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बिहार नगरपालिका संशोधन विधेयक को लेकर सरकार और मुख्य पार्षद महासंघ में ठनी, मंत्री ने दिया यह आश्वासन

डेस्क : बिहार नगरपालिका संशोधन विधेयक के बाद नगर निकायों की स्वायत्ता पर सरकार और मुख्य पार्षद महासंघ में ठन गई है। हालांकि नगर विकास मंत्री नितिन नवीन ने कहा है कि निकायों की स्वायत्तता कम नहीं होने दी जाएगी। वहीं, बिहार राज्य मुख्य पार्षद महासंघ ने मंत्री के साथ हुई वार्ता को विफल बताते हुए अधिकारों की लड़ाई जारी रखने का ऐलान किया है।

बीते बुधवार को इस मामले को लेकर मुख्य पार्षद महासंघ की सभा हुई। सभा के दौरान पटना मेयर सीता साहू ने कहा कि इसके खिलाफ हमारी लड़ाई सड़क पर धरना- प्रदर्शन करने के साथ न्यायालय में भी कानून को रद्द करने के लिए चुनौती दी जाएगी। बिहियां नगर परिषद के मुख्य पार्षद सचिन कुमार गुप्ता ने कहा कि कानून को किसी भी कीमत पर लागू नहीं होने दिया जाएगा। मुंगेर नगर निगम की मेयर कुमकुम देवी और मुजफ्फरपुर नगर परिषद की मेयर निर्मला साहू ने कहा कि नगर अध्यक्ष के कार्यों एवं दायित्वों के निर्वहन में कार्यपालक पदाधिकारी अंदरूनी हस्तक्षेप एवं प्रस्ताव को मनमाने तरीक से सुविधानुसार लागू कराना बंद करे।

वहीं स्वायत्तता पर हमले को लेकर निकायों की आपत्ति के बीच नगर विकास मंत्री ने प्रेसवार्ता की। उन्होंने कहा कि मंगलवार को विकास भवन में कई नगर पालिकाओं के महापौर और नगर परिषद के सदस्यों के साथ चर्चा हुई। उन्होंने अपनी मांगें रखी हैं। कई तरह के विचार साझा किए हैं। उनकी मांगों पर सकारात्मक रूप से विचार किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि नगर निकायों की स्वायत्तता किसी भी सूरत में कम नहीं होने दी जाएगी। अधिकारों को पूरी तरह से सुरक्षित रखा जायेगा। जो आपत्तियां आई हैं, उस पर जल्द ही निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्यों की नीति में एकरूपता लाने के लिए संशोधन किया गया है। ठोस कचरा प्रबंधन जैसे मुद्दों पर कलस्टर बनाने जैसे मामले बिना संशोधन संभव नहीं हैं। निकायों में जनप्रतनिधि ही सारे फैसले लेंगे। विभाग के प्रधान सचिव आनंद किशोर भी मौजूद रहे।

बिहार मे मौसम का बदला मिजाज : अधिकतर जिलो में हुई बारिश ने गर्मी से दी राहत, आज भी कई जिलों में बारिश के साथ वज्रपात का अलर्ट*


