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मानसून में अगर हो गई नाक बंद और गले में खराश तो आजमाएं ये घरेलू उपाय मिलेगी राहत


देश में मानसून ने दस्तक दे दी है. ऐसे में जहां गर्मी से राहत मिली है तो वहीं कई खतरनाक बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है. बारिश में भीगने, ठंडा खाना खाने या एसी में सोने से कई बार गले में खराश होने की शिकायत होने लगती है. 

ऐसे में सर्दी के बाद गले में खराश होना आम बात है. ये सुनने में तो नॉर्मल लगता है, लेकिन असल में इस दौरान बहुत तकलीफ होती है. हालांक कभी-कभी चिल्लाने, खान-पान की आदतें बदलने या बहुत ज्यादा बात करने से भी गला खराब हो जाता है.

गले में खराश होने पर आवाज नहीं निकलती है इसके साथ ही गले में दर्द होता है. ऐसे में अगर आप भी इस बरसात के मौसम में गला खराब होने की समस्या से परेशान हैं तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं कुछ घरेलू उपाय, जिन्हें अपनाकर आपको कुछ ही देर में राहत महसूस होगी.

 नमक के पानी से करें गरारा- 

अगर बारिश के चलते आपको सर्दी की शिकायत हो रही है तो आपको गरारा राहत दिला सकता है. इसे करने से कफ ढीला हो जाता है साथ ही साथ सर्दी से राहत मिलती है. गले की खराश से छुटकारा पाने के लिए नमक के पानी से गरारे करें. इसके लिए गुनगुने पानी में थोड़ा नमक मिलाएं और फिर इस पानी से 5 मिनट तक अच्छे से गरारे करें.

 अदरक चबाएं- 

मानसून के मौसम में सर्दी लगना आम बात है. ऐसे में अगर आप भी इससे जूझ रहे हैं तो अदरक आपके काम आ सकती है. अदरक खाने से सर्दी से राहत मिलती है और गले की खराश भी कम होती है. दरअसल में अदरक में ऐसे तत्व होते हैं जो गले की खराश और सर्दी से तुरंत राहत दिलाते हैं. अगर आप अदरक नहीं खाना पा रहे हैं तो आप इसकी चाय या अदरक का दूध पी सकते हैं या फिर अदरक के छोटे-छोटे टुकड़े मुंह में रखकर चबा सकते हैं. इससे आपको कुछ ही देर में राहत मिलेगी.

 दालचीनी और शहद- 

दालचीनी और शहद दोनों ही सेहत के लिहाज से अच्छे माने जाते हैं. ऐसे में ये आपको गले की खराश और सर्दी से भी राहत दिला सकते हैं. दालचीनी में ऐसे गुण होते हैं जो गले की खराश से राहत दिलाते हैं. इसके लिए बस आपको दालचीनी पाउडर में 1 चम्मच शहद मिलाकर चाटना है. ध्यान रखें कि इसके कुछ देर तक पानी न पिएं.

 काली मिर्च- 

काली मिर्च सर्दी को भगाने में बेहद कारगर मानी जाती है. इससे गले की खराश, सर्दी और खांसी से राहत मिलती है. इसके लिए 1 चम्मच काली मिर्च पाउडर में 1 चम्मच शहद मिलाकर खाएं. ये दोनों चीजें सर्दी-खांसी से राहत दिलाएंगी. इसके साथ ही इससे बंद गला भी खुल जायेगा.

 सेब का सिरका- 

सेब का सिरका कई चीजों में अच्छा माना जाता है, लेकिन क्या आपको पता है ये आपको सर्दी जुकाम से भी राहत दिला सकता है. जी हां गले में खराश है तो सेब का सिरका भी एक प्रभावी घरेलू उपाय साबित हो सकता है. इसके लिए आपको ज्यादा कुछ नहीं करना है बल्कि 1 गिलास गुनगुना पानी लेना है और उसमें 1 चम्मच एप्पल साइडर विनेगर डालना है. इस पानी से रोज सुबह-शाम गरारे करें. इससे आपके गले की खराश में काफी राहत मिलेगी.

