शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले वतन पर मरने वालों का यही बाकी निशां होगा-सूर्य प्रताप शाही
अयोध्या।काकोरी ट्रेन एक्शन की 100वीं वर्षगांठ के अवसर पर काकोरी ट्रेन एक्शन के शताब्दी महोत्सव के तहत वीरों को नमन कार्यक्रम का आयोजन जनपद स्तर पर आयोजित किया गया। कार्यक्रम में कृषि मंत्री/जनपद के प्रभारी सूर्य प्रताप शाही ने मंडलीय कारागार के शहीद अशफाक उल्ला खा स्मृति स्थल पर पुष्प अर्पित करते हुए उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया तथा जहां उनको फांसी दी गयी एवं जहां उनका पार्थिव शरीर रखा गया उन पर भी पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गयी।
कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्यक्ष रोली सिंह, महापौर अयोध्या महंत गिरीश पति त्रिपाठी, विधायक सदर वेद प्रकाश गुप्ता, विधायक रूदौली रामचंद्र यादव, मण्डलायुक्त गौरव दयाल, जिलाधिकारी चन्द्र विजय सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजकरन नैय्यर, नगर आयुक्त संतोष कुमार शर्मा, उपाध्यक्ष विकास प्राधिकरण अश्विनी कुमार पांडेय, जिलाध्यक्ष संजीव सिंह, महानगर अध्यक्ष कमलेश श्रीवास्तव सहित अन्य जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों द्वारा अमर शहीद अशफाक उल्ला खाँ की स्मृति स्थल पर पुष्प अर्पित करते हुये श्रद्धा सुमन अर्पित किया।
काकोरी टेªन एक्शन की 100वीं वर्षगांठ के अवसर पर राजकीय बालिका इंटर कॉलेज, आर्य कन्या इंटर कॉलेज, कनौसा गल्र्स इंटर कालेज, कम्पोजिट विद्यालय पुलिस लाइन व रामनगर, दरगाही इस्लामिया विद्यालय की छात्राओं द्वारा प्रातः प्रभात फेरी सिविल लाइन मण्डलीय कारागार से पुष्पराज चैराहा होते हुये तिकोनिया पार्क बस स्टैण्ड से वापस सिविल लाइन निकाली गयी और छात्र छात्राओं द्वारा कार्यक्रम में प्रतिभाग किया गया। छात्र छात्राओं ने काकोरी टेªन एक्शन घटना के वीर क्रान्तिकारियों के प्रति सम्मान प्रकट करते हुये रैली को सफल बनाया।
कृषि मंत्री/जनपद प्रभारी सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि देश को आजादी दिलाने में व काकोरी टेªन एक्शन में जिन क्रांतिकारियों का योगदान रहा है मैं उनको नमन करता हूं और उनके परिवारजनों का अभिनन्दन करता हूं। इसके साथ ही फैजाबाद की वर्तमान में अयोध्या की धरती भी ऐतिहासिक है यहां के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का भी महत्वपूर्ण योगदान देश को आजादी दिलाने में रहा है जिसमें अमर शहीद अशफाक उल्ला खां का रहा है, जिनको इसी कारागार में फांसी अंग्रेजी हुकूमत द्वारा दी गयी थी। उन्होंने कहा कि 04 फरवरी 1922 में उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जनपद में चौरी चौरा घटना के बाद गांधी जी द्वारा 11 फरवरी 1922 के बारदोली गुजरात में असहयोग आंदोलन की घटना को स्थगित करने की घोषणा की गयी थी इस निर्णय ने क्रांतिकारी आंदोलन को पुनर्जीवित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी।
