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अक्साई चिन में चीन ने खोदी सुरंग, बना रहा बंकर, सैटेलाइट तस्वीरों से सामने आई ड्रैगन की चालबाजियां

#chinadugtunnelinaksaichinamakingbunkersatellitephotosrevealed 

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग जल्द ही भारत दौरे पर आने वाले हैं। दरअसल, चीन दिल्ली में आयोजित जी-20 सम्मेलन में शामिल होने वाला है। हालांकि इससे पहले भी वो अपनी चालाकियों से बाज नहीं आ रहा है।अभी हाल ही में चीन ने नया नक्शा जारी कर भारत के अरूणाचल प्रदेश और अक्साई चिन पर अपना दावा ठोका है। जिसके बाद देश में सियासी हलचल तेज हो गई है। इस बीच विभिन्न मीडिया रिपोट्स में ऐसा दावा किया जा रहा है कि चीन विवादित अक्साई चिन क्षेत्र में सुरंग भी बना रहा है।मैक्सार टेक्नोलॉजीज सैटेलाइट इमेज के ज़रिए चीन की नई साजिश का खुलासा हुआ है।

लद्दाख के देपसांग क्षेत्र से करीब 60 किमी पूरब में चीन की सेना ने सुरंग बनाना शुरू कर दिया है। सैनिकों और हथियारों के शेल्टर के तौर पर घाटी से लगती पहाड़ी में कई बंकर और शाफ्ट तैयार किए जा रहे हैं।इनका इस्तेमाल सैनिकों और हथियारों को रखने के लिए किया जा सकता है। यह क्षेत्र अक्साई चिन में पड़ता है, जो वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पूर्व में है। यह इलाका वैसे तो भारत का है लेकिन अभी चीन के कब्जे में है।

तीन जगहों पर बंकरों और तीन जगहों पर सुरंग बनाया जा रहा

मैक्सार टेक्नोलॉजीज सैटेलाइट इमेज से स्पष्ट होता है कि 6 दिसंबर 2021 और 18 अगस्त 2023 के बीच, चीन ने तीन जगहों पर बंकरों का निर्माण किया है और तीन अन्य स्थानों पर सुरंग बनाने की गतिविधि की है। सभी छह स्थान लगभग 15 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में हैं। इससे पहले मई में यह पता चला था कि चीन ने नए रनवे, विमानों के खड़े होने के लिए बेस और नए समर्थन और सैन्य संचालन भवनों का निर्माण करके एयरबेस का विस्तार किया है। अक्साई चिन वह हिस्सा है जिस पर चीन ने 1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान कब्ज़ा कर लिया था।

चीन को लेकर पहले भी हो चुके हैं ऐसे खुलासे

यह पहली बार नहीं है जब चीन की हरकतें सामने आई हैं। इससे पहले, ब्रिटेन स्थित एक थिंक टैंक ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि बीजिंग भारतीय सीमा के पास सेना की सुचारू तैनाती के लिए इन गतिविधियों में लिप्त है।

चैथम हाउस की रिपोर्ट में कहा गया कि मई 2020 में भारत के साथ सैन्य गतिरोध शुरू होने के बाद से चीनी पीएलए ने वास्तविक नियंत्रण रेखा के चीनी पक्ष पर चौकियों, शिविरों और विस्तारित सड़कों का एक नेटवर्क बनाया है। यह अक्टूबर 2022 के बाद से छह महीनों में ली गई उपग्रह छवियों के व्यापक अध्ययन पर आधारित थी।

नए नक्शे में अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन पर किया दावा

इससे पहले चीन ने सोमवार को नया नक्शा जारी कर अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन को अपनी सीमा में दिखाया। इस पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दो टूक कहा कि सिर्फ बेतुके दावे करने से दूसरों के क्षेत्र आपके नहीं हो जाते। उन्होंने कहा कि बीजिंग ने पहले भी उन क्षेत्रों पर दावा करते हुए ऐसे नक्शे जारी किए थे, जो उसके नहीं हैं। यह चीन की पुरानी आदत है।

बीजेपी ने पीएम मोदी को बताया “टर्मिनेटर”, पोस्टर शेयर कर कहा-सपने देखते रहें

#bjp_new_poster_pm_narendra_modi_terminator_reference 

2024 में होने वालले लोकसभा चुनाव में बीजेपी के हराने के लिए विपक्ष ने महागठबंधन बनाया है। इस गठबंधन इंडिया की तीसरी बैठक मुंबई में 31 अगस्त और 1 सितंबर को होने जा रही है।इंडिया की बैठक से एक दिन पहले भाजपा ने बुधवार को एक पोस्टर ट्वीट कर विपक्ष पर तंज कसा है।भाजपा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना टर्मिनेटर से करते हुए यह दावा किया है कि नरेंद्र मोदी को 2024 के लोक सभा चुनाव में हराने का सपना विपक्ष देखती रहे।

