INDIA गठबंधन की तरफ से कौन होगा प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार? पढ़िए, कांग्रेस के दिग्गज नेता जयराम रमेश ने यह दिया जवाब
कांग्रेस महासचिव संचार प्रभारी जयराम रमेश ने खुलासा किया कि लोकसभा चुनाव के बाद कौन इंडिया गठबंधन के प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार होगा? जयराम रमेश ने कहा कि स्पष्ट और निर्णायक जनादेश, जो जमीनी स्तर पर हकीकत है. 2019 में जिन राज्यों में कांग्रेस का सफाया हुआ था, आज वहां लोग भारी मात्रा में वोट देने आ रहे हैं. लोगों में बहुत नाराजगी है. लोग यह जान चुके हैं कि बीजेपी और पीएम मोदी आरक्षण के खिलाफ हैं और देश का संविधान खतरे में है.
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि 428 सीटों पर मतदान पूरा हो चुका है.115 सीटें बाकी हैं, लेकिन पहले दो चरणों में साफ हो गया था कि दक्षिण में बीजेपी साफ, उत्तर, पश्चिम और उत्तर भारत में बीजेपी हाफ’. उन्होंने कहा कि 4 जून को इंडिया अलायंस को स्पष्ट बहुमत मिलेगा. आज भी ‘मोदानी’ घोटाले का पर्दाफाश हो गया है. एक महीने के अंदर…एक-दो दिन में (नतीजों के बाद) इंडिया अलायंस का प्रधानमंत्री नियुक्त कर दिया जाएगा. उसके बाद हम एक जेपीसी बनाएंगे.
उन्होंने कहा कि पीएम ने खुद कहा है कि अंबानी और अडानी टेंपो में पैसा भेजते हैं. 2016 में आपके द्वारा नोटबंदी करने के बाद भी काला धन कहां से आया?… एक उद्योगपति जिसे पिछले 10 वर्षों में फायदा हुआ है, वह गौतम अडानी हैं. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि 2004 का जनादेश 2024 में दोहराया जाएगा. बीजेपी बाकी 115 सीटों पर प्रचार भी नहीं कर सकती. वे हरियाणा और पंजाब नहीं जा सकते, क्योंकि किसान नाराज हैं. पीएम ने किसान संगठनों से किए वादे पूरे नहीं कर करें.
उन्होंने कहा कि हरियाणा के पूर्व गृह मंत्री अनिल विज ने स्वीकारा वो आंसू ड्रोन की मदद से गैस छोड़ी गई. अग्निवीर हिमाचल प्रदेश में एक मुद्दा है. वे हमारी सेना और हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. हमें स्पष्ट और निर्णायक जनादेश मिलेगा. लोग समझ गए हैं हमारा संविधान खतरे में है. सरकार की नीतियां आरक्षण के खिलाफ हैं.
एक सवाल पर कि क्या राहुल गांधी पीएम चेहरा होंगे, कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, “यह व्यक्तियों के बीच सौंदर्य प्रतियोगिता नहीं है. हम एक पार्टी-आधारित लोकतंत्र हैं. सवाल यह है कि किस पार्टी या गठबंधन को जनादेश मिलेगा. पार्टियों को बहुमत मिलता है, पार्टी अपना नेता चुनती है और वह नेता पीएम बनता है, 2004 में 4 दिन के अंदर पीएम का नाम घोषित हो गया था. यह एक प्रक्रिया है. हम शॉर्टकट में विश्वास नहीं करते. यह मोदी की कार्यशैली हो सकती है. हम अहंकारी नहीं हैं. सबसे बड़ी पार्टी का उम्मीदवार पीएम होगा, ये वैसे ही होगा जैसे 2004 में हुआ था.”





