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*बारिश में धुला भारत-पाकिस्तान मैच, अब सुपर-4 में महामुकाबले की आस, जानें कैसे पहुंचेगी टीम इंडिया?*

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भारत और पाकिस्तान के बीच शनिवार को खेला गया मैच बारिश के कारण रद्द हो गया। भारी बारिश ने पूरे मुकाबले का एक्साइटमेंट खत्म कर दिया। जिसके कारण भारतीय क्रिकेट टीम को एशिया कप में पाकिस्तान से खेलते देखने की चाह लेकर स्टेडियम पहुंचे और टीवी के सामने बैठे फैंस को काफी निराशा हुई। वैसे इस मुकाबले के बारिश से धुल जाने के बाद भी दोनों टीमों के बीच 2 मैच की संभावना है। पहला मैच को अगले हफ्ते ही देखने को मिल सकता है।

मैच रद्द होने के साथ ही भारत और पाकिस्तान को 1-1 अंक मिले। जिससे पाकिस्तान के 3 अंक हो गए हैं और वह सुपर 4 में पहुंच गई है। वहीं, अब भारत को सुपर 4 में पहुंचने के लिए हर हाल में नेपाल के खिलाफ मैच जीतना होगा।

भारत के लिए अब क्या हैं समीकरण

• नेपाल के खिलाफ भारत का मैच करो या मरो वाला हो गया है। नेपाल से जीतने पर टीम सुपर-4 में जाएगी। अगर हार जाती है तो नेपाल अगले दौर में पहुंच जाएगा।

• अगर नेपाल के खिलाफ भी मैच बारिश के कारण रद्द होता है तो भारत को एक अंक मिल जाएंगे और इससे उसके अंकों की कुल संख्या दो हो जाएगी। टीम इंडिया ऐसे में अगले राउंड में पहुंच जाएगी।

• नेपाल को अगले राउंड में पहुंचने के लिए हर हाल में जीत हासिल करनी होगी। उसे चमत्कारिक प्रदर्शन करना होगा। अगर मैच रद्द भी होता है तो उसे एक अंक ही मिलेंगे और वह दो मैच में कुल एक अंक के साथ बाहर हो जाएगा।

इससे पहले भारतीय क्रिकेट टीम एशिया कप के अहम मुकाबले में पाकिस्तान के खिलाफ पहले बल्लेबाजी करते हुए 48.5 ओवर में 266 रन पर आउट हो गई। पाकिस्तान के लिए तेज गेंदबाज शाहीन शाह अफरीदी ने सबसे ज्यादा चार, जबकि हारिस रऊफ और नसीम शाह ने तीन-तीन विकेट लिये। भारत के लिए हार्दिक पंड्या ने 87 और ईशान किशन ने 82 रन बनाये। वहीं, दूसरी पारी में एक भी गेंद नहीं फेंकी जा सकी थी।

*तमिलनाडु के सीएम स्टालिन के बेटे उदयनिधि के बिगड़े बोल, डेंगू-मलेरिया से की सनातन धर्म की तुलना, जाने भाजपा की प्रतिक्रिया

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तम‍िलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे और द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) सरकार में मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने बड़ा व‍िवाद‍ित बयान द‍िया है। उदयनिधि स्टालिन ने शनिवार को कहा कि सनातन धर्म मलेरिया और डेंगू की तरह है। इसलिए इसका न केवल विरोध किया जाना चाहिए बल्कि इसे पूरी तरह खत्म कर देना चाहिए।उदयनिधि स्टालिन के विवादित बयान के बाद विवाद शुरू हो गया है। सोशल मीडिया पर भाजपा नेताओं समेत कई लोग विरोध दर्ज करा रहे हैं।

