लोक शिकायत निवारण अधिकार के तहत डीएम ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से 40 मामलों की सुनवाई की
![]()
गया : लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम 2015 द्वितीय अपील के तहत जिलाधिकारी डॉ० त्यागराजन एसएम द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कुल 40 मामलों की सुनवाई की गई। सुरेंद्र कुमार, ग्राम -इतरा बेजान बीघा, थाना- मगध विश्वविद्यालय, बोधगया के द्वारा आवास योजना की सूची में नाम रहने के बावजूद आवास योजना का लाभ नहीं मिलने के संबंध में परिवाद दायर किया गया था, सुनवाई के क्रम में प्रखंड विकास पदाधिकारी बोधगया के द्वारा स्पष्ट प्रतिवेदन नहीं देने के कारण ₹ ₹2500 का अर्थ दंड लगाया गया।
उमेश यादव, पिता- छोटू यादव, ग्राम- छतनी, पुनाई बीघा, थाना- महकार, अनचल- नीमचक बथानी के द्वारा निजी भूमि पर जबरण कब्जा करने के प्रयास में परिवाद दायर किया गया था। सुनवाई के क्रम में अंचल अधिकारी नीमचक बथानी को निर्देश दिया गया की शनिवारिये बैठक में दोनों पक्षों को बुलाकर आगे की कार्रवाई करेंगे, नहीं मानने की स्थिति में धारा- 144 के तहत प्रस्ताव बनाकर अनुमंडल पदाधिकारी नीमचक बथानी के यहां भेजेंगे। राजबल्लभ यादव, ग्राम -फतेहपुर, थाना -बेलागंज, के द्वारा निजी भूमि में नाली निर्माण करने के संबंध में परिवाद दायर किया गया था।
सुनवाई के क्रम में अंचल अधिकारी, बेलागंज को निर्देश दिया गया कि दोनों पक्षों को थाने में बुलाकर सुलाह नामा करावे एवं नहीं मानने की स्थिति में धारा-107 का नोटिस अनुमंडल पदाधिकारी का स्तर से देने की कार्रवाई करेंगे। अखिलेश रजक, पिता- मानकी रजक, ग्राम -मस्तीपुर, बोधगया के द्वारा माउंटेन दशरथ मांझी मेमोरियल ट्रस्ट के खाता से कोषध्यक्ष द्वारा अवैध निकासी कर लेने के संबंध में परिवाद तैयार किया गया था। सुनवाई के क्रम में थाना अध्यक्ष में मुफस्सिल के द्वारा बताया गया कि माउंटेन दशरथ मांझी मेमोरियल ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष के ऊपर प्राथमिक की दर्ज कर दिया गया है। सुनवाई के क्रम में निर्देश दिया गया कि जल्द से जल्द नियमानुसार आग्रेतर कार्रवाई की जाए।
रिपोर्ट: मनीष कुमार




गया। जिला परिषद के अध्यक्ष नैना कुमारी और उपाध्यक्ष शीतल प्रसाद यादव के खिलाफ अविश्वाश प्रस्ताव को लेकर हुई अहम बैठक बिना किसी निष्कर्ष पर पहुंचे ही खारिज हो गई। मंगलवार को जिला परिषद में जिला परिषद अध्यक्ष और जिला परिषद उपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था. अविश्वास प्रस्ताव खत्म होते ही पुलिस ने एक जिला पार्षद को गिरफ्तार कर लिया. बताया जाता है, कि वह दो मामलों में फरार चल रहे थे. पुलिस उसके अविश्वास प्रस्ताव के बाद निकलने का इंतजार कर रही थी, जैसे ही बाहर आए, पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.





Jan 09 2024, 21:20
- Whatsapp
- Facebook
- Linkedin
- Google Plus
0- Whatsapp
- Facebook
- Linkedin
- Google Plus
82.9k