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साइंटिस्ट नंबी नारायणन को कैसे फंसाया गया? सीबीआई ने किया खुलासा

#nambi_narayanan_case_cbi_charge_sheet_in_kerala_court_revealed_truth 

साल 1994 के जिस इसरो जासूसी केस में देश के शीर्ष वैज्ञानिकों में से एक नम्बी नारायणन और 3 अन्य वैज्ञानिकों को फँसाकर उनका करियर खत्म कर दिया गया और देश को क्रायोजेनिक रॉकेट इंजन के विकास में पीछे हो जाना पड़ा, वो पूरा मामला ही फर्जी था। भारत के पद्म विभूषण प्राप्‍त स्‍पेस साइंटिस्‍ट नंबी नारायण से जुड़े 1994 के जासूसी कांड में सीबीआई की चार्जशीट बुधवार को सामने आई।सीबीआई ने केरल की अदालत में दायर अपने आरोपपत्र में कहा है कि 1994 का इसरो जासूसी मामला झूठा था। इसमें दावा किया गया कि केरल पुलिस के तत्कालीन स्‍पेशल ब्रांच अधिकारी ने मालदीव की एक महिला को भारत में अवैध रूप से हिरासत में रखने को सही ठहराने के लिए यह षडयंत्र रचा था।

सीबीआई ने तिरुवनंतपुरम में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में अपना यह आरोपपत्र दाखिल किया है। सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में यह दावा किया कि पुलिस ने नारायणन और मालदीव की दो महिलाओं मरियम रशीदा और फौजिया हसन सहित पांच अन्य को जासूसी मामले में कथित रूप से फंसा दिया था। सीबीआई ने कहा कि केरल पुलिस के एक पूर्व विशेष शाखा अधिकारी ने इसकी साजिश रची थी। मालदीव की एक महिला को अवैध हिरासत में रखने को सही ठहराने के लिए यह केस गढ़ा गया था, क्योंकि उसने उसके प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया था। 

सीबीआई ने कहा कि एसपी के पद से रिटायर्ड हुए तत्कालीन स्‍पेशल ब्रांच अधिकारी एस विजयन ने मालदीव की नागरिक मरियम रशीदा के यात्रा दस्तावेज और हवाई टिकट छीन लिए थे ताकि वो देश छोड़कर नहीं जा सके। महिला ने उनके प्रस्ताव को ठुकरा दिया था। एजेंसी ने आगे कहा कि विजयन को पता चला कि वह इसरो के वैज्ञानिक डी शशिकुमारन के संपर्क में थी और उसके आधार पर रशीदा और उसकी मालदीव की दोस्त फौजिया हसन पर निगरानी रखी गई।

सीबीआई ने कहा कि पुलिस ने महिलाओं के बारे में सहायक खुफिया ब्यूरो (SIB) को भी सूचित किया था, लेकिन विदेशी नागरिकों की जांच करने वाले आईबी अधिकारियों को कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला। सीबीआई ने कहा कि इसके बाद, रशीदा को विदेशी अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया, क्योंकि वह बिना वैध वीजा के देश में समय से अधिक समय तक रह रही थी। इस बारे में तिरुवनंतपुरम के तत्कालीन पुलिस आयुक्त और तत्कालीन एसआईबी उप निदेशक को जानकारी थी।

सीबीआई ने अपने आरोपपत्र में कहा कि जब रशीदा की विदेशी अधिनियम के तहत हिरासत की अवधि समाप्त होने वाली थी, तो विजयन द्वारा प्रस्तुत एक झूठी रिपोर्ट के आधार पर, उसे और हसन को आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के तहत एक मामले में फंसाया गया और उनकी हिरासत जासूसी मुद्दे की जांच के लिए गठित एसआईटी को सौंप दी गई। सीबीआई ने कहा कि इसके बाद एसआईटी ने नारायणन सहित चार इसरो वैज्ञानिकों को गिरफ्तार किया। सीबीआई ने आरोपपत्र में कहा है कि उसकी जांच से पता चला है कि जासूसी का मामला “शुरुआती चरण से ही कानून का दुरुपयोग” था, जब मालदीव की नागरिक मरियम रशीदा को अवैध रूप से हिरासत में लिया गया था और कथित तौर पर विजयन के प्रस्ताव को ठुकराने के लिए देश में अधिक समय तक रहने के लिए फंसाया गया था।

एयरोस्पेस इंजीनियर नंबी नारायणन ने भारत के कई रॉकेटों में इस्तेमाल किए जाने वाले विकास इंजन को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। जासूसी के आरोपों के बाद, उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और उन्हें गंभीर शारीरिक और मानसिक यातनाएं दी गईं। यह यातना 50 दिनों तक चली, जिसके दौरान उनकी प्रतिष्ठा और करियर को बहुत नुकसान पहुंचा।

चैंपियंस ट्रॉफी के लिए पाकिस्तान नहीं जाएगी टीम इंडिया! क्या एशिया कप वाला फॉर्मूला होगा लागू?

