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हरियाली बढ़ाने के लिए लगाए पौधे, पांच दिन में ही सूख गए

नितेश श्रीवास्तव ,भदोही। जिले में पांच दिन पहले हरियाली बढ़ाने के लिए रोपे गए पौधे पर दिन में ही सूखने लगे हैं। अफसर से लेकर जन प्रतिनिधियों ने जोर शोर से पौधे लगाए थे। एक ही दिन में 13 लाख 15 हजार पौधे लगाकर रिकाॅर्ड बनाने वाले जिले ने पौधों के सूखने में रिकाॅर्ड बना दिया। पांच ही दिन में जिन पौधरोपण की फोटो सोशल मीडिया पर अपलोड सुर्खियां बटोरी थीं। वहीं पौधे अब देखरेख के अभाव में सूखने लगे हैं।

जिले में 24 विभागों के समन्वय से जोर शोर के साथ पौधरोपण अभियान चलाया गया। जिसमें जनप्रतिनिधि से लेकर विभागीय अधिकारी शामिल हुए। Street buzz News की टीम ने शुक्रवार अलग-अलग स्थानों पर 20 जुलाई को रोपे गए पौधों की पड़ताल की। टीम ऐसे स्थानों पर पहुंची जहां अधिकारी, नेता, समाजसेवी और ग्राम प्रधानों ने पौधारोपण किया था। वहां कई स्थानों पर पौधे दम तोड़ते नजर आए। जिले के लखनो तालाब, ग्राम पंचायत वारी, नेवादा कला, चौरी के पचपटिया, बहरी, अमवा, भूलईपुर, बरवा, अर्जुनपुर आदि सहित विभिन्न गांवों रोपे गए पौधों की पड़ताल की गई।

यहां ग्राम सभा में प्रधान की ओर से पौधरोपण कराया गया था। सभी गांव में 50 से 100 के बीच पौधरोपण किया गया था, लेकिन अधिकांश पौधे सूखने के कगार पर हैं। यहीं हाल सुरियावां नगर, गोपीगंज, भदोही, खमरिया, घोसिया आदि का है।

केस 1- ज्ञानपुर के वारी गांव में करीब 200 पौधरोपण किया गया है। इसमें से करीब 25 फीसदी पौधे सूखने के कगार पर है। पौधों के पत्ते पीले पड़ चुके थे और न ही पौधों की सुरक्षा के लिए टी गार्ड लगाए थे।

केस 2 - ज्ञानपुर मुख्यालय रोड पर लखनों तालाब के पास करीब 20 जुलाई को 150 पौधरोपण लगाए गए थे। इसमें से करीब 60-65 पौधे सूखे चुके हैं। कई गड्ढों में से पौधे ही गायब मिले।

वायरल वीडियो नहीं रोपित किए गए पौधे

ज्ञानपुर। सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। जिसे लोग नई बाजार नगर पंचायत का बता रहे हैं। जहां एक ही स्थान पर 150 से 200 पौधे रखा गया है। एक ओर 20 जुलाई को लोगों ने पौधरोपण किया। वहीं नई बाजार नगर पंचायत अंतर्गत पौधे ले जाकर सुखाए जा रहे हैं।

मानसून सत्र चल रहा है, लेकिन बारिश नहीं हो रही है, जो पौधे सूखे हैं। वहां नए पौधे लगाए जाएंगे। अन्य विभाग को रोपित किए गए पौधों की सिंचाई करने के लिए निर्देशित किया गया है। पौधों को सुरक्षित रखा जाएगा। - नीरज आर्य, डीएफओ, भदोही।

जिले में डेंगू के चिन्हित किए 20 हाॅट स्पाॅट







नितेश श्रीवास्तव ,भदोही। भदोही के राजपुरा क्रासिंग आलमपुर के साथ ज्ञानपुर पुरानी बाजार और बालीपुर समेत 20 हाॅट स्पाॅट चिन्हित किए गए हैं। ये सभी हाॅट स्पाॅट ऐसे स्थान पर बने है‌। जहां बीते साल दो से अधिक केस मिले थे। विभाग की टीम निरंतर हाॅट स्पाॅट की निगरानी करेगी।




