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सच्चे प्रेम की डोर ही नदी को सागर से मिला देती है : जिला मंत्री राजेश तिवारी

विश्वनाथ प्रताप सिंह, प्रयागराज।सच्चे प्रेम की डोर ही नदी को सागर से मिला देती है यह अभिव्यक्ति एशोसिएशन बोरिंग टेक्नीशियन प्रयागराज के जिला मंत्री राजेश तिवारी ने नवयुवक पत्रकार सोनू शुक्ला एवं विजय शुक्ला से लालापुर के समीप अमिलिया चौराहे पर कही।ज्ञातव्य कराते चले कि जिला मंत्री एवं नवयुवक पत्रकार विजय शुक्ला एवं सोनू शुक्ला से एकदम घरेलू परिवारिक रिश्ते हैं और दोनों ही शुक्ल बन्धु जिला मंत्री को बड़े भाई के रुप में मानते हैं।जिला मंत्री ने अपने उद्बोधन में कहा कि यह संसार केवल और केवल प्रेम के वशीभूत हो चल रहा है।

एक प्रेम ही संसार में ऐसी अमूल्य निधि है जो एक-दूसरे को जोड़ती चली जाती है जिससे इस जगत का प्राणी एक सरहद में बँधकर अपने दायित्वों का निर्वहन करने लगता है।प्रेम से ही कोई व्यक्ति सच्ची साधना कर ईश्वर को भी प्राप्त कर सकता है।प्रेम के ही वशीभूत हो पशु-पक्षी गुनगुना एवं चहचहा रहे हैं।प्रेम में मन्त्र-मुग्ध हो पेड़-पौधे खिल व चमक रहे हैं।जिला मंत्री ने अपने आध्यात्म चक्षु के ज्ञान उत्सर्जित ज्योति के प्रज्ज्वलित वाणी में वर्णित किया कि सच्चे प्रेम की डोर ही नदी को सागर से मिला देती है।प्रेम के ही वशीभूत हो सूर्य ऊष्मा एवं चाँद अपनी चाँदनी को विखेर रहा है।इस धरती पर खुशहाल जीवन का अर्थ मूलतः प्रेम ही है।इसीलिए कहा गया है कि पायों जी मैनें प्रेम-रतन धन पायों।जिला मंत्री ने आगे यह भी कहा कि यदि इस संसार में मनुष्य कुछ पाना या बनना चाहता है तो सर्वप्रथम उसे प्रेम-रत्न की प्राप्ति करनी होगी अन्यथा इस संसार में भटकते-भटकते ही जीवन समाप्त हो जाएगा।

जिला मंत्री ने यह भी कहा कि आज जो हम मिले है यह केवल प्रेम-रत्न ही तो है जो हमलोगों को यहाँ मिला दिया है।यदि मनुष्य अपने आत्मा में सत्य एवं न्याय को अधिष्ठापित कर सदैव प्रेम के मार्ग का अनुशरण करे तो उसका जीवन सदैव खुशियों से भरा रहेगा।इस अवसर पर उपस्थित वरिष्ठ समाजसेवी एवं भूतपूर्व भाजपा मण्डल अध्यक्ष रुप नारायण मिश्रा ने कहा कि जिला मंत्री ने मानव जीवन में खुशियाँ कैसे प्राप्त हो उसे बहुत ही सरल भाषा में सुसंगत ढंग से वर्णित किया है।इस अवसर पर वरिष्ठ समाजसेवी पं० शेषमणि शुक्ला ने कहा कि जिला मंत्री द्वारा नित ऐसे-ऐसे ज्ञानों का संचार कराया जाता है जिससे गीता में वर्णित प्रभू श्रीकृष्ण की वाणी साक्षात जिला मंत्री के मुख से प्रवाहित होने लगती है।इस महान दार्शनिक एवं आध्यात्मिक वचनों के दौरान वरिष्ठ पत्रकार कृष्ण राज सिंह कौशाम्बी सन्देश संवाददाता, शिक्षाविद कमलेश पाण्डेय,रवि कुमार सहित आस-पास बहुत से लोग मौजूद रहे।

