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राजस्थान के दौसा में पुलिस सब इंस्पेक्टर ने बच्ची के साथ की दरिंदगी, शिकायत करने पहुंचे पिता को हवालात में डाला, उग्र लोगों ने किया प्रदर्शन

 राजस्थान में महिलाओं और बच्चियों के साथ बढ़ते अपराध थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। यहां आम जनता के रखवाले ही हवस के भूखे भेड़िए बनकर घूम रहे हैं। दौसा से एक इंसानियत को शर्मसार करने वाला एक मामला सामने आया है। यहां राजस्थान पुलिस के सब इंस्पेक्टर ने एक चार साल की मासूम बच्ची के साथ दरिंदागी की। बताया जा रहा है कि दौसा के राहुवास पुलिसथाना क्षेत्र में हुई इस घटना के क्षेत्र के लोगों में गुस्सा बढ़ गया।

इस घटना के विरोध में राहुवास पुलिस थाने के बाद सैकड़ो लोग विरोध प्रदर्शन करने पहुंचे और आरोपी सब इंस्पेक्टर के सिए फांसी की सजा की मांग करने लगे। इसके बाद एक वीडियो भी सामने आया। जिसमें दावा किया गया कि प्रदर्शन कर रहे कुछ ग्रामीणों ने मिलकर आरोपी पुलिस वाले को पीट दिया। वहीं इस घटना पर अब सियासत भी तेज हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने इस शर्मसार करने वाली घटना को लेकर राजस्थान सरकार पर सवाल खड़े किए हैं.।

वसुंधरा राजे ने कांग्रेस को घेरा

वसुंधरा राजे ने इस शर्मसार करने वाली घटना को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा है बीते पांच वर्षों में कांग्रेस ने राजस्थान को जो कुशासन दिया है, उसी का नतीजा है कि यहां बेटियों से दरिंदगी की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। दौसा में चार वर्ष की मासूम के साथ रेप की वारदात ने राजस्थान को एक बार फिर शर्मसार किया है। इस बेटी की चीखें तब तक प्रदेशवासियों के कानों में गूंजती रहेगी, जब तक कि अपराधियों को सजा नहीं मिल जाती और जब तक इस निष्क्रिय सरकार की विदाई नहीं हो जाती।

बीते पांच वर्षों में कांग्रेस ने राजस्थान को जो कुशासन दिया है, उसी का नतीजा है कि बेटियों से दरिंदगी की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही है। दौसा में चार वर्ष की मासूम के साथ दुष्कर्म की वारदात ने राजस्थान को एक बार फिर शर्मसार किया है। इस बेटी की चीखें तब तक प्रदेशवासियों के…

ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन

वहीं इस मामले में ग्रामीणों ने बताया कि सब इंस्पेक्टर भूपेंद्र सिंह क्षेत्र में एक किराए के मकान में रहता है। चार साल की मासूम बच्ची खेलते खेलते उसके कमरे के पास पहुंची थी। इसके बाद नशे में धुत सब इंस्पेक्टर ने चार साल की मासूम के साथ दरिंदगी की। बताया ये भी जा रहा है कि सब इंस्पेक्टर ने हैवानियत का विरोध करने वाले नाबालिग के पिता के साथ भी की है। वहीं चार साल की मासूम बच्ची के साथ हुई हैवानियत के बाद सैकड़ों की तादाद में गुस्साए ग्रामीणों ने राहुवास थाने के बाहर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।

बच्ची के पिता को हवालात में डाला

सूत्रों से मिली जानकारी में सामने आया है कि रहगर बस्ती में एक चार साल की बच्ची रहती है, जो खेलने के लिए घर से बाहर गई थी। इसी दौरान आरोपी सब- इंस्पेक्टर ने बच्ची को बहला फुसला कर अपने कमरे में बुला लिया उसके बाद रेप किया। इसके बाद बच्ची रोते हुए अपनी मां के पास पहुंची आपबीती बताई, जिसके बाद बच्ची के पिता पुलिस थाने शिकायत करने पहुंचे तो उल्टा बच्ची के पिता को पकड़कर हवालात में डाल दिया गया।

