खरगे ने फिर पीएम मोदी को लिखा पत्र, बोले-आप और आपके मंत्री कर रहे चीनियों का तुष्टिकरण
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कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने लगातार दूसरे गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से 7 मई को लोकसभा चुनाव लड़ने वाले भाजपा उम्मीदवारों को पत्र लिखने के एक दिन बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने गुरुवार को फिर पीएम मोदी को पत्र लिखा है। पत्र में खरगे ने कांग्रेस के घोषणापत्र पर पीएम मोदी से बहस करने की मांग की है। साथ ही खड़गे ने चिठ्ठी में लिखा- आपने एनडीए के सभी उम्मीदवारों को पत्र लिखकर बताया है कि उन्हें वोटरों से क्या बात करनी है। चिट्ठी के लहजे से लगता है कि आपमें बहुत हताशा और चिंता है। यह आपको ऐसी भाषा का इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित कर रही है, जो प्रधानमंत्री पद को शोभा नहीं देती।
पीएम मोदी के पत्र का हवाला देते हुए मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री को भेजे पत्र में लिखा कि पत्र के कंटेट और लहज़े से ऐसा लगता है कि आप बहुत ही ज़्यादा हताश और निराश हो गए हैं। यही कारण है कि आप ऐसी भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं जो प्रधानमंत्री पद की गरिमा के बिलकुल विपरीत है। पत्र से ऐसा लग रहा है कि आप अपने भाषणों में जो झूठ बोल रहे हैं उसका उस तरह से प्रभाव पड़ता हुआ आपको नहीं दिख रहा है जैसा आप चाहते थे। यही कारण है कि अब आप चाहते हैं कि आपके उम्मीदवार भी आपकी झूठी बातों को आगे बढ़ाएं। एक झूठ को हज़ार बार बोलने से वह सच नहीं बन जाता है प्रधानमंत्री जी।
हमने आपको और गृह मंत्री को यह कहते सुना है कि कांग्रेस तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है। पिछले 10 वर्षों में हमने जो एकमात्र तुष्टिकरण नीति देखी है, वह है आपके और आपके मंत्रियों द्वारा चीनियों का तुष्टिकरण। आप आज भी चीन को 'घुसपैठिए' कहने से इनकार करते हैं, बल्कि 19 जून, 2020 को आपने गलवान में 20 भारतीय सैनिकों के सर्वोच्च बलिदान का अपमान करते हुए कहा था, "ना कोई घुसा है, ना ही कोई घुस आया है"। आपने चीन को जो 'क्लीन चिट' दी है उसने भारत के पक्ष को कमज़ोर कर दिया है और चीन को और अधिक आक्रामक बना दिया है। यहां तक कि अरुणाचल प्रदेश, लद्दाख और उत्तराखंड में एलएसी के पास बार-बार चीनी घुसपैठ और सैन्य इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण के कारण तनाव बढ़ गया है। भारत में चीनी सामानों का आयात भी काफ़ी बढ़ गया है - सिर्फ़ पिछले 5 वर्षों में 54.76% की वृद्धि हुई है और 2023-24 में 101 बिलियन डॉलर को पार कर गया।
मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री द्वारा उठाए गए आरक्षण के मुद्दे का भी खंडन किया। अपने पत्र में आपने लिखा है कि एससी, एसटी और ओबीसी से आरक्षण छीन लिया जाएगा और "हमारे वोट बैंक" को दे दिया जाएगा। हमारा वोट बैंक हर भारतीय है- गरीब, हाशिए पर रहने वाले लोग, महिलाएं, महत्वाकांक्षी युवा, श्रमिक वर्ग, दलित और आदिवासी। हर कोई जानता है कि यह आरएसएस-बीजेपी ही है जिसने 1947 से लगातार आरक्षण का विरोध किया है। हर कोई यह भी जानता है कि आरएसएस-बीजेपी आरक्षण को समाप्त करने के लिए संविधान को बदलना चाहती है। आपके नेताओं ने इस बारे में खुलकर बात की है। आपको यह स्पष्ट करना चाहिए कि आप हमारे संविधान के अनुच्छेद 16 के अनुसार एससी, एसटी और ओबीसी को उनकी जनसंख्या के आधार पर आरक्षण का विरोध क्यों करते हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष ने “धन पुनर्वितरण” नीतियों के उनके आरोपों को लेकर भी पीएम मोदी पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि अपने पत्र में कहा है कि लोगों की मेहनत की कमाई छीन ली जाएगी। यहां, मैं आपसे अनुरोध करना चाहता हूं कि आप अपनी पार्टी को गुजरात में गरीब दलित किसानों से ठगे गए और इलेक्टोरल बांड के रूप में दिए गए 10 करोड़ रुपए वापस करने का निर्देश दें। आपकी पार्टी ने चंदा दो-धंदा लो, ठेका लो-घूस दो, हफ्ता वसूली और फर्जी कंपनियों जैसे तरीक़ों से विभिन्न कंपनियों से "अवैध और असंवैधानिक इलेक्टोरल बांड के माध्यम से 8,250 करोड़ रुपए एकत्र किए। 8,250 करोड़ में से, आप कम से कम 10 करोड़ रुपए दलित परिवार को तो वापस कर ही सकते हैं।
May 03 2024, 12:25