बीते साल रिकॉर्ड 280 मरीज मिले थे। इस आंकड़े को देखते हुए विभाग तैयारियों में लगा हुआ है। मानसून सीजन शुरू होते ही ग्रामीण इलाकों के साथ बस्तियों में डेंगू का खतरा बढ़ जाता है। खासकर मलिन बस्तियों और गंदगी वाले इलाकों में यह समस्या सबसे अधिक होती है। डेंगू के मरीज गंदे या पुराने हो चुके पानी में ही पनपते हैं। ऐसी बस्तियों में स्वास्थ्य विभाग की विशेष निगरानी होती है। 




बीते साल जिले में रिकॉर्ड 280 डेंगू मरीज मिले थे। बीते एक दशक में सबसे अधिक डेंगू मरीज मिलने पर इस बार विभाग पहले से ही सतर्क हो गया है। डेंगू के रोकथाम को लेकर शुरू से ही तैयारियां चल रही है। एक महीने तक चलने वाले संचारी रोग अभियान में भी गांव-गांव ब्लीचिंग पाउडर और दवाओं का छिड़काव किए जाने के साथ - साथ लोगों को संक्रामक बीमारियों के बारे में जागरूक किया जा रहा है। 




अब विभाग ने ऐसे स्थानों को चिन्हित किया है। जहां बीते साल दो से अधिक डेंगू मरीज मिले थे। इन सभी स्थानों को हाॅट स्पाॅट चिन्हित करते हुए विभाग यहां विशेष निगरानी रखेगा। बीते साल भदोही, ज्ञानपुर,न‌‌ई बाजार, खमरिया, घोसिया के इलाकों में ही 100 मरीज मिले थे। ऐसे में इन स्थानों पर हाॅट स्पाॅट सबसे अधिक है।




यहां बनाएं बने हाॅट स्पाॅट 







स्वास्थ्य विभाग ने भदोही नगर में 

राजपुरा क्रासिंग, आलमपुर, पुरखापुर, पचभैया, दरोपुर, छेड़ीबीर, न‌ई बाजार में न‌ई बाजार,औराई के सहसेपुर, उगापुर, ज्ञानपुर में पुरानी बाजार, वार्ड नंबर पांच और नौ के बालीपुर, सीतामढ़ी, सुरियावां नगर, मोढ़, घोसिया और खमरिया जैसे स्थान हाॅट स्पाॅट के रुप में चिह्नित है। 







बीते साल डेंगू मरीज मिलने के बाद इस बार विशेष तैयारी के तहत 20 हाॅट स्पाॅट चिन्हित किए गए हैं। इन स्थानों पर स्वास्थ्य विभाग की विशेष निगरानी रहेंगी। जिससे डेंगू पर नियंत्रण रखा जा सके। 







राम‌आसरे पाल 




जिला मलेरिया अधिकारी

विश्व ड्राउनिंग प्रिवेन्शन दिवस पर आयोजित हुआ राज्य स्तरीय फ्लड मॉक एक्सरसाईज

नितेश श्रीवास्तव ,भदोही। वर्ल्ड ड्राउनिंग प्रिवेन्शन दिवस के अवसर पर बाढ़ आपदा से बचाव व सुरक्षा हेतु राज्य स्तरीय फ्लड मॉक एक्सरसाईज का आयोजन अध्यक्ष जिला आपदा प्रबन्धन, जिलाधिकारी विशाल सिंह की उपस्थिति व देख-रेख में सीतामढ़ी घाट पर सम्पन्न हुआ। इस दौरान बड़ी संख्या में ग्रामीणों व क्षेत्रवासियों को बाढ़ से बचाव हेतु जागरूक किया गया।