फिर नाबालिग के पिता के साथ भी मारपीट की गई और उनका हाथ तोड़ दिया गया। उसके बाद सब इंस्पेक्टर ने लड़की के पिता को कहा कि अब बच्ची को नहला दो ताकि सबूत मिट जाए। वहीं बताया ये भी जा रहा है कि विरोध प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों नेआरोपी पुलिस वाले को पिट दिया।

भारत-अमेरिका के बीच 'टू प्लस टू मीटिंग', डिफेंस प्रोडक्शन, इजरायल-हमास जंग और चीन से निपटने को लेकर हुई बात

#india_us_two_plus_two_ministerial_level_talks

भारत और अमेरिका के बीच शुक्रवार को 'टू प्लस टू' वार्ता हुई। इसमें कई मुद्दों पर दोनों पक्षों में बातचीत हुई। बैठक के बाद भारत के विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने बताया कि इस बैठक में कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। इस दौरान कनाडा में खालिस्तानी गतिविधियों को लेकर भारत ने अमेरिका से चिंता जाहिर की है। 'टू प्लस टू' मंत्रिस्तरीय वार्ता के दौरान खतरनाक एमक्यू-9बी ड्रोन हासिल करने के लिए भी बात हुई।

विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने एक प्रेस वार्ता में कहा, ‘हमने अपनी चिंताओं को बिल्कुल स्पष्ट कर दिया है।’ 'टू प्लस टू' मंत्रिस्तरीय वार्ता में अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने किया, जबकि विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय पक्ष का नेतृत्व किया। क्वात्रा ने कहा, ''हमारी मुख्य चिंता सुरक्षा को लेकर है और मुझे यकीन है कि आप सभी हाल ही में एक ऐसे व्यक्ति के, सामने आए वीडियो से अवगत होंगे।

विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने बताया कि हमने अपनी चिंताओं को साफ कर दिया है। हमारी मुख्य चिंता सुरक्षा को लेकर है। सभी को गुरपतवंत सिंह पन्नू के वीडियो के बारे में मालूम है, जो बहुत ही गंभीर सुरक्षा चिंता पैदा कर रहा है। अमेरिका ने कहा कि भारत और कनाडा को सहयोगात्मक तरीके से इस मतभेद को सुलझाने का रास्ता खोजना चाहिए।

नई दिल्ली में हुई इस बैठक के दौरान इजरायल-हमास जंग पर भी बात की गई। अमेरिका ने कहा है कि भारत-अमेरिका दोनों ही देश इजरायल के साथ खड़े हैं। वहीं, भारत ने भी इस बैठक में फिलिस्तीन की स्थापना के लिए बातचीत फिर से शुरू करने की वकालत की। भारत ने ये भी कहा कि मध्य पूर्व के हालात चिंता का विषय हैं।

'टू प्लस टू' मंत्रिस्तरीय वार्ता में भारत-अमेरिका के बीच हथियारों के सहयोग को बढ़ाने पर चर्चा की गई। अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने बताया कि भारत-अमेरिका डिफेंस इंडस्ट्रीज पार्टनरशिप के तहत लड़ाकू विमानों को मिलकर बनाएंगे। उन्होंने बताया कि बख्तरबंद वाहनों के प्रोडक्शन पर काम चल रहा है। ये बेहद अहम है। भारत के अमेरिका से 31 एमक्यू-9बी ड्रोन खरीददारी पर ऑस्टिन ने कहा कि इसका ऐलान सही समय पर कर दिया जाएगा।

पीएम मोदी ने मिलेट्स को बढ़ावा देने के लिए लिखा गीत, ‘अबंडेंस इन मिलेट्स’ ग्रैमी अवॉर्ड के लिए नॉमिनेट

