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उत्तराखंड : भारी बारिश जारी, गंगा खतरे के निशान के पार, कई जगह पुल व घर बहे, केदारनाथ में एक की मौत, पूरे प्रदेश में रेड अलर्ट

उत्तराखंड में आज भी बारिश का सिलसिला जारी है। पहाड़ी इलाकों में हो रही बारिश के चलते गंगा हरिद्वार ऋषिकेश में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। वहीं, श्रीनगर गढ़वाल में भी गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। यहां अल्केश्वर घाट में पर मंदिर परिसर तक पानी पहुंच गया है।

केदारनाथ में एक की मौत, मध्यमहेश्वर में यात्रियों के फंसने की सूचना

भारी बारिश के बाद केदारनाथ के लिनचोली में एक नेपाली मूल के व्यक्ति की मौत हो गई। उधर, लगातार हो रही भारी बारिश से गौण्डार-मद्ममहेश्वर पैदल मार्ग पर बनतोली में पुल बह गया है। जिससे मध्यमहेश्वर में 200 से अधिक यात्रियों के फंसने की सूचना है।

चमोली में कई मकान मलबे में दबे

चमोली जनपद में रविवार रात से शुरू हुई भारी बारिश आज भी जारी है। जनपद के थराली, नंदानगर और पीपलकोटी क्षेत्र में नदियों के साथ ही गाड गदेरे उफान पर बह रहे हैं। सबसे अधिक नुकसान थराली में हुआ है। यहां थराली गांव और केरा गांव में कई मकान व गौशालाएं मलबे में दब गई हैं।

दो बाइक सवार बहे

नैनीताल में रविवार देर रात बैलगढ़ बरसाती नाले मे बाइक पर सवार दो लोग बाइक समेत बह गए। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस, फायर कर्मी और स्थानीय लोगों की मदद से दोनों को सकुशल रेस्क्यू कर लिया गया।

कई जगह हाईवे बंद

बारिश के कारण गंगोत्री-यमुनोत्री और बदरीनाथ हाइवे भी बंद है। यमुनोत्री धाम सहित यमुना घाटी में मूसलाधार बारिश से यमुना नदी सहित सहायक नदी-नाले उफान पर हैं। यमुनोत्री हाईवे जगह-जगह मलबा व बोल्डर आने से बंद है। लगातार बारिश के चलते हाईवे खोलने के प्रयास शुरू नहीं हो पा रहा है। उधर, बारिश के कारण ऋषिकेश गंगोत्री हाईवे भद्रकाली, प्लास्डा, चाचा-भतीजा व बगड़धार के पास अवरुद्ध है। यमुनोत्री राष्ट्रीय राजामार्ग धरासू बैंड में भी बंद की सूचना है।

बदरीनाथ हाईवे कई जगहों पर मलबा और बोल्डर आने से बंद है। गडोरा और जोशीमठ के समीप मारवाड़ी में हाईवे अवरुद्ध है। बदरीनाथ धाम और हेमकुंड साहिब की तीर्थयात्रा पर जा रहे तीर्थयात्री भी जगह-जगह फंसे हैं। छिनका और नंदप्रयाग में भी हाईवे मलबा आने से बंद हो गया है।

कोटद्वार में 15 मकान बहे

नायब तहसीलदार मनोहर सिंह नेगी ने बताया कि कोटद्वार में खोह नदी के उफान पर आने से गाड़ीघाट, झूला पुल बस्ती और काशीरामपुर तल्ला में करीब 15 मकान बह गए। वहीं, कोटद्वार में स्टेट हाइवे 9 में दुगड्डा ब्लॉक मुख्यालय के पास भूस्खलन से सड़क बंद हो गई है। कई जगह वाहनों का संचालन भी ठप है।

देहरादून में कॉलेज का भवन ध्वस्त

देहरादून के मालदेवता में कॉलेज का भवन भारी बारिश के कारण पूरी तरह से ध्वस्त हो गया।

मसूरी में लिंक मार्ग बंद

मसूरी शहर में हो रही बारिश ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। शहर के बालाहिसार में सड़क पर भारी भरकम पेड़ गिर गया, जिसके चलते लिंक मार्ग बंद है।

सेलाकुई में कई मकान ध्वस्त

विकासनगर के पछवादून में नदी नाले उफान पर हैं। जिसके चलते सेलाकुई में चार झोपड़ियां बह गई। वहीं, एक फैक्ट्री का कुछ हिस्सा भी बह गया। जस्सोवाला गांव में एक मकान ध्वस्त हो गया। यहां आसन नदी से सटे इलाकों में किसानों की जमीन को नुकसान हुआ है।