पत्रकारिता में कलम एकदम साफ-सुथरी एवं सीधी सत्य के धुरी पर निरन्तर चलती रहनी चाहिए जिला मंत्री राजेश तिवारी

प्रयागराज।पत्रकारिता में कलम एकदम साफ-सुथरी एवं सीधी सत्य के धुरी पर निरन्तर चलती रहनी चाहिए यह अभिव्यक्ति एशोसिएशन बोरिंग टेक्नीशियन प्रयागराज के जिला मंत्री राजेश तिवारी ने एशोसिएशन पत्रकार संगठन के प्रदेश अध्यक्ष एवं भाजपा जिला मीडिया संयोजक पी०सी०पाण्डेय से बारा तहसील के सामने एस०पी० मौर्या साईबर कैफे में कही।

ज्ञातव्य कराते चले कि जिला मंत्री एवं एशोसिएशन पत्रकार संगठन प्रदेश अध्यक्ष एवं भाजपा जिला मीडिया संयोजक पी०सी०पाण्डेय के बीच बहुत ही गहरे पारिवारिक सम्बन्ध हैं।जिला मंत्री ने अपने उद्बोधन में कहा कि पत्रकार वतन का तीसरा सिपाही होता है जो सच्चाई को एकदम साफ आईने के भाँति कलम की ताकत से प्रदर्शित करता है।

इसीलिए पत्रकार को कलम का सिपाही भी कहा जाता है।जिला मंत्री ने आगे यह भी कहा कि श्री पाण्डेय महान ईश्वरभक्त एवं ईमानदारी के प्रतिमूर्ति हैं और पत्रकारिता के साथ ही साथ समाजसेवा में भी सदैव तत्पर रहते हैं।गरीब-दुखियारों के उत्थान हेतु निरन्तर प्रयासरत रहते हैं और आज इसी के बदौलत समूचे बारा क्षेत्र में एक अलग ही पहचान रखते हैं।जिला मंत्री ने अपने आध्यात्म चक्षु के ज्ञान ज्योति में वर्णित किया कि मानव का अर्थ ही सत्य एवं न्याय है।यदि मानव में यह गुण नही है तो वह संसार के अन्य प्राणियों के भाँति है जिन्हें सत्य एवं न्याय का कोई ज्ञान नही है।मनुष्य का तन मिला है तो मानव के कर्तव्य-रूढ़ी सत्य एवं न्याय निरन्तर आत्मा में प्रवाहित रहना चाहिए।

इस अवसर पर वरिष्ठ समाजसेवी पं० शेषमणि शुक्ला ने कहा कि जिला मंत्री ने मनुष्य के कर्तव्यपरायणता होने अर्थ सत्य एवं न्याय में रमे होना बतलाया जो मनुष्य की वास्तविक पहचान है।इस अवसर पर उपस्थित वरिष्ठ पत्रकार कृष्ण राज सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा कि जिला मंत्री द्वारा पत्रकारिता की ओर बताए गए कदम एकदम अनूठे एवं वास्तविक पत्रकारिता को दर्शाता है।इस सौहार्दपूर्ण भेंटवार्ता के दौरान वरिष्ठ समाजसेवी एवं भूतपूर्व भाजपा मण्डल अध्यक्ष मेजा रूप नारायण मिश्रा, शिक्षाविद कमलेश पाण्डेय एवं रवि कुमार सहित आस-पास बहुत से लोग मौजूद रहे।

आत्मा रुपी पक्षी तो एकदिन उड़ जाएगा और तन रुपी पिजड़ा इस धरा पर मिट्टी में मिल जाएगा: जिला मंत्री राजेश तिवारी