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केन्द्र मोदी सरकार लगातार मोटे अनाज यानी मिलेट्स को बढ़ावा देने की कोशिशें कर रही है। इसको लेकर कई तरह के कार्यक्रमों का बी आयोजन किया जा चुका है। यहां तक की जी 20 शिखर सम्मेलन में भी विदेसी मेहमानों के सामने मोटे अनाज से बने व्यंजन पेश किए गए थे।यही नहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दुनिया को मोटे अनाज के फायदे बताने के लिए एक गीत भी लिखा है। अब पीएम नरेंद्र मोदी के सहयोग से लिखे गाने ‘एबंडेंस इन मिलेट्स’ को बेस्ट ग्लोबल म्यूजिक परफॉर्मेंस कैटेगरी में ग्रैमी पुरस्कार के लिए नॉमिनेट किया गया है।

‘एबंडेंस इन मिलेट्स’ गीत को भारतीय-अमेरिकी गायक फाल्गुनी शाह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सहयोग से लिखा था। ये गाना फाल्गुनी शाह और उनके पति गौरव शाह ने ही गाया है।गाने को कंपोज करने में फाल्गुनी का साथ उनके पति और म्यूजिशियन गौरव शाह ने दिया है। खास बात ये है कि इस गीत में पीएम मोदी भी नजर आए हैं।‘एबंडेंस इन मिलेट्स‘ गीत को ग्रैमी अवार्ड के बेस्ट ग्लोबल म्यूजिक परफॉर्मेंस श्रेणी में नामांकित किया गया है।

‘एबंडेंस इन मिलेट्स‘ गीत 16 जून को रिलीज हुआ था। इस गीत के रिलीज होने से पहले खुद फाल्गुनी शाह ने ये बताया कि ये गीत पीएम मोदी ने मेरे और मेरे पति गौरव शाह के साथ मिलकर लिखा है। उन्होंने बताया था कि यह गीत अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष का जश्न मनाने के लिए तैयार किया गया है।दरअसल, वर्ष 2023 को ‘‘अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष’’ के रूप में नामित किया गया है, जिसके लिए भारत द्वारा एक प्रस्ताव लाया गया था और संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) के शासी निकायों के सदस्यों के साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र महासभा के 75वें सत्र द्वारा इसका समर्थन किया गया था।

ऐसा पहली बार है जब किसी राजनेता को दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित ग्रैमी नॉमिनेशन में जगह मिली हो।इस गाने में मिलेट्स फूड यानी बाजरा की खेती और अनाज के तौर पर इसकी उपयोगिता के बारे में बात की गई है।

आप सांसद संजय सिंह का सनसनीखेज दावा, बोले- केजरीवाल की सिर्फ गिरफ्तारी नहीं, बल्कि बड़ी घटना को दिया जाएगा अंजाम

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आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह शुक्रवार को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया। यहां संजय सिंह ने मीडिया के सामने बड़ा दावा किया। आप सांसद ने केजरीवाल को फंसाने को लेकर बड़ी साजिश रचे जाने का दावा किया।बता दें कि ईडी ने शराब नीति घोटाले में पिछले दिनों दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को समन भेजा था। हालांकि वह ईडी के सामने पेश नहीं हुए। उन्होंने एजेंसी के नोटिस को राजनीति से प्रेरित और गैर कानूनी बताया था।

राउज एवेन्यू कोर्ट में पेशी के लिए आप सांसद सांसद संजय सिंह को जमानत नहीं मिली। दिल्ली शराब नीति घोटाले में गिरफ्तार संजय सिंह के मामले और जमानत याचिका पर सुनवाई 24 नवंबर को होगी। कोर्ट ने उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया। यानी संजय सिंह की दिवाली जेल में ही मनेगी। आप सांसद ने कोर्ट से बाहर निकलते हुए एक बड़ा दावा किया। उन्होंने कहा- ” ये केजरीवाल को फंसाने की बहुत बड़ी साजिश है। सिर्फ गिरफ्तारी नहीं, ये लोग केजरीवाल के साथ बड़ी घटना को अंजाम देने वाले हैं।” 