#team_india_will_not_travel_to_pakistan_for_icc_champions_trophy 

आईसीसी का अगला टूर्नामेंट चैंपियंस ट्रॉफी है और इसकी मेजबानी पाकिस्तान करेगा।इसके लिए पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने तैयारियां भी शुरू कर दी हैं। इस बात पर सभी की नजरें है कि भारतीय टीम इस टूर्नाीमेंट के लिए पड़ोसी देश की यात्रा करेगी या नहीं? भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने आधिकारिक रूप से इस बारे में कुछ भी नहीं कहा है, लेकिन बताया जा रहा है कि टीम चैंपियंस ट्रॉफी के लिए पाकिस्तान की यात्रा नहीं करेगी। 

सूत्रों के मुताबिक भारतीय क्रिकेट टीम पाकिस्तान दौरे पर नहीं जाएगी।न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत करते हुए बीसीसीआई के एक सूत्र ने बताया कि भारत पाकिस्तान का दौरा नहीं करेगा और बीसीसीआई चैंपियंस ट्रॉफी के वेन्यू में बदलाव करने को लेकर आईसीसी से बात करेगा। भारत ने हाइब्रिड मॉडल के तहत अपने मैच यूएई या श्रीलंका में कराने की मांग की है।

बता दें कि भारतीय टीम ने 2008 के बाद से पाकिस्तान का दौरा नहीं किया है। इससे पहले एशिया कप 2023 की मेजबानी भी पाकिस्तान को मिली थी। लेकिन तब भी भारतीय टीम ने पाकिस्तान का दौरा नहीं किया था। टूर्नामेंट को हाइब्रिड मॉडल में होस्ट किया गया था। चार मैच पाकिस्तान और बाकी मैच श्रीलंका में खेले गए थे। टीम इंडिया ने अपने सभी मैच श्रीलंका में खेले थे और फाइनल भी यहीं हुआ था। ऐसे में बीसीसीआई इस बार भी आईसीसी के सामने भी हाइब्रिड मॉडल का प्रस्ताव रख सकता है।

पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने सोमवार को आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का शेड्यूल आईसीसी को सौंपा था। यह शेड्यूल तभी फाइनल होगा, जब इस पर आईसीसी की मुहर लगेगी।चैंपियंस ट्रॉफी में इस बार भारत-पाकिस्तान 8 टीमों को हिस्सा लेना है। इन 8 टीमों के बीच कुल 15 मैच खेले जाएंगे। पीसीबी ने आईसीसी को जो शेड्यूल सौंपा है, उसमें सुरक्षा और ‘लाजिस्टिकल’ कारणों से भारत के मैच लाहौर में ही रखे गए हैं।

भगवत गीता पर हाथ रखकर ली सांसद की शपथ, जानें कौन हैं भारतीय मूल की सांसद शिवानी

#who_is_shivani_raja_uk_mp_indian_origin_bhagwad_gita_oath 

लेबर पार्टी के कीर स्टार्मर ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री बन गए हैं। ऐतिहासिक जीत के बाद भी लेबर पार्टी को एक सीट पर करारी हार मिली। उसे अपनी 37 साल पुरानी लीसेस्टर ईस्ट सीट से हाथ धोना पड़ा है। इस सीट से गुजराती मूल की 29 साल की शिवानी राजा ने जीत हासिल की है। 

भारतीय मूल की निवासी और कंजर्वेटिव पार्टी की सांसद शिवानी राजा ने 37 सालों से लेबर पार्टी का गढ़ कहे जाने वाले लीसेस्टर ईस्ट से लेबर पार्टी का वर्चस्व खत्म कर दिया। चुनाव के बाद भी उन्होंने कुछ ऐसा कर दिया जिससे एक बार फिर उन्होंने दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा है। भारतीय मूल की 29 वर्षीय गुजराती व्यवसायी शिवानी राजा ने ब्रिटेन की संसद में भगवद गीता पर शपथ ली है।