सनातनम का विरोध नहीं, बल्कि उन्मूलन करना पहला काम-उदयन‍िध‍ि

बता दें कि तमिलनाडु प्रोग्रेसिव राइटर्स एसोसिएशन ने शनिवार (2 अगस्त) को चेन्नई में एक सम्मेलन आयोजित किया था, जिसका नाम रखा गया था- सनातनम (सनातन धर्म) उन्मूलन सम्मेलन। इस सम्मेलन को उदयनिधि स्टालिन ने भी संबोधित किया था।समाचार एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक, उदयनिधि ने कहा, "सनातन धर्म को खत्म करने के लिए आयोजित इस सम्मेलन में मुझे बोलने का मौका देने के लिए मैं आयोजकों को धन्यवाद देता हूं। मैं सम्मेलन को 'सनातन धर्म का विरोध' करने के बजाय 'सनातन धर्म का उन्मूलन' कहने के लिए आयोजकों को बधाई देता हूं।"उन्होंने आगे कहा, "कुछ चीजें हैं, जिन्हें हमें खत्म करना है और हम सिर्फ विरोध नहीं कर सकते। मच्छर, डेंगू, कोरोना और मलेरिया ऐसी चीजें हैं, जिनका हम विरोध नहीं कर सकते। हमें उन्हें खत्म करना है। सनातनम भी ऐसा ही है। सनातनम का विरोध नहीं, बल्कि उन्मूलन करना हमारा पहला काम है।"

सनातन समानता और सामाजिक न्याय के खिलाफ- उदयन‍िध‍ि

उदयन‍िध‍ि ने कहा क‍ि सनातन धर्म को खत्म करना और उसका विरोध न करना हमारा पहला काम होना चाहिए। सनातन क्या है? सनातन नाम संस्कृत से आया है। सनातन समानता और सामाजिक न्याय के खिलाफ है। सनातन का अर्थ 'स्थायित्व' के अलावा और कुछ नहीं है। इसे बदला नहीं जा सकता। कोई सवाल नहीं कर सकता। यही सनातन का अर्थ है।उदयन‍िध‍ि स्‍टाल‍िन ने कहा क‍ि केंद्र की बीजेपी सरकार शुरू से ही एक देश, एक धर्म और एक भाषा पर जोर देती रही है और डीएमके इसका विरोध करती रहेगी।

बीजेपी ने लगाया नरसंहार के लिए उकसाने का आरोप

उदयनिधि के बयान पर विवाद शुरू हो गया है। बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने आरोप लगाया कि तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन के बेटे और डीएमके सरकार में मंत्री सनातन धर्म को मानने वालों के नरसंहार की अपील कर रहे हैं। मालवीय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म को मलेरिया और डेंगू से जोड़ा है। उनका मानना है कि इसे खत्म किया जाना चाहिए, न कि केवल विरोध किया जाना चाहिए। संक्षेप में, वह सनातन धर्म को मानने वाली भारत की 80% आबादी के नरसंहार का आह्वान कर रहे हैं।" उन्होंने आगे लिखा, "डीएमके विपक्षी गुट (इंडिया) का एक प्रमुख सदस्य और कांग्रेस की पुरानी सहयोगी है। क्या मुंबई बैठक में इसी पर सहमति बनी थी?"

स्टालिन परिवार पर निशाना

तमिलनाडु भाजपा प्रमुख के अन्नामलाई ने स्टालिन परिवार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि गोपालपुरम परिवार का एकमात्र संकल्प राज्य सकल घरेलू उत्पाद से अधिक संपत्ति जमा करना है। उन्होंने आगे कहा कि उदयनिधि और उनके पिता के विचार ईसाई मिशनरियों से प्रभावित हैं। इन मिशनरियों का काम अपनी दुर्भावनापूर्ण विचारधारा को बढ़ावा देने के लिए इन जैसे मूर्खों को विकसित करना हैं। अन्नामलाई ने कहा कि तमिलनाडु अध्यात्म की भूमि है। उन्होंने कहा कि सबसे अच्छा काम जो आप कर सकते हैं। वह है इस तरह के कार्यक्रम में माइक पर अपनी निराशा व्यक्त करना। 