वर्ल्ड ड्राउनिंग प्रिवेन्शन डे एक वैश्विक कार्यक्रम है जो डूबने के कारण खोई जिन्दगियों को याद करने के साथ ही जल व उसके आप-पास सुरक्षा के सम्बन्ध में जागरूकता बढ़ाने के लिए आयोजित किया जाता है। बाढ़, मॉक एक्सरसाईज के दौरान डूबने से होने वाली मृत्यु के कारणों को पता लगाना और रोकथाम हेतु सुरक्षा उपायों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। डूबने से होने वाली मानवीय, सामाजिक तथा आर्थिक क्षति असहनीय है । लेकिन इसे पूरी तरह से रोका जा सकता है।

डूबने की घटनाओं की रोकथाम के लिए साक्ष्य आधारित किफायती रणनीतियों को लागू करके डूबने के खतरे को काफी कम किया जा सकता है। मॉक रिहर्सल के दौरान दर्शकों को सुरक्षित बचाव व पुर्नाजीवन तकनीतियों की जानकारी देना जैसे सीपीआर व मूंह से सांस लेने का प्रशिक्षण किया गया।जिलाधिकारी ने उपस्थित नाविको, गोताखोरो के कार्यो की सराहना करते हुए उन्हें जल जीवन रक्ष मित्र के रूप में उनकी प्रसंशा किया। कहा कि आप लोग एक सजग जल प्रहरी के रूप में स्थानीय स्तर पर 24 घण्टे उपलब्ध रहकर डूबते व बाढ़ में फसे व्यक्तियों की जान को बचाते है। यह बहुत की मानवीय, नैतिक व पूर्ण्य कर्म है।

युवक पर जानलेवा हमला करने वाला गिरफ्तार,भदोही में चाकू से किया था घायल, एसपी के आदेश पर हुई कार्रवाई

नितेश श्रीवास्तव ,भदोही। भदोही में ज्ञानपुर थाना की पुलिस टीम ने बुधवार को चाकू से जानलेवा हमला करने के आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। वाद - विवाद के दौरान एक राय होकर आरोपीयों ने चाकू से हमला कर युवक को गंभीर रुप से घायल कर दिया था ‌। थाना की पुलिस को 18 जुलाई को सूचना मिली थी कि इब्राहिमपुर निवासी नयाब अंसारी पुत्र इलियास अंसारी के ऊपर महथुआ गांव के निवासी आरोपीयों द्वारा एक राय होकर चाकू से हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया गया है। घटना के संबंध में परिजनों से तहरीर के आधार पर स्थानीय पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई में जुट ग‌ई।

पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए प्रयास कर रही थी। पुलिस अधीक्षक डॉ मीनाक्षी कात्यायन द्वारा इस जानलेवा हमले में शामिल अभियुक्तों की शीघ्र गिरफ्तारी के लिए स्थानीय पुलिस टीम को निर्देश दिए गए थे। एसपी के निर्देश के क्रम में आज स्थानीय पुलिस द्वारा जानलेवा हमला की घटना में शामिल आरोपी नूरुलहुदा पुत्र मुस्लिम निवासी महथुआ थाना औराई जनपद भदोही को ग्राम कंसापुर के पास से गिरफ्तार कर लिया।

पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर संबंधित धाराओं में जेल भेज दिया।

तीन महीने में डिजिटल एक्स-रे का ड्रैग कार्ड खराब, एक्स-रे बंद






नितेश श्रीवास्तव ,भदोही। जिला मुख्यालय के पास स्थित सौ बेड के अस्पताल में लगी डिजिटल एक्स-रे मशीन तीन महीने में ही खराब हो गई। एक्स-रे रिपोर्ट में प्रिंट कर देने वाली ड्रैग कार्ड खराब हो चुका है। तीन महीने पहले ही नया ड्रैग कार्ड लाकर लगाया था।