जाखन नदी पर बने पुल का एक हिस्सा ध्वस्त

थानों भोगपुर मार्ग पर जाखन नदी पर बने पुल का एक हिस्सा बह गया है। पुलिस ने मार्ग पर आवाजाही बंद करा दी है। वहीं, थानों में सिन्धवाल गांव के विदालना पुल का भी एक हिस्सा बहने की सूचना है। यहां कई जगह सड़कें भी बह गई हैं। भोगपुर में महादेव खाले का पानी के घरों में घुस गया है।

उफनती चंद्रभागा नदी में बहा ट्रक

ऋषिकेश में चंद्रभागा नदी ऊफान पर आ गई। ढलवाला में नदी किनारे खड़े किया एक ट्रक नदी में बहा है। वहीं, गौहरी माफी में भी गंगा का जलस्तर बढ़ने से आबादी वाले क्षेत्रों में पानी घुस गया। यहां एसडीआरएफ के जवानों ने राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया है।

“प्रियंका गांधी अगर वाराणसी से चुनाव लड़े तो हार सकते हैं पीएम मोदी” संजय राउत का बड़ा दावा

#pm_modi_may_lose_varanasi_priyanka_gandhi_contests_says_sanjay_raut

2024 के लोकसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक हो रहा है, सियासी पारा चढ़ता जा रहा है। अभी से चुनावी मैदान तैयार किए जा रहे हैं। खास कर सभी विपक्षी दल सत्तारूढ़ भारतीय नता पार्टी को जड़ से उखाड़ने की रणनीति बनाने में जुटे हैं। इसी बीच उद्धव ठाकरे गुट की शिवसेना के सांसद संजय राउत ने बड़ा दावा किया है। संजय राउत का कहना है कि अगर आगामी लोकसभा चुनाव में प्रियंका गांधी वाराणसी से चुनाव लड़ती हैं तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी हरा सकती हैं।बता दें कि पीएम मोदी वाराणसी से सांसद हैं।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो बार से वह इस सीट से सांसद हैं।

संजय राउत ने कहा है कि भारत में राजनीतिक हालात तेज़ी से बदल रहे हैं और कांग्रेस को लोगों का समर्थन मिल रहा है। ऐसे में अगर कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाराणसी लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ती हैं, तो इसका राजनीतिक लाभ उन्हें मिल सकता है। पीएम मोदी के लिए चुनाव जीतना मुश्किल हो जाएगा और प्रियंका उन पर भारी पड़ सकती हैं।

पति रॉबर्ट वाड्रा भी जता चुके हैं अपनी इच्छा

हाल ही में न्यूज एजेंसी से बातचीत में प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा ने भी चुनाव लड़ने की उनकी संभावनाओं का जिक्र किया था। वाड्रा ने कहा था कि प्रियंका को लोकसभा में होना चाहिए। वो काबिल हैं और बहुत अच्छी सांसद साबित हो सकती हैं। इसी दौरान वाड्रा ने ये भी कहा कि कांग्रेस पार्टी भी ऐसा मानती है और वो उनके लिए कुछ अच्छा जरूर सोच रही होगी। वाड्रा के इस बयान के बाद कई नेताओं ने इस सुझाव पर अपनी राय दी और प्रियंका को आगामी लोकसभा चुनाव में ही किस्मत आजमाने की सलाह दी।

प्रियंका के चुनाव लड़ने की अटकलें लंबे समय से

प्रियंका गांधी के चुनाव लड़ने की अटकलें पिछले काफी समय से लगाई जा रही हैं। अगले साल मई में लोकसभा चुनाव होने हैं। माना जा रहा है कि प्रियंका गांधी अगला लोकसभा चुनाव लड़ सकती हैं। प्रियंका गांधी की राजनीति में एंट्री उत्तर प्रदेश के साथ ही हुई थी। उन्हें पार्टी ने भले ही कोई चुनाव नहीं लड़वाया लेकिन साल 2018 में उन्हें राष्ट्रीय महासचिव बनाते हुए पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रभारी भी नियुक्त किया गया था। हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक में प्रियंका गांधी ने चुनाव प्रचार का नेतृत्व किया था, दोनों ही राज्यों में कांग्रेस को जीत मिली थी