डेस्क : बीते कई दिनों से उमश भरी गर्मी की मार झेल रहे प्रदेशवासियों को बीते बुधवार को बड़ी राहत मिली। राजधानी पटना समेत प्रदेश के कई जिलों में हुई झमाझम बारिश ने प्रचंड गर्मी से बड़ी राहत दी। वही सूबे में बारिश की गतिविधियां अगले तीन-चार दिनों में बेहतर होंगी। बुधवार को दिन में तेज धूप के कारण लोग उमस भरी गर्मी से परेशान रहे। वहीं, शाम होते ही पटना व आसपास इलाकों में काले बादल छाए रहने के साथ छिटपुट वर्षा व तेज हवा के प्रवाह से लोगों को उमस भरी गर्मी से राहत मिली है। मौसम विभाग ने पूर्वानुमान में बताया है कि तीन अगस्त से छह अगस्त के दौरान पटना सहित सभी जिलों में गरज-तड़क के साथ अच्छी वर्षा की संभावना है। आज गुरुवार को पटना सहित राज्य के अधिकतर जिलों में बादलों की आवाजाही बने होने के कारण छिटपुट वर्षा के आसार है। जबकि, प्रदेश के 16 जिलों में हल्की वर्षा के साथ मेघ गर्जन व वज्रपात को लेकर येलो अर्लट जारी किया गया है। मौसम विभाग के अनुसार बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र विकसित होने के कारण तराई वाले इलाकों में मध्यम दर्जे की वर्षा के आसार है। बीते 24 घंटों के दौरान उत्तरी व दक्षिणी भागों के अधिसंख्य जिलों में हल्के से मध्यम दर्जे की वर्षा दर्ज की गई। पश्चिम चंपारण के रामनगर में 142.0 मिमी सर्वाधिक वर्षा दर्ज की गई। राजधानी में 2.0 मिमी वर्षा दर्ज की गई। बुधवार को पटना का अधिकतम तापमान 36.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जबकि, 38.5 डिग्री सेल्सियस के साथ गोपालगंज में सर्वाधिक अधिकतम तापमान दर्ज किया गया।
पीके की अपनी राजनीतिक पार्टी के साथ बिहार की पॉलिटिक्स में इंट्री : राजद, जदयू और बीजेपी के बीच क्या कमाल कर पाएंगे प्रशांत किशोर?

डेस्क : चुनावी रणनीतिकार के रुप सफल और नीतीश कुमार के साथ अपनी पहली राजनीतिक पारी में असफल रहने वाले प्रशांत किशोर अब खुद अपनी राजनीतिक पार्टी बनाने का एलान कर दिया है। बीते 28 जुलाई को प्रशांत किशोर ने पटना में एक बड़ा कार्यक्रम कर इसकी घोषणा कर दी कि 2 अक्तूबर, 2024 को उनकी पार्टी अस्तित्व में आ जाएगी और 2025 में उनकी पार्टी विधानसभा चुनाव भी लड़ेगी। उन्होंने कहा, “एक करोड़ सदस्य 2 अक्टूबर को गांधी जयंती को मौके पर जन सुराज की नींव रखेंगे। पहले दिन 1.50 लाख लोगों को पदाधिकारी नामित करने के साथ शुरुआत होगी।

 

उन्होंने कहा कि वो अपनी पार्टी के अध्यक्ष नहीं होंगे। एक दलित नेता उनकी पार्टी का पहला अध्यक्ष होगा। उन्होंने कहा कि जो 25 लोग, पांच हजार लोगों को पार्टी का सदस्य बनाने की क्षमता रखते हैं, वो पार्टी अध्यक्ष पद के लिए अप्लाई कर सकते हैं।

बता दें कि करीब दो साल से जन सुराज पदयात्रा कर रहे चर्चित चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बिहार के जिलों, प्रखंडों और गांवों तक का दौरा किया। इस दौरान प्रशांत किशोर अपना कुनबा भी बढ़ाते रहे। आरजेडी, जेडीयू, बीजेपी सहित कई राजनीतिक दलों के जमीनी स्तर के नेता से लेकर जिला स्तर के नेताओं को पार्टी से जोड़ा। उसके बाद अब उन्होंने एक सधी सोच के तहत राजनीतिक पार्टी बनाने का एलान और चुनावी मैदान में उतरने का एलान कर दिया है। 