आम आदमी पार्टी के एक्स हैंडल से इस भी वीडियो को इसी कैप्शन के साथ शेयर किया गया है। जिसमें संजय सिंह बड़ा खुलासा करते हुए कह रहे हैं कि अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी ही नहीं बल्कि उन्हें फंसाने की पूरी साजिश है और कुछ बड़ी घटना हो सकती है। 

बता दें कि दिल्ली शराब घोटाले में राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पहले से ही जेल में बंद हैं। इसके बाद पिछले दिनों जांच एजेंसी ईडी ने अरविंद केजरीवाल को भी समन जारी किया था। उन्हें 2 नवंबर को पेश होने को कहा गया था। हालांकि वह ईडी के सामने पेश नहीं हुए थे और उन्होंने ईडी के समन को गैरकानूनी बता दिया था। इसके बाद दिल्ली विधानसभा में आप विधायकों की एक बैठक बुलाई गई थी। यह बैठक सीएम केजरीवाल को ईडी का समन और उनकी गिरफ्तारी की आशंका को लेकर बुलाई गई थी। इस बैठक एक बाद दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी ने कहा था कि अगर केजरीवाल गिरफ्तार होते हैं तो दिल्ली सरकार जेल से चलेगी।

क्या महाराष्ट्र में फिर आने वाला है सियासत बवंडर? शरद पवार से मिलने के बाद तुरंत दिल्ली पहुंचे अजीत पवार

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क्या सुलझ जाएगी पवार परिवार की लड़ाई? शरद पवार और अजीत पवार को लेकर ये सवाल बार बार उठते रहे हैं। दरअसल, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में दो फाड़ होने के बाद शरद पवार और अजीत पवार के बीच तनाव की बता होती रही है। हालांकि, दोनों नेताओं ने बार बार इस बात को झुठलाया है। यही नहीं, अजीत पवार के एनडीए के साथ आने के बाद भी चाचा-भतीजा की मुलाकातें होती रही हैं। जिसके बाद 'चाचा-भतीजा' का जिक्र होता रहा है। एक बार फिर इसी तरह के हालात बने हैं। दरअसल, शरद पवार और अजित पवार एक बार फिर साथ मिले। दिवाली के मौके पर शरद पवार के भाई प्रताप पवार से उनके आवास पर मुलाकात हुई। शरद पवार से मुलाकात के तुरंत बाद अजित पवार दिल्ली पहुंचे हैं। यहां वो केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिल सकते हैं। इससे महाराष्‍ट्र के राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई हैं।

महाराष्‍ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार पिछले कुछ दिनों से बीमार थे। उनके कार्यालय ने कल कहा था कि अजित पवार कुछ और दिन आराम करेंगे और पवार परिवार की दिवाली के लिए बारामती नहीं जाएंगे। लेकिन शुक्रवार को उन्होंने स्वास्थ्य कारणों को किनारे रखते हुए पुणे में शरद पवार से मुलाकात की। शरद पवार, अजित पवार, सुप्रिया सुले, सुनेत्रा पवार और परिवार के अन्य सदस्य पुणे के बानेर में शरद पवार के भाई प्रता राव पवार के घर पर जमा हुए। इस मुलाकात और बातचीत के बाद अजित पवार विशेष विमान से सीधे दिल्ली के लिए रवाना हो गए। जिसे लेकर लेकर भी राजनीतिक गलियारों में कई तरह की अटकलें लगाई जा रही है।