इस चुनाव में शिवानी के खिलाफ लेबर पार्टी के उम्मीदवार और लंदन के पूर्व डिप्टी मेयर राजेश अग्रवाल खड़े हुए थे, जिन्हें शिवानी ने 4 हजार से ज्यादा वोटों से मात दी। डिप्टी मेयर के अलावा राजेश लंदन के ट्रेड और बिजनेस ग्रोथ एजेंसी के अध्यक्ष भी रह चुके हैं और वह लंदन के बिजनेस कम्युनिटी के लिए एक मजबूत आवाज।

शिवानी को इस चुनाव में 14,500 से ज्यादा वोट हासिल हुए और अग्रवाल को 10,100 वोट मिले थे। शिवानी की इस जीत को एक बड़ी उपलब्धि के तौर पर देखा जा रहा है।

29 साल की शिवानी भारतीय मूल की निवासी है, लेकिन वह अपने परिवार की पहली पीढ़ी हैं जो ब्रिटिश नागरिक हैं। शिवानी के माता-पिता 1970 में केन्या से इंग्लैंड के लीसेस्टर आए थे। शिवानी का जन्म 21 जुलाई 1994 में लीसेस्टर में ही हुआ था। ब्रिटेन में पले-बढ़े होने के बावजूद भी शिवानी अपनी संस्कृति से जुड़ी हुई हैं। वह एक गुजराती फैमिली से आती है और राजनीति के साथ ही वह अपने फैमिली बिजनेस से भी जुड़ी हुई हैं।

शीना बोरा हत्याकांडः सीबीआई ऑफिस में मिलीं गायब हड्डियां, जानें पूरा मामला

#sheena_bora_murder_case_bones_found_at_cbi_office_in_delhi 

साल 2012 में हुए शीना बोरा हत्याकांड पर काफी साल तक हंगामा मचा रहा था। हालांकि, समय के साथ इसके चर्चे कम हो गए थे। अब हत्या के 12 साल बाद शीना बोरा मर्डर केस एक बार फिर से सुर्खियों में है।शीना बोरा हत्याकांड में एक बड़ा खुलासा हुआ है। शीना बोरा की गायब हड्डियों का पता चल गया है। उनकी हडि्डयां दिल्ली के सीबीआई ऑफिस में मिली हैं।

शीना बोरा हत्याकांड को लेकर 10 जुलाई को मुंबई की ट्रायल कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान सीबीआई ने कोर्ट में बताया कि अप्रैल में गायब हुईं हडि्डयां सीबीआई के दिल्ली वाले ऑफिस के मालखाने में मिल गई हैं। अभियोजक सी जे नंदोडे ने कहा कि ऑफिस के मालखाने की फिर से तलाशी लेने पर उनकी हड्डियां पड़ी मिलीं।

इस मामले में अभियोजन पक्ष ने बताया है कि पहले 24 अप्रैल को कोर्ट को शीना बोरा के अवशेषों के लापता होने के बारे में सूचित किया गया था। 10 जून को उसने कहा कि वे नहीं मिल सके हैं। लेकिन इस बीच कार्यालय के मालखाने की फिर से तलाशी लेने पर हड्डियां पड़ी मिलीं।

यह खुलासा उस दिन हुआ, जब कोर्ट को मिले एक ईमेल में आरोप लगाया गया कि शीना की हड्डियां गायब नहीं हुईं, बल्कि वे एक फॉरेंसिक एक्सपर्ट के पास हैं, जिसने उनकी जांच की थी और जो गवाह के तौर पर अदालत के सामने गवाही दे रहा था। ईमेल में आरोप लगाया गया है कि इस गवाह ने अचानक बहुत संपत्ति अर्जित कर ली है। ईमेल भेजने वाले ने खुद को फोरेंसिक विशेषज्ञ का भाई बताया।

शीना बोरा की साल 2012 में हत्या कर दी गई थी। इस हत्या में शीना की मां इंद्राणी मुखर्जी मुख्य आरोपी हैं। फिलहाल वो जमानत पर बाहर हैं। इंद्राणी मुखर्जी ने अपने पूर्व पति संजीव खन्ना और ड्राइवर श्यामवर राय के साथ मिलकर शीना की हत्या की थी। हत्या के बाद उसके शव को महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के एक जंगल में जला दिया था। पुलिस ने यहां से कुछ हड्डियां जब्त की थीं। सीबीआई ने इन्हें शीना बोरा के अवशेष बताया था। दरअसल, शीना बोरा की हत्या का मामला 2015 में सबके सामने आया था। इस मामले में अब तक 80 से ज्यादा गवाहों ने गवाही दी है।

क्या फिर से होगी नीट की परीक्षा या होगी शुरू होगी काउंसलिंग, सुप्रीम कोर्ट में बड़ा फैसला आज