जिससे डिजिटल एक्स-रे एक बार फिर बंद हो गया है। सरपतहां स्थित सौ बेड के अस्पताल का संचालन फरवरी 2022 में हुआ था। शुरू में यहां पर केवल ओपीडी चलायी जाती थी, लेकिन अब धीरे-धीरे यहां सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है। अस्पताल में डिजिटल एक्स-रे मशीन 2017 से ही आकर रखी थी, लेकिन अस्पताल संचालन के बाद करीब ढाई साल बाद किसी तरह उसका संचालन नहीं हो सका। तीन माह पहले मशीन में लगी ड्रैग कार्ड नया मंगाकर विभाग द्वारा डिजिटल एक्स-रे शुरू कराया गया था।







मशीन की खराब गुणवत्ता और देखरेख के अभाव के कारण डिजिटल एक्स-रे में लगा ड्रैग कार्ड एक बार फिर से जवाब दे गया है। बीते पांच दिनों से मरीजों का डिजिटल एक्स-रे नहीं हो पा रहा है। जिससे अस्पताल पहुंचने वाले मरीज लौट रहे हैं। आने वाले एक सप्ताह में डिजिटल एक्स-रे शुरू होने की संभावना भी नहीं है।







ड्रैग कार्ड तकनीकी खामियां होने के कारण दो दिन तीनों से एक्स-रे बंद है। संबंधित कंपनी को सूचना दे दी गई है। उसे बनवकार शुरू कर दिया जाएगा। 




डॉ सुनील पासवान सीएमएस

10 लाख की एक्स-रे मशीन, आठ साल बाद भी नहीं हुई शुरू

नितेश श्रीवास्तव ,भदोही। जनपद समेत जौनपुर सीमावर्ती गांवों की लगभग तीन से चार लाख की आबादी को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने वाली सुरियावां सीएचसी पर आठ सालों से एक्स-रे मशीन का संचालन लटका है। करीब 10 लाख से लगाई गई इस मशीन को इंस्टाल नहीं करने से लोगों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है।

जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं में भले ही पहले की अपेक्षा काफी सुधार हुआ है, लेकिन कुछ अस्पताल ऐसे हैं। जहां अब भी बुनियादी सुविधाओं का अभाव बना हुआ है। सुरियावां सीएचसी ऐसा ही अस्पताल है। क्षेत्र समेत जौनपुर के सीमावर्ती गांवों के करीब तीन से चार लाख की आबादी को स्वास्थ्स सुविधाएं मुहैया कराने वाले सुरियावां सीएचसी पर रखी एक्स-रे मशीन बीते आठ सालों से शोपीस बनी है।इसके संचालन को लेकर यहां एक्स-रे टेक्नीशियन की भी तैनाती कर दी गई है, जो बीते छह सालों से यहां तैनात है और उसका वेतन भी मिल रहा है, लेकिन विभागीय पेंच के कारण मशीन इंस्टाल नहीं हो सकी।

बताया जाता है कि मशीन आवंटन के बाद आपूर्ति करने वाली संस्था और विभाग के बीच बिल भुगतान का पेंच फंसा है। जिससे संस्था ने इंजीनियर को मशीन इंस्टाल करने के लिए नहीं भेजा।

अस्पताल में रखे-रखे मशीन की वारंटी भी खत्म हो चुकी है। वहीं मशीन के कई पार्ट्स भी खराब होने लगे हैं। जिससे अब इस मशीन को इंस्टाल होना मुश्किल है। अस्पताल में एक्स-रे न होने से मरीजों को बाहर जाना पड़ता। यहां हर दिन 400 से 500 की ओपीडी होती है। जिसमें 60 से 70 मरीजों को एक्स-रे की जरूरत होती है।

बाहर देना होता है 150 से 200 रुपये भुगतान

सुरियावां सीएचसी में एक्स-रे मशीन इंस्टाल न होने के कारण मरीजों को बाहर एक्स-रे कराना होता है। जहां उन्होंने एक्स-रे के लिए 150 से 200 रुपये तक भुगतान करना होना है। स्थानीय लोगों ने कई बार विभागीय अधिकारियों से इसकी मांग की, लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हो सकी।