2014 में अरविंद केजरीवाल ने भी लड़ा था चुनाव

बता दें कि लोकसभा चुनाव 2014 में वाराणसी लोकसभा सीट से बीजेपी के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी थे। वह यहां से लगातार दो बार जीतकर लोकसभा पहुंच रहे हैं। 2014 के चुनाव के दौरान मोदी के खिलाफ आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भी चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें लगभग 3 लाख वोटों से हार का सामना करना पड़ा था। मोदी को 56.4% यानी 5, 81,022 वोट मिले थे। जबकि केजरीवाल को 20.3% यानी 2,09,238 वोट मिले थे। इन चुनावों में वाराणसी से 42 उम्मीदवार मैदान में थे, लेकिन उनमें से 40 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी।

नर्स, किसान, मजदूर..! पीएम मोदी के साथ स्वतंत्रता दिवस समारोह में शामिल होंगे 1800 विशिष्ट अतिथि

 मंगलवार, 15 अगस्त 2023 को 77वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के साथ सरपंचों, नर्सों से लेकर निर्माण श्रमिकों तक लगभग 1,800 लोग शामिल होंगे। समारोह में शामिल होने के लिए उनके जीवनसाथियों को भी आमंत्रित किया गया है। यह पहल सरकार के 'जनभागीदारी' दृष्टिकोण के अनुरूप की गई है।

रिपोर्ट के अनुसार, विशिष्ट अतिथियों में देश भर के 660 से अधिक गांवों से आए 400 से अधिक सरपंच, किसान उत्पादक संगठनों के 200 अतिथि और प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना और प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के 50-50 प्रतिभागी शामिल हैं। इन मेहमानों के अलावा 50 निर्माण श्रमिक भी होंगे, जिन्होंने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर काम किया और नए संसद भवन के निर्माण में मदद की। अतिथि सूची में 50 खादी कार्यकर्ता, सीमा सड़कों के निर्माण में शामिल कार्यकर्ता, अमृत सरोवर का निर्माण और हर घर जल योजना में काम करने वाले लोग भी शामिल हैं। 

सरकार ने इस बड़े आयोजन के लिए 50 प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों, नर्सों और मछुआरों को भी आमंत्रित किया है। इनमें से कुछ मेहमानों को दिल्ली प्रवास के दौरान राष्ट्रीय युद्ध स्मारक का दौरा करने और रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट से मुलाकात करने का भी अवसर मिलेगा। इसके अलावा इस कार्यक्रम को मनाने के लिए विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 75 जोड़े भी लाल किले पर समारोह में शामिल होंगे, जो अपनी पारंपरिक पोशाक पहने होंगे। इस साल देश 77वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है, ऐसे में पीएम मोदी लाल किले की प्राचीर से तिरंगा फहराएंगे। इस वर्ष के समारोह का समापन 'आज़ादी का अमृत महोत्सव' समारोह के साथ होगा, जिसे प्रधानमंत्री द्वारा 12 मार्च 2021 को अहमदाबाद के साबरमती आश्रम से शुरू किया गया था। स्वतंत्रता दिवस से पहले पूरी दिल्ली में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।

इसरो की सफलता में जुड़ा एक और अध्याय, चांद के और भी करीब पहुंचा चंद्रयान-3, अब अंतिम चरण की प्रक्रिया शुरू

भारत का चंद्रयान-3 सोमवार को चंद्रमा की सतह की ओर अपनी यात्रा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाने के लिए तैयार है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने घोषणा की है कि अंतरिक्ष यान 14 अगस्त को सुबह 11:30 बजे से दोपहर 12:30 बजे के बीच चंद्रमा के चारों तरफ अपनी कक्षा कम करेगा। यह पैंतरेबाज़ी अंतरिक्ष यान को चंद्रमा की सतह के और भी करीब ले आएगी, जो कि 1,437 किमी से भी कम है, जहां यह वर्तमान में है।

14 जुलाई, 2023 को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया चंद्रयान-3 चंद्रमा पर सफल सॉफ्ट लैंडिंग करने के अपने लक्ष्य की ओर लगातार आगे बढ़ रहा है। अंतरिक्ष यान वर्तमान में चंद्रमा से लगभग 1,437 किलोमीटर दूर है, और यह आगामी ऑपरेशन इसे काफी करीब लाएगा। सॉफ्ट लैंडिंग तक पहुंचने वाली प्रक्रियाएं जटिल और सावधानीपूर्वक योजनाबद्ध हैं। इनमें तीन चरण शामिल हैं - पृथ्वी कक्षा युद्धाभ्यास, ट्रांस-चंद्र इंजेक्शन, और चंद्र कक्षा युद्धाभ्यास। एक बार जब ये चरण पूरे हो जाते हैं, तो लैंडर प्रोपल्शन मॉड्यूल से अलग हो जाता है और चंद्रमा के करीब एक कक्षा में प्रवेश करता है, जिससे सॉफ्ट लैंडिंग की प्रक्रिया शुरू होती है।