#neet_ug_2024_hearing_in_supreme_court 

आज नीट यूजी परीक्षा में सम्मिलित 24 लाख से अधिक छात्र-छात्राओं के लिए अहम दिन है।नीट परीक्षा को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होने वाली है। आज की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ये फैसला दे सकता है कि नीट यूजी की परीक्षा फिर कराई जाए या आगे नीट काउंसलिंग शुरू होगी। इससे पहले नीट पेपर लीक मामले में केंद्र सरकार ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया। सरकार का कहना है कि डेटा विश्लेषण से बड़े पैमाने पर गड़बड़ी का कोई संकेत नहीं मिला है। इसलिए वो नीट यूजी री-एग्जाम के समर्थन में नहीं है। जुलाई के तीसरे हफ्ते से नीट काउंसलिंग शुरू होगी। इसी मामले में एनटीए ने भी सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है। सुप्रीम कोर्ट इस मामले में गुरुवार को सुनवाई करेगा।

इस संबंध में 8 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की बेंच ने सुनवाई की थी। आज दूसरी बार सीजेआई की बेंच इस मामले की सुनवाई करेगी। पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने एनटीए, सरकार, सीबीआई और छात्रों से इस मामले में कुछ सवालों के जवाब मांगे थे। चारों की तरफ से इस मामले में जवाब दाखिल होने के बाद आज दोबारा सुनवाई होनी हैं। नीट परीक्षा में तकरीबन 24 लाख अभ्‍यर्थी शामिल हुए थे। ऐसे में इस परीक्षा और रिजल्‍ट पर होने वाली सुनवाई पर सबकी निगाहें टिकीं हुई है। परीक्षा में प्रश्न-पत्र लीक होने और 4 जून को घोषित परिणामों में कथित अनियमितताओं को लेकर इसे रद्द करने और फिर से आयोजित किए जाने की मांग वाली सर्वोच्च न्यायालय में दायर की गई 38 याचिकाओं पर निर्णय आज आ सकता है।

सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपने हलफनामे में केंद्र सरकार ने कहा है किनीट से संबंधित आंकड़ों पर आईआईटी मद्रास ने व्यापक तकनीकी मूल्यांकन किया है। डेटा विश्लेषण से यह भी पता चलता है कि असामान्य स्कोर के कारण किसी भी स्थानीय उम्मीदवार को लाभ नहीं मिला है। इसके समाधान के लिए हर संभव कदम और तंत्र स्थापित करने के लिए चौतरफा प्रयास किया जा रहा है। सरकार ने कहा है कि एक तरफ ये सुनिश्चित किया जा रहा है कि कदाचार के दोषी किसी भी उम्मीदवार को कोई लाभ न मिले। दूसरी तरफ यह सुनिश्चित किया जाए कि 23 लाख छात्रों पर केवल आशंकाओं के आधार पर एक नई परीक्षा का बोझ न डाला जाए। केंद्र सरकार मजबूत परीक्षा प्रक्रिया बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

एनटीए ने भी सुप्रीम कोर्ट में अपना जवाब दाखिल कर दिया है। अपने हलफनामे में एनटीए ने कहा है कि पटना में हुए कथित पेपर लीक मामले में लगातार कार्रवाई की गई है। पुलिस के साथ साथ इस मामले की जांच सीबीआई भी कर रही है। इसके अलावा एनटीए ने भी यह भी हलफनामे में मेरिट लिस्‍ट में 61 स्‍टूडेंटस के 720 में 720 अंक कैसे आए इसका भी जवाब दिया है।

इसके अतिरिक्त पिछली सुनवाई के दौरान सीजेआई ने कहा था कि परीक्षा में सम्मिलित करीब 24 लाख छात्र-छात्राओं की बड़ी संख्या के देखते हुए रीटेस्ट पर आदेश दिया उचित नहीं होगा।

आरएसएस ने “धार्मिक असंतुलन” को लेकर जताई चिंता, बताई जनसंख्या नियंत्रण कानून की क्यों है जरूरत

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने अपने वीकली मैगजीन में राष्ट्रीय जनसंख्या नीति की मांग की है। विश्‍व जनसंख्‍या दिवस पर आरएसएस से जुड़ी पत्रिका ने देश के कुछ इलाकों में मुस्लिम आबादी बढ़ने के साथ 'जनसांख्यिकीय असंतुलन' बढ़ने का दावा करते हुए कहा कि एक व्यापक राष्ट्रीय जनसंख्या नियंत्रण नीति की जरूरत है। आरएसएस ने दावा किया है कि यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि जनसंख्या वृद्धि किसी भी धार्मिक समुदाय या क्षेत्र पर प्रतिकूल प्रभाव न डाले, जिससे अन्यथा “सामाजिक-आर्थिक असमानताएं और राजनीतिक संघर्ष हो सकते हैं।”