बांग्लादेश के सांसद अनवारुल अजीम की हत्या मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। सांसद अनवारुल अजीम की हत्या सुपारी देकर कराई गई थी। इसके लिए 5 करोड़ टका (बांग्लादेशी करेंसी) में डील हुई थी। कोलकाता पुलिस का कहना है कि बांग्लादेश अवामी लीग के सांसद अनवारुल अजीम की 13 मई को न्यूटाउन के फ्लैट में गला घोंटकर हत्या करने के बाद आरोपियों ने शव को सड़ने से बचाने के लिए उसके कई टुकड़े किए। इसके बाद उन टुकड़ों में खास फ्रीजर में रखा गया। बांग्लादेश में पुलिस ने इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार करते हुए हत्या की पूरी कहानी का खुलासा किया है। बांग्लादेश की सत्ताधारी पार्टी के सांसद अनवारुल अजीम 12 मई को भारत इलाज के लिए आए थे। यहाँ वह पहले दो दिन अपने एक सुनार दोस्त के यहाँ रुके थे, इसके बाद वह इलाज की बात कह कर उसके घर से निकले और फोन पर बताया कि वह दिल्ली जा रहे हैं। हालाँकि, इसके बाद से वह गायब हो गए और उनका कोई पता नहीं लगा। इसके बाद उनकी हत्या की खबर आई। द डेली स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक बांग्लादेश के गृह मंत्री असदुज्जमां खान ने बताया है कि बीते हफ्ते कोलकाता में लापता हुए हैं। जेनाइदाह-4 से सांसद अनवारुल अजीम की हत्या कोलकाता के एक फ्लैट में की गई थी। अब तक हमें यही पता चला है कि हत्या में शामिल सभी लोग बांग्लादेशी हैं। यह एक पूर्व नियोजित हत्या थी। भारतीय पुलिस हमारे साथ पूरा सहयोग कर रही है और बाकी चीजें भी जल्दी ही सामने आ जाएंगी। बांग्लादेश के अखबार द डेली स्टार की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अजीम का कोलकाता में अवैध सोने का कारोबार था। कारोबार को लेकर अपने सहयोगी अख्तरुज्जमां से अजीम की अनबन हुई थी और इसके बाद उसने अमानुल्लाह नाम के शख्स को अजीम की सुपारी दे दी, जिसे मंगलवार रात ढाका में गिरफ्तार किया गया था। अमानुल्लाह ने मुस्तफिजुर और फैसल नाम को इस काम के लिए अपने साथ मिलाया। ये दोनों भी गिरफ्तार हो चुके हैं, जो बिना किसी पासपोर्ट के भारत गए थे। गिरफ्तारी के बाद इन लोगों ने बताया है कि ये बीते महीने ही कोलकाता आ गए थे और किराए पर फ्लैट लेकर रह रहे थे।
पश्चिम बंगाल में चुनाव के दौरान फिर हिंसा हुई है। बीजेपी महिला कार्यकर्ता की मौत के बाद हालात तनावपूर्ण हैं। पश्चिम बंगाल में 25 मई को छठे चरण के मतदान से पहले एक बार फिर हिंसा हुई है। मेदिनीपुर जिले के नंदीग्राम में भाजपा और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के कार्यकर्ताओं के बीच हिंसक झड़प हुई है। बुधवार देर रात हुई इस झड़प में भाजपा की एक महिला कार्यकर्ता की मौत हो गई जबकि पार्टी के सात कार्यकर्ता घायल भी हुए हैं। यह घटना नंदीग्राम के सोनचूरा गांव की बताई जा रही है। बताया जा रहा है कि भाजपा कार्यकर्ता बुधवार रात को चुनाव प्रचार को लेकर इकट्ठा हुए थे, इसी दौरान कुछ गुंडे वहाँ मोटरसाइकिल पर आए और भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमला कर दिया। उन्होंने धारदार हथियारों से भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमला किया। इसी दौरान गुंडों ने एक महिला भाजपा कार्यकर्ता रथिबाला आदि पर हमला किया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गईं। उनको बचाने आए उनके बेटे पर भी गुंडों ने हमला किया। इस हमले में महिला का बेटा भी गंभीर रूप से घायल हो गया। महिला की बाद में मौत हो गई। उसके घायल बेटे को कोलकाता एक एक अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। इस हमले में भाजपा के कुल 7 कार्यकर्ता घायल हो गए हैं, उनका भी इलाज चल रहा है। भाजपा ने हमले का आरोप टीएमसी पर लगाया है। हालांकि टीएमसी ने आरोपों को खारिज किया है। बीजेपी नेता और पश्चिम बंगाल के सह-प्रभारी अमित मालवीय ने नंदीग्राम में हुई हिंसा को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को निशाने पर लिया है। उन्होंने कहा है कि ममता ने नंदीग्राम में मिली हार का बदला लेने की धमकी दी थी। वह 2021 विधानसभा चुनाव का जिक्र कर रहे थे। मालवीय ने एक पोस्ट में कहा, 16 मई, 2024 को ममता बनर्जी ने हल्दिया में एक रैली में धमकी देते हुए कहा कि वह नंदीग्राम में मिली हार का बदला लेंगी। उन्हें बीजेपी के सुवेंदु अधिकारी से हार मिली, लेकिन फिर भी शर्मनाक तरीके से मुख्यमंत्री बन गईं।