हेल्थ टिप्स:बरसात के मौसम में इम्यून सिस्टम को रखना है स्ट्रॉन्ग तो पीजिए ये हेल्दी ड्रिंक,बीमारियां रहेगी दूर

देश में मानसून ने पूरी तरह से दस्तक दे दी है। साथ ही लोगों को गर्मी से भी राहत मिली है। बरसात का मौसम गर्मी से राहत पहुंचाने के साथ बहुत सी मौसमी बीमारियां साथ लेकर आता है. इसलिए इम्यून सिस्टम का मजबूत होना बहुत जरूरी है. इससे पाचन तंत्र को हेल्दी रखने में मदद मिलेगी. इससे आप खुद को मौसमी बीमारियों से बचा पाएंगे. ऐसे में फिजिकल एक्टिविटी के साथ हेल्दी खानपान का भी महत्व है. इस मौसम में आप कुछ हेल्दी ड्रिंक्स भी रोजाना पी सकते हैं.

ये पौष्टिक ड्रिंक्स आपके इम्यून सिस्टम को मजबूत रखते हैं. ये आपको मौसमी बीमारियों से भी बचाते हैं. इसके साथ ही ये हेल्दी ड्रिंक्स इस मौसम में आपको हाइड्रेट रखते हैं.

नींबू और अदरक टी

नींबू और अदरक की टी ले सकते हैं. नींबू में विटामिन सी अधिक होता है. ये इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है. अदरक में एंटीबैक्टीरियल के साथ एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं. इन दोनों से बनी चाय आपको सर्दी और फ्लू से बचाती है.

हल्दी वाला दूध

हल्दी वाला दूध या फिर गोल्डन दूध कहें सेहत के लिए बहुत ही अच्छा होता है. हल्दी में करक्यूमिन होता है. ये इम्युनिटी को बढ़ाता है. ये हेल्दी वाला दूध डायजेस्ट सिस्टम के लिए भी बहुत फायदेमंद है. इससे आपकी नींद की क्वालिटी में भी सुधार होता है. आप सोने से पहले हल्दी वाला दूध ले सकते हैं.

हर्बल टी

बारिश के मौसम में हर्बल टी सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद साबित हो सकती है. हर्बल टी से आप रिलैक्स रहते हैं. इसमें मौजूद हर्ब्स आपको मौसमी बीमारियों से बचाते हैं. ये सेहत को कई अन्य फायदे भी पहुंचाती हैं.

ग्रीन स्मूदी

ग्रीन स्मूदी को हरे पत्तेदार सब्जियों और फलों से बनाया जाता है. इसमें आप खट्टे फलों और बेरीज का इस्तेमाल भी कर सकते हैं. इसके साथ स्मूदी को मलाईदार बनाने के लिए आप बादाम के दूध और नारियल पानी का इस्तेमाल कर सकते हैं. ग्रीन स्मूदी बहुत ही पौष्टिक होती है. ये आपको संक्रमण से बचाती है. ये स्मूदी आपके इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाती है.

आंवला जूस

आंवले में विटामिन सी होता है. आंवले से बना जूस आपके इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है. आंवले का जूस आप घर पर भी आसानी से बना सकते हैं. बारिश के मौसम में आंवला जूस आपको कई मौसमी बीमारियों से बचाता है.

गर्भावस्था में अमरूद खाने से मिलते है कई लाभ,आइए जानते है गर्भावस्था में अमरूद खाने के फायदे के बारे में...


प्रेगनेंसी एक महिला के लिए सबसे खूबसूरत पल होता है। प्रेगनेंसी में महिलाओं को अपने सेहत पर खासतौर पर ध्यान रखना चाहिए क्योंकि इसे उसे और होने वाले बच्चे दोनों पर असर पड़ता है। हर महिला को अपने साथ अपने होने वाले बच्चे का भी पूरा ध्यान रखना होता है। उनकी डायट में कई तरह के बदलाव किए जाते हैं और उन्‍हें फल, सब्जियां, सूखे मेवे और अन्‍य पौष्टिक चीज़ों को शामिल करने की सलाह दी जाती है। क्योकिं यह पौष्टिक चीज़े उनके और उनके शिशु के लिए काफी महत्वपूर्ण मानी जाती हैं। कुछ फल ऐसे हैं, जिन्हें प्रेगनेंसी में खाने के लिए मना किया जाता है।