ऑर्गनाइजर के संपादक प्रफुल्ल केतकर ने डेमोग्राफी, डेमोक्रेसी एंड डेस्टिनी नामक लेख में लिखा है। संपादकीय के अनुसार, राष्ट्रीय स्तर पर जनसंख्या स्थिर होने के बावजूद यह सभी धर्मों और क्षेत्रों में समान नहीं है। कुछ क्षेत्रों खासकर सीमावर्ती जिलों में मुस्लिम आबादी में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। इसमें लिखा गया है कि पश्चिम बंगाल, बिहार, असम और उत्तराखंड जैसे सीमावर्ती राज्यों में सीमाओं पर 'अवैध विस्थापन' की वजह से 'अप्राकृतिक' तरीके से जनसंख्या वृद्धि हो रही है।

पत्रिका में लिखा गया है कि पश्चिम और दक्षिण के राज्य जनसंख्या नियंत्रण उपायों को लागू करने में अपेक्षाकृत बेहतर काम कर रहे हैं, लेकिन उन्हें जनगणना के बाद आबादी में बदलाव होने पर संसद में कुछ सीट कम होने का डर है।संपादकीय के अनुसार, लोकतंत्र में जब प्रतिनिधित्व के लिए संख्या महत्वपूर्ण होती हैं और जनसांख्यिकी भाग्य का फैसला करती है, तो हमें इस प्रवृत्ति के प्रति और भी अधिक सतर्क रहना चाहिए।  

पत्रिका के अनुसार, 'हमें यह सुनिश्चित करने के लिए नीतियों की जरूरत है कि जनसंख्या वृद्धि से किसी एक धार्मिक समुदाय या क्षेत्र पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़े जिससे सामाजिक-आर्थिक असमानता और राजनीतिक संघर्ष की स्थिति बन सकती है। उसने कहा, 'अंतरराष्ट्रीय संगठनों, शोध संस्थानों और परामर्शदात्री एजेंसियों के माध्यम से आगे बढ़ाए जा रहे बाहरी एजेंडे से प्रभावित होने के बजाय हमें देश में संसाधनों की उपलब्धता, भविष्य की आवश्यकताओं और जनसांख्यिकीय असंतुलन की समस्या को ध्यान में रखते हुए एक व्यापक राष्ट्रीय जनसंख्या नीति बनाने का प्रयास करना चाहिए और उसे सभी पर समान रूप से लागू करना चाहिए।

संपादकीय में आरोप लगाया गया है, 'राहुल गांधी जैसे नेता यदा-कदा हिंदू भावनाओं का अपमान कर सकते हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस्लामवादियों द्वारा महिलाओं पर किए गए अत्याचारों को स्वीकार करते हुए भी मुस्लिम कार्ड खेल सकती हैं और द्रविड़ पार्टियां सनातन धर्म को गाली देने में गर्व महसूस कर सकती हैं क्योंकि उन्हें जनसंख्या असंतुलन के कारण विकसित तथाकथित अल्पसंख्यक वोट बैंक के एकजुट होने पर भरोसा है।

बता दें कि इससे पहले आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत भी इस तरह की चिंता जाहिर कर चुके हैं। मोहन बागवत ने ने 2022 में विजयादशमी के अवसर पर अपने भाषण में कहा था, "एक व्यापक जनसंख्या नियंत्रण नीति होनी चाहिए , जो सभी पर समान रूप से लागू हो और एक बार इसे लागू कर दिया जाए, तो किसी को भी कोई रियायत नहीं मिलनी चाहिए।" "जब 50 साल पहले (जनसंख्या) असंतुलन हुआ था, तो हमें गंभीर परिणाम भुगतने पड़े थे। यह सिर्फ हमारे साथ ही नहीं हुआ है। आज के समय में, पूर्वी तिमोर, दक्षिण सूडान और कोसोवो जैसे नए देश बने हैं। इसलिए, जब जनसंख्या असंतुलन होता है, तो नए देश बनते हैं। देश विभाजित होते हैं।"