अभी बिहार में किसी और पार्टी की नहीं दिख रही जरुरत

वैसे बिहार में ऊपरी तौर पर देखा जाए तो ऐसा कोई राजनीति वैक्यूम नहीं है जिसे भरने के लिए नए नेता की जरूरत हो। लालू पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद जो राजनीतिक जमीन उनकी पार्टी ने खोई थी, उस पर तेजस्वी यादव ने अब अपनी पकड़ बना ली है। कमजोर होते नीतीश कुमार को लोकसभा चुनाव ने नया ऑक्सीजन दे दिया है और बीजेपी लगातार संगठन को मजबूत करने में जुटी है। ऐसे समय में प्रशांत किशोर बिहार में सियासत में अपनी जगह बनाने निकले हैं। ऐसे में प्रशांत किशोर की पार्टी को कितनी सफलता मिलेगी।

प्रशांत किशोर को सफलता के लिए इन पॉइंट्स से है उम्मीद

बिहार में मजबूत उपस्थिति के लिए प्रशांत किशोर एक साथ कई रणनीति पर काम कर रहे हैं। एकतरफ पीके सभी पार्टियों के कोर वोटर्स में सेंध लगाने की रणनीति तैयार कर रहे हैं, तो दूसरी तरफ खुद का जातीय और समाजिक समीकरण भी बना रहे हैं।

उनकी टीम से जुड़े लोगों की मानें तो 3 वजहों से पीके को अपनी प्लान सफल होने की उम्मीद है। इसमे पहला कारण जाति आधारित पार्टी का नहीं होना है। पीके जिस जनसुराज पार्टी का गठन करने जा रहे हैं, वो जाति आधारित नहीं है। पीके न तो अभी तक जाति की राजनीति करते आए हैं। पीके की रणनीति उन लोगों को साधने की है, जो बिहार में पिछले 30 साल के शासन से उकताए हुए हैं। पीके अपने भाषण में इन्हीं वर्गों को साधने की कोशिश करते हैं। पीके मुख्य रूप से बिहार के बेरोजगारी, पलायन और शिक्षा का मुद्दा उठाते हैं। 

दूसरा कारण है प्रशांत किशोर कई राज्यों में बतौर चुनावी रणनीतिकार काम कर चुके हैं। एकाध मामले को छोड़ दिया जाए तो उनकी रणनीति में पार्टियों को सफलता ही मिली है। 2014 के चुनावों में पीके नरेंद्र मोदी की टीम के अहम हिस्सा थे। 2015 के विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार के लिए रणनीति बना चुके हैं। 2019 के महाराष्ट्र चुनाव में उद्धव ठाकरे, 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल रणनीति बना चुके है। पीके 2021 के तमिलनाडु चुनाव में एमके स्टालिन, 2019 में आंध्र चुनाव में जगन मोहन रेड्डी, 2021 के बंगाल चुनाव में ममता बनर्जी के लिए काम कर चुके है। और पीके कांग्रेस के लिए पंजाब और यूपी में भी काम कर चुके हैं। इनमें अधिकांश में वे सफल रहे है। 

तीसरा सबसे बड़ा कारण पीके के पास प्रोफेशनल टीम का होना है। प्रशांत किशोर जब बिहार राजनीति करने आए तो पूरी प्रोफेशन टीम के साथ आए। वर्तमान में पीके इन्हीं टीम के साथ राज्य की राजनीति में सक्रिय हैं। यह टीम फीडबैक जुटाने से लेकर मुद्दा तय करने तक का काम करती है. पीके के मीडिया और सोशल मीडिया मैनेजमेंट का भी काम प्रोफेशनल टीम ही देखती है।

बहरहाल प्रशांत किशोर बिहार की राजनीति में अपनी पैठ बनाने में कितना सफल हो पाते है यह तो आनेवाला समय ही बताएगा। लेकिन इतना जरुर है कि इनकी बिहार की राजनीति में अपनी पार्टी बनाकर इंट्री की खबर ने प्रदेश के राजनीतिक दलों की बीच टेंशन जरुर पैदा कर दिया है।

बिहार के इस जिले में आसमान से बरसी मौत, वज्रपात के चपेट मे आने से एक ही परिवार के 2 की मौत, 5 गंभीर रुप से झुलसे