उदयनिधि बयान पर कायम

वहीं, तमिलनाडु के युवा कल्याण और खेल विकास मंत्री उदयनिधि स्टालिन अपने बयान पर कायम हैं। उन्होंने कहा कि वह अपने शब्दों पर कायम हैं और सनातन पर अपनी टिप्पणी से राजनीतिक विवाद पैदा होने के बाद किसी भी कानूनी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं। भाजपा नेता अमित मालवीय को जवाब देते हुए उदयनिधि ने कहा कि उन्होंने कभी भी सनातन धर्म के अनुयायियों के नरसंहार’ का आवाह्न नहीं किया। उन्होंने कहा कि वह अपने शब्दों पर कायम हैं और उन्होंने जोर देकर कहा कि वह हाशिये पर पड़े समुदायों की ओर से बोल रहे हैं, जो सनातन धर्म के कारण पीड़ित हैं।

राजस्थान में महिला को कथित तौर पर निर्वस्त्र घुमाए जाने की घटना पर राजनैतिक तापमान चढ़ा, पढ़िए, प्रियंका ने क्या कहा

राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले के धरियावद में 21 साल की एक आदिवासी महिला को कथित तौर पर निर्वस्त्र घुमाए जाने की सनसनीखेज घटना को लेकर सूबे का माहौल गर्म है। पुलिस ने इस मामले में उसके पति समेत आठ लोगों को हिरासत में लिया है। पुलिस महानिदेशक उमेश मिश्रा ने बताया कि 10 लोगों को नामित किया गया है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने घटना की कड़ी निंदा करते हुए सरकार से त्वरित न्याय देने की अपील की है। 

प्रियंका गांधी वाड्रा ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा- महिलाओं के खिलाफ अपराध की घटनाओं में त्वरित न्याय दिलाना अति आवश्यक है। ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई करते हुए अपराधियों को जल्द सजा दिलाई जानी चाहिए। राजस्थान सरकार ने त्वरित कार्रवाई कर अपराधियों की गिरफ्तारी की है। राज्य सरकार ने फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाकर आरोपियों को सजा दिलाने की घोषणा की है।

जी20 शिखर सम्मेलन के मेहमानों का मेन्यू होगा शुद्ध शाकाहारी, थाली में होगा भारत के हर कोने का व्यंजन

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देश की राजधानी नई दिल्ली G20 समिट को लेकर पूरी तरह से तैयार है। दिल्ली की सड़कों को भव्य रूप में सजाया गया है। इसके साथ ही दिल्ली को छावनी में बदल दिया गया है। राजधानी के सड़कों से लेकर उन सभी जगहों को कड़े सुरक्षा घेरे में रखा गया है, जहां विदेशी मेहमान ठहरने वाले हैं। इस बीच विदेशी मेहमानों को परोसे जाने वाले व्यंजनों के बारे में जानकारी सामने आई है। बताया जा रहा है कि भारत में जी20 के आयोजन में आने वाले मेहमानों को शाकाहारी भोजन ही परोसा जाएगा।यही नहीं विदेसी मेहमानों को भारतीय व्यंजनों में कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक अलग-अलग राज्यों के प्रसिद्ध पकवान परोसे जाएंगे।

खासतौर पर तैयार की गई 'मिलेट्स थाली'

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अगल महीने 9 और 10 तारीख को जी20 शिखर सम्मेलन आयोजित होने वाली है। समिट के मद्देनजर विदेशी मेहमानों को हिंदुस्तानी खाने का स्वाद चखाने के लिए खास तैयारी कर रहे हैं। भारत साल 2023 को मिलेट्स ईयर के तौर पर मना रहा है। ऐसे में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन समेत तमाम नेताओं और विदेशी डेलीगेट्स को 'मिलेट्स थाली' को खासतौर पर तैयार किया गया है। विदेशी मेहमानों के खाने की टेबल में 100 से ज्यादा पकवान रहेंगे। सबसे खास पकवान मिलेट्स थाली होगी। बाजरा, रागी, ज्वार और तिल जैसे मिलेट्स यानी मोटे अनाज से शेप स्टार्टर से लेकर मेन कोर्स और डेजर्ट तक कैसे तैयार होगा।मिलेट्स को मोदी सरकार ने 'श्रीअन्न' नाम दिया है।इस दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति से लेकर तमाम विदेशी मेहमानों के लिए व्यंजन तैयार करने का जिम्मा आईटीसी को दिया गया है।