ऑस्ट्रिया से एक बार फिर मोदी ने दिया शांति संदेश, आतंकवाद पर किया कड़ा प्रहार

#pm_modi_austria_visit

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक दिवसीय दौरे के लिए ऑस्ट्रिया में हैं। बुधवार को पीएम मोदी ने ऑस्ट्रिया के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर वैन डेर बेलेन के साथ बैठक की। इसके बाद एक ऑस्ट्रिया के चांसलर कार्ल नेहमर के साथ संयुक्त वार्ता को संबोधित किया।इस दौरान पीएम मोदी ने एक बार फिर शांति का संदेश दिया और आतंकवाद की कड़ी निंदा की साथ ही आपसी सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया। 

संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में पीएम मोदी ने कहा कि लोकतंत्र और कानून के शासन जैसे मूल्यों में साझा विश्वास भारत-ऑस्ट्रिया संबंधों की मजबूत नींव हैं। मुझे खुशी है कि मुझे प्रधानमंत्री के रूप में अपने तीसरे कार्यकाल की शुरुआत में ऑस्ट्रिया आने का मौका मिला। मेरी यह यात्रा ऐतिहासिक और विशेष है। 41 वर्ष के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने ऑस्ट्रिया का दौरा है। यह भी सुखद संयोग है कि यह यात्रा उस समय हो रही है, जब हमारे आपसी संबंधों के 75 वर्ष पूरे हुए हैं। लोकतंत्र और कानून के शासन जैसे मूल्यों में आपसी विश्वास हमारे संबंधों की नींव हैं। आपसी विश्वास से हमारे रिश्तों को बल मिलता है। आज मेरे और चांसलर नेहमर के बीच बहुत सार्थक बातचीत हुई। हमने आपसी सहयोग को और मजबूत करने के लिए नई संभावनाओं की पहचान की है। हमने फैसला लिया कि संबंधों को रणनीतिक दिशा प्रदान की जाएगी। 

पीएम मोदी ने आगे कहा कि आज मेरे और चांसलर नेहमर के बीच बहुत सार्थक बातचीत हुई। हमने आपसी सहयोग को और मजबूत करने के लिए नई संभावनाओं की पहचान की है।हमने निर्णय लिया है कि संबंधों को रणनीतिक दिशा प्रदान की जाएगी।हम दोनों आतंकवाद की कठोर निंदा करते हैं।हम इस बात पर सहमत हैं कि यह किसी भी रूप में आतंकवाद स्वीकार्य नहीं है। 

पीएम मोदी ने कहा, मैंने पहले भी कहा है कि यह युद्ध का समय नहीं है। समस्याओं का समाधान रणभूमि में नहीं हो सकता। मानवता में विश्वास रखने वाला हर व्यक्ति तब दुखी होता है जब किसी की जान चली जाती है। मासूम लोगों के जान की हानि स्वीकार्य नहीं है। भारत और ऑस्ट्रिया शांति और स्थिरता की बहाली के लिए हर संभव सहयोग देने को तैयार हैं।

ऑस्ट्रिया के चांसलर कार्ल नेहमर ने एक्स पर पोस्ट कर पीएम मोदी की ओर से कहे गए कई मुद्दों पर सहमति जताई। उन्होंने कहा, पश्चिम और दक्षिण के देशों को स्विट्जरलैंड में शांति शिखर सम्मेलन में चुने गए रास्ते को आगे बढ़ाने के लिए एकजुट होना चाहिए। इस संबंध में भी भारत की महत्वपूर्ण भूमिका है। ऑस्ट्रियाई चांसलर कार्ल नेहमर ने कहा, यूक्रेन में हो रहा युद्ध अब समाप्त होना चाहिए। इसके लिए ऑस्ट्रिया संवाद स्थापित करने के लिए हर संभव कोशिश करेगा।

