इंडिया’ नहीं ‘भारत’ है हमारे देश का नाम, इसकी आदत डालें लोग, आरएसएस प्रमुख का बड़ा बयान
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राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत गुवाहाटी में सकल जैन समाज के कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे। यहां संघ प्रमुख मोहन भागवत ने अपने संबोधन के दौरान बड़ी बात कही है। भागवत ने भारत को लेकर कहा कि सदियों से हमारे देश का नाम भारत है। दुनिया में कहीं पर भी जाए तो उसका नाम भारत ही रहना चाहिए।
आरएसएस प्रमुख ने सकल जैन समाज के कार्यक्रम में संघ प्रमुख भागवत ने कहा कि भारत नाम प्राचीन समय से लगातार चला आ रहा है और हम सबको इसे आगे भी जारी रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारे देश का नाम सदियों से भारत ही है। भाषा कोई भी हो, लेकिन नाम एक ही रहता है।हम बोलने में, कहने में, लिखने में सर्वत्र भारत ही कहें। उन्होंने कहा, किसी को समझ में नहीं आए चिंता ना करें। उसकी जरूरत होगी तो समझ लेगा। हमको जरूरत नहीं है, उसको समझने की। हम अपने आप में स्वतंत्रता समर्थ हैं। आज दुनिया को हमारी जरूरत है। दुनिया हमारे बिना नहीं चल सकती है। हम सारी दुनिया को लेकर इसीलिए चलते हैं। सारे विश्व के प्राणी हमारे हैं यह हमारा ज्ञान है।
अभिभावकों से की खास अपील
आरएसएस प्रमुख ने दावा किया कि अगर अंग्रेजों ने भारतीय शिक्षा प्रणाली को हटाकर नई शिक्षा प्रणाली लेकर आए तो हमारी नई शिक्षा नीति बच्चों में देशभक्ति की भावना बढ़ाने की एक कोशिश है।आरएसएस प्रमुख ने अभिभावकों से अपने बच्चों को भारतीय संस्कृति, परंपरा और पारिवारिक मूल्यों के बारे में जानकारी देने का अनुरोध किया।संघ प्रमुख ने कहा कि वह सितंबर के अंतिम हफ्ते में एक कार्य दिवस को ‘अंतरराष्ट्रीय क्षमा दिवस’ के रूप में मनाए जाने के अनुरोध से सरकार को अवगत कराएंगे।
भागवत ने हिंदुस्तान को बताया हिंदू राष्ट्र
इससे पहले एक कार्यक्रम में आरएसएस प्रमुख ने कहा का कि वे सभी जो आज भारत में हैं, वे हिंदू संस्कृति, हिंदू पूर्वजों और हिंदू भूमि से संबंधित हैं, इनके अलावा और कुछ नहीं। कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने कहा, 'हिंदुस्तान एक हिंदू राष्ट्र है और यह एक सच्चाई है. वैचारिक रूप से, सभी भारतीय हिंदू हैं और हिंदू का मतलब सभी भारतीय हैं। भागवत ने कहा, कुछ लोग इस बात को समझ गए हैं, जबकि कुछ अपनी आदतों और स्वार्थ के कारण समझने के बाद भी इस पर अमल नहीं कर रहे हैं। इसके अलावा, कुछ लोग या तो इसे अभी तक समझ नहीं पाए हैं या भूल गए हैं।आरएसएस प्रमुख ने कहा कि स्वाभाविक है कि इस संबंध में वैश्विक जिम्मेदारी देश-समाज और उन मीडिया माध्यमों पर आएगी जो ‘विचारधारा’ का प्रसार करते हैं।
Sep 02 2023, 15:37