बता दें कि अजित पवार के नेतृत्व में कई विधायकों ने कुछ महीने पहले बगावत कर दी थी। इसके बाद ये लोग सीएम एकनाथ शिंदे और बीजेपी की सरकार में शामिल हो गए। इस सरकार में अजित पवार डिप्टी सीएम बन गए। एनसीपी में इस टूट के बाद अजित पवार और शरद पवार कई दफे मुलाकात कर चुके हैं। हालांकि दोनों गुट पार्टी के चुनाव सिंबल पर दावा कर रहे हैं। इसको लेकर चुनाव आयोग में मामला चल रहा है

कतर की कोर्ट में भारत की अर्जी दाखिल, मौत की सजा पाए 8 पूर्व नौसेना अफसरों को छुड़ाने के लिए लड़ेगा हिंदुस्तान

 भारत सरकार ने अक्टूबर में कतर की एक अदालत द्वारा आठ पूर्व भारतीय नौसेना अधिकारियों को सुनाई गई मौत की सजा के जवाब में अपील दायर कर दी है। जासूसी के कथित आरोप में सितंबर 2022 में गिरफ्तार किए गए अधिकारी, उनकी कानूनी स्थिति को संबोधित करने के लिए भारत के राजनयिक प्रयासों का केंद्र रहे हैं।

अपील और गोपनीयता

भारत के विदेश मंत्रालय ने खुलासा किया कि अदालत के फैसले की गोपनीय प्रकृति पर जोर देते हुए अपील की गई है। मंत्रालय ने कहा है कि, "फैसला गोपनीय है। जिस अदालत ने फैसला सुनाया है, उसे हमारी कानूनी टीम के साथ साझा किया गया है। सभी कानूनी विकल्पों पर विचार करते हुए अपील दायर की गई है।"

कांसुलर पहुंच और निरंतर सहायता

भारतीय अधिकारी कतरी अधिकारियों के साथ सक्रिय रूप से जुड़े हुए हैं और हिरासत में लिए गए व्यक्तियों तक राजनयिक पहुंच सुनिश्चित की है। विदेश मंत्रालय ने मामले की संवेदनशील प्रकृति के कारण अटकलबाजी के खिलाफ आग्रह करते हुए, चल रहे कानूनी और कांसुलर समर्थन पर जोर दिया।

जासूसी के आरोप और गिरफ्तारियां

पूर्व नौसेना अधिकारियों को शुरू में व्यापारिक प्रतिद्वंद्विता और मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित आरोपों में गिरफ्तार किया गया था। हालाँकि, बाद के घटनाक्रमों में जासूसी, विशेष रूप से इज़राइल के लिए जासूसी के आरोप सामने आए। इन व्यक्तियों को कतर नौसेना को प्रशिक्षण और परामर्श सेवाएं प्रदान करने वाली कंपनी दहारा ग्लोबल टेक्नोलॉजी एंड कंसल्टेंसी द्वारा नियोजित किया गया था।

आरोपों का विवरण

आरोपी अधिकारी कथित तौर पर कतर और एक इतालवी जहाज निर्माण कंपनी, 'फिनकैंटिएरी एसपीए' के ​​बीच एक समझौते से जुड़े पनडुब्बी कार्यक्रम की जासूसी कर रहे थे। कतर का आरोप है कि भारतीय अधिकारी पनडुब्बी कार्यक्रम की गोपनीय जानकारी इजराइल के साथ साझा कर रहे थे. जबकि कतर ने जासूसी गतिविधियों का संकेत देने वाले संचार को रोकने का दावा किया है, भारत के साथ कोई सबूत साझा नहीं किया गया है।

पारिवारिक व्यस्तता और चिंता

भारत सरकार हिरासत में लिए गए अधिकारियों के परिवार के सदस्यों के संपर्क में है और निरंतर समर्थन का आश्वासन दिया है। सामने आ रही स्थिति नाजुक कूटनीतिक संतुलन को रेखांकित करती है क्योंकि भारत कानूनी जटिलताओं से निपटना चाहता है और विदेशी क्षेत्राधिकार में अपने नागरिकों के हितों की रक्षा करना चाहता है।