अन्य सेंटरों पर चल रही मशीनें

सुरियावां सीएचसी के साथ ही औराई, डीघ, भानीपुर, गोपीगंज और भदोही सीएचसी पर एक्स-रे मशीन लगी थी। वहां नियिमित एक्स-रे का किया जा रहा है, लेकिन सुरियावां को लोगों को आठ सालों से इसका लाभ नहीं मिला।

एक्स-रे मशीन में बिजली आपूर्ति से जुड़े कई पार्ट न होने के कारण संचालन नहीं हो सका है। शिकायत के बाद फर्म से संतोषजनक जवाब नहीं मिला। अब अस्पताल में नई मशीन मंगाने को लेकर प्रयास किया जा रहा है। जल्द ही उसे मंगाकर इंस्टाल कराया जाएगा। - अभिषेक नाग, सीएचसी अधीक्षक।

सावन मास के पहले मंगलवार को महावीर मंदिरों भक्तों की भीड़ लगी रही। सुबह से ही मंदिरों लगी भक्तों की कतार

नितेश श्रीवास्तव ,भदोही। मलखली कालीनों के लिए पूरे विश्व में विख्यात भदोही में कई ऐतिहासिक व पौराणिक महत्व के स्थल हैं। जहां हर दिन बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं। ज्ञानपुर के चकवा में स्थित महावीर मंदिर की महिमा निराली है। हनुमान जी को समर्पित यह मंदिर पांडव कालीन मानी जाती है।

मान्यताओं के अनुसार अज्ञातवास के दौरान पांडवों ने ज्यादातर समय यहीं पर गुजारा। मंदिर की देखरेख और नियमित महावीर बताया जाता है कि चकवा में विशालकाय वट वृक्ष से महावीर निकले हैं। बताया कि द्वापर युग में जब पांडव अज्ञातवास पर थे तो लाक्षागृह में आग लगने से पूर्व सभी लोग सुरंग के रास्ते निकलकर यहीं पर आए थे। उन्होंने ने ही यहां पर महावीर की स्थापना की थी।

उस समय यहां घना जंगल हुआ करता था। समय के साथ जब पांडवों का अज्ञातवास समाप्त हुआ और वे यहां से लौट गए। जिसके बाद हनुमान जी की मूर्ति के ऊपर विशाल वट वृक्ष ऊग गए। कई साल पहले जब इधर से एक व्यापारी गुजर रहा था तो उसने अपने बैल को बरगद के पेड़ से बांधने के लिए उसके जड़ की खोदाई करने लगा। जहां उससे खून निकलने लगा। खुदाई करने पर वहां महावीर की प्रतिमा निकली।

व्यापारी ने वहीं पर हनुमान जी का छोटा सा मंदिर बनाया। 1980 में तत्कालीन अधिकारयों के प्रयास से मंदिर का जीर्णोंद्धार हुआ। मंदिर पर हर मंगलवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगता है। सावन के आखिरी सोमवार को यहां बुढ़वा मंगल का मेला लगता है। मान्यता है कि हनुमान जी के दर्शन मात्र से भक्तों के सारे पाप और कष्ट दूर हो जाते हैं।सावन मास के पहले मंगलवार को महावीर मंदिरों भक्तों की भीड़ लगी रही। सुबह से ही मंदिरों पर पवनसुत के दर्शन पूजन को श्रद्धालुओं की कतार लगी रही। बड़ी संख्या में पहुंचे महिला, पुरुष श्रद्धालुओं व बच्चों तक ने हलुआ, पूड़ी, चना से लेकर अन्य सामग्री चढ़ाकर दर्शन पूजन किया। ऐतिहासिक चकवा महावीर मंदिर पर सुबह से ही श्रद्धालु पहुंचने लगे थे। दोपहर होते होते संख्या हजारों पहुंच गई। पूजन अर्चन का सिलसिला पूरे दिन चलता रहा। बच्चे-बूढे़ रहे हों या फिर महिला व पुरुष, जो भी पहुंचा पवनसुत को पूरी आस्था के साथ पूजन अर्चन करता व शीश नवाता रहा। श्रद्धालुओं की होने वाली भीड़ के चलते विविध तरह की दुकानें सजी थीं।