डेस्क : पूरा बिहार इनदिनों मौसम की बेरुखी से परेशान है। उमश भरी गर्मी ने लोगों का जीना मुहाल कर रखा है। लोग आसमान की ओर टकटकी लगाए बारिश का इंतजार कर रहे है। वहीं आज प्रदेश के कई जिलों में हल्की बारिश हुई। लेकिन रोहतास जिले में इस बारिश ने लोगों को राहत देने के बजाए मातम दे गया। 

रोहतसा जिले में वज्रपात की वजह से एक ही परिवार के दो लोगों की मौत हो गई। वहीं, पांच अन्य लोग झुलस गए, जिनकी हालत गंभीर है। घटना के बाद परिजनों में मातम का माहौल बना हुआ है। फिलहाल मामले की जानकारी नजदीकी थाने के पुलिस को दे दी गई है। उसके बाद पुलिस घटनास्थल पर पहुंची है। 

मरने वाले दोनो लोग रिश्ते में चाचा और भतीजा बताए गए है। वहीं, पांच अन्य लोग गंभीर रूप से झुलस लोगों में तीन महिलाएं और दो बच्चियां शामिल हैं। यह घटना करगहर प्रखंड के खैव देव की है। वज्रपात से घायल हुए पांचों लोगों को स्थानीय अस्पताल ले जाया गया, जहां से गंभीर हालत को देखते हुए सासाराम सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया।

बताया जा रहा है कि, रोहतास समेत आसपास के जिलों में मौसम ने करवट बदली है। ऐसे में इस गर्मी से परेशान एक परिवार के लोग बारिश की वजह से घर के बाहर बैठे हुए थे। तभी तभी अचानक वज्रपात हुआ और सभी लोग उसकी चपेट में आ गए। इस घटना में शंकर राम और उसके भतीजे गोलू राम की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं, गुड़िया देवी 32 वर्ष पति धनजी राम , रानी देवी 25 वर्ष पति ऋषि कपूर राम , सिंधु देवी 22 वर्ष पति श्री कृष्णा राम , दुर्गा कुमारी 16 वर्ष पिता शंकर राम , दिव्यांशु कुमारी 12 वर्ष पिता धनजी राम गंभीर रूप से झुलस गए। इनका सदर अस्पताल में इलाज चल रहा है।

बड़ी खबर : बिहार के इस जिले में नर्सरी क्लास के छात्र ने स्कूल में पिस्टल से चलाई गोली, एक छात्र गोली लगने से घायल

डेस्क : बिहार से एक बड़ी घटना सामने आई है। जहां एक नर्सरी क्लास का छात्र पिस्टल लेकर स्कूल पहुंच गया। वहीं उसने स्कूल में फायरिंग की। इस घटना में स्कूल के एक तीसरी क्लास के छात्र को गोली लगी है। हालांकि गनीमत यह है कि गोली छात्र के हाथ में लगी है और उसकी जान बच गई है। घटना बिहार के सुपौल के एक प्राइवेट स्कूल की है। 

बताया जा रहा है कि उक्त बच्चा अपनी बैग में हथियार छुपाकर लाया था। लोडेड हथियार लेकर वह स्कूल पहुंच गया और प्रार्थना के ठीक पहले उसने बैग से हथियार निकालकर फायरिंग कर दी। गोली तीसरी कक्षा के एक छात्र को लगी है। वह बाल-बाल बच गया। गोली उसके हाथ में लगी। वहीं घायल छात्र के परिजन ने हंगामा किया है।

सुपौल पुलिस ने बताया कि नर्सरी क्लास का बच्चा बंदूक को अपने स्कूल बैग में लेकर आया था। स्कूल आते ही वह तीसरी क्लास रूम में पहुंचा। वहां अचानक बंदूक निकाली और क्लास रूम में बैठे एक बच्चे पर गोली चला दी। गोलीबारी से स्कूली छात्रों में अफरा-तफरी मच गई। डर के मारे सभी बच्चे मुख्य दरवाजे की तरफ भागे। 

