व्यासजी के तहखाने में पूजा के फैसले पर भड़के ओवैसी, बोले- पूजा स्थल अधिनियम का उल्लंघन, 6 दिसंबर हो सकता है दोबारा
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वाराणसी प्रशासन ने जिला अदालत के निर्देशों का पालन करते हुए गुरुवार, 1 फरवरी की सुबह ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के दक्षिणी हिस्से में 'व्यास जी का तहखाना' में पूजा की अनुमति दे दी। यह कार्रवाई हाल ही में एक अदालत के आदेश के बाद हुई है, जिसमें ऐतिहासिक स्थल पर धार्मिक अनुष्ठान करने के अधिकार को बरकरार रखा गया है। कोर्ट के फैसले के बाद, 30 साल बाद एक पुजारी ने सुबह करीब 3 बजे पूजा की, उसके बाद आरती हुई।वाराणसी कोर्ट के इस फैसले से एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी खुश नहीं हैं। उन्होंने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि जो कोर्ट ने फैसला लिया उससे पूरे मामले को तय कर लिया गया है। यह सरासर गलत फैसला है। 6 दिसंबर इस देश में दोबारा हो सकता है।
एआईएमआईएम चीफ असदु्द्दीन ओवैसी ने कहा कि वाराणसी कोर्ट के जज ने जो फैसला दिया उसने 1992 के पूजा स्थल अधिनियम का उल्लंघन कर रहे हैं। ओवैसी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि आज जज साहब का आखिरी दिन था। दूसरी बात यह कि उन्होंने 17 जनवरी को डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट को रिसीवर अपॉइंट किया था। तीसरी बात यह कि जज ने जो फैसला लिया, इससे उन्होंने पूरे केस को ही तय कर दिया। उन्होंने आगे कहा, 1993 के बाद से आप खुद कह रहे हैं कि वहां, कुछ नहीं हो रहा था। अब आपने जो हिंदू पक्ष को मस्जिद के तहखाने को दे रहे हैं। इससे आपने पूरे केस पर फैसला दे दिया। अपील के लिए 30 दिन का वक्त देना था।
वहीं, ओवैसी ने मोदी सरकार पर बोलेते हुए कहा कि जबतक यह सरकार अपनी चुप्पी नहीं तोड़ेंगे, पूजा स्थसल अधिनियम पर कायम नहीं रहेंगे तब तक यह चलता रहेगा। ओवैसी ने आगे कहा कि 6 दिसंबर इस देश में दोबारा हो सकता है।जब राम मंदिर मामले में फैसला आया था, हमने उसी वक्त कहा था कि आस्था की बुनियाद पर फैसला दिया गया है। अब आगे भी यह मामले चलते रहेंगे।
बता दें कि वाराणसी कोर्ट ने बुधवार को ज्ञानवापी मस्जिद पर अहम फैसला देतेल हुए हिंदू पक्ष को व्यासजी तहखाने में पूजा का अधिकार दे दिया है। इसकी मांग हिंदू पक्ष काफी दिनों से कर रहा था। कोर्ट ने कहा कि हिंदू पक्ष व्यास जी तहखाने में नियमित पूजा कर सकते हैं। हिंदू पक्ष की ओर से लड़ रहे वकील ने कहा कि यह हमारी सबसे बड़ी जीत है। हालांकि मुस्लिम पक्ष ने इस फैसले को मानने से इनकार कर दिया है। बता दें कि 1992 तक व्यास जी तहखाने में पूजा रोजाना होती थी। 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद व्यास जी तहखाने में नियमित पूजा को बंद करने का आदेश दिया गया था। इसके बाद यहां पर सालाना माता श्रृंगार गौरी की पूजा हो रही थी।
Feb 01 2024, 18:58