भाजपा ने बुधवार को अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट्स पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 'द टर्मिनेटर' बताने वाला पोस्टर रिलीज करते हुए लिखा है कि, " विपक्ष को लगता है कि पीएम मोदी को हराया जा सकता है। सपने देखते रहो! टर्मिनेटर हमेशा जीतता है। " पोस्टर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के चुनाव चिन्ह कमल के फूल को दिखाते हुए मोदी को टर्मिनेटर बताया गया है और उनकी तरफ से यह दावा किया गया है कि, " 2024 ! मैं वापस आऊंगा। "

वहीं, एक दूसरे पोस्ट में बीजेपी ने कांग्रेस की पूर्व के शासन काल को मजबूर सरकार का नाम दिया। पोस्ट में लिखा था कि 'कांग्रेस सरकार के दौरान जनता का हक बिचौलिए खाया करते थे'। इस पोस्ट में मोदी सरकार के बारे में कहा गया कि वो बिना बिचौलिए सीधे जनता का हक उनतक पहुंचता है।

2024 के लोकसभा चुनावों के लिए तैयारी तेज हो गई है, भाजपा और विपक्षी 'इंडिया' गुट दोनों ने क्रमशः 31 अगस्त और एक सितंबर को मुंबई में रणनीति बैठकों की घोषणा की है।लोकसभा चुनावों के लिए अपनी रणनीति पर चर्चा करने के लिए 26-दलों वाले विपक्षी 'इंडिया' गुट गुरुवार से मुंबई में दो दिवसीय बैठक करेगा।

जल्द ही शुरू होगा इंडियन आइडल का अगला सीजन, जज के पैनल में श्रेया घोषाल के नाम की लगी मुहर

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव 

सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन के लोकप्रिय रियलिटी शो 'इंडियन आइडल' का नया सीजन जल्द ही शुरू होने वाला है। इस सीजन में जज के पैनल में हिंदी सिनेमा की मशहूर गायिका श्रेया घोषाल के नाम की घोषणा हो चुकी है। श्रेया घोषाल 'इंडियन आइडल' में जज के रूप में दी गई इस नई जिम्मेदारी को लेकर बेहद उत्साह के साथ कहा कि 'इंडियन आइडल' की जोशीली दुनिया में फिर से प्रवेश करना मेरे लिए घर वापसी जैसे होता है।

सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन पर 'इंडियन आइडल' का नाए सीजन की वापसी एक बार फिर हो रही है। यह एक ऐसा रियलिटी शो है, जो देश के कोने- कोने से सिंगिंग सेंसेशन की खोज करता है। एक बार फिर इस रियलिटी शो के जरिए देश के अगले सिंगिंग रियलिटी सेंसेशन की खोज की जाएगी, जिसकी मधुर आवाज सभी के दिलों को छू जाएगी। श्रेया घोषाल कहती हैं, 'एक रियलिटी शो की प्रतिभागी होने से लेकर, इंडियन आइडल जैसे पसंदीदा शो को जज करने तक का मेरा सफर कठिन लेकिन शानदार रहा है।'जानी-मानी मेलोडी क्वीन श्रेया घोषाल ने इंडियन आइडल में जज के रूप में ली गई इस नई जिम्मेदारी को लेकर उत्साह जताते कहती हैं, 'इंडियन आइडल की जोशीली दुनिया में फिर से प्रवेश करना एक सुखद घर वापसी जैसा लगता है। मैं इंडियन आइडल जूनियर की जज रह चुकी हूं, लेकिन शो के इस संस्करण के लिए मेरा उत्साह कुछ और ही है, क्योंकि मुझे में सानू दा और विशाल के साथ फिर से जुड़ने का सौभाग्य मिला।' श्रेया घोषाल कहती हैं, 'भारतीय प्रतिभा की अगली लहर को ढूंढना और उनका हुनर संवारना बड़े सम्मान की बात है और भारत के अगले सिंगिंग सेंसेशन बनने की दिशा में उनके सफर का हिस्सा बनना खुशी की बात है। इंडियन आइडल के इस बहुप्रतीक्षित सीजन में जज के रूप में अपना सफर शुरू करने के लिए उत्सुक हूं। यह एक ऐसा शो रियलिटी शो है, जो देश के उभरते कलाकारों को अपनी प्रतिभा दिखाने और संगीत जगत की कार्यप्रणाली का अनुभव करने के लिए एक राष्ट्रीय मंच प्रदान करते हैं। मैं इस शो की बहुत बड़ी फैन रही हूं।'बता दें कि श्रेया घोषाल ने खुद ही जी टीवी के रियलिटी शो 'सारेगामापा' में प्रतिभागी के रूप में अपनी शुरुआत की थी। उस सम सोनू निगम ने इस कार्यक्रम की मेजबानी की थी। बात करें, इंडियन आइडल के नए सीजन की तो अभी तक टेलीकास्ट की डेट फाइनल नहीं हुई है।