वहीं, गोली लगने से घायल बच्चे के घरवालों ने बताया कि स्कूल प्रशासन ने उन्हें जानकारी दी कि उनके बच्चे के हाथ में मामूली चोट आई है। इसकी खबर मिलने के बाद जब वे स्कूल पहुंचे तो पता चला कि बच्चे के हाथ में गोली लगी है। स्कूल परिसर में ही बंदूक की मैग्जीन भी पड़ी थी।

गोली लगने से घायल बच्चे के चाचा मोहम्मद अफरोज ने मीडिया को बताया कि गोली मारने वाला बच्चा मुकेश यादव का बेटा है। उसने कक्षा में घुसकर मेरे भतीजे की छाती में गोली मारने की कोशिश की है, लेकिन गोली सीने के बजाय हाथ में लगी। मोहम्मद अफरोज ने कहा कि इस घटना के बाद मुकेश यादव बंदूक सहित अपने बेटे को लेकर फरार हो गया है। 

सुपौल के एसपी ने मीडिया को जानकारी दी है कि गोली मारने का आरोपी छात्र उसी स्कूल में पढ़ता है और वह अपने बैग में बंदूक रख कर आया था। उसने एक दूसरे बच्चे को गोली मारी है। गोली लगने से घायल बच्चा अब खतरे से बाहर है। 

एसपी ने आगे बताया कि आरोपी लड़के और उसके माता-पिता के खिलाफ त्रिवेणीगंज थाने में एफआईआर दर्ज की गयी है और उसके माता-पिता की धरपकड़ के लिए छापेमारी जारी है। वैसे अब तक इस घटना के पीछे का मकसद सामने नहीं आया है। एसपी ने कहा कि पुलिस गांव वालों और स्कूल के लोगों से इस विषय में पूछताछ कर रही है।

बिहार पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा का एडमिट कार्ड जारी, ऐसे करें डाउनलोड

डेस्क : बिहार पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती 2023 के अभ्यर्थियों के लिए काम की खबर है। बिहार पुलिस में सिपाही के 21 हजार से अधिक पदों पर भर्ती के लिए केंद्रीय चयन पर्षद - सिपाही भर्ती (CSBC) द्वारा ली जाने वाली लिखित परीक्षा के लिए एडमिट कार्ड जारी कर दिए गए है। 

CSBC ने बिहार पुलिस सिपाही भर्ती 2023 की पुनर्परीक्षा की तिथियों की आधिसूचना हाल ही में 11 जुलाई को जारी की थी, जिसमें पर्षद ने परीक्षा की तारीखों के साथ-साथ इनमें सम्मिलित होने के लिए जरूरी प्रवेश पत्र उम्मीदवारों को जारी किए जाने की तिथि भी साझा की थी। ऐसे में जिन उम्मीदवारों ने बिहार पुलिस सिपाही भर्ती 2023 के लिए आवेदन किया है, वे पुनर्परीक्षा में सम्मिलित होने के लिए अपना प्रवेश पत्र डाउनलोड करने के लिए CSBC की आधिकारिक वेबसाइट, csbc.bih.nic.in पर विजिट करें। 

इसके बाद होम पेज पर दिए गए लिंक या नीचे दिए गए डायरेक्ट लिंक से उम्मीदवार सम्बन्धित प्रवेश पत्र डाउनलोड पेज पर जा सकते हैं। इस पेज पर उम्मीदवार अपनी पंजीकरण संख्या या पंजीकृत मोबाइल नंबर तथा जन्म-तिथि के विवरणों के भरकर सबमिट करके अपना प्रवेश पत्र डाउनलोड कर सकते है।