मेन्यू में लिट्टी-चोखा, राजस्थानी दाल बाटी चूरमा भी

विदेशी मेहमानों को मिलेट्स थाली के अलावा अलग-अलग राज्यों की पहचान रखने वाले डिश भी परोसे जाएंगे। थाली में बिहार का लिट्टी चोखा और हरी मिर्च व लहसुन की चटनी, राजस्थान का अजवाइन का लच्छा पराठा और गट्टे की सब्जी, बंगाल का घी-भात, लखनऊ की नल्ली निहारी और कश्मीरी रोटी, कश्मीर का केसर कोरमा और बटर नान, मुंबई का बड़ा पाव और मसाला भेलपुरी, मिजोरम का ग्रीन मोमो, पंजाबी तड़का, दक्षिण भारत का मसाला डोसा, उत्तपम और इडली, बंगाली रसगुल्ले, जलेबी जैसे कई खास डिशेज और मिठाइयों को मेन्यू में शामिल किया गया है। देसी स्ट्रीट फूड में गोलगप्पे, दही भल्ले, समोसे और चटपटी चाट का स्वाद भी विदेशी मेहमानों को चखने को मिलेगा।

8 से 10 सितंबर तक बंद रहेंगी दुकानें

दिल्ली सरकार द्वारा जारी नोटिस के अनुसार, G-20 शिखर सम्मेलन को ध्यान में रखते हुए नई दिल्ली जिले में सभी दुकानें, वाणिज्यिक और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को 8 सितंबर से 10 सितंबर तक बंद रखने का फैसला लिया गया है। इस दौरान सभी कर्मचारियों या श्रमिकों को पेड हॉलिडे दिया जाएगा।

इंडिया’ नहीं ‘भारत’ है हमारे देश का नाम, इसकी आदत डालें लोग, आरएसएस प्रमुख का बड़ा बयान

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राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत गुवाहाटी में सकल जैन समाज के कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे। यहां संघ प्रमुख मोहन भागवत ने अपने संबोधन के दौरान बड़ी बात कही है। भागवत ने भारत को लेकर कहा कि सदियों से हमारे देश का नाम भारत है। दुनिया में कहीं पर भी जाए तो उसका नाम भारत ही रहना चाहिए। 

आरएसएस प्रमुख ने सकल जैन समाज के कार्यक्रम में संघ प्रमुख भागवत ने कहा कि भारत नाम प्राचीन समय से लगातार चला आ रहा है और हम सबको इसे आगे भी जारी रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारे देश का नाम सदियों से भारत ही है। भाषा कोई भी हो, लेकिन नाम एक ही रहता है।हम बोलने में, कहने में, लिखने में सर्वत्र भारत ही कहें। उन्होंने कहा, किसी को समझ में नहीं आए चिंता ना करें। उसकी जरूरत होगी तो समझ लेगा। हमको जरूरत नहीं है, उसको समझने की। हम अपने आप में स्वतंत्रता समर्थ हैं। आज दुनिया को हमारी जरूरत है। दुनिया हमारे बिना नहीं चल सकती है। हम सारी दुनिया को लेकर इसीलिए चलते हैं। सारे विश्व के प्राणी हमारे हैं यह हमारा ज्ञान है।

अभिभावकों से की खास अपील

आरएसएस प्रमुख ने दावा किया कि अगर अंग्रेजों ने भारतीय शिक्षा प्रणाली को हटाकर नई शिक्षा प्रणाली लेकर आए तो हमारी नई शिक्षा नीति बच्चों में देशभक्ति की भावना बढ़ाने की एक कोशिश है।आरएसएस प्रमुख ने अभिभावकों से अपने बच्चों को भारतीय संस्कृति, परंपरा और पारिवारिक मूल्यों के बारे में जानकारी देने का अनुरोध किया।संघ प्रमुख ने कहा कि वह सितंबर के अंतिम हफ्ते में एक कार्य दिवस को ‘अंतरराष्ट्रीय क्षमा दिवस’ के रूप में मनाए जाने के अनुरोध से सरकार को अवगत कराएंगे।