चंद्रयान-3 का मिशन न केवल अंतरिक्ष अन्वेषण में भारत की बढ़ती तकनीकी क्षमताओं का प्रदर्शन है, बल्कि इसका उद्देश्य महत्वपूर्ण वैज्ञानिक खोजें करना भी है। अंतरिक्ष यान चंद्रमा के अल्प-अन्वेषित दक्षिण-ध्रुवीय क्षेत्र के पास उतरने के लिए तैयार है, ऐसा माना जाता है कि यह क्षेत्र नई खोजों की क्षमता रखता है। इस बार सफल लैंडिंग सुनिश्चित करने के लिए पिछले मिशन चंद्रयान-2 के डेटा का गहन विश्लेषण किया गया है। लैंडिंग साइट आने वाले दिनों में निर्धारित की जाएगी, जिसके बाद कक्षा में रहते हुए प्रोपल्शन मॉड्यूल लैंडर से अलग हो जाएगा।

इसके बाद लैंडर कक्षा से नीचे उतरेगा और सॉफ्ट लैंडिंग का प्रयास करेगा। सफल होने पर, भारत अमेरिका, पूर्व सोवियत संघ और चीन की कतार में शामिल हो जाएगा और चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग हासिल करने वाला चौथा देश बन जाएगा। चंद्रयान-3 मिशन अंतरिक्ष अन्वेषण के प्रति भारत की प्रतिबद्धता और चंद्रमा के बारे में मानवता की समझ में योगदान करने की उसकी आकांक्षा का एक प्रमाण है। प्रत्येक मील का पत्थर हासिल करने के साथ, भारत एक अभूतपूर्व चंद्र लैंडिंग उपलब्धि के करीब पहुंच गया है।

*चीन के शीआन में बारी बारिश के बाद भूस्खलन, अब तक 21 लोगों की मौत, 6 लापता*

#21_killed_6_missing_after_mudslide_in_china_s_xi_an

चीन के शिआन प्रांत में भारी बारिश की वजह से लैंडस्लाइड हुआ है। इस घटना में 21 लोगों की मौत हो गई और 6 लोग लापता हो गए। बताया जा रहा है कि शुक्रवार शाम करीब 6 बजे भारी बारिश, पहाड़ी बाढ़ और भूस्खलन ने शीआन जिले के चांग के एक गांव को अपनी चपेट में ले लिया। रिपोर्ट के मुताबिक, आपदा के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग 210 पर दो घर और 21 हिस्से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जिस इलाके में बाढ़ आई है वहां से लोगों को निकालने का काम किया जा रहा है और प्रभावित लोगों को विस्थापित करने का काम जारी है।

शीआन ब्यूरो ऑफ इमरजेंसी मैनेजमेंट के हवाले से बताया कि इसके अलावा, आपदा ने तीन बिजली आपूर्ति बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचाया है और 900 घरों को बिजली से वंचित कर दिया है। शीआन शहर ने तुरंत एक ऑनसाइट कमांड सेंटर स्थापित किया और खोज, बचाव और आपदा राहत कार्यों को अंजाम देने के लिए 980 से अधिक कर्मियों के साथ अग्निशमन और पुलिस विभाग सहित 14 बचाव दल तैनात किए।आपदा राहत अभियान चलाने के लिए लाइफ डिटेक्टर, सैटेलाइट फोन, खोजी कुत्तों सहित उपकरणों की 1,100 इकाइयों को तैनात किया गया है।

रविवार शाम तक, 186 निवासियों को स्थानांतरित किया जा चुका है। राष्ट्रीय राजमार्ग 210 के तीन गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त खंडों को बहाल कर दिया गया है। मामूली क्षतिग्रस्त 21 सड़क खंडों पर काम किया जा रहा है और 49 प्रभावित क्षेत्रों में संचार सेवाएं बहाल कर दी गई हैं। इस बीच 855 घरों में बिजली आपूर्ति बहाल कर दी गई है।

बता दें कि, चीन में हो रही बाढ़ और लैंडस्लाइड की घटनाएं खानून तूफान की वजह से हो रही हैं। खानून तूफान इससे पहले दक्षिण कोरिया और जापान में नुकसान पहुंचाया था। अभी ये तूफान चीन में भी कमजोर पड़ गया है। चीन में खानून तूफान से तुरंत पहले डोकसुरी तूफान ने कबाही मचाई थी। अभी लोग उस तूफान से उबरे भी नहीं थे कि उन्हें एक और तूफान को झेलना पड़ गया। चीन में पिछले 70 साल की बारिश का रिकॉर्ड टूट गया। राजधानी बीजिंग में सबसे ज्यादा 257.9 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। इससे पहले इतनी तेज बारिश 1951 में हुई थी। अब आप इस बार तबाही के मंजर का इसी बात से अंदाजा लगा लीजिए कि भारी बारिश की वजह से रेस्क्यू वर्कर्स ने अब तक 1 लाख ज्यादा लोगों को बचाकर सुरक्षित जगह पर भेजा है।