हालांकि पर्षद द्वारा आज, 31 जुलाई को सिर्फ उन्हीं उम्मीदवारों के लिए प्रवेश पत्र जारी किए गए हैं, जिन्हें परीक्षा तिथि 7 अगस्त आवंटित की गई है। जिन उम्मीदवारों को 11 अगस्त, 18 अगस्त, 21 अगस्त, 25 अगस्त और 28 अगस्त परीक्षा तिथि आवंटित की गई है। उनके लिए प्रवेश पत्र क्रमश: 4 अगस्त, 11 अगस्त, 14 अगस्त, 18 अगस्त और 21 अगस्त को जारी किए जाएंगे।

मुम्बई पुलिस ने मोतिहारी के इस गांव में छापेमारी कर बरामद किया चोरी की लाखोंं रुपये मूल्य की घड़ियां, पूरे देश में कुख्यात है इस गांव का शटरकटवा

डेस्क : बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के घोड़ासहन का शटरकटवा गिरोह पूरे देश में कुख्यात है। कई शहरों की पुलिस लगातार घोड़ासहन में छापेमारी करती रहती है तथा यहां से चोरी के सामान बरामद होते हैं। शटरकटवा गिरोह के शातिर पकड़े भी जाते है। दो दिन पहले ही महाराष्ट्र पुलिस ने 53 लाख रुपये के आइफोन चोरी मामले में घोड़ासहन से एक शातिर को गिरफ्तार किया। 

मिली जानकारी के अनुसार मुंबई में शटर काटकर 25 लाख की घड़ियां चोरी मामले में मुंबई पुलिस ने शिकारगंज व घोड़ासहन पुलिस के सहयोग से शिकारगंज के परेवा गांव में अनीता देवी व घोड़ासहन के हसन नगर में मोबिन देवान के घर में छापेमारी की।इस दौरान पुलिस ने अनीता व मोबिन के घरों से करीब दस लाख रुपये मूल्य की घड़ियां बरामद की।

बताया जा रहा है कि मुंबई पुलिस ने मोबिन देवान सहित तीन लोगों को मुंबई में ही गिरफ्तार किया था, जिसमें मोतिहारी व घोड़ासहन के अठमुहान के शटरकटवा शामिल थे। उसकी निशानदेही पर उसके घर से चोरी की घड़ियां बरामद की गईं। उसके घर से चोरी के 60 मोबाइल भी बरामद किए गए हैं, जिनकी कीमत करीब 20 लाख रुपये बतायी गयी है। मोबाइल भी चोरी के हैं।

19 जुलाई की अहले सुबह शटरकटवा गिरोह के शातिरों ने मुंबई में घड़ी शोरूम से करीब 25 लाख की घड़ियां चुरा ली थीं। अनुसंधान के क्रम में शटरकटवा गिरोह के शातिर मोबिन देवान सहित तीन को मुंबई में ही पुलिस ने धर दबोचा। अन्य शातिर वहां से फरार हो गये थे। चोरी की घड़ियां लेकर गिरोह के अन्य शातिर घोड़ासहन पहुंचे व मोबिन के घर में छुपा दी। 

मुंबई पुलिस मोबिन को लेकर सोमवार को घोड़ासहन व शिकारगंज पहुंची और स्थानीय पुलिस के साथ छापेमारी कर चोरी की घड़ियां व मोबाइल बरामद की। थानाध्यक्ष शंभू मांझी ने बताया कि बरामद घड़ी व मोबाइल को मुंबई पुलिस अपने साथ ले गयी।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अन्य विभागों के मुकाबले फॉलोअर्स को जुटाने में आगे निकली बिहार पुलिस, इतने लाख फॉलोअर्स के साथ पहुंची टॉप पर

डेस्क : कभी बेहद खराब छवि के लिए जाने जानेवाली बिहार पुलिस की छवि अब बदल रही है। इसका सबूत यह है कि बिहार पुलिस सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अन्य विभागों के मुकाबले फॉलोअर्स को जुटाने में आगे निकल गई है। 