ईडी ने केजरीवाल के साथ “आप” को भी बनाया आरोपी, सप्‍लीमेंट्री चार्जशीट में हुए कई बड़े खुलासे*
#arvind_kejriwal_was_described_as_a_conspirator_in_ed_charge_sheet *
द‍िल्‍ली शराब घोटाले मामले में मुख्‍यमंत्री अरव‍िंद केजरीवाल की मुस‍ि‍बतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। दिल्ली की शराब नीति में कथित घोटाले के मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने राउज एवेन्यू कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है। प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने बुधवार को चार्जशीट दाखिल की। चार्जशीट में ईडी ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और उनकी आम आदमी पार्टी को भी आरोपी बनाया है। चार्जशीट में ईडी ने अरविंद केजरीवाल को घोटाले में किंगपिन और साजिशकर्ता बताया है। इतना ही नहीं ईडी ने दावा किया है कि गोवा इलेक्शन में रिश्वत के पैसों का इस्तेमाल होने की भी जानकारी उन्हें थी। चार्जशीट में अरविंद केजरीवाल 37वें नंबर पर ईडी की चार्जशीट में बड़े खुलासे हुए हैं। इस चार्जशीट में कुल 38 आरोपी हैं। इस चार्जशीट में 37वें नंबर पर अरविंद केजरीवाल हैं और 38वें नंबर पर आम आदमी पार्टी आरोपी है। चार्जशीट में अरविंद केजरीवाल और आरोपी विनोद चौहान के वॉट्स एप चैट का डिटेल दिया गया है। आरोप है कि के कविता के पीए ने विनोद के जरिए 25.5 करोड़ रुपए गोवा चुनाव के जरिए आम आदमी पार्टी को पहुंचाए थे। चैट से ये साफ है कि विनोद चौहान के अरविंद केजरीवाल के साथ अच्छे रिश्ते थे। चार्जशीट में ईडी ने प्रोसीड ऑफ क्राइम का जिक्र चार्जशीट में ईडी ने प्रोसीड ऑफ क्राइम का भी जिक्र किया है, जिसमे बताया गया है कि आरोपी विनोद चौहान के मोबाइल से हवाला नोट नंबर के काफी स्क्रीन शॉट बरामद हुए है, जोकि इनकम टैक्स ने भी पहले बरामद किए थे। ये स्क्रीन शॉट दर्शाते हैं कि कैसे विनोद चौहान प्रोसीड ऑफ क्राइम यानी अपराध से अर्जित पैसे को दिल्ली से गोवा हवाला के जरिए ट्रांसफर कर रहा था। इस पैसे का इस्तेमाल आम आदमी पार्टी द्वारा गोवा चुनाव में इस्तेमाल किया जाना था। हवाला से गोवा पहुंचे पैसे को वहां मौजूद चनप्रीत सिंह मैनेज कर रहा था। बता दें क‍ि विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दाखिल सातवीं चार्जशीट पर संज्ञान लेने के बाद तिहाड़ जेल में बंद केजरीवाल को व्यक्तिगत रूप से पेश करने का निर्देश जारी किया। संघीय जांच एजेंसी ने इस वर्ष 17 मई को दाखिल सप्‍लीमेंट्री चार्जशीट में केजरीवाल और उनकी आम आदमी पार्टी को आरोपी बनाया है। इस बीच, अदालत ने एजेंसी के आठवें सप्‍लीमेंट्री चार्जशीट पर भी संज्ञान लिया है, जिसमें विनोद चौहान और आशीष माथुर को मामले में आरोपी बनाया गया है। अदालत ने 12 जुलाई को माथुर को तलब किया और उसी दिन के लिये चौहान के लिए पेशी वारंट जारी किया।
एक बार फिर रूस ने निभाई दोस्ती, भारत में 6 न्यूक्लियर पावर प्लांट बनाने में करेगा मदद, नौ समझौतों पर हुआ हस्ताक्षर

 पीएम नरेंद्र मोदी की दो दिवसीय रूस यात्रा के चलते, नई दिल्ली और मॉस्को ने व्यापार, ऊर्जा, जलवायु और अनुसंधान सहित विभिन्न क्षेत्रों में 9 समझौतों पर हस्ताक्षर किए। इस के चलते, दोनों देशों ने कई अहम परियोजनाओं पर सहमति व्यक्त की, जिसमें रूस के सहयोग से भारत में 6 नए परमाणु ऊर्जा संयंत्रों के निर्माण की योजना सम्मिलित है। रूस की परमाणु ऊर्जा एजेंसी रोसाटॉम (Rosatom) इन संयंत्रों के निर्माण में भारत की सहायता करेगी। गौरतलब है कि रोसाटॉम पहले भी कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र (KKNPP) की स्थापना में भारत की मदद कर चुकी है।

अपनी यात्रा के चलते, पीएम मोदी ने क्रेमलिन में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की। दोनों नेताओं ने चाय पर चर्चा की तथा बाद में द्विपक्षीय वार्ता की, जिसमें रोसाटॉम ने 6 नए परमाणु ऊर्जा संयंत्रों के निर्माण के लिए भारत को सहायता की पेशकश की। इसके अतिरिक्त, रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष ने फार्मा, जहाज निर्माण और शिक्षा क्षेत्र में भारत के साथ समझौतों पर हस्ताक्षर किए। रूस के दूसरे सबसे बड़े बैंक ने व्यापार बढ़ाने के लिए पेमेंट फ्लो को आसान बनाने के प्रयासों पर चर्चा की।

