चिलगु साप्ताहिक हाट में नहीं बिकी मांस - मछली, प्याज - लहसुन वाले सामानों की बिक्री बंद - शराब की बिक्री हुई कम*
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सरायकेला :- चिलगु में चल रहे सनातन धर्म सम्मेलन से श्रद्धालुओं के साथ दुकानदारों के हृदय में भी आस्था जगी है। श्रीमद्भागवत कथा से उत्पन्न आस्था का ऐसा प्रभाव पड़ा है कि दुकानदारों ने मांस, मछली, अंडा की बिक्री बंद कर दी है।
रविवार को लगने वाली साप्ताहिक हाट बाजार में इस बार मांस, मछली की दुकानें बंद रहीं। वहीं, प्याज - लहसुन उपयोग कर तैयार किए जाने वाले खाद्य सामग्री जैसे समोसा, आलू चोप, पकौड़ा, भुजिया, गोलगप्पे नहीं बिके। इसके अलावा प्रतिदिन चिलगु मोड़ पर लगने वाली मुर्गा एवं मछली की दुकानें बीते मंगलवार से बंद है। प्रतिदिन लगने वाला ठेला खोमचा भी बंद है।
चिलगु मोड़ पर फास्टफूड समेत अन्य दुकान लगती हैं जो पूर्णत बंद है। इन दिनों चिलगु समेत आसपास के गांव कृष्णमय हो गया है।
आश्चर्यचकित करने वाली बात यह है कि शराब और मांस - मछली में दिन - रात गोते लगाने वाले युवा पीढ़ी भी प्रतिदिन संध्या काल में श्रीमद्भागवत कथा प्रवचन सुनने को पहली पंक्ति में बैठ रहे हैं। युवाओं ने शराब के साथ साथ मांस, मछली, प्याज, लहसुन को त्याग कर दिया है। युवा सुबह नहा धोकर कर हरिनाम जप रह रहे हैं।
संध्या में तिलक लगाकर कथा स्थल पर जमीन पर बैठकर भक्ति में लीन हो रहे हैं। यह दृश्य देख हर कोई इसे ऐतिहासिक क्षण बता रहा है।
श्रीमद्भागवत कथा ने कम की शराब की बिक्री
चिलगु में स्थित सरकारी शराब दुकान में बीते मंगलवार से शराब की बिक्री न के बराबर हो रही हैं। संभवतः यह सिलसिला अगले मंगलवार तक चलता रहेगा क्योंकि श्रीमद्भागवत कथा का समापन मंगलवार को होगा।
सुबह से शाम तक जिस सरकारी शराब दुकान में बड़ों से लेकर युवाओं की भीड़ बनी रहती हैं, वहां बीते मंगलवार से कोई झांकने तक नहीं जा रहा है। दूसरे क्षेत्र से एक - आध लोग ही शराब खरीदने एऐ रहे हैं।
दुकानदार ने बताया कि जब से चिलगु में कलश स्थापना हुई हैं, उस दिन से शराब की बिक्री काफी कम हो गई हैं। पहले की तुलना इस समय 20 प्रतिशत बिक्री हो रही हैं जो दूसरे क्षेत्रों से आने वाले ग्राहक खरीद रहे हैं।
Feb 05 2024, 17:04