सोशल मीडिया के प्लेटफार्म फेसबुक, इंस्टाग्राम और एक्स (पहले ट्विटर) पर बिहार पुलिस के लगभग 13 लाख 15 हजार फॉलोअर्स हो गए हैं। फेसबुक पर 7 लाख 12 हजार, इंस्टाग्राम पर 1 लाख 33 हजार और एक्स पर 4 लाख 70 हजार लोग सीधे तौर पर जुड़े हुए हैं। इस तरह से यह बिहार में शीर्ष स्थान पर पहुंच गया है। इसके बाद दूसरे नंबर पर बिहार बोर्ड और तीसरे स्थान पर सूचना एवं जनसंपर्क विभाग का स्थान आता है। इससे संबंधित जानकारी पुलिस मुख्यालय के सोशल मीडिया प्रभाग के एसपी विशाल शर्मा ने दी है। 

भारतीय गुणवत्ता परिषद के एक सर्वे के अनुसार बिहार पुलिस के सोशल मीडिया पेज के बारे में 32 प्रतिशत लोगों को जानकारी है। वहीं इनमें से 62 प्रतिशत लोगों ने फॉलो कर रखा है। अन्य सरकारी विभागों की तुलना में फेसबुक पर भी बिहार पुलिस को फॉलो करने वाले अधिक हैं। दूसरे स्थान पर सूचना एवं जनसंपर्क विभाग और तीसरे पर बिहार बोर्ड का स्थान आता है।

अन्य राज्यों की पुलिस के मुकाबले बिहार पुलिस की सोशल मीडिया पर कुल फॉलोअर्स की संख्या में 5वां स्थान है। पहले स्थान पर केरल और दूसरे पर उत्तर प्रदेश है। सिर्फ फेसबुक पर बिहार पुलिस तीसरे स्थान पर है। जून में बिहार पुलिस के फेसबुक पेज का पहुंच 90 लाख 30 हजार लोगों तक है। वहीं, इंस्टाग्राम का 23 लाख एक्स की रीच 23 लाख से अधिक है।

अब मुख्य पार्षद या उपमुख्य पार्षद के विरुद्ध नहीं लाया जायेगा अविश्वास प्रस्ताव, जानिए पूरा डिटेल

डेस्क : बिहार में अव मुख्य पार्षद या उपमुख्य पार्षद के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जाएगा। बिहार नगरपालिका संशोधन विधेयक 2024 में मुख्य पार्षद या उपमुख्य पार्षद के विरुद्ध वार्ड पार्षदों द्वारा अविश्वास प्रस्ताव लाने की व्यवस्था समाप्त कर दी गई है। बिहार अधिनियम, 11, 2007 की धारा 221 में संशोधन किया गया है। यह ठोस अपशिष्ट के प्रबंधन एवं संचालन और बिल तैयार करने से संबंधित है। 

संशोधन में कहा गया है कि निर्वाचित मुख्य पार्षद या उपमुख्य पार्षद के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाया जाना प्रासंगिक नहीं है। इसलिए अविश्वास प्रस्ताव संबंधी प्रावधानों को विलोपित किया जाना आवश्यक है। इसमें कहा गया है कि ठोस अपशिष्टों के संग्रहण, भंडारण, परिवहन, प्रसंस्करण, और निपटाव से संबद्ध बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए राज्य सरकार द्वारा तय नियम ही मान्य होंगे। 

इन सुविधाओं पर भुगतान भी राज्य सरकार द्वारा पूर्व में निर्धारित की गई दर के हिसाब से किया जाएगा। राज्य सरकार किसी भी नगरपालिका के लिए विकेंद्रीकृत रूप से या नगरपालिका के समूह का गठन करके केंद्रीकृत रूप से नगरपालिका ठोस अपशिष्ट के संग्रहण, भंडारण, परिवहन, प्रसंस्करण और निपटान का निर्णय ले सकती है। एजेंसी चयन की प्रक्रिया का निर्णय भी राज्य सरकार द्वारा लिया जाएगा।