विश्वनाथ प्रताप सिंह, प्रयागराज।आत्मा रुपी पक्षी तो एकदिन उड़ जाएगा और तन रुपी पिजड़ा इस धरा पर मिट्टी में मिल जाएगा यह अभिव्यक्ति एशोसिएशन बोरिंग टेक्नीशियन प्रयागराज के जिला मंत्री राजेश तिवारी ने विजय शंकर मिश्र से उनके स्व० पिताजी भगौती प्रसाद मिश्र के एकादशाह कार्यक्रम के दिन वरिष्ठ पत्रकार कृष्ण राज सिंह कौशाम्बी संदेश संवाददाता के साथ नेचुना,खीरी,बड़हा कौंधियारा प्रयागराज में कही।ज्ञातव्य कराते चले कि शिक्षाविद विजय शंकर मिश्र एवं जिला मंत्री के बीच बहुत ही गहरे मित्रवत एवं घरेलू रिश्ते हैं।

जिला मंत्री ने अपने उद्बोधन में कहा कि हम इंसान की यही गती है।आया है सो जाएगा राजा,रंक फकीर।एक सिंहासन चढ़ी चले एक बँधे जात जंजीर।।जिला मंत्री ने आगे यह भी कहा कि आत्मा रुपी पक्षी तो एकदिन उड़ जाएगा और तन रुपी पिजड़ा इसी धरा पर मिट्टी में मिल जाएगा।जिला मंत्री ने अपने आध्यात्म चक्षु के ज्ञान उत्सर्जित वाणी में वर्णित किया कि जब मनुष्य यह भलीभाँति जानता है कि यहाँ ना कोई अपना है ना ही कोई पराया फिर भी वह माया-मोह में पड़कर बुरे कृत्यों को करता जाता है और पाप की गठरी को ढोता जाता है।

मनुष्य जन्म के पहले भी खाली हाथ था,जन्म के समय भी खाली हाथ ही रहता है और मृत्यु के बाद भी खाली हाथ ही रहेगा।यदि कुछ पाने की ही हशरत रखता है रे तू प्राणी तो कमा ले सत्य एवं न्याय रुपी अनमोल आभूषण बस यही तेरा इस जगत में अपना है रे मूरख बाकी कुछ और नही।इस अवसर पर उपस्थित वरिष्ठ समाजसेवी पं० शेषमणि शुक्ला ने अपने उद्बोधन में कहा आज जिला मंत्री के मुखारबिन्दू से इन वाणियों को सुनकर मुझे साक्षात प्रभू श्रीकृष्ण की आभा जिला मंत्री में समाहित दिखी।जिला मंत्री द्वारा वर्णित इस वृत्तांत को अपनाकर ही मानवों का इस जगत में कल्याण हो सकता है।इस मार्मिक रुदनमय अवसर पर वरिष्ठ समाजसेवी एवं पूर्व मण्डल अध्यक्ष भाजपा मेजा रुप नारायण मिश्रा,शिक्षाविद कमलेश पाण्डेय,वरिष्ठ पत्रकार कृष्ण राज सिंह,रवि कुमार सहित बहुत से क्षेत्रीय गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

खाद्य सुरक्षा टीम ने एक दुकानों से लिए कोल्डिंग बेसन समान नमूने, विकाश पाण्डेय ने कि शिकायत

विश्वनाथ प्रताप सिंह, कोरांव जिला-प्रयागराज में दुर्गा प्रसाद केशरी पुत्र मुन्नी लाला केशरी ग्राम पंचायत देवी बांध द्वारा संचालित की जा रही किराने की दुकान में मिलावटी व ए७र्स्र१८ साथ ही टफढ से अधिक मूल्य पर कई सामग्री बेची जा रही थी।जिसकी शिकायत करने के बाद आज खाद्य विभाग की टीम द्वारा जांच की गई और जांच में कई मिलावटी सामग्री मौके पर पाई गई। मिलावटी खाद्य पदार्थों का नमूना लेकर जांच के लिए भेज दिया गया है। अग्रिम विधिक कार्यवाही जांच के बाद की जाएगी।