इस बार 122 सालों में सबसे सूखा रहा अगस्त, 32 प्रतिशत कम हुई बारिश

#august_2023_is_india_driest_august_in_past_122_years

पिछले महीने देश के कई हिस्सों में सामान्य से ज्यादा बारिश हुई। खासकर हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में बारिश ने खूब तबाही मचाई। हालांकि, मानसून ब्रेक और कमजोर मानसून के चलते पूर्वोत्तर और हिमाचल-उत्तराखंड को छोड़कर देशभर में अगस्त महीने में बारिश की कमी रही। वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि भारत में 1901 के बाद से अगस्त सबसे सूखा रहा है। विशेषज्ञों ने यह भी कहा कि ये अल नीनो की स्थितियों के तीव्र होने का परिणाम है। बता दें कि अगस्त महीने में अब तक 32 फीसदी कम बारिश हुई है और अगले दो दिनों तक भी देश के एक बड़े हिस्से में कम बारिश होने का अनुमान जताया गया है।

इस साल मानसून 2015 के बाद से सबसे अधिक शुष्क

मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक इस साल का मानसून 2015 के बाद से सबसे अधिक शुष्क हो सकता है, जिसमें 13 प्रतिशत बारिश की कमी दर्ज की गई है।मौसम विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि अगस्त में अब तक 32% बारिश की कमी और अगले 48 घंटों में देश के एक बड़े हिस्से में बारिश की कम गतिविधियां होने के अनुमान के साथ, भारत 1901 के बाद से सबसे सूखा अगस्त का महीना घोषित किए जाने के कगार पर है।

अगस्त में 254.9 मिमी होती है बारिश

मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक अगस्त में अमूमन 254.9 मिमी बारिश होती है, जो मानसून के मौसम के दौरान होने वाली बारिश का लगभग 30 प्रतिशत है। मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार भारत में अगस्त 2005 में 25 प्रतिशत, 1965 में 24.6 प्रतिशत; 1920 में 24.4 प्रतिशत; 2009 में 24.1 प्रतिशत और 1913 में 24 प्रतिशत बारिश की कमी दर्ज की गई। 

अल नीनो के कारण कम बारिश

आईएमडी प्रमुख मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि अगस्त में सामान्य से कम बारिश का मुख्य कारण अल नीनो (दक्षिण अमेरिका के निकट प्रशांत महासागर में पानी का गर्म होना) के अलावा ‘मैडेन जूलियन ऑसिलेशन’ (एमजेओ) का प्रतिकूल चरण है। एमजेओ एक समुद्री-वायुमंडलीय घटना है जो दुनियाभर में मौसम की गतिविधियों को प्रभावित करती है। अल नीनो आमतौर पर भारत में कमजोर होती मानसूनी हवाओं और शुष्क मौसम से जुड़ा है।

महापात्र ने कहा, ‘एमजेओ के अनुकूल चरण के कारण कम दबाव प्रणाली न होने पर भी बारिश होती है। एमजेओ के अनुकूल चरण के कारण जुलाई में सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की गई थी। मौजूदा अल नीनो स्थितियों के प्रभाव में बंगाल की खाड़ी पर सामान्य पांच के मुकाबले केवल दो कम दबाव वाली प्रणालियां विकसित हुईं। अगस्त में सामान्य से कम बारिश का एक अन्य कारण दक्षिण चीन सागर में कम दबाव वाली प्रणालियों की कम संख्या थी और वे भी उत्तर की ओर बढ़ गईं। दक्षिण चीन सागर के ऊपर विकसित होने वाली कम दबाव वाली प्रणालियां आमतौर पर पश्चिम की ओर बढ़ती हैं, वियतनाम और थाईलैंड को पार करने के बाद उत्तरी बंगाल की खाड़ी तक पहुंचती हैं।

सितंबर में आखिरी बारिश के आसार

वैज्ञानिकों का अनुमान है कि 4 सितंबर के बाद करीब 10 दिनों तक इस सीजन की आखिरी बारिश हो सकती है। अनुमानों के मुताबिक देश के पश्चिमी हिस्से से मानसून की विदाई समय से पहले यानी 15 या 16 सितंबर से शुरू हो सकती है।