कुछ ऐसे हैं जिन्हें ज़रूर खाने की सलाह भी दी जाती है । अगर आप प्रेगनेंसी के दौरान अमरूद खाने की सोच रही हैं कि इसे खाना सुरक्षित होगा कि नहीं तो हम आपको बता दें प्रेगनेंसी में अमरूद का सेवन एकदम सुरक्षित होता है। अमरूद पोषण से भरा फल है। इसलिए प्रेगनेंट महिलाओं को इसके बहुत से स्वास्थ्य लाभ भी मिल सकते हैं। परन्तु इसको सीमित मात्रा में खाना चाहिए। 100-125 ग्राम अमरूद की मात्रा रोजाना खाना सुरक्षित माना जाता है। यहां हम आपको बताएंगे अमरूद को खाने के आश्चर्यजनक लाभ-

1. विटामिन सी का स्त्रोत-

अमरूद विटामिन सी का अच्छा स्रोत होता है। गर्भावस्था के दौरान अमरूद खाने से यह आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत रखने में मदद करता है और शिशु को संक्रमण से बचाने में सहायता प्रदान करता है।

2. डायबिटीज को कंट्रोल करता है -

प्रेगनेंसी में डायबिटीज की समस्या काफी देखी जाती है। अगर आप प्रेगनेंट हैं और डायबिटीज से बचना चाहती हैं, तो आप अमरूद का सेवन कर सकती हैं । इससे टाइप 2 डायबिटीज को भी कंट्रोल करा जा सकता है।

,3. पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है-

अमरूद में अच्छी मात्रा में फाइबर होती है, जिससे पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद मिलती है। यह कब्ज को दूर करता है और आपको पेट की समस्याओं से राहत देता है।

4. हाइड्रेटेड रखता है-

प्रेगनेंसी में शरीर को हाइड्रेटेड रखना बहुत जरूरी है अगर आप पानी का ज्यादा सेवन नहीं कर पा रही हैं, तो आप लिक्विड चीजों का ज्यादा से ज्यादा सेवन करें या फिर ऐसे फलों को डाइट में शामिल करें जिनमें पानी की मात्रा अधिक होती है। अमरूद में अच्छी खासी पानी की मात्रा पाई जाती है, जो हाइड्रेशन से बचाने में मददगार है।

5. ओरल हेल्थ बेहतर बनाता है-

अमरूद गले के इंफेक्शन को कम करने में मदद कर सकता है और मौखिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है। इसमें मौखिक अल्सर और मसूड़ों की समस्याओं को कम करने वाले गुण होते हैं।

6. शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है-

प्रेगनेंसी के दौरान अमरूद का सेवन ऊर्जा प्रदान करता है क्योकिं इसमें मध्यम रूप से कैलोरी होती हैं। इससे आपकी थकान और कमजोरी कम हो सकती है।

7. इम्यूनिटी को बढ़ाता है-

अमरूद में विटामिन ई, सी व बी की मात्रा भरपूर होती है। यह तीनों ही विटामिन प्रेगनेंसी के दौरान शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करती हैं। अमरूद में बहुत से एंटीऑक्सीडेंट भी पाए जाते हैं जो आपको बीमारियों से बचाते हैं। इसलिए हर एक महिला को जो मां बनने वाली है उन्हें अमरूद जरूर खाना चाहिए।

8. एनीमिया होने से बचाता है-

एनीमिया आयरन की कमी के कारण होता है और यह प्रेगनेंट महिलाओं में अक्सर मिलने वाली आम समस्या है। इसलिए यदि महिलाए इस दौरान अमरूद खाती हैं तो उनको इससे पर्याप्त मात्रा में आयरन मिल सकता है। जिससे उनके शरीर में आयरन की कमी नहीं होगी।

अगर सिगरेट पीने की लत से चाहते है निजात पाना,तो WHO द्वारा जारी किए गए दिशा निर्देश का करे पालन