कुमार विश्वास की सुरक्षा में तैनात CRPF के जवान हटाए गए, जानें क्यों किया गया ऐसा

#crpfcommandodeployedforthesecurityofpoetkumar_vishwas

कवि कुमार विश्वास की सुरक्षा में तैनात केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों को ड्यूटी से हटा दिया गया है।कुमार विश्वास की सुरक्षा से हटाए गए कमांडो की जगह दूसरे कमांडो के एक बैच को ड्यूटी पर तैनात किया गया है। हाल ही में हुई रोड रेज की कथित घटना के बाद ये फैसला लिया गया है।इसकी जानकारी अधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को दी।बता दें कि कवि कुमार विश्वास के सुरक्षाकर्मियों और एक निजी डॉक्टर के बीच कार निकालने को लेकर विवाद हो गया था। जिसके बाद गाजियाबाद पुलिस ने 9 नवंबर को दोनों पक्षों की एफआईआर दर्ज कर ली है। सशस्त्र कर्मियों पर डॉक्टर ने मारपीट के आरोप लगाए हैं।

आधिकारिक सूत्रों ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि कुमार विश्वास की वीआईपी सुरक्षा में तैनात तीन सीआरपीएफ जवानों को ड्यूटी से हटा दिया गया है और कमांडो की एक अन्य टीम ने उनकी जगह ले ली है। सूत्रों ने कहा कि सीआरपीएफ जवानों को आठ नवंबर को हुई रोड रेज की कथित घटना की जांच लंबित रहने तक ड्यूटी से हटाया गया है। सीआरपीएफ महानिदेशक एस एल थाओसेन ने घटना की समीक्षा के बाद कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का आदेश दिया है।

क्या है है मामला

दरअसल, यह पूरा मामला उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद का है, जब कुमार विश्वास 8 नवंबर को गाजियाबाद से अलीगढ़ में एक कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे थे। इस दौरान एक डॉक्टर ने आरोप लगाया था कि कुछ सशस्त्र कर्मियों ने उसके साथ मारपीट की है। वहीं, कुमार विश्वास की टीम की ओर से भी थाने में शिकायत कराई गई थी कि उनके काफिले में एक कार घुस गई और उनके वाहनों को टक्कर मारने की कोशिश की गई, जिसके बाद सुरक्षाबलों ने विरोध किया तो, कार चालक ने हमला कर दिया। हालांकि, शुरुआती जांच के बाद पुलिस द्वारा कहा गया था कि हमले के आरोप साबित नहीं हुए हैं।

बता दें कि कुमार विश्वास द्वारा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर खालिस्तान समर्थकों का समर्थन करने का आरोप लगाने के बाद केंद्र ने पिछले साल उन्हें सीआरपीएफ की वीआईपी सुरक्षा इकाई का एक छोटा सा ‘वाई’ श्रेणी का सशस्त्र सुरक्षा कवर प्रदान किया था।

सुप्रीम कोर्ट की पंजाब के राज्यपाल को खरी-खरी, सीजेआई बोले-उनको अंदेशा है वो आग से खेल रहे हैं?

#punjabgovtvsgovernorpurohitrowcjisaidheisplayingwithfire

सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब में सरकार और राज्यपाल के बीच जारी डेडलॉक की स्थिति पर चिंता जाहिर की है। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को इस मामले पर अपनी टिप्पणी में कहा कि पंजाब में जो हो रहा है, वह बेहद चिंताजनक है और वह इससे बिल्कुल भी खुश नहीं हैं। चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा है कि क्या राज्यपाल को इस बात का जरा भी अंदेशा है कि वो आग से खेल रहे हैं? 

सुप्रीम कोर्ट ने विधानसभा द्वारा पारित विधेयकों को मंजूरी देने में देरी को लेकर शुक्रवार को पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित से नाराजगी जताई और सुनवाई के दौरान कहा कि आप आग से खेल रहे हैं। सीजेआई चंद्रचूड़ ने पंजाब राज्यपाल के वकील से पूछा कि अगर विधानसभा का कोई सत्र अवैध घोषित हो भी जाता है तो सदन द्वारा पास किया गया बिल कैसे गैरकानूनी हो जायेगा? 