अब चांद पर प्रज्ञान ने क्लिक की लैंडर विक्रम की तस्वीर, इसरो ने की रिलीज़

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चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में सॉफ्ट लैंडिंग के बाद प्रज्ञान रोवर लैंडर विक्रम से नीचे उतरकर अपने काम में जुटा हुआ है। प्रज्ञान चांद की धरती पर चहलकदमी करते हुए डेटा जुटा रहा है। रोवर प्रज्ञान ने अब तक की महत्वपूर्ण जानकारियां भेजी हैं। चंद्रयान-3 मिशन के रोवर प्रज्ञान ने लैंडर विक्रम की तस्वीर ली है। हर बार की तरह इसरो ने इस तस्वीर को साझा किया है।अब तक जितनी भी तस्वीरें इसरो की तरफ से जारी की गई हैं वो विक्रम लैंडर के कैमरे से ली गई तस्वीरें हैं। पहली बार प्रज्ञान रोवर में लगे कैमरे से ली गई तस्वीर सामने आई है

इसरो ने लिखा ‘स्माइल प्लीज‘

इसरो ने एक ट्वीट में लिखा, ‘स्माइल प्लीज! प्रज्ञान रोवर ने आज सुबह विक्रम लैंडर की एक तस्वीर क्लिक की। फोटो रोवर प्रज्ञान (NavCam) पर लगे नेविगेशन कैमरे द्वारा ली गई। चंद्रयान-3 मिशन के लिए NavCams इलेक्ट्रो-ऑप्टिक्स सिस्टम लेबोरेटरी(LEOS) द्वारा विकसित किए गए हैं।’इसरो के मुताबिक, ये तस्वीरें 30 अगस्त को भारतीय समयानुसार सुबह 7 बजकर 35 मिनट पर क्लिक की गई हैं।

विक्रम और प्रज्ञान खोज करने में जुटे

बता दें कि विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर चांद पर लगातार कई खोज करने में जुटे हुए हैं। बीते दिन इसरो ने चांद पर ऑक्सीजन, आयरन, क्रोमियम, टाइटेनियम, एल्युमिनियम, कैल्शियम, मैगनीज, सिलिकॉन, सल्फर होने की पुष्टि की थी और अब प्रज्ञान रोवर की कोशिश यहां पर हाइड्रोजन खोजने की है।इसरो ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जानकारी शेयर की। उसने कहा-' रोवर पर लगे लेजर संचालित ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोप (एलआईबीएस) उपकरण ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास सतह में गंधक होने की स्पष्ट रूप से पुष्टि की है।उम्मीद के मुताबिक एल्युमीनियम, कैल्शियम, लौह, क्रोमियम, टाइटेनियम, मैंगनीज, सिलिकॉन और ऑक्सीजन का भी पता चला है। हाइड्रोजन की तलाश जारी है।' एलआईबीएस उपकरण को इलेक्ट्रो-ऑप्टिक्स सिस्टम्स (एलईओएस)/इसरो, बेंगलुरु की प्रयोगशाला में विकसित किया गया है। इसरो ने कहा, 'हाइड्रोजन की मौजूदगी के संबंध में गहन पड़ताल जारी है।' 

चंद्रयान-3 मिशन के मुख्य उद्देश्य

चंद्रमा पर विभिन्न तत्वों की उपस्थिति और प्रचुरता के बारे में जानकारी इकट्ठा करना चंद्रयान-3 मिशन के प्रमुख विज्ञान उद्देश्यों में से एक है, इस दिशा में एक से अधिक उपकरण काम कर रहे हैं। रोवर प्रज्ञान पर एलआईबीएस उपकरण, जिसे इसरो की इलेक्ट्रो-ऑप्टिक्स सिस्टम लेबोरेटरी (LEOS) द्वारा विकसित किया गया है, चट्टानों या मिट्टी से प्लाज्मा उत्पन्न करने के लिए एक हाई-एनर्जी पल्सर का उपयोग करता है। इसरो ने कहा, ‘प्लाज्मा अवस्था में, एलिमेंट्स ऐडिएशन की विशिष्ट वेवलेंथ उत्सर्जित करते हैं, जिनका उपयोग इन तत्वों की पहचान करने के लिए किया जा सकता है। रोवर पर मौजूद अन्य उपकरण, जिसे अल्फा पार्टिकल एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर कहा जाता है, का उद्देश्य भी चंद्र सतह की मौलिक संरचना का अध्ययन करना है।

आपको बता दें कि भारत द्वारा 14 जुलाई को चंद्रयान-3 मिशन लॉन्च किया गया था, 23 अगस्त को चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर ने चांद के साउथ पोल में सॉफ्ट लैंडिंग की। भारत इसी के साथ चांद के इस हिस्से पर लैंड करने वाला दुनिया का पहला देश बना था, साथ ही चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला दुनिया का चौथा देश था। भारत से पहले अमेरिका, चीन और सोवियत संघ सफलतापूर्वक चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग कर चुके हैं।