दुनिया में अगर शराब के बाद सबसे ज्यादा नशा चढ़ा हुआ है तो वो है सिगरेट का ये एक ऐसा नशा है जो एक बार लग गया तो छोड़ना मुश्किल हो जाता है। आज कल बड़े शहरों में जो अभी 18 के भी नही हुए है सिगरेट पीना और नशा करना शुरू कर दिए है। लोग विभिन्न तरीके से इसे अपनी लाइफस्टाइल का हिस्सा बना रहे हैं। यही वजह है कि तंबाकू का सेवन दुनियाभर में मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक बना हुआ है। 

इसकी वजह से हार्ट डिजीज, रेस्पिरेटरी डिजीज और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां भी हो सकती हैं। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के मुताबिक हर साल तंबाकू की वजह से 80 लाख से ज्यादा लोगों की मौत होती है, जिनमें में करीब 70 लाख से ज्यादा मौतें सीधे तंबाकू के इस्तेमाल के कारण होती हैं।

आमतौर पर लोग स्मोकिंग के जरिए भी तंबाकू का सेवन करते हैं। हालांकि, इन दिनों कई लोग ऐसे भी हैं, जो सेकंड-हैंड स्मोकिंग की वजह से न चाहते हुए इसका सेवन कर रहे हैं। स्मोकिंग सेहत के लिए काफी हानिकारक होती है और यही वजह है कि कई लोग इसे छोड़ने के लिए काफी मेहनत भी करते हैं। ऐसे में स्मोकिंग छोड़ने की इस वैश्विक लड़ाई में अपना योगदान देते हुए WHO तम्बाकू का उपयोग कम करने और इसे छोड़ने के लिए पहली बार दिशानिर्देश जारी किए हैं।

आइए जानते हैं क्या है WHO की यह नई गाइडलाइन्स

कॉम्बिनेशन थेरेपी

फार्माकोथेरेपी को बिहेवियरल इंटरवेंशन के साथ मिलाने से स्मोकिंग छोड़ने की संभावना काफी बढ़ जाती है।

रिकमेंडे मेडिकेशन्स

वैरेनिकलाइन एक प्रिस्क्रिप्शन दवा है, जो क्रेविंग्स और विथड्रॉयल सिंप्टम्स (withdrawal symptoms) को कम करने में मदद करती है।

निकोटीन रिप्लेसमेंट थेरेपी (एनआरटी)

निकोटीन रिप्लेसमेंट थेरेपी भी स्मोकिंग छोड़ने में मददगार साबित होती है। इसमें निकोटीन गम और पैच जैसे प्रोडक्ट्स शामिल हैं, निकोटीन की कंट्रोल डोज देने में मदद करते हैं।

 साइटिसिन

यह एक प्लांट बेस्ड अल्कलॉइड है, जिसका इस्तेमाल कुछ देशों में धूम्रपान छोड़ने में मदद के लिए किया जाता है।

बिहेवियरल इंटरवेंशन

स्मोकिंग छोड़ने के लिए हेल्थ एक्सपर्ट के साथ 30 सेकंड से 3 मिनट तक के नियमित सेशन ले सकते हैं।

ज्यादा मदद पाने के लिए आप व्यक्तिगत, समूह या फोन परामर्श सहित अन्य कई व्यापक विकल्प अपना सकते हैं।

स्मोकिंग छोड़ने के प्रयासों को सफल करने के लिए टेक्स्ट मैसेजिंग, स्मार्टफोन ऐप्स और इंटरनेट प्रोग्राम की मदद ले सकते हैं।

खाली पेट दवा खाने से हो सकती हैं कई तरह की परेशानी, आईए जानते है खाली पेट दवा खाने से होने वाली बीमारी के बारे में


दवाई को खाने के साथ लें, या खाली पेट लें और या खाने के बाद लें। हम सभी ने कभी ना कभी अपनी लाइफ में सुना ही होगा? जबकि एक्सपर्ट किन्हीं कारणों से ऐसी सलाह देते हैं। लेकिन कई लोग ऐसे भी हैं जो खाली पेट दवाई लेते हैं जिससे शरीर को कई तरह के नुकसान हो सकते हैं आइए जानते हैं कैसे

पाचन समस्याएं

खाली पेट दवाई लेने से डाइजेस्टिव सिस्टम पर बुरा असर पड़ सकता है, जिससे आपको गैस, पेट दर्द, या अन्य पाचन संबंधित समस्याएं हो सकती हैं.