विकसित भारत की संकल्पना दूरस्थ शिक्षा से होगी पूर्ण: कुलपति

प्रयागराज। 2047 तक विकसित भारत की संकल्पना दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से ही पूर्ण की जा सकती है। इसमें दूरस्थ शिक्षा माध्यम से जुड़े अध्ययन केंद्र समन्वयकों का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है। उक्त उद्गार उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय प्रयागराज के कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम ने शुक्रवार को प्रयागराज क्षेत्रीय केंद्र के अंतर्गत आने वाले अध्ययन केन्द्रों के समन्वयकों के लिए आयोजित नामांकन, संवाद, सम्पर्क एवं सम्प्रेषण विषय पर आयोजित कार्यशाला में व्यक्त किये।

प्रोफेसर सत्यकाम ने कहा कि दूरस्थ शिक्षा राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन की दिशा में अपना संपूर्ण योगदान दे रही है। दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से उच्च शिक्षा की साक्षरता दर को बढ़ाने में उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय प्रदेश भर में फैले अपने अध्ययन केंद्रों के माध्यम से महती भूमिका निभा रहा है। प्रोफेसर सत्यकाम ने कहा कि पाठ्य सामग्री के बिना दूरस्थ शिक्षा का लक्ष्य पूरा नहीं किया जा सकता। विश्वविद्यालय के सभी कार्यक्रमों में स्व अध्ययन सामग्री लेखन के कार्य में सभी शिक्षक सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। कुलपति ने छात्रों की समस्याओं के निदान के लिए ग्रीवांस पोर्टल के गठन की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इस पोर्टल का पर्यवेक्षण वे स्वयं करेंगे। उन्होंने सभी केंद्र समन्वयकों से अपेक्षा की कि वह समर्थ पोर्टल पर विश्वविद्यालय के एक लाख प्रवेश के लक्ष्य को पूरा करने में अपना सहयोग प्रदान करें। उन्होंने कहा कि सीधे संवाद से कई समस्याओं का समाधान हो जाता है। समन्वयकों के सामने जो भी समस्याएं आएंगी विश्वविद्यालय उनका हर तरह से निदान प्रस्तुत करेगा।

इस अवसर पर प्रवेश प्रभारी प्रोफेसर जेपी यादव ने बताया कि विश्वविद्यालय ने इस सत्र से योग में डिप्लोमा और प्रमाण पत्र कार्यक्रम फिर से प्रारंभ कर दिया है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय का लोकप्रिय कार्यक्रम एम ए होम साइंस जनवरी 2025 में पुन प्रारंभ किया जाएगा।

इस अवसर पर केन्द्र समन्वयक प्रोफेसर मान सिंह, डॉ वीरेंद्र मिश्रा, डॉ राम लखन पाल, डॉ गया प्रसाद गुप्ता, डॉ धीरज सिंह, डॉ मुनेश गुप्ता आदि ने महत्वपूर्ण सुझाव प्रस्तुत किये। केंद्र समन्वयकों ने विश्वविद्यालय के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम का स्मृति चिह्न देकर सम्मान किया।

प्रारम्भ में कार्यशाला की रूपरेखा तथा अतिथियों का स्वागत क्षेत्रीय केन्द्र प्रभारी डॉ दिनेश सिंह ने किया। डॉ जी के द्विवेदी ने महत्वपूर्ण सुझाव दिए। इस अवसर पर कुलगीत निकेत सिंह ने, डॉ स्मिता अग्रवाल एवं धन्यवाद ज्ञापन क्षेत्रीय केंद्र प्रयागराज के समन्वयक डॉ अभिषेक सिंह ने किया। विश्वविद्यालय के जन संपर्क अधिकारी डॉ प्रभात चंद मिश्र ने बताया कि कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम 3 अगस्त को कानपुर, 4 अगस्त को झांसी, 5 अगस्त को आगरा, 6 अगस्त को बरेली तथा 7 अगस्त को लखनऊ क्षेत्र केंद्र में अध्ययन केंद्र समन्वयकों की कार्यशाला को संबोधित करेंगे। उक्त जानकारी जन संपर्क अधिकारी डॉ प्रभात चन्द्र मिश्र ने दी।