हिमाचल में आफत की बरसात! सोलन में बादल फटने से बहे दो घर, 7 लोगों की मौत, कई लापता

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हिमाचल प्रदेश में एक बार फिर बारिश ने तबाही मचाई है। हिमाचल के कई हिस्सों में बीते दो दिनों से लगातार बरसात हो रही है जिसकी वजह से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। इस बीच हिमाचल प्रदेश के सोलन की ममलीक के धायावला गाँव में बादल फट गया है। इस घटना में दो घर और एक गौशाला बह गए हैं। जिसमें एक ही परिवार के 7 लोगों की जान चली गई है और तीन लोग अभी भी लापता हैं। जहां बादल फटा है, वह इलाका हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री और सोलन विधानसभा क्षेत्र के विधायक धनीराम शांडिल के गृह क्षेत्र ममलीघ का गांव जड़ों है। रेस्क्यू टीमें मौके पर मौजूद है और यहां पर फंसे लोगों को निकालने का प्रयास किया जा रहा है। तीन लोग अभी भी लापता हैं। जबकि रेस्क्यू अभियान में 5 लोगों को जिंदा बचा लिया गया है। 

जानकारी के मुताबिक ये हादसा सोलन जिले के कंडाघाट उपमंडल के ममलीग उप-तहसील के जदों गांव में हुआ है। बताया जा रहा है कि देर रात करीब 1.30 बजे बादल फट गए। जिसमें दो घर और एक गौशाला बह गई। पुलिस नियंत्रण कक्ष सोलन को मिली सूचना के अनुसार, गांव जादोन डाकघर में बादल फटने की घटना हुई। इससे दो मकान और एक गोशाला बह गई। जडौण गांव में रती राम और इसके बेटे हरनाम के दो मकान भूस्खलन के कारण क्षतिग्रस्त हो गए। इसमें सात लोगों की मौत हो चुकी है। चार पुरुष और तीन महिलाएं शामिल हैं।

मरने वाले सभी लोग एक ही परिवार के सदस्य

बताया जा रहा है कि बादल फटने की घटना जिस स्थान पर हुई है वहां दोनों तरफ की सड़क टूट गई है. जिसके चलते रेस्क्यू टीम को घटना स्थल पर पहुंचने में मुश्किलें आईं और रेस्क्यू दल को पैदल ही घटनास्थल तक पहुंचना पड़ा। उसके बाद दल के सदस्यों से मलबे से चार शवों को बाहर निकाला। मलबे से एक छोटी बच्ची का शव भी बरामद किया गया है। बताया जा रहा है कि इस घटना में मरने वाले सभी लोग एक ही परिवार के सदस्य हैं।

अगले 3 दिनों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी

हिमाचल प्रदेश में जुलाई के महीने से ही भारी बारिश का दौर जारी है। हालांकि कुछ दिन पहले बारिश का दौर हल्का हो गया था लेकिन ये एक बार फिर से तेज हो गया है।भारी बारिश के चलते भूस्खलन से दर्जनों सड़कें ब्लॉक हो गई हैं। मौसम विभाग ने अगले 3 दिनों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी कर दिया है।आईएमडी के मुताबिक, अगले 72 घंटे जबरदस्त बारिश होने की संभावना है। शिमला, कांगड़ा, चम्बा, हमीरपुर, बिलासपुर, मंडी, कुल्लू और सोलन जिलों में जबरदस्त बारिश और बादल फटने की चेतावनी जारी की गई है।

आज स्कूल-कॉलेज बंद, परीक्षाएं कैंसिल

भारी बारिश को देखते हुए हिमाचल में आज सभी स्कूल और कॉलेज बंद हैं। साथ ही यूनिवर्सिटी की सभी परीक्षाएं कैंसिल कर दी गई है। लगातार हो रही बारिश के मद्देनजर पुलिस ने एक एडवाइजरी भी जारी की है। प्रशासन ने लोगों को घरों से बाहर न निकलने की चेतावनी दी है। इसके अलावा, रात में यात्रा करने से मना किया गया है। नदी-नालों से दूर रहने की सलाह दी गई है और सावधानी के साथ गाड़ी चलाने को कहा गया है। बाढ़ वाले इलाके में जाने से सख्त मनाही है।