दवाई के असर में कमी

कुछ दवाओं का Effectiveness बढ़ सकता है जब वो खाने के साथ लिए जाते हैं, जिसका मतलब है कि खाली पेट में दवाई खाने से उनका असर कम हो सकता है.

पेट में Irritation

कुछ दवाओं का अधिक मात्रा में खाने से पेट में Irritation हो सकता है, जिससे आपको पेट दर्द या बदहजमी की समस्या हो सकती है.

किडनी और लिवर समस्याएँ

कुछ दवाओं के खाली पेट में लेने से किडनी और लिवर को अधिक बोझ पड़ सकता है, जिससे ये आपके विशेष रूप से नुकसान पहुंचा सकता है.

एसिडिटी

खाली पेट में दवाओं के सेवन से एसिडिटी बढ़ सकती है, इसलिए खाली पेट दवाईयों का सेवन ना, खासकर जबतक एक्सपर्ट से आप सलाह ना लें।

श्रीकृष्ण का सबसे प्रिय भोग पंचामृत स्वास्थ्य के लिए है अत्यंत लाभकारी आइए जानते हैं इसके कुछ फायदे।


हिंदू धर्म में पंचामृत का विशेष महत्व है। खासकर जन्माष्टमी के मौके पर पंचामृत को मुख्य प्रसाद माना जाता है। हाल ही में देशभर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व धूमधाम से मनाया गया। इस साल यह त्योहार दो दिन 6 और 7 सितंबर को मनाया गया। इस दिन लोग भगवान कृष्ण के जन्म का उत्सव मनाते हैं। इस खास मौके पर हर घर और मंदिर में विभिन्न तरह के व्यंजन बनाए जाते हैं, जिनका भगवान को भोग लगाया जाता है। जन्माष्टमी पर पंजिरी और पंचामृत बनाने का काफी महत्व है।

पंचामृत कई पारंपरिक हिंदू अनुष्ठान में बनाया जाता है। स्वादिष्ट होने के साथ ही इसका अपना धार्मिक महत्व भी है। आप सभी ने जन्माष्टमी के मौके पर पंचामृत का खाया होगा, लेकिन क्या आपको पता है कि धार्मिक महत्व होने के साथ ही इस पेय का सेहत के लिए भी काफी महत्व है। हाल ही में न्यूट्रिएंट विशेषज्ञ लवनीत बत्रा ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक पोस्ट शेयर कर पंचामृत से मिलने वाले फायदों के बारे में बताया। 

आइए जानते हैं इसके कुछ फायदे

पंचामृत के फायदे

कई पारंपरिक हिंदू अनुष्ठानों में बनाए जाने वाले पंचामृत के सिर्फ आध्यात्मिक और धार्मिक पहलू ही नहीं हैं, बल्कि इसके स्वास्थ्यवर्धक पहलू भी हैं। यह फिजिकल स्ट्रेंथ, त्वचा की बनावट, बालों की मजबूती और विजन में सुधार करता है।

पंचामृत पीने से न सिर्फ आप परमात्मा से जुड़ते हैं, बल्कि यह भावनात्मक और मानसिक स्वास्थ्य को भी बढ़ावा देता है।

पंचामृत में स्वास्थ्यवर्धक तत्व होते हैं, जिनमें हाई पोषक तत्व होते हैं। साथ ही यह आपको तुरंत एनर्जी पहुंचाने में भी मदद करता है।

पंचामृत ब्रेन टॉनिक के रूप में कार्य करता है, जो बौद्धिक शक्ति बढ़ाता है और याददाश्त बढ़ाता है।

पंचामृत दूध और दूध से बने प्रोडक्ट्स से बना होता है और इसमें कैल्शियम की मात्रा अधिक होती है। यह हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूत बनाने में मदद करता है।

पंचामृत दूध पिलाने वाली मां के लिए भी फायदेमंद है, क्योंकि यह मिल्क प्रोडक्शन और स्तनपान को बढ़ाता है।

पंचामृत पुरुष और महिला इनफर्टिलिटी में भी मदद करता है, क्योंकि यह प्रजनन प्रणाली को मजबूत करता है।