क्या ऐसे देश का संसदीय लोकतंत्र बचेगा?

सीजेआई ने आगे कहा कि अगर राज्यपाल को लगता भी है कि बिल गलत तरीके से पास हुआ है तो उसे विधानसभा अध्यक्ष को वापस भेजना चाहिए। अगर राज्यपाल इसी तरीके से बिल को गैरकानूनी ठहराते रहे तो क्या ऐसे देश का संसदीय लोकतंत्र बचेगा?

पंजाब सरकार ने कहा- बिल रोकने के बहाने राज्यपाल बदला ले रहे

सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल के वकील से पूछा कि आप किसी बिल को अनिश्चित काल के लिए नहीं रोक कर रख सकते हैं। सिंघवी ने पंजाब सरकार की तरफ से कहा कि बिल रोकने के बहाने राज्यपाल बदला ले रहे हैं। चीफ जस्टिस ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि आखिर संविधान में कहा लिखा है कि राज्यपाल स्पीकर द्वारा बुलाए गए विधानसभा सत्र को अवैध करार दे सकते हैं। चीफ जस्टिस ने कहा कि मेरे सामने राज्यपाल के लिखे दो पत्र हैं जिसमें उन्होंने सरकार को कहा कि चूंकि विधानसभा का सत्र ही वैध नहीं है तो वो बिल पर अपनी मंजूरी नहीं दे सकते हैं।

बता दें कि पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित का कहना है कि पंजाब सरकार द्वारा जून में बुलाया गया विधानसभा सत्र असंवैधानिक है, इसलिए इस सत्र में किए गए काम भी असंवैधानिक हैं। वहीं सरकार का कहना है कि अभी सत्र का सत्रावसान नहीं हुआ है तो सरकार जब चाहे सत्र बुला सकती है।

एमपी के सतना में राहुल गांधी ने बीजेपी और नरेन्द्र मोदी पर बोला हमला, कहा-बेरोजगारी के मुद्दे पर सरकार को घेरा

#rahulgandhiattackspmmodiinsatna_rally

मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मियां जोरों पर हैं। सभी दलों के दिग्गज चुनावी रैली कर जनता को अपने-अपने पाले में करने में जुटे हैं। इसी क्रम में आज कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने मध्यप्रदेश में एक रैली को संबोधित का। राहुल गांधी ने रैली में एक बार फिर बीजेपी पर निशाना साधते हुए युवाओं की बेरोजगारी का मुद्दा उठाया है।

सतना के बीटीआई ग्राउंड में जनसभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि आज हर युवा कह रहा है कि वह बेरोजगार है। इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर चुके लोग कुली बनने पर मजबूर हैं। मैं कन्याकुमारी से कश्मीर 4000 किमी तक पैदल चला। बहुत सारे लोगों से बात की। हर वर्ग से मिला। इस दौरान में दो सवाल पूछता था। क्या कर रहे हो, कितना पढ़े हो। जबाव मिलता था इंजीनियरिंग की है, डॉक्टरी की है, लीगल स्ट्डीज की है, लेकिन बेरोजगार हैं। राहुल गांधी ने कहा कि ये युवा देश के निर्माण में, विकास में अपना योगदान देना चाहते हैं लेकिन इन्हें रोजगार नहीं मिल पा रहा है।

करोड़ों रुपये का सूट पहनते हैं मोदी जी-राहुल गांधी

राहुल गांधी ने कहा, देश और राज्य की सरकार को अफसर चलाते हैं। जिस राज्य में बीजेपी की सरकार है, उस राज्य में युवा बेरोजगार है। मध्य प्रदेश में ओबीसी की सरकार नहीं है, इस राज्य में ओबीसी की कोई भागीदारी नहीं है। मोदी जी हजारों करोड़ रुपये के हवाई जहाज में जाते हैं, करोड़ों रुपये का सूट पहनते हैं और कहते हैं कि हम ओबीसी हैं। 