भागवत ने हिंदुस्तान को बताया हिंदू राष्ट्र

इससे पहले एक कार्यक्रम में आरएसएस प्रमुख ने कहा का कि वे सभी जो आज भारत में हैं, वे हिंदू संस्कृति, हिंदू पूर्वजों और हिंदू भूमि से संबंधित हैं, इनके अलावा और कुछ नहीं। कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने कहा, 'हिंदुस्तान एक हिंदू राष्ट्र है और यह एक सच्चाई है. वैचारिक रूप से, सभी भारतीय हिंदू हैं और हिंदू का मतलब सभी भारतीय हैं। भागवत ने कहा, कुछ लोग इस बात को समझ गए हैं, जबकि कुछ अपनी आदतों और स्वार्थ के कारण समझने के बाद भी इस पर अमल नहीं कर रहे हैं। इसके अलावा, कुछ लोग या तो इसे अभी तक समझ नहीं पाए हैं या भूल गए हैं।आरएसएस प्रमुख ने कहा कि स्वाभाविक है कि इस संबंध में वैश्विक जिम्मेदारी देश-समाज और उन मीडिया माध्यमों पर आएगी जो ‘विचारधारा’ का प्रसार करते हैं।

चंद्रयान-3 के बाद ISRO ने लॉन्च किया आदित्य एल 1, पीएम मोदी ने दी बधाई

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23 अगस्त की शाम को जब भारत के चंद्रयान-3 ने चांद के दक्षिणी हिस्से में सफल लैंडिंग की थी, तब हर कोई भावुक था क्योंकि ऐसा करने वाला भारत दुनिया का पहला देश था। अब ठीक 11 दिन बाद भारत ने अपने पहले सूर्य मिशन ‘आदित्य एल-1’ को लॉन्च किया।ये लॉन्चिंग आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से की गई है। ये मिशन भारत के लिए ऐतिहासिक है क्योंकि सूर्य की स्टडी करने के लिए ये भारत का पहला मिशन है। वैसे तो अभी तक अमेरिका समेत कई देशों ने सूर्य के अध्ययन के लिए सैटेलाइट भेजे हैं, लेकिन इसरो का आदित्य एल वन अपने आप में अनोखा है। 

शनिवार को सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर श्रीहरिकोटा के लॉन्चिंग पैड से भारत ने आदित्य एल-1 मिशन की सफल लॉन्चिंग की।आदित्य एल-1 की लॉन्चिंग के बाद कई चरणों में इसे पृथ्वी की कक्षा से बाहर किया जाएगा और सूरज की ओर भेजा जाएगा। श्रीहरिकोटा के सेंटर में इसरो चीफ एस. सोमनाथ, केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह समेत इसरो के तमाम बड़े वैज्ञानिक मौजूद रहे थे। श्रीहरिकोटा से आदित्य-एल1 को लेकर इसरो के पीएसएलवी रॉकेट के उड़ान भरने के दौरान भीड़ ने 'भारत माता की जय' के नारे लगाए।

महीने भर के भीतर दूसरा बड़ा मिशन सफल

एक घंटे से ज्‍यादा की यात्रा के बाद इसे निर्धारित कक्षा में स्‍थापित किया गया। अगले लगभग चार महीनों में करीब 15 लाख किलोमीटर की यात्रा कर यह एल1 पॉइंट तक पहुंचेगा।आदित्य-एल1 के सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित होने के के बाद इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने छोटी सी स्पीच दी। उन्होंने बताया कि स्पेसक्राफ्ट तय ऑर्बिट में प्‍लेस किया जा चुका है। पीछे तालियां बजती रहीं। सोमनाथ के चेहरे पर महीने भर के भीतर दूसरे बड़े मिशन के सफल होने की खुशी साफ झलक रही थी।