भदोही सांसद ने ज्ञानपुर स्टेशन का सदन में उठाया मुद्दा:अंडर पास सहित सुविधाओं की मांग की, बोले-यात्रियों को होती है परेशानी

नितेश श्रीवास्तव ,भदोही। सांसद डॉक्टर विनोद कुमार बिंद ने रेलवे से जुड़ी कई समस्याओं को संसद में उठाया है नियम 377 के तहत उन्होंने ज्ञानपुर रोड रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नम्बर एक के विस्तारीकरण ,ककराही, सरायकंसराय और हरदुआ में अंडरपास को लेकर संसद को अवगत कराया ।

इस मौके पर उन्होंने मांग की है कि इन बिंदुओं पर कार्य होने से क्षेत्र के लोगों को बड़ा लाभ मिलेगा।ज्ञानपुर रोड रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक के विस्तारीकरण को लेकर लंबे समय से जनता के द्वारा मांग की जा रही थी। रेलवे स्टेशन से दिल्ली, मुंबई ,कोलकाता सहित कई क्षेत्रों के लिए ट्रेनों का आवागमन होता है। ऐसे में प्लेटफार्म का विस्तारीकरण होने से रेल यात्रियों को बड़ा लाभ मिलेगा जिसको लेकर सांसद डॉ विनोद कुमार बिंद ने संसद में इस मामले को उठाया साथ ही उन्होंने इस अवसर पर नियम 377 के तहत ककराही रेलवे क्रॉसिंग पर अंडरपास और सराय कंसराय और हरदुआ में अंडरपास के बिंदु पर मामले को उठाया है।

आपको बता दें की सराय कंसराय समेत अन्य क्षेत्रों में बड़े समय से क्षेत्र के लोग अंडरपास की मांग कर रहे हैं। अंडरपास बनने से लोगों को आवागमन में आसानी होगी। सांसद डॉक्टर विनोद बिंद ने कहा कि ज्ञानपुर रोड रेलवे स्टेशन लोकसभा क्षेत्र की अहम रेलवे स्टेशन है जहां से बड़ी संख्या में रेल यात्रियों का आवागमन होता है ऐसे में प्लेटफार्म नंबर एक का विस्तारीकरण हो और विभिन्न क्षेत्रों में अंडरपास को लेकर लगातार क्षेत्र की जनता के द्वारा मांग की जा रही थी इन मामलों को संसद में उठाया है।

लोकसभा क्षेत्र का चौमुखी विकास इसको कई तरह के प्रयास किया जा रहे हैं आगे भी जनहित के जो मामले हैं उनको संसद में उठाया जायेगा।

खेत में दरार फटने से धान की फसलों को लेकर बढ़ी चिंता

नितेश श्रीवास्तव ,भदोही। कालीन नगरी में बारिश न होने से सूखे जैसे हालात बनने लगा है। जुलाई माह का 20 दिन गुजार गया लेकिन झमाझम बारिश नहीं हुआ।

तालाबों व गड्ढों में पानी भरने के बजाए धूल उड़ रहा है। आमान में हर पल काला मेघ छा रह है लेकिन बारिश नहीं हो पा रहा है बारिश के अभाव में धान की फसल पीला पड़ने लगा है। धान की खेतों में पौधा झुलसने के साथ दरार फटता देख कृषकों की बेचैनी बढ़ गई है। धान रोपाई को पानी भरा जा रहा है। रोपाई के बाद दो दिन में ही खेत सूख जा रहे हैं। ऐसे में धान का पौधा पीला पड़ने लग रहा है।

नहर और का पीधा पीला पड़ने लग रहा है। नहर और नलकूप से भराई कर भराई कर लोग धान की रोपाई कर दिए हैं। पौधा फड़कने के बजाए पीला पड़ने लगा है। नहर से सटे किसानों को तो थोड़ी गनीमत है। नलकूप से पानी भरने को लेकर लोग आपस में उलझ जा रहे हैं।