भारत-चीन के बीच आज 19वें राउंड की कोर कमांडर स्तर की वार्ता, गलवां में 3 साल पहले हुई झड़प के बाद से जारी है तनाव

#india_china_to_hold_19th_round_of_corps_commander_talks

पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर पिछले 3 साल से जारी तनाव के बीच आज सोमवरा को भारत और चीन के बीच अगले दौर की सैन्य बातचीत होने जा रही है। 19वें दौर की कमांडर स्तर की बातचीत के दौरान दोनों देशों के सैन्य अधिकारी लद्दाख से लगी पूर्वी सीमा पर चले आ रहे गतिरोध को खत्म करने की दिशा में चर्चा करेंगे।यह वार्ता पूर्वी लद्दाख में चुशूल सीमा बैठक बिंदु पर आयोजित होगी।बता दें कि जून 2020 में हुई गलवान झड़प के बाद दोनों देशों के बीच यह 19वीं बैठक है, लेकिन अभी तक कोई भी बैठक और बातचीत अपने मुकाम पर नहीं पहुंच सकी है।

चार महीने बाद हो रही बैठक

कोर कमांडर स्तर की 19वें दौर की बातचीत क्षेत्र में तनाव घटाने के लिए हुई सैन्य स्तर की पिछली वार्ता के करीब चार महीने बाद हो रही है।भारत और चीन के बीच पहले हुई बैठकों में कई मुद्दों पर सहमति बनी हैं। हालांकि कुछ मुद्दे अभी भी तनाव की वजह बने हुए हैं। आज होने वाली बैठक में शेष टकराव वाले स्थानों को लेकर दोनों देशों के बीच चर्चा होने की उम्मीद है। हाल ही में सूत्रों ने बताया था कि 14 अगस्त को होने वाली वार्ता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल टकराव वाले शेष स्थानों से सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा करने की मांग करेगा। 

कई इलाकों से पीछे हट चुके हैं सैनिक

पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले कुछ खास स्थानों पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच तीन साल से अधिक समय से गतिरोध कायम है, जबकि दोनों पक्षों ने व्यापक राजनयिक और सैन्य बातचीतों के बाद कई इलाकों से सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया पूरी कर ली है। सैन्य वार्ता के 18वें चरण में भारतीय पक्ष ने देपसांग और डेमचोक में लंबित मुद्दों के समाधान के लिए दबाव बनाया था। यह बातचीत 23 अप्रैल को हुई थी।

वार्ता में लेह मुख्यालय वाली 14वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल रशीम बाली के भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने की संभावना है। वहीं,चीनी टीम का नेतृत्व दक्षिण शिंजियांग सैन्य जिले के कमांडर द्वारा किए जाने की उम्मीद है।

2020 से दोनों देशों के बीच बरकरार है तनाव

बता दें कि कोरोना काल के दौरान जून 2020 से दोनों देशों के संबंध अच्छे नहीं हैं और तब से दोनों के बीच लगातार तनाव बना हुआ है। दरअसल, तब भारतीय सैनिकों और चीनी सैनिकों के बीच गलवान घाटी में हिंसक झड़प हो गई थी। इसके बाद दोनों देशों के बीच पैदा हुआ तनाव अब तक खत्म नहीं हुआ। इसके बाद से ही दोनों देशों की सेनाएं सीमा पर मौजूद हैं। इसके साथ ही ड्रैगन लगातार अपनी तरफ सैन्य ढांचे का विकास भी कर रहा है, भारत की ओर से भी इसमें तेजी आई है। पेंटागन की एक रिपोर्ट के अनुसार, पैंगोंग झील के पास चीन ने डिविजन स्तर के मुख्यालय का निर्माण किया है। यह मुख्यालय गोगरा हॉट स्प्रिंग्स के दक्षिण में स्थित है। गलवान घाटी में अपने इलाके में भी चीन ने बैरकों का निर्माण कर लिया है। 

इन सीमाओं पर है तनाव

गौरतलब है कि भारत और चीन के बीच 3488 किलोमीटर लंबी सीमा है। यह सीमा तीन सेक्टरों में बंटी हुई हैं। जिनमें पूर्वी सेक्टर, पश्चिमी सेक्टर और मध्य सेक्टर शामिल हैं। भारत के पांच राज्य जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश, चीन के साथ सीमा साझा करते हैं। पश्चिमी सेक्टर में जम्मू कश्मीर, शिनजियांग और अक्साई चिन की सीमा वाला इलाका विवादित है।