INDIA में नहीं होगा कोई संयोजक! 11 सदस्यों की बनेगी कोर्डिनेशन कमिटी

#india_mumbai_meeting_no_coordinator_in_opposition

2024 की लड़ाई के लिए सियासी दल तैयारी में जुट गए हैं। जुलाई में बेंगलुरु की बैठक में यूपीए ने अपना कायाकल्प कर नई पहचान इंडिया के नाम से बनाई। अब विपक्ष के इंडिया गठबंधन की अगली बैठक महाराष्ट्र के मुंबई में होनी है। 31 अगस्त को मुंबई में इंडिया की बैठक होने जा रही है। उससे पहले संयोजक पद को लेकर हलचल तेज़ है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संयोजक पद लेने से इनकार किया तो कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का नाम सामने आया। लेकिन अब जानकारी है कि मुंबई में होने वाली इस बैठक में संयोजक पद पर कोई फैसला नहीं होगा, इसकी जगह एक कमेटी का गठन किया जा सकता है।

पटना में 23 जून को पहली और बेंगलुरु में 17-18 जुलाई को दूसरी बैठक में केवल एक ही चर्चा सबसे ज्यादा रही। वह थी बिहार के सीएम नीतीश कुमार को I.N.D.I.A. गठबंधन का संयोजक बनाया जाएगा। मगर दोनों बैठकों में संयोजक पद पर चर्चा तक नहीं हुई। अब तीसरी बैठक 31 अगस्त और 1 सितंबर को मुंबई में होनी है, लेकिन अब सब कुछ बदला-बदला सा है। संयोजक पद को लेकर अलग-अलग चर्चा शुरू हो गई है। राजद सुप्रीमो लालू यादव ने कहा है कि गठबंधन में एक नहीं, कई संयोजक बन सकते हैं। वहीं, नीतीश कुमार ने संयोजक बनने से ही इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा- मुझे कुछ नहीं बनना है। सूत्रों की माने तो अब गठबंधन के भीतर किसी को भी संयोजक नहीं बनाने का मंथन भी चल रहा है। कई सहयोगी पार्टियों का मानना है कि जब भी कोई फैसला लेंगे तो सभी पार्टियां मिलकर लेगी। अभी गठबंधन में संयोजक पद की कोई जरूरत ही नहीं है।

माना जा रहा है कि इंडिया गठबंधन का संयोजक किसी और बनाए जाने के फैसले को कांग्रेस स्वीकार नहीं कर रही थी। वहीं तृणमूल और आप संयोजक का पद कांग्रेस को देने का विरोध कर रही है। शिवसेना उद्धव गुट और कुछ क्षेत्रीय पार्टियों ने सीट शेयरिंग को लेकर अपना फॉर्मूला दे दिया है। यही वजह है कि इस पद को लेकर खींचतान चल रही है। सूत्रों के मुताबिक, इंडिया गठबंधन में संयोजक पद को लेकर खींचतान बढ़ रही है और इस वजह से इस आइडिया को ही ड्रॉप किया जा सकता है। संयोजक पद की जगह अब 11 लोगों की कोऑर्डिनेशन कमेटी बनाई जा सकती है, जो गठबंधन के अहम फैसलों को लेगी।

बेंगलुरु की बैठक के बाद इसकी घोषणा हो चुकी है कि गठबंधन में 11 कोऑर्डिनेटर बनाए जाएंगे। इनका एक मुख्यालय दिल्ली में होगा। ये गठबंधन की सबसे पावरफुल बॉडी होगी। सीट बंटवारे से लेकर कैंडिडेट चयन तक में इनकी भूमिका होगी। सूत्र बताते हैं कि 11 कोऑर्डिनेटर के अलावा हर राज्यों में एक कमेटी बनाने पर विचार किया जा रहा है। इसमें 4-5 सदस्य होंगे। राज्य के हिसाब से इनमें क्षेत्रीय पार्टियों को शामिल किया जाएगा। जैसे बिहार में इसके सदस्य आरजेडी, जेडीयू और लेफ्ट पार्टियों के नेता होंगे। इसी तरह महाराष्ट्र में कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना (उद्धव गुट) के नेता शामिल होंगे। स्टेट कमेटी का मुख्य काम कोऑर्डिनेटर कमेटी से समन्वय स्थापित करना होगा।

बता दें कि INDIA गठबंधन में अभी करीब दो दर्जन पार्टियां हैं, आने वाली कुछ मीटिंग में नई पार्टियां भी इसमें शामिल हो सकती हैं। अभी तक लोकसभा चुनाव 2024 के लिए सीट शेयरिंग का फॉर्मूला तय नहीं हुआ है, हालांकि जल्द ही संयुक्त रैलियों की शुरुआत की जा सकती है ताकि देशभर में विपक्षी एकता का मैसेज दिया जा सके।