आईसीयू में 55 लाख के 22 वेंटिलेटर, भटकते हैं मरीज

नितेश श्रीवास्तव ,भदोही। स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के लिए सरकार गंभीर है। अफसरों की लापरवाही कहें या जनप्रतिनिधियों की उदासीनता। तीन साल पूर्व 55 लाख से खरीदे गए वेंटिलेटर खुद आईसीयू में पहुंच गए हैं।

इससे सरकारी अस्पतालों में हर रोज आने 50 से अधिक गंभीर मरीजों को आईसीयू सुविधा नहीं मिल पाती। जिससे सिर में गंभीर चोट, हार्ट अटैक सहित अन्य गंभीर रोगों के मरीज निजी अस्पतालों या वाराणसी के ट्रामा सेंटर जाने के लिए विवश हैं। वजह है कि वेंटिलेटर चलाने के लिए न तो टेक्नीशियन हैं और न ही अब वेंटिलेटर चलने की स्थिति में है।कोरोना महामारी के दौरान इसकी चपेट में आने वाले रोगियों को अस्पताल में भर्ती होना पड़ता था।

इससे न सिर्फ सरकारी बल्कि निजी अस्पताल तक में जगह नहीं बची थी। बेहतर सुविधा न मिलने से बड़ी संख्या में लोगों की जान भी चली गई। गंभीर रोगियों को बचाने के लिए केंद्र सरकार ने पीएम केयर्स फंड से सरकारी अस्पतालों में वेंटिलेटर भेजे। कालीन नगरी में करीब 22 वेंटिलेटर खरीदे गए थे। इनमें नार्मल, फेस मास्क और मैकेनिकल वेंटिलेटर शामिल हैं।

नार्मल श्रेणी के वेंटिलेटर की कीमत दो से सवा दो लाख रुपये। फेस मास्क श्रेणी की 5.70 लाख रुपये व मैकेनिकल वेंटिलेटर की कीमत छह लाख रुपये से अधिक है।

चिकित्सकों की मानें तो सिर और सीने में गंभीर चोट, हार्ट अटैक, लकवा, लीवर और किडनी के काम नहीं करने व ऑपरेशन करने के बाद कुछ मरीजों को वेंटिलेटर की आवश्यकता पड़ती है, लेकिन उस दौरान आए वेंटिलेटर महामारी खत्म होने के बाद सिर्फ शोपीस बनकर रह गए। भदोही के महाराजा बलवंत सिंह चिकित्सालय के मातृ शिशु विंग के एक कमरे में सभी वेंटिलेटर को रखा गया है। इनमें से अधिकांश वेंटिलेटर तालों में बंद होने के कारण धूल फांक रहे हैं। कई वेंटिलेटर खराब हो गए हैं।

अस्पतालों में सुविधा की है जरूरत

जिले में सौ शैय्यायुक्त संयुक्त अस्पताल व दो जिला स्तरीय सरकारी एवं ब्लाॅक स्तरीय छह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र संचालित हैं। अस्पतालों में डाक्टर, फार्मासिस्ट, वार्ड ब्वाय व स्टाफ नर्स सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मी तैनात हैं। जनपद के कोविड एल-2 अस्पताल में मौजूदा समय में 22 वेंटिलेटर भी उपलब्ध हैं। बावजूद इसके अभी तक जनपद के किसी भी सरकारी अस्पताल में गहन चिकित्सा इकाई (आइसीयू) की सुविधा नहीं है।

- वेंटिलेटर चलाने के लिए विशेषज्ञों की जरूरत है। जिसके बिना उसका संचालन मुश्किल है। 100 शैय्या परिसर में 50 बेड का क्रिटिकल केयर यूनिट का निर्माण चल रहा है। निर्माण पूरा होने पर यहां गंभीर मरीजों के उपचार को गहन चिकित्सा इकाई (आइसीयू) की अत्याधुनिक सभी सुविधाएं मरीजों को मिलेंगी

डाॅ. संतोष कुमार चक, सीएमओ।