एमपी में सरकार आते ही जातियों की गणना कराएंगे-राहुल गांधी

राहुल गांधी ने कहा कि मध्य प्रदेश में सरकार आते ही जातियों की गणना कराएंगे।देश में सरकार आते ही पूरे देश में जाति की गणना कराई जाएगी। जाति गणना देश का एक्सरे है।इससे आबादी और भागीदारी पता चलेगी तभी जनता का विकास हो सकता है, तस्वीर बदलेगी।

दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी, पराली जलाने से रोकना ही होगा, राज्य सरकारें उठाएं सख्त कदम

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दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण के मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की है।कोर्ट ने कहा कि हम 6 साल से इस समस्या पर चर्चा कर रहे हैं, लेकिन समस्या का समाधान होते हुए नहीं दिखाई दे रहा है।कोर्ट ने आगे कहा, आज दिल्ली में बारिश हुई है, शायद भगवान ने लोगों की प्रार्थना सुन ली और उनकी सहायता की है। इसके लिए सरकार को थैंक्यू नहीं बोला जा सकता है।सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख दिखाते हुए अपने आदेश में कहा कि पराली जलाने को तत्काल कैसे रोका जाए इस पर सरकारें मिलकर व्यवस्था तैयार करें। हमें सभी राज्यों के चीफ सेक्रेटरी को तलब करने पर मजबूर न करें।

दिल्ली की आबो-हवा बीते कई दिनों से बेहद खतरनाक स्थिति में है। ये मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है।प्रदूषण के मुद्दे पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। मामले की सुनवाई जस्टिस संजय किशन कौल सहित तीन जजों की बेंच ने की। बेंच ने सख्त रुख दिखाते हुए कहा कि पराली जलाने से रोकना होगा राज्य सरकारें कठोर कदम उठाये।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 6 साल से लगातारा प्रदूषण हो रहा है। तमाम कोशिशों के बावजूद यह अभी भी हो रहा है। अब हमें नतीजे चाहिए. जस्टिस कौल ने कहा कि हर साल प्रदूषण कि परेशानी होती है। पिछले 6 साल से लगातार ऐसा हो रहा है। एमाइकस क्यूरे ने कहा कि डेटा लगभग समान ही है। जस्टिस कौल ने कहा कि 32% कृषि अपशिष्ट के जरिए हो रहा है। 17% वाहनों की वजह से है। एमाइकस ने कहा कि 32% कई सोर्स से है। जैसे बायोमास व अन्य भी शामिल है। दिल्ली यह आपत्ति करता है कि प्रदूषण में अन्य राज्यों का योगदान है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हरियाणा और पंजाब में लगातार पराली जलाई जा रही है। दोनों में से सबसे ज्यादा पराली जलाने की घटनाएं पंजाब में हो रही हैं। पराली जलाने के कारण पंजाब में भूजल स्तर भी लगातार घट रहा है। पंजाब के कई इलाकों में लगातार जलाई जा रही पराली पर सुप्रीम कोर्ट ने आदेश देते हुए कहा कि पराली जलाने को तत्काल कैसे रोका जाए, इस पर सरकारें मिलकर व्यवस्था तैयार करें। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम एक और रेगिस्तान नहीं चाहते हैं। इसलिए क्यों न धान की खेती ही बंद कर दी जाए।फसल बदलने का कदम भी व्यापक कदमों में रखकर उठाया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पंजाब में किसान बहुत अच्छी तरह से संगठित हैं। कोर्ट ने पंजाब सरकार से भी पूछा है कि आप किसान संगठनों से बात क्यों नहीं करते हैं? सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि प्रदूषण का स्तर कम होना चाहिए, इसके लिए कल का इंतजार नहीं किया जा सकता।