INDIA में नहीं होगा कोई संयोजक! 11 सदस्यों की बनेगी कोर्डिनेशन कमिटी

#india_mumbai_meeting_no_coordinator_in_opposition

2024 की लड़ाई के लिए सियासी दल तैयारी में जुट गए हैं। जुलाई में बेंगलुरु की बैठक में यूपीए ने अपना कायाकल्प कर नई पहचान इंडिया के नाम से बनाई। अब विपक्ष के इंडिया गठबंधन की अगली बैठक महाराष्ट्र के मुंबई में होनी है। 31 अगस्त को मुंबई में इंडिया की बैठक होने जा रही है। उससे पहले संयोजक पद को लेकर हलचल तेज़ है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संयोजक पद लेने से इनकार किया तो कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का नाम सामने आया। लेकिन अब जानकारी है कि मुंबई में होने वाली इस बैठक में संयोजक पद पर कोई फैसला नहीं होगा, इसकी जगह एक कमेटी का गठन किया जा सकता है।

पटना में 23 जून को पहली और बेंगलुरु में 17-18 जुलाई को दूसरी बैठक में केवल एक ही चर्चा सबसे ज्यादा रही। वह थी बिहार के सीएम नीतीश कुमार को I.N.D.I.A. गठबंधन का संयोजक बनाया जाएगा। मगर दोनों बैठकों में संयोजक पद पर चर्चा तक नहीं हुई। अब तीसरी बैठक 31 अगस्त और 1 सितंबर को मुंबई में होनी है, लेकिन अब सब कुछ बदला-बदला सा है। संयोजक पद को लेकर अलग-अलग चर्चा शुरू हो गई है। राजद सुप्रीमो लालू यादव ने कहा है कि गठबंधन में एक नहीं, कई संयोजक बन सकते हैं। वहीं, नीतीश कुमार ने संयोजक बनने से ही इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा- मुझे कुछ नहीं बनना है। सूत्रों की माने तो अब गठबंधन के भीतर किसी को भी संयोजक नहीं बनाने का मंथन भी चल रहा है। कई सहयोगी पार्टियों का मानना है कि जब भी कोई फैसला लेंगे तो सभी पार्टियां मिलकर लेगी। अभी गठबंधन में संयोजक पद की कोई जरूरत ही नहीं है।

माना जा रहा है कि इंडिया गठबंधन का संयोजक किसी और बनाए जाने के फैसले को कांग्रेस स्वीकार नहीं कर रही थी। वहीं तृणमूल और आप संयोजक का पद कांग्रेस को देने का विरोध कर रही है। शिवसेना उद्धव गुट और कुछ क्षेत्रीय पार्टियों ने सीट शेयरिंग को लेकर अपना फॉर्मूला दे दिया है। यही वजह है कि इस पद को लेकर खींचतान चल रही है। सूत्रों के मुताबिक, इंडिया गठबंधन में संयोजक पद को लेकर खींचतान बढ़ रही है और इस वजह से इस आइडिया को ही ड्रॉप किया जा सकता है। संयोजक पद की जगह अब 11 लोगों की कोऑर्डिनेशन कमेटी बनाई जा सकती है, जो गठबंधन के अहम फैसलों को लेगी।

बेंगलुरु की बैठक के बाद इसकी घोषणा हो चुकी है कि गठबंधन में 11 कोऑर्डिनेटर बनाए जाएंगे। इनका एक मुख्यालय दिल्ली में होगा। ये गठबंधन की सबसे पावरफुल बॉडी होगी। सीट बंटवारे से लेकर कैंडिडेट चयन तक में इनकी भूमिका होगी। सूत्र बताते हैं कि 11 कोऑर्डिनेटर के अलावा हर राज्यों में एक कमेटी बनाने पर विचार किया जा रहा है। इसमें 4-5 सदस्य होंगे। राज्य के हिसाब से इनमें क्षेत्रीय पार्टियों को शामिल किया जाएगा। जैसे बिहार में इसके सदस्य आरजेडी, जेडीयू और लेफ्ट पार्टियों के नेता होंगे। इसी तरह महाराष्ट्र में कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना (उद्धव गुट) के नेता शामिल होंगे। स्टेट कमेटी का मुख्य काम कोऑर्डिनेटर कमेटी से समन्वय स्थापित करना होगा।

बता दें कि INDIA गठबंधन में अभी करीब दो दर्जन पार्टियां हैं, आने वाली कुछ मीटिंग में नई पार्टियां भी इसमें शामिल हो सकती हैं। अभी तक लोकसभा चुनाव 2024 के लिए सीट शेयरिंग का फॉर्मूला तय नहीं हुआ है, हालांकि जल्द ही संयुक्त रैलियों की शुरुआत की जा सकती है ताकि देशभर में विपक्षी एकता का मैसेज दिया जा सके।