पंचामृत में नेचुरल एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो शरीर में हानिकारक फ्री रेडिकल्स को बेअसर करने, ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करने और सेलुलर स्वास्थ्य का समर्थन करने में मदद करते हैं।

मानसून हेल्थ टिप्स: बरसात के दिनों में इम्युनिटी बढ़ाने के लिए गर्म पानी के साथ करें इन चीजों का उपयोग,आप रहेंगे स्वस्थ


मानसून का मौसम जारी है और इस मौसम में इम्यून सिस्टम कमजोर और इन्फेक्शन का सबसे ज्यादा खतरा होता है। बारिश के दौरान वायु-जनित, जल-जनित और भोजन-जनित बीमारियों का खतरा होता है। यही वजह है कि बहुत से लोग उल्टी, पेट खराब, खांसी और सर्दी और यहां तक ​​कि कभी-कभी फ्लू की शिकायत करते हुए नजर आते हैं।

इस मौसम में सभी बचाव के उपायों के साथ खाने-पीने का ध्यान रखना जरूरी है। हेल्दी डाइट से कई मौसमी बीमारियों के खिलाफ इम्यूनिटी मजबूत करने में मदद मिलती है। इसके लिए सबसे बेस्ट उपाय हर्बल चाय या काढ़ा है। आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों से तैयार चाय या काढ़ा बॉडी डिटॉक्स करने, खून को साफ करने और शरीर में ऑक्सीजन के प्रवाह को बनाए रखने में मदद करते हैं।

फैट टू स्लिम की डायरेक्टर और न्यूट्रिशनिस्ट एंड डाइटीशियन शिखा अग्रवाल शर्मा आपको एक ऐसे ही जबरदस्त मिश्रण के बारे में बता रही हैं, जो आपको अंदर से मजबूत बनाकर मानसून की बीमारियों से बचा सकता है। यह मिश्रण गर्म पानी, नींबू और हल्दी से मिलकर बनाया जा सकता है।

हल्दी वाले गर्म पानी के फायदे

गर्म पानी शरीर में गर्मी पैदा करता है जो चयापचय और अन्य शरीर के सभी कार्यों को कंट्रोल करता है। यह वसा को तोड़ने, पोषक तत्वों को अवशोषित करने, मांसपेशियों को आराम देने और शरीर में रक्त और ऑक्सीजन के प्रवाह को बढ़ाने में मदद करता है। ये कारक शरीर में पानी के संतुलन को बनाए रखने और मानसून में वायरल अटैक को रोकने के लिए इम्यून सिस्टम को मजबूत करते हैं।

गर्म पानी शरीर में गर्मी पैदा करता है जो चयापचय और अन्य शरीर के सभी कार्यों को कंट्रोल करता है। यह वसा को तोड़ने, पोषक तत्वों को अवशोषित करने, मांसपेशियों को आराम देने और शरीर में रक्त और ऑक्सीजन के प्रवाह को बढ़ाने में मदद करता है। ये कारक शरीर में पानी के संतुलन को बनाए रखने और मानसून में वायरल अटैक को रोकने के लिए इम्यून सिस्टम को मजबूत करते हैं।

मानसून में नींबू के फायदे

विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर नींबू इम्यून सिस्टम को मजबूत करने का काम करता है। इसके पोषक तत्व हानिकारक सूक्ष्मजीवों के खिलाफ एंटीबॉडी को बढ़ाने का काम करते हैं।

मानसून में हल्दी के फायदे

हल्दी में करक्यूमिन होता है जोकि एक नैचुरल एंटी-सेप्टिक और एंटी-वायरल होता है। इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण अतिरिक्त विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करते हैं और कोशिकाओं में रक्त के प्रवाह को बढ़ावा देते हैं।

कैसे बनाएं हल्दी वाला गर्म पानी

एक गिलास गर्म पानी में, आपको एक नींबू का रस, आधा चम्मच हल्दी पाउडर और एक चम्मच शहद मिलाना चाहिए। इसे अच्छी तरह मिक्स करके पीना चाहिए। अगर आप कच्ची हल्दी का उपयोग कर रहे हैं, तो हमारा सुझाव है कि आधा इंच हल्दी को लगभग पांच मिनट तक पानी में अच्छी तरह उबाल लें। फिर इसे एक गिलास में छान लें, इसमें नींबू का रस और शहद मिलाएं और पी लें।