पीएम मोदी ने बधाई

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस मिशन को लेकर इसरो को बधाई दी है। पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा, 'चंद्रयान-3 की सफलता के बाद भारत ने अपनी अंतरिक्ष यात्रा जारी रखी है। भारत के पहले सौर मिशन, आदित्य -एल1 के सफल प्रक्षेपण के लिए इसरो के हमारे वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को बधाई। संपूर्ण मानवता के कल्याण के लिए ब्रह्मांड की बेहतर समझ विकसित करने के लिए हमारे अथक वैज्ञानिक प्रयास जारी रहेंगे।'

इसरो चीफ के साथ वैज्ञानिकों की पूरी टीम ने तिरुपति में पूजा की

आदित्य एल-1 मिशन की लॉन्चिंग से पहले इसरो चीफ एस सोमनाथ के साथ वैज्ञानिकों की पूरी टीम तिरुपति पहुंची थी और तिरूपति बालाजी मंदिर में मिशन की सफलता के लिए उन्होंने प्रार्थना की थी। इसके पहले इसरो की टीम ने आदित्य मिशन की सफलता के लिए आंध्र प्रदेश के चेंगलम्मा परमेश्वरी मंदिर में भी विशेष पूजा की थी। मिशन चंद्रयान की तरह इसरो के मिशन सूर्ययान को लेकर भी पूरे देश में उत्साह दिख रहा है। देश के अलग-अलग हिस्सों से आदित्य एलवन मिशन की कामयाबी के लिए पूजा-अर्चना की जा रही है।

सूर्य की सतह का अध्ययन आसपास की परिस्थितियां की जानकारी के साथ पांच साल तक रोजाना 1440 तस्वीर भेजेगा आदित्य L1

चांद के रहस्यों से पर्दा उठाने के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने सूर्य के रहस्यों को दुनिया के सामने लाने की तैयारी कर ली है। आज भारत अपना पहला सूर्य मिशन लॉन्च कर दिया है।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) आज अपना पहला सूर्य मिशन आदित्य-एल1 मिशन लॉन्च करने जा रहा है। भारत आज पहला सूर्य मिशन आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्‍पेस सेंटर से लॉन्च किया। इसरो के मुताबिक, इस मिशन को आज यानी 2 सितंबर की सुबह 11.50 पर लॉन्च किया गया।

चंद्र विजय करने के बाद से चांद की कई खूबसूरत तस्वीरें चंद सेकंड में ही हमारे पास आने लगी थी, ऐसे ही लोगों को इंतजार है कि वो पास से सूर्य की तस्वीरें ले सकें। गौरतलब है कि आदित्य एल-1 का पहला पेलोड विजिबल एमिशन लाइन कोरोनाग्राफ (VELC) लक्षित ऑर्बिट में पहुंचकर रोजाना एक हजार से अधिक तस्वीरें भेजेगा, जो अध्ययन में मददगार साबित होंगे।

केंद्र सरकार ने संसद का विशेष सत्र से पहले जारी किया नया आदेश, इन अफसरों को दिल्ली में ही रहने को कहा

 केंद्र सरकार ने संसद के विशेष सत्र से पहले अपनी सरकार के संयुक्त सचिव, अतिरिक्त सचिव, सचिव को दिल्ली में रहने को बोला है। दरअसल, सरकार ने 18 सितंबर से आरम्भ होकर 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र बुलाया गया है। ये सत्र G20 शिखर सम्मेलन के कुछ ही दिन बाद होगा। तथा ये सत्र केवल 5 दिनों का होगा। 