'अरविंद केजरीवाल बनें विपक्ष के पीएम पद के उम्मीदवार', विपक्ष की मुंबई बैठक से पहले आप की मांग

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इंडिया गठबंधन की दो दिवसीय बैठक 31 अगस्त से मुंबई में शुरू होगी। इंडिया गठबंधन की यह तीसरी बैठक है। इंडिया गठबंधन की मुंबई में होने वाली बैठक से पहले आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पीएम कैंडीडेट बनाने की मांग उठी है। आप की राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा, अगर आप मुझसे पूछें, तो मैं चाहूंगी कि अरविंद केजरीवाल प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार बनें।

आम आदमी पार्टी की मुख्य राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि इतनी कमरतोड़ महंगाई में भी राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में महंगाई सबसे कम है। उन्होंने कहा कि मुफ्त पानी, मुफ्त शिक्षा, मुफ्त बिजली, महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा, बुज़ुर्गों के लिए मुफ्त तीर्थ यात्रा, फिर भी सरप्लस बजट पेश किया गया है। वह लोगों के मुद्दे उठाते हैं और एक चुनौतीकर्ता के रूप में उभरते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पटना और बेंगलुरु में इंडिया गठबंधन की बैठकों के बाद एलपीजी की कीमतों में 200 रुपये की कटौती की गई। मुझे यकीन है कि मुंबई बैठक के बाद पेट्रोल और डीजल की दरें कम हो जाएंगी।

कक्कड़ ने कहा, अरविंद केजरीवाल लगातार लोगों के मुद्दे उठाते हैं और प्रधानमंत्री मोदी के आगे चैलेंजर के रूप में उभरे हैं। चाहे वो उनकी डिग्री का मामला हो या कुछ और, अरविंद केजरीवाल मुखर होकर बात रखते हैं।आप प्रवक्ता ने कहा, प्रधानमंत्री मोदी के पास आर्थिक विजन नहीं है। यहां मैन्युफैक्चरिंग माइनस में चली गई है। अरविंद केजरीवाल के विजन के तहत इंडिया मैन्युफैक्चरिंग हब होगा। लाइसेंस राज खत्म होगा। व्यापारियों के लिए बिजनेस करने के अच्छे मौके होंगे। शिक्षा इतनी अच्छी होगी कि बच्चे आविष्कार करने के बारे में सोचेंगे। विदेशों से लोग डॉलर खर्च करके भारत में पढ़ने आएंगे। हम एक ऐसा इंडिया चाहते हैं।

न NDA-न INDIA, लोकसभा और विधानसभा चुनाव अकेले लड़ेगी बसपा, मायावती का बड़ा एलान

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बीते कुछ वक़्त से ये सवाल पूछा जा रहा है कि मायावती आने वाले आम चुनावों में किस गठबंधन के साथ जाएंगी? अब बसपा प्रमुख मायावती ने 2024 चुनाव को लेकर पार्टी की रणनीति का खुलास कर दिया है। मायावती ने साफ कर दिया है कि बसपा आगामी लोकसभा और चार राज्यों में होने वाला विधानसभा चुनाव अकेले लड़ेगी।यानी मायावती की पार्टी विपक्षी गठबंधन I-N-D-I-A से और न ही सत्तारूढ़ एनडीए से गठबंधन करेगी। 

बसपा के विपक्षी गठबंधन इंडिया में शामिल होने की चर्चाओं को पूरी तरह खारिज करते हुए पार्टी सुप्रीमो मायावती ने साफ कह दिया है कि वह आगामी चार राज्यों मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना के विधानसभा चुनाव व लोकसभा चुनाव 2024 के लिए किसी भी गठबंधन में भी शामिल नहीं होंगी। मायावती ने ट्वीट कर कहा कि एनडीए व इण्डिया गठबंधन अधिकतर गरीब-विरोधी जातिवादी, साम्प्रदायिक, धन्नासेठ-समर्थक व पूंजीवादी नीतियों वाली पार्टियां हैं जिनकी नीतियों के विरुद्ध बीएसपी अनवरत संघर्षरत है और इसीलिए इनसे गठबंधन करके चुनाव लड़ने का सवाल ही पैदा नहीं होता। अतः मीडिया से अपील-नो फेक न्यूज प्लीज।

