एनसीपी चीफ शरद पवार ने कहा, भारत में भी रूस के राष्ट्रपति पुतिन की राह पर चल रहे पीएम मोदी, जमकर कसा तंज
NCP (शरद पवार गुट) के प्रमुख शरद पवार ने आरोप लगाया कि पीएम मोदी डर पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के नक्शेकदम पर चल रहे हैं। शरद पवार ने दावा किया कि पूर्व प्रधानमंत्रियों ने नया भारत बनाने के लिए काम किया लेकिन पीएम मोदी केवल दूसरों की आलोचना करते हैं और इस बारे में नहीं बोलते कि उनकी सरकार ने पिछले दस वर्षों में लोगों के लिए क्या किया है।
शरद पवार ने कहा, ''केंद्र सरकार ने पिछले दस वर्षों में क्या किया, यह बताने के बजाय वह (मोदी) दूसरों की आलोचना करते रहते हैं।'' उन्होंने कहा, "हमें डर है कि भारत में एक नया पुतिन बन रहा है।" शरद पवार ने अमरावती में महा विकास अघाड़ी (MVA) के उम्मीदवार के लिए वोट मांगते हुए कहा कि देश के लिए पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के योगदान पर सवाल नहीं उठाया जा सकता। उन्होंने दावा किया कि कुछ भाजपा नेताओं ने सार्वजनिक रूप से संविधान को बदलने के बारे में बात की थी और लोगों से अपील की थी कि वे भारत में निरंकुशता को आकार न लेने दें।
पवार ने कहा, "प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के बाद, मैंने इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और नरसिम्हा राव से लेकर मनमोहन सिंह तक लगभग सभी प्रधानमंत्रियों का काम देखा। उनके प्रयास एक नया भारत बनाने के थे, लेकिन मौजूदा प्रधान मंत्री केवल आलोचना करते हैं।" उन्होंने कहा कि इतिहास में पूर्व पीएम जवाहरलाल नेहरू के योगदान को कोई नहीं भूल सकता, लेकिन प्रधानमंत्री (मोदी) लगातार उनकी आलोचना करते हैं।
उल्लेखनीय है कि, अमरावती लोकसभा क्षेत्र में एक हाई-प्रोफाइल चुनावी लड़ाई बन रही है, जहां भाजपा ने मौजूदा सांसद नवनीत राणा को मैदान में उतारा है, जिन्होंने 2019 का चुनाव निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में कांग्रेस के बलवंत वानखेड़े के खिलाफ जीता था।






एलोपैथी दवाओं के खिलाफ विज्ञापन और पतंजलि आयुर्वेद द्वारा अपनी दवाओं के लिए ‘भ्रामक दावों’ पर अदालत की अवमानना को लेकर सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई। जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच ने जब इस मामले की सुनवाई की।कोर्ट रूम में योगगुरु रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद के एमडी आचार्य बालकृष्ण मौजूद थे। आज की सुनवाई में भी बाबा रामदेव को राहत नहीं मिली है। कोर्ट ने उन्हें 30 अप्रैल को फिर मौजूद रहने को कहा है। *कोर्ट ने माफी के आकार पर उठाए सवाल* योगगुरु रामदेव की मौजूदगी में पतंजलि की ओर से पेश हुए वकील ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि पतंजलि ने 67 अखबारों में माफीनामा दिया है।अखबार में सोमवार को माफीनामा का विज्ञापन दिया गया था। इसपर सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि आपने किस साइज में विज्ञापन दिया है। जस्टिस कोहली ने कहा कि आपने कुछ नहीं किया। जस्टिस कोहली ने कहा कि एक सप्ताह बाद कल क्यों किया गया। क्या माफी का आकार आपके सभी विज्ञापनों में समान है। वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि इसकी कीमत दस लाख है। सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण से कहा कि अखबार में छपी आपकी माफी अयोग्य है। कोर्ट ने अतिरिक्त विज्ञापन जारी करने का आदेश दिया। * ‘माफीनामा वाले एड को रिकॉर्ड पर लाइए’* सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि पतंजलि की तरफ से बताया कि उनकी तरफ से माफीनामा प्रकाशित किया गया है। हालांकि ये बात रिकॉर्ड पर नहीं है। इसके बाद मुकुल रोहतगी ने कहा कि आज ही वो इसे रिकॉर्ड पर डालेंगे। इस पर बेंच ने कहा कि मामला केवल पतंजलि तक ही नहीं है, बल्कि दूसरे कंपनियों के भ्रामक विज्ञापनों को लेकर भी चिंता है। सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि को साफ तौर पर कहा कि माफीनामे का नया विज्ञापन भी पतंजलि को प्रकाशित करना होगा और उसे भी रिकॉर्ड पर लाना होगा। इससे पहले 19 अप्रैल को सुनवाई हुई थी। तब अदालत ने योग गुरु रामदेव, उनके सहयोगी बालकृष्ण और पतंजलि आयुर्वेद को भ्रामक विज्ञापन मामले में सार्वजनिक तौर पर माफी मांगने के लिए एक सप्ताह का समय दिया था। सुनवाई के दौरान रामदेव और बालकृष्ण दोनों मौजूद थे और उन्होंने व्यक्तिगत रूप से शीर्ष अदालत से बिना शर्त माफी मांगी थी।न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने उनकी माफी का संज्ञान लिया, लेकिन यह स्पष्ट किया था कि इस स्तर पर रियायत देने का फैसला नहीं किया है।


बाहुबली मुख्तार अंसारी की मौत के बाद उसके परिजनों ने कई गंभीर आरोप लगाए थे। भाई अफजाल अंसारी का आरोप था कि मुख्तार की मौत जहर दिए जाने से हुई। इन आरोपों के बीच अब इस मामले में जांच रिपोर्ट सामने आ गई है। मुख्तार के निधन के बाद विसरा जांच रिपोर्ट में जहर नहीं दिए जाने की पुष्टि हुई है। रिपोर्ट के अनुसार हार्ट अटैक की वजह से अंसारी की मौत हुई।बता दें कि 28 मार्च की देर रात जेल में बंद मुख्तार अंसारी की मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान मौत हो गई थी। माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की मौत के मामले में विसरा जांच रिपोर्ट सामने आ गई है। विसरा जांच रिपोर्ट में जहर की पुष्टि नहीं हुई है। इस रिपोर्ट को न्यायिक जांच टीम को सौंपा गया है।भाई सांसद अफजाल अंसारी ने मुख्तार को जहर देकर मारने का आरोप लगाया था। मुख्तार की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी जहर से मौत की बात नहीं कही गई थी। आरोपों को देखते हुए मुख्तार की मौत की प्रशासिनक और न्यायिक जांच शुरू की थी, जिसके बाद विसरा को जांच के लिए लखनऊ के फॉरेंसिक लैब भेजा था। इससे पहले पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मुख्तार अंसारी की मौत की पुष्टि हार्ट अटैक से हुई थी।हालांकि, उन्हें खाने में धीमा जहर दिए जाने का आरोप लगाए गए थे।आरोपों को गंभीरता से लेते हुए मुख्तार के विसरा को जांच के लिए लखनऊ फॉरेंसिक लैब भेजा गया था। विसरा जांच रिपोर्ट में भी जहर न होने की पुष्टि हुई है। इस मामले में अभी कोई भी अधिकारी का कोई बयान सामने नहीं आया है।

Apr 23 2024, 15:16
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