विशेष सत्र के एजेंडे के रूप में तो अभी कुछ भी नहीं बताया गया है, मगर संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने बताया, अमृत काल के बीच आयोजित होने वाले इस विशेष सत्र के चलते संसद में सार्थक चर्चा को लेकर आशान्वित हैं। दरअसल, संविधान के अनुच्छेद 85 (Article 85) में संसद का सत्र बुलाने का प्रावधान है। इसके तहत सरकार को संसद के सत्र बुलाने का अधिकार है। संसदीय मामलों की मंत्रिमंडल समिति फैसला लेती है जिसे राष्ट्रपति द्वारा औपचारिक रूप दिया जाता है, जिसके माध्यम से सांसदों (संसद सदस्यों) को एक सत्र में बुलाया जाता है। वैसे तो सरकार के पास कई बिल हैं, मगर कुछ हैं जिन्हें लेकर मोदी सरकार की खास दिलचस्पी को समझा जा सकता है। ऐसा ही एक बिल यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर है। राजनीतिक तौर पर देखें तो UCC बिल भी केंद्र में सत्ताधारी भाजपा के लिए धारा 370 तथा मंदिर मुद्दे जैसा ही है। और उसी के आगे जनसंख्या नियंत्रण बिल का भी नंबर आता है। दोनों ही एक ही लाइन की राजनीति को साधने के साधन हैं। 

UCC को लेकर केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने अब तक जो कुछ कहा है उससे यही समझ आया है कि इसे पहले भाजपा शासित प्रदेशों में ही प्रयोग के रूप में लागू किया जाएगा। उत्तराखंड में पायलट प्रोजेक्ट के तहत इस पर तेजी से काम भी चल रहा है। जहां तक जनसंख्या नियंत्रण के मुद्दे के सवाल हैं, भाजपा की राज्य सरकारें इस पर अपने अपने तरीके से बहुत आगे बढ़ चुकी हैं। इसे भी एक बिल का जामा पहनाया जा सकता है। लंबे वक़्त से महिला आरक्षण बिल लाये जाने की भी मांग होती रही है, जिसे लेकर सोनिया गांधी एवं राहुल गांधी की ओर से पीएम मोदी को पत्र भी लिखे जा चुके हैं। विशेष सत्र में ये बिल लाये जाने की भी संभावना व्यक्त की जा रही है।

G20 Summit 2023: दिल्ली की हुई “किलेबंदी”, वीवीआपी मेहमानों की सुरक्षा का अचूक इंतजाम, जानें डिटेल में

#g20_summit_2023_india_tight_security

दिल्ली में इन दिनों जी-20 शिखर सम्मेलन की तैयारियां जोर शोर से हो रही हैं। प्रशासन जी-20 शिखर सम्मेलन के मौके पर राजधानी में आने वाले विदेशी मेहमानों और वीवीआईपीस् की सुरक्षा में प्रशासन किसी भी तरह की कोई लापरवाही नहीं बरतना चाहता। इसलिए राजधानी दिल्ली में अगले हफ्ते होने जा रहे जी-2- सम्मेलन के लिए सिक्योरिटी के कड़े इंतजाम किए गए हैं। जमीन से लेकर आसमान तक हर जगह सुरक्षाबलों कड़ी निगरानी होगी।

अर्धसैनिक बलों के जवानों को भी सुरक्षा में तैनात किया गया

देश की राजधानी दिल्ली में होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन की सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद है। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकारियों ने कहा कि जी-20 शिखर सम्मेलन की योजना महीनों से तैयार की जा रही है। सुरक्षा व्यवस्था के लिए दिल्ली पुलिस मुख्य रूप से प्रमुख नोडल एजेंसी है। लेकिन सभी अर्धसैनिक बलों के जवानों को भी सुरक्षा में तैनात किया गया है।सूत्रों के मुताबिक सुरक्षा के लिए सीआरपीएफ के रक्षकों की पचास टीमें तैयार की गई हैं जिसमें लगभग 1000 जवान शामिल होंगे।इसके अलावा 300 बुलेटप्रुफ वाहनों को भी तैयार किया जा रहा है।कार्यक्रम स्थल के आसपास 500 से ज्यादा स्पेशल कमांडो की तैनाती रहेगी।