इससे पहले भी बीएसपी सुप्रीमो ने अकेले चुनाव लड़ने की बात कही थी। मगर आज उन्होंने पूरी तरह से साफ कर दिया है वह एकला चलो की राह पर हैं। वह किसी के साथ गठबंधन नहीं करेंगे। पिछले प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने बीजेपी और कांग्रेस दोनों पार्टियों पर जमकर निशाना साधा था। इसके अलावा विपक्षी गठबंधन पर भी उन्होंने हमला किया था। मायावती ने कहा था कि विपक्षी गठबंधन सत्ता में आने का सपना देख रहा। कांग्रेस पर हमला बोलते हुए मायावती ने कहा कि कांग्रेस सत्ता में आने के लिए गठबंधन कर रही है।

नए चीनी नक्शे पर मचे बवाल के बीच विदेश मंत्री जयशंकर बोले- कोई नई बात नहीं, वही बेतुकी चाल, थरूर ने भी मिलाई ताल

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दो साल पहले जब गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ संघर्ष हुआ था उसके बाद भारत चीन के संबंध अभी तक सामान्य नहीं हो पाए हैं। चीन भले ही शांति और बातचीत के जरिये मामले का समाधान निकालने की बात करे लेकिन उसकी मंशा साफ नहीं है। इस बीच चीन ने अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन पर दावा किया है। चीन ने सोमवार को अपना ऑफिशियल मैप जारी किया, जिसमें भारत के अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चीन को अपने क्षेत्र में दिखाया। चीन के इस दावे के बाद देश की सियासत में एक बार फिर उबाल आ गया है। विपक्ष खासकर कांग्रेस सरकार पर निसाने साध रही है। इस बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन के दावे को कारिज किया है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन पर दावा जताने वाले चीन के तथाकथित ‘मानक मानचित्र’ को खारिज करते हुए कहा कि सिर्फ बेतुके दावे करने से अन्य लोगों के क्षेत्र आपके नहीं हो जाते।

यह चीन की पुरानी आदत-जयशंकर

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि बीजिंग ने पहले भी उन क्षेत्रों पर दावा करते हुए ऐसे नक्शे जारी किए थे, जो उसके नहीं हैं और यह चीन की पुरानी आदत है। विदेश मंत्री ने एक न्यूज चैनल द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में मानचित्र पर एक सवाल के जवाब में यह टिप्पणी की। जयशंकर ने कहा, इसकी शुरुआत 1950 के दशक में हुई थी, इसलिए भारत के कुछ क्षेत्रों पर अपना दावा करने वाला मानचित्र पेश करने से मुझे लगता है कि इससे कुछ नहीं बदलता। ये भारत का हिस्सा हैं।

अपने क्षेत्र की रक्षा के लिए क्या करने की जरूरत ये साफ है-जयशंकर

जयशंकर ने कहा, हम बहुत स्पष्ट हैं कि हमारे क्षेत्र कहां तक हैं। यह सरकार इस बारे में बहुत स्पष्ट है कि हमें अपने क्षेत्र की रक्षा के लिए क्या करने की जरूरत है। आप इसे हमारी सीमाओं पर देख सकते हैं। मुझे लगता है कि इसमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए।

थरूर ने जयशंकर को दी ये सलाह

कांग्रेस नेता शशि थरूर ने विदेश मंत्री एस.जयशंकर के सुर में सुर मिलाए हैं। उन्होंने कहा, मैं विदेश मंत्री की इस बात का समर्थन करता हूं कि दूसरे की सीमा को अपना बताना चीन की पुरानी आदत रही है। उसकी ये भी आदत है कि वह हमारे विरोध प्रदर्शन को नजरअंदाज करता है तो क्या हमें इस बात को यहीं छोड़ देना चाहिए?'

थरूर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि 'क्या हम अपनी नाराजगी दिखाने के लिए कुछ नहीं कर सकते? क्यों ना हमें भी चीनी पासपोर्ट धारक तिब्बत के लोगों के लिए भी स्टेपल वीजा जारी करने शुरू कर देने चाहिए? साथ ही हमें वन चाइना पॉलिसी को समर्थन देना भी बंद कर देना चाहिए।' 

भारत सरकार ने जताया कड़ा विरोध

इससे पहले भारत ने मंगलवार को मानचित्र मुद्दे पर चीन के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराया और कहा कि चीनी पक्ष के ऐसे कदम सीमा से जुड़े विषय को केवल जटिल ही बनायेंगे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने चीन के तथाकथित ‘मानक मानचित्र’ के 2023 के संस्करण के बारे में पूछे गये सवालों पर अपने बयान में कहा, हमने चीन के तथाकथित ‘मानक मानचित्र’ के 2023 के संस्करण पर राजनयिक माध्यमों के जरिये आज कड़ा विरोध दर्ज कराया है, जो भारतीय क्षेत्र पर दावा करता है। बागची ने कहा, हम इन दावों को खारिज करते हैं जिसका कोई आधार नहीं है। चीनी पक्ष के ऐसे कदम सीमा से जुड़े विषय को केवल जटिल ही बनायेंगे।