राजर्षि टंडन चाहते थे हिन्दी जन-जन की भाषा बने : प्रो त्रिभुवन शुक्ला

प्रयागराज। उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय में बृहस्पतिवार को भारत रत्न राजर्षि पुरुषोत्तम दास टंडन के जन्म दिवस पर स्मृति व्याख्यान माला के 17वें पुष्प का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि आचार्य त्रिभुवन नाथ शुक्ला ने कहा कि राजर्षि टंडन चाहते थे कि हिन्दी को राष्ट्रभाषा का दर्जा मिले और वह जन-जन की भाषा बने। वह हिन्दी को पूर्ण रूप से स्थापित करना चाहते थे। उनके व्यक्तित्व में दृढ़ता थी जो उनके पत्रों में भी झलकती थी।

मुख्य अतिथि हिन्दी एवं भाषा विज्ञान विभाग के पूर्व अध्यक्ष, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर त्रिभुवन नाथ शुक्ला ने भारत भारती के आराधक स्थितप्रज्ञ राजर्षि विषय पर व्याख्यान देते हुए कहा कि इस तरह के पत्र उन्होंने गांधीजी एवं जवाहरलाल नेहरु को लिखे थे। टंडनजी जैसा बोलते थे वैसा ही लिखते थे। उनकी भाषा में व्यंजना के संदेश साफ परिलक्षित होते थे। आज हम सभी को टंडनजी के आदर्शों को आत्मसात करना चाहिए।

सारस्वत अतिथि अनंत विजय, वरिष्ठ पत्रकार, नई दिल्ली ने कहा कि राजर्षि टंडन दृढ़ निश्चयी थे। उनका राजनीति में प्रवेश हिन्दी प्रेम के कारण हुआ। वह हिन्दी को देश की आजादी के पहले आजादी प्राप्त करने का साधन मानते थे।

विशिष्ट अतिथि उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री डॉ नरेन्द्र कुमार सिंह गौर ने कहा कि राजर्षि टंडन ने हिन्दी की आजीवन सेवा की। हिन्दी का उनसे बड़ा कोई समर्थक नहीं था। आज युवा पीढ़ी को टंडनजी के बारे में जानने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि महिलाओं की शिक्षा में मुक्त विवि अग्रणी भूमिका निभा सकता है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम के नेतृत्व में विश्वविद्यालय मानक पर खरा उतरेगा।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मुक्त विवि के कुलपति प्रो सत्यकाम ने कहा कि राजर्षि टंडन महिलाओं की शिक्षा के हिमायती थे। यह विश्वविद्यालय उनके आदर्शों पर चलकर अधिक से अधिक महिलाओं को प्रवेश देने के लिए सतत प्रयासरत है। इसके लिए हम गांव-गांव तक अपनी पहुंच बना रहे हैं। जिससे राजर्षि के आदर्श को पूरा कर सकें। देश को आगे बढ़ना है तो महिलाओं को शिक्षित करना होगा।

इस अवसर पर अतिथियों द्वारा अटल प्रेक्षागृह में राजर्षि टंडन पर आधारित पुस्तक प्रदर्शनी का शुभारम्भ किया गया। इसके साथ ही राजर्षि टंडन के जीवन वृत्तांत पर निर्मित वृत्त चित्र का प्रदर्शन किया गया। समारोह में हिंदुस्तानी एकेडमी के सहयोग से कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया।

डॉ प्रभात चंद्र मिश्र ने बताया कि इस अवसर पर एक माह तक चली राजर्षि टंडन के जीवन चरित्र से सम्बंधित निबंध, कविता, लेख, रेखा चित्र तथा पेंटिंग प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान पाने वाले विजेताओं को प्रमाण पत्र एवं नगद पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। साथ ही अतिथियों द्वारा विश्वविद्यालय के शिक्षकों डॉ जी के द्विवेदी, डॉ गौरव संकल्प, डॉ सोहनी देवी, डॉ साधना श्रीवास्तव की पुस्तक मयार्दा पुरुषोत्तम श्रीराम आचार्य चाणक्य कौटिल्य एवं कोर्ट का वर्णन तथा कहानी संग्रह रास्ते मिलेंगे का विमोचन किया गया। राजर्षि टंडन जन्म दिवस आयोजन समिति के समन्वयक प्रोफेसर एस कुमार ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की। संचालन डॉ देवेश रंजन त्रिपाठी तथा धन्यवाद ज्ञापन कुल सचिव कर्नल विनय कुमार ने किया।

