मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी ने अपने जन्मदिन पर आयोजित न्योता भोज में अपने हाथों से बनी खीर बच्चों को परोसी
रायपुर- अपने जन्मदिन के अवसर पर आयोजित न्योता भोज में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की धर्मपत्नी कौशल्या साय ने अपने हाथों से बनी खीर और केक बच्चों को खिलाई और उन्हें ढेर सारा स्नेह दिया। न्योता भोज का आयोजन सरदार प्रीतम सिंह सैनी प्राथमिक एवं पूर्व माध्यमिक शाला श्यामनगर में और शासकीय बालिका गृह खम्हारडीह में किया गया। उन्होंने अपने परिवार जनों और बच्चों के साथ न्योता भोज भी किया।
इस मौके पर श्रीमती साय ने बच्चों से पूछा कि खीर कैसी बनी है। बच्चों ने बताया कि खीर बहुत अच्छी बनी है। उन्होंने बच्चों को बताया कि अपने जन्मदिन पर हम लोग हमेशा खीर बनाते हैं। मेरे बच्चों को भी खीर बहुत प्रिय है। आप सब बहुत प्यारे बच्चे हैं इसलिए आपके लिए भी अपने जन्मदिन पर आज खीर बनाकर लाई हूं।
कौशल्या साय ने बच्चों से पढ़ाई लिखाई और बच्चों की छोटी-छोटी शरारतों के बारे में ढेर सारी बातें की। उन्होंने स्कूल के शिक्षकों से भी बच्चों की पढ़ाई लिखाई के बारे में चर्चा की। कौशल्या साय ने चर्चा में बताया कि उन्हें साय जी ने बताया कि हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण अभियान संचालित कर रहे हैं। यह बहुत सुंदर अभियान है। इसके तहत प्रधानमंत्री ने सबसे आग्रह किया है कि अपना जन्मदिन और जीवन के खास अवसरों को स्कूली बच्चों के साथ मनाएं। वे बच्चों को भोजन कराएं और स्वयं बच्चों के साथ भोजन करें।
जब साय जी यह बता रहे थे, उसी समय मैंने निश्चय किया था कि मैं अपना जन्मदिन स्कूली बच्चों के साथ मनाऊंगी। जिस तरह से मैं हर साल अपने बच्चों के जन्मदिन पर खीर बनती हूं। उसी तरह से इस बार भी मैं अपने हाथों से खीर तैयार करूंगी और स्कूली बच्चों को खिलाऊंगी। आज बच्चों ने बहुत रुचि से खीर खाई। यह मेरा सौभाग्य है कि उन्हें मेरे हाथों की बनाई हुई खीर पसंद आई है। आज मेरा जन्मदिन सफल हुआ।
उन्होंने कहा कि न्योता भोज बहुत सुंदर आयोजन है। इस आयोजन की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इससे छोटे छोटे प्यारे से बच्चों के साथ बातचीत करने का मौका मिलता है। बच्चे बहुत रुचि से पकवान खाते हैं। उन्हें बहुत रुचि से खाना खाते देखकर बहुत अच्छा लगता है।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान के पश्चात छत्तीसगढ़ में लगातार जनप्रतिनिधि, अधिकारीगण एवं गणमान्य नागरिक न्योता भोज कर रहे हैं। आज कौशल्या साय का जन्मदिन है और उन्होंने भी इसे न्योता भोज के रूप में मनाया।
शुभ मौके पर खीर खिलाने की परंपरा वेदों से जुड़ी
भारतीय और छत्तीसगढ़ की परंपरा में जन्मदिन के अवसर पर खीर बनाई जाती है। लोग जन्मदिन में खीर खिलाकर मुंह मीठा कराते हैं। यह हमारी सनातन परंपरा है। जब भी कोई शुभ मौका होता है तो मुंह मीठा कराया जाता है। वैदिक काल से ही इस परंपरा की शुरुआत हुई। वेदों में खीर को क्षीरपाकमोदनम भी कहा गया है। खीर का इतना महत्व है कि अनुश्रुति है कि माता गंगा धरती पर सप्तऋषियों के आशीर्वाद युक्त मंगल खीर लेकर उतरी हैं।





रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कल कला केन्द्र का लोकार्पण करते हुए कहा कि इससे कलाकारों को एक नया मंच मिलेगा। उन्हें अपनी प्रतिभा को और निखारने का अवसर मिलेगा। जिला प्रशासन द्वारा बनाए गए इस कला केन्द्र में बच्चों से लेकर युवाओं को कला की 12 विधाओं के प्रशिक्षण की व्यवस्था है। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर अपना संदेश भी रिकॉर्ड कराया, जिसमें उन्होंने कहा कि जीर्ण-शीर्ण भवन को एक सुन्दर कला केन्द्र भवन के रूप में विकसित किया गया है इसके लिए उन्होंने जिला प्रशासन रायपुर के प्रयासों की सराहना की। इस मौके पर कार्यक्रम की अध्यक्षता उपमुख्यमंत्री अरूण साव ने की। वित्त मंत्री ओ पी चौधरी, शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल विशिष्ठ अतिथि के रूप में शामिल हुए। कार्यक्रम में रायपुर ग्रामीण विधायक मोतीलाल साहू भी उपस्थित थे। कार्यक्रम में मौजूद विधायक अनुज शर्मा ने इस मौके पर गीत की कुछ लाईनें भी गाकर रिकॉर्ड कराईं। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कला की विभिन्न विधाओं के लिए निर्मित कक्ष का अवलोकन किया और कलाकारों एवं प्रशिक्षकों से मुलाकात कर उनके साथ सामूहिक फोटो भी खिचाया। मुख्यमंत्री ने क्ले-आर्ट के बाल कलाकार मास्टर आदित्य वर्मा से भी मुलाकात की। आदित्य के द्वारा क्ले से तैयार की गई बैगन की कलाकृति की सराहना की और इस आर्ट के बारे में जानकारी ली। राजधानी रायपुर के इंटरनेशनल लायब्रेरी के पीछे बनाए गए इस कला केंद्र में छोटे बच्चों से लेकर युवाओं तक को प्रशिक्षण दिया जाएगा। परिसर में अलग-अलग प्रशिक्षण कक्ष तैयार किए गए है, जहां ड्राइंग, मूर्तिकला, गायन, शास्त्रीय नृत्य, वेस्टर्न डांस, आर्ट एंड क्राफ्ट, तबला, हारमोनियम, ड्रम, की-बोर्ड इत्यादि वाद्य यंत्र का तथा अन्य कलाओं का प्रशिक्षण मिलेगा। उल्लेखनीय है कि कला केंद्र में परिसर में खुला मंच भी तैयार किया गया है जहां पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों की समय-समय पर प्रस्तुति की सुविधा भी रहेगी। लोकार्पण अवसर पर खुले मंच से विभिन्न कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियां दी। कार्यक्रम में कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह एवं निगम आयुक्त अबिनाश मिश्रा ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को प्रतीक चिन्ह भेंट किया।
रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राजधानी रायपुर में कल जगार-2024 ’हस्तशिल्प एवं हाथकरघा’ प्रदर्शनी का दीप प्रज्ज्वलन कर शुभारंभ किया। पंडरी स्थित छत्तीसगढ़ हाट परिसर में आयोजित किए जा रहे है इस प्रदर्शनी में देश भर के 13 राज्यों के 130 हुनरमंद हस्तशिल्पियों ने स्टॉल लगाए है। 10 दिनों तक चलने वाली इस प्रदर्शनी में विभिन्न कलात्मक वस्तुओं, हथकरघा वस्त्र सहित घरेलू उपयोग की वस्तुओं की स्टॉल लगाए गए है। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री अरूण साव, संस्कृति मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, विधायक पुरंदर मिश्रा भी उपस्थित थे। अतिथियों ने स्टॉलों का अवलोकन कर शिल्पियों को प्रोत्साहित भी किया। मुख्यमंत्री श्री साय ने जगार-2024 के शुभारंभ समारोह में राज्य के पांच सिद्धहस्त शिल्पियों को राज्य स्तरीय पुरस्कार वर्ष 2021-22 से सम्मानित किया। इनमें बेलमेटल शिल्पी सुंदरलाल झारा ग्राम एकताल पोस्ट नेतनगर, विकासखण्ड पुसौर जिला रायगढ़, समीप विश्वकर्मा लौह शिल्पी ग्राम किड़ईछेपड़ा (ड़ोगरीगुड़ा) पोस्ट पलारी जिला कोण्डागांव-बस्तर, मन्धर कश्यप काष्ठ शिल्पी ग्राम भोण्ड (पाण्डूपारा) पोस्ट लामकेर जिला बस्तर, बृहस्पति जायसवाल गोदना शिल्पी ग्राम मुनगाडीह पोस्ट पाली जिला कोरबा और बाबी सोनवानी भित्तीचित्र शिल्पी ग्राम सिरकोतंगा पोस्ट लहपटरा विकासखण्ड लखनपुर जिला सरगुजा को साल, श्रीफल, प्रमाण-पत्र, स्मृति चिन्ह और 25-25 हजार रूपए का चेक प्रदान कर सम्मानित किया। इस अवसर पर अतिथियों द्वारा सिद्धहस्त शिल्पियों को प्रदान किए गए राज्य स्तरीय पुरस्कार की स्मारिका का विमोचन भी किया गया। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने जगार-2024 शुभारंभ समारोह में शामिल होने वाले सभी शिल्पकारों और राज्य स्तरीय पुरस्कार प्राप्त शिल्पियों को बधाई और शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि जगार मेले का शिल्पकारों को इंतजार रहता है। शिल्पियों के उत्पादों को यहां बिक्री के लिए बाजार उपलब्ध होता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वें रायगढ़ के ग्राम एकताल कई बार गए है, इस ग्राम के शिल्पकारों की जीविका का साधन बेलमेटल शिल्प है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में बेलमेटल, लौह शिल्प, काष्ठ शिल्प, गोदना शिल्प, भित्ति चित्र के हुनरमंद शिल्पकार हैं और यही इनकी आजीविका का साधन है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन हस्तशिल्पों का विकास हो और इनके उत्पादों को अच्छा बाजार उपलब्ध हो इसके लिए हमारी सरकार प्रयास करेगी। शिल्पकारों के उत्पादों के प्रचार-प्रसार के लिए प्रदेश में स्थान चिन्हित कर बाजार की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस हस्तशिल्प एवं हाथकरघा प्रदर्शनी में शिल्पकारों को अपने उत्पादों को दिखाने का और बिक्री करने का अवसर मिलेगा। मुख्यमंत्री आमजनों से आग्रह किया है कि मेलें में आकर शिल्पकारों की कला को देखे और इनके उत्पादों की खरीदी भी करें। उप मुख्यमंत्री अरूण साव ने कहा कि प्राचीन समय से ही छत्तीसगढ़ की कला, संस्कृति गौरवशाली और समृद्धशाली रही है। छत्तीसगढ़ की कला, संस्कृति विश्व स्तर पर पहुंचे इसके लिए हमारी सरकार काम करेगी। संस्कृति मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि वे वर्ष 2002 से जगार मेले में आ रहे हैं। छत्तीसगढ़ के सुदूर क्षेत्रों में हस्तशिल्प वहां के शिल्पकारों की आजीविका का साधन है। इन शिल्पकारों के उत्पादों की बिक्री के लिए बाजार उपलब्ध कराना है। उन्होंने सुझाव दिया कि राज्य और राज्य के बाहर के शो-रूम और एंजेसियों से यह तय किया जाए कि उत्पाद के साथ शिल्पी का नाम और कोड नंबर का भी उल्लेख हो। श्री अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश में बड़ी संख्या में वनवासियों की आजीविका का साधन बांस शिल्प भी है। उन्होंने बताया कि प्रदेश का बेलमेटल शिल्प, लौह शिल्प, काष्ठ शिल्प, गोदना शिल्प की पहचान राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर है इसे हमें और आगे बढ़ाना है। इस अवसर पर प्रबंध संचालक छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड यशवंत कुमार, कलेक्टर रायपुर गौरव कुमार सिंह सहित विभागीय अधिकारी और विभिन्न राज्यों से आए शिल्पकार भी उपस्थित थे। *प्रदर्शनी प्रतिदिन सुबह 11 बजे से रात्रि 9 बजे तक खुली रहेगी-* यह प्रदर्शनी 19 मार्च तक छत्तीसगढ़ हाट परिसर पंडरी, रायपुर में प्रतिदिन संध्या 7 बजे से रात्रि 9 बजे तक सांस्कृतिक कार्यक्रम संध्या का भी आयोजन किया जाएगा। यह