झारखंड की हजारीबाग सीट से बीजेपी के निवर्तमान सांसद जयंत सिन्हा ने पार्टी की तरफ से जारी कारण बताओ नोटिस का जवाब दिया है।उन्होंने बीजेपी के कारण बताओ नोटिस पर निराशा और हैरानी व्यक्त की है।सिन्हा ने कहा कि उन्होंने पोस्टल बैलेट के जरिए वोट डाला है क्योंकि वह “व्यक्तिगत प्रतिबद्धताओं” के लिए विदेश में थे। भारतीय जनता पार्टी ने सोमवार को जयंत सिन्हा को हजारीबाग लोकसभा सीट से मनीष जायसवाल को उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद चुनाव प्रचार में भाग नहीं लेने और इस तरह पार्टी की छवि को खराब करने के लिए उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया था। जयंत सिन्हा ने भाजपा के झारखंड महासचिव आदित्य साहू के पत्र का जवाब दे दिया है। उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत प्रतिबद्धताओं के कारण विदेश होने की वजह से उन्होंने डाक मत-पत्र प्रक्रिया के जरिए से मतदान किया। अगर पार्टी चाहती कि मैं किसी भी चुनावी गतिविधियों में भाग लूं, तो आप निश्चित रूप से मुझसे संपर्क कर सकते थे। हालांकि, 2 मार्च को मेरी घोषणा के बाद झारखंड से एक भी वरिष्ठ पार्टी पदाधिकारी, सांसद या विधायक मेरे पास नहीं पहुंचे। मुझे किसी भी पार्टी कार्यक्रम आमंत्रित नहीं किया गया। इसके साथ ही मुझे किसी भी रैली या संगठनात्मक बैठकों के लिए भी न्योता नहीं आया। झारखंड की हजारीबाग सीट से मौजूदा सांसद सिन्हा ने साहू को लिखे दो पेज के पत्र में कहा, पार्टी ने लोकसभा चुनाव के लिए मनीष जायसवाल को अपना उम्मीदवार घोषित किया। मैंने 8 मार्च को बधाई दी थी, जोकि मेरे समर्थन का ही साक्ष्य था। उन्होंने कहा, अगर बाबूलाल मरांडी मुझे कार्यक्रम में शामिल करना चाहते थे तो वो निश्चित रूप से मुझे आमंत्रित कर सकते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। जयंत सिन्हा ने कहा ‘लोकसभा अध्यक्ष को सूचित करने के बाद मैं कुछ निजी प्रतिबद्धताओं के कारण 10 मई 2024 को विदेश चला गया। पार्टी द्वारा मुझे किसी भी कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं किए जाने के कारण वहां रुकने की कोई आवश्यकता दिखाई नहीं पड़ी। जाने से पहले मैंने पोस्टल बैलेट प्रक्रिया के जरिए अपना वोट दिया था इसलिए ये आरोप लगाना गलत है कि मैंने अपने मताधिकार के कर्तव्य का पालन नहीं किया है। पिछले कई दशकों से मैंने पार्टी की कई महत्वपूर्ण और सार्थक राष्ट्रीय नीति संबंधी पहलों में सहायता की है। इन पदों पर रहते हुए मेरे कार्यों की सराहना की गई है। मैंने पार्टी की सभी जिम्मेदारियों को पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ निभाया है। बीजेपी नेता ने कहा, आपका यह रवैया समर्पित पार्टी कार्यकर्ताओं को निराश करने के अलावा पार्टी के सामूहिक प्रयासों को भी कमजोर करने वाला है। इसके अतिरिक्त, पार्टी के प्रति मेरी निष्ठा और कठिन परिश्रम के बावजूद, ऐसा प्रतीत होता है कि मुझे अन्यायपूर्ण तरीके से निशाना बनाया जा रहा है। हम निश्चित ही किसी भी समय व्यक्तिगत रूप से या फोन पर बात कर सकते थे, ताकि आपके किसी भी संदेह को दूर किया जा सके। हजारीबाग लोकसभा चुनावों के लिए पार्टी के पदाधिकारी होने के नाते आप कभी भी मुझसे संपर्क कर सकते थे। चुनाव समाप्त होने के बाद आपके द्वारा इस तरह का पत्र भेजना मेरे लिए समझ से परे है।

May 23 2024, 14:51
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