VVIP एयरक्राफ्ट की थ्री लेयर सिक्योरिटी होगी

G20 शिखर सम्मेलन में आ रहे अमेरिका, चीन, ब्रिटेन और फ्रांस जैसे देशों के राष्ट्राध्यक्षों के विमान पालम टेक्निकल एरिया में पार्क किए जाएंगे। बाकी देशों के राष्ट्राध्यक्षों के एयरक्राफ्ट IGI एयरपोर्ट पर एकांत जगह में तय की गई पार्किंग में खड़े किए जाएंगे। इन तमाम एयरक्राफ्ट की सुरक्षा कमांडोज़ के हाथों में होगी।सुरक्षा एजेंसियों ने बताया कि यूं तो दिल्ली एयरपोर्ट के अलावा जयपुर, लखनऊ, चंडीगढ़ और हिंडन एयरबेस के अलावा एक अन्य एयरपोर्ट को भी बैकअप के लिए रखा गया है।अधिकारियों का कहना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के एयरफोर्स-वन और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के रॉयल एयर फोर्स Voyager समेत तमाम देशों के राष्ट्राध्यक्षों के विमानों की सुरक्षा की जिम्मेदारी CISF को सौंप दी गई है। इसके कमांडो हर वक्त इनकी हिफाजत में तैनात रहेंगे। पालम टेक्निकल एरिया में एयरफोर्स भी इनकी निगरानी करेगी। एक तरह से इन VVIP एयरक्राफ्ट की थ्री लेयर सिक्योरिटी होगी। जिससे की इनके आसपास कोई अवांछनीय तत्व न फटक सके। तमाम एयरक्राफ्ट के दिल्ली लैंड करने के बाद इनकी टंकियां फुल कर दी जाएंगी। इसके लिए एयरक्राफ्ट को कहीं जाने की जरूरत नहीं होगी, बल्कि वह जहां पार्क होंगे, वहीं उनमें फ्यूल भरा जाएगा। एयरपोर्ट के अंदर एयरक्राफ्ट की सुरक्षा और ग्राउंड हैंडलिंग के लिए लगाए जा रहे तमाम कर्मचारियों का पुलिस वेरिफिकेशन किया जा रहा है। ताकि इस मामले में कहीं कोई चूक या लापरवाही ना रह जाए।

'एक राष्ट्र, एक चुनाव' के समर्थन में आए पंडित धीरेन्द्र शास्त्री, बोले- 'ये हमारा सौभाग्य है...'


बागेश्वर धाम सरकार पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' का समर्थन किया है। सतना से दिल्ली जाते समय उन्होंने कहा- ''राजनीति के मामले में उनका ज्ञान अनुभव सूक्ष्म और शून्य है फिर भी आर्थिक सुधार जैसे भी हो सके होना चाहिए। बहुत कम व्यय में चुनाव हों, उसी धनराशि को निर्धन लोगों में लगाया जाए। हमारे क्षेत्र में पिछड़े लोग बहुत हैं, बहुत अच्छे अस्पताल नहीं हैं, उसमें लगाया जाए तो निश्चित तौर पर बड़ा अच्छा होगा।''

धीरेंद्र शास्त्री ने RSS प्रमुख मोहन भागवत के हिन्दू राष्ट्र वाले मुद्दे पर कहा कि यदि संघ लग गया है तो भारत को हिन्दू राष्ट्र बनने से कोई नहीं रोक सकता। उन्होंने कहा कि ये हमारा एवं समूचे राष्ट्रवासियों का सौभाग्य है तथा भारत में रहने वाले हिंदुओं का सौभाग्य है कि इस देश का सबसे बड़ा संघ भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाने का दिव्य संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है। अब संघ ने कह दिया तो हिन्दू राष्ट्र बनने ही वाला है। हिन्दू राष्ट्र बनकर रहेगा।

बता दें कि, बागेश्वर धाम सरकार एवं कथावाचक पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री शुक्रवार को सतना जिले के मैहर स्थित मां शारदा शक्तिपीठ पहुंचे थे। यहां उन्होंने माई शारदा की पूजा अर्चना की थी। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की एक झलक पाने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा था। उनके साथ सेल्फी लेने वालों में भीड़ सी इकट्ठा हो गई थी। आलम यह रहा था भीड़ को नियंत्रण में करने के लिए सुरक्षाकर्मियों को पसीना आ गया था।