रोसाटॉम ने एक बयान में कहा कि भारत के साथ सहयोग के नए क्षेत्रों पर चर्चा की जा रही है, जिसमें एक नई साइट पर रूसी डिजाइन की 6 हाई-पावर न्यूक्लियर यूनिट्स का निर्माण एवं कुछ छोटे परमाणु ऊर्जा संयंत्र बनाने का भी प्रस्ताव है। इसी वर्ष मई में, रोसाटॉम ने भारत को फ्लोटिंग परमाणु ऊर्जा संयंत्र (FNPP) की तकनीक ऑफर की थी। रूस वर्तमान में दुनिया का एकमात्र देश है जिसके पास पानी पर तैरता हुआ परमाणु ऊर्जा संयंत्र है। इस संयंत्र को एकेडेमिक लोमोनोसोव जहाज (Akademik Lomonosov) पर असेंबल किया गया है, जिससे रूस के पेवेक शहर में बिजली सप्लाई हो रही है।

रोसाटॉम एवं भारत उत्तरी समुद्री मार्ग (Northern Sea Route) की ट्रांजिट क्षमता को विकसित करने पर भी चर्चा कर रहे हैं। यह मार्ग नॉर्वे से अलास्का तक फैला हुआ है एवं रूस को उम्मीद है कि इसके माध्यम से 2030 तक 150 मिलियन मीट्रिक टन का परिवहन किया जा सकेगा, जो इस वर्ष 80 मिलियन मीट्रिक टन रहा है। कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र (KKNPP) भारत का सबसे बड़ा न्यूक्लियर पावर स्टेशन है, जो तमिलनाडु के तिरुनेलवेली जिले में स्थित है। भारत और रूस के बीच हुए समझौते के तहत इस संयंत्र की पहली दो इकाइयों का निर्माण 2002 में आरम्भ हुआ था, लेकिन स्थानीय विरोध के कारण इसे देरी का सामना करना पड़ा। इस संयंत्र में रूसी द्वारा डिजाइन किए गए VVER-1000 रिएक्टरों का उपयोग होता है और इसकी योजना 6,000 मेगावाट बिजली उत्पन्न करने की है।

यूनिट 1 को 2013 में और यूनिट 2 को 2016 में पावर ग्रिड के साथ सिंक्रनाइज किया गया। यूनिट 3 और 4 का निर्माण कार्य जारी है। कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र का विरोध भी हुआ था, खासकर 2011 में जापान के फुकुशिमा दाइची परमाणु दुर्घटना के बाद। स्थानीय लोगों ने संयंत्र के खिलाफ प्रदर्शन किया और सुरक्षा चिंताओं को उठाया। हालांकि, 2013 में सर्वोच्च न्यायालय ने कुडनकुलम न्यूक्लियर पावर प्रोजेक्ट को जनहित में मान्यता दी और इसके निर्माण की अनुमति दी।

केजरीवाल को विधानसभा चुनाव से पहले बड़ा झटका, आप पार्टी के विधायक और पूर्व मंत्री समेत कई पार्षद BJP में शामिल

 दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री राजकुमार आनंद भाजपा में शामिल हो गए। लोकसभा चुनाव से पूर्व दिल्ली सरकार पर अनुसूचित जाति विरोधी बताते हुए मंत्री पद के साथ ही आम आदमी पार्टी से इस्तीफा दे दिया था।

आनंद ने बसपा की टिकट पर लड़ा था लोकसभा चुनाव

वह बसपा में शामिल होकर लोकसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन पराजय का सामना करना पड़ा। बुधवार को वह भाजपा में शामिल हो गए। भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री अरुण सिंह और दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने उनका पार्टी में स्वागत किया।

छतरपुर के विधायक करतार सिंह भी बीजेपी में हुए शामिल 

छतरपुर के आम आदमी पार्टी विधायक करतार सिंह तंवर ने भी पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए। पटेल नगर से पूर्व विधायक वीणा आनंद, छतरपुर से पार्षद उमेश सिंह फोगाट हिमाचल प्रदेश के आप प्रभारी रतनेश गुप्ता और सह प्रभारी सचिन राय भी भाजपा में शामिल हुए।

यह राजकुमार आनंद वहीं हैं, जो दिल्ली सरकार में सामाजिक कल्याण मंत्री थे। जब केजरीवाल जेल में थे, तब इन्होंने आप पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर पार्टी से बाहर आ गए थे और बीएसपी ज्वाइन कर ली थी।

इसके बाद बीएसपी ने इन्हें नई दिल्ली सीट से लोकसभा का टिकट दिया। हालांकि बीएसपी का दिल्ली में जनाधार नहीं हैं। इस तरह वह मुकाबले से पहले ही बाहर हो गए।