राजभवन के सामने महिला ने दिया बच्चे को जन्म​​​​​, समय पर नहीं पहुंची एंबुलेंस, नवजात की मौत

डेस्क: लखनऊ में आज राजभवन के सामने एक महिला ने रोड पर ही एक बच्चे को जन्म दे दिया। सड़क पर पैदा हुए नवजात को बचाया नहीं जा सका। दरअसल, रूपा नाम की महिला को आज दर्द हुआ, तो वो सिविल अस्पताल पहुंची। अस्पताल ने इंजेक्शन लगाकर महिला को वापस भेज दिया। घर पहुंचकर महिला को पेट में फिर दर्द हुआ, तो वो रिक्शे से अपने पति के साथ झलकारी बाई अस्पताल जाने लगी, लेकिन अस्पताल के रास्ते में ही राजभवन के सामने महिला को तेज प्रसव पीड़ा होने लगी। 

वहां गुजर रही कुछ महिलाओं ने साड़ी का पर्दा किया और प्रसव कराया। आरोप है कि एंबुलेंस को बार-बार फोन करने पर भी एंबुलेंस नहीं पहुंची और महिला को सड़क पर प्रसव कराना पड़ा। इसमें नवजात की जान चली गई। घटना का वीडियो सामने आने के बाद जिला प्रशासन ने इस मामले का संज्ञान लिया और महिला को अस्पताल में भर्ती करवाया। 

 

पूरे मामले की जांच के आदेश दिए गए 

राजभवन के सामने सड़क पर जहां महिला का प्रसव कराया गया, उसके पास ही राजभवन कॉलोनी में उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक का सरकारी आवास है। घटना की जानकारी होने पर ब्रजेश पाठक अपनी पत्नी के साथ अस्पताल पहुंचे। ब्रजेश पाठक ने पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अब जांच करेंगे कि एंबुलेंस मौके पर क्यों नहीं पहुंची और सिविल अस्पताल में महिला को ठीक इलाज मिला या नहीं। ब्रजेश पाठक शिशु के पिता को बैकुंठ धाम ले गए और वहां नवजात का अंतिम संस्कार कराया।

स्वास्थ्य सेवाओं पर विपक्ष ने उठाए सवाल

इस पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। प्रदेश की राजधानी में स्वास्थ्य सेवाओं का इस कदर बिगड़े हाल को लेकर अब विपक्ष की ओर से सवाल उठाए जा रहे हैं। विपक्ष का दावा है कि राजभवन के सामने पैदा हुए बच्चे को समय पर इलाज नहीं मिलने से उसकी मौत हो गई। यूपी की मुख्य विपक्षी पार्टी सपा ने इस घटना का वीडियो शेयर करते हुए बीजेपी सरकार पर हमला किया और इसे स्वास्थ्य व्यवस्था की नाकामी बताया गया। 

समाजवादी पार्टी ने ट्वीट किया, "अस्पताल जाने के लिए एंबुलेंस नहीं मिलने पर लखनऊ में राजभवन के गेट पर ही गर्भवती महिला ने बच्चे को जन्म दिया, जिसकी मृत्यु हो गई। बीजेपी सरकार और स्वास्थ्य विभाग की नाकामी राज्यपाल के घर के बाहर उजागर हो गई। बच्चें की मौत की दोषी ये नाकारा सरकार है, पीड़िता को न्याय मिलना चाहिए।"

न्याय संहिता बिल पर भड़के कपिल सिब्बल, बोले- न्यायधीश हो जाएं चौकन्ने, सरकार ला रही है डरावना कानून

डेस्क: राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने भारतीय न्याय संहित बिल को लेकर प्रेस को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि मैं आज न्यायधीशों से आग्रह करता हूं कि वे चौकन्ने रहें क्योंकि इसके जरिए सभी संस्थानों पर सरकार का कंट्रोल रहेगा। कपिल सिब्बल ने कहा, 'मैं आग्रह करता हूं कि तुरंत इस कानून को वापस लिया जाए। यह बिल बहुत खतरनाक है। विपक्षी दलों को मिलकर यह बात आगे रखनी चाहिए क्योंकि यह कानून संवैधानिक ढांचे के लिए खतरा है। यह न्यायपालिका की स्वतंत्रता को नजरअंदाज करने वाला है। यह पूरी तरह से असंवैधानिक है।'

