राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के खिलाफ केरल सरकार पहुंची सुप्रीम कोर्ट, अदालत ने केंद्र से मांगा जवाब
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सुप्रीम कोर्ट ने आठ विधेयकों पर निर्णय लेने में राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान की देरी के खिलाफ केरल सरकार की याचिका पर सोमवार को केंद्र को नोटिस जारी किया।दरअसल, केरल सरकार ने गवर्नर पर विधानसभा से पारित बिल लंबित रखने का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को केरल सरकार की याचिका पर केंद्र सरकार और केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। बता दें ये सभी विधेयक राज्यपाल की सहमति के लिए भेज गए थे लेकिन केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान इसे लेकर निष्क्रिय बने हुए हैं।
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्र सरकार और राज्यपाल के अतिरिक्त मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई 22 नवंबर को होगी। शीर्ष अदालत ने अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी को भी नोटिस जारी कर पूछा कि या तो वह या सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता सुनवाई में उनकी सहायता करें। बता दें कि यह 8 बिल सात महीने से लेकर दो साल तक की अवधि से लंबित पड़े हुए है। लंबित विधयेकों में विश्वविद्यालय कानून संशोधन विधेयक, केरल सहकारी सोसायटी संशोधन विधेयक और सार्वजनिक स्वास्थ्य विधेयक शामिल हैं।
केरल सरकार की ओर से पूर्व अटाॅर्नी जनरल ऑफ इंडिया केके वेणुगोपाल पक्ष रखते हुए कहा कि करीब 8 विधेयक ऐसे हैं जो कई महीनों से राज्यपाल के लंबित हैं।सुनवाई के दौरान वेणुगोपाल ने कहा कि गवर्नरों को इस बात का बिल्कुल भी एहसास नहीं है कि वे संविधान के अनुच्छेद 168 के तहत विधायिका का हिस्सा हैं
बता दें कि केरल सरकार ने इस मामले में संविधान के अनुच्छेद 200 के तहत लंबित विधेयकों के संबंध में उचित आदेश पारित करने का आग्रह करते हुए उच्चतम न्यायालय का रुख किया था। याचिका में यह भी कहा गया है कि संविधान का अनुच्छेद 200 के तहत किसी भी राज्यपाल की जिम्मेदारी होती है कि वह विधायिका द्वारा पारित किसी भी विधेयक को उसके सामने प्रस्तुत होने पर वह घोषणा करेगा वह विधेयक पर सहमति देता है या वह उसे रोक देता है वह विधेयक को प्रेसिडेंट के पास भेज सकता है। याचिका में कहा गया कि जितनी जल्दी हो सके वह लंबित बिलों को उचित समय के भीतर निपटाने का आदेश राज्यपाल के लिए पारित करें।
Nov 20 2023, 16:22