कब पिएं हल्दी वाला गर्म पानी

एक्सपर्ट ने बताया कि आपको मानसून के दौरान रोजाना सुबह उठकर सबसे पहले हल्दी वाला गर्म पानी पीना चाहिए। इससे पाचन को बेहतर बनाने और पेट की गंदगी को साफ करने में भी मदद मिल सकती है। इससे फैट भी बर्निंग होता है।

Hii

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स्ट्रीटबज़्ज़ हेल्थ टिप्स: बारिश में बरते सावधानी,थोड़ी लापरवाही आपको ला सकते हैं कई बीमारी के चपेट में, बचाव की जानकारी के लिए पढ़े हेल्थ टिप्स

चिलचिलाती गर्मी के बाद जब मानसून आता है तो चारों ओर हरियाली छा जाती है। बरसात वाकई सुखदायी है लेकिन मानसून का ये मौसम सेहत के लिए काफी सारे खतरा लेकर आता है। इस दौरान काफी सारी बीमारियां एक साथ हमला बोलती है और अधिकतर लोग बचाव की जानकारी के बगैर इनकी चपेट में आ जाते हैं।

बारिश में इन बीमारियों ( का खतरा

विशेषज्ञ चिकित्सकों का कहना है कि बारिश में बीमारियों से बचने सेहत का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। इस मौसम में वायरल फीवर, मलेरिया, डेंगू, पीलिया, त्वचा में इंफेक्शन, पेट से जुड़ी समस्या, दस्त समेत अन्य शिकायतें सामने आती है। 

इसकी वजह से अस्पतालों की ओपीडी में खासकर मेडिसिन विभाग में जुलाई और अगस्त माह में में बाकी महीनों के तुलना में डेढ़ गुना तक मरीज बढ़ जाते हैं।

इसका कारण बारिश में दूषित पानी, खाना, बारिश में भीगने की वजह से है। मच्छर जनित बीमारियों में नाली व गड्ढों में पानी भरे होने की वजह से समस्या आती है। तो कई तरह के कीटों की वजह से भी अन्य बीमारियों होती है। ऐसे में हमें स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है।

बारिश में सेहत का रखें ध्‍यान

इसके लिए साफ पानी का सेवन करें, कोशिश करें पानी उबालकर पीएं, बाहर का पानी ना पीएं। खाना गर्म और घर का आहार लें। बाहर का खाना खासकर फास्टफूड व अन्य तेलयुक्त व बासी आहार से परहेज करें। पानी में ना भींगे। बारिश में रेनकोर्ट का उपयोग करें। सिर को गिला हाेने से बनाएं। किसी तरह की स्वास्थ्यगत समस्या हो तो चिकित्सकीय उपचार लें। खुद से दवाओं का सेवन ना करें। कुछ जरूरी सावधानियां बरतने से आप स्वास्थ्यगत समस्याओं से बच सकते हैं।

बारिश में बीमारियों से बचने के उपाय

1 - आपके पास स्वच्छ और सुरक्षित पानी की आपूर्ति होनी चाहिए। यदि आप शहरी क्षेत्र में रहते हैं, तो पीने के लिए उचित निर्देशों का पालन करें। अगर आप बारिश के दौरान बाहर घूमने जा रहे हैं, तो स्ट्रीट फूड से दूर रहें।

2 - भीगे कपड़ों को जल्दी बदलें और सुखाएं। नमी से भरे कपड़ों पर बैक्टीरिया और कीटाणु बढ़ सकते हैं, जो आपको बीमारी के जोखिम में डाल सकते हैं।

3 - अपने हाथों को नियमित रूप से साबुन और पानी से धोएं। यह आपको बाक्टीरिया और अन्य संक्रमणों से बचाने में मदद करेगा।

4 - भोजन की स्‍वच्‍छता का ध्यान रखें। बारिश के दौरान स्वच्छता पर विशेष ध्यान दें और पानी या भोजन सामग्री पर लगी कीटाणुओं से बचें।