संशोधन में यह भी प्रावधान किया गया है कि नगरपालिका की किसी बैठक में राज्य सरकार के किसी नियम या निर्देश के खिलाफ या उससे असंगत प्रस्ताव पर विचार नहीं किया जाएगा। इस प्रकार के प्रस्ताव पर मुख्य पार्षद अथवा पीठासीन पदाधिकारी द्वारा विचार नहीं किया जाएगा। यदि इस प्रकार का प्रस्ताव नगरपालिकों के किसी बैठक में लाया जाता है तो इसे मुख्य नगरपालिका पदाधिकारी द्वारा विचार के लिए राज्य सरकार को भेजा जाएगा। इस संबंध में राज्य सरकार का निर्णय अंतिम होगा।

राजधानी पटना में चल रहे कोचिंग संस्थानों की हुई जांच, कई संस्थानों में सामने आई बुनियादी सुविधाओं का अभाव*

डेस्क : दिल्ली के कोचिंग संस्थान के बेसमेंट में पानी भरने से तीन छात्र-छात्राओं की मौत के बाद बिहार में प्रशासन सतर्क हो गया है। राजधानी पटना में उक्त घटना के बाद विशेष सतर्कता बरती जा रही है। पटना जिले में चल रहे बड़े-छोटे 20 हजार कोचिंग संस्थानों की जांच के आदेश दिए। सोमवार को पटना जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने अनुमंडल पदाधिकारियों के नेतृत्व में छह टीमें गठित की। वहीं बीते मंगलवार को डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह के निर्देश पर अनुमंडल पदाधिकारियों के नेतृत्व में गठित टीम के द्वारा पटना के कोचिंग संस्थानों की जांच की गई। इस दौरान कई संस्थानों में खामियां मिलीं। कई कोचिंग में बुनियादी सुविधाओं का अभाव दिखा। पटना सदर, दानापुर, बाढ़, पटना सिटी और मसौढ़ी के एसडीओ ने जांच की। इस दौरान कई कोचिंग में बेसमेंट, पार्किंग, शौचालय, पेयजल, निकास और प्रवेश द्वार की पर्याप्त व्यवस्था नहीं दिखी। एसडीओ प्रदीप कुमार सिंह ने दानापुर अनुमंडल क्षेत्र में स्थित कोचिंग संस्थानों में सगुना मोड़, बेली रोड और गोला रोड स्थित कोचिंग का निरीक्षण किया। संस्थानों में बुनियादी सुविधाएं जिसमें बेसमेंट, पार्किंग, शौचालय, फायर ऑडिट, बिल्डिंग बायलॉज, कोचिंग संस्थाओं का विधिवत निबंधन और संस्थान में प्रवेश एवं निकास की पर्याप्त व्यवस्थाओं का जायजा लिया गया। जांच में पाया गया कि कई संस्थानों में वाश रूम, शौचालय, पेयजल की समुचित व्यवस्था नहीं है। संस्थानों में आने जाने के रास्ते आपात स्थिति से निपटने के अनुरूप नहीं हैं। बेली रोड स्थित एक कोचिंग इंस्टीट्यूट के अलावा किसी कोचिंग संस्थान के द्वारा निबंधन साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया। एसडीओ ने बताया कि जिन संस्थानों की जांच की गई है उसकी रिपोर्ट डीएम को भेज दी गई है। जिलाधिकारी से आदेश मिलने के बाद कानूनी कार्रवाई की जाएगी। संचालकों को निर्देश दिया गया कि निबंधन करा संस्थान का संचालन करें। बता दें गठित जांच टीम द्वारा 2 सप्ताह के अंदर डीएम को रिपोर्ट सौंपनी है। रिपोर्ट में यदि कोचिंग संस्थान मानक के अनुसार संचालित नहीं पाया जाता है तो उसे बंद किया जाएगा।