अब्दुल्ला आजम की याचिका पर शिकायतकर्ता आकाश सक्सेना को नोटिस

प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पूर्व कैबिनेट मंत्री मोहम्मद आजम खां के बेटे अब्दुल्ला आजम खां के फर्जी पासपोर्ट मामले में शिकायतकर्ता आकाश सक्सेना को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।यह आदेश न्यायमूर्ति राजीव मिश्रा ने अब्दुल्ला आजम की याचिका पर दिया है। याचिका में विशेष अदालत रामपुर के उस आदेश को चुनौती दी गई है, जिसके तहत सीजेएम विशेष अदालत ने पासपोर्ट की सत्यता के पक्ष में सबूत रखने की अनुमति अर्जी निरस्त कर दी गई है।

इससे पहले कोर्ट ने अब्दुल्ला आजम की याचिका पर फैसला सुरक्षित कर लिया था। किंतु शिकायतकर्ता को पक्षकार न बनाने के कारण फैसला टाल दिया गया। याची की शिकायतकर्ता को पक्षकार बनाने की अर्जी स्वीकार करते हुए कोर्ट ने आकाश सक्सेना को नोटिस जारी की। कहा यदि शिकायतकर्ता को पक्षकार नहीं बनाया गया तो याचिका पोषणीय नहीं होगा।
डिप्टी सीएम की नियुक्ति पर सवाल

प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट में उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के हाल ही में एक बयान को लेकर याचिका दाखिल की गई है। साथ ही उनकी नियुक्ति पर भी सवाल उठाया गया है।

अधिवक्ता मंजेश कुमार यादव की ओर से दाखिल याचिका दायर में कहा गया है कि डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने संवैधानिक पद पर रहते हुए गत 14 जुलाई को सार्वजनिक तौर पर एक बयान जारी किया। जिसमें उन्होंने कहा कि सरकार से बड़ा पार्टी का संगठन होता है। याचिका में कहा गया है कि उनका यह बयान संवैधानिक पद की गरिमा और सरकार की पारदर्शिता और शुचिता पर सवालिया निशान खड़े करता है। इस बयान का न अब तक भाजपा ने खंडन किया और न ही राज्यपाल और चुनाव आयोग ने ही कोई प्रतिक्रिया व्यक्त की है, जो गम्भीर मामला है।

अधिवक्ता ने याचिका में केशव प्रसाद मौर्य के आपराधिक इतिहास का भी जिक्र किया है। कहा गया है कि उप मुख्यमंत्री बनने से पहले केशव प्रसाद मौर्य के विरुद्ध सात आपराधिक मामले दर्ज किए गए थे। इतने मुकदमों के बाद भी केशव प्रसाद मौर्य की संवैधानिक पद पर नियुक्ति की गई है, जो गलत है।
मुक्त विश्वविद्यालय में राजर्षि टंडन स्मृति व्याख्यान माला आज

प्रयागराज। उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय, प्रयागराज में भारत रत्न राजर्षि पुरुषोत्तम दास टंडन के जन्म दिवस पर 1 अगस्त 2024 को अपराह्न 3:00 बजे सरस्वती परिसर स्थित अटल प्रेक्षागृह में राजर्षि पुरुषोत्तम दास टंडन स्मृति व्याख्यान माला के 17वें पुष्प का आयोजन किया गया है ।