प्रदर्शनी सुबह 11 बजे से रात्रि 9 बजे तक आम लोगों के लिए खुली रहेगी। प्रदर्शनी में छत्तीसगढ़ राज्य के सुप्रसिद्ध हस्तशिल्प बेलमेटल शिल्प (ढोकरा), लौह शिल्प, काष्ठ शिल्प, बांस शिल्प, कालीन शिल्प, शिशल शिल्प, गोदना शिल्प, तुमा शिल्प, टेराकोटा शिल्प, छींद-कांसा शिल्प एवं हाथकरघा वस्त्रों में कोसा साड़ियां, दुपट्टा, सलवार सूट, ड्रेस मटेरियल एवं कॉटन बेडशीट, चादरें, ड्रेस मटेरियल, सर्टिंग एवं विभिन्न प्रकार की खादी रेडीमेड वस्त्रों आदि प्रमुख है, इसके अतिरिक्त अन्य राज्यों से उत्तरप्रदेश लखनऊ की चिकनकारी, बनारसी साड़ी, ड्रेस मटेरियल, मध्यप्रदेश की चंदेरी, महेश्वरी साड़ियां एवं बाघ प्रिंट की ड्रेस मटेरियल एवं टीकमगढ़ की पीतल की मूर्तियाँ, पश्चिम बंगाल का जूटवर्क, कांथा वर्क तथा बंगाली साड़ियां सहित, पंजाब की फुलकारी एवं पंजाबी जूतियां, राजस्थान की चर्मशिल्प की मोजरी एवं एम्ब्राईडरी के सलवार सूट, दिल्ली की ज्वेलरी, हरियाणा पानीपत के बेडशीट, महाराष्ट्र के कोल्हापुरी चप्पल, बिहार के भागलपुरी ड्रेस मटेरियल, जम्मू कश्मीर के शॉल एवं साड़ियाँ इस प्रकार कुल 13 राज्यों के विभिन्न शिल्पकलाओं एवं हाथकरघा सामग्री का विशाल संग्रह उपलब्ध रहेगा,जिसमें स्वयं शिल्पकार अपनी उन्नत शिल्पकला के हुनर का प्रदर्शन-सह-विक्रय करेंगे।
रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज रायपुर के साइंस कॉलेज ग्राउंड में आयोजित महतारी वंदन योजना के राज्य स्तरीय शुभारंभ कार्यक्रम में जनसंपर्क विभाग द्वारा प्रकाशित कॉफी टेबल बुक ‘मय महतारी हंव’ का विमोचन किया। इसमें प्रदेश के अलग-अलग इलाकों के महतारी वंदन योजना की 36 लाभार्थी महिलाओं की कहानियों को संजोया गया है। इस कॉफी टेबल बुक के माध्यम से लाभार्थी महिलाएं महतारी वंदन योजना को लेकर अपनी आकांक्षाओं और सपनों के साथ ही योजना से मिलने वाली धनराशि के उपयोग की योजनाएं साझा की हैं। स्कूल शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, कृषि मंत्री रामविचार नेताम और महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े भी कॉफी टेबल बुक के विमोचन के अवसर पर उपस्थित थीं। ‘मय महतारी हंव’ कॉफी टेबल पिक्टोरियल बुक में प्रदेश के विभिन्न जिलों की महिलाओं की कहानी है। महतारी वन्दन योजना उनके लिए कितनी महत्वपूर्ण है, उनके जीवन में सालाना 12 हजार रुपए के क्या मायने हैं और वे किन जरूरतों में इस राशि का उपयोग करेंगी, इन्हें वे इसके माध्यम से साझा की हैं। इस कॉफी टेबल बुक में पहाड़ी कोरवा महिला, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, कबाड़ी व्यवसाय से जुड़ी महिला, गृहिणी और सब्ज़ी बेचने के व्यवसाय से जुड़ी महिलाओं की कहानी है। ‘मय महतारी हंव’ में संकलित खुशियों के नोटिफिकेशन की 36 कहानियां महतारी वन्दन योजना के प्रति महतारियों की खुशियों की कहानियां हैं। यह कॉफी टेबल बुक छत्तीसगढ़ महतारी को समर्पित है। सांसद सुनील सोनी, विधायकगण राजेश मूणत, मोतीलाल साहू, पुरंदर मिश्रा, इंद्र कुमार साहू, अनुज शर्मा और गुरू खुशवंत साहेब, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के सचिव पी. दयानंद और महिला एवं बाल विकास विभाग की सचिव शम्मी आबिदी सहित राज्य शासन के अनेक वरिष्ठ अधिकारी और जनप्रतिनिधि भी कॉफी टेबल बुक के विमोचन के दौरान मौजूद थे।

Mar 11 2024, 15:30
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