपक्ष  ही नहीं बीजेपी के लोग भी कर रहे इसका विरोध, जानिये क्यों

लखनऊ । यूपी में नजूल की ज़मीनसे जुड़ा एक बिल योगी सरकार  के गले की फांस बन गई है। नजूल यानी वो जमीन का टुकड़ा जिसका कोई वारिस नहीं होता.।ये ज़मीन राज्य सरकार के अधीन आती है और राज्य सरकार अपने विवेक से किसी को लीज़ या पट्टे पर दे सकती है। इसी नजूल की जमीन से जुड़े एक विधेयक का यूपी में जमकर विरोध हो रहा है। विधानसभा से बिल पास होने के बाद नाराजगी जताने वाले बीजेपी विधायकों ने प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और केशव मौर्य से मिलकर अपनी आपत्ति दर्ज कराई थी।ऐसा शायद पहली बार हुआ है, जब योगी सरकार के किसी विधेयक को विधानसभा से मंजूरी मिलने के बावजूद विधान परिषद ने प्रस्ताव पास नहीं किया। इस विधेयक का विरोध न सिर्फ विपक्ष कर रहा है, बल्कि खुद बीजेपी के लोग भी इसके खिलाफ हैं। नजूल की जमीनों पर यह होता रहा खेल जानकारी के लिए बता दें कि सरकार का मानना है कि पूर्व की सरकारों में अरबों रुपये की नजूल जमीन को कौड़ियों में फ्रीहोल्ड करने का बड़ा खेल किया जाता रहा है। इसमें लिप्त भू-माफिया से लेकर नेता और नौकरशाह ही जनहित को ढाल बनाकर अपने हितों को साधने के लिए विरोध कर रहे हैं। कानून के लागू होने से न केवल अरबों रुपये की नजूल जमीन का सार्वजनिक हित में इस्तेमाल किया जा सकेगा बल्कि पूर्व में गड़बड़ी कर नजूल जमीन को फ्रीहोल्ड कराने का खेल भी उजागर होगा। यूपी में लगभग 75 हजार एकड़ नजूल जमीन प्रदेश में लगभग 75 हजार एकड़ नजूल जमीन है, जिसकी कीमत दो लाख करोड़ रुपये आंकी गई है। नजूल जमीन पर कब्जे के विवाद भी कम नहीं हैं। कई कीमती व बड़ी जमीनों पर भूमाफिया व रसूखदार लोगों का कब्जा भी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भूमाफिया के विरुद्ध कार्रवाई सुनिश्चित कराने के लिए चार स्तरीय एंटी भूमाफिया टास्क फोर्स का गठन किया था। बीते लगभग सवा चार साल में राजस्व व पुलिस विभाग ने भूमाफिया के विरुद्ध अभियान के तहत कार्रवाई है। राजस्व विभाग के आंकड़ों के अनुसार लगभग 1,54,249 एकड़ भूमि को कब्जा मुक्त कराया गया है। 2,464 कब्जेदारों को चिन्हित कर 187 भूमाफिया को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया।इन मामलों में 22,992 राजस्व वाद, 857 सिविल वाद व 4,407 एफआइआर दर्ज कराई गईं। प्रदेश में फर्जी दस्तावेजों व रसूख के बलबूते नजूल भूमि पर कब्जे तथा उसे फ्रीहोल्ड करा लेने का खेल काफी पुराना है। सरकारी जमीनों को सर्किल रेट का केवल 10 प्रतिशत भुगतान कर फ्रीहोल्ड कराने का खेल चलता रहा है। सर्वाधिक नजूल भूमि प्रयागराज, कानपुर, अयोध्या, सुलतानपु, गोंडा व बाराबंकी में हैं। नजूल की जमीनों को फ्रीहोल्ड कराने का सबसे बड़ा केंद्र प्रयागराज रहा है, जहां सिवालि लाइन क्षेत्र की अधिकतर जमीन नजूल की है। इन शहरों में खाली कराई नजूल भूमिलखनऊ के सरोजनीनगर में नजूल भूमि को खाली कराकर फारेंसिक इंस्टीट्यूट स्थापित कराया गया है। यह जमीन भूमाफिया खुर्शीद आगा के कब्जे में थी। वर्ष1955 में 57 एकड़ जमीन एक ट्रैक्टर कंपनी को 10 वर्ष की लीज पर दी गई थी।प्रशासन ने जमीन सरोजनीनगर ब्लाक के पिपरसंड क्षेत्र की ग्राम सभा के नाम दर्ज करा दी थी। वर्ष 2014 में जमीन भूमि माफिया के हाथों में चली गई थी।प्रयागराज के लूकरगंज इलाके में माफिया अतीक अहमद (अब मृत) के कब्जे में रही करोड़ों रुपये कीमत की भूमि को खाली कराकर सरकार ने गरीबों के लिए 76 आवास बनवाए।कानपुर के सिविल लाइन क्षेत्र में माफिया गिरोह ने नजूल की लगभग सात एकड़ भूमि पर कब्जा करने का प्रयास किया। लगभग एक हजार करोड़ रुपये की इस भूमि के अवैध कब्जे को हटवाया गया।स्वतंत्रता से पहले का राजस्व बोर्ड कार्यालय लखनऊ के राणा प्रताप मार्ग पर था। इसे फ्रीहोल्ड कराने को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है। पिछले दिनों एलडीए ने इस मामले की जांच शुरू की तो कर्मचारियों की मिलीभगत से इसकी फाइल ही गायब करा दी गई। इन कारणों से विधान परिषद में  लटक गया नजूल बिल योगी सरकार नजूल भूमि विधेयक 2024 को भले ही विधानसभा से पास कराने में कामयाब रही हो, लेकिन बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी के कड़े विरोध के चलते विधान परिषद में यह लटक गया है। विधान परिषद के सभापति मानवेंद्र सिंह ने विधेयक को प्रवर समिति के पास भेजने की मंजूरी दे दी है। इस विधेयक ने सूबे के सियासी तापमान को बढ़ा दिया है। विधेयक के विरोध में विपक्षी दल की नहीं बल्कि सत्तापक्ष की तरफ से भी आवाज उठी।सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ कदमताल करने वाले विधायक रघुराज प्रताप सिंह भी नजूल भूमि विधेयक विरोध में खड़े नजर आए।इतना ही नहीं बीजेपी विधायक हर्षवर्धन वाजपेयी, सिद्धार्थनाथ सिंह के साथ सहयोगी निषाद पार्टी और जनसत्ता दल (लोकतांत्रिक) के विधायक भी विरोध में आ गए. बीजेपी विधायकों के विरोध के बावजूद योगी सरकार नजूल बिल को विधानसभा से पास कराने में कामयाब रही, लेकिन विधान परिषद में पेश होने से पहले सियासी नफा-नुकसान का आकलन कर लिया। इसके चलते ही विधान परिषद में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने बिल का विरोध कर दिया और उसे पास नहीं होने दिया। क्या होती है नजूल भूमिनजूल शब्द अरबी भाषा से लिया गया है। सरकार के पास भी जमीन होती है, जिस जमीन को शासकीय जमीन कहा जाता है। इन शासकीय जमीनों में से एक जमीन नजूल जमीन भी होती है। आजादी से पहले अंग्रेजों के विरुद्ध तमाम भारतीयों ने विद्रोह किया था।अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह करने वाले राजा-रजवाड़े या फिर स्वतंत्रता सेनानी जब युद्ध में परास्त हो जाते थे, तो ब्रिटिश सेना उनसे उनकी जमीनें छीन लेती थी। इन जमीन को अंग्रेजी हुकुमत अपने कब्जे में ले लिया करती थी।अंग्रेजी सरकार के खिलाफ लड़ने वाले कई लोग ऐसे थे जो खेती करते थे और उनके पास जमीन होती थी। अंग्रेज उनकी जमीन को राजसात कर लेते थे। ऐसी जमीन को नजूल की जमीन कहा गया।देश को अंग्रेजों से आजादी मिलने के बाद स्वतंत्रता सेनानियों की जमीन से अंग्रेजों का कब्जा छूट गया। स्वतंत्रता के बाद जिन जमीन मालिकों से अंग्रेजों ने जमीन हड़पी थी, वो उनके वारिसों को वापस लौटा दी गई। हालांकि, कई जमीन ऐसी भी थी जिनके वारिस ही नहीं बचे। इसके अलावा बहुत सी ऐसी भी जमीनें थीं जो राजघरानों को दोबारा वापस नहीं दी सकती थी, क्योंकि राजघरानों के पास इन पर अपना स्वामित्व साबित करने के लिए उचित दस्तावेज नहीं थे। यही जमीन नजूल भूमि है। आजादी के बाद ढेरों रियासतों के विलय होने के बाद अलग-अलग राज्यों को नजूल जमीनें सौंप दी गईं। बीजेपी नेताओं को वोट बैंक की चिंतानजूल जमीन पर सालों से रह रहे लोगों को उम्मीद थी कि एक दिन फ्री होल्ड का नया कानून उनके आशियाने के सपने को पूरा करेगा, लेकिन अब योगी सरकार के विधेयक आने के बाद लोगों के आशियाने पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। सुरेश खन्ना ने बिल पेश करते हुए कहा था, पहले की नीतियों के कारण कई तरह के दावे हुए हैं और ये बैंकों पर बोझ बनती चली गई।भूमि की जरूरत को देखते हुए अब इन नीतियों को जारी रखना और जनहित को देखते हुए नजूल जमीन को फ्री होल्ड में बदलने की अनुमति देना उत्तर प्रदेश सरकार के हित में नहीं है। नजूल जमीन पर विधेयक से बीजेपी नेताओं को वोट बैंक की चिंता सताने लगी है. इससे सीधे तौर पर अकेले प्रयागराज के ही 25 हजार परिवार प्रभावित होने की संभावना है तो लखनऊ, मुरादाबाद, सहारनपुर, गोरखपुर, बरेली और आगरा में बड़ी संख्या में नजूल की जमीनें हैं. इसीलिए बीजेपी के विधायक से लेकर प्रदेश अध्यक्ष तक नजूल भूमि बिल के विरोध में उतर गए। विरोध के चलते पीछे हटी थी भाजपादरअसल, पिछले दिनों कड़े विरोध और हंगामे के बीच विधानसभा से पारित उत्तर प्रदेश नजूल संपत्ति (लोक प्रयोजनार्थ प्रबंध और उपयोग) विधेयक-2024 के एक अगस्त को विधान परिषद में पहुंचने पर भाजपा ही उसे पारित कराने से पीछे हट गई।उच्च सदन में भी बहुमत के बावजूद विधेयक को प्रवर समिति को भेजने की मांग के पीछे विपक्ष द्वारा इस कानून को जनविरोधी बताते हुए बड़ा मुद्दा बनाने की धार को कुंद करना था। योगी सरकार से लेकर भाजपा संगठन नहीं चाहता था कि विधानसभा की 10 सीटों के उपचुनाव से पहले विपक्ष को किसी तरह जनता को गुमराह करने का कोई मौका मिले।
शिव राष्ट्र सेना द्वारा पौधा भंडारा एवं एक पौधा परिवार के नाम कार्यक्रम का किया गया आयोजन
गोरखपुर। शिव राष्ट्र सेना द्वारा पौधा भंडारा एवम एक पौधा परिवार के नाम का दूसरा वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें शिव राष्ट्र सेना महानगर की टीम उपस्थित होकर समस्त सम्मानित जनता को पौधा वितरण किया।

शिव राष्ट्र सेना फाउंडेशन इस कार्यक्रम को आयोजित करने का उद्देस्य ये है कि जो लोग पेड़ ख़रीदने को सोचते है लेकिन समय के अभाव को देखते हुए ना ख़रीद पाते है ना लगा पाते है इसी को देखते हुए यह कार्यक्रम आयोजन किया गया। जिससे की सभी जनता को निःशुल्क पौधा मिल सके और जहां वो लगाए उसका संरक्षण कर सके। ऐसे में आज जनता का भरपूर सहयोग मिला और जनता भी काफी उत्साह के पौधा लिया और उसका संरक्षण करने कि भी संकल्प लिया आगे भी शिव राष्ट्र सेना ऐसे ही सामाजिक कार्यक्रम का आयोजन करती रहेगी।

उपस्थित विमलेश शुक्ला, अमन गुप्ता, कृष्णा तिवारी, प्रिंस सर्राफ, राकेश, अमन, अर्जुन वर्मा, विवान वर्मा, रचित, अमन शर्मा आदि लोग उपस्थित थे।
मिशन खिलखिलाहट के अन्तर्गत जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा पुनः अतिकुपोषित बच्चे को लिया गया गोद
              
गोरखपुर। बाल विकास विभाग गोरखपुर की नवीन पहल मिशन खिलखिलाहट के अंतर्गत अतिकुपोषित बच्चों को लगातार अधिकारियों द्वारा गोद  लिया जा रहा है।

मिशन के अंतर्गत जिला कार्यक्रम अधिकारी,  गोरखपुर डॉ अभिनव कुमार मिश्रा द्वारा पुनः एक अतिकुपोषित बच्चे को गोद लिया गया है। आंगनबाड़ी केन्द्र-महुईसुघर के 01 वर्ष 02 माह के अतिकुपोषित बच्चे रुद्र को गोद लेते हुए उनके द्वारा बच्चे के घर भ्रमण कर उसकी वजन/लंबाई का मापन लिया गया तथा पोषण पोटली प्रदान की गई।

इसके साथ ही उनके द्वारा बच्चे के अभिभावक को संतुलित आहार, स्वच्छता एवं साफ सफाई टीकाकरण, स्वास्थ्य जांच आदि के बारे में जानकारी दी गईI  उन्होंने बताया कि संतुलित आहार, स्वच्छता एवं साफ सफाई तथा सही मार्गदर्शन से कुपोषण को रोका जा सकता है और बच्चों के स्वस्थ विकास को सुनिश्चित किया जा सकता है।

इस दिशा में उठाए गए कदम न केवल बच्चों के वर्तमान स्वास्थ्य को बेहतर बनाएंगे, बल्कि उनके भविष्य को भी उज्ज्वल बनाएंगे। डॉ अभिनव कुमार मिश्र द्वारा प्रत्येक सप्ताह मॉनिटरिंग कर रुद्र को शीघ्र ही कुपोषण मुक्त किया जाएगाI पूर्व में डीपीओ द्वारा सिविल लाइंस निवासी लाभार्थी परी को गोद लिया गया था जो कुपोषण मुक्त हो गई । जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ अभिनव मिश्रा ने बताया कि मिशन खिलखिलाहट मुख्य विकास अधिकारी संजय मीना के निर्देशन में शुरू किया गया पहल है जिसके अन्तर्गत विभागीय सेवाओं के अलावा अतिकुपोषित बच्चों पर व्यक्तिगत ध्यान देते हुए उन्हें कुपोषण मुक्त करने की कोशिश पहल है जिसमें कुपोषित बचपन से उन्हें मुक्ति दिलाकर उनकी खिलखिलाहट को बरकरार करने का प्रयास है.
सपा महिला सभा के प्रतिनिधिमंडल ने आत्मदाह पीड़िता से अस्पताल में मिलकर जाना हालचाल


लखनऊ। राजधानी लखनऊ में न्याय के लिए पहुंची महिला अंजलि जाटव ने आत्मदाह कर लिया। महिला का लगभग एक वर्ष का बच्चा है। इस संवेदनशील मामले की जानकारी पर मंगलवार को अस्पताल में भर्ती पीड़ित महिला से मिलने सपा महिला सभा का एक प्रतिनिधिमंडल पहुंचा। आत्मदाह का प्रयास करने वाली महिला की हालत नाजुक बताई गई है।



महिला अंजलि आज लगभग एक वर्ष के बच्चे के साथ उन्नाव से लखनऊ पहुंची। यहां पर उसने जनता दरबार में फरियादियों की सुनवाई के बाद बाहर निकली और फिर संदिग्ध परिस्थितयों में आत्मदाह कर लिया। मौके पर मौजूद पुलिस ने आग बुझाते हुए महिला को उपचार के लिए अस्पताल भिजवाया। इस बीच सड़क पर रो रहे बच्चे का पुलिस कर्मियों ने अपनी हिफाजत में लेते हुए पूरे प्रकरण की जांच करते हुए कार्रवाई शुरू कर दी। इस प्रकरण को लेकर सपा महिला सभा की राष्ट्रीय अध्यक्ष जूही सिंह ने नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल ने सिविल हॉस्पिटल, केजीएमयू ट्राम सेंटर के बर्न यूनिट पहुंचा। यहां पर महिला का हालचाल लिया। डॉक्टरों ने महिला की हालत गंभीर बताई।


पीड़िता काे लेकर जूही सिंह ने बताया कि महिला की हालत गंभीर बनी हुई है। यह घटना भाजपा सरकार का महिलाओं के प्रति उनकी संवेनहीनता को दृर्शाता है। महिला अपराधों पर सरकार गंभीर नहीं है। अगर महिला को पहले ही न्याय मिल गया होता तो उसे आज लखनऊ आकर आत्मदाह जैसा कदम उठाने की नौबत तक नहीं पहुंचना पड़ता।प्रतिनिधिमंडल में रीबू श्रीवास्तव प्रदेश अध्यक्ष महिला सभा, नाहिद लारी खान प्रवक्ता, पूजा शुक्ला पूर्व प्रत्याशी लखनऊ उत्तर विधान सभा, शकील नदवी प्रदेश अध्यक्ष अल्पसंख्यक सभा, अनीता श्रीवास्तव, ममता शर्मा, लता जायसवाल, सलमा, शबनम, शबीना खान, मुन्नी पाल, विजय लक्ष्मी, रीना कौर शामिल रहीं।
यूपी पुलिस साइबर क्राइम की गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए दृढ़ संकल्पित: पुलिस महानिदेशक

लखनऊ। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रशांत कुमार ने मंगलवार को कहा कि साइबर क्राइम एक ऐसा क्षेत्र है, जिसने पिछले कुछ वर्षों में विकराल रूप धारण कर लिया है। इसे रोकना एक बड़ी चुनौती है। इससे निजात पाने के लिए उपभोक्ता या डिजिटल लेन-देन वाले संस्थानों को भी सचेत रहने की आवश्यकता है। यूपी पुलिस साइबर क्राइम से लड़ने और साइबर क्राइम की गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए दृढ़ संकल्पित है।
डीजीपी ने गोमतीनगर विस्तार स्थित पुलिस मुख्यालय में भारतीय स्टेट बैंक द्वारा साइबर ठगी के प्रति चलाये जा रहे साइबर सुरक्षा जागरूकता पखवाड़ा का शुभारम्भ एवं साइबर सुरक्षा बुकलेट का विमोचन किया। साथ ही साथ जागरूकता के लिए लखनऊ, बरेली, प्रयागराज, कानपुर, वाराणसी और गोरखपुर मंडलों के लिए भेजी जाने वाली छह प्रचार वाहनों को हरी झंडी देकर रवाना किया।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग के साथ-साथ स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया ने आम जनता को जागरूक करने का जो तरीका अपनाया है, वह सराहनीय है। जागरूकता का माध्यम वही होना चहिये जो आम जनता की समझ में आये। प्रदेश सरकार इस चुनौती से निपटने के लिए निरन्तर सार्थक प्रयास कर रही है। इसी उद्देश्य से प्रदेश के सभी जिलों में साइबर थाने खोले गये और साइबर हेल्प डेस्क बनाई गई।
सीएम योगी ने अयोध्या के विकास कार्यों एवं कानून व्यवस्था को लेकर की समीक्षा बैठक, बोले- संवाद एवं समन्वय से समस्याओं का निराकरण करें अफसर

अयोध्या। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सभी अधिकारी जनप्रतिनिधियों एवं जनपदवासियों के साथ समन्वय बनाकर कार्य करें और समस्याओं का निराकरण संवाद एवं समन्वय से करें। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि अयोध्या के नगरीय एवं शहरी क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति 24 घंटे सुनिश्चित करायें तथा जहां भी ट्रांसफॉर्मर के जलने/खराब होने की शिकायत मिले, उसे यथाशीघ्र ठीक करायें। उक्त बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहीं। उन्होंने मंगलवार को आयुक्त सभागार में अयोध्या के विकास कार्यों व कानून व्यवस्था को लेकर समीक्षा बैठक की।

मुख्यमंत्री ने जनप्रतिनिधियों की सुनीं समस्याएं, निराकरण का निर्देश

सीएम योगी आदित्यनाथ ने जनप्रतिनिधियों की समस्याएं सुनीं। रुदौली के विधायक ने आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज के निर्माण कार्य व आईटीआई मवई के संचालन के बारे में अपनी बात रखी। इस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आयुक्त व जिलाधिकारी सहित सम्बंधित विभाग के अधिकारियों को कार्यवाही के निर्देश दिये। बैठक में वाहनों की पार्किंग से जुड़े मुद्दे पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बनाए गए पार्किंग स्थलों को पूरी क्षमता से संचालित किया जाय। मेला/उत्सव आदि के दौरान आवश्यकता पड़ने पर अस्थायी पार्किंग की व्यवस्था के भी इंतजाम हों।

यातायात व्यवस्था सुदृढ़ करने के भी दिए निर्देश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं साधु-संतों व आम नागरिकों को धार्मिक नगरी अयोध्या में आने वाले श्रद्धालुओं को कम से कम पैदल चलना पड़े, इसके लिए ई-कार्ट, ई-बस आदि की व्यवस्था को सुदृढ़ किया जाए। यातायात व्यवस्था सुदृढ़ करने के लिए रूट व रंगों के आधार पर अलग-अलग उसका विभाजन किया जाय। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कुंडों के जीर्णोद्धार के कार्यों में पुरानी पद्धति का इस्तेमाल करें और जल शोधन करते हुये जल को शुद्ध रखें।

मुख्यमंत्री ने ट्रामा सेंटर के लिए भूमि चिह्नित करने को कहा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में आपातकालीन चिकित्सा सुविधा के लिए हॉस्पिटल कम ट्रामा सेंटर के लिए भूमि चिह्नित करने का प्रस्ताव भेजने का निर्देश दिया, जिससे आम नागरिकों को अयोध्या में ही ट्रामा सेन्टर की सुविधा उपलब्ध हो सके। मुख्यमंत्री ने रोजगार सृजन के लिए सभी उद्योगों एवं इंडस्ट्रियों में रोजगार परक कार्यक्रम का आयोजन कराने के निर्देश दिये।
कार्यों की नियमित होती रहे समीक्षा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पर्यटन समेत अन्य विभागों द्वारा कराए जा रहे कार्यों की गुणवत्ता के समय-समय पर निरीक्षण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित हो कि कार्यदायी संस्थाएं निर्धारित समयावधि में कार्य को पूरा कर लें। राजस्व विभाग की समीक्षा करते हुये सीएम ने कहा कि सरकारी कार्यालय यथा-राजस्व, पुलिस, थानों में कोई भी प्राइवेट कर्मी कार्य करता न मिले, ऐसा पाया जाता है तो उसके विरूद्ध कठोर दण्डात्मक कार्यवाही की जाय।

मुख्यमंत्री ने ग्रीन फंड के लोगो का किया शुभारंभ

सीएम योगी ने कहा कि राजस्व वादों की समीक्षा प्रतिदिन जिला स्तर पर की जाए। थाने में आने वाली शिकायतों का उच्चाधिकारियों द्वारा नियमित समीक्षा करने के निर्देश दिए। सीएम ने जिलाधिकारी को सभी अपर जिलाधिकारियों व उपजिलाधिकारियों के साथ नियमित समीक्षा करते हुये राजस्व वादों का निस्तारण सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि जिन-जिन मार्गो पर जलनिगम, पीडब्लूडी, नगर निगम, विकास प्राधिकरण आदि द्वारा कार्य कराये जा रहे हैं, उनका नियमित निरीक्षण प्रशासन द्वारा किया जाय।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या विकास प्राधिकरण द्वारा ग्रीन फंड के लोगो तथा अयोध्या जी तीर्थ क्षेत्र विकास परिषद की वेबसाइट का विमोचन किया। साथ ही अयोध्या के 1000वें होम स्टे को प्रमाण पत्र प्रदान किया।

आयुक्त ने जनपद में हो रहे विकास कार्यों से जुड़ी जानकारी दी आयुक्त गौरव दयाल ने बताया कि जनपद में कुल 241 क्रियात्मक परियोजनाएं है, जिसकी कुल लागत 31,153.19 करोड़ है जिसमें 38 कार्यकारी विभाग सम्मिलित है। उन्होंने बताया कि प्राथमिक योजनाओं में कुल 103 क्रियात्मक परियोजनाएं है। जिनकी लागत 22,321.12 करोड़ है, जिसमें 30 कार्यकारी विभाग कार्य कर रहे हैं। आयुक्त ने पंचकोसी, 14 कोसी परिक्रमा मार्ग, फोरलेन चौड़ीकरण, विस्तारीकरण कार्य समेत अयोध्या में कराए जा रहे विकास कार्यों के बारे में जानकारी दी।बैठक में कृषि मंत्री/जनपद प्रभारी सूर्यप्रताप शाही, महापौर महंत गिरीशपति त्रिपाठी, जिला पंचायत अध्यक्ष रोली सिंह, विधायक सदर वेद प्रकाश गुप्ता, बीकापुर डॉ. अमित सिंह चैहान, रूदौली विधायक रामचंद्र यादव समेत अनेक जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी मौजूद रहे।
सीएम योगी ने पीड़िता परिवार के लिए भेजी पांच लाख की आर्थिक सहायता राशि

पीड़िता के घर चेक लेकर पहुंचे स्थानीय विधायक

पीड़िता की मां ने कहा, सरकार की कार्रवाई बिल्कुल उचित

अयोध्या।भदरसा में हुए सामूहिक दुष्कर्म के मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तेजी से कार्रवाई करा रहे हैं।

शनिवार दोपहर मामले में मुख्य आरोपी मोइद खान के अवैध निर्माण बुलडोजर चला तो शाम होते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तरफ से पीड़िता को पांच लाख रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की गई। स्थानीय विधायक अमित सिंह चौहान ने पीड़िता के घर पहुंच कर परिजनों को पांच लाख रुपये का चेक सौंपा।

इस दौरान जिलाधिकारी चंद्र विजय सिंह व एसएसपी राजकरन नैय्यर भी मौजूद रहे।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तरफ पीड़िता की मां को मिला भरोसा, लगातार पूरा किया जा रहा है। चाहे वह आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का हो या परिवार को आर्थिक सहायता की बात हो।

स्थानीय विधायक अमित सिंह ने बताया है कि मुख्यमंत्री ने कहा था अगर किसी भी चीज की जरूरत होगी तो तुरंत पूरा किया जाएगा। विधायक ने जब पीड़ित बच्ची के माता से पूछा कि आप कार्रवाई से संतुष्ट हैं तो उन्होंने कहा हां सरकार बिल्कुल ठीक कार्रवाई कर रही है। वहीं विधायक ने बताया कि प्रदेश की योगी सरकार पीड़ित परिवार के साथ हमेशा खड़ी रहेगी।
जिला अध्यक्ष द्वारा संगठन विस्तार को लेकर सौंपें दायित्व

भारतीय किसान यूनियन (बी आर एस एस) के जिला अध्यक्ष कामेन्द्र चौधरी द्वारा संगठन विस्तार में कुमरपाल यादव ग्राम - कुहेरा तहसील - गुन्नौर को जिला मीडिया प्रभारी एवं डॉ. आजम ग्राम - चमरौआ तहसील संभल को युवा ब्लॉक अध्यक्ष संभल का दायित्व सौंपा गया ।

नवनियुक्त पदाधिकारी ईमानदारी एवं कर्तव्य निष्ठा से कार्य करते हुए संगठन को ऊंचाइयों पर ले जाने का काम करेंगे ।


कुलदीप शर्मा युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष, हरीश राणा युवा जिला उपाध्यक्ष अमरोहा, सोमपाल कश्यप, राजपाल कश्यप, शराफत अली आदि उपस्थित रहे ।
गांव की गलियों में गूंजा वृक्ष लगाओ जीवन बचाओ का नारा

संभल। समाजसेवी व अधिवक्ता  चौ रविराज चाहल द्वारा चलाए जा रहे वृक्षारोपण जागरूकता अभियान के अंतर्गत तहसील क्षेत्र के  गांव कुरकाबली मे वृक्षारोपण जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन कर ग्रामीणों को वृक्षारोपण के प्रति जागृत किया गया और गांव के गली मोहल्ले में घूम कर लोगों को अधिक से अधिक वृक्षारोपण करने हेतु आह्वान किया गया।

इस दौरान बोलते हुए समाजसेवी व अधिवक्ता चौ रविराज चाहल ने कहा कि देश के एक अच्छे नागरिक होने के नाते हमारा भी कर्तव्य बनता है कि हम परिस्थितियों को समझें और वातावरण के बढ़ते तापमान को नियंत्रित करने हेतु अधिक से अधिक वृक्षारोपण स्वयं भी करें और दूसरों को भी इसके प्रति जागरूक करें अन्यथा वह दिन दूर नहीं कि हमारी समस्त प्राणी जाति खतरे में पड़ जाएगी अत्यधिक तापमान के कारण नए-नए रोग पैदा होंगे और मृत्यु दर रेट बढ़ जाएगा।

आगे बोलते हुए राहुल त्यागी ने कहा कि हम आज से ही प्रण लेते हैं की अधिक से अधिक वृक्षारोपण करेंगेऔर ग्राम वासियों मैं वृक्षारोपण की एक आलख जगाएंगे।

आगे बोलते हुए आसिफ खान ने कहा की हम स्वयं तो वृक्षारोपण करेंगे ही हमारी यह भी जिम्मेदारी बनती है कि हमें अपने आसपास के लोगों को भी जागृत करना चाहिए जिससे लोग जागरूक बने
आगे बोलते हुए खिलेंद्र चाहल ने कहा कि वृक्षी ही जीवन है वृक्ष बिना जीवन संभव नहीं है वृक्ष हमें जीने के लिए वायु देते हैं हमें ईंधन भी देते हैं इसलिए अधिक से अधिक वृक्षारोपण अवश्य करें।

इस दौरान  चौ रविराज चाहल, अमरपाल सिंह, वीरपाल सिंह, खिलेन्द्र चाहल, कोमल चौधरी, राहुल त्यागी, आसिफ खान, मौ मोहसिन, dr. अशोक, मौ अकील, मनदीप चाहल,बलराज सैनी आदि रहे।
मेले में पहुंचे जिला अध्यक्ष का कार्यकर्ताओं ने किया स्वागत

संभल। आज ग्राम - सैंडा उर्फ सेहरा में शिव मंदिर पर श्रावण मास की शिवरात्रि के पावन अवसर पर गत वर्ष की भांति इस वर्ष भी मेले का आयोजन किया गया ।

जिसमें दर्शन करने के लिए भारतीय किसान यूनियन (बी आर एस एस) के जिला अध्यक्ष कामेन्द्र चौधरी भी पहुंचे । संगठन के कार्यकर्ताओं ने शुभ अवसर पर स्वागत किया ।

संगठन के जिला अध्यक्ष ने कहा कि हमारा संगठन किसानों के हित में हमेशा खड़ा है एवं स्वागत करने पर आभार व्यक्त किया ।

चौ. हेमराज सिंह ग्राम महामंत्री, विक्रम सिंह, सरदार गुरु वचन सिंह, सुभाष चहल, जोगिंदर सिंह, पिंटू चौधरी, चमन भाटी, तरुण शर्मा, धर्मेंद्र यादव, सतपाल यादव, विपिन सैनी, गौरव आदि लोग उपस्थित रहे ।