राजर्षि टंडन जन्म दिवस आयोजन समिति के समन्वयक प्रोफेसर एस कुमार ने बताया कि व्याख्यानमाला के मुख्य अतिथि आचार्य त्रिभुवन नाथ शुक्ला , पूर्व अध्यक्ष हिंदी एवं भाषा विज्ञान विभाग, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, जबलपुर भारत भारती के आराधक स्थितप्रज्ञ राजर्षि विषय पर व्याख्यान देंगे। सारस्वत अतिथि श्री अनंत विजय, वरिष्ठ पत्रकार, नई दिल्ली होंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य सत्यकाम करेंगे।

आयोजन सचिव प्रोफेसर अजेंद्र कुमार मलिक ने बताया कि इस अवसर पर कुलपति एवं अन्य अतिथियों द्वारा अटल प्रेक्षागृह में राजर्षि टंडन पर आधारित पुस्तक प्रदर्शनी का शुभारंभ किया जाएगा। इसके साथ ही राजर्षि टंडन पर निर्मित वृत्त चित्र का प्रदर्शन किया जाएगा। जन्म दिवस समारोह में हिंदुस्तानी एकेडमी के सहयोग से सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया जाएगा।

इस अवसर पर एक माह तक चली राजर्षि टंडन के जीवन चरित्र से संबंधित निबंध, कविता, लेख, रेखा चित्र तथा पेंटिंग प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान पाने वाले विजेताओं को पुरस्कृत किया जाएगा।

सागर की तरह है प्रेमचंद्र का कथा साहित्य - प्रोफेसर रामकिशोर शर्मा

प्रयागराज। उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय, प्रयागराज के मानविकी विद्या शाखा के तत्वावधान में बुधवार को वर्तमान संदर्भ में प्रेमचंद्र के कथा साहित्य की प्रासंगिकता विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन सरस्वती परिसर स्थित लोकमान्य तिलक शास्त्रार्थ सभागार में किया गया ।

उक्त संगोष्ठी के मुख्य वक्ता प्रोफेसर रामकिशोर शर्मा, पूर्व अध्यक्ष, हिंदी विभाग, इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने कहा कि प्रेमचन्द का कथा साहित्य सागर की तरह है। समाज का कोई भी ऐसा क्षेत्र नहीं है जिसे उन्होंने स्पर्श न किया हो। उनकी रचनाओं में दहेज प्रथा, बेमेल विवाह, पराधीनता, लगान, छुआछूत, जाति भेद, विधवा विवाह, आधुनिकता, स्त्री पुरुष समानता आदि उस दौर की प्रमुख समस्याओं का चित्रण मिलता है। प्रोफेसर शर्मा ने कहा कि प्रेमचंद्र ने अपनी कहानियों उपन्यासों में सामाजिक व्यवस्था का बखूबी चित्रण किया है।वह अंजना व्यंजनात्मक रूप से समस्या को उभारकर सामने रखते थे । उन्होंने कहा कि प्रेमचंद प्रगतिशील थे और अपने समय के यथार्थ की गहराई को पहचानते थे ।

अध्यक्षता करते हुए उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय, प्रयागराज के कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम ने कहा कि मुंशी प्रेमचंद के उपन्यास में राष्ट्र की परिकल्पना झलकती है और हमें उसका अनुसरण करना चाहिए। प्रेमचंद्र के साहित्य का सबको अध्ययन करना चाहिए। उनकी रचनाओं को जब समाजशास्त्री, वैज्ञानिक, अर्थशास्त्री एवं समाज सुधारक पढ़ते हैं, चिंतन करते हैं तो उसका अलग पर्याय होता है जो कि समाज हित में होता है।

कार्यक्रम के संयोजक प्रोफेसर सत्यपाल तिवारी ने स्वागत भाषण देते हुए कहा कि प्रेमचन्द्र की रचनाएं कालजयी हैं। वे जनता की आवाज को अपनी रचनाओं में प्रमुखता से वयक्त करते थे। उनका उपन्यास सोजे वतन राष्ट्रीयता से ओतप्रोत था।

संगोष्ठी का संचालन आयोजन सचिव अनुपम तथा धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव कर्नल विनय कुमार ने किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के निदेशक, शिक्षक, कर्मचारियों छात्र-छात्राएं आदि उपस्थित रहे।