न्याय संहित बिल असंवैधानिक

कपिल सिब्बल ने कहा कि कौन ऐसा अधिकारी होगा जो सरकार के इशारो पे नहीं चलेगा? सबको लगेगा की किसी भी अधिकारी पे कभी भी कोई भी आरोप लग सकता है। ऐसे में अगर आरोप लगा तो 3 साल तक की सजा का प्रावधान है। उन्होंने कहा, 'मैं जानना चाहता हूं कि किस मंशा के साथ यह कानून लाया गया है। गृह मंत्री जी आपने क्या कानून पढ़ा था? अगर कोई पुलिसकर्मी इनके खिलाफ गया तो इस कानून की वजह से पुलिस कर्मी भी जेल जाएंगे। ऐसा कानून तो महाराजा लोग भी नहीं लाए थे। अंग्रेजो ने भी कभी ऐसा नहीं किया था।'

सरकार बना रही डरावने कानून

उन्होंने कहा कि यह कानून कहता है कि अगर किसी ने गिरफ्तारी देने से मना किया तो उसको भी 2 साल कि सजा हो सकती है। उन्होंने कहा, 'सरकार कॉलोनीयल एरा के कानून खत्म तो कर रही है लेकिन अब उनसे भी डरावने कानून ला रही है। आप किस लोकतंत्र की बात कर रहे हैं? यह तो Father of Dictatorship वाली बात हो गई।

शिकागो में होने जा रही विश्व धर्म संसद, 80 देश ढूंढ़ेंगे रूस-यूक्रेन युद्ध जैसी वैश्विक समस्याओं का समाधान

डेस्क: शिकागो में आगामी 14 से 18 अगस्त तक विश्व धर्म संसद का आयोजन होने जा रहा है। इस दौरान दुनिया के 80 देशों के 10 हजार धार्मिक प्रतिनिधियों के हिस्सा लेने की उम्मीद है। धर्मगुरु मिलकर रूस-यूक्रेन युद्ध जैसी वैश्विक समस्याओं का समाधान खोजेंगे। जैन समुदाय के प्रतिष्ठित धार्मिक नेता आचार्य लोकेश मुनि ने कहा है कि दुनिया के प्रमुख धर्मों एवं आस्थाओं के नेता मानवता के सामने मौजूद यूक्रेन युद्ध जैसी बड़ी चुनौतियों का समाधान करने और स्थायी शांति स्थापित करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। वह भी शिकागो में होने वाली 2023 विश्व धर्म संसद में भाग लेने शिकागो पहुंचे हैं।

इस पांच दिवसीय कार्यक्रम में 80 देशों से करीब 10,000 प्रतिनिधि शामिल होंगे। लोकेश मुनि विश्व के उन कुछ धार्मिक नेताओं में शामिल हैं, जिन्हें पूर्ण सत्र में वक्ता के तौर पर आमंत्रित किया गया है। आचार्य मुनि ने कहा, ‘‘अब समय आ गया है कि विश्व के नेता शांतिपूर्ण एवं समृद्ध समाज एवं दुनिया के लिए एक रूपरेखा तैयार करें।’’ उन्होंने कहा कि विश्व के प्रमुख धर्मों और आस्थाओं के नेता मानवता के सामने मौजूदा प्रमुख चुनौतियों को हल करने और ऐसे समय में स्थायी शांति लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं, तब यूक्रेन में युद्ध जारी है।

मानवीय समस्याओं का समाधान हिंसा, युद्ध और आतंक से नहीं हो सकता

जैन मुनि ने कहा कि मानवता जिन समस्याओं से जूझ रही है, उनमें से किसी का भी समाधान युद्ध, हिंसा एवं आतंक नहीं है तथा सभी मतभेदों एवं विवादों को वार्ता के जरिए सुलझाया जा सकता है। उन्होंने युक्रेन में जारी युद्ध के संदर्भ में कहा कि वर्षों के युद्ध के बाद भी जंग केवल वार्ता के जरिए ही समाप्त होती है, तो ‘‘इंतजार क्यों करना? वार्ता और कूटनीति को अभी शुरू किया जाए।’’ लोकेश मुनि ने कहा, ‘‘युद्ध समाप्त करने के लिए वार्ता अहम है। मेरी अगले सप्ताह विश्व धर्म संसद में इस मामले को उठाने की योजना है।’’

वह पिछले कुछ महीनों से अमेरिका के विभिन्न स्थानों की यात्रा पर हैं। उन्होंने कहा कि बंदूक हिंसा की समस्या के समाधान के लिए नैतिक और मूल्य-आधारित शिक्षा अहम है तथा इसे प्राथमिक विद्यालय के स्तर से शुरू किया जाना चाहिए। लोकेश मुनि ने कहा कि बंदूकों पर प्रतिबंध बंदूक हिंसा का दीर्घकालीन समाधान नहीं है। उन्होंने कहा कि उन्होंने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन को हालिया संवाद में यही संदेश दिया था।