सीट शेयरिंग पर गठबंधन में रार! महाराष्ट्र में उद्धव ने मांगीं 23 सीटें, कांग्रेस ने ठुकराई उद्धव की डिमांड
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2024 लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ एकजुटता का दावा कर रहे विपक्षी दलों के गठबंधन में आए दिन नया बवाल खड़ा हो रहा है। एनडीए गठबंधन का मुकाबला करने के लिए बने 28 दलों के 'इंडिया' गठबंधन में अब तक सीटों का बंटवारा नहीं हो पाया है। इससे पहले ही क्षेत्रीय पार्टियों ने अपनी डिमांड रखना शुरू कर दिया है।इसी कड़ी में अब सीट बंटवारे को लेकर महाराष्ट्र में रार होता दिख रहा है।शिवसेना यूबीटी सुप्रीमो उद्धव ठाकरे ने राज्य की 48 में से 23 सीटों की बड़ी हिस्सेदारी की मांग कर ली है। जिससे कांग्रेस और यहां तक कि शरद पवार की पार्टी भी सकते में आ गई। इससे पहले गुरुवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने साफ कर दिया कि वे लोकसभा चुनाव में राज्य में किसी भी पार्टी से गठबंधन नहीं करेंगी। अब महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की पार्टी शिवसेना ने भी सीटों की डिमांड रख कर गठबंधन की मुश्किलें बढ़ा दी है।
शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि महाराष्ट्र में हम टूट के बावजूद सबसे बड़ी पार्टी हैं। हम 23 सीटों पर चुनाव लड़ते आए हैं। पिछले चुनाव में हम इनमें से 18 सीटों पर जीते थे। इस बार भी हम इतने ही सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। हालांकि, राउत ने कहा कि महाराष्ट्र में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी (शरद पवार गुट) मिलकर चुनाव लड़ेंगे।
राज्य कांग्रेस के नेताओं ने शिवसेना यूबीटी के दावे को यह कहते हुए खारिज कर दिया है कि उनकी पार्टी जुलाई 2022 में विभाजित हो गई है और इसके कई सांसद अब मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के साथ हैं, इसलिए पार्टी को इतने सारी संसदीय सीटें नहीं दी जा सकतीं हैं।कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि स्थिति अब बदल गई है और शिवसेना (यूबीटी) को इस बारे में सोचना चाहिए।संजय निरुपम ने कहा कि उन्हें पता चला कि शिवसेना (यूबीटी) महाराष्ट्र में 48 में से 23 सीटें मांग रही है। उन्होंने कहा कि सीटों का बंटवारा एक जटिल विषय है, इसके बारे में निर्णय इतनी आसानी से नहीं लिया जा सकता है। कांग्रेस नेता ने कहा कि अगर इंडिया गठबंधन में सभी दलों को एक साथ लड़ने और बीजेपी को हराने की जरूरत है, तो हमें अंदरूनी कलह को रोकना होगा।
इसके बाद इस बयान पर भी पलटवार सामने आया। संजय राउत ने कहा कि यह तय करना कांग्रेस का काम नहीं है कि पार्टी टूट गई है। इतना ही नहीं संजय राउत ने यह भी कहा कि भले ही कई सांसदों और विधायकों ने पार्टी छोड़ दी हो, लेकिन पार्टी के मतदाता अभी भी ठाकरे के नेतृत्व वाले गुट के साथ हैं। राउत ने कहा कि राज्य कांग्रेस के सभी बड़े या छोटे फैसले दिल्ली में लिए जाते हैं, इसलिए हमने इंडिया ब्लॉक के चौथे सम्मेलन के बाद मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी और राहुल गांधी से बात की है। हमने महाराष्ट्र लोकसभा सीट आवंटन पर चर्चा के लिए अपना विचार व्यक्त किया और कांग्रेस नेताओं ने इसका स्वागत किया है। उन्होंने यह भी कहा कि इस मुद्दे पर महाराष्ट्र कांग्रेस के नेताओं के साथ कोई आधिकारिक चर्चा नहीं हुई है, और इस स्तर पर राज्य में विशिष्ट सीटों के लिए व्यक्तिगत दावों पर टिप्पणी करना उचित नहीं होगा।
बता दें कि 2019 में अविभाजित शिवसेना बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन का हिस्सा थी। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी अब महा विकास अघाड़ी (एमवीए) का हिस्सा है, जिसमें कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) सहयोगी हैं। इसके बाद, जून 2022 में, शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने 40 अन्य विधायकों के साथ, पार्टी नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह कर दिया और बीजेपी में शामिल हो गए, जिससे उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार गिर गई थी।
Dec 29 2023, 13:33