आजादी के दीवाने क्रांतिकारी नवयुवक भारत माता को अंग्रेजी की गुलामी से आजाद कराने के लिए कटिबद्व थे इस उद्देश्य की पूर्ति हेतु शहीद चन्द्रशेखर आजाद, शहीद पंडित राम प्रसाद विस्मिल, शहीद ठाकुर रोशन सिंह, शहीद अशफाक उल्ला खां, शहीद राजेन्द्र नाथ लाहिड़ी आदि क्रांतिकारी युवकों ने एक अखिल भारतीय सम्मेलन के बाद 04 अक्टूबर 1924 को हिन्दुस्तान रिपब्लिक एसोसिएशन की स्थापना की। निरंकुश ब्रिटिश सत्ता को चेतावनी देने एवं धन एकत्रित करने के निमित्त पहली बड़ी कार्यवाही काकोरी में की गयी। सरकारी खजाना हासिल करने की यह योजना काकोरी घटना के नाम से प्रसिद्व है। 09 अगस्त 1925 को शाहजहांपुर से लखनऊ जा रही 08 डाउन टेªन को काकोरी के निकट रोककर अंग्रेजी सरकार के खजाने पर क्रांतिकारियों द्वारा कब्जा कर लिया गया। इस घटना से ब्रिटिश सरकार की नींव हील गयी, जिसके प्रतिक्रिया स्वरूप ब्रिटिश सरकार ने व्यापक स्तर पर गिरफ्तारियां की तथा प्रारम्भिक जांच के उपरांत क्रांतिकारियों पर मुकदमा चलाया गया और उन पर राजनैतिक षड्यंत्र रचने, डकैती व हत्या आदि के आरोप लगाते हुये अलग-अलग जेलों में यथा-शहीद राजेन्द्र नाथ लाहिड़ी को जिला जेल गोंडा, शहीद रोशन सिंह को जिला जेल प्रयागराज, शहीद अशफाक उल्ला खां को जिला जेल फैजाबाद एवं शहीद राम प्रसाद विस्मिल को जिला जेल गोरखपुर में फांसी देते हुये अमर शहीद किया गया।
उन्होंने कहा कि जो संकल्प लेकर क्रांतिवीर आजादी के लिए लड़े थे, उन्हीं के कर्तव्यों का पालन करते हुए देश को सशक्त बनाया जा सकता है। जाति-मजहब या व्यक्तिगत हित राष्ट्र से बढ़कर नहीं हो सकता। सभी नागरिक कर्तव्य का पालन करें। कृषि मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा 13 से 15 अगस्त तक तिरंगा अभियान चलाया जायेगा, जिसमें प्रदेश में 4.50 करोड़ तिरंगा घर-घर फहराने का लक्ष्य रखा गया है। इसे पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है। मण्डलायुक्त गौरव दयाल ने कहा कि प्रदेश सरकार की पहल पर काकोरी काण्ड का नाम बदलकर इसको काकोरी ट्रेन एक्शन की पहचान दी गई है और जन जन को जागरूक करने के उद्देश्य से इसको शताब्दी महोत्सव के रूप में प्रदेशभर में मनाया जा रहा है जिसके क्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा काकोरी स्पेशल ट्रेन भी शुरू की गई है को प्रत्येक जिले में जाकर काकोरी गाथा का प्रदर्शन करेगी। उन्होंने कहा कि शहीदों के नाम पौधरोपण अवश्य करें पौधे हमें जीवन देते हैं हवा देते हैं।
ऑक्सीजन देते हैं फल देते हैं इसलिए इस धरती मां को पौधों के आभूषण से अवश्य सजाए। मण्डलायुक्त ने कहा कि देश की स्वतंत्रता के लिए संसाधन जुटाने के प्रयास में काकोरी ट्रेन एक्शन हुआ जिसमें युवा क्रांतिकारियों ने अद्भुत साहस दिखाते हुए देश की आजादी के लिए धन इकट्ठा किया। युवाओं को इससे प्रेरणा लेते हुए क्रांतिकारियों के स्वपन के देश को बनाने में सहभागी बनना चाहिए।जिलाधिकारी चन्द्र विजय सिंह ने काकोरी टेªन एक्शन शताब्दी समारोह को संबोधित करते हुये कहा कि हमें आजादी अचानक नहीं मिली, इसके लिए अलग-अलग काल खंडों में संघर्ष किया गया था। स्वतंत्रता आंदोलन का केंद्र बिंदु वैसे तो पूरा भारत था, लेकिन देश की आध्यात्मिक-सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक उत्तर प्रदेश प्रथम स्वतंत्रता समर को लीड कर रहा था।
मंगल पांडे ने बैरकपुर से इसकी अगुवाई की। गोरखपुर में बंधु सिंह, मेरठ में धन सिंह कोतवाल, कानपुर में नाना साहेब व तात्या टोपे और झांसी में महारानी लक्ष्मीबाई ने आजादी के आंदोलन का नेतृत्व किया। क्रांतिकारी गतिविधियों के लिए धन की आवश्यकता थी तो वीर सपूतों ने काकोरी ट्रेन एक्शन किया। एक्शन में अंग्रेजी सरकार के खजाने से 4,679 रुपये क्रांतिकारियों ने लिए थे। उन्हें गिरफ्तार करने और सजा दिलाने में 10 लाख रुपये खर्च किए गए थे। क्रांतिकारियों को बिना सुनवाई के ही फांसी की सजा सुना दी गई। अंग्रेजी सरकार इस कदर घबराई हुई थी कि नियत तिथि से पहले ही काकोरी ट्रेन एक्शन के महानायकों को फांसी पर लटका दिया। यह उनकी कायरता का परिचय था।
कृषि मंत्री, विधायक सदर व रूदौली, जिलाध्यक्ष भाजपा, मण्डलायुक्त, जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सहित अन्य जनप्रतिनिधियों एवं वरिष्ठ अधिकारियों ने मंडलीय कारागार में शहीदों की स्मृति में पौधे रोपित किये गये तथा मुख्यमंत्री द्वारा जनपद लखनऊ के काकोरी शहीद स्मारक स्थल पर आयोजित कार्यक्रम का सजीव प्रसारण देखा गया एवं मुख्यमंत्री का उद्बोधन भी सुना गया। इसके साथ ही स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के आश्रितों में श्रीमती शान्ती देवी पत्नी स्व0 अभय सिंह लगभग 84 वर्ष व शिवदेवी पुत्री स्व0 रामकिशोर सिंह को स्मृति चिन्ह व अंगवस्त्र भेंट कर सम्मानित किया गया तथा पर्यटन विभाग के 02 सांस्कृतिक दलों द्वारा देशभक्ति संगीत से कार्यक्रम को आकर्षक बनाया गया।
इस मौके पर जनपद अयोध्या में ब्लाक स्तर पर बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा परिषदीय विद्यालयों में सुलेख, चित्रकला, निबन्ध प्रतियोगिता का आयोजन कराया गया जिसमें ब्लाकवार प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम के नोडल अधिकारी/मुख्य विकास अधिकारी ऋषिराज, वरिष्ठ जेल अधीक्षक, जिला विद्यालय निरीक्षक, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, प्रभागीय वनाधिकारी सहित विभिन्न विद्यालयों की छात्र-छात्राएं, अध्यापिकायें, अधिकारीगण उपस्थित रहे।
काकोरी ट्रेन एक्शन के बारे में
काकोरी ट्रेन एक्शन, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में एक महत्वपूर्ण और साहसिक घटना के रूप में दर्ज है। यह घटना 9 अगस्त 1925 को उत्तर प्रदेश के लखनऊ के पास काकोरी नामक स्थान पर घटित हुई थी। इस क्रांतिकारी कार्रवाई का नेतृत्व हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन (भ्त्।) के सदस्यों ने किया, जिसमें प्रमुख रूप से राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खान, राजेंद्र नाथ लाहिड़ी, चंद्रशेखर आजाद, और कई अन्य देशभक्त शामिल थे। इन स्वतंत्रता सेनानियों ने ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ संघर्ष के लिए धन जुटाने और अपनी क्रांतिकारी गतिविधियों को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से इस कार्रवाई को अंजाम दिया।घटना का मुख्य उद्देश्य ब्रिटिश सरकार के खजाने को लूटना था, जो उस समय एक ट्रेन से ले जाया जा रहा था।
ट्रेन के रुकते ही क्रांतिकारियों ने साहस और कुशलता से कार्य करते हुए सरकारी धन को अपने कब्जे में ले लिया। इस घटना ने ब्रिटिश सरकार को हिला कर रख दिया और पूरे देश में हलचल मचा दी। हालांकि, इस साहसिक कार्यवाही के बाद ब्रिटिश सरकार ने कड़े कदम उठाए और क्रांतिकारी गतिविधियों में शामिल कई लोगों को गिरफ्तार कर लिया। इस घटना के परिणामस्वरूप, राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खान, राजेंद्र नाथ लाहिड़ी, और ठाकुर रोशन सिंह को फांसी की सजा सुनाई गई। काकोरी ट्रेन एक्शन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का एक ऐसा अध्याय है जिसने आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित किया और स्वतंत्रता की लड़ाई को और अधिक उग्र और संगठित रूप देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह घटना हमें याद दिलाती है कि स्वतंत्रता की प्राप्ति के लिए कितनी बड़ी कीमत चुकानी पड़ी और इसके लिए कितनी बहादुरी और बलिदान की जरूरत